24-04-2020, 03:14 AM
मैं तो बस उस लड़की पर फ़िदा हो गया था और उसकी नाज़ुक सी चूत और जिस्म के बारे में सोचता रहा।
खैर हमारा सफ़र शुरू हुआ और उसने फॉर्मल बातें शुरू कीं जिस में उसने मुझसे मेरे रैंक, पोस्टिंग, सर्विस, फैमली एंड फ्रैंड्स की काफी बातें की। इस बीच मैंने अपने बैग में से रम की बोतल निकाली और उससे इजाज़त माँगी तो वो बोली कि आप चिंता ना करें.... मुझे कोई एतराज़ नहीं है, बल्कि आप बुरा ना मानें तो मैं भी आपके साथ थोड़ी सी शेयर करना चाहुँगी। मुझे उसके खुलेपन पर हैरत हुई पर मैंने उसे भी एक ग्लास में थोड़ी सी रम डाल कर दे दी और हम दोनों बातें करते हुए पीने लगे।
तकरीबन एक घंटे बाद उसने कहा कि उसको नींद आ रही है और अभी वो सोना चाहती है। मैंने उसको कहा कि मुझे तो अभी नींद नहीं आ रही और मैं बैग से एक सैक्सी नावल निकाल कर पढ़ने लगा। उसने मुझे रम के लिये थैंक्स कहा और बाथरूम की तरफ बढ़ गयी। हाई हील सैंडलों में उसकी चाल और हिलती हुई गाँड देख कर मेरी आह निकल गयी। उसने दो पैग रम पिये थे पर उसको देख कर बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता था। शायद उसे ड्रिंक्स लेने की आदत थी। खैर, वो बाथरूम में घुस कर स्लीपिंग ड्रेस चेंज करने लगी।
बाथरूम से निकल कर आयी तो उसने थोड़े ढीले से कपड़े पहने हुए थे और मेरे सामने वाली बर्थ पर लेट गयी। उसके बाद मैं जब बाथरूम में गया और खुद भी ईज़ी ड्रेस चेंज किया तो मैंने बाथरूम में देखा कि उसके कपड़े लटक रहे हैं और उन में उसकी ब्रा और पैंटी भी मौजूद थी। मैं तो उधर ही उसकी ब्रा और पैंटी को चूमता रहा और उन अंडर-गार्मेंट्स की किस्मत पर रश्क करने लगा। मुझे तो नींद का नाम-ओ-निशान भी नहीं था। मैं तो सिर्फ़ शाज़िया की चूत का सोच-सोच कर बेहाल हो रहा था। वैसे भी आर्मी ऑफिसर्स काफी ख्वार होते हैं और अभी तो एक केबिन में एक सैक्सी अकेली लड़की। वैसे वो भी एक आर्मी ऑफिसर थी.... आर्मी की नर्स और काफी कान्फिडन्ट लड़की थी, इसलिये कोई गलत कदम लेने से पहले सोचना था।
खैर कुछ देर बाद वो आँखें बंद करके मेरी तरफ़ करवट ले कर लेटी रही। मैं पहले ही एक सैक्सी सा नावल पढ़ रहा था और ऊपर से उसकी उठी हुई गाँड और हल्के से गिरेबान से बूब्स बाहर को निकल रहे थे, इसलिये दिमाग और ज़्यादा खराब होने लगा। बड़ी मुश्किल से अपने लंड को काबू किया हुआ था वर्ना दिल तो कर रहा था कि इधर ही इस लड़की का रेप करूँ।
सोचते-सोचते मैंने अपने पैर सामने वाली सीट पर रख दिये, हालांकि पहले भी काफी दफा मैं सामने वाली सीट पर पैर रख चुका था। आहिस्ता-आहिस्ता मैं अपने पैर का अंगूठा उसकी चूत के करीब लेकर गया। मुझे यकीन था कि वो सो चुकी है और वैसे भी ट्रेन में चलते हुए झटके लग रहे थे, सो उसको अभी तक महसूस नहीं हुआ था। मैंने हिम्मत कर के अपना अंगूठा मज़ीद आगे किया और उसकी चूत से आहिस्ता-आहिस्ता मलने लगा।
शाज़िया ने ऐसा ही शो किया कि वो पक्की नींद में है और उसको पता नहीं चल रहा। तकरीबन दस मिनट तक मैं अपना अंगूठा उसकी चूत पर ऊपर से फेरता रहा और जब देखा कि वो अभी तक सोयी हुई है तो मैं हिम्मत करके उठा और उसकी बर्थ के साथ नीचे बैठ कर अपनी हाथ की अंगुली से उसकी चूत को आहिस्ता-आहिस्ता ढूँढने लगा।
खैर हमारा सफ़र शुरू हुआ और उसने फॉर्मल बातें शुरू कीं जिस में उसने मुझसे मेरे रैंक, पोस्टिंग, सर्विस, फैमली एंड फ्रैंड्स की काफी बातें की। इस बीच मैंने अपने बैग में से रम की बोतल निकाली और उससे इजाज़त माँगी तो वो बोली कि आप चिंता ना करें.... मुझे कोई एतराज़ नहीं है, बल्कि आप बुरा ना मानें तो मैं भी आपके साथ थोड़ी सी शेयर करना चाहुँगी। मुझे उसके खुलेपन पर हैरत हुई पर मैंने उसे भी एक ग्लास में थोड़ी सी रम डाल कर दे दी और हम दोनों बातें करते हुए पीने लगे।
तकरीबन एक घंटे बाद उसने कहा कि उसको नींद आ रही है और अभी वो सोना चाहती है। मैंने उसको कहा कि मुझे तो अभी नींद नहीं आ रही और मैं बैग से एक सैक्सी नावल निकाल कर पढ़ने लगा। उसने मुझे रम के लिये थैंक्स कहा और बाथरूम की तरफ बढ़ गयी। हाई हील सैंडलों में उसकी चाल और हिलती हुई गाँड देख कर मेरी आह निकल गयी। उसने दो पैग रम पिये थे पर उसको देख कर बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता था। शायद उसे ड्रिंक्स लेने की आदत थी। खैर, वो बाथरूम में घुस कर स्लीपिंग ड्रेस चेंज करने लगी।
बाथरूम से निकल कर आयी तो उसने थोड़े ढीले से कपड़े पहने हुए थे और मेरे सामने वाली बर्थ पर लेट गयी। उसके बाद मैं जब बाथरूम में गया और खुद भी ईज़ी ड्रेस चेंज किया तो मैंने बाथरूम में देखा कि उसके कपड़े लटक रहे हैं और उन में उसकी ब्रा और पैंटी भी मौजूद थी। मैं तो उधर ही उसकी ब्रा और पैंटी को चूमता रहा और उन अंडर-गार्मेंट्स की किस्मत पर रश्क करने लगा। मुझे तो नींद का नाम-ओ-निशान भी नहीं था। मैं तो सिर्फ़ शाज़िया की चूत का सोच-सोच कर बेहाल हो रहा था। वैसे भी आर्मी ऑफिसर्स काफी ख्वार होते हैं और अभी तो एक केबिन में एक सैक्सी अकेली लड़की। वैसे वो भी एक आर्मी ऑफिसर थी.... आर्मी की नर्स और काफी कान्फिडन्ट लड़की थी, इसलिये कोई गलत कदम लेने से पहले सोचना था।
खैर कुछ देर बाद वो आँखें बंद करके मेरी तरफ़ करवट ले कर लेटी रही। मैं पहले ही एक सैक्सी सा नावल पढ़ रहा था और ऊपर से उसकी उठी हुई गाँड और हल्के से गिरेबान से बूब्स बाहर को निकल रहे थे, इसलिये दिमाग और ज़्यादा खराब होने लगा। बड़ी मुश्किल से अपने लंड को काबू किया हुआ था वर्ना दिल तो कर रहा था कि इधर ही इस लड़की का रेप करूँ।
सोचते-सोचते मैंने अपने पैर सामने वाली सीट पर रख दिये, हालांकि पहले भी काफी दफा मैं सामने वाली सीट पर पैर रख चुका था। आहिस्ता-आहिस्ता मैं अपने पैर का अंगूठा उसकी चूत के करीब लेकर गया। मुझे यकीन था कि वो सो चुकी है और वैसे भी ट्रेन में चलते हुए झटके लग रहे थे, सो उसको अभी तक महसूस नहीं हुआ था। मैंने हिम्मत कर के अपना अंगूठा मज़ीद आगे किया और उसकी चूत से आहिस्ता-आहिस्ता मलने लगा।
शाज़िया ने ऐसा ही शो किया कि वो पक्की नींद में है और उसको पता नहीं चल रहा। तकरीबन दस मिनट तक मैं अपना अंगूठा उसकी चूत पर ऊपर से फेरता रहा और जब देखा कि वो अभी तक सोयी हुई है तो मैं हिम्मत करके उठा और उसकी बर्थ के साथ नीचे बैठ कर अपनी हाथ की अंगुली से उसकी चूत को आहिस्ता-आहिस्ता ढूँढने लगा।