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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#16
अब सारे डर और सारी शरम से मैं परे थी। ज़िंदगी में मुझे अब किसी की चिंता नहीं थी। बस एक जुनून था, एक गर्मी थी जो मुझे झुलसाये दे रही थी। मैं उसके लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी। अब मुझे कोई चिंता नहीं थी कि सलमान मेरी हरकतों के बारे में क्या सोचेगा। बस मुझे एक भूख परेशान कर रही थी जो हर हालत में मुझे मिटानी थी। वो मेरे सिर को अपने लंड पर दाब कर अपनी कमर को ऊँचा करने लगा। कुछ देर बाद उसने मेरे सिर को पूरी ताकत से अपने लंड पर दबा दिया। मेरा दम घुट रहा था। उसके लंड से उसके वीर्य की एक तेज़ धार सीधे गले के भीतर गिरने लगी। उसके लंड के आसपास के बाल मेरे नाक में घुस रहे थे। पूरा रस मेरे पेट में चले जाने के बाद ही उसने मुझे छोड़ा। मैं वहीं जमीन पर भरभरा कर गिर गयी और तेज़-तेज़ सांसें लेने लगी। 

वो सोफ़े पर अब भी टाँगों को फैला कर बैठा हुआ था। उसके सामने मैं अपने गले को सहलाते हुए जोर-जोर से साँसें ले रही थी। उसने अपने पैर को आगे बढ़ा कर अपने अंगूठे को मेरी चूत में डाल दिया। फिर अपने पैर को आगे पीछे चला कर मेरी चूत में अपने अंगूठे को अंदर बाहर करने लगा। बहुत जल्दी उसके लंड में वापस हरकत होने लगी। उसने आगे की ओर झुक कर मेरे निप्पल पकड़ कर अपनी ओर खींचे तो मैं दर्द से बचने के लिये उठ कर उसके पास आ गयी। अब उसने मुझे सोफ़े पर हाथों के बल झुका दिया। पैर कार्पेट पर ही थे। अब मेरी टाँगों को चौड़ा करके पीछे से मेरी चूत पर अपना लंड सटा कर एक जोरदार धक्का मारा। उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर रास्ता बनाता हुआ घुस गया। चूत बुरी तरह गीली होने के कारण ज्यादा परेशानी नहीं हुई। बस मुँह से एक दबी-दबी कराह निकली आआआहहहह उसके लंड का साइज़ इतना बड़ा था कि मुझे लगा कि मेरे जिस्म को चीरता हुआ गले तक पहुँच जायेगा। 
 
अब वो पीछे से मेरी चूत में अपने लंड से धक्के मारने लगा। उसके हर धक्के से मेरे मोटे-मोटे बूब्स उछल- उछल जाते। वो मेरी गर्दन को टेढ़ा करके मेरे होंठों को चूमने लगा और अपने हाथों से मेरे दोनों मम्मों को मसलने लगा। काफी देर तक इस तरह मुझे चोदने के बाद मुझे सोफ़े पर लिटा कर ऊपर से ठोकने लगा। मेरी चूत में सिहरन होने लगी और दोबारा मेरा चूत-रस निकल कर उसके लंड को भिगोने लगा। कुछ ही देर में उसका भी वीर्य मेरी चूत में फ़ैल गया। हम दोनों जोर-जोर से सांसें ले रह थे। वो मेरे जिस्म पर पसर गया। हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे।
 
तभी गजब हो गया.......
 
जावेद की नींद खुल गयी। वो पेशाब करने उठा था। हम दोनों की हालत तो ऐसी हो गयी मानो सामने शेर दिख गया हो। सलमान सोफ़े के पीछे छिप गया। मैं कहीं और छिपने की जगह ना पा कर बेड की तरफ़ बढ़ी। किसमत अच्छी थी कि जावेद को पता नहीं चल पाया। नींद और नशे में होने की वजह से उसका दिमाग ज्यादा काम नहीं कर पाया होगा। उसने सोचा कि मैं बाथरूम से होकर आ रही हूँ। जैसे ही वो बाथरूम में घुसा सलमान जल्दी से आकर बिस्तर में घुस गया।
 
“कल सुबह कोई बहाना बना कर होटल में ही पड़े रहना,” उसने मेरे कान में धीरे से कहा और समीना की दूसरी ओर जा कर लेट गया।
 
कुछ देर बाद जावेद आया और मेरे से लिपट कर सो गया। मेरी चूत से अभी भी सलमान का रस टपक रहा था। मेरे मम्मों का तो मसल-मसल कर और भी बुरा हाल कर रखा था। मुझे अब बहुत पछतावा हो रहा था। क्यों मैं जिस्म की गर्मी के आगे झुक गयी? क्यों किसी गैर-मर्द से मैंने रिश्ता बना लिया। अब मैं एक गर्त में गिरती जा रही थी जिसका कोई अंत नहीं था। मैंने अपने जज़्बातों को कंट्रोल करने की ठान ली। अगले दिन मैंने सलमान को कोई मौका ही नहीं दिया। मैं पूरे समय सबके साथ ही रही जिससे सलमान को मौका ना मिल सके। उसने कईं बार मुझसे अकेले में मिलने की कोशिश की मगर मैं चुपचाप वहाँ से खिसक जाती। वैसे उसे ज्यादा मौका भी नहीं मिल पाया था। हम तीन दिन वहाँ इंजॉय करके वापस लौट आये। हनीमून में मैंने और कोई मौका उसे नहीं दिया। कईं बार मेरे जिस्म को मसल जरूर दिया था उसने, लेकिन जहाँ तक चुदाई की बात है, मैंने उसकी कोई प्लैनिंग नहीं चलने दी।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 24-04-2020, 08:50 PM



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