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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#11
"तो आप शादी शुदा हो कर (उसने बड़ी सी अंगूठी पहनी हुई थी) भी जॉब कर रही हैं?"

 
अब वो भी थोड़ी-सी खुल सी गयी। बोली, "क्यों, शादी शुदा औरत जॉब नहीं कर सकती?"
 
"जी यह बात नहीं, घर-घर जाना, जाने किस घर में कैसे लोग मिल जायें?"
 
उसने जवाब दिया, "वैसे तो दिन के वक्त ज्यादातर हाऊज़वाइफ ही मिलती हैं। कभी-कभी ही कोई मेल मेंबर होता है।"
 
"तो आपको डर नहीं लगता।"
 
"जी अभी तक तो नहीं लगा। फिर आप जैसे शरीफ इंसान मिल जायें तो क्या डर?"
 
‘शरीफ इंसान’ - एक बार तो सुन कर अजीब लगा। इसे क्या मालूम कि मैं इसे किस नज़र से देख रहा था। साड़ी और ब्लाऊज़ के नीचे उसकी चूचियाँ तनी हुई थीं और मेरे लंड में खुजली सी होने लगी। जी चाह रहा था कि काश सिर्फ़ एक बार चूम सकता और ब्लाऊज़ के नीचे उन चूचियों को दबा सकता। हाथों कि अँगुलियाँ लंबी-लंबी मुलायम सी। वैसे ही मुलायम से सैक्सी पैर ऊँची ऐड़ी के सैंडलों में कसे हुए। देख-देख कर लंड महाराज खड़े हो ही गये। मन में ज़ोरों से ख्याल आ रहा था कि क्या गज़ब की अप्सरा है। इसकी तो चूत को हाथ लगाते ही शायद हाथ जल जायेगा।
 
तभी वोह बोली, "अच्छा, थैंक्स फ़ोर एवरीथिंग। मैं चलती हूँ।"
 
मानो पहाड़ टूट गया मेरे ऊपर। चली जायेगी तो हाथ से निकल ही जायेगी। अरे प्रताप, हिम्मत करो, आगे बढ़ो, कुछ बोलो ताकि रुक जये। इसकी चूत में अपना लंड नहीं डालना है क्या? चूत में लंड? इस ख्याल ने बड़ी हिम्मत दी।
 
"माफ़  कीजियेगा सना जी, आप जैसी खूबसूरत औरत को थोड़ा केयरफुल रहना चाहिये।" मैंने डरते हुए कहा।
 
"खूबसूरत?"
 
मैं थोड़ा सा घबराया, लेकिन फिर हिम्मत करके बोला, "जी, खूबसूरत तो आप हैं ही। बुरा मत मानियेगा। आप प्लीज़ अब तो चाय पी कर ही जाइये।"
 
"चाय, लेकिन बनायेगा कौन?"
 
"मैं जो हूँ, कम से कम चाय तो बना ही सकता हूँ।"
 
वोह हंसते हुए बोली, "ठीक है... लेकिन इतनी गर्मी में चाय की बजाय कुछ ठंडा ज्यादा मुनासिब होगा!"
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RE: हिंदी की कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 24-04-2020, 04:17 AM



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