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Adultery तरक्की का सफ़र
#6
हाँ यार वेसलीन तो लगानी पड़ेगी, नहीं तो राज का मोटा और लंबा लंड तो मेरी गाँड ही फाड़ के रख देगा, शबनम ने जवाब दिया।
 
उसकी गाँड और अपने लंड पर वेसलीन लगाने के बाद मैंने जैसे ही अपना लंड उसकी गाँड में घुसाया वो दर्द के मारे चिल्ला उठी, राज!!!! दर्द हो रहा है बाहर निकालो!
 
मैंने उसकी बात सुने बिना जोर से अपना लंड उसकी गाँड में डाल दिया, और जोर- जोर से अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी देर में उसे भी गाँड मरवाने में मज़ा आने लगा। थोड़ी देर में मेरे लंड ने अपना पानी उसकी गाँड में उढ़ेल दिया।
 
वो दोनों कपड़े पहन कर जाने के लिये तैयार हो गयी। फ़िर आने का वादा कर के दोनों चली गयी। अब नीता और शबनम हफ़्ते में तीन चार दिन आने लग गयी। हम लोग जम कर चुदाई करते थे। 
 
एक दिन मैंने कहा,तुम दोनों साथ-साथ क्यों आती हो? और अकेले आओगी तो मैं अच्छी तरह से तुम्हारी चुदाई कर सकुँगा और अगली रात मुझे अकेले भी नहीं सोना पड़ेगा।
 
नहीं राज! हम लोग साथ में ही आयेंगे... इससे किसी को शक नहीं होगा, नीता ने जवाब दिया।
 
ठीक है जैसे तुम लोगों की मरज़ी। क्या तुम दोनों संडे को नहीं आ सकती जिससे हमें ज्यादा वक्त मिलेगा। मैंने पूछा।
 
नहीं राज... संडे को हम हमारे परिवार के साथ रहना चाहते हैं। 
 
मुझे सोचते हुए देख शबनम ने कहा,तुम समीना को क्यों नहीं बुला लेते, उसका हसबैंड दुबई में है और वो अकेली रहती है।
 
मैंने चौंकते हुए पूछा, तुम्हें क्या लगता है वो आयेगी?”
 
क्यों नहीं आयेगी??? जरूर आयेगी!!! अब ये मत बोलना कि तुमने उसे नहीं चोदा है, शबनम ने कहा।
 
चोदा तो नहीं पर चोदना जरूर चाहुँगा, वो बहुत ही सुंदर है।
 
हाँ! सुंदर भी है और हम दोनों से छोटी भी... तुम्हें बहुत मज़ा आयेगा, शबनम ने हँसते हुए कहा।
 
अरे तुम दोनों बुरा मत मानो... मैंने तो ऐसे ही कह दिया था। 
 
अरे नहीं!!!! हमें बुरा नहीं लगा। तुम्हें समीना को चोदना अच्छा लगेगा। उसकी चूत भी कसी-कसी है, क्योंकि उसे अभी बच्चा नहीं हुआ है ना। वैसे भी सुना है कि मर्दों को कसी चूत अच्छी लगती है, नीता ने कहा।
 
तुम्हें कैसे मालूम कि वो आयेगी?” मैंने पूछा।
 
तो तुम्हें नहीं मालूम???????” शबनम ने नीता की तरफ मुड़ कर पूछा, तो तुमने राज को कुछ भी नहीं बताया?” नीता ने ना में सिर हिला दिया।
 
मुझे क्या नहीं मालूम, चलो साफ साफ बताओ कि बात क्या है, मैंने कहा।
 
ठीक है! मैं तुम्हें बताती हूँ!!! शबनम ने कहा,हमारी कंपनी आज से १५ साल पहले मिस्टर संजय ने शुरू की थी। वो इंसान अच्छे थे पर उनकी पॉलिसीज़ गलत थी। इसलिये कंपनी में मुनाफा कम होता था और हम लोगों की सैलरी भी कम थी। मगर मिस्टर संजय की डैथ एक प्लेन क्रैश में हो गयी और सारा भार उनकी विधवा मिसेज योगिता पर आ गया। शुरू में तो वो सब काम संभालती थी पर बाद में उन्हें लगा कि ये उनके बस का नहीं है.... सो उन्होंने अपने रिश्तेदार मिस्टर रजनीश को कंपनी का एम-डी बना दिया।
 
मिस्टर रजनीश काफी पढ़े लिखे हैं और होशियार भी। थोड़े ही सालों में कंपनी का प्रॉफिट बढ़ने लगा। जैसे मुनाफा बढ़ा हम लोगों की सैलरी भी बढ़ गयी।
 
कम ऑन शबनम!!! ये सब मुझे मालूम है, मुझे वो बताओ जो मुझे नहीं मालूम है। मैंने कहा।
 
ठीक है मैं बताती हूँ, नीता ने कहा, अपने एम-डी चुदाई के बहुत शौकीन हैं। जब हम नये ऑफिस में शिफ़्ट हुए तो उन्होंने चूतों की खोज करनी शुरू कर दी। इस काम के लिये उन्हें मिस्टर महेश मिल गये।
 
तुम्हारा मतलब अपने मिस्टर महेश?” मैंने पूछा।
 
हाँ वही!!! नीता ने सहमती में कहा।
 
क्या औरतों ने बुरा नहीं माना?” मैंने पूछा।
 
शुरू में माना पर एम-डी ने एकदम क्लीयर कर दिया कि नौकरी चाहिये तो चुदाना पड़ेगा। इसलिये वो शादी शुदा औरतों को ही रखता था जिससे किसी को कोई शक ना हो, नीता ने कहा।
 
तुम्हारे कहने का मतलब कि ऑफिस की सभी लेडिज़ चुदवाती हैं?” मैंने पूछा।
 
हाँ सभी चुदवाती हैं राज! देखो... एक तो सैलरी भी डबल मिलती है, और काम भी अच्छा है। ऐसी नौकरियाँ रोज़ तो नहीं मिलती ना। और अगर ऐसी नौकरी के लिये एक दो बार चुदवाना भी पड़ गया तो क्या फ़रक पड़ता है, नीता ने कहा।
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RE: तरक्की का सफ़र - by rohitkapoor - 24-04-2020, 02:39 AM



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