24-04-2020, 02:38 AM
मैंने जोर से अपना लंड उसकी गाँड में घुसाया। “ओहहहहहह राज! जरा धीरे डालो, दर्द होता है, थोड़ा सा प्यार से घुसेड़ो ना”, वो दर्द से करहाते हुए बोली।
मैं धीरे-धीरे उसकी गाँड में अपना लौड़ा अंदर बाहर करने लगा। अब उसे भी मज़ा आने लगा था। किसी की गाँड मारने का मेरा पहला अनुभव था पर मुझे भी अच्छा लग रहा था। मैं जोर-जोर से अब उसकी गाँड मार रहा था। वो भी घोड़ी बनी हुई पूरा मज़ा ले रही थी, साथ ही अपनी चूत को अँगुली से चोद रही थी।
थोड़ी ही देर में मैंने अपने लंड की पिचकारी उसकी गाँड में कर दी। उसकी गाँड मेरे पानी से भर सी गयी थी और बूँदें ज़मीन पर चू रही थी।
मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देख कर वो बोली, “कैसा लगा? अब कौन से छेद को चोदना चाहोगे?”
“गाँड को”, मैंने हँसते हुए जवाब दिया।
समय के साथ साथ नीता और मेरा रिश्ता बढ़ता गया। साथ-साथ ही शबनम का शक भी बढ़ रहा था।
एक दिन शाम को जब मैं नीता के कपड़े उतार रहा था तो उसी समय दरवाजे पर घंटी बजी। मैंने दरवाजा खोला तो शबनम को वहाँ पर खड़े पाया। मैंने उसे अंदर आने से रोकना चाहा पर वो मुझे धक्का देती हुई अंदर घुस गयी। जब उसने नीता को बिस्तर पर सिर्फ सैंडल पहने नंगी लेटे देखा तो बोली, “अब समझी... तुम दोनों के बीच क्या चल रहा है, तो मेरा शक सही निकला।”
शबनम को वहाँ देख कर नीता नाराज़ हो गयी, “तुम यहाँ पर क्यों आयी हो, हमारा मज़ा खराब करने?”
“अरे नहीं यार मैं मज़ा खराब करने नहीं बल्कि तुम लोगों का साथ देने और मज़ा लेने आयी हूँ।” ये कहकर वो अपने कपड़े उतारने लगी।
शबनम का बदन देख कर लगता नहीं था कि वो ४० साल की है। उसकी चूचियाँ काफी बड़ी-बड़ी थी। निप्पल भी काले और दाना मोटा था। उसकी चूत पर हल्के से तराशे हुए बाल थे जो उसे और सुंदर बना रहे थे। उसका नंगा जिस्म और लंबी गोरी टाँगें और पैरों में गहरे ब्राऊन रंग के हाई हील के सैंडल देख कर ही मेरा लंड तन गया था।
“राज! आज इसकी चूत और गाँड इतनी जोर-जोर से चोदो कि इसे नानी याद आ जाये कि मोटे और तगड़े लंड से चुदाने से क्या होता है”, नीता ने कहा।
मैंने शबनम को बिस्तर पर लिटाकर उसकी टाँगों को घुटनों के बल मोड़ कर उसकी छाती पर रख दिया, और एक जबरदस्त झटके से अपना पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया।
“ओहहहहह..... राज.... तुम्हारा लंड कितना मोटा और लंबा है। मेरी चूत को कितना अच्छा लग रहा है। डार्लिंग अब जोर से चोदो, फाड़ डालो इसे”, वो मज़े लेते हुए बोल पड़ी।
मैंने अपना लंड बाहर खींचा और जोर के झटके से अंदर डाल दिया।
“याआआआआआ हाँआँआँआँ ऐसे..... एएएएएए.... चोदो....ओओओ, जोर से”, उसके मुँह से सिसकरी भरी आवाज़ें निकल रही थी।
थोड़ी देर में वो भी अपने चूतड़ उछाल कर मेरे धक्के से धक्का मिलाने लग गयी। उसकी साँसें मारे उन्माद के उखड़ रही थी।
“ओहहहहहह राज...... जोरररररर...... से जल्दीईईईईईई जल्दीईईईईई डालो.... मेरा अब छूटने वाला है..ऐऐऐऐ। प्लीज़ जोर से चोदो...ओओओओ”, इतना कहकर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो निढाल पढ़ गयी।
मैंने भी अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और दो धक्के मार कर उसे कस कर अपने से लिपटा कर अपने पानी की पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी। लगा जैसे मेरा लंड उसकी बच्चे दानी से टकरा रहा था।
जब हमारी साँसें संभलीं तो उसने मुझे बाँहों में भरते हुए कहा, “ओह राज, मज़ा आ गया। आज तक किसी ने मुझे ऐसे नहीं चोदा है, ऑय लव यू डार्लिंग।”
“क्यों क्या तुम्हारा शौहर तुम्हें नहीं चोदता?”
“चोदता है! लेकिन हफ़्ते में एक बार। वो अब बुढा हो गया है, दो मिनट में ही झड़ जाता है और मेरी चूत प्यासी रह जाती है। मुझे जोरदार चुदाई पसंद है जैसे तुम करते हो”, शबनम बोली।
शबनम ने मुझे नीता पर ढकेलते हुए कहा, अब तुम नीता को चोदो.... “हमारी चुदाई देख कर इसकी चूत म्यूंसिपल्टी के नल की तरह चू रही है।”
“नहीं राज, आज शबनम को तुम्हारे लंड का मज़ा लेने दो। मैं तो कईं महीनों से मज़ा ले रही हूँ”, नीता ने जवाब दिया।
“ओह नीता! तुम कितनी अच्छी हो...” ये कह कर शबनम मेरे लंड को सहलाने लगी। मैं भी उसके मम्मे दबा रहा था। उसके मुँह से सिसकरी निकल रही थी।
“ओह राज! अब नहीं रहा जाता, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो”, वो कहने लगी।
मैंने अपना लौड़ा जोर से उसकी चूत में डाल दिया और जोर से उसे चोदने लगा। थोड़ी देर में ही हम दोनों का पानी छूट गया।
जब हम चुदाई करके अलग हुए तो नीता बोली, “राज! अब शबनम की गाँड मारो।”
“ठीक है! मैं इसकी गाँड भी मारूँगा पहले मेरे लंड को फिर से खड़ा तो होने दो, तब तक तुम जा कर वेसलीन क्यों नहीं ले आती”, मैंने कहा।
“शबनम क्या तुम्हें वेसलीन की जरूरत है?” नीता ने शबनम से पूछा।
मैं धीरे-धीरे उसकी गाँड में अपना लौड़ा अंदर बाहर करने लगा। अब उसे भी मज़ा आने लगा था। किसी की गाँड मारने का मेरा पहला अनुभव था पर मुझे भी अच्छा लग रहा था। मैं जोर-जोर से अब उसकी गाँड मार रहा था। वो भी घोड़ी बनी हुई पूरा मज़ा ले रही थी, साथ ही अपनी चूत को अँगुली से चोद रही थी।
थोड़ी ही देर में मैंने अपने लंड की पिचकारी उसकी गाँड में कर दी। उसकी गाँड मेरे पानी से भर सी गयी थी और बूँदें ज़मीन पर चू रही थी।
मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देख कर वो बोली, “कैसा लगा? अब कौन से छेद को चोदना चाहोगे?”
“गाँड को”, मैंने हँसते हुए जवाब दिया।
समय के साथ साथ नीता और मेरा रिश्ता बढ़ता गया। साथ-साथ ही शबनम का शक भी बढ़ रहा था।
एक दिन शाम को जब मैं नीता के कपड़े उतार रहा था तो उसी समय दरवाजे पर घंटी बजी। मैंने दरवाजा खोला तो शबनम को वहाँ पर खड़े पाया। मैंने उसे अंदर आने से रोकना चाहा पर वो मुझे धक्का देती हुई अंदर घुस गयी। जब उसने नीता को बिस्तर पर सिर्फ सैंडल पहने नंगी लेटे देखा तो बोली, “अब समझी... तुम दोनों के बीच क्या चल रहा है, तो मेरा शक सही निकला।”
शबनम को वहाँ देख कर नीता नाराज़ हो गयी, “तुम यहाँ पर क्यों आयी हो, हमारा मज़ा खराब करने?”
“अरे नहीं यार मैं मज़ा खराब करने नहीं बल्कि तुम लोगों का साथ देने और मज़ा लेने आयी हूँ।” ये कहकर वो अपने कपड़े उतारने लगी।
शबनम का बदन देख कर लगता नहीं था कि वो ४० साल की है। उसकी चूचियाँ काफी बड़ी-बड़ी थी। निप्पल भी काले और दाना मोटा था। उसकी चूत पर हल्के से तराशे हुए बाल थे जो उसे और सुंदर बना रहे थे। उसका नंगा जिस्म और लंबी गोरी टाँगें और पैरों में गहरे ब्राऊन रंग के हाई हील के सैंडल देख कर ही मेरा लंड तन गया था।
“राज! आज इसकी चूत और गाँड इतनी जोर-जोर से चोदो कि इसे नानी याद आ जाये कि मोटे और तगड़े लंड से चुदाने से क्या होता है”, नीता ने कहा।
मैंने शबनम को बिस्तर पर लिटाकर उसकी टाँगों को घुटनों के बल मोड़ कर उसकी छाती पर रख दिया, और एक जबरदस्त झटके से अपना पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया।
“ओहहहहह..... राज.... तुम्हारा लंड कितना मोटा और लंबा है। मेरी चूत को कितना अच्छा लग रहा है। डार्लिंग अब जोर से चोदो, फाड़ डालो इसे”, वो मज़े लेते हुए बोल पड़ी।
मैंने अपना लंड बाहर खींचा और जोर के झटके से अंदर डाल दिया।
“याआआआआआ हाँआँआँआँ ऐसे..... एएएएएए.... चोदो....ओओओ, जोर से”, उसके मुँह से सिसकरी भरी आवाज़ें निकल रही थी।
थोड़ी देर में वो भी अपने चूतड़ उछाल कर मेरे धक्के से धक्का मिलाने लग गयी। उसकी साँसें मारे उन्माद के उखड़ रही थी।
“ओहहहहहह राज...... जोरररररर...... से जल्दीईईईईईई जल्दीईईईईई डालो.... मेरा अब छूटने वाला है..ऐऐऐऐ। प्लीज़ जोर से चोदो...ओओओओ”, इतना कहकर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो निढाल पढ़ गयी।
मैंने भी अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और दो धक्के मार कर उसे कस कर अपने से लिपटा कर अपने पानी की पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी। लगा जैसे मेरा लंड उसकी बच्चे दानी से टकरा रहा था।
जब हमारी साँसें संभलीं तो उसने मुझे बाँहों में भरते हुए कहा, “ओह राज, मज़ा आ गया। आज तक किसी ने मुझे ऐसे नहीं चोदा है, ऑय लव यू डार्लिंग।”
“क्यों क्या तुम्हारा शौहर तुम्हें नहीं चोदता?”
“चोदता है! लेकिन हफ़्ते में एक बार। वो अब बुढा हो गया है, दो मिनट में ही झड़ जाता है और मेरी चूत प्यासी रह जाती है। मुझे जोरदार चुदाई पसंद है जैसे तुम करते हो”, शबनम बोली।
शबनम ने मुझे नीता पर ढकेलते हुए कहा, अब तुम नीता को चोदो.... “हमारी चुदाई देख कर इसकी चूत म्यूंसिपल्टी के नल की तरह चू रही है।”
“नहीं राज, आज शबनम को तुम्हारे लंड का मज़ा लेने दो। मैं तो कईं महीनों से मज़ा ले रही हूँ”, नीता ने जवाब दिया।
“ओह नीता! तुम कितनी अच्छी हो...” ये कह कर शबनम मेरे लंड को सहलाने लगी। मैं भी उसके मम्मे दबा रहा था। उसके मुँह से सिसकरी निकल रही थी।
“ओह राज! अब नहीं रहा जाता, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो”, वो कहने लगी।
मैंने अपना लौड़ा जोर से उसकी चूत में डाल दिया और जोर से उसे चोदने लगा। थोड़ी देर में ही हम दोनों का पानी छूट गया।
जब हम चुदाई करके अलग हुए तो नीता बोली, “राज! अब शबनम की गाँड मारो।”
“ठीक है! मैं इसकी गाँड भी मारूँगा पहले मेरे लंड को फिर से खड़ा तो होने दो, तब तक तुम जा कर वेसलीन क्यों नहीं ले आती”, मैंने कहा।
“शबनम क्या तुम्हें वेसलीन की जरूरत है?” नीता ने शबनम से पूछा।