26-04-2020, 07:04 PM
भाग ३
हनीमून के दौरान हमने मसूरी में खूब मजे किये। जावेद तो बस हर वक्त अपना हथियार खड़ा ही रखता था। सलमान अक्सर मुझसे मिलने के लिये एकाँत की खोज में रहते थे जिससे मेरे साथ बदमाशी कर सकें लेकिन मैं अक्सर उनकी चालों को समझ के अपना पहले से ही बचाव कर लेती थी।
इतना प्रिकॉशन रखने के बाद भी कईं बार मुझे अकेले में पकड़ कर चूम लेते या मेरे कानों में फुसफुसा कर अगले प्रोग्राम के बारे में पूछते। उन्हें शायद मेरे बूब्स सबसे ज्यादा पसंद थे। अक्सर मुझे पीछे से पकड़ कर मेरे मम्मों को अपने हाथों से मसलते रहते थे जब तक कि मैं दर्द के मारे उनसे छिटक कर अलग ना हो जाऊँ।
जावेद तो इतनी शैतानी करता था कि पूछो मत। काफी सारे स्नैप्स भी लिये। अपने और मेरे कुछ अंतरंग स्नैप्स भी खिंचवाये। खींचने वाले सलमान जी ही रहते थे। उनके सामने ही जावेद मुझे चूमते हुए, बिस्तर पर लिटा कर, मेरे बूब्स को ब्लाऊज़ के ऊपर से दाँतों से काटते हुए और मुझे अपने सामने बिठा कर मेरे ब्लाऊज़ के अंदर हाथ डाल कर मेरे मम्मों को मसलते हुए कईं फोटो खींचे।
एक बार पता नहीं क्या मूड आया, मैं जब नहा रही थी तो बाथरूम में घुस आये। मैं तब सिर्फ एक छोटी सी पैंटी में थी। वो खुद भी एक अंडरवीयर पहने हुए थे।
“इस पोज़ में एक फोटो लेटे हैं।” उन्होंने मेरे नंगे बूब्स को मसलते हुए कहा।
“नहीं! मैं सलमान के सामने इस हालत में?.. बिल्कुल नहीं.. पागल हो रहे हो क्या?” मैंने उसे साफ़ मना कर दिया।
“अरे इसमें शरम की क्या बात है। सलमान भाई तो घर के ही आदमी हैं। किसी को बतायेंगे थोड़े ही। एक बार देख लेंगे तो क्या हो जायेगा। तुम्हें खा थोड़ी जायेंगे|” जावेद अपनी बात पर जिद करने लगा।
“जावेद इतना खुलापन अच्छी बात नहीं है। सलमान घर के हैं तो क्या हुआ.... हैं तो पराये मर्द ही ना.... और हमसे बड़े भी हैं। इस तरह तो हमारे बीच पर्दे का रिश्ता हुआ। पर्दा तो दूर, तुम तो मुझे उनके सामने नंगी होने को कह रहे हो। कोई सुनेगा तो क्या कहेगा,” मैंने वापस झिड़का।
“अरे मेरी जान! ये दकियानुसी खयाल कब से पालने लग गयी तुम। कुछ नहीं होगा। मैं अपने पास एक तुम्हारी अंतरंग फोटो रखना चाहता हूँ जिससे हमेशा तुम्हारे इस संगमरमर जिस्म की खुश्बू आती रहे।”