24-04-2020, 04:03 AM
मैं बाहर बेडरूम में आ गयी। पहले तो मैंने अपनी उंगलियों से अपने पैरों और सैंडलों से उसके वीर्य को पोंछा और फिर अपना हाथ नाक के पास ले जाकर सूँघा। फिर ज़ुबान बाहर निकाल कर मैं अपनी उंगलियों से मोहन का वीर्य चाटने लगी। मेरी चूत की हालत खराब थी और खूब भीग गयी थी। मुझ से रहा नहीं गया और मैंने फटाफट सलवार कमीज़ उतार दी और पैंटी चूत पर से एक तरफ खिसका कर सहलाने लगी। इतने में ही वो भी नहा कर मेरे बेडरूम में नंगा ही आ गया। वो आँखें फाड़े मुझे निहारता रह गया क्योंकि मैं सिर्फ ब्रा-पैंटी और हाई हील के सैंडल पहने उसके सामने मौजूद थी और अपनी चूत सहला रही थी। मैं अपनी चूत सहलाना छोड़ कर उसके करीब आ गयी। अब उसका जिस्म खुशबू से महक रहा था। मैंने उसका ढीला लंड अपने हाथ से सहलाना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी देर बाद नीचे बैठते हुए मैंने उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। उसके लण्ड मेरे मुँह में अकड़ने लगा तो मैंने उससे कहा, “तू भी मेरी चूत को अपनी ज़ुबान से चाट!” फिर मैंने खुद ही अपनी ब्रा और पैंटी उतार दी और सैंडलों के अलावा बिल्कुल नंगी हो गयी। मैंने कहा, “मैं लेट जाती हूँ और तू मेरे ऊपर आ जा ताकि मैं भी तेरा केला खा सकूँ!” मैं लेट गयी और वो मेरे ऊपर 69 की पोज़िशन में हो गया। मैंने उसका लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और वो मेरी चूत को चाटने लगा। जैसे ही उसने अपनी ज़ुबान मेरी चूत पर लगायी तो मेरे जिस्म में सुरसुरी सी होने लगी और मैं सिसकरियाँ भरते हुए उसके लंड को तेजी के साथ चूसने लगी।
दो मिनट बाद ही मेरी चूत से रस निकलने लगा। मैं बड़े प्यार से मोहन का लंड चूस रही थी। मेरी चूत का रस चाटने के बाद वो रुक गया। मैंने पूछा, “क्या हुआ… तू रुक क्यों गया?” तो वो बोला, “मेमसाब आपकी चूत ने तो रस छोड़ दिया...!” मैंने कहा, “तो क्या हुआ… थोड़ी देर और मेरी चूत को चाट फिर उसके बाद मेरी चुदाई करना!” वो फिर से मेरी चूत को चाटने लगा। उसका लण्ड भी अब फिर से कड़क हो गया था और मोटाई की वजह से मेरे मुँह में बेहद मुश्किल से समा रहा था। मुझे अपना मुँह इस कदर फैला कर खोलना पड़ रहा था की मुझे लग रहा था कि मेरा जबड़ा ही ना टूट जाये।
करीब पाँच मिनट बाद मैं फिर झड़ गयी। फिर मैंने कहा, “अब तू मेरी चुदाई कर अपने इस मोटे लण्ड से!” मैंने अपने चूतड़ के नीचे दो तकिये रख लिये। इससे मेरी चूत एक दम ऊपर उठ गयी। उसके बाद मैंने उसे एक पका हुआ केला लाने को कहा। वो बाहर कमरे में जाकर अपनी टोकरी में से एक केला ले आया। मैंने वो केला लकर छीला और उसे अपनी मुठ्ठी में मसल डाला और केले का थोड़ा सा गूदा अपनी चूत पर लगाने लगी। वो बोला, “मेमसाब ये आप क्या कर रही हो?” मैंने मुस्कुराते हुए शोख अदा से कहा, “बस तू देखता जा!” फिर मैंने थोड़ा सा केले का गूदा उसके पूरे लंड पर भी लगा दिया! उसके बाद मैंने उससे कहा, “अब चोद अपने लण्ड से मेरी चूत को… अब केले के गूदे की वजह से तेरा ये लंबा और मोटा लंड पूरा का पूरा मेरी चूत में आसानी से घुस जायेगा!”
दो मिनट बाद ही मेरी चूत से रस निकलने लगा। मैं बड़े प्यार से मोहन का लंड चूस रही थी। मेरी चूत का रस चाटने के बाद वो रुक गया। मैंने पूछा, “क्या हुआ… तू रुक क्यों गया?” तो वो बोला, “मेमसाब आपकी चूत ने तो रस छोड़ दिया...!” मैंने कहा, “तो क्या हुआ… थोड़ी देर और मेरी चूत को चाट फिर उसके बाद मेरी चुदाई करना!” वो फिर से मेरी चूत को चाटने लगा। उसका लण्ड भी अब फिर से कड़क हो गया था और मोटाई की वजह से मेरे मुँह में बेहद मुश्किल से समा रहा था। मुझे अपना मुँह इस कदर फैला कर खोलना पड़ रहा था की मुझे लग रहा था कि मेरा जबड़ा ही ना टूट जाये।
करीब पाँच मिनट बाद मैं फिर झड़ गयी। फिर मैंने कहा, “अब तू मेरी चुदाई कर अपने इस मोटे लण्ड से!” मैंने अपने चूतड़ के नीचे दो तकिये रख लिये। इससे मेरी चूत एक दम ऊपर उठ गयी। उसके बाद मैंने उसे एक पका हुआ केला लाने को कहा। वो बाहर कमरे में जाकर अपनी टोकरी में से एक केला ले आया। मैंने वो केला लकर छीला और उसे अपनी मुठ्ठी में मसल डाला और केले का थोड़ा सा गूदा अपनी चूत पर लगाने लगी। वो बोला, “मेमसाब ये आप क्या कर रही हो?” मैंने मुस्कुराते हुए शोख अदा से कहा, “बस तू देखता जा!” फिर मैंने थोड़ा सा केले का गूदा उसके पूरे लंड पर भी लगा दिया! उसके बाद मैंने उससे कहा, “अब चोद अपने लण्ड से मेरी चूत को… अब केले के गूदे की वजह से तेरा ये लंबा और मोटा लंड पूरा का पूरा मेरी चूत में आसानी से घुस जायेगा!”