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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#18
ज़ूबी! मैंने अपने क्रिमिनल लॉयर से बात कर ली है, उसका कहना है कि अगर मैंने तुम पे और तुम्हारी फ़र्म पे भरोसा करके साइन किये हैं तो मुझ पर कोई इल्ज़ाम नहीं आता है। अब तुम फँस चुकी हो... मैं नहीं। मुझे टेंशन है कि मेरा करोड़ों का नुकसान हो जायेगा। राज ने उसे घूरते हुए कहा। 

मैं समझ सकती हूँ सर ज़ूबी अपनी गर्दन झुकाते हुए बोली। 
 
क्या समझती हो तुम, कि तुम्हारी जैसी नासमझ वकिल की वजह से मैं अपना करोड़ों का नुकसान होने दूँगा। याद रखना तुम कि अगर मेरा एक पैसे का भी नुकसान हुआ तो मैं तुम्हारी पूरी लॉ फ़र्म बंद करवा दूँगा।
 
सर मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ। ज़ूबी गिड़गिड़ाते हुए बोली, सर कुछ भी जो आप कहें।
 
राज थोड़ी देर तक कुछ सोचता रहा, ठीक है मैं अपने क्रिमिनल लॉयर से बात करता हूँ कि वो तुम्हें कैसे बचा सकता है। जब तक मैं बात करता हूँ, तुम एक काम करो... अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ और मेरे लंड को चूसो... सिर्फ़ इसी तरह तुम मेरी मदद कर सकती हो।
 
ज़ूबी पत्थर की बुत बन कर खड़ी थी। राज फोन पर अपने वकिल से बात कर रहा था, हाँ वो तो फँसेगी ही पर उसकी फ़र्म को भी काफी नुकसान होगा, क्या कोई तरीका नहीं है कि इन सबसे छुटकारा मिल सके?”
 
थोड़ा उसकी उम्र और उसके भविष्य का ध्यान दो, बेचारी मर जायेगी। उसकी फ़र्म के बारे में सोचता हूँ कि मुझे क्या करना चाहिए। हाँ वो इस समय मेरे पास ही खड़ी है।
 
क्या तुम ये कहना चाहते हो कि अब उसका और उसकी फ़र्म का भविष्य मेरे हाथ में है...? तो ठीक है मैं सोचुँगा कि इस लड़की को इस समस्या से बचाना चाहिए कि  नहीं।
 
राज ज़ूबी को घुरे जा रहा था, जैसे वो उसके आगे बढ़ने का इंतज़ार कर रहा हो। राज होटल की कुर्सी पे अपनी दोनों टाँगों को फैलाये बैठा था।
 
अपने आपको भविष्य के सहारे छोड़ते हुए ज़ूबी ने अपनी ज़िंदगी की राह में अपना पहला कदम बढ़ा दिया। उसने गहरी साँस लेते हुए अपने हाथ अपने टॉप के ऊपर के बटन पर रखे और बटन खोलने लगी। थोड़ी ही देर में उसका टॉप खुल गया और उसने उसे अपने कंधों से निकाल कर उसे उतार दिया। फिर उसने अपनी स्कर्ट के हुक खोल कर उसे नीचे गिरा दिया। अपनी हाई हील्स की सैंडल निकाले बगैर उसने स्कर्ट को उतारा और सैंडलों के अलावा सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में राज के सामने खड़ी थी।
[Image: 41450586-003-7bb2.jpg][Image: 41450586-007-f2cd.jpg]
 
ज़ूबी राज को देख रही थी कि उसकी ओर से कोई प्रतिक्रिया हो पर वो वैसे ही अपनी कुर्सी पर बैठा रहा।
 
ज़ूबी सोच रही थी कि आगे वो क्या करे कि इतने में राज ने फोन के माउथ पीस पर हाथ रख कर कहा, अब तुम किसका इंतज़ार कर रही हो। जल्दी से अपनी पैंटी और ब्रा उतार के मेरे पास आओ।
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 24-04-2020, 04:31 AM



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