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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#14
हम होटल में पहुँचे। दो डबल रूम बूक कर रखे थे। उस दिन ज्यादा घूम नहीं सके। शाम को हम सब उनके कमरे में बैठ कर ही बातें करने लगे। फिर देर रात तक ड्रिंक करते हुए ताश खेलते रहे। जब हम उठने लगे तो सलमान ने हमें रोक लिया। 

“अरे यहीं सो जाओ.... अब इस हालत में कैसे चल कर अपने रूम तक जाओगे” उन्होंने गहरी नजरों से मुझे देखते हुए कहा। 
 
जावेद ने सारी बात मुझ पर छोड़ दी, “मुझे क्या है.... इससे पूछ लो।”
 
सलमान मेरी तरफ़ मुस्कुराते हुए देख कर बोले, “लाईट बंद कर देंगे तो कुछ भी नहीं दिखेगा और वैसे भी ठंड के मारे रज़ाई तो लेनी ही पड़ेगी।”
 
“और क्या… कोई किसी को परेशान नहीं करेगा। जिसे अपने पार्टनर से जितनी मरज़ी हो, खेलो,” समीना आपा ने कहा।
 
जावेद ने झिझकते हुए उनकी बात मान ली। मैं चुप ही रही। वैसे भी नशे की हालत में मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था। लाईट ऑफ करके हम चारों एक ही डबल बेड पर लेट गये। मैं और समीना आपा बीच में सोये और दोनों मर्द किनारे पर। जगह कम थी इसलिये एक दूसरे से सट कर सो रहे थे। हम चारों के कपड़े बहुत जल्दी जिस्म से हट गये। हल्की-हल्की रोशनी में मैंने देखा कि सलमान ने समीना आपा को सीधा कर के दोनों पैर अपने कंधों पर रख दिये और धक्के मारने लगे। कंबल, रज़ाई सब उनके जिस्म से हटे हुए थे। मैंने हल्की रोशनी में उनके मोटे तगड़े लंड को देखा। समीना आपा लंड घुसते समय “आआह” कर उठी। जावेद का लंड उससे छोटा था। मैं सोच रही थी समीना आपा को कैसा मज़ा आ रहा होगा। सलमान समीना आपा को धक्के मार रहा था। जावेद मुझे घोड़ी बना कर मेरे पीछे से ठोकने लगा। पूरा बिस्तर हम दोनों जोड़ों के धक्कों से बुरी तरह हिल रहा था। कुछ देर बाद सलमान लेट गया और समीना आपा को अपने ऊपर ले लिया। अब समीना आपा उन्हें चोद रही थी। मेरे बूब्स जावेद के धक्कों से बुरी तरह हिल रहे थे। थोड़ी देर में मैंने महसूस किया कि कोई हाथ मेरे हिलते हुए बूब्स को मसलने लगा है। मैं समझ गयी कि वो हाथ जावेद का नहीं बल्कि सलमान का है। सलमान मेरे निप्पल को अपनी चुटकियों में भर कर मसल रहा था। मैं दर्द से कराह उठी। जावेद खुश हो गया कि उसके धक्कों ने मेरी चींख निकाल दी। काफी देर तक यूँ ही अपनी अपनी बीवी को ठोक कर दोनों निढाल हो गये।
 
दोनों जोड़े वहीं अलग अलग कंबल और रज़ाई में घुस कर बिना कपड़ों के ही अपने-अपने पार्टनर से लिपट कर सो गये। मैं और समीना आपा बीच में सोये थे और दोनों मर्द किनारे की ओर सोये थे। आधी रात को अचानक मेरी नींद खुली। मैं ठंड के मारे टाँगों को सिकोड़ कर सोयी थी। मुझे लगा मेरे जिस्म पर कोई हाथ फिरा रहा है। मेरी रज़ाई में एक तरफ़ जावेद सोया हुआ था। दूसरी तरफ़ से कोई रज़ाई उठा कर अंदर सरक गया और मेरे नंगे जिस्म से चिपक गया। मैं समझ गयी कि ये और कोई नहीं सलमान है। उसने कैसे समीना आपा को दूसरी ओर कर के खुद मेरी तरफ़ सरक आया, ये पता नहीं चला। उसके हाथ अब मेरी गाँड पर फिर रहे थे। फिर उसके हाथ मेरे दोनों चूतड़ों के बीच की दरार से होते हुए मेरी गाँड के छेद पर कुछ पल रुके और फिर आगे बढ़ कर मेरी चूत के ऊपर ठहर गये।
 
मैं बिना हिले डुले चुपचप पड़ी थी। देखना चाहती थी कि सलमान करता क्या है। डर भी रही थी क्योंकि मेरी दूसरी तरफ़ जावेद मुझ से लिपट कर सो रहे थे। सलमान का मोटा लंड खड़ा हो चुका था और मेरे चूतड़ों पर दस्तक दे रहा था।
 
सलमान ने पीछे से मेरी चूत में अपनी एक फिर दूसरी अँगुली डाल दी। मेरी चूत गीली होने लगी थी। टाँगों को मोड़ कर लेटे रहने के कारण मेरी चूत उसके सामने बिकुल खुली हुई तैयार थी। उसने कुछ देर तक मेरी चूत में अपनी अँगुलियों को अंदर बाहर करने के बाद अपने लंड के गोल टोपे को मेरी चूत के मुहाने पर रखा। मैंने अपने जिस्म को ढीला छोड़ दिया था। मैं भी किसी पराये मर्द की हरकतों से गरम होने लगी थी। उसने अपनी कमर से मेरी चूत पर एक धक्का लगाया।
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RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 24-04-2020, 08:46 PM



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