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Adultery तरक्की का सफ़र
#27
(भाग-३)

मैं और प्रीती मेरे फ्लैट में दाखिल हुए और मैंने पूछा, प्रीती फ्लैट कैसा लगा?” 

छोटा है, लेकिन अपना है, यही खुशी है, मुझे उसने जवाब दिया। 
 
ठीक है! तुम आराम करो... मैं तब तक सबज़ियाँ और सामान लेकर आता हूँ, ये कहकर मैं सामान लेने बाज़ार चला गया।

 मैं वापस आया तो देखा प्रीती किचन में काम कर रही थी। ये क्या कर रही हो?” मैंने पूछा।

 कुछ नहीं खाने की तैयारी कर रही हूँ, क्यों खाना नहीं खाना है?” उसने पूछा।

 जब इतना अच्छा खाना सामने हो तो ये खाना किसको खाने का दिल करेगा, मैंने उसकी चूचियों को दबाते हुए कहा।

 इसके लिये रात बाकी है, पहले ये खाना खाकर अपने में ताकत लाओ, फिर इस खाने को खाना।

ठीक है मेरी जान! जैसा तुम कहो... मैंने जवाब दिया।

वो खाना बनाने में लग गयी। अचानक मैंने पूछा, प्रीती! क्या तुम कुछ पीना पसंद करोगी, मेरा मतलब कुछ बीयर या रम?”

मैं शराब नहीं पीती, और मुझे नहीं मालूम था कि ये गंदी आदत आपको भी है, उसने कहा।
 
जान मेरी! मुझे सब गंदी आदत है, जैसे शराब पीना, सिगरेट पीना, और तीसरी गंदी आदत का तो तुम्हें मालूम ही है, मैंने हँसते हुए कहा।

 हाँ! मुझे अपनी पहली रात को ही पता चल गया था, उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

हम दोनों खाना खाकर सोने की तैयारी करने लगे। मैं बिस्तर पर लेट चुका था, प्रीती बाथरूम में थी। थोड़ी देर बाद वो बाथरूम से बाहर आयी, एक पारदर्शी नाइटी पहने हुए। उसका गोरा बदन पूरा झलक रहा था। उसके बदन को देखते ही मेरा लंड तन गया।

नहीं मेरी जान! तुम ये कपड़े पहन कर नहीं सो सकती, चलो जल्दी से अपनी नाइटी उतारो और नंगी होकर आ जाओ, मेरी तरह... साथ ही अपने वो सैक्सी हाई हील के गोल्डन कलर के सैंडल पहन लो जो तुमने शादी के दिन पहने थे, ये कहकर मैंने चादर हटा कर उसे अपना तना लंड दिखाया। उसका चेहरा शरम के मारे खिल उठा और उसने अपनी नाइटी उतार दी और खुश्किस्मती से उसने बिना कुछ सवाल पूछे अपने सैंडल भी पहन लिये।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 26-04-2020, 07:34 PM



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