Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 2.33 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
#13
उनके इस तरह खुली बात करने से मैं घबरा गयी। मैंने सामने देखा तो दोनों भाई बहन अपनी धुन में थे। मैं अपना निचला होंठ काट कर रह गयी। मैंने चुप रहना ही उचित समझा। जितनी शिकायत करती, दोनों भाई बहन मुझे और ज्यादा खींचते। उनकी हरकतों से अब मुझे भी मज़ा आने लगा। मेरी चूत गीली होने लगी। लेकिन मैं चुप चाप अपनी नजरें झुकाये बैठी रही। सब हंसी मजाक में लगे थे। दोनों को इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि उनकी पीठ के ठीक पीछे किस तरह का खेल चल रहा था। मैं नयी नवेली दुल्हन कुछ तो शरम के मारे और कुछ परिवार वालों के खुले विचारों को देखते हुए चुप थी। वैसे मैं भी अब कोई दूध की धुली तो थी नहीं। ससुर जी के साथ हमबिस्तर होते-होते रह गयी थी। इसलिये मैंने मामुली विरोध और कसमसाने के अलावा कोई हरकत नहीं की। 

उसने मुझे आगे को झुका दिया और हाथ मेरी पीठ पर ले जाकर मेरी ब्रा के स्ट्रैप खोल दिये। ब्लाऊज़ में मेरे बूब्स ढीले हो गये। अब वो आराम से ब्लाऊज़ के अंदर मेरे बूब्स को मसलने लगे। उसने मेरे ब्लाऊज़ के बटन खोल कर मेरे बूब्स बिल्कुल नंगे कर दिये। सलमान ने अपना सर कंबल के अंदर करके मेरे नंगे मम्मों को चूम लिया। उसने अपने होंठों के बीच एक-एक करके मेरे निप्पल लेकर कुछ देर चूसा। मैं डर के मारे एक दम स्तब्ध रह गयी। मैं साँस भी रोक कर बैठी हुई थी। ऐसा लग रहा था मानो मेरी साँसों से भी हमारी हरकतों का पता चल जायेगा। कुछ देर तक मेरे निप्पल चूसने के बाद उन्होंने वापस अपना सिर बाहर निकाला। अब उन्होंने अपने हाथों से मेरे हाथ को पकड़ लिया। मेरी पतली-पतली अँगुलियों को कुछ देर तक चूसते और चूमते रहे। फिर धीरे से उसे पकड़ कर पैंट के ऊपर अपने लंड पर रखा। कुछ देर तक वहीं पर दबाये रखने के बाद मैंने अपने हाथों से उनके लंड को एक बार मुठ्ठी में लेकर दबा दिया। वो तब मेरी गर्दन पर हल्के-हल्के से अपने दाँत गड़ा रहे थे। मेरे कानों की एक लौ अपने मुँह में लेकर चूसने लगे। 
 
पता नहीं कब उन्होंने अपने पैंट की ज़िप खोल कर अपना लंड बाहर निकाल लिया। मुझे तो पता तब लगा जब मेरे हाथ उनके नंगे लंड को छू गये। मैं अपने हाथ को खींच रही थी मगर उनकी पकड़ से छुड़ा नहीं पा रही थी।
 
जैसे ही मेरे हाथ ने उसके लंड के चमड़े को छुआ तो पूरे जिस्म में एक सिहरन सी दौड़ गयी। उनका लंड पूरी तरह तना हुआ था। लंड तो क्या, मानो मैंने अपने हाथों में कोइ गरम सलाख पकड़ ली हो। मेरी ज़ुबान तालू से चिपक गयी और मुँह सूखने लगा। मेरे हसबैंड और ननद सामने बैठे थे और मैं नयी दुल्हन एक गैर मर्द का लंड अपने हाथों में थामे हुए थी। मैं शरम और डर से गड़ी जा रही थी। मगर मेरी ज़ुबान को तो मानो लकवा मार गया था। अगर कुछ बोलती तो पता नहीं सब क्या सोचते। मेरी चुप्पी को उसने मेरी रज़ामंदी समझा। उसने मेरे हाथ को मजबूती से अपने लंड पर थाम रखा था। मैंने धीरे-धीरे उसके लंड को अपनी मुठ्ठी में ले लिया। उसने अपने हाथ से मेरे हाथ को ऊपर नीचे करके मुझे उसके लंड को सहलाने का इशारा किया। मैं उसके लंड को सहलाने लगी। जब उन्हें यकीन हो गया तो उन्होंने मेरे हाथ को छोड़ दिया और मेरे चेहरे को पकड़ कर अपनी ओर मोड़ा। मेरे होंठों पर उनके होंठ चिपक गये। मेरे होंठों को अपनी जीभ से खुलवा कर मेरे मुँह में अपनी जीभ घुसा दी। मैं डर के मारे काँपने लगी। जल्दी ही उन्हें धक्का देकर अपने से अलग किया। उन्होंने अपने हाथों से मेरी साड़ी ऊँची करनी शुरू की। उनके हाथ मेरी नंगी जाँघों पर फिर रहे थे। मैंने अपनी टाँगों को कस कर दबा रखा था इसलिये उन्हें मेरी चूत तक पहुँचने में कामयाबी नहीं मिल रही थी। मैं उनके लंड पर जोर-जोर से हाथ चला रही थी। कुछ देर बाद उनके मुँह से हल्की हल्की “आआह ऊऊह” जैसी आवाजें निकलने लगी जो कि कार की आवाज में दब गयी थी। उनके लंड से ढेर सारा गाढ़ा-गाढ़ा वीर्य निकल कर मेरे हाथों पर फ़ैल गया। मैंने अपना हाथ बाहर निकाल लिया। वो वापस मेरे हाथ को पकड़ कर मुझे जबरदस्ती उनके वीर्य को चाट कर साफ़ करने लिये मजबूर करने लगे मगर मैंने उनकी चलने नहीं दी। मुझे इस तरह की हरकत बहुत गंदी और वाहियात लगती थी। इसलिये मैंने उनकी पकड़ से अपना हाथ खींच कर अपने रुमाल से पोंछ दिया। कुछ देर बाद मेरे हसबैंड कार रोक कर पीछे आ गये तो मैंने राहत की साँस ली।
 
[+] 2 users Like rohitkapoor's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मैं हसीना गज़ब की - by rohitkapoor - 24-04-2020, 08:44 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)