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Incest शादीशुदा चचेरी बहन को चोदा उनके घर में
#21
सहवास





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चचेरी बहन के साथ सहवास : रमन



मैं रमन, उम्र २३ वर्ष, कद ५’१० इंच, चौड़ी छाती तो कसरती बदन साथ ही १४ सेंटीमीटर लंबा लन्ड साथ में मोटा भी लेकिन मैं किसी कलयुगी भाई की तरह बहन के साथ ही सहवास कर लिया वैसे मेरी चचेरी बहन रिमझिम, उम्र २२ वर्ष तो गोरा रंग, बदन छरहरा तो चूचियां मध्यम आकार की साथ ही चूतड गोल और खरबूजे की तरह उसकी फांकें तो चूत लालिमा लिए शादीशुदा थी और मैं उस पर डोरे डाला तो वो भी राजीखुशी मेरे साथ सेक्स कर ली और फिर दोनों ने देर रात छत पर संभोग क्रिया करने का प्लान किया, शाम को मार्केट से लौटते वक्त उसके लिए गर्भ निरोधक गोलियां ले लिया था और फिर रात के ०९:३० बजे मैं अपने बरामदे पर से देखा की वो खाना खाकर रूम में जा रही है तो मैं भी खाना खाया फिर रूम में जाकर लेट गया, दोनों एक दूसरे का मोबाइल नंबर ले चुके थे और मैं उसके मेसेज के अनुसार उसके घर की छत पर जाता, वैसे भी ठंड की मौसम थी लेकिन वसंत ऋतु का आगमन होने पर था और मैं तकिया के पास मोबाइल रख लेट गया और कुछ देर बाद मेरी आंखें बंद हो गई। मेरी नींद तेज पिसाब लगने से खुली और मैं उठकर पहले मोबाइल देखा तो दस मिनट पहले बहन ने छत पर आने का मेसेज किया था और मैं पहले मेसेज का जवाब दिया फिर फ्रेश हुआ, अपने रूम से निकला तभी रात के ११:२० बजे थे और घर के सारे लोग सो रहे थे तो मैं चाचा जी के बरामदे पर आया फिर सीढ़ी से छत पर चला गया और देखा की छत पर रिमझिम नहीं है तो मैं वहीं बैठ गया, छत पर एक लकड़ी की बेड रखी हुई थी और मैं उस पर बैठ रिमझिम को मेसेज करता की सीढ़ी पर किसी के आने की आहट हुई और मैं सीढ़ी के दूसरी तरफ जाकर छिप गया ताकि कोई दूसरा हो तो छिपकर निकल जाए लेकिन देखा की रिमझिम ही थी और उसके हाथ में बिस्तर और पानी की बोतल थी तो मैं उसके सामने आया, वो बिस्तर बेड पर रखी और मैं बेड पर बिस्तर लगाया, रिमझिम स्कर्ट और टॉप्स पहन रखी थी, फिर वो बेड पर बैठी तो मैं उसके सामने बैठा और चांदनी रात में उसके चमकते चेहरे को देख चूमने लगा लेकिन वो मुझसे लिपट कर चुम्मा देने लगी तो मैं उसको बाहों में भर चेहरा चूमने लगा, दोनों एक दूसरे से लिपटे थे और फिर मैं रिमझिम के रसीले ओंठ पर ओंठ रख चुम्बन देने लगा तो वो मेरे गर्दन में हाथ डाले मेरे मुंह में ही ओंठ घुसाई जिसे मैं चूसता हुआ उसके कमर में हाथ डाला और वो मेरे गोद में बैठ गई फिर तो मैं उसके स्कर्ट को कमर तक उठाया और चूतड को सहलाने लगा फिर रिमझिम मेरे मुंह से ओंठ निकाल ली और गाल चूमने लगी तो मैं उसके चूतड के दरार में उंगली रगड़ने लगा, वो फुल साईज की पेंटी पहन रखी थी और मैं उसके पेंटी के ऊपर से ही चूत को रगड़ने लगा तो वो बोली ” तुम मुझसे क्या चाहते हो पहले ही समझ गई थी लेकिन ऐसे सम्बन्ध अच्छे नहीं होते
( मैं उसके टॉप्स को गर्दन से बाहर निकाल दिया तो उसकी चूचियां नग्न थी जिसे मैं पुचकारने लगा ) मालूम है लेकिन ऐसे संबंध छुपकर बनाए जाएं तो क्या दिक्कत ” और मैं उसे बेड पर लिटाया फिर उसके ओंठ को चूमने लगा साथ ही बूब्स दबा रहा था तो वो खुद ही स्कर्ट को कमर से नीचे कर दी तो मैं उसके गाल चूम रहा था की वो बोली ” पहले मेरी जीभ चूसो रमन इस काम में तुम नए हो और मैं अनुभवी ” मैं उसकी पेंटी उत्तर नग्न कर दिया, चांदनी रात में उसकी निखरी बदन मुझे उत्तेजित कर रही थी फिर मैं मुंह खोल रिमझिम के जीभ को चूसने लगा साथ ही चूची को दबाने लगा, शादी के बाद तो इसकी चूची दुगुनी बड़ी हो गई थी और मैं कुछ देर जीभ चूसा फिर रिमझिम मेरे पैजामा की डोरी खोल मेरे लन्ड को पकड़ सहलाने लगी और मैं उसके चूची को पकड़ मुंह में भर चूसने लगा तो रिमझिम मेरे लन्ड को इस कदर सहला रही थी मानो गाय के थन से दूध निकाल रही हो और मैं चूची चूसता हुआ मस्त थी की बहन आहें भरने लगी ” आह उह ओह आआआह्ह्ह चूत में खुजली हो रही है





( मैं चूची मुंह से निकाल दिया ) तो घुसा दूं
( मैं हंस दी ) बिल्कुल ही गंवार हो क्या पहले चूची चूसो फिर बदन चूमो फिर मेरी चूत को तब तेरे लन्ड को चूसिंगी फिर घुसाना ” मैं तो सेक्स में नया ही था और अब उसके दूसरे चूची को मुंह में लिए चूसने लगा, उसका गोरा चेहरा सेब की तरह लाल हो चुका था तो मैं चूची मुंह से निकाल उसके सपाट पेट से लेकर कमर तक को चूमने लगा। रिमझिम अपने जांघ पर जांघ चढ़ाए लेटी थी तो मैं उसके कमर तक को चूम लिया फिर उसकी जांघों को चूमने लगा तो वो जांघों को खुद फेलाने लगी, अब मैं जांघ चूम उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो वो आहें भर रही थी ” आह उह उई आउच ” बुर में उंगली डाल कुरेदने लगा और वो कामुक हो चुकी थी फिर मैं उसकी चूत पर मुंह लगाए चुम्बन देने लगा, उसकी चूत की फांकें मोटी तो दरार फैली हुई साथ ही बुर पर हलके रोएं उग आए थे तभी मैं बुर को फैलाया और उसमें जीभ घुसाए चाटने लगा तो रिमझिम चूतड को थोडा उपर करने ल्धी ” आह उह उई बुर में कितनी गुदगुदी हो रही है रमन अब जल्दी से चाट कर उसका रस निकाल दे ” मैं बुर को चाटा तो योनि से मूत्र की बदबू आ रही थी सो जीभ निकाला फिर उंगली डाल कुरेदने लगा और चूत के ऊपरी हिस्से को जीभ से चाटता हुआ मस्त था, मेरा लन्ड तो टाईट होकर चूत में जाने को तैयार था लेकिन अभी रिमझिम मेरा लन्ड चूसती उसके बाद ही चूदाई का मजा लेना था, ” उह आह ओह मेरा निकल गया ” वो बोली तभी उंगली को चूत के रस का एहसास मिला और मैं बुर से उंगली निकाल छत के किनारे पर जाकर मूतने लगा फिर पानी से लन्ड धोकर बेड पर बैठा तो वो मुझे लिटा दी और फिर मेरे कमर के पास बैठ लन्ड पकड़े चूमने लगी, लन्ड का चमड़ा नीचे कर सुपाड़ा को ओंठ पर रगड़ते हुए मुंह खोली और मुंह में लन्ड लिए चूसने लगी, मैं तो ये सब पोर्न वीडियो में देखा था लेकिन हकीकत में बहुत मजा आ रहा था और फिर रिमझिम मेरे लन्ड मुंह में लिए चूसने लगी तो मैं तड़प उठा ” आह उह उई चूस चूस साली रण्डी मुझे बहुत मजा आ रहा है ” तो रिमझिम अब मुंह का झटका देते हुए मुखमैथुन का मजा देने लगी, मैं हाथ बढ़ाए उसके चूची को पकड़ दबाने लगा और उसका चेहरा देख समझ गया की वो काम वासना की दुनिया में खो चुकी है तो मैं अब उसके मुंह में ही धक्का देने लगा और वो लन्ड को कुछ देर में मुंह से निकाल ली फिर जीभ से चाटना शुरू की तो मैं अब चूदाई को आतुर था फिर रिमझिम नंगे ही छत के कोने में गई और बैठकर छर छर मूतने लगी, बुर को पानी से धोकर आई फिर बेड पर लेट जांघें फैलाई तो मैं उसकी चूत में उंगली की मदद से दवाई डालना चाहा तो वो हाथ पकड़ ली ” अबे साले दवाई आराम से घुसा ” फिर वो गर्भ निरोधक दवाई घुसाया और मेरी बगल में लेट मेरे गाल चूमने लगा तो मैं उसके पीठ सहलाने लगी ” शाम को तो बिना दवाई डाले चोदा था यदि पेट से हुई ना तो फिर सोचना ” वो चुप रहा और मैं लेटी रही, वो मेरे चेहरे और ओंठ को चूमता हुआ मस्त था तो फिर मैं अब रिमझिम को चित लिटाया फिर उसकी जांघों के बीच लन्ड पकड़े बैठ गया, अब सुपाड़ा सहित थोड़ा लन्ड चूत में डाल दिया फिर जोर से धक्का मार चोदने लगा तो रिमझिम के चेहरे पर कोई दर्द नहीं था आखिर वो पुरानी चुदक्कड हो चुकी थी और मैं धकाधक चूदाई करता हुआ उसके जिस्म पर लेट गया तो रिमझिम मेरे गाल चूम बोली ” कल मार्केट जाओगे तो एक प्रेगा किट ले आना ताकी पता कर सकूं की कहीं पेट से तो नहीं हो गई







( मैं चोदता हुआ ) अब चूतड उछाल तो सही मेरी रानी ” रिमझिम चूतड उछालना शुरू की तो मैं उसके मखमली बदन पर लेट धक्का दिए जा रहा था और फिर वो चूतड उछाल उछाल कर चुदाने में मस्त थी तो दोनों छत पर ही सम्भोग सुख ले रहे थे, मेरा लन्ड तो टाईट होकर लोहे का रॉड हो चुका था तो बहन की चूत गर्म हो चुकी थी और वो ” आह उह उई आआआआह और तेज चोद चोदकर मुझे रण्डी बना दे ” मैं तो अब झड़ने के करीब था और उसकी चूदाई करता हुआ हांफने लगा तो रिमझिम चूतड स्थिर किए चूदाई का आनंद ले रही थी और फिर वो कुछ देर में ही चूत में वीर्य स्खलित कर मेरे ऊपर लेटा रहा, कुछ देर बाद दोनों अलग हुए और मैं बुर को पानी से धोकर कपड़ा पहनी फिर अपने रूम में जाकर सो गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#22
दीदी की कामुक जेठानी को चोदा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#23
चचेरी बहन के साथ ओरल सेक्स फिर चुत चुदाई











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मेरी उम्र 36 साल है, मैं शादीशुदा और दो बच्चों का पिता हूँ. मेरी पत्नी सुन्दर और बहुत ही सुशील है और मेरा बिस्तर में पूरा साथ देती है. परन्तु मुझे अपनी पत्नी के अलावा भी और किसी से सेक्स करने की इच्छा होती है, खासकर अपनी रिश्तेदारी में कमसिन और कुंआरी लड़कियां से.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#24
एक दिल्ली की मल्टिनेशनल कंपनी में काम करता हूँ और उसी कंपनी में मेरी बहन सरिता जो कि मेरे सगे चाचा जी की लड़की है, वो भी अलग डिपार्टमेंट में काम करती है. उसकी उम्र लगभग 22 साल की है.. वह बहुत ही आकर्षक है.

चाचा जी उसकी शादी के लिए लड़का देख रहे हैं. वह मेरे घर से 3 किलोमीटर पहले एक कॉलोनी में अपनी एक सहेली के साथ, जो कि उसके साथ ही कंपनी में काम करती है, एक डबल रूम फ्लैट में रहती है. दोनों एक साथ ही ऑटो से आना जाना करती हैं. सरिता कभी कभी वीकेंड में हमारे साथ समय बिताने घर आ जाती है.

बात जब की है सर्दियों की छुट्टियों के चलते मेरी पत्नी बच्चों को लेकर अपने मायके गई हुई थी. मैं अकेला ही घर पर रह रहा था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#25
उसी दिन ऑफिस में मेरे इण्टरकॉम पर मेरी बहन सरिता का फ़ोन आ गया कि भैया आज मुझे ऑफिस के बाद रास्ते में घर पर ड्राप कर देना.
मैंने पूछा- आज तुम अपनी फ्रेंड के साथ नहीं जाओगी क्या?
उसने बताया कि उसकी फ्रेंड की माँ की तबियत ख़राब के कारण वो अपने घर चली गई है.
मैंने कहा- ठीक है शाम को मैं तुम्हें घर छोड़ दूंगा.

शाम को ऑफिस की छुट्टी के बाद वो मुझे ऑफिस के नीचे मिली. मैंने देखा आज मौसम काफी सर्द और बारिश का सा था. वो मेरे पीछे बाइक पर दोनों तरफ पैर करके आराम से बैठ गई. अभी हम थोड़ा आगे ही चले थे कि आगे एक ट्रैफिक जैम में फँस गए और अचानक तेज बारिश शुरू हो गई. हम जैम में फंसे होने के कारण पानी हमको भिगोने लगा और कुछ ही देर में हमारे कपड़े पूरी तरह भीग चुके थे. ऊपर से सर्दी का मौसम कहर ढा रहा था. किसी तरह धीरे धीरे बाइक आगे बढ़ रही थी. सरिता का भीगा बदन और उसकी तनी हुई चूचियाँ मेरी पीठ को पीछे से छूकर अन्दर ही अन्दर मेरी सेक्स की भावना को भड़का रही थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#26
मेरा लंड उत्तेजित होकर मेरी पैंट से बाहर आने को तैयार हो उठा था. किसी तरह हम सरिता के फ्लैट पर पहुंचे, तो उसने घर में चलने को कहा.
मैंने मना कर दिया ।

मैं सरिता को उतार कर अभी कुछ आगे गया ही था कि सरिता का फ़ोन आ गया और उसने बताया कि उसके फ्लैट की चाभी ऑफिस की टेबल पर ही छूट गई है और बारिश तेज होने के कारण चाभी ऑफिस से लाना मुश्किल है.

तभी मेरे मन में एक ख्याल आया कि क्यों न सरिता की जवानी का स्वाद चखा जाए. यही सोचकर मैंने सरिता को अपने साथ अपने फ्लैट पर चलने को कहा और वो तैयार हो गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#27
मैं वापस लौट कर उसे अपने साथ फिर से बाइक पर बैठा कर अपने घर की तरफ चल दिया. अबकी बार मैंने बाइक के ब्रेक जानबूझ कर ज्यादा लगाए ताकि मैं उसकी चुचियों को ज्यादा अपनी पीठ पर रगड़वा सकूं.
अपने फ्लैट पर पहुंचने से पहले मैंने रास्ते से कुछ सामान रात को खाने का और अपने लिए एक बोतल व्हिस्की की ले ली, साथ में सरिता के लिए भी वोदका ले ली.

हम मेरे फ्लैट पर पहुंचे तो सरिता ने देखा की फ्लैट पर ताला लगा है, तो उसने पूछा कि भाभी और बच्चे किधर हैं?
तो मैंने बताया कि वो तो अपने नाना नानी के घर गए हैं.

हम फ्लैट में अन्दर गए, तब तक हम दोनों पूरी तरह भीगे हुए थे. मैंने सरिता को एक तौलिया दे दिया और जिस रूम में उसे कपड़े बदलने थे, उसमें मैंने चुपचाप जाकर एक छोटा सा कैमरा फिट कर दिया और सरिता को अपनी बीवी की एक पतली सी ट्रांसपेरेंट नाइटी दे दी.

झीनी सी नाइटी देख कर वो मेरी तरफ देख कर हल्के से मुस्करा उठी और वो उस कमरे को लॉक करके कपड़े चेंज करने लगी. मैं दूसरे कमरे में अपने अन्दर फिट किये कैमरे को लैपटॉप से जोड़ कर सरिता को कपड़े चेंज करते देखने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#28
सरिता ने पहले अपनी जींस और टॉप उतारा. उसे केवल ब्रा और पेंटी में देख कर मेरा लंड सलामी देने लगा. इसके बाद उसने अपनी ब्रा और पेंटी भी उतार दी और पूरी तरह नंगी हो गई. कैमरा जो कि मैंने कमरे में ऐसे एंगल से छुपाया था कि सब कुछ साफ नज़र आ रहा था.
सरिता जो कि मेरी चचेरी बहन थी, उसे नंगी देख कर मेरा लंड जबरदस्त हिचकोले खाने लगा. मुझे अपने आप पर यकीन नहीं हो रहा था कि मैं उसे कभी इस तरह नंगी देख पाऊँगा. उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल नज़र आ रहे थे, जैसे उसने अभी कुछ दिन पहले ही चूत की झांटें साफ़ की हों. उसका गोरा बदन और गोरी गोरी चूचियां देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं फटाफट अपना लंड निकाल कर सरिता को ध्यान करके मुठ मारने लगा.
जैसे ही मेरे लंड ने माल फेंका, इतने में सरिता भी नाइटी पहन कर बाहर आ गई. शायद सरिता ने मुझे देख लिया था, पर उसने इग्नोर कर दिया. 

मैंने देखा सरिता नाइटी में बहुत खूबसूरत लग रही थी और नाइटी पारदर्शी होने के कारण उसका गोरा बदन साफ नज़र आ रहा था. मैं तिरछी नज़रों से सरिता को निहार रहा था और ये बात सरिता ने भी नोटिस की थी, पर उसने हल्की स्माइल के साथ मुझे अनदेखा कर दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#29
अब हम दोनों सोफे पर बैठ कर बात करने लगे. बीच बीच में मेरा ध्यान बार बार सरिता की पारदर्शी नाइटी के अन्दर जा रहा था. ये बात सरिता नोट कर रही थी और साथ में स्माइल भी कर रही थी.

फिर मैंने सरिता से खाने के बारे में पूछा तो बोली- आप खाना तो लाए हो ना.
मैंने कहा कि हां लेकिन अभी रात के 8 बजे हैं और मैं तो लेट खाता हूँ.
उसने कहा- कोई बात नहीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#30
मैंने सरिता से कहा- सरिता तू बड़ी सेक्सी है.
सरिता भी बोली- हां, वो मैं आपकी नज़रों में देख चुकी हूँ.

हम दोनों धीरे धीरे बातों में खुलने लगे और मैंने नशे में बोल दिया कि सरिता यार तू मेरी बहन है, पर क्या आज बहन के अलावा कुछ और बन जाएगी?
सरिता बोली- बोलिए ना क्या बन जाऊं?
मैंने कहा- यार तेरी भाभी को गए कई दिन हो गए और मुझे बहुत आग लगी है.
सरिता बोली- कोई बात नहीं भैया, आज मैं आपकी प्यास बुझा दूंगी.

उसके इतना कहते ही मैंने उठ कर सरिता के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा. सरिता भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने उसको सोफे पर ही लिटा दिया और होंठ से होंठ चूसने लगा. साथ ही एक हाथ उसकी नाइटी के अन्दर डालकर उसके मम्मों को दबाने लगा और एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
सरिता आह आह करने लगी- आह.. भैया और रगड़ो भइया.. आह.. मजा आ रहा है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#31
इसके बाद मैं सरिता को उठा कर बैडरूम में ले आया और बिस्तर पर पटक कर अपने सारे कपड़े उतार दिए. सरिता की नाइटी भी उसकी जांघों से ऊपर कर दी.
सरिता की कुंवारी चूत अब मेरे सामने थी, जिस पर हल्के रोयें जैसे बाल थे

मैंने सरिता की जांघों को ऊपर की तरफ उठा कर उसकी चूत के होंठों को फैलाया और अपने होंठ सरिता की चूत के ऊपर रखकर चूसने लगा. साथ ही साथ बीच बीच में अपनी जीभ उसकी चूत में अन्दर तक डाल कर रगड़ देता था. मेरी बहन सरिता इस तरह उसकी चूत चूसने चाटने से बिल्कुल पागल सी हो गई और ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करने लगी.
वो बड़बड़ाने लगी- आह भैया मजा आ रहा है और अच्छी तरह चूसो..

वो मेरा सिर अपने हाथों से पकड़कर अपनी चूत पर रगडने लगी. उसकी चूत ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. मैंने उसकी चूत से निकले सारे पानी को अपनी जुबान से चाट लिया. मेरी बहन सरिता तो जैसे पागल हो गई. उसने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और आगे पीछे करने लगी.

जल्द ही हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और एक साथ ओरल सेक्स करने लगे . मैंने उसकी चूत पूरी तरह चाट चाट कर लाल कर दी और मेरी बहन मेरे लंड को चूसने में लगी थी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#32
बस अगले कुछ मिनट में मैंने उसको सीधा किया और उसकी चूत खोल कर अपना लंड लगा दिया. उसने मेरी तरफ आँख मारी तो मैंने धक्का लगा दिया.

सरिता की चीख निकल गई.. उसने मुझे रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन मेरे ऊपर तो चुदाई का भूत सवार था. कुछ देर बाद सरिता की चुत लंड खाने की अभ्यस्त हो गई और धकापेल शुरू हो गई.

करीब बीस मिनट तक मैंने सरिता की चुत की चुदाई अपने अनुभव के आधार पर रुक रुक कर की और अंत में अपना लंड का रस उसके मम्मों पर निकाल दिया. इसके कुछ देर बाद फिर से दो दो पैग लगाए और फिर से लंड चूत की कुश्ती शुरू हो गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#33
(05-07-2022, 11:34 AM)neerathemall Wrote:
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#34
Good story
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