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शादी की सालगिरह बहन के साथ
#1
Heart शादी की सालगिरह बहन के साथ Heart















Heart


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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
Big Grin यदि आप अकेले हैं ,तो वर्षगांठ का उत्सव मनाने कितना कठिन हो जाता है

समीर ने ठंडी साँस ले कर अपने को ही बेहद अकेला महसूस किया इस सालगिरह पर. ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उसकी पत्नी् समीरा प्रसव के लिए गई थी l
नई बंबई के उपनगरीय इलाके में छोटे से फ्लैट उसकी अनुपस्थिति में प्रेतवाधित घर की तरह लग रहा था ,उसने खुद को कोसा कि बच्चे के लिये जल्दी करने की क्या जरूरत थी ? मध्य दिसम्बर और सर्दियों का अद्भुत दिन था l
. वह खिड़की के बाहर हल्के कोहरे को अच्छी तरह से देख सकता हैl
याद आया कैसे उसके मन मे विषाद की हल्की रेखा ने जन्म लिया यह जानते हुए भी कि आज रात आफ़िस मे देर होगी ही, शायद बकाया काम उसके इस सद्य उठे विषाद से निजात दिलान मे मददगार साबित हो l

निराशा मे सिर हिलाते हुये ,उसने सोचा कि उसके पास अपनी छोटी बहन अस्मा से मिलने का वक्त ही नहीं बचा , जो लगभग एक घन्टे की ड्राइव की दूरी पर रह्ती हैl
पिछले साल शादी के तुरन्त बाद सर्दियों का सामना करने के लिए संघर्ष करना पड़ा l
अद्भुत थी यादें कि समीरा हमेशा आलिगंन्बद्ध रह्ती थी l

उसके मन मे विषाद की हल्की रेखा ने जन्म लिया यह जानते हुए भी कि आज रात आफ़िस मे देर होगी ही, शायद बकाया काम उसके इस सद्य उठे विषाद से निजात दिलान मे मददगार साबित हो l

निराशा मे सिर हिलाते हुये ,उसने सोचा कि उसके पास अपनी छोटी बहन आसिमा से मिलने का वक्त ही नहीं बचा , जो लगभग एक घन्टे की ड्राइव की दूरी पर रह्ती हैl


समीरा सालगिरह की बधाई के लिए कॉल करने वालों में पहली थी बार अब उसने गले मे एक निर्वात महसूस किया l पत्नी से बात की जो उसके पास से लगभग एक हजार किलोमीटर दूर है lबातचीत के बीच में समीरा  आवाज टूट रही थी उसे दिलासा दिलाना आसान नहीं था l

संक्षिप्त बातचीत के बाद, समीर और  अधिक अकेला महसूस कर रहा था और पहले की तुलना में उदास भी l बस , वह बाथरूम में प्रवेश करने जा रहा था कि टेलीफोन एक बार फिर बजा. दूसरे छोर से परिचित आवाज सुन कर अपने को सहज महसूस कियाl
दूसरे छोर पर आवाज. यह आसिमा थी l





.















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.



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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
Big Grin शादी की सालगिरह मुबारक  असिमा दूसरे छोर पर लगभग चिल्लाकर बोली


"धन्यवाद" समीर एक मुस्कानके साथ कह कर बधाई स्वीकार की
संयोग से मैं सिर्फ मिनट पहले तुम्हारे के बारे में सोच रहा था!


"मुझसे झूठ मत बोलो? " उसकी आवाज उसी उत्साह में लथपथ थी

"अरे ऎसा दिन है जब आपको अपनी बहन को याद नहीं करना चाहिए."

"अजीब बात है", समीर कुछ हद तकहल्के तौर पर वह हँसा l

"असल में मैं,"तुम्हें बुलाना चाह रहा था lमुझे आशंका है कि शायद हम लोग डिनर मे न मिल सके" l

मुझे आपसे इसी तरह है कि उम्मीद है असिमा ने हँसी से कहा l "मैं जानती हूँ कि अपनी नौकरी आपकी दूसरी पत्नी हैl

लेकिन, क्या आपको नहीं लगता है कि कम से कम महीने में एक बार तो मिल ही सकते हैं?
हम पास होकर भी दूर हैं. "

"सच है" समीर ने अपराध भावना के साथ स्वीकार किया. "मैं तुमसे नही मिल सका l
"

"इसी कारण मैं यहाँ हूँ" असिमा दूसरे छोर पर हँसी "मुड़ कर बाहर देखो l


समीर खिड़की की तरफ़ रवाना हुआ फिर गेट से असिमा को सेलुलर फोन पकड़े, आते हुए देखा . उनकी आँखों एक बार मिली और
गर्म मुस्कान का आदान - प्रदान कियाl समीर ने अपने
हैंडसेट बंद किया और दरवाजे की ओर भागा कि उसकी बहन अंदर आ जाओ उसने दाहिने हाथ आगे बढ़ाकर पहले दरवाजा खोला.

" सुखद आश्चर्य है!" समीर ने अपनी भावनाओ को प्रकट किए बिना ही मुस्कराया
वह अपनी बहन के विनम्र भाव  से अति प्रसन्न हुआ l घर जो अब तक बिखरे सन्नाटे सी बियावान लगा रहा था अब

अचानक असिमा की उपस्थिति के साथ जीवंत हो गया और
जल्द ही भाई बहन कुछ अजीब विचार विमर्श में तल्लीन हो गय
ज़ोर जोर से हँसी कह्कहे गूँजने लगे ,माहौल मे रौनक सी छागई l

"आपका अपने नाश्ते के बारे मे क्या विचार है?असिमा ने हँसी में पूछा l

वह जानती थी कि उसके भाई में रसोईघर में खड़े होने का धैर्य कभी नहीं था l












.














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#4
मस्त कहानियों में से एक किन्तु पोस्ट अधूरी मत छोड़ना।
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#5
कॉनटिनेंटल," समीर जोर से हँसा. "मक्खन के साथ ब्रेड." "मैंने भी यही सोचा था
Asma, "हँसी में शामिल हो गई, भाई के भावो से एक बार फिर
उसकी धारणा की पुष्टि हुई कि पुरुषों को रसोई घर के अंदर जाने से नफरत है ,
उसने अपने वैनिटी बैग से एक स्वच्छ पैकेट
खींच लिया जो अच्छी तरह से एक चमक पन्नी में लपेटा हुआ था.
समीर लगा उसमे जो भी है वह ब्रेड बटर से बेहतर ही होगा

” बहुत अच्छा है" समीर ने कहा सही मायने में असिमा की प्रशंसा की और
जल्द ही भाई बहन कुछ अजीब punctuated विचार विमर्श में तल्लीन हो गए


समीर अपनी बहन के चेहरे पर बात करते समय भावो मे आने वाले बदलाव को देख रहा था
यद्यपि असिमाउससे दो साल छोटी थी वह हमेशा अपने लंबे, घने और काले बालों की विशेष देख्भाल करती थी जो उसकी कमर के नीचे तक जाते थे l
सुबह सर्दियों हवा से बचाव के लिए उसने अपने चारों ओर एक सुर्ख लाल रंग का शाल लपेटा था l

वह अपने बाएं गाल पर डिम्पल के कारण हमेशा सुन्दर लगती थी विशेष रूप से जब वह मुस्कराती थी उसके
विवाहित जीवन के छह साल बाद भी स्तनों का आकार में अच्छी तरह से बना था l

[Image: archanagupta248.jpg]
ऐसी उदात्त सुंदरताके कारण परिवार में वह हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही l

घर बहुत खाली खाली लग रहा है,कह्ते हुए भाँप लिया कि उसने उसे निहारते हुए देख लिया है l

तुम्हारी अगली साल गिरह पर नन्हा मुन्ना भी आ जाएगा" कह्ते हुए असिमा ने अपना दाहिना हाथ उसकी गोद मे रख दिया .
समीर के लिए असज स्थिति उठ खड़ी हुई ,क्योंकि किशोरावस्था के बाद उन्होने एक दूसरे को छुआ भी न था l
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#6
"हाँ," समीर उसके सिर हिला बात की थी. "मैं इंतजार नहीं कर सकता." l

"मुझे यकीन है आप नहीं कर सकते हैं" असिमा हँसकर कहा l
"तुम हमेशा जल्दी बाजी मे रह्ते हो यही कारण है कि सलमा इतनी जल्दी गर्भवती हो गई l
उसके लिए यह एक सुखद टिप्पणी किसी भी प्रकार से नहीं थी फिर भी असिमा इस तरह की बाते अक्सर कर जाती थी l
समीर उसके वैवाहिक जीवन की निराशा से परीचित था l
हितेन उसका
पति व्यक्ति के रूप मे एक रत्न था. फिर भी हितेन अपने कारोबार की तुलना में
घर पर समय कम ही दे पाता था उसे अहसास था कि ही कि असिमा इस्से कुछ अधिक चाह्ती थी l
उस से थोड़ा बहुत ज्यादा की उम्मीद थी l

उसे आसानी से रिसेप्शनिस्ट रूप में एक नौकरी मिल गई l
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में है और जल्द ही रिसेप्शनिस्ट के तौर प्र ठेठ उद्यमी महिला साबित हुई l

समीरा की देख रेख मे कोई कमी नहीं आनी चाहिये,बाप बनने के बाद उसे ऐसे ही न छोड़ देना l
समीर जानता था कि अपनी किसियाहट छुपाने के लिए वह एस तरह का दिखावा कर रही है l
उसने सोचा कि उसे दिलासा दिलाना ठीक रहेगा-

’"तुम हितेन के बारे में, ऐसा ख्याल दिल मे न लाओ आखिरकार वह तुम्हारे परिवार की खुशी के लिये ही तो ये सब कर रहे हैं l
अच्छा ठीक है ,औपचारिकत्त की आव्श्य्कता नहीं है,खड़े होते हुए समीर ने कहा,तुम्हे गरमागरम काफ़ी पिलाता हूँ l
असिमा ने उसकी बाँह पकड़्कर सोफ़े में खींचते हुए कहा, अब तुम औपचारिक हो रहे हो l
तुम्हे ठंड नहीं लग रही है,समीर ने प्रश्न किया ,मुझे लगता है कि एक क्प काफ़ी हो जाए l
इतनी दूर से मैं यहाँ सिर्फ एक कप कॉफी, के लिए नहीं आई हूँ "असिमा
शरारत से मुस्कुराई. "मैं सालगिरह अपने भाई को अच्छा नाश्ता खिलाने आई हूँ l
. " नाश्ते के लिए बहुत जल्दी है" समीर ने कहा यह सोच कर है कि उसकी
बहन पैकेट के बारे मे बात कर रही है जो वह लेकर आई है l

तुम भी हितेन की तरह कददू(बुद्धू) हो,असिमा ने उसके निकट आते हुए फ़ुसफ़ुसाते हुए कहा ,तुम्हारे सामने खड़ी हूँ,जिन्दा ! इससे बढ़िया नाश्ता क्या होगा?

समीर उसकी इस बात से अचंभित रह गया l निश्चित रूप से उसकी इस बात का मतलब समझकर हैरान नहीं था यह सच है कि समीरा से शादी से पहले उसके उभारों पर उसकी नजर रहती थीऔर वे सपने अब भी कहीं दिल की गहराइयों में ताजा थे कि काश एक बार वह अपनी बहन को ...
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#7
अच्छा होगा कि मैं पार्सल खोल दूँ,कह कर अजीब तरह से मुस्कराते हुए कन्धे से खींच कर शाल उतार दिया l   अच्छी तरह से ढ्की गोलाइयों का अद्भुत नजारा समीर को पेश  किया जो भाव शून्य रूप से स्थिर हो कर बैठा था l

वह आलिव ग्रीन रंग का लो कट गले वाला चूड़ीदार सूट पहने थी जिसका 'v' कट गला कृत्रिम पत्थरों से सजा था l अद्भुत रेशम कढ़ाई आस्तीन और कंधों बाहोँ पर गजब ढा रही थी ,इन कपड़ो मे वह गजब की सुन्दर लग रही थी l उसके कुर्ते के दो बटन खुले थे जिनसे स्तनो के बीच की दरार की झलक मिलती थी l
उसके सुडौल आकार के स्तन के तीक्ष्ण किनारे इस बात की चुगली कर रहे थे कि उसने एकदम सही आकार की ब्रा पहन रखी है l
क्षणांश के लिए उसकी नजरें हवा में भटकने के बाद साहसपूर्वक उसके स्तनों पर जाकर ठहर गईं l
यह असामान्य क्षण उन दोनों के लिये रोमांचक क्षण था.




[Image: 7566%20b.jpg]
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#8
चित्रों से काम नहीं चलेगा चित्राजी, कृपया मस्त कहानी भी दीजिये।
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#9
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[Image: 6602787_013_0359.jpg][Image: 317711_02big.jpg]

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समीर उसकी बहन के विपरीत स्थिर बैठा हुआ था. उसने अपने पैरों  को उसके पैरों के पार डाल कर
वह उसके सीने् पर झुकती चली गई और कहा कि "मैं चाहती हूँ कि
आप मुझे एक दिन के लिएसमीरा मान लें  l

समीर तुरंत पशु प्रवृत्ति द्वारा जीत लिया गया. जैसे ही उसने उसकी ओर अपना सिर झुकाना शुरू किया समीर नेअपने हाथों से उसके सिर को पकड़ा और अपनी ओर खींच लिया.l


उनके होंठ एक्क दूसरे के होंठो मे दब रहे थे ,और समीर की जीभ उसके मुँह के भीतर भ्रमण कर रही थी l
तभी समीर ने झट्का खाया और अपनी बहन को साथ में खींच कर फर्श पर पसर गया l
वह समीर के सीने से चिपकी हुई थी , समीर का उभार उसके जघन- प्रदेश में घुस जाना चाहता था वे एक दूसरे से आलिंगन्बद्ध फ़र्श पर लोट रहे थे  l




[Image: 546939_05big.jpg]
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#10
समीर उसकी स्वचालित जिज्ञासा से चकित था जैसा कि उसने
बेसब्री से समीर के पायजामे के नाड़े को खोला और बहुत ही जल्दी से पजामे को खींच कर अलग कर दिया
वह एक अनुभवी सवार की तरह उस पर चढ़ गई और उसके कठोर शरीर पर धक्के लगाने लगी l जैसा ही वह आगे झुकी उसके लंबे बा्लों ने उसके चेहरे को ढ्क लिया और उसके बालो के इत्र की खुशबू ने उस पर विजय प्राप्त की l
उसने अपने सिर को बग़ल में कर के उसके चेहरे को बालों के आवरण से मुक्त कर दिया l
और अपने होठों को उसके मुंह पर मजबूती से आरोपित कर दिया l
उसका दाहिना हाथ उसके
बालों के मध्य मे विचरण कर रहा था और जबकि उसका बाँया हाथ उसके पेट पर उत्तेजना की लहरें उठा रहा था l
उसके सारे शरीर पर सनसनीखेज लहरें. उसकी ब्रा उसके सीने के नीचे रगड़ खा रही थी और कपड़े के माध्यम से उभड़नेवाला निपल्स में गुदगुदी लग रही थी l
[Image: 546939_05big.jpg]
उसके होंठो ने कामुक यात्रा की शुरूआत
गाल, ठोड़ी और कान को चाट्ने से हुई . समीर अंदर के दानव ने बंधन तोड़ दिये और उसके हाथ बेसब्री से नितंबों पर वासनात्मक रूप से चल रहे थे

[Image: 570653_03big.jpg]



[Image: 499425_05big.jpg]


. उसने अपनी बहन के बारे मे सभी विचार खो दिये थे फर्श पर उसे अपने नियंत्रण मे करने के लिए
उसके शरीर पर चढ़ गया वह भी पीछे नहीं थी और उसने भी समीर की
कमर के चारों पैर लपेट और उसे अपनी तरफ़ पूरी ताकत लगा कर खींच लिया. वह अभी भी कमर के नीचे कपड़े पहने हुए थी फिर भी अपने शरीर से समीर को धक्के लगा रही थी l
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#11
asimaa,असिमा समीर एक क्षण मुक्त होने में कामयाब हुआ और कहा "तुम आज से बेहतर महसूस करोगी
आप करने जा रहे हैं.l
मेरी जीभ तुम्हारी चूत को मजा देने जा रही है जब तुम मेरा घर छोड़ कर जा रही होगी तब तुम्हारे होठ दर्द कर रहेम होगें और तुम्हारी योनि की चौड़ाई कुछ बढ़ चुकी होगी l
"हाँ," असीमा ,उत्साह से चिल्ला कर कहा


. "मैं ऐसी बाते सुनने के लिए तरस गई हूँ प्यार की ऐसी बाते ,बस करते जाओ .l

समीर के नीचे की उत्तेजना बढती जा रही थी और उसकी टागों के बीच उसकी बहन के होने के अहसास मात्र से ही उसे उत्तेजना की सरस जगंली धारा बहती हुई महसूस हो रही थी l
उसकी नजरें
उन उभड़े स्तनों पर थीं, जो बंद ब्रा तड़क कर बाहर आने के लिये उतावले प्रतीत हो रहे थे . परिवार की जान,उसकी अपनी सेक्सी बहन उससे हर भी तरीके से चुदने के लिए तैयार थी l


समीर अपनी बहन के उन नाजुक होंठो को चबाने के प्रलोभन से बच न सका उसकी .

[Image: 567834_03big.jpg]

उसने तुरंत उसके साथ अपनी जीभ भिड़ा दी
यद्यपि वह उसके चुंबन का इंतज़ार कर रही थी और अपने हाथों मे उसके मजबूत कन्धे जोश मे आकर जकड़ लिए
"मुझे पर आवरण के साथ मिठाई खानी है कह कर समीर ने उसकी ब्रा पर छ्लांग लगाई और उसके स्तनों को एक दूसरे के बाद चूसने लगा l
. [Image: 317711_03big.jpg]
मुंह के अंदर लगभग पूरे स्तन को लेकर तेजी से स्तनों को चूसने लगा
और उसके स्तन और उसके ब्रा के मिश्रित स्वाद को चखा.
वह जितनी जोर से चूसता उतनी ही जोर से उसकी सिस्कारी निकलती एक चूसने के बाद वह,
दूसरे को चूसना शुरू करने से पहले दोनों के बीच में विश्राम करने लगा l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#12
क्या आप ऐसा सामान्य रूप समीरा से करते हैं?" उसने जिस अन्दाज में बात की, उसने कमोत्तेजना के आन्नद को भंग कर दिया l
संतोषजनक चूषण सत्रावसान के बाद समीर ने बेचैन हो ब्रा हुक को जल्द बाजीमें नोच डाला l
वह उसकी आँखों में चमकदार उम्मीदों की किरणों को देख सकता था जब वह उसके
नग्न स्तनों पर झुक रहा था. l उसके हाथ उसके शरीर के बीच से फ़र्श पर उसके नितम्बों को जकड़ रहे थे l
जबकि उसका मुंह उसके बाएं स्तन पर आ चुका था. वह जानबूझकर अपने नाखूनों से उसके नरम मुलायम नितम्बो पर निशान बना रहा था l
जबकि उसकी उभरे हुए स्तन उसके मुंह की गिरफ्त में थे lवह जल्दी से कभी
बाएँ स्तन को तो कभी दायें स्तन को चूस रहा था l और कभी कभी धीरे से उसकी निपल्स काट भी ले रहा था
. वह हर बार जब वह सिसकारी भरती तो क्षण भर के लिये ठहर जाता मानो कि उसे भी तक्लीफ़ हो रही है और पुनः गोलार्द्धों पर जिव्हा की चोटों की बौछार कर देता l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
समीर अब और अधिक सक्रिय लग रहा था उसने अस्मा के बाकी कपड़े भी पैरों से निकाल दिये और उसकी पैन्टी निकालने में भी देरी नहीं की उसके भग प्रदेश में थोड़े से बाल थे जो योनि को आच्छादित करने में असमर्थ थे l









पहली बार ,उसने गौर किया कि उसकी बहन पली बार शर्म से लाल हुई l

उसे बहन सेक्स की बारीकियों मे जाने की चिन्ता नहीं थी अतःउसने बिना कोई देरी किये अपनी बहन की चूत पर मुँह रख दिया और अपनी खुरदरी जीभ से उसकी चूत पर तेजी से प्रहार करने लगा समीर अब और अधिक सक्रिय लग रहा था उसने अस्मा के बाकी कपड़े भी पैरों से निकाल दिये और उसकी पैन्टी निकालने में भी देरी नहीं की उसके भग प्रदेश में थोड़े से बाल थे जो योनि को आच्छादित करने में असमर्थ थे l









पहली बार ,उसने गौर किया कि उसकी बहन पली बार शर्म से लाल हुईl

उसे बहन सेक्स की बारीकियों मे जाने की चिन्ता नहीं थी अतःउसने बिना कोई देरी किये अपनी बहन की चूत पर मुँह रख दिया और अपनी खुरदरी जीभ से उसकी चूत पर तेजी से प्रहार करने लगा
कुछ क्षण बाद, उसकी जीभ मुँह से लपलपाकर निक्ली और उसकी तर चूत की गहराइयों में समाती चली गई l

कुछ क्षण बाद, उसकी जीभ मुँह से लपलपाकर निक्ली और उसकी तर चूत की गहराइयों में समाती चली गई l


[Image: 7546199_020_33cb.jpg]
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#14
भाई के द्वारा उसके बह्ते हुए प्रेम द्रव्य को चाट्ने से उत्पन्न कामोन्माद से असिमा की साँस उखड़्ने की कगार पर पहुँच गई l
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#15
समीर के चेहरे पर sadistic मुस्कराहट उभर आई और उसने विद्युत गति से अपनी दो उँगलियाँ असिमा की योनि में घुसा दीं l
असिमा क्षणिक विराम के बाद पुनः चिल्लाने लगी जैसे ही उसके भाई की उँगलिया उसकी योनि की अतल गहराइयों मे तेजी से आ जा रहीं थीं और अस्मा कामुक सिसकारियाँ लेते लेते कामोन्माद में चिल्लाने लगती l


[Image: 327654_04big.jpg][Image: 20340939_068_9bd0.jpg]

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#16
उसे अपनी बीबी की याद ताजा हो गई जो समागम से पूर्व इस तरह के उँगल चुदाई का आन्न्द लेने से नहीं चूकती थी l
उसकी उंगलियाँ तब तक उसकी चूत में खल्बली मचाती रही जब तक कामोन्माद के चरम शिखर पर पहुँच कर उसने आन्नद से चिल्ला कर योनिरस नहीं छोड़ दिया और उस रस की फ़ुहार की कुछ छींटे उसके चेहरे पर आ गिरींl

"ओह ! समीर ! कितना प्यारा था ", अब पता चला कि पिछ्ले कितने दिनों से इस सुख से वंचित थी और समीर के ने जैसे ही झुक कर उसके चेहरे के समीप आने काप्रयास किया उसने अपने होठ उसके होठो पर रख दियेl

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समीर ने अपने शरीर को तिरछा कर अपने ब्रीफ़ से छुट्कारा पाया इस बीच उसकी बहन उसके ने उसके मीनार के समान खडे लण्ड का दीदार किया l
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समीर ने अपने शरीर को तिरछा कर अपने ब्रीफ़ से छुट्कारा पाया इस बीच उसकी बहन उसके ने उसके मीनार के समान खडे लण्ड का दीदार किया l


उसने पहल करते हुए आलिंगनबद्ध होकर उसके माथे से लेकर उदर तक चुम्बनों की बरसात कर दीl
और धीरे से उसने हाथ नीचे सरकाकर उसके लण्ड पर हल्के -हल्के प्रहार करने आरम्भ कर दिये जिससे प्रतीक्षित चुदाई का शुभारम्भ किया जाएऔर यह जानने के लिये कि उसके भाई को मजा आ रहा है,ऊपर देखाऔर उसके लण्ड पर एक चुम्बन रख दिया ,
अपनी बहन के नाजुक होठों का अह्सास पाकर समीर ने स्वयं को मेघों के मध्य उड़ता हुआ महसूस किया l
उसने अपने भाई के लण्ड पर इस तरह से जिव्हा फ़िराई कि उसका कोई भी हिस्सा न छूटा l
समीर के सिर तुरंत वापस झटका लगा जैसे ही उसने समीर का समूचा लण्ड अपने मुहँ रूपी जादूई गुफ़ा मे घुसा लिया l





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#17
Nice!?
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#18
अपने मुँह के भीतर उसे भाई का लण्ड अद्वितीय प्रतीत हो रहा था   l असिमा की आखे यद्यपि बन्द थी किन्तु पूरी तन्मयता से अपने भाई के लण्ड को चूस रही थी और ऐसा लग रहा था कि मानो उसके भाई का लण्ड गले में ठोकरे मार रहा था   l
यद्यपि समीर चाह रहा था कि यह चुसाई कुछ लम्बे समय तक चले किन्तु उसे अन्त  समीप नजर आया   l
ऐसा प्रतीत होता कि असिमा को इसका अहसास हो गया था ऐसी हालत में वह सब तेजी से कर रही थी और तभी समीर ने उसके मुँह के भीतर ही अपना ढेर वीर्य छोड़ दिया जो उसके गले में जाकर विलीन हो गया   l
[Image: 85889943_135_16da.jpg]










[Image: 71959189_136_d053.jpg]
समीर ्के लण्ड ने तुरन्त सिकुड़्ना प्रारम्भ कर दिया   असिमा
और धीरे धीरे नीचे बैठ्ने लगा जो बहन की चिन्ताका विषय था  , उसके हाथों ने नीचे जाते हुए लण्ड को पकड
लिया और उसे थपथपाने लगी उसके हाथो के कमाल ने उसमें जान डाल दी   l








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#19
वह जल्दी से उठ खडी हुई और उसके अच्छी तरह से फैले पैरों के बीच में भाई को पाकर वह रोमांचित थी   l समीर अपनी शरारती बहन को अपने लण्ड पर बैठा पाकर बहुत ही खुश हुआ वह आगे पीछे हो रही थी    l


कामुक अन्दाज में अपने निचले होठ को चबाते हुए वह उसके लण्ड पर बहुत आहिस्ता से बैठी कि कम से कम एक इंच लण्ड उसकी चूत में अवश्य रहे   l
एक बार अपनी स्थिति सुनिश्चित कर लेने के बाद उसने इस तरह से चुदाई शुरू की कि लग्भग आधा लण्ड उसकी चूत में ही रहे ,
अपनी बहन से इशारा पाकरउसने अपना धड़ उसकी चूत पर मधुर गति से मारने लगा   l
थोड़ी ही देर में ,उसकी चूतने लण्ड पर शिकंजा कस लिया और चूत के भीतर घर्षण महसूस किया   l

c[Image: 3560006_16big.jpg]



































[Image: 18GDf.jpg]
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#20
समीर स्वाभाविक रूप से दोनो में से मजबूत था और अब यह उसकी बारी थी कि कुछ प्रभाव दिखा सके उसका शरीर इस तरह से ऊपर नीचे हो रहा था कि मानो हाइड्रोलिक मशीन हो जो उसकी बहन को आन्नद से पागल करे जा रहा था l
उसने और त्तेजी से धक्के लगाने चालू कर दिये ,जिससे उसका शरीर गति से तारतम्य बनाने केलिये उछल रहा था इससे उसकी बहन के उरोज उछल -उछ्ल कर उसके भाई के लिये अद्भुत नजारा प्रस्तुत कर रहे थे यद्यपि असिमा  के घुटने दर्द से दुखने लगे थे फ़िर भी उसने गति धीमी कर आन्नद मे कमी न आने दी
समीर की कमर की नसों मे धीमी सुरसुराहट शुरू हो गई थी जो मष्तिषक में पहुँचने से पहले उसके मेरु दण्ड तक जाती थी जिससे उसे यह आभास हो रहा था कि वह किसी भी पल स्खलित हो सकता है l


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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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