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Adultery तरक्की का सफ़र
#17
लंच के समय शबनम बोली, आखिर हमारे राज ने रजनी की कुँवारी चूत फाड़ ही दी। 

ये तुम कैसे कह सकती हो?” नीता ने पूछा। 
 
आज सुबह मैं जब ऑफिस में आयी तो, जैसे सब कहते हैं, मैंने भी रजनी से कहा, गुड मोर्निंग रजनी, कैसी हो, मैंने देखा उसके चेहरे पर रोज़ से ज्यादा चमक थी। उसने कहा, गुड मोर्निंग शबनम। और मुझे बाँहों में भर कर बोली ओह शबनम आज मैं बहुत खुश हूँ। उसकी मादकता और चंचलता देख कर मुझे लगा कि वो चुदाई कर चुकी है।
 
क्या सिर्फ़ उसके इस व्यवहार से तुम कैसे अंदाज़ा लगा सकती हो कि वो कुँवारी नहीं रही?” समीना ने कहा।
 
एक और बात भी है जो मुझे सोचने पर मजबूर कर गयी, आज राज सुबह जब ऑफिस में आया तो उसके चेहरे पर खुशी की झलक थी और होंठों से गीत गुनगुना रहा था, शबनम ने कहा।
 
क्या ये ठीक कह रही है राज?” नीता और समीना ने पूछा।
 
हाँ मेरी जानू! ये ठीक कह रही है, उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मुझे अब भी मेरे लंड पर दर्द हो रहा है, मैंने खुशी के मारे जवाब दिया।
 
देखा! मेरा शक ठीक निकला ना! फ्रैंड्स अब हमको राज के आनंद में बाधा नहीं बनना चाहिये, इसलिये आज से हम उसके घर नहीं जायेंगे, शबनम ने कहा।
 
तो क्या हम राज के लंड का मज़ा नहीं ले सकेंगे?” नीता ने कहा।
 
क्यों नहीं ले सकेंगे? स्टोर रूम जिंदाबाद! समीना ने हँसते हुए स्टोर रूम की चाबी दिखायी।
 
अगले दिन मैंने कुछ कंडोम खरीद लिये जिससे कोई खतरा ना हो। मुझे हमेशा डर लगा रहता था कि कहीं रजनी प्रेगनेंट ना हो जाये। हम लोग बराबर मिलते थे और जम कर चुदाई करते थे।
 
एक दिन रजनी बोली, “राज ये कंडोम पहनना जरूरी है क्या? इस रबड़ के साथ मज़ा नहीं आता।
 
तो तुम बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना शुरू कर दो, मैंने कहा।
 
मैं कहाँ से लाऊँगी, और मुझे कौन लिख कर देगा, कहीं मम्मी को पता चल गया तो मुझे जान से ही मार डालेगी, उसने जवाब दिया।
 
दूसरे दिन ऑफिस में मैंने समीना से कहा, समीना! तुम्हें मेरा एक काम करना होगा, मुझे बर्थ कंट्रोल की गोलियाँ चाहिये रजनी के लिये।
 
तुम कंडोम क्यों नहीं इस्तमाल करते?” समीना ने पूछा।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 24-04-2020, 09:08 PM



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