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Incest शादीशुदा चचेरी बहन को चोदा उनके घर में
#1
शादीशुदा चचेरी बहन को चोदा उनके घर में

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
मगर बड़ी दीदी की चुदाई का ये खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चला. चाचा ने जल्दी ही दीदी की शादी फिक्स कर दी. पांच महीने के अंदर अंदर दीदी की शादी भी हो गयी. वो अपने ससुराल चली गयी थी.

उसकी शादी के बाद अपने ससुराल में वो अपने पति के लंड का मजा लेने लगी और मैंने यहां गांव में एक कमसिन कली पटा ली थी. मैं उस कुंवारी चूत को चोदने का आनंद ले रहा था.

मगर किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था. आगे की पढ़ाई के लिए मैं लखनऊ चला गया. वहां पर मैं किराये के रूम में रह रहा था.

अचानक काफी समय बाद दीदी का कॉल आया. उन्होंने बताया कि जीजा का ट्रांस्फर लखनऊ में हो गया है. लखनऊ में ही उन्होंने फ्लैट भी ले लिया है. मगर कुछ दिनों तक वो पुरानी जगह पर ही रह कर काम करेंगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
दीदी बोली- तू यहां मेरे पास आ जाया कर!
मैंने बिना सोचे हां कर दिया.
वो बोली- ठीक है, कल तेरे जीजा सुबह ड्यूटी पर निकल जायेंगे. उसके बाद तू आ जाना.
मैंने कहा- ठीक है दीदी. मैं पहुंच जाऊंगा.

अगले दिन दोपहर में मैं दीदी के रूम पर जा पहुँचा. दीदी ने रूम का दरवाजा खोला तो मैं उनको देख कर हतप्रभ रह गया।
मैंने सरिता दीदी को जब साड़ी में देखा तो देखता रह गया. दीदी पहले से भी ज्यादा खूबसूरत दिखाई दे रही थी. शादी के बाद उनका बदन और भी खिल चुका था।

दीदी लाल रंग की साड़ी और ब्लाउज में थी. पैर रंगे हुए थे और पैरों में पायल थी. हाथों में मेहँदी लगी हुई थी और लाल रंग की चूड़ियां खूब जंच रही थी. गले में लम्बा सा मंगलसूत्र और होंठों पर लाल रंग की लिपस्टिक थी. मेकअप किया हुआ चेहरा, कानों में झुमके, मांग में सिंदूर के साथ दीदी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।

मन तो कर था कि दीदी को तुरन्त बांहों में भर लूं और दीदी को चोद डालूं।
वो बोली- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- देख रहा हूँ कि तुम कितना बदल गई हो.
दीदी ने कहा- क्यों अच्छी नहीं दिख रही हूं क्या?

मैंने कहा- नहीं आप तो पहले से भी मस्त माल दिख रही हो. जीजा ने आपके रंग और अंग को और ज्यादा निखार दिया है. मन तो कर रहा है कि अभी बिस्तर पर ले जाकर निचोड़ दूं और आपकी खिली हुई जवानी का पूरा रस पी जाऊं।

दीदी ने हँसते हुए दरवाजा बंद करते हुए कहा- अब मैं किसी और की अमानत हूँ. किसी और के माल पर बुरी नजर नहीं डालते।
मैंने दीदी का हाथ पकड़कर अपनी ओर खींचते हुए बोला- और शादी के पहले ये माल मेरा था. अब उसी माल को जीजा चोद रहे हैं.

उसने मेरे गालों पर हल्की सी चपत लगाते हुए कहा- नहीं, तुमने अपने जीजा के माल को उनसे भी पहले ही चोद लिया.
ऐसा कह कर वो जोर जोर से खिलखिलाकर हंसने लगी.

मैंने सरिता दीदी को अपनी बांहों में लेते हुए कहा- कहीं जाने के लिए तैयार हो क्या?
वो बोली- नहीं, कहीं नहीं जाना. पहले तुम ये बताओ कि क्या पीओगे?
मैंने दीदी को अपनी बांहों में कसते हुए बोला- अपनी प्यारी बहना के गदराए बदन पर चढ़ी हुई जवानी का रस।

ये कहते हुए मैंने दीदी के चेहरे को अपने हाथों में लिया और उनकी नज़र से अपनी नज़र मिला दी.
दीदी मेरी आँखों में देखती हुई बोली- तो फिर पी लो ना … रोका किसने है?

मैंने उनके दोनों होंठों को अपने होंठों के अंदर लिया और उनके होंठों से लिपस्टिक को अपनी जीभ से चाट गया। उसके बाद पता नहीं कितनी देर तक मैं दीदी को वहीं खड़े खड़े चूसता रहा. कभी मैं दीदी के होंठों को तो कभी दीदी मेरे होंठों को. कभी मैं दीदी की जीभ को तो कभी वो मेरी जीभ को चूस रही थी.

कुछ देर तक ऐसे ही एक दूसरे को चूमने के बाद मैंने साड़ी का पल्लू पकड़ा और दीदी के कंधे से पिन निकाल कर पल्लू को गिरा दिया. मैंने अपने हाथ नीचे ले जाकर दीदी की साड़ी को उनकी कमर में से निकाल दिया.

साथ ही मैंने दीदी की साड़ी को और पेटीकोट की डोरी को एक साथ खोल दिया. इसके साथ ही दीदी की साड़ी और पेटीकोट दोनों एक साथ जमीन पर गिर गए। अब दीदी ब्लाउज और पैंटी में मेरे सामने थी.

दीदी अब तक बिल्कुल गर्म हो चुकी थी. मैंने दीदी के ब्लाउज का हुक खोल कर ब्लाउज को निकाल दिया. अब दीदी लाल कलर की ब्रा और पैंटी में मेरे सामने थी। तभी दीदी ने मुझे धक्का देकर दीवार से सटा दिया.

फिर उसने मेरी शर्ट के बटन खोल कर मेरी शर्ट निकाल दी और फिर उसने मेरी बनियान को भी निकाल फेंका। अब उसने मेरे जिस्म पर चुम्बन करना शुरू किया. मैं पागल होने लगा.

उसने पहले मेरे होंठों को चूसना शुरू किया. बहुत देर तक चूसने के बाद उसने मेरे सीने को चूमना शुरू किया. वो मेरे निप्पल्स को बारी बारी से मुंह में लेकर चूस रही थी जिससे मेरे अंदर एक मादकता भरती जा रही थी.

उसके बाद दीदी ने मेरी चड्डी में हाथ दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी। अब दीदी मेरे सामने घुटनों के बल बैठ गयी और मेरी लोवर के ऊपर से मेरे तने हुए लंड पर हाथ फिराने लगी. उसको मेरा लंड बहुत पसंद था.

अब दीदी ने मेरी लोअर को खींच कर नीचे कर दिया. मेरा लौड़ा मेरे अंडरवियर में तड़प रहा था. उसने अंडरवियर को आगे से गीला कर दिया था. दीदी ने मेरे अंडरवियर को उतार दिया और मेरा मोटा लंड बाहर निकल कर झूलते हुए दीदी के सामने फनफनाने लगा.

दीदी मेरे लंड को प्यास भरी नजर से देख रही थी. उसने मेरे लंड पर एक किस कर दी और फिर प्यार से मुंह खोल कर मेरे लंड को अपने होंठों के अंदर समा लिया. दीदी ने मेरे लंड को अपने मुंह में पूरा भर लिया और चूसने लगी.

क्या बताऊं दोस्तो, दीदी ऐसा लंड चूसती थी कि मैं शब्दों में उस आनंद का वर्णन नहीं कर सकता. मेरे लंड को ऊपर से नीचे तक दीदी ने अपने थूक में गीला कर दिया था. अब वो मेरे लंड के साथ साथ मेरे आण्डों को भी चूसने लगी थी.

मुझे इतना मजा आ रहा था कि मेरे मुंह से बहुत कामुक सिसकारियां निकल रही थीं- अह्हह … इशस्स् … आ्हह दीदी … उम्म … दीदी … ओह्ह.. क्या मस्त चूस रही हो। आह्ह् … बहुत मजा आ रहा है दीदी.

पांच मिनट में ही दीदी ने मुझे मेरी उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुंचा दिया. मैंने दीदी के सिर को पकड़ लिया और एक दो धक्के उसके मुंह में दिये कि तभी मेरे लंड से वीर्य निकल पड़ा जिसको दीदी ने अपने मुंह में अंदर ही पी लिया.

फिर दीदी ने मेरे लंड को अपने मुंह से निकाला और बोली- अब तुम्हारी बारी है.
मैंने दीदी के कंधों को पकड़ कर दीदी को खड़ा कर दिया और अपने सीने से दीदी को लगा लिया. पीछे हाथ ले जाकर मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल कर ब्रा को निकाल दिया. दीदी की चूची नंगी हो गयी. मैंने देखा कि दीदी की चूचियों का साइज अब पहले से काफी बड़ा हो गया था.

शायद जीजा जी दीदी की चूची खूब दबाते थे. दीदी को भी अपनी चूची दबवाना और पिलाना बहुत पसंद था. मैंने बड़ी दीदी को दीवार से सटा दिया और उसके गले में पड़े मंगलसूत्र को निकाल दिया.
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#4
ब मैंने दीदी की बाईं चूची का निप्पल मुंह में लेकर चूसना शुरू किया और दायीं निप्पल को अंगूठे और उंगलियों की सहायता से मसलने लगा. दीदी के मुंह से मादक आहें निकलने लगीं.

उन्होंने मेरे सिर को पकड़ लिया और मेरे बालों को सहलाने लगी. कुछ देर के बाद दीदी की दायीं चूची को मुंह में लेकर मैं बाईं को मसलने लगा. उनकी चूचियाँ जी भरकर चूसने के बाद मैंने दीदी के कंधों, गर्दन, उनकी कमर और पेट को चूमना शुरू कर दिया.
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#5
दीदी हल्की हल्की आहें भर रही थी और उनकी आँखें बंद थी। उसके बाद मैंने दीदी को घुमाकर दीवार से सटा दिया और उनकी पीठ पर चुम्बनों की बरसात कर दी. अब मैं उनकी पीठ को चूमते हुए नीचे की तरफ आने लगा.

अब मैं दीदी के पीछे घुटनों के बल बैठ गया और दीदी की पैंटी को निकाल दिया. अब दीदी के चूतड़ों पर मैं किस करने लगा. चूतड़ों को चूमने के बाद मैंने उनकी जांघों को भी चूमना शुरू कर दिया।

फिर मैंने दीदी को घूमने को कहा तो वो घूम गयी. अब मैं दीदी के बाएं पैर को हाथों में लेकर उनकी एड़ियों और पंजों को चूमते हुए उनके घुटनों तक गया. इसके बाद मैं दीदी के दायें पैर के पंजों एड़ी को चूमते हुए घुटनों तक गया।

अब मैं थोड़ा और दीवार की तरफ सटा और दीदी के दाहिने पैर को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया. दीदी दीवार का सहारा लेकर मेरे सर को पकड़ कर खड़ी हो गयी. दीदी की चूत अब ठीक मेरे मुंह के सामने थी.

देर ना करते हुए मैंने दीदी की चूत पर अपनी जीभ लगा दी. उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी. मैं बड़ी दीदी की चूत को चाटने लगा. कभी जीभ अंदर देता तो कभी बाहर चाटता. कभी जीभ से उसकी चूत की गहराई नापता.

इतनी ही देर में दीदी लंड से चुदने के लिए तड़प उठी. उसके मुंह से कामुक चुदास भरी सिसकारियां निकल रही थीं- आह्ह आईई … आह्हह क्या कर रहा है … आह्हह क्यूं तड़पा रहा है हरामी … आह्हह … डाल दे अब।

मगर दीदी की चूत को चूसता ही रहा और वो अकड़ने लगी.
वो अपने हाथों से मेरे सिर पर दबाव बनाने लगी और मेरे सिर को अपनी बुर पर दबाने लगी।

थोड़ी ही देर में दीदी की चूत से रस की धारा निकल पड़ी. मैंने उसका सारा पानी पी लिया।

दीदी ने मदहोश होकर कहा- अनुज, आज यहां सिर्फ मैं और तुम हैं. आज मुझे ऐसे प्यार करो कि मैं कभी भूल नहीं पाऊं.

मैंने दीदी से कहा- आज अपनी प्यारी बड़ी दीदी की चुदाई ऐसी ही करूँगा, फिक्र मत करो।

अब मैंने खड़ा होकर दीदी को गोद में उठा लिया और उनको उनके बेडरूम में लेकर आ गया. आहिस्ता से मैंने नंगी दीदी को उनके बिस्तर पर लिटा दिया।

दीदी का गदराया बदन और दीदी की मस्त जवानी मेरे सामने नंगी थी. मैं खुद पर काबू नहीं रख पा रहा था. मैंने उसके पांव की उंगलियों को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा. फिर उसके तलवे और एड़ियों को चूमने लगा।

उसके बाद दीदी के घुटनों को चूमते हुए उसकी बुर के पास आकर एक किस किया। अब दीदी के पैरों को फैलाकर मैं घुटनों के बल बैठ गया और मैंने ऐसे बैठ कर अपने लन्ड को दीदी की बुर पर सेट किया.

लंड को दीदी की बुर पर सेट करने के बाद मैंने हल्का सा धक्का दिया और मेरा लंड दीदी की चिकनी चूत में आराम से चला गया. दीदी की चूत उनके चूत के रस और मेरे थूक से एकदम लसालस चिकनी हो चुकी थी. इसलिए एक ही धक्के में लौड़ा दीदी की चूत में समा गया.

मेरे लंड को अपनी चूत में ठुकवा कर दीदी ने अपने पैरों को मेरी कमर पर लपेट लिया.
मुझे अपनी बांहों में कस कर भींचते हुए दीदी बोली- चोदो … चोद अब मुझे।

दीदी की चूत में मैंने अपने लंड से धक्के लगाने शुरू कर दिये. दोनों आनंद के सागर में गोते लगाने लगे. दीदी और मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं.

गचागच दीदी की चूत चुदाई हो रही थी और दोनों को ही पूरा मजा मिल रहा था. दस मिनट तक मैं दीदी को उसी तरह उसी पोज में चोदता रहा. उसके बाद मैंने दीदी को घोड़ी बनने के लिए कहा.

दीदी घोड़ी बन गयी और मैंने पीछे से अपना लंड दीदी की चूत में डाल दिया. फिर उसकी कमर को पकड़ कर एक बार फिर से बड़ी दीदी की चूत की चुदाई शुरू कर दी. दीदी के चूचे हवा में लटके हुए आगे पीछे झूलने लगे.

कुछ देर तक धक्के लगाने के बाद जब मुझे लगा कि मेरी उत्तेजना ज्यादा हो गयी है तो मैं अपना लन्ड निकाल कर बिस्तर पर लेट गया और दीदी को मेरे ऊपर आने का इशारा किया।

दीदी तुरन्त मेरे ऊपर आ गयी. उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और अपनी चूत के मुंह पर लगा कर मेरे लंड पर बैठती चली गयी. बैठते हुए दीदी ने मेरे लंड को अपनी चूत में पूरा अंदर ले लिया और फिर झुकते हुए मेरे होंठों पर अपने होंठ सटा दिये.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
मैं स्वर्ग में पहुंच गया. नीचे से दीदी की चूत में मेरा लंड धंसा हुआ था और ऊपर से वो मेरे होंठों को अपने होंठों का रस पिलाने लगी. फिर कमर हिला हिला कर दीदी मुझसे चुदने लगी.

कुछ देर इसी तरह चुदने के बाद दीदी बोली कि अब मेरा होने वाला है, तुम मेरे ऊपर आ जाओ.
दीदी ने चूत से लंड निकाल लिया और मैं उठ कर दीदी के ऊपर आ गया.

मैंने दीदी को झुका कर चूत में लंड पेल दिया और जोर जोर से बड़ी दीदी की चुदाई करने लगा. दीदी जोर जोर से चीखने लगी. उसकी चीखों में आनंद ही आनंद भरा था जो उसे मेरे लंड से अपनी चूत में मिल रहा था.

कुछ ही देर में दीदी की चूत ने पानी फेंक दिया. अब मैंने भी अपने धक्कों की स्पीड पूरी बढ़ा दी. कुछ देर धक्के लगाने के बाद मैं भी दीदी की चूत में ही झड़ गया.

दीदी पहले से ही निढाल थी और फिर थक कर मैं भी दीदी की बगल में ही लेट गया.
दीदी को बांहों में भर कर मैंने कहा- आपको चोदने में जो मजा आता है ना वो किसी और को चोदने में नहीं आता है.

वो बोली- मुझे भी जो मजा तेरे लंड से चुदने में आता है वो दुनिया के किसी और मर्द के लंड से चुदने में नहीं आ सकता है. यहां तक कि तेरे जीजा के लंड से भी नहीं. मगर ये बता कि मेरे जाने के बाद तूने किसी और को तो नहीं चोदा ना?

मैं बोला- दीदी, आपकी चूत की सील पंकज ने तोड़ी थी. इसलिए पंकज की बहन की चूत की सील मैंने तोड़ दी.
दीदी मेरी ओर हैरानी से देखने लगी और मैं मुस्करा दिया.
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#7
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#8
(04-07-2022, 01:07 PM)neerathemall Wrote:
शादीशुदा चचेरी बहन को चोदा उनके घर में


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#13
Nice story
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#14
चचेरी बहन के साथ सहवास





















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#15
रोहित सिंह, उम्र २३ वर्ष, लंबाई ५’११ इंच, चौड़ी छाती तो कसरती बदन साथ ही मेरा लन्ड १४ सेंटीमीटर लंबा और ५ सेंटीमीटर मोटा, मैं अक्सर ही गांव जाया करता था और अपने हिस्से के खेती बाड़ी के बारे में जानकारी लेता रहता था, मेरे दोनों चाचा की बेटियों की शादी हो चुकी थी और बड़े चाचा की छोटी बेटी रिमझिम देखने में तो सुंदर थी ही साथ ही कामुकता उसमें भरी पड़ी थी, उसकी शादी के साल भर हुए होंगे और मेरी गंदी नजर उस पर पहले से थी लेकिन रक्षा सूत्र को कामसूत्र में बदलना कठिन होता है, मैं दोपहर में गांव पहुंचा फिर बरामदे पर बैठे चाचा चाची का चरण स्पर्श किया, बैग रख कुर्सी पर बैठ गया इतने में रिमझिम रूम से बाहर निकली और उसे देख तो मेरा मन तड़प उठा, वो आसमानी रंग की साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट पहन रखी थी फिर वो मुझे देख मुस्कुराई और झुककर मेरे पैर स्पर्श की तो मैं उसके सर पर हाथ रख आशीर्वाद दिया और वो मेरे सामने खड़ी हुई पूछी ” चाय बनाऊं या फिर फ्रेश होकर खाना खायेंगे

( मैं उसकी ओर देखा तो उसकी बूब्स साल भर में ही दूध से भरी लग रही थी ) पहले चाय ” वो मेरे सामने से चली गई तो मैं उसके चूतड की लचक देख ओंठ पर जीभ फेरने लगा, वो किचन गई तो चाची बोली ” रूम में जाकर कपड़ा बदल लो फिर चाय पीकर फ्रेश हो लेना ” मैं बैग लिए रूम में घुसा फिर बैग से टॉवल और शॉर्ट्स निकाल अपना शर्ट और पैंट उतारने लगा, मुझे तो ये भी ध्यान नहीं रहा की बहन कभी भी रूम में चाय लिए आ सकती है और मैं सिर्फ चढ्ढी बनियान में था की रूम में किसी के घुसने की आहट सुनाई दी, मैं पीछे मुड़कर देखा तो रिमझिम के हाथ में चाय का प्याला था लेकिन उसकी नजर मेरे चढ्ढी पर थी और मैं झट से टॉवल लेकर कमर से लपेट लिया तो रिमझिम शरम के मारे सर झुकाए खड़ी रही फिर मैं उसके हाथ से प्याला लिया और वो चली गई तो मैं चाय की चुस्की लेते हुए बरामदे पर आया तो चाची चाची वहां नहीं थे, रिमझिम किचन से बाहर आई और पूछी ” खाना बन गया है
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#16
है
( मैं उसकी ओर देखा ) पहले स्नान करूंगा फिर, तुम खाना खा लो
( वो बोली ) नहीं अभी पहले आपका पैर हाथ दबा दूंगी फिर ” मैं चाय का प्याला रख दिया फिर उठकर रिमझिम के हाथ पकड़े रूम घुसा और उसे बाहों में भर चूमने लगा तो वो मुझसे अलग होने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं उसके चेहरे से लेकर गर्दन तक को चूमता हुआ उसके पीठ सहला रहा था ” प्लीज भैया ये क्या कर रहे हैं छोड़िए ना ” मैं रिमझिम के गर्दन में हाथ डाले उसके ओंठ को चूमने लगा और अब वो मेरे से लिपट कर पीठ सहलाने लगी, उसके ओंठ चूम मैं उससे अलग हुआ और फिर शॉर्ट्स हाथ में लिए वाशरूम की ओर चला गया जोकि घर के पिछले हिस्से में थी, अब मैं बाथरूम का दरवाजा खोला तो लगा की अंदर सिर्फ संडास करना ही ठीक है बाकी बाहर ही स्नान करना चाहिए तो मैं अंदर जाकर फ्रेश हुआ फिर बाहर आया और चापानल के पास टॉवल खोल टंगनी पर रख दिया फिर बनियान उतार अब बाल्टी में पानी चलाने लगा और वहीं बैठे बदन पर पानी डालने लगा, इतने में रिमझिम वहां आई और मुझे देख मुस्कुराने लगी तो मैं उसे देख बोला ” यहां साबुन नहीं है रिमझिम
( वो बोली ) अभी लेकर आई ” फिर वो कमर बलखाते हुए चली गई तो मैं उसका इंतजार कर रहा था, वो उधर से आई तो उसे देख मेरा दिमाग सन्न रह गया, रिमझिम सिर्फ पेटीकोट को छाती के ऊपर से पहने हुए थी और मुझे देख अपने ओंठ पर जीभ फेरने लगी फिर वो मेरे करीब आई तो मैं उससे साबुन मांगा लेकिन वो मेरे पास बैठकर मेरे बदन में साबुन लगाने लगी ” रोहित यदि साड़ी पहने रहती तो तुम्हें साबुन लगाने के चक्कर में भींग जाती इसलिए सिर्फ पेटीकोट पहन रखी हूं ” और अब रिमझिम मेरे सामने घुटने के बल होकर मुझे चूमने लगी साथ ही मेरे छाती पर साबुन लगा रही थी तो मैं उसके चूची को पेटीकोट के ऊपर से ही पकड़ दबाने लगा और फिर उसके रसीले ओंठ को मुंह में भर चूसने लगा, अब मेरा हाथ उसके चूतड पर था तो वो मेरे मुंह से ओंठ निकाल ली फिर अपनी जीभ से मेरे ओंठ चाटने लगी तो मैं उसके जीभ मुंह में भर चूसने लगा साथ ही उसकी चूची को पकड़ दबाने लगा तो दूसरा हाथ उसके चूतड पर था, मैं उसके पेटीकोट के अंदर हाथ डाल उसके नितम्ब सहलाने लगा तो वो मुझसे लिपटकर मुझसे जीभ चुसवा रही थी, दोनों मस्त थे और फिर बहन जीभ निकाल ली तो मैं उसके हाथ पकड़ अपने चढ्ढी पर लगा दिया तो वो हाथ हटाकर बोली ” मुझे तो शरम आ रही है
( मैं अपनी चढ्ढी नीचे कर उसके हाथ को लन्ड पर लगाया ) क्यों अपने पति का नहीं पकड़ती हो ” फिर रिमझिम मेरे लन्ड को पकड़ हिलाने लगी तो मैं उसके पेटीकोट के नाड़ा को खोल उसे नंगा कर दिया और अपने बदन पर पानी डालने लगा तो बहन भी भींग गई, उसका स्तन मानो दूध से लबालब हो जिसे मैं दबाने लगा और फिर रिमझिम मेरे बदन पर पानी डालने लगी तो दोनों स्नान कर लिए और वो अब भींगे बदन वहां से चली गईं तो मैं अपना बदन पोंछ कर शॉर्ट्स पहन लिया, ये समझ गया की रिमझिम मेरे साथ सेक्स को तैयार है फिर क्या था, मैं बरामदे पर आया तो रिमझिम रूम से मुझे आवाज दी ” रोहित अंदर आओ ना
( मैं अंदर गया तो वो साड़ी पहने बैठी थी ) चलो खाना खा लो फिर ” और दोनों साथ में खाना खाए फिर रिमझिम दूसरे रूम में आराम करने चली गई, मैं भी यात्रा के कारण थकान महसूस कर रहा था इसलिए मेरी आंखें बंद हो गई और मैं निंद्रा में था की मुझे किसी के स्पर्श का एहसास हुआ, आंखें खुली तो रिमझिम मेरे बगल में बैठ मेरे पैर दबा रही थी और मैं चित होकर लेट गया फिर पूछा ” अंकल और आंटी किधर गए
( रिमझिम बोली ) कुछ काम से मार्केट गए हैं ” मैं रिमझिम के हाथ पकड़ उसे अपनी ओर खींच लिया और वो मेरे बदन पर लेट गई, मैं उसके नितम्ब सहलाने लगा तो वो मेरे चेहरे को चूम रही थी और मेरा हाथ उसके ब्लाउज की डोरी को पकड़ खोल दिया तो वो बोली ” रोहित हम दोनों को ये सब नहीं करना चाहिए
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#17
मैं उसके पीठ सहलाने लगा ) क्यों डार्लिंग, तुम तो शादी के बाद कितनी निखर गई हो और तुम्हारा बूब्स भी बड़ा हो गया है ” तो वो शरमा के अपना चेहरा मेरे छाती पर रख दी और मैं उसके ब्लाउज को बाहों से निकाल दिया फिर उसको अपने बदन के पास बिठाया और उसके साड़ी को कमर तक किए उसको भी खोलने लगा तो रिमझिम मेरे छाती पर हाथ फेरने लगी और फिर मैं उसकी साड़ी को कमर से खोल पेटीकोट के नाड़ा पर हाथ लगाया तो रिमझिम मेरे चेहरे के ऊपर बूब्स किए बोली ” पहले इसे तो चूसिए जनाब फिर देखिएगा खूबसूरत शबाब
( मैं उसके पीठ सहलाते हुए मुंह खोला तो रिमझिम खुद ही मेरे मुंह में चूची घुसाने लगी ) ले चूस बेटा तेरी मां हूं मैं दूध पिलाकर पहले तुझे तंदरुस्त करूंगी फिर जन्नत की सैर कराऊंगी ” तो मैं रिमझिम की चूची चूसता हुआ उसके चूतड को सहलाने लगा और फिर दूसरे हाथ से उसकी चूची दबाते हुए मस्त था तो रिमझिम का गोरा चेहरा सेब की तरह लाल हो चुका था और वो तेजी से सांसें ले रही थी ” आह उह ओह रोहित इतनी जल्दी खुजली होने लगी तुम तो काम क्रिया में माहिर हो ” मैं रिमझिम की चूची मुंह से निकाल दिया फिर उसके चूतड पर हाथ फेरने लगा, बोला ” पेटीकोट भी उतार दो बेबी[Image: 87812386_011_6316.jpg]
( रिमझिम सीधी हुई फिर अपना पेटीकोट का नाड़ा खोल पेटीकोट को निकाल दी तो मुझे उसकी चूत की एक झलक मिली और वो मेरे शॉर्ट्स को उतार लन्ड पकड़ सहलाने लगी ) अब ठीक है मेरे भैया या कहूं सैंया ” मैं चुप रहा फिर उठकर रिमझिम को बेड पर लिटाया और उसके चेहरे पर चेहरा किए चूमने लगा, मेरा एक हाथ उसकी चूची को पकड़ दबाने लगी तो मैं उसके ओंठ चूमते हुए पूछा ” कोई प्रोटेक्शन यूज करती हो या फिर
( रिमझिम चेहरा फेर बोली ) वो कंडोम लगाकर करते हैं ” मैं उसके चूची को दबाते हुए बाईं चूची को मुंह में भर चूसने लगा तो रिमझिम मेरे लन्ड को पकड़ हिलाने लगी साथ ही आहें निकाल रही थी ” आह उह उई आआआह्हह कितनी खुजली हो रही है ” मैं चूची मुंह से निकाल उसके सपाट पेट को चूमने लगा साथ ही उसकी चूची के निप्पल को चुटकी में लेकर मिंजने लगा तो रिमझिम की जांघें फैलने लगी और मैं अब कमर चूमते हुए उसके मोटे चिकने जांघो को सहलाने लगा तो वो बोली ” रोहित तुम पहले से ही सोचकर आए थे क्या की रिमझिम के साथ क्या करना है
( मैं उसकी जांघो को फैलाया फिर चूत को देखने लगा ) मुझे क्या पता की तुम यहीं हो वाह चूत को हेयर रिमूवर से साफ रखती हो ” फिर मैं तो उसके जांघो को चूमने लगा और हाथ उसकी चूत पर था जिसकी मोटी मोटी फांकें साथ ही लालिमा लिए छेद मेरे मन में आग लगा चुकी थी, मैं जांघो को चूम रहा था तो वो सिसक रही थी ” आहा उह उई आह ओह अब देर किस बात की रोहित अंदर डाल दो ” और मैं उसकी जांघो को पूरी तरह से फैलाया फिर चूत पर नाक लगाए सूंघने लगा तो उससे गंदी बदबू आ रही थी ” उठ जाकर इसे साफ कर आ क्या समझी ” और फिर रिमझिम पेटीकोट को छाती के ऊपर से पहन रूम से निकली।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#18
मैं बेड पर लेटा हुआ था, मार्च का महीना था इसलिए गर्मी भी नहीं के बराबर थी फिर भी पंखा चल रहा था और कुछ देर बाद रिमझिम रूम में आई, दरवाजा बंद कर खड़े खड़े पेटीकोट उतार नंगी हो गई तो मैं उसे देख उठकर बैठ गया और वो मेरे सामने बेड के किनारे पर एक पैर रख खड़ी हुई तो मैं बेड पर बैठा हुआ उसके कमर में हाथ डाले कमर को चूमने लगा फिर बोला ” काश तुम लंबी होती तो तेरी चूत को इस स्टाइल में चूम सकता था ” फिर उसे बेड पर लेटने बोला तो वो लेटी और मैं उसके चूतड के नीचे तकिया लगाया फिर जांघो को फैलाया, अब मैं बुर पर मुंह लगाए चूमने लगा तो उसकी चूत से गुलाब जल की खुशबू आ रही थी और मैं चूत की फांकों को चूमता हुआ बुर के दरार में उंगली रगड़ने लगा तो वो ” आहा उह ओह आआआह्ह्ह ” सिसकने लगी और मैं उसकी चूत के दरार में जीभ घुसाए चाटने लगा, साली साल भर से चूदाई का आनंद ले रही थी इसलिए पूरी जीभ तो चूत के अंदर नहीं जाती, मैं लपालप चूत चाटने लगा और वो चूतड को ऊपर की ओर करने लगी ” आहा ओह उह आआआआह्ह अब बस करो भैया मेरी चूत रस छोड़ देगी ” तो मैं जीभ निकाल उसके चूत की फांकों को मुंह में भर चूसने लगा, मेरा एक हाथ उसके कमर पर था तो दूसरा चूतड के नीचे और फिर वो ” आहा निकल गई अब तो छोड़ो ” मैं तो उसकी चूत से निकले रस का स्वाद ले लिया फिर उसके बगल में लेट उसके गाल चूम लिया ” क्यों रिमझिम तेरे पति चाटते हैं
( वो हंस दी ) शुरू में दो चार बार उसके बाद तो अपना वाला मेरे मुंह में डाल देते हैं चूसवाने के लिए ” तो मैं उसके चूची को पकड़ दबाने लगा ” ठीक है तो क्या मेरा चूसोगी या डाल दूं
( रिमझिम बोली ) अभी डाल दो, फिर रात को ” तो मैं उठकर बैठा फिर उसकी जांघो के बीच लन्ड पकड़े रहा और उसकी चूत में सुपाड़ा सहित आधा लन्ड अन्दर घुसाया तो रिमझिम सुस्त लेटी हुई थी और इतने में मैं उसकी कमर को पकड़े जोर का धक्का दिया तो लन्ड उसकी चूत के अंदर था लेकिन वो साली तो ” आहा ओह उह फाड़ दिया निकाल ले गधे इतना मोटा लन्ड है ” मैं चोदता हुआ उसके चूची को पकड़ दबाने लगा और बोला ” क्यों जीजा का लन्ड बेजान है की साल भर तुम्हें चोदा फिर भी मेरे लन्ड से तुम्हें दर्द हो रही है
(, रिमझिम हंस दी ) हां रोहित तुम क्या समझोगे साले, तेरा लन्ड तो लोहे की तरह कड़ा है और तेरे जीजा के लन्ड से लंबा और मोटा भी ” मैं उसके चूतड के नीचे से तकिया निकाल लिया फिर उसके उपर सवार हुए चोदने लगा तो रिमझिम मेरे बदन को सहलाने लगी फिर चूतड उछालना शुरू की तो दोनों सम्भोग क्रिया में लीन थे और मैं तो चोदता हुआ उसके चेहरा को चूमने लगा तो बहन चूतड उछाल उछाल कर चुदाने में मस्त थी, उसकी चूत रसीली थी इसलिए लन्ड आराम से चूत चोदे जा रही थी और दोनों सम्भोग सुख लेने में मस्त थे की उसकी मोबाइल रिंग होने लगी, वो बोली ” पता नहीं किसका कॉल है
( मैं चोदते हुए उसके गाल चूम लिया ) अच्छा पहले चूदाई का मजा ले लो फिर बातें करना ” रिमझिम चूतड स्थिर किए चुदाने में लीन थी तो मैं भी उसकी चूत चोदता हुआ मस्त था, कोमल योनि में मेरा लन्ड उसको गर्म कर दिया फिर मैं भी चोदता हुआ हांफने लगा ” आहा उह ओह उई आआआह्हह मेरा निकला
( रिमझिम चूतड उछालने लगी ) हां साले बुर में ही वीर्य स्खलित कर दे फिर तू मामा बनेगा और बाप भी ” फिर भी मैं उसकी चूत में वीर्य स्खलित कर उसके उपर लेटा रहा, थोड़े देर के बाद दोनों अलग हुए फिर फ्रेश होकर अलग अलग रूम में आराम करने लगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#19
(23-02-2024, 11:21 PM)neerathemall Wrote:
चचेरी बहन ने जन्नत की सैर कराई





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मैं रोहित, उम्र के इस पड़ाव पर हर इंसान मौज मस्ती करना चहता है और मैं भी कभी कभार दोस्तों के साथ पार्टी किया करता था लेकिन कोई गर्ल फ्रेंड मेरे नसीब में नहीं थी और मैं मोबाइल में पोर्न वीडियो देख हस्तमैथुन किया करता था आखिर लन्ड की गर्मी को भी शांत करना जरूरी होता था, गांव आया तो समझिए की तकदीर बदल गई और फिर शादीशुदा बहन रिमझिम भी मेरे साथ सेक्स करने से नहीं रुकी और दोनों के बीच जिस्मानी संबंध बन गया। शाम को मैं उठा फिर रूम से बाहर निकल बरामदे पर बैठ गया तो आंटी बैठकर चाय पी रही थी और रिमझिम भी वहीं बैठी थी, मुझे देख पूछी ” भैया चाय पिएंगे
( मैं बोला ) हां चाय बनाओ ” वो उठकर किचन चली गई तो मैं मार्केट जाने की सोच रहा था, कुछ देर के बाद रिमझिम चाय का प्याला लिए आई और मुझे प्याला देने के लिए थोड़ा झुकी की उसके साड़ी का पल्लू नीचे आ गया, संयोग अच्छा था की आंटी की नजर हम दोनों पर नहीं पड़ी और मैं उसके चुचियों को घूरता हुआ मुस्कुराया तो रिमझिम पल्लू सीने पर कर सीधी हुई फिर कुर्सी पर बैठ गई ” दूध चाय में कम ही दी हूं आपको तो कड़क चाय पसंद है ना
( मैं उसके इशारे को समझ बोला ) कोई नहीं दूध अलग से पी लूंगा ” फिर चाय पीकर कपड़ा पहनने लगा तो रिमझिम रूम में आई ” क्या भैया मार्केट जा रहे हैं
( मैं बोला ) हां क्यों कुछ चाहिए ” वो चुप रही फिर रूम से बाहर निकल गई तो मैं बरामदे पर आया फिर आंटी को बोला ” मार्केट जा रहा हूं एक डेढ़ घंटे में आ जाउंगा
( आंटी रिमझिम की ओर देखते हुए बोली ) इसको भी मार्केट में कुछ काम है वैसे भी अपनी गाड़ी से जा रहे हो इसे भी लेते जाओ ” फिर रिमझिम थोड़ी देर में तैयार होकर निकली और दोनों घर से बाहर आए फिर कार में बैठे तो ड्राइवर कार स्टार्ट किया, रिमझिम टॉप्स और स्कर्ट पहन रखी थी और उसे देख मन डोल गया, दोनों पीछे के सीट पर बैठे थे फिर कार गांव से निकल मुख्य मार्ग पर आई और दोनों मार्केट की ओर जा रहें थे तो मैं रिमझिम से बोला ” मैं तो बियर पीने जा रहा हूं तुमको क्या काम है
(, वो मेरी ओर खिसकी फिर धीमे स्वर में बोली ) हां कुछ अंडरगार्मेंट्स लेना है वो भी आपकी पसंद से ” दोनों मार्केट पहुंचे तो कार सड़क किनारे लगाकर ड्राइवर चाय पीने लगा और दोनों एक दुकान गए तो रिमझिम बोली ” ३४ सी साईज की ब्रा और ३२ नंबर की पेंटी निकालिए ” दुकान का स्टाफ को लगा कि दोनों कपल हैं और फिर रिमझिम दो ब्रा और पेंटी ली तो मैं पूछा ” कोई सेक्सी ड्रेस ले लो
( वो बोली ) ठीक है आप ही पसंद कीजिए ” फिर स्टाफ सेक्सी डॉल ड्रेस निकाला तो मैं दो ड्रेस रिमझिम के लिए पसंद किया फिर दोनों सामान का बिल देकर दुकान से निकले और मैं बोला ” आज रात यही ड्रेस पहनकर मेरे पास आना ” वो कुछ नहीं बोली फिर मैं रिमझिम को गाड़ी में बैठने को बोला और ड्राइवर से पूछा ” क्या मूड बनाने के लिए कुछ चाहिए
( वो असमंजस में था ) हां एक क्वार्टर व्हिस्की ले लूंगा ” फिर उसे ही पैसा दिया और वो वाईन शॉप से व्हिस्की और दो केन बियर खरीद लिया, बियर तो ठंडी थी लेकिन यहां पर पीना ठीक नहीं था और वो कार स्टार्ट किया फिर दोनों घर की ओर लौटने लगे, रास्ते में एक कच्ची सड़क दिखी तो मैं बोला ” इसी सड़क पर कार लगाओ फिर पिया जाए ” तो वो कार को कच्ची सड़क की ओर ले गया फिर कार रोक दिया तो मैं गाड़ी से निकल गया फिर एक सिगरेट जलाकर बियर का केन खोला और पीने लगा तो ड्राइवर डिस्पोजेबल ग्लास में पैक बनाते हुए पूछा ” क्यों भैया एक पैक
( मैं बोला ) उहूं तुम पीओ ” और मैं दो मिनट में ही एक केन बियर पीकर मस्त हो गया फिर खिड़की से रिमझिम को देखा ” क्या व्हिस्की पियोगी
( वो मुंह चमकाते हुए बोली ) छिह कैसी बातें कर रहे हैं ” और मैं दूसरा केन खोल फिर से सिगरेट जलाया और पीने लगा तो ड्राइवर भी ड्रिंक्स लेने में मस्त था, मुझसे पूछा ” भैया ये आपके साथ कौन है
( मैं हंस दिया ) क्यों कुछ सोच रहा है, वो मेरी चचेरी बहन है ” शाम के ०७:०० बजे होंगे की तभी रिमझिम के मोबाइल पर उनकी मॉम का कॉल आया और हमलोग अभी ड्रिंक्स लेकर मस्त थे, तो रिमझिम मुझे मोबाइल दे दी ” हां चाची बोलिए
( वो बोली ) हम दोनों तो नॉन वेज नहीं खाते हैं तो ऐसा करो कि मार्केट से ही खाना पैक करा लो
( मैं बोला ) ठीक है ” फिर मैं ड्राइवर को वापस मार्केट चलने को बोला, रिमझिम के बगल में बैठा और ड्राइवर कार स्टार्ट किया, कार के अंदर तो कोई रोशनी नहीं थी इसलिए मैं आराम से उसके जांघ पर हाथ रख फेरने लगा और वो भी बेझिझक मेरी ओर खिसक गई तो मैं हाथ को उसके स्कर्ट के अंदर डाला फिर पेंटी पर से ही चूत सहलाने लगा, मेरा लन्ड तो टाईट हो चुका था और रिमझिम मेरे बाहों से चूची को रगड़ रही थी और फिर हमलोग मार्केट पहुंच गए तो मैं रिमझिम से पूछा ” यहां कौन सा रेस्टुरेंट नामी है[Image: 73793463_002_e30c.jpg]
( वो बोली ) आजाद चौक पर गए थे वहीं चलिए ” और ड्राइवर कार को उधर ही ले गया फिर मैं रिमझिम के स्कर्ट से हाथ निकाल कार से उतरा फिर एक रेस्टुरेंट दिखा तो मेनू देख तीन लोग के लिए खाना पैक करने का ऑर्डर किया और ड्राइवर बोला ” भैया मैं खाना ले लूंगा आप दीदी के पास ही बैठिए ” तो मैं बिल देकर कार के पास आया और सिगरेट फूंकने लगा, रिमझिम मुझे देख बोली ” कितना टाईम लगेगा
( मैं बोला ) आधा घंटा ” तो वो हंस दी फिर मैं कार में उसके पास बैठ गया और हाथ को जांघ पर फेरने लगा, तो रिमझिम मेरा हाथ पकड़ हटाई फिर सीट पर से चूतड को थोडा उपर किए पेंटी खोल दी ” अब ठीक है क्या यहीं पर बहन को चोदोगे
( मैं उसके स्कर्ट में हाथ डाल बुर को उंगली से फैलाया फिर एक उंगली घुसाए कुरेदने लगा ) बेबी तुमको तो व्हिस्की पिला पिलाकर उसी सुनसान जगह पर चोदूंगा
( रिमझिम मेरे गाल चूम ली ) अच्छा और ड्राइवर क्या मेरी आरती उतारेगा ” मैं तो उसकी चूत में गपागप उंगली कर रहा था वैसे जिस जगह पर कार खड़ी थी इससे ज्यादा कुछ करना संभव भी नहीं था और रिमझिम तभी मेरे पेंट के जिप को खोलने लगी तो मैं पूछा ” इस जगह पेंट खोलकर क्या करोगी
( वो हंस दी ) लॉलीपॉप चूसूंगी साले ” और वो अपने ओर की खिड़की का ग्लास ऊपर कर दी फिर मेरे पेंट खोल चढ्ढी नीचे कर लन्ड पकड़े सहलाने लगी, मैं रेस्टुरेंट की ओर देख रहा था जहां ड्राइवर एक कुर्सी पर बैठ खाना लेने का इंतजार कर रहा था और फिर रिमझिम अपना सर मेरे लन्ड के ऊपर झुकाई, लन्ड को मुंह में लिए चूसने लगी तो मैं उसके बाल पर हाथ फेरने लगा और रिमझिम जोकि दिन में मुखमैथुन नहीं की थी वो मस्ती में लन्ड मुंह में लिए चेहरा का झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी और मैं बीच बीच में उसके चूची को पकड़ दबा रहा था, मेरा लन्ड तो टाईट हो चुका था और मैं उसे चोदने को उत्सुक था की देखा की ड्राइवर को खाने का पैकेट स्टाफ दे रहा है ” मुंह से निकाल साली ड्राइवर आ रहा है ” तो रिमझिम सीधे बैठ गई और मैं झट से पेंट पहन लिया, रिमझिम बोली ” उसी जगह पर मजा आएगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#20
मैं बोला ) नहीं ड्राइवर क्या सोचेगा, घर चलो फिर वहीं ” और ड्राइवर खाने के पैकेट को अगले सीट पर रखकर कार स्टार्ट किया ” और कोई काम है भैया
( मैं बोला ) नहीं सीधे घर और वहां तुम भी फ्रेश होकर खाना खा लेना ” हमलोग घर की ओर आ रहे थे और आधे घंटे बाद गांव पहुंचे तो ड्राइवर को आंगन के बाहर के द्वार जहां लोग दिन में बैठकर बातें करते हैं वहीं रहने का इंतजाम था, ड्राइवर खाने का पैकेट साथ ही कुछ सामान का पैकेट लिए घर के बरामदे पर आया तो रिमझिम बोली ” आप भैया फ्रेश होकर यहीं आ जाइएगा और खाना खा लीजिएगा ” ड्राइवर तो चला गया फिर मैं रूम में जाकर अपना कपड़ा बदलने लगा, दो कमरा साथ में बारामद्दा तो किचन और बाथरूम घर के पीछे की ओर था, अंकल तो बरामदे पर ही सोते थे और आंटी रूम में और मुझे अलग रूम में रहना था लेकिन देर रात तो रिमझिम की चूदाई नहीं करता तो हत्थू मारना पड़ता, मैं शॉर्ट्स और बनियान पहन पहले तो जाकर फ्रेश हुआ फिर बरामदे पर बैठकर अंकल से बात करने लगा तभी रिमझिम मेरे पास आई और पूछी ” भैया अभी खाना खाएंगे
( मैं बोला ) पहले ड्राइवर को बुलाकर खिला दो अभी खाने में देरी है ” तो मैं बियर पीकर मस्त था और कुछ देर बाद ड्राइवर वहां आया तो रिमझिम उसे खाना देने लगी, मैं अंकल से बैठकर कुछ बातें कर रहा था और कुछ देर बाद आंटी भी कहीं से घूम फिरकर आईं ” और मार्केट से कब आया
( मैं ) आधा घंटा हुआ है ” वो किचन चली गईं और रात के ०९:३० बजे मैं भी रिमझिम के साथ खाना खा लिया तो वो बोली ” आपको इस रूम ( इशारे से ) में रहना है
( मैं बोला ) ठीक है ” और फिर मैं रूम में जाकर बेड पर लेट गया, पंखा चलाया फिर बत्ती बंद कर लेटा रहा, दिन की थकान साथ ही बियर का नशा मुझे तो नींद आ गई और मैं गहरी निंद्रा में सो गया लेकिन रूम का दरवाजा खुला ही रहने दिया।
मेरी नींद अचानक से खुली जब मुझे एहसास हुआ की कोई मेरे बदन पर हाथ फेर रहा है, आंखें खुली तो नाईट बल्ब की रोशनी में रिमझिम काम की मूर्त लग रही थी और वो स्कर्ट टॉप्स पहनी हुई थी, मैं उसे देख उठकर बैठ गया तो वो मेरे से लिपट गई ” आप कल शाम को ही वापस जा रहे हैं
( मैं उसके पीठ सहलाने लगा और बोला ) तो क्या हुआ, तुम्हारे से मिलने ससुराल आ जाऊंगा ” और फिर मैं रिमझिम को बेड पर लिटाया तो वो खुद स्कर्ट कमर तक कर जांघें फैलाई, मैं उसके स्कर्ट को कमर से निकाल उसके टॉप्स को भी उतार दिया फिर मैं उसके चूची को पकड़ दबाने लगा ” तुम टांगें चिहार दी लेकिन मेरा पप्पू तो सो रहा है[Image: 47605142_047_9527.jpg]
( वो बोली ) उसे मैं दुबारा जगा दूंगी ” और मैं उसके चूची को पकड़ चेहरा झुकाया फिर मुंह में भर चूसने लगा, वो मेरे बदन को सहलाते हुए छाती से लगाए स्तनपान करा रही थी तो मैं चूची चूसता हुआ मस्त था। मैं अब चूची मुंह से निकाल लिया फिर उसके दूसरे चूची को पकड़ दबाने लगा साथ ही [Image: 47605142_018_322d.jpg]रिमझिम के सेक्सी बदन को चूमते हुए नीचे की ओर बढ़ रहा था तो वो सेक्सी आवाजें ” आहा ओह उह आआआआह्हह्ह् रोहित [Image: 47605142_096_104c.jpg]अब बर्दास्त नहीं होता प्लीज डाल दो ना ” मैं कमर तक चुम्बन दिया फिर उसकी जांघो को फैलाकर बुर को सहलाने लगा तो वो नंगे लेटी रही और मैं शोर्ट्स पहन रूम से बाहर निकल गया, बाथरूम जाकर मूतने लगा फिर फ्रेश होकर रूम आया, रात के ०१:०० बजे थे और मैं अब रिमझिम के जांघो को फैलाया फिर शॉर्ट्स उतार लन्ड को पकड़े उसकी चूत में घुसाने लगा, उसकी चूत रसीली थी सो मेरा लन्ड आराम से घुसने लगा तभी मैं जोर का धक्का देकर चोदने लगा तो रिमझिम ” आहा आउच फाड़ देगा क्या
( मैं उसके जिस्म पर लेटकर चोदने लगा ) तुझे तो चूदाई में अब तक उस्ताद हो जाना चाहिए
( रिमझिम मेरे गाल चूमने लगी ) ओह डियर तेरे जीजा ना मुझे रोज रात एक बार देते हैं लेकिन वो तेरे इतना काम कला में निपुण नहीं हैं
( मैं उसके ओंठ चूमने लगा ) तू उसे सीखा दे ना डार्लिंग, वैसे पति के अलावा और किसी के साथ
( रिमझिम चूतड उछालना शुरू की ) चुप कर तुम ही तो उनके अलावा मुझे दे रहे हो ” और वो चूतड उछाल उछाल कर चुदाने में लीन थी तो मेरा लन्ड उसकी चूत में गपागप अंदर बाहर हो रहा था और दोनों सम्भोग सुख लेने में मस्त थे ” आहा उह ओह आआआआह्ह्ह रोहित बहुत मजा आ रहा है देते रहो मेरी चूत की आग इतनी जल्दी नहीं बुझती ” मैं [Image: 47605142_083_200f.jpg]उसके ऊपर लेटा रहा तो वो खुद चूतड उछाल उछाल कर चूदाई का आनंद ले रही थी और उसकी चूत गर्म हो चुकी थी, तीन चार मिनट से उसकी चूत को चोद रहा था और अब लन्ड झड़ने पर था तो मैं तेजी से धक्का देता हुआ ” आहा ओह उह अब मेरे लन्ड से वीर्य स्खलित हो जाएगा ” और फिर ८-१० धक्का दिया की मेरा लन्ड उसकी चूत में वीर्य स्खलित कर दिया, मैं उसके बदन पर लेटा रहा फिर कुछ देर बाद दोनों अलग हुए।[Image: 47605142_114_b2d0.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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