24-04-2020, 03:25 AM
काफी दिनों बाद मुझे एक काम से शिफ़ा हास्पिटल जाना पड़ा और मैं युनिफ़ॉर्म में था। मगर मेरे लंड में काफी खुजली हो रही थी और काफी दिन से शाज़िया की चूत का मज़ा नहीं लिया था। मैं अचानक युनिफ़ॉर्म में उसके ड्यूटी वार्ड में पहुँच गया तो वो हैरान हो गयी और मुझे युनिफ़ॉर्म में देख कर काफी खुश हुई। बेशक मैं युनिफ़ॉर्म में काफी स्मार्ट लगता हूँ और मेरे कंधों पर स्टार्स काफी अच्छे लगते हैं। खैर वो ड्यूटी पर थी और कोई जगह नहीं थी तो उसने मुझे अपने चेंजिंग रूम में बिठाया। ये इमरजेंसी वार्ड में नर्सेज का चेंजिंग रूम था। इधर नर्सें कुछ आराम और कुछ चेंजिंग वगैरह करती थीं। हालांकि इधर अदमियों को इजाज़त नहीं थी मगर शाज़िया ने रिस्क ले कर मुझे वहाँ बिठाया और मैं उसका इंतज़ार करने लगा।
कुछ देर बाद वो खुद कॉफी का कप लेकर आयी। मैंने पहले भी बताया कि शाज़िया युनिफ़ॉर्म में बहुत सैक्सी लगती थी क्योंकि उसकी बाहर निकली हुई गाँड और उसके बूब्स साफ़ नज़र आते थे। मैं तो उसको देख कर ही सैक्सी मूड में आ गया। जब वो अंदर आयी तो मैंने उसको पकड़ा और उसे चूमना शुरू कर दिया। उसने मना किया कि ये जगह ठीक नहीं है मगर मैंने कहा कि इधर तो कोई भी नहीं आता। फिर उसने डोर लॉक किया और मैंने आहिस्ता से उसकी युनिफ़ॉर्म शर्ट ऊपर की और उसकी सफेद-सफेद चूचियाँ चूसने लगा। काफी दिनों बाद उसकी चूचियाँ चूस रहा था, इसलिये बहुत मज़ा आया। फिर मैंने उधर ही अपनी पैंट की ज़िप खोली और अपना लंड बाहर निकाला। शाज़िया ने जल्दी-जल्दी उसको मुँह में लिया और चूसने लगी। साथ-साथ वो बोली कि मैं इसको मिस कर रही थी, ये मेरी जान कितना उदास है, चलो मैं तुमको खुश करती हूँ। मैं जल्दी ही गरम हो गया। फिर मैंने शाज़िया की पैंट नीचे की और उधर ही सोफ़े पर उसको उल्टा मोड़ दिया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया।
मुझे कुछ-कुछ डर भी लग रहा था मगर चुदाई की इंतहा पर था, इसलिये जल्दी-जल्दी उसकी चूत में लंड आगे पीछे करने लगा। फिर कुछ देर बाद मैं उसकी चूत में फारिग हुआ और उसने मेरे लंड को अपनी चूत से निकाल कर चाटना शुरू किया और बोली कि, काफी दिनों से मैंने ये टेस्ट नहीं किया, और मेरे लंड को अच्छी तरह चाटने लगी। फिर उसने अपना ड्रेस ठीक किया और अपनी हालत को मिरर में देख कर ठीक किया। मैंने भी अपनी हालत ठीक की।
उसने डोर की कुँडी खोली और एहतियात से बाहर देखा कि कोई नहीं है। उसने बताया कि मैं वार्ड में जा रही हूँ, तुम बाद में आराम से निकल जाना। उसके चले जाने के बाद मैं भी कुछ देर बाद ठीक हो कर बाहर निकला और उसके पास वार्ड में गया। वहाँ शाज़िया की काफी कलीग्स थीं। शाज़िया ने मुझे उनसे मिलवाया कि ये मेरे कज़न हैं। मैं आर्मी की युनिफ़ॉर्म में था, इसलिये बाकी नर्सों ने शाज़िया को सराहा कि तुम्हारा कज़न काफी स्मार्ट है, और उसको छेड़ा और वो शर्मा सी गयी।
इमरजेंची वार्ड में चुदाई करके मेरा काफी खौफ हट गया था और जब तक उसकी उस वार्ड में ड्यूटी थी, मैं अक्सर शाज़िया के पास वार्ड में जाता और काफी खतरा लेकर अपने लंड की प्यास बुझाता। हालांकि हम लोग पूरा इंजॉय तो नहीं कर सकते थे मगर कुछ न कुछ कर ही लेते थे, क्योंकि वो जगह ज़्यादा सेफ नहीं थी। इसी दौरान मैं उसकी फ्रैंड फौज़िया से भी काफी फ़्री हो गया था लेकिन अभी तक उसने कोई चुदाई की बात नहीं की थी और न ही बताया कि वो शाज़िया के साथ लेस्बियन सैक्स करती है।
कुछ देर बाद वो खुद कॉफी का कप लेकर आयी। मैंने पहले भी बताया कि शाज़िया युनिफ़ॉर्म में बहुत सैक्सी लगती थी क्योंकि उसकी बाहर निकली हुई गाँड और उसके बूब्स साफ़ नज़र आते थे। मैं तो उसको देख कर ही सैक्सी मूड में आ गया। जब वो अंदर आयी तो मैंने उसको पकड़ा और उसे चूमना शुरू कर दिया। उसने मना किया कि ये जगह ठीक नहीं है मगर मैंने कहा कि इधर तो कोई भी नहीं आता। फिर उसने डोर लॉक किया और मैंने आहिस्ता से उसकी युनिफ़ॉर्म शर्ट ऊपर की और उसकी सफेद-सफेद चूचियाँ चूसने लगा। काफी दिनों बाद उसकी चूचियाँ चूस रहा था, इसलिये बहुत मज़ा आया। फिर मैंने उधर ही अपनी पैंट की ज़िप खोली और अपना लंड बाहर निकाला। शाज़िया ने जल्दी-जल्दी उसको मुँह में लिया और चूसने लगी। साथ-साथ वो बोली कि मैं इसको मिस कर रही थी, ये मेरी जान कितना उदास है, चलो मैं तुमको खुश करती हूँ। मैं जल्दी ही गरम हो गया। फिर मैंने शाज़िया की पैंट नीचे की और उधर ही सोफ़े पर उसको उल्टा मोड़ दिया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया।
मुझे कुछ-कुछ डर भी लग रहा था मगर चुदाई की इंतहा पर था, इसलिये जल्दी-जल्दी उसकी चूत में लंड आगे पीछे करने लगा। फिर कुछ देर बाद मैं उसकी चूत में फारिग हुआ और उसने मेरे लंड को अपनी चूत से निकाल कर चाटना शुरू किया और बोली कि, काफी दिनों से मैंने ये टेस्ट नहीं किया, और मेरे लंड को अच्छी तरह चाटने लगी। फिर उसने अपना ड्रेस ठीक किया और अपनी हालत को मिरर में देख कर ठीक किया। मैंने भी अपनी हालत ठीक की।
उसने डोर की कुँडी खोली और एहतियात से बाहर देखा कि कोई नहीं है। उसने बताया कि मैं वार्ड में जा रही हूँ, तुम बाद में आराम से निकल जाना। उसके चले जाने के बाद मैं भी कुछ देर बाद ठीक हो कर बाहर निकला और उसके पास वार्ड में गया। वहाँ शाज़िया की काफी कलीग्स थीं। शाज़िया ने मुझे उनसे मिलवाया कि ये मेरे कज़न हैं। मैं आर्मी की युनिफ़ॉर्म में था, इसलिये बाकी नर्सों ने शाज़िया को सराहा कि तुम्हारा कज़न काफी स्मार्ट है, और उसको छेड़ा और वो शर्मा सी गयी।
इमरजेंची वार्ड में चुदाई करके मेरा काफी खौफ हट गया था और जब तक उसकी उस वार्ड में ड्यूटी थी, मैं अक्सर शाज़िया के पास वार्ड में जाता और काफी खतरा लेकर अपने लंड की प्यास बुझाता। हालांकि हम लोग पूरा इंजॉय तो नहीं कर सकते थे मगर कुछ न कुछ कर ही लेते थे, क्योंकि वो जगह ज़्यादा सेफ नहीं थी। इसी दौरान मैं उसकी फ्रैंड फौज़िया से भी काफी फ़्री हो गया था लेकिन अभी तक उसने कोई चुदाई की बात नहीं की थी और न ही बताया कि वो शाज़िया के साथ लेस्बियन सैक्स करती है।