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Adultery तरक्की का सफ़र
#9
हाँ राज! मुझे चोदो ना अब रहा नहीं जाता, समीना ने धीरे से कहा।
 
मैंने समीना को अपनी बाँहों में उठाया और बेड पर लिटा दिया। फिर उसके ऊपर लेट कर मैं उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे धीरे उन्हें भींचने लगा। समीना की सिसकरियाँ तेज हो रही थी। मैं उसके निप्पलों को अपने दाँतों से दबाने लगा। कभी जोर से भींच लेता तो वो उछल पड़ती। उसकी बाँहें मेरी पीठ को सहला रही थी और मुझे भींच रही थी। मैं थोड़ा नीचे खिसका और उसकी जाँघों के बीच आकर उसकी चूत को चाटने लगा। अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल देता और जोर-जोर से चूसता।
 
जैसे ही मैं और जोर से उसकी चूत को चाटने लगा, समीना पागल हो गयी, ओह राज! ये क्या कर रहे हो, आज तक किसी ने ऐसा नहीं किया, हाय अल्लाह! मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, हाँ जोर-जोर से चाटो हाँआँआँआँ, वो उत्तेजना में चिल्ला रही थी।
 
मैंने नीता को कहते सुना, देख शबनम! राज समीना की चूत चाट रहा है। उसने मेरी तो चूत कभी नहीं चाटी, क्या तुम्हारी चाटी है?”
 
नहीं! मेरी भी नहीं चाटी, लगता है समीना की बिना बालों की बिल्कुल चिकनी चूत ने राज को उक्सा दिया, शबनम बोली।
 
बाल तो मैं भी साफ करती हूँ पर मेरी चूत इतनी चिकनी नहीं हो पाती... थोड़े से रोंये रह ही जाते हैं... हमें तुरंत कुछ करना चाहिये, नीता ने जवाब दिया।
 
हाँ कुछ करेंगे, पहले इन्हें तो देख लें, शबनम बोली।
 
मैंने समीना के घुटनों को मोड़ कर उसकी छाटी पर कर दिया जिससे उसकी चूत का मुँह ऊपर को उठ गया और अच्छी तरह दिखायी देने लगा। उसकी चूत का मुँह बड़ा जरूर था पर नीता और शबनम जितना नहीं। मैं अपनी जीभ जो-जोर से उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा। 
 
ओहहहहहह....... आआआआहहहहहह..... ओहहहहह.... राज! इतना कहते हुए समीना दूसरी बार झड़ गयी।
 
ओह राज अब और मत तड़पाओ, अब सहा नहीं जाता, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, प्लीज़! समीना गिड़गिड़ाने लगी।
 
जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो वो बोली, राज! धीरे-धीरे डालना, मुझे तुम्हारे लंबे लंड से डर लगता है।
 
नीता और शबनम की तरफ हँस कर देखते हुए मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। तुम्हारा मतलब ऐसे?” मैंने कहा।
 
ओहहहहह म म म मर गयी, तुम बड़े बदमाश हो जब मैंने धीरे से डालने को कहा तो तुमने इतनी जोर से क्यों डाला, दर्द हो रहा है ना!” उसने तड़पते हुए कहा।
 
सॉरी डार्लिंग! तुम चुदाई में इतनी एक्सपीरियंस्ड हो तो मैं समझा तुम मजाक कर रही हो, क्या ज्यादा दर्द हो रहा?” यह कहकर मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा।
 
ओह राज बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आआआहहहहह.... राज आज मुझे पता चला कि असली चुदाई क्या होती है। हाँ राजा.... जोर से चोदते जाओ, ओहहहहहह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे ही, समीना उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कुल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी।
 
नीता और शबनम ने सच कहा था, समीना की चूत वाकय में कसी-कसी थी। ऐसा लग रहा था कि मैं उसकी गाँड ही मार रहा हूँ। मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था और अब मेरा भी पानी छूटने वाला था। अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे जोर से भींच लिया।ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ राज मेरी चूऊऊत गयी…”, कहकर वो निढाल हो गयी। मैंने भी दो तीन धक्के लगा कर अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया। हम दोनों की साँसें तेज चल रही थी।
 
हम दोनों थक कर लेटे हुए थे कि नीता और शबनम बाहर जाने लगी। मैंने पूछा, कहाँ जा रही हो?”  
 
बाज़ार से थोड़ा सामान लेकर आ रहे हैं, तब तक तुम समीना से मज़े लेते रहो, इतना कह कर नीता और शबनम चली गयीं।
 
हाँ! ये अच्छी बात है, राज मुझे फ़िर से चोदो, समीना ने ये कहकर एक बार फ़िर मुझे अपने ऊपर घसीट लिया।
 
जब तक नीता और शबनम लौटीं, हम लोग थक कर चूर हो चुके थे।
 
आओ चल कर कुछ खाना खा लो.... फ़िर लंच के बाद करेंगे, शबनम ये कह कर खाना लगाने लगी। खाना खाने के बाद ड्रिंक्स का दौर चला और हम सब ने दो-दो पैग रम के पी लिये।
 
लेकिन नीता और शबनम, ये अच्छी बात नहीं है कि हम दोनों तो नंगे हैं और तुम दोनों कपड़े पहने हुए हो। राज! आओ हम लोग इनके कपड़े उतार दें। यह कहकर समीना नीता को नंगा करने लगी और मैं शबनम को। अब हम सब पूरे नंगे थे। तीनों औरतों ने सिर्फ अपने-अपने हाई-हील सैंडल पहने हुए थे।
 
समीना अब हमें चूत के बाल साफ़ करना सिखाओ, हम बाज़ार से एन-फ्रेंच क्रीम ले आये हैं, नीता ने कहा।
 
लाओ सिखाती हूँ, ये कह कर समीना उन दोनों की चूत पर और गाँड की दरार में क्रीम लगाने लगी। मैं उन दोनों के देखते हुए अपनी ड्रिंक ले रहा था।
 
राज हमारी बिन बालों की चूत अब कैसी लग रही है?” शबनम ने पूछा।
 
बहुत सुंदर और अच्छी, ये कह कर मैं नीता की जाँघों के बीच आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा। अब मैं बारी बारी से दोनों कि चूत चाट और चूस रहा था। थोड़ी देर में दोनों झड़ गयी।
 
हम लोग शाम तक चुदाई करते रहे। मुझे नहीं मालूम शराब के नशे में मैं कब सो गया और कब तीनों चुदैल औरतें मुझे सोता छोड़ कर चली गयी।
 
सुबह मैं तैयार होकर अपने केबिन में किसी सोच में डूबा था कि अचानक किसी की हँसी सुनकर मैंने नज़रें उठायीं तो तीनों को अपने सामने पाया।
 
गुड मोर्निंग राज!!! तीनों ने साथ में कहा।
 
इतनी जोर से नहीं, कोई सुन लेगा, इस समय मुझे एक कप कॉफी चाहिये, मैंने कहा।
 
मैं लाती हूँ!” यह कहकर समीना अपनी सैंडल की हील खटखटाती हुई कॉफी लाने चली गयी।
 
मुझे नीता कुछ अपसेट लग रही थी। क्या बात है नीता, तुम कुछ परेशान हो?” मैंने पूछा।
 
मुझे तुमसे कुछ बात करनी है, नीता ने कहा।
 
मुझसे, कहो क्या बात है?” मैंने कहा।
 
राज! अगर आज के बाद जब मैं तुम्हारा लौड़ा चूस रही हूँ तो सो मत जाना वर्ना मैं उस दिन के बाद... उसने अपना वाक्य अधूरा छोड़ दिया।
 
हाँ बोलो ना कि आज के बाद तुम राज से नहीं चुदवाओगी, समीना ने हँसते हुए कहा।
 
नहीं! मैं ये नहीं कह सकती, मैं राज के लंड के बिना नहीं रह सकती। राज! बस इतनी सी बात है कि मैं तुम्हारे लंड को चूस कर उसका पानी पीने को तरस रही थी और तुम... क्या कहूँ... ड्रिंक तो हम लोगों ने भी खूब की थी... हमें भी नशा चढ़ा हुआ था पर इतनी भी तो नहीं पीनी चाहिये कि बेहोश ही हो जाओ, अगर हम में से कोई इतना पी कर सो जाती तो कुछ फर्क नहीं पड़ता था पर तुम्हारे लंड पर तीन-तीन औरतें डिपेंडेंट थीं, नीता ने कहा।
 
अच्छा अब ये सब बातें छोड़ो, ऑय एम सॉरी! मैं आगे से ज्यादा ड्रिंक नहीं करूँगा, अब सब काम पर लग जाओ, मैंने कहा।
 
मैं बहुत खुश था, नीता और शबनम हफते में तीन बार आती थी, और समीना सैटरडे को शाम को आती थी और संडे शाम तक मेरे साथ रहती थी। समय मस्ती में कट रहा था।
 
॥॥। क्रमशः॥॥
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 24-04-2020, 02:43 AM



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