
राज थोड़ी देर उसके बदन पर लेटा अपनी साँसों को काबू में करता रहा और फिर पलट कर बिस्तर पर लेट गया। जैसे ही राज उसके शरीर से हटा, ज़ूबी बिस्तर से लड़खड़ाते हुए उठी और अपने कपड़े ले कर बाथरूम में घुस गयी।
ज़ूबी अपने कपड़े पहन कर बाथरूम से बाहर आयी तो देखा की राज अभी भी बिस्तर पर नंगा लेटा है और वो टीवी का रिमोट पकड़े चैनल बदल रहा है।
“देखो इसे?” राज ने कहा।
ज़ूबी की नज़रें जैसे ही टीवी स्क्रीन पर पड़ी तो उसने देखा की वो उसकी और राज की चुदाई की फ़िल्म थी। राज ने उसके साथ चुदाई का पूरा वीडियो टेप बना लिया था।
“ज़ूबी” उसने कहा, “आज से मैं “रवि एंड देव” कंपनी को अपने इशारों पर नचा सकता हूँ और साथ ही आज से तुम्हें हर वो काम करना है जो मैं चाहुँगा।”
ज़ूबी ये टेप देख कर घबरा गयी थी और अपनी किस्मत को कोस रही थी कि वो कहाँ तो एक सफ़ल वकील बनने आयी थी और अब हालात उसे एक वेश्या बना रहे थे।
“तुम अपना फोन नंबर, घर का पता और मोबाइल नंबर लिख कर दे दो और जब मैं तुम्हें बुलाऊँ, तुम्हें आना पड़ेगा” राज ने उसे घूरते हुए कहा।
ज़ूबी समझ गयी थी कि उसके पास कोई चारा नहीं था, इसलिए उसने जल्दी से सब लिखा और लगभग भागते हुए कमरे से बाहर चली गयी।
राज के होठों पर एक सफ़ल मुस्कान थी।
दूसरे दिन ज़ूबी अपने ऑफिस पहुँच कर मिस्टर रवि से मिली, “सर हालातों को देखते हुए मिस्टर राज के साथ कल की मीटिंग अच्छी गयी। मुझे लगता है की समस्या का कोई ना कोई हल निकल ही आयेगा।”
जो कुछ भी उसके और राज के बीच हुआ था वो उसने नहीं बताया और ना ही टेप के बारे में। ये भी नहीं बताया की राज का फोन सुबह आया था और उसने कहा था की आज से जब भी वो उससे मिले तो ब्रा और पैंटी ना पहने।
“मेरी मिस्टर राज के साथ थोड़ी देर में मीटिंग होने वाली है। ज़ूबी तुम यहीं ऑफिस में रहना... हो सकता है मिस्टर राज को तुम्हारी ज़रूरत पड़े” रवि ने उससे कहा।
ज़ूबी डरी और सहमी हुई अपने केबिन मे पहुँची। उसे राज के रुतबे के बारे में मालूम था और वो जानती थी की अगर उसने उसकी बात नहीं मानी तो वो कुछ भी कर सकता था।
ज़ूबी अपने कपड़े पहन कर बाथरूम से बाहर आयी तो देखा की राज अभी भी बिस्तर पर नंगा लेटा है और वो टीवी का रिमोट पकड़े चैनल बदल रहा है।
“देखो इसे?” राज ने कहा।
ज़ूबी की नज़रें जैसे ही टीवी स्क्रीन पर पड़ी तो उसने देखा की वो उसकी और राज की चुदाई की फ़िल्म थी। राज ने उसके साथ चुदाई का पूरा वीडियो टेप बना लिया था।
“ज़ूबी” उसने कहा, “आज से मैं “रवि एंड देव” कंपनी को अपने इशारों पर नचा सकता हूँ और साथ ही आज से तुम्हें हर वो काम करना है जो मैं चाहुँगा।”
ज़ूबी ये टेप देख कर घबरा गयी थी और अपनी किस्मत को कोस रही थी कि वो कहाँ तो एक सफ़ल वकील बनने आयी थी और अब हालात उसे एक वेश्या बना रहे थे।
“तुम अपना फोन नंबर, घर का पता और मोबाइल नंबर लिख कर दे दो और जब मैं तुम्हें बुलाऊँ, तुम्हें आना पड़ेगा” राज ने उसे घूरते हुए कहा।
ज़ूबी समझ गयी थी कि उसके पास कोई चारा नहीं था, इसलिए उसने जल्दी से सब लिखा और लगभग भागते हुए कमरे से बाहर चली गयी।
राज के होठों पर एक सफ़ल मुस्कान थी।
दूसरे दिन ज़ूबी अपने ऑफिस पहुँच कर मिस्टर रवि से मिली, “सर हालातों को देखते हुए मिस्टर राज के साथ कल की मीटिंग अच्छी गयी। मुझे लगता है की समस्या का कोई ना कोई हल निकल ही आयेगा।”
जो कुछ भी उसके और राज के बीच हुआ था वो उसने नहीं बताया और ना ही टेप के बारे में। ये भी नहीं बताया की राज का फोन सुबह आया था और उसने कहा था की आज से जब भी वो उससे मिले तो ब्रा और पैंटी ना पहने।
“मेरी मिस्टर राज के साथ थोड़ी देर में मीटिंग होने वाली है। ज़ूबी तुम यहीं ऑफिस में रहना... हो सकता है मिस्टर राज को तुम्हारी ज़रूरत पड़े” रवि ने उससे कहा।
ज़ूबी डरी और सहमी हुई अपने केबिन मे पहुँची। उसे राज के रुतबे के बारे में मालूम था और वो जानती थी की अगर उसने उसकी बात नहीं मानी तो वो कुछ भी कर सकता था।