Thread Rating:
  • 5 Vote(s) - 2.4 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery तरक्की का सफ़र
#12
दूसरे दिन लंच पर नीता ने शिकायत की, कल शाम को कहाँ थे? मैं और शबनम कितनी देर तक तुम्हारा इंतज़ार करते रहे। 

मैं रजनी के चक्कर में ये भूल गया था कि नीता और शबनम आने वाली थी। सॉरी! लेडिज़, कल शाम को मैं रजनी को कॉफी पिलाने ले गया था, मैंने कहा। 
 
क्या हम दोनों की कीमत पर उसे बाहर ले जाना तुम्हें अच्छा लगा राज?” नीता शिकायत करते हुए बोली।
 
सब्र से काम ले नीता, हमें पहले कनफर्म करना चाहिये था राज से। राज को हक है वो अपनी उम्र वालों के साथ घूमे फ़िरे, शबनम उसे समझाते हुए बोली।
 
हाँ! हम नहीं चाहते कि रजनी की कुँवारी चूत चोदने का मौका राज के हाथ से जाये, वैसे राज! आजकल की लड़कियों की कोयी गारंटी नहीं कि वो कुँवारी हो। समीना शरारत करते हुए बोली।
 
दोबारा कब उसके साथ बाहर जा रहो हो?” नीता ने पूछा।
 
कल शाम को, मैंने जवाब दिया।
 
ओह वापस हम लोगों की कुरबानी पर नहीं, नीता नाराज़गी से बोली।
 
तुम लोग चाहे तो आज की रात आ सकती हो, मैंने सुझाव दिया। फैसला होने के बाद हम लोग काम पर वापस आ गये।
 
मैं और रजनी अब बराबर मिलने लगे। पिक्चर देखते, साथ खाना खाते, पार्क में घूमते। एक महीना इसी तरह गुजर गया। तीनों लेडिज़ चिढ़ाने से बाज़ नहीं आती थी, रजनी को तुम अब तक चोद चुके होगे, सच बताओ उसकी चूत कैसी है, बहुत टाइट थी क्या?”
 
ऐसा कुछ नहीं हुआ है और मुझे इंटरस्ट भी नहीं है... कितनी बार तुम लोगों से बोलूँ?” मैंने गुस्सा करते हुए कहा।
 
ठीक है कभी हमारी जरूरत पड़े तो बताना, कहकर तीनों लेडिज़ अपनी अपनी सीट पर चली गयी।
 
एक दिन शाम को मैं और रजनी पिक्चर देखने जाने वाले थे। जब सिनेमा हॉल में दाखिल होने जा रहे थे तो मुझे याद आया कि मैं टिकट तो घर पर ही भूल आया हूँ। तुम यहीं रुको, टिकट मिल रही है... मैं दूसरी दो टिकट ले आता हूँ, मैंने रजनी से कहा।
 
और वो दो टिकट वेस्ट जाने दें? नहीं! अभी वक्त है... चलो घर से ले आते हैं, इतना कहकर वो मेरे साथ मोटर-साइकल पर बैठ गयी।
[+] 4 users Like rohitkapoor's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 24-04-2020, 08:55 PM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)