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Adultery तरक्की का सफ़र
#7
और एक बात तुमने नोटिस की है राज! ऑफिस में काम करने वाली सभी लेडीज़ हमेशा हाई हील्स की सैंडल पहनती हैं... ये भी महेश और एम-डी की रिक्वायरमेंट है... चुदवाते वक्त भी हमें सैंडल पहने रखना होता है... हमारे लिये तो अच्छा ही है... हम औरतों को तो नये कपड़े सैंडल इत्यादि खरीदने का शौक होता ही है और हमारी कंपनी की तरफ से हर महीने दो हज़ार रुपये तक का सैंडलों का खर्च रिएम्बर्स हो जाता है। शबनम बोली।
 
यह हाई हील के सैंडल पहनने की पॉलिसी तो अच्छी है!!! औरतें ज्यादा सैक्सी और स्मार्ट लगती हैं... पर इसका मतलब तुम दोनों भी एम-डी और मिस्टर महेश से चुदवाती हो?” मैंने पूछा।
 
हाँ दिल खोलकर और मज़े लेकर, दोनों ने जवाब दिया।
 
तुम्हारा मतलब है ये सब ऑफिस में होता है?” मैंने फ़िर सवाल किया।
 
हाँ ऑफिस में भी और होटल शेराटन में भी। वहाँ पर एम-डी ने पूरे साल के लिये एक सूईट बुक कराया हुआ है, शबनम बोली।
 
मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा था और मैं अजीब नज़रों से दोनों को घूर रहा था।
 
मुझे घुरते देख नीता बोली, शबनम इसे तब तक विश्वास नहीं आयेगा जब तक ये अपनी आँखों से नहीं देख लेगा। एक काम करते हैं... संडे को समीना को बुलाते हैं और उसी से सुनते हैं कि वो इस जाल में कैसे फँसी। लेकिन पहले उसे यहाँ आने पर तैयार करना है और उसे राज के लंड का मज़ा चखाना है।
 
ये संडे को मेरा बर्थडे है... तो क्यों नहीं मैं तुम तीनों को दोपहर के खाने पर दावत दूँ?” मैंने कहा।
 
ये ठीक रहेगा... इस तरह समीना न भी नहीं बोल पायेगी, शबनम बोली।
 
अपनी गर्दन हिलाते हुए मैंने कहा,मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है, ऐसे लग रहा है जैसे मैं किसी रंडी खाने में काम कर रहा हूँ।
 
इतने में शबनम ने मेरा लंड पकड़ते हुए कहा, तुम्हें तो खुश होना चाहिये राज, रोज़ नयी और कुँवारी चूत मिलेगी चोदने के लिये। और अगर बात फ़ैल गयी कि तुम्हारा लंड इतना लंबा और मोटा है तो थोड़े ही दिनों में तुम ऑफिस की हर लड़की को चोद चुके होगे। सब एक से बढ़ कर एक चुदक्कड़ हैं... तुम्हारे लंड की तो खैर नहीं... मेरी मानो तो वायग्रा का स्टॉक जमा कर लो... बहुत जरूरत पड़ेगी... चलो अब एक बार हम दोनों को और चोद दो।
 
संडे के दिन मैं जल्दी उठ गया और खाने का इंतज़ाम करने लगा। ठीक बारह बजे वो तीनों आ गयी। शबनम ने लाल कलर की साड़ी पहनी थी, और नीता ने हरे रंग की। समीना ने स्लीवलेस ब्लाऊज़ के साथ ब्लू कलर की साड़ी पहन रखी थी। शबनम ने काले रंग के ऊँची ऐड़ी के सैंडल पहने हुए थे और बाकी दोनों ने सफ़ेद रंग के सैंडल पहने थे। तीनों बहुत ही सुंदर लग रही थी।
 
मैंने उन तीनों को सोफ़े पर बैठने को कहा और खुद उनके सामने बैठ गया। थोड़ी देर बाद तीनों को ठंडी बियर की बोतलें और तीन ग्लास देकर मैंने कहा तुम तीनों बातें करो, तब तक मैं खाने का इंतज़ाम करके आता हूँ।
 
ये हमारे प्लैन के तहत हो रहा था जो हमने पिछले दिन तैयार किया था। इसलिये मैं किचन में ना जा कर बाहर दरवाजे से उनकी बातें सुनने लगा।
 
वो तीनों बियर पीती हुई बातें करती रही। कुछ देर बाद जब बियर का कुछ असर हुआ तो शबनम ने समीना से पूछा, अच्छा समीना! तुम्हारी सैक्स लाइफ के बारे में बताओ?”
 
कैसी सैक्स लाइफ? तुम्हें तो पता है मेरे शौहर तो बाहर रहते हैं।
 
हमें पागल मत बनाओ, हम सब जानते हैं, तुम मिस्टर महेश के साथ क्या करती हो, जब अर्जेंट एसाइनमेंट निपटाने होते हैं।
 
क्या मतलब तुम्हारा?” समीना ने जल्दी से कहा।
 
अरे पगली तेरे आने से पहले हम ही उसका अर्जेंट एसाइनमेंट निपटाते थे।
 
तो क्या उसने तुम दोनों को भी चोदा है?” समीना ने पूछा।
 
आज से नहीं! वो हमें कई सालों से चोद रहा है, शबनम ने जवाब दिया।
 
मैं तो समझती थी कि मैं अकेली ही हूँ समीना बोली।
 
अरे हम तो ये भी जानते हैं कि तू उस स्टोर मैनेजर के साथ क्या करती है, नीता ने कहा।
 
बाप रे! तुम्हें उसके बारे में भी पता है, क्या तुम लोग मेरा पीछा करती रहती हो?” समीना थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली।
 
नाराज़ मत हो, हम तेरा पीछा नहीं करते पर ऑफिस में क्या हो रहा इस बात की जानकारी जरूर रखते हैं, शबनम ने कहा।
 
समीना जब महेश तुम्हारी चूत का खयाल रखता है तो तुम उस स्टोर मैनेजर से क्यों चुदवाती हो?” नीता ने पूछा।
 
नीता तुम्हें तो पता है कि मिस्टर महेश को सिर्फ़ मम्मे और गाँड मारना पसंद है। पक्का गाँडू है वो। इसलिये मेरी चूत प्यासी रह जाती है।  एक दिन मैं स्टोर में कुछ सामान लेने गयी और मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही थी, बस तभी मैंने इस मैनेजर को देखा और उसे मैंने चोदने के लिये पटा लिया। अब मैनेजर मेरी चूत चोदता है और महेश मेरी गाँड। इस तरह मेरी दोनों भूख मिट जाती हैं। महेश ने तो मुझे ब्रा पहनने को भी मना किया है, देखो इस वक्त भी नहीं पहनी हूँ। उसने अपने ब्लाऊज़ के बटन खोल कर दिखाया।
 
उसकी नाज़ुक और नरम चूचियाँ देख कर मेरा लंड तन कर खड़ा गो गया।
 
नीता ने अपने दोनों हाथ उसके ब्लाऊज़ में डाल दिये और उसके मम्मों को दबाने लगी।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 24-04-2020, 02:41 AM



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