24-04-2020, 08:40 PM
“अब तुम इतनी दूर बैठी हो तो किसी को तो तुम्हारी प्रॉक्सी देनी पड़ेगी ना और नन्दोई के साथ रिश्ता तो वैसे ही जीजा साली जैसा होता है..... आधी घर वाली.....” सलमान ने कहा।
“देखा.... देखा.... कैसे उछल रहे हैं। शहनाज़ अब मुझे मत कहना कि मैंने तुम्हें चेताया नहीं। देखना इनसे दूर ही रहना। इनका साइज़ बहुत बड़ा है।” समीना ने फिर कहा।
“क्या आपा आप भी बस।”
अब जावेद अपनी बाँह वापस कंधे से उतार कर कुछ देर तक मेरी अंदरूनी जाँघों को मसलते रहे। फिर अपने हाथ को वापस ऊपर उठा कर अपनी अँगुलियाँ मेरे गालों पर फिराने लगे। मेरे पूरे जिस्म में एक झुरझुरी सी दौड़ रही थी। रोंये भी खड़े हो गये। धीरे-धीरे उनका हाथ गले पर सरक गया। मैं ऐसा दिखावा कर रही थी जैसे सब कुछ नॉर्मल है मगर अंदर उनके हाथ किसी सर्प की तरह मेरे जिस्म पर रेंग रहे थे। अचानक उन्होंने अपना हाथ नीचे किया और साड़ी ब्लाऊज़ के ऊपर से मेरे एक मम्मे को अपने हाथों से ढक लिया। उन्होंने पहले धीरे से कुछ देर तक मेरे एक मम्मे को प्रेस किया। जब देखा कि मैंने किसी तरह का विरोध नहीं किया तो उन्होंने हाथ ब्लाऊज़ के अंदर डाल कर मेरे एक मम्मे को पकड़ लिया। मैं कुछ देर तक तो सकते जैसी हालत में बैठी रही। लेकिन जैसे ही उसने मेरे उस मम्मे को दबाया तो मैं चिहुंक उठी “उईईई!!!”
“क्या हुआ? खटमल काट गया?” समीना आपा ने पूछा और मुझे चिढ़ाते हुए हंसने लगी। मैं शरम से मुँह भींच कर बैठी हुई थी। क्या बताती; एक नयी दुल्हन के लिये इस तरह की बातें खुले आम करना बड़ा मुश्किल होता है और खासकर तब जबकि मेरे अलावा बाकी सब इस माहौल का मज़ा ले रहे थे।
“कुछ नहीं! मेरे सैंडल की हील फंस गयी थी सीट के नीचे।” मैंने बात को संभालते हुए कहा।
अब उनके हाथ मेरे नंगे मम्मों को सहलाने लगे। उनके हाथ ब्रा के अंदर घुस कर मेरे मम्मों पर फिर रहे थे। उन्होंने मेरे निप्पल को अपनी अँगुलियों से छूते हुए मेरे कान में कहा, “बाई गॉड... बहुत सैक्सी हो। अगर तुम्हारा एक अंग ही इतना लाजवाब है तो जब पूरी नंगी होगी तो कयामत आ जायेगी। जावेद खूब रगड़ता होगा तेरी जवानी। साला बहुत किसमत वाला है। तुम्हें मैं अपनी टाँगों के बीच लिटा कर रहुँगा।”
“देखा.... देखा.... कैसे उछल रहे हैं। शहनाज़ अब मुझे मत कहना कि मैंने तुम्हें चेताया नहीं। देखना इनसे दूर ही रहना। इनका साइज़ बहुत बड़ा है।” समीना ने फिर कहा।
“क्या आपा आप भी बस।”
अब जावेद अपनी बाँह वापस कंधे से उतार कर कुछ देर तक मेरी अंदरूनी जाँघों को मसलते रहे। फिर अपने हाथ को वापस ऊपर उठा कर अपनी अँगुलियाँ मेरे गालों पर फिराने लगे। मेरे पूरे जिस्म में एक झुरझुरी सी दौड़ रही थी। रोंये भी खड़े हो गये। धीरे-धीरे उनका हाथ गले पर सरक गया। मैं ऐसा दिखावा कर रही थी जैसे सब कुछ नॉर्मल है मगर अंदर उनके हाथ किसी सर्प की तरह मेरे जिस्म पर रेंग रहे थे। अचानक उन्होंने अपना हाथ नीचे किया और साड़ी ब्लाऊज़ के ऊपर से मेरे एक मम्मे को अपने हाथों से ढक लिया। उन्होंने पहले धीरे से कुछ देर तक मेरे एक मम्मे को प्रेस किया। जब देखा कि मैंने किसी तरह का विरोध नहीं किया तो उन्होंने हाथ ब्लाऊज़ के अंदर डाल कर मेरे एक मम्मे को पकड़ लिया। मैं कुछ देर तक तो सकते जैसी हालत में बैठी रही। लेकिन जैसे ही उसने मेरे उस मम्मे को दबाया तो मैं चिहुंक उठी “उईईई!!!”
“क्या हुआ? खटमल काट गया?” समीना आपा ने पूछा और मुझे चिढ़ाते हुए हंसने लगी। मैं शरम से मुँह भींच कर बैठी हुई थी। क्या बताती; एक नयी दुल्हन के लिये इस तरह की बातें खुले आम करना बड़ा मुश्किल होता है और खासकर तब जबकि मेरे अलावा बाकी सब इस माहौल का मज़ा ले रहे थे।
“कुछ नहीं! मेरे सैंडल की हील फंस गयी थी सीट के नीचे।” मैंने बात को संभालते हुए कहा।
अब उनके हाथ मेरे नंगे मम्मों को सहलाने लगे। उनके हाथ ब्रा के अंदर घुस कर मेरे मम्मों पर फिर रहे थे। उन्होंने मेरे निप्पल को अपनी अँगुलियों से छूते हुए मेरे कान में कहा, “बाई गॉड... बहुत सैक्सी हो। अगर तुम्हारा एक अंग ही इतना लाजवाब है तो जब पूरी नंगी होगी तो कयामत आ जायेगी। जावेद खूब रगड़ता होगा तेरी जवानी। साला बहुत किसमत वाला है। तुम्हें मैं अपनी टाँगों के बीच लिटा कर रहुँगा।”