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Adultery तरक्की का सफ़र
मैडम! आप मुझे जो चाहे सज़ा दे दीजिये पर मेरे घर वालों को कुछ मत बताइयेगा, सायरा रूही के पैरों को पकड़ते हुए बोली, इसके लिये आप जो कहेंगी मैं करने को तैयार हूँ।

पहले उठकर खड़ी हो जाओ! रूही ने धीमे से कहा, और मुझे ये बताओ कि तुमने ऐसा किया क्यों?”
 
मैडम, मुझे सही पता नहीं कि मैंने ऐसा क्यों किया, सलमा तुम क्यों नहीं मैडम को बताती हो। आबिदा तुम तो बताओ..... ओहह मैं अपने आपको संभाल नहीं पायी। पता नहीं क्यों मेरी चूत में जोरों की खुजली हो रही थी, सायरा अपनी चूत को रगड़ते हुए बोली।
 
सलमा! इसे मेरे कमरे में लेकर आओ, रूही ने हुक्म दिया, फिर देखते हैं कि इसकी खुजलाती हुई चूत के साथ क्या कर सकते हैं।
 
चलो अपने कपड़े पहन लो, सलमा ने सायरा से कहा।
 
नहीं! इसे इसी हालत में लेकर आओ। और तुम दोनों भी जिस तरह हो..... उसी तरह इसके साथ आओ,” रूही ने कहा। रूही अपने कमरे में दाखिल हुई और उसके पीछे तीनों लड़कियाँ और आर्यन।
 
सायरा अब इन तगड़े और शानदार लंडों को देखो। इनमें से किस लंड से पहले तुम अपनी कसी चूत चुदवाना चाहोगी जिससे तुम्हारी चूत की खुजली मिट सके?” रूही ने पूछा।
 
प.....प.... पर मैडम???” सायरा इतने सारे लंडों को निहारते हुए हकलायी।
 
मैं कुछ भी नहीं सुनुँगी, तुमने वादा किया है कि जो मैं कहुँगी... तुम करोगी। अब लंड अपनी चूत में लेने को तैयार हो जाओ... विजय तुम पहले इसे चोदोगे, रूही ने जैसे हुक्म दिया।
 
फिर जिस तरह हम सब ने टीना के जन्मदिन पर किया था वैसा ही किया। सब मिलकर सामुहिक चुदाई कर रहे थे। कोई चूत में लंड डाले हुए था तो कोई किसी की गाँड में। कोई चूत चाट रहा था तो कोई लंड चूस रही थी। इसी तरह शाम हो गयी।
 
अब बताओ तुम्हारा दिन कैसा गया?” रूही ने सायरा से पूछा।
 
मैडम! पहले तो मैं बहुत डरी हुई थी पर बाद में बहुत मज़ा आया, सायरा ने मुसकराते हुए जवाब दिया।
 
आज तुमने मुझे खुश कर दिया। ये लो तुम्हारा इनाम, इतना कहकर रूही ने उसे एक हीरे का पेंडेंट दे दिया और साथ में पाँच हज़ार रुपये।
 
मैडम ये क्या मेरा कुँवारापन खोने की कीमत है? मैं कोई वेश्या नहीं हूँ! सायरा उदास होते हुए बोली।
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तुम वेश्या नहीं हो..... मैं जानती हूँ, रूही ने नम्रता से कहा, ये पेंडेंट मैं तुम्हें इसलिये दे रही हूँ कि आज मेरे बेटे ने पहली कुँवारी चूत की चुदाई की है। तुमने उसे लड़के से मर्द बना दिया..... और ये रुपये इसलिये हैं ताकि तुम कुछ अच्छे कपड़े, सैंडल और मेक-अप वगैरह का सामान खरीद सको..... आबिदा और सलमा इसमें तुम्हारी मदद कर देंगी.... अब से इस घर में आओ तो तुम भी इन दोनों की तरह ही टिप-टॉप बन कर आओ।

शुक्रिया मैडम! पर ये पेंडेंट तो बहुत कीमती लगता है, सायरा पेंडेंट को ऊपर से नीचे देखते हुए बोली,अगर मेरे घर वाले इसे देखेंगे तो समझेंगे कि मैं इसे चुरा के लायी हूँ।
 
तुम इसकी चिंता मत करो! ऐसा नहीं होगा, रूही हँसते हुए बोली, आबिदा तुम्हें घर तक छोड़ आयेगी और तुम्हारे घर वालों को बता देगी कि ये रुपये और पेंडेंट मैंने तुम्हें दिया है।
 
चलो सायरा! अब घर चलते हैं, आबिदा दरवाजे की ओर बढ़ते हुए बोली।
 
जैसे ही सायरा जाने के लिये मुड़ी, आर्यन ने पूछा,सायरा! अब हम फिर चुदाई कब करेंगे?”
 
शुक्रवार को! उसने शरमाते हुए कहा और आबिदा के पीछे भाग गयी।
 
जब आबिदा वापस लौटी तो रूही ने उससे पूछा, उसके अम्मी-अब्बा से तुमने क्या कहा?”
 
यही कि ये आपने उसे आर्यन बाबा के जन्मदिन पर इनाम दिया है, आबिदा ने जवाब दिया।
 
क्या उन्होंने तुम्हारी बात पर विश्वास कर लिया?” रूही ने पूछा।
 
हाँ कर लिया... और मुझसे ये भी पूछा कि क्या मुझे भी कोई तोहफ़ा मिला है, आबिदा हँसी।
 
तो तुमने क्या जवाब दिया?” रूही बोली।
 
मैंने कहा कि मुझे तो मेरा तोहफ़ा दो दिन पहले ही मिल गया था, है ना आर्यन बाबा?” आबिदा आर्यन की ओर देखते हुए बोली।
 
दूसरे दिन आयेशा ने प्रीती से वही स्पेशल दवाई माँगी। तुम्हें क्यों चाहिये?” प्रीती ने पूछा।
 
मैं इसे पीकर इसका असर देखना चाहती हूँ, आयेशा ने जवाब दिया।
 
नहीं इसे मत देना! इसकी चूत पहले से ही इतनी भूखी है और अगर इसने ये दवाई पी ली तो ये तो हमारे लंड से चुदवा चुदवाकर हमें मार डालेगी! सब लड़के चिल्लाये।
 
आयेशा! मुझे लगता है कि ये लड़के सही कह रहे हैं। ये दवाई तो लड़की की चूत को गरमाने के लिये है। अल्लाह ने तो तुम्हारी चूत को पहले से ही इतना गरमा रखा है कि तुम्हें इस दवाई की जरूरत नहीं है, प्रीती ने उसे समझाया।
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तुम लोगों में कोई नहीं चाहता कि मैं भी थोड़ा मज़ा लूँ! आयेशा ने हँसते हुए शिकायत की।

हमारे अगले दो दिन खूब मौज मस्ती में गुजरे, बल्कि ये कहो कि चुदाई में गुजरे। जब हम सब रूही से विदाई ले रहे थे तो मैंने रूही को हमारे यहाँ आने की दावत दी। शुक्रिया, मुझे जैसे ही टाईम मिलेगा मैं जरूर आऊँगी, रूही ने जवाब दिया।
 
रूही इस शनिवार को क्यों नहीं आ जाती हो? हम भी सोमवार को अपने घर वापस जाने वाले हैं। अगर आ जाओगी तो आखिरी बार हमारा मिलना हो जायेगा, जय ने कहा।
 
हाँ ये अच्छा रहेगा। फातिमा और आर्यन को भी अपने साथ ले आना, मैंने कहा।
 
रूही कुछ देर तक सोचती रही। ठीक है! रवि भी दो दिन बाद चला जायेगा फिर मैं फ़्री हूँ, रूही बोली, ठीक है हम शनिवार कि शाम तक पहुँच जायेंगे।
 
जब हमारा सामान गाड़ी की डिक्की में रखा जा रहा था तो मैंने देखा कि आयेशा हम सब के बीच नहीं थी। ज़ुबैदा! तुम्हें पता है कि आयेशा कहाँ है?” मैंने पूछा।
 
वो मुझसे बोली थी कि वो रवि और आर्यन को गुड-बॉय बोल कर आ रही है, ज़ुबैदा ने जवाब दिया।
 
गुड-बॉय करके तो मुझे आधा घंटा हो गया, रवि ने कहा। इतने मैं आयेशा और आर्यन हँसते हुए आ गये। हरामी साले, लगता है कि तेरा चुदाई से जी नहीं भरा अभी तक?” रूही ने आर्यन को धीरे से एक थप्पड़ लगाते हुए कहा।
 
ओह मम्मी! मैं आयेशा को कुछ दे रहा था जिससे वो मुझे याद रखे, आर्यन ने शर्माते हुए कहा।
 
कहीं देने के चक्कर में इसे प्रेगनेंट तो नहीं कर दिया..... जिससे ये तुम्हें ज़िंदगी भर याद रखे?” रूही हँसते हुए बोली।
 
आर्यन डरो मत! मैं प्रेगनेंट नहीं होऊँगी पर हाँ मैं तुम्हें हर वक्त हर पल याद रखुँगी, आयेशा ने उसे कहा।
 
जब हम घर पहुँचे तो मैंने जय से पूछा,अच्छा बताओ जब रूही यहाँ आयेगी तो तुम किस तरह की पार्टी करना चाहोगे।
 
जय कुछ कहता उससे पहले विजय बोल उठा, मुझे तो कुँवारी चूत चोदने में मज़ा आता है।
 
विजय तुम चुप बैठो। पिछली बार हम तुम्हारी बात मान चुके हैं। अब जय की बारी है। मैंने जवाब दिया।
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और हमारा क्या, तुम हमसे नहीं जानना चाहोगे कि हमें क्या पसंद है?” राम और श्याम साथ-साथ बोले।

नहीं! मैं जरूरी नहीं समझता! मैंने थोड़ा गुस्से में कहा।
 
दीदी! तुम ही जीजाजी को समझाओ ना।
 
प्रीती हँसते हुए बोली, तुम लोग राज का बुरा मत मानो। ये मज़ाक कर रहा है। आखिर जय और विजय इस घर के दामाद हैं, इसलिये उनका स्थान पहले है।
 
तो क्या हुआ? हम भी तो इनके साले हैं। वो कहावत भूल गयी क्या, सारी खुदाई एक तरफ जोरू का भाई एक तरफ?” राम ने कहा।
 
हाँ तुम दोनों ठीक कह रहे हो। मैं तो मज़ाक कर रहा था। ऐसा है पहले जय की पसंद देख लेते हैं, फिर तुम दोनों की, मैंने कहा।
 
मेरा तो सपना है कि एक माँ की चुदाई उसकी बेटी के साथ करूँ! जय ने कहा।
 
अच्छा सपना है.... मैं भी यही ख्वाहिश रखता हूँ, राम ने कहा।
 
और मैं तो विजय की तरह किसी कुँवारी चूत को चोदना चाहुँगा।
 
थोड़ी देर सोचने के बाद मैं बोला, ठीक है! मैं सब इंतज़ाम कर लूँगा। मैं एक जोड़ी माँ बेटी की भी ले आऊँगा जिसे तुम लोगों ने नहीं चोदा होगा।
 
आगले दो दिन मैं अपने बचे हुए काम पूरा करने में लगा हुआ था। तीसरे दिन आयेशा ने मुझसे कहा, सर मैंने सुना ही कि शनिवार की रात को आपके यहाँ एक पार्टी है?”
 
हाँ है! मैंने जवाब दिया, किसने बताया तुम्हें।
 
विजय ने! आयेशा ने कहा, क्या मुझे नहीं बुलायेंगे?”
 
नहीं मैं तुम्हें नहीं बुला सकता क्योंकि ये सिर्फ़ माँ-बेटी की पार्टी है, मैंने जवाब दिया।
 
मेरी बात सुनकर वो उदास हो गयी। मैंने उसे अपने पास खींचा और कहा, आयेशा समझने की कोशिश करो..... वैसे भी तुम्हारी चुदाई तो होती रहती है।
 
कहाँ होती है.... देखिये ना, कहकर उसने मेरा हाथ अपनी चूत पे रख दिया। मैंने देखा कि उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
 
आयेशा, मेरी जान! पार्टी के अलावा जो तुम कहो मैं करने को तैयार हूँ, मैंने उसे बाँहों में भरते हुए कहा।
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आप सच कह रहे हैं? मुकर तो नहीं जायेंगे?” उसने मेरे होंठों को अपने होंठों के बीच लेते हुए कहा।

ना नहीं कहुँगा, तुम कह कर तो देखो।
 
तो आज पूरा दिन मुझे इस सोफ़े पर चोदते रहिये! आयेशा ने कहा।
 
मेरा बहुत काम पेंडिंग पड़ा है..... इसलिये पूरा दिन तो नहीं, हाँ! दो बार तुम्हारी चुदाई करूँगा और फिर तुम छुट्टी लेकर विजय और दूसरों से चुदवाने जा सकती हो, मैंने कहा।
 
ठीक है, जब आपकी यही मरज़ी है तो...... उसने थोड़ा निराश होते हुए कहा।
 
जब मैं दूसरी बार उसकी चूत में अपना लंड डाल रहा था उसी वक्त फोन कि घंटी बजी। मैं फोन उठाना चाहता था पर आयेशा ने मुझे रोक दिया।
 
डार्लिंग! जरूरी फोन भी हो सकता है, मैंने कहा।
 
इस समय मेरी चूत से जरूरी कोई काम नहीं है! बस मुझे इसी तरह चोदते जाइये, आयेशा ने अपने कुल्हे उछालते हुए कहा, हाँ सर! इसी तरह जोर से अपना लंड घुसाते रहिये। फोन दो चार बार बज कर बंद हो गया।
 
ऑफिस के दरवाजे पर हल्की सी दस्तक हुई और नसरीन ऑफिस में आ गयी। सर! आपको डिस्टर्ब करने के लिये माफी चाहती हूँ पर एम-डी आपको अर्जेंटली बुला रहे हैं।
 
कह दो कि ये नहीं आ सकते, आयेशा ने झल्लाते हुए कहा, तुम देख नहीं सकती कि ये बीज़ी हैं।
 
नहीं नसरीन! तुम ये मत कहना। कहना कि जैसे ही मुझे काम से फ़ुर्सत मिलेगी मैं आ जाऊँगा, मैंने कहा। फिर मैंने आयेशा से कहा, क्या तुम चाहती हो कि मैं अपनी नौकरी से हाथ धो बैठूँ?” बदले में वो शरारत से मुस्कुरा पड़ी।
 
थोड़ी देर में एम-डी मेरे केबिन में आया। मुझे पहले ही समझ जाना चाहिये था कि तुम चुदाई में व्यस्त हो, इसलिये समय नहीं मिल रहा, एम-डी हँसा, राज! मुझे मिस्टर खोसला के साथ हुई तुम्हारी मीटिंग की डिटेल्स चाहिये।
 
क्या आपने वो रिपोर्ट देखी नहीं?” मैं चौंक पड़ा था। फिर आयेशा की ओर देखते हुए मैंने पूछा, मैंने तुम्हें मिस्टर खोसला की रिपोर्ट डिकटेट करायी थी, वो कहाँ है?”
 
अगर आपने डिकटेट करायी होती तो मैं उसे टाईप ना कर देती। मैं अपने काम में पूरी तरह पाबंद हूँ, आयेशा अपनी बात पे जोर देती हुई बोली।
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करीब दस मिनट के बाद एम-डी ने कहा,नसरीन इसकी डेस्क पूरी तरह देख चुकी है..... वो वहाँ नहीं है।

आयेशा! ये तुमने क्या किया, जरा अपने दिमाग पे जोर दो, मैंने फिर कहा।
 
मैं कैसे सोचूँ.... जब एक लंड मेरी चूत को इतनी जोर से चोदे जा रहा है, आयेशा ने शिकायत की।
 
आयेशा या तो अपने दिमाग पे जोर दो नहीं तो मैं तुम्हारी चूत को चोदना बंद कर दूँगा, मैंने उसे धमकाते हुए कहा।
 
नहीं सर! ऐसा मत करना, मुझे याद आ रहा है..... मैंने वो रिपोर्ट मीना मैडम को दी थी, आयेशा ने कहा।
 
सर आपको तकलीफ हुई..... उसके लिये माफी चाहता हूँ, मैंने एम-डी से कहा।
 
मिस्टर खोसला दो बजे ऑफिस आने वाले हैं, कांट्रैक्ट साइन करने कि लिये, मैं चाहता हूँ कि उस समय तुम भी वहाँ मौजूद रहो, एम-डी ने कहा और केबिन के बाहर चले गये।
 
शनिवार कि सुबह ही रूही, फातिमा और आर्यन के साथ मेरे घर पहुँच गयी। एक दूसरे को नमस्ते करने के बाद आर्यन ने लड़कियों को अपनी बाँहों में ले लिया,आओ मैं तुम्हें बताता हूँ कि तुम लोग पूरे हफ़्ते क्या मिस करती रही हो। हँसते और खिलखिलाते हुए वो लड़कियाँ आर्यन को बेडरूम में घसीट के ले गयीं।
 
लड़के भी पीछे नहीं थे। फ़ातिमा खाने से पहले क्या तुम एक स्पेशल कॉकटेल पीना पसंद करोगी जिसमें हमारे लंड का पानी मिला हो?” उन्होंने दूसरे बेडरूम की ओर इशारा करते हुए कहा। हाँ फिर तो मज़ा आ जायेगा, फातिमा चहकते हुए बोली।
 
आर्यन को तो अब एक ही शौक रह गया है, चोदना, चोदना और सिर्फ़ चोदना। जबसे तुम लोग गये हो, आबिदा और सलमा, दोनों रात में उसके साथ सोती हैं। वो रात को तो उनको चोदता ही है पर दिन में जब भी मौका मिलता है अपना लंड उनकी चूत में पेल देता है, रूही ने आर्यन की ओर देखते हुए कहा।
 
मज़े करने दो उसे! क्या शुक्रवार को सायरा आयी थी?” प्रीती ने पूछा।
 
हाँ आयी थी। आर्यन उसका इंतज़ार कर रहा था और जैसे ही वो आयी उसे अपने कमरे में ले गया। वो शाम को घर जाने के समय ही बाहर आयी, रूही ने हँसते हुए जवाब दिया।
 
फिर उसके काम का क्या हुआ?” प्रीती ने पूछा।
 
मैं ये बर्दाश्त नहीं करती कि काम बाकी पड़ा रहे। उसका काम आबिदा और सलमा को करना पड़ा, रूही ने जवाब दिया।
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क्या उन्हें बुरा नहीं लगा?” प्रीती ने पूछा।

नहीं... वो दोनों आर्यन से बहुत मोहब्बत करती हैं। आबिदा से तो मुझे ये भी पता चला कि सायरा की तीन छोटी बहनें हैं। और जब वो बड़ी हो जायेंगी तो सायरा पहली बार आर्यन से ही उनकी चुदाई करवायेगी, रूही ने जवाब दिया।
 
क्यों ना खाने के पहले ड्रिंक्स और थोड़ी चुदाई कर ली जाये?” मैंने रूही से पूछा।
 
मुझे तो लग रहा था कि तुम पूछोगे ही नहीं, रूही हँसते हुए बोली।
 
जब हम रूही की चुदाई कर चुके थे तो रूही ने पूछा,क्या तुम्हारे एम-डी आ रहे हैं?”
 
हाँ! वो आ रहे हैं। मैंने उन्हें तुम्हारे बारे में बताया था। वो तुम्हें चोदने की फ़िराक में है, मैंने जवाब दिया।
 
अगर वो तुम्हें चोदे तो तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा?” प्रीती ने पूछा।
 
नहीं! बुरा क्यों लगेगा? मैं तुम्हारे एम-डी को बरसों से जानती हूँ। वो कई सालों से मेरे पीछे पड़ा हुआ है। जब भी मैं अपने शौहर के साथ क्लब में उससे मिलती तो वो मुझे छेड़ने से बाज़ नहीं आता था। पर अब जब कि मैं बेवा हो चुकी हूँ तो मैं भी उससे चुदवाना चाहुँगी, रूही ने जवाब दिया।
 
उससे चुदवाकर तुम्हें पछतावा नहीं होगा। एम-डी जानता है कि औरतों को खुश कैसे किया जाता है, प्रीती ने हँसते हुए कहा।
 
उम्मीद है ऐसा ही होगा! उसे चुदाई की काफी प्रैक्टिस है, रूही बोली।
 
पार्टी रात को सात बजे शुरू होने वाली थी। साढ़े छः बजे दरवाजे की घंटी बजी। इस समय कौन हो सकता है?” प्रीती ने पूछा।
 
आयेशा ही होगी! मैंने जवाब दिया।
 
मैंने तो सोचा था कि तुम उसे नहीं बुलाने वाले हो! प्रीती ने कहा।
 
पहले मैं उसे नहीं बुलाना चाहता था। पर जो खेल आज की रात के लिये मेरे दिमाग में है, उसके लिये एक लड़की कम पड़ रही थी..... सो मैंने उसे बुला लिया, मैंने प्रीती को समझाया।
 
कैसा खेल?” रूही ने उत्सुक्त में पूछा।
 
उसके लिये तुम्हें थोड़ा इंतज़ार करना होगा, मैंने आयेशा को अंदर लेते हुए कहा। 
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हमेशा की तरह आयेशा बहुत ही सुंदर लग रही थी। उसने बहुत ही अच्छा मेक-अप किया हुआ था और आसमानी नीले रंग का बहुत ही सैक्सी सलवार-कमीज़ और उससे मैचिंग सफ़ेद रंग के हाई-हील के सैंडल पहन रखे थे। आओ आयेशा! तुम्हारा स्वागत है, प्रीती ने कहा। मेरे करीब तो आओ जरा ताकि मैं तुम्हें अच्छी तरह निहार सकूँ।

एक प्यारी मुस्कान के साथ आयेशा प्रीती के सामने एक मॉडल की तरह खड़ी हो गयी। बहुत सुंदर लग रही हो...... एक दम किसी अप्सरा की तरह, प्रीती ने उसे गले लगाते हुए कहा, लेकिन तुम्हारी आँखें सुर्ख क्यों हैं, क्या तुम रोती रही हो?”
 
उसकी आँखों में तुरंत ही आँसू आ गये और उसने गर्दन हिला दी, हाँ!
 
क्या हुआ.....? बताओ मुझे, प्रीती ने पूछा।
 
उन्हें सब मालूम पड़ गया है! ऑफिस में क्या होता है और आपके घर पर क्या-क्या होता है, उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे।
 
ओह गॉड! फिर तो तुम्हारे अब्बा ने जमकर डाँट लगायी होगी तुम्हें?” मैंने कहा।
 
हाँ! उन्होंने जरूर मेरी ठुकाई की होती अगर अम्मी ने उन्हें रोक ना दिया होता, आयेशा ने नज़रें झुकाते हुए कहा।
 
तुम्हारी अम्मी ने उन्हें रोका???” मैं आगे कहना चाहता था कि आयेशा हँस पड़ी, सर! ये मगरमछी आँसू थे। पर ये सच है कि उन्हें सब पता चल गया है।
 
आयेशा थोड़ा सीरियस होकर सब सच-सच बताओ, मैं थोड़ा जोर से बोला।
 
सर! जब मैंने अब्बा से आज की रात को आने के लिये उनकी इजाज़त चाही तो वो मुझ पर बरस पड़े। कहने लगे कि वो सब जानते हैं कि वहाँ ऑफिस में और आपके घर पर क्या होता है।
 
वो इतना गुस्से में थे कि फिर अम्मी को बीच में आना पड़ा और उन्होंने सब उन्हें शुरू से बता दिया।
 
पर तुम्हारी अम्मी को कैसे पता चला?” प्रीती ने पूछा।
 
जब एक महीने मुझे महावारी नहीं हुई थी तो उन्हें शक हो गया था। तब मैंने अम्मी से कहा था कि वो सच कह रही हैं, और मैंने उन्हें बताया कि कैसे प्रीती जी ने मेरा खयाल रखा था। तब अम्मी ने मुझसे कहा कि जो हो चुका है वो वापस नहीं आ सकता..... बस मैं एक बात का खयाल रखूँ कि घर की बदनामी ना हो।
 
बस फ़िर क्या था...... मैं तुरंत तैयार हुई और यहाँ चली आयी। सॉरी मैं थोड़ा जल्दी ही आ गयी। आयेशा ने अपनी कहानी पूरी करते हुए कहा।
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हम लोग बातों को और आगे बढ़ाते कि दरवाजे की घंटी बजी। रुको मैं देखता हूँ, कहकर मैं दरवाजे की ओर बढ़ा।

जैसे ही मैंने दरवाजा खोला मैंने रूही को प्रीती से कहते सुना, मैं अभी दो मिनट में आती हूँ।
 
मैं एम-डी और उनके परिवार को अंदर लेकर आ गया। साथ ही अनिता और मीना भी आ गये। इस तरह सभी मेहमान आ चुके थे। आपस में परिचय और स्वागत के बाद एम-डी ने मुझसे पूछा, राज! रूही कहाँ है?”
 
हाय राजू! मैं तुम्हारे पीछे खड़ी हूँ, रूही ने कहा।
 
हाय रूही मेरी जान! एम-डी ने उसे गले लगाते हुए कह।,तुम पहले से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत और जवान लग रही हो।
 
तुम पहले से जरूर थोड़े उम्र में बड़े लग रहे हो पर आज भी कोई भी औरत तुम्हारी ख्वाहिश कर सकती है, रूही ने जवाब दिया।
 
दोस्तों! इससे पहले कि हम बातचीत का दौर आगे बढ़ायें, क्यों ना हम सब अपने कपड़े उतार कर एक दूसरे से घुल मिल जायें, मैंने घोषणा करते हुए कहा।
 
सब लोग अपने कपड़े उतार कर नंगे हो गये और ड्रिंक्स पीते हुए आपस में बातें करने लगे। औरतों ने सिर्फ अपने ऊँची ऐड़ी के सैंडल पहने हुए थे।
 
रूही के नंगे बदन को अपनी गिरफ़्त में लेकर एम-डी ने उसके मम्मों को मसल दिया। रूही! आज मैं तुम्हें दिल भर के चोदूँगा। याद है मैंने तुमसे कहा था कि एक दिन मैं तुम्हें जरूर चोदूँगा।
 
उन दिनों का तो मुझे पता नहीं कि तुम मुझे चोद पाते कि नहीं....... हाँ! आज जब मैं बेवा हो गयी हूँ तो जिससे मेरा मन करे उससे चुदवा सकती हूँ, कहकर रूही ने जोर से एम-डी के खड़े लंड को भींच दिया, आज मैं तुम्हारे लंड से एक-एक बूँद निचोड़ लूँगी।
 
राज कह रहा था कि तुम्हारी चूत काफी कसी हुई और गरम है! एम-डी ने उसके मम्मों को मसलते हुए कहा।
 
चोद कर खुद देख लो! रूही हँसते हुए उसके लंड को और रगड़ने लगी।
 
रूही! क्या तुम उस लड़की को जानती हो जो आयेशा से बात कर रही है?” एम-डी ने पूछा।
 
वो मेरी बेटी फातिमा है, रूही ने जवाब दिया।
 
क्या उसकी भी चूत तुम्हारी चूत की तरह गरम है?” एम-डी ने पूछा।
 
उसकी भी चूत को चोद के देख लो..... रूही ने हँसते हुए जवाब दिया।
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हाँ! मैं चोद के जरूर देखूँगा। लेकिन पहले तुम्हारी चूत को और फिर तुम्हारी बेटी की चूत को, एम-डी जोर-जोर से उसकी चूचियों को मसलते हुए कहा।

फातिमा! जरा यहाँ तो आना, रूही ने आवाज़ लगायी। फातिमा अब तक काफी शराब पी चुकी थी और ऊँची ऐड़ी के सैंडलों में लड़खड़ाती उनके पास आयी। रूही ने उसका परिचय कराया, इनसे मिलो! ये हमारे परिवार के पुराने जान पहचान वालों में से हैं और तुम्हारी सहेली रजनी के अंकल भी..... मिस्टर राजू।
 
सलाम सर! फातिमा ने थोड़ा सा सर झुका कर उसे सलाम किया।
 
मेरे पास आओ! एम-डी ने कहा,जरा तुम्हारे बदन की गरमाहट को महसूस करने दो। फिर एम-डी ने फातिमा की चूचियों को जोर से मसलते हुए कहा,तुम्हारी चूचियाँ कितनी भरी भरी हैं। लगता है कि तुम्हें चोद कर मुझे काफी आनंद आयेगा।
 
उम्मीद करती हूँ कि आपके लंड में इतना पानी हो कि वो हम दोनों की चूत कि प्यास बुझा सके, कहकर फातिमा ने एम-डी के लंड को जोर से मसल दिया।
 
प्लीज़ सब लोग मेरी बात पर ध्यान दें...... मैंने जोर से चिल्लाते हुए कहा, आज की पार्टी का थीम है माँ-बेटी। पहले मैं आप सबसे उन चूतों का परिचय करा दूँ जो आज की रात माँ-बेटी की जोड़ी बन कर आयी हैं। पहली जोड़ी है मिली और टीना की! कमरे में जोर की ताली बजने लगी।

दूसरी जोड़ी है योगिता और रजनी की, तीसरी है अनिता और मीना की, और आखिरी है रूही और फातिमा की। उसके बाद हमारे बीच हैं, दो सगी बहनें, अंजू और मंजू और उनका साथ दे रही हैं मेरे सालों की बीवियाँ सिमरन और साक्षी। और आखिर में है मेरी बीवी प्रीती और और सुंदर आयेशा। प्लीज़ सब इनका जोर से ताली बजा कर स्वागत करें।
 
कमरे में जोर की तालियों की गड़गड़ाहट गूँज पड़ी। शराब पानी की तरह पी जा रही थी और सब नशे और मस्ती में चूर थे। आज की रात हम एक खेल खेलेंगे। हर मर्द अपने पसंद की जोड़ी चुनेगा। वो जोड़ी को अदल-बदल नहीं कर सकता, मैंने कहा।
 
मैं रूही और फातिमा को चुनता हूँ! एम-डी थोड़े उतावले स्वर में बोला।
 
सर! आप थोड़ा सब्र कीजिये। आपकी बारी बाद में आयेगी। पहली बारी जय की है। माँ -बेटी की जोड़ी को इस पार्टी में बुलाया जाये, ये सुझाव उसका था और इसलिये पहला हक उसका बनता है। जय के चुनने के बाद उम्र को महत्व दिया जायेगा। जय तुम किसे चुनना चाहोगे?” मैंने कहा।
 
एम-डी को अपनी पसंद लेने दो! मैं अनिता और मीना को चुनता हूँ, जय ने उन दोनों को अपनी बाँहों में भरते हुए कहा।
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एम-डी के बाद मैं ही उम्र में बड़ा था। सो मैंने मिली और टीना को अपनी बाँहों में भर लिया। उसके बाद पसंद चलती रही और परिणाम ये था कि राम ने योगिता और रजनी को चुना। श्याम ने अंजू और मंजू दोनों बहनों को। विजय ने अपने आपको सिमरन और साक्षी के साथ कर लिया। आर्यन अपनी पुरानी दो प्रेमिकाओं, प्रीती और आयेशा को पाकर खुश था।

राज तुमने ये नहीं बताया कि खेल क्या है?” अनिता ने जय के लंड को अपने ग्लास में डालकर शराब में नहलाते हुए पूछा।
 
मेरे लिविंग रूम के कोने में बने बार की तरफ इशारा कर मैंने कहा, जो भी चाहे बार से ड्रिंक ले सकता है। जी भर कर पीजिये और मैं खेल और उसके नियम आप सबको १५ मिनट बाद बताऊँगा। सो प्लीज़ आप सब इंजॉय करें और १५ मिनट का इंतज़ार।
 
 
॥॥। क्रमशः ॥॥
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भाग- १७

आज मेरे घर में एक पार्टी थी। मैंने एक खेल रखा था और सब उसके नियम सुनने को बेचैन थे। १५ मिनट हो चुके थे।

 

दोस्तों! अब जो खेल मैंने रखा है..... प्लीज़ सब ध्यान से उसके नियम सुन लें, मैं सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हुए बोला। दीवार पर लगी घड़ी में इस समय साढ़े सात बजे हैं। ठीक सवा आठ पर बार बंद हो जायेगा। और सवा आठ से नौ के बीच में हर मर्द को अपनी औरतों की जोड़ी को एक बार जरूर चोदना है। ठीक नौ बजे औरतों को अपने-अपने मर्द का लंड चूसना है। जिस जोड़ी की औरत अपने मर्द का पानी पहले छुड़ाने में कामयाब होगी, वो ही इस खेल की विजेता होगी। कोई सवाल है किसी के दिल में?”

 

क्या हम औरतों की चुदाई एक से ज्यादा बार नहीं कर सकते?” आर्यन ने पूछा।

 

तुम्हारा दिल चाहे.... उतनी बार तुम उनको चोद सकते हो पर तुम्हारी जोड़ीदार औरतों को ही तकलीफ होगी तुम्हारा पानी छुड़ाने में, मैंने जवाब दिया।

 

पहले किसको चोदना है..... माँ को या बेटी को?” राम ने पूछा।

 

इसकी कोई पाबंदी नहीं है। ये तुम लोग आपस में तय कर सकते हो, मैंने उसकी बात का खुलासा किया।

 

नहीं मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ, मिली ने मेरे लंड को चूमते हुए कहा, उम्र के हिसाब से अहमियत बड़ों को पहले मिलनी चाहिये। क्या सब मेरी बात को मानते हैं?”

 

सबने उसकी बात का समर्थन किया।

 

तो ठीक है! जो बड़ी है पहले वो चुदाई करायेगी, मैंने कहा।

 

क्या जीतने वाले को इनाम भी मिलने वाला है? अगर हाँ तो वो क्या है?” आयेशा ने पूछा।

 

इनाम ये है कि जीतने वाली आज अपना चुदाई का कोई भी ख्वाब पूरा कर सकती है, मैंने कहा, और कोई सवाल?”

 

क्या लंड चूसने के भी कोई नियम हैं?” अनिता ने पूछा।

 

नहीं उसके कोई नियम नहीं हैं, सिर्फ़ इतना कि लंड चूसते वक्त औरतें अपने हाथों का इस्तमाल नहीं करेंगी। मैंने कहा, और कुछ पूछना है किसी को।
 
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हाँ! बार वापस कब खुलेगा?” योगिता ने पूछा।

 
जैसे ही ये खेल कोई जीत लेगा, मैंने जवाब दिया, वैसे बार अभी खुला है।
 
मम्मी! आर्यन रूही के पास पहुँचा।
 
हाँ बेटा! तुम ड्रिंक ले सकते हो पर ज्यादा मत लेना, रूही ने आर्यन के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा जबकि खुद तो रूही नशे में झूम रही थी।
 
क्या तुमने पहले कभी शराब पी है?” आयेशा ने आर्यन से पूछा।
 
नहीं आज से पहले कभी नहीं पी, पर आज पीने वाला हूँ, आर्यन ने कहा।
 
चलो तुम्हें बीयर पिलाती हूँ.....  पहली बार ही व्हिस्की पियोगे तो चोद नहीं पाओगे.... चलो मेरा भी पैग खत्म हो गया है, आयेशा लड़खड़ाती हुई आर्यन को घसीट कर बार की ओर ले गयी।
 
कितनी अच्छी जोड़ी है दोनों की! मैंने रूही के कान में कहा।
 
हाँ! मैं भी यही सोच रही थी, रूही ने जवाब दिया।
 
जब हम सब ड्रिंक करते हुए आपस में बातें कर रहे थे तो एम-डी ने कहा, राज मैं तुम्हें बता सकता हूँ कि आज कौन जीतेगा।
 
कौन?” मैंने पूछा।
 
मैं अपने पैसे अनिता पर लगा सकता हूँ। मेरी ज़िंदगी में कई औरतों ने मेरा लंड चूसा पर अनिता का लंड चूसने का अंदाज़ ही निराला है। वो एक नपुंसक के लंड में भी जान डाल सकती है, एम-डी ने हँसते हुए कहा।
 
पर सर, मिली, रूही और प्रीती भी किसी से कम नहीं हैं। मुझे लगता है कि स्पर्धा काफी नज़दीकी होगी,” मैंने कहा।
 
अनुभवी इंसान की बात को मानना सीखो..... हमेशा फ़ायदे में रहोगे, एम-डी ने अपनी छाती पे हाथ ठोंकते हुए कहा।
 
ठीक सवा आठ बजे, सात खड़े लंड, सात गीली हुई चूतों में घुस गये और एक साथ सात आवाज़ें आआआआहहहहह की कमरे में गूँज पड़ी। थोड़ी ही देर में कमरे का माहोल गरमा गया। चारों तरफ से सिसकरियों की आवाज़ गूँज रही थी, ओहहहहहह हाँ...आआआआ चोदो मुझे!!!!!कोई कह रहा था, “हाहाहाँआआआ जोर से!!!! और जोर से डालो!!!! हाँ और जोर से!!!!
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कुछ देर बाद सिसकरियाँ बड़बड़ाहट में बदल गयीं, रुकना मत........ चोदते जाओ...... और जोर से......  मेरा छूटने वाला है...... और मर्दों ने एक जोर की “आआआआआहहहहह” के साथ अपना पानी उनकी चूत में छोड़ दिया।

 
जैसे ही सब मर्दों का लंड दोबारा खड़ा हुआ तो वो बेटियों की चूत में अपना लंड घुसा कर चोदने लगे। थोड़ी देर में सब औरतों की चुदाई एक बार हो चुकी थी। सब मर्द अपनी उखड़ी साँसों को संभालते हुए आराम कर रहे थे, सिवाय आर्यन के। आयेशा चलो एक बार फिर से चुदाई करते हैं। तुम्हारा तो सपना कोई होगा नहीं!
 
सच कहूँ तो एक नहीं...... कई हैं! और मैं आज उनमें से अपने एक सपने को जरूर पूरा करूँगी! आयेशा ने जवाब दिया।
 
निराश होता हुआ आर्यन प्रीती के पास पहुँचा, प्रीती! चलो चुदाई करते हैं।
 
अभी नहीं! मैं नहीं चाहती हूँ कि आयेशा इस खेल में हार जाये, प्रीती ने जवाब दिया।
 
जैसे सब बैठे हैं वैसे ही तुम भी बैठ जाओ और नौ बजने का इंतज़ार करो, कहकर आयेशा ने आर्यन को एक कुर्सी पर बिठा दिया।
 
ठीक नौ बजे औरतों की जोड़ी में जो छोटी थी, वो अपने मर्दों का लंड चूसने लगी,आयेशा! जरा धीरे चूसो! तुम्हारे दाँत मुझे चुभ रहे हैं, आर्यन ने दर्द से सिसकते हुए कहा।
 
आर्यन! अपना मुँह बंद रखो..... मेरे हिसाब से आयेशा सही ढंग से चूस रही है, प्रीती ने उसे डाँटते हुए कहा।
 
टीना मेरे लंड को चूस रही थी। उसे भी लंड चूसने का अनुभव नहीं था इसलिये उसके भी दाँत मेरे लंड पर चूभ रहे थे। थोड़ी देर बाद सब बड़ी औरतों ने छोटी लड़कियों का स्थान ले लिया। शुक्रिया!!! आल्लाह!!!! आर्यन ने एक गहरी साँस ली। आयेशा तुमने तो मेरे लौड़े को चबा ही डाला था।
 
मैंने अनिता को कहते हुए सुना, मीना! कैसा चल रहा है?”
 
वैसे तो ठीक है पर खड़ा नहीं हो रहा, मीना ने जवाब दिया।
 
लाओ इसके लंड को मुझे चूसने दो, अनिता ने कहा,मैं इसके लौड़े को थोड़ी देर में ऐसा कर दूँगी कि ये कमरे के चारों ओर पिचकारी मारता रहेगा। थोड़ी देर मैं जय के मुँह से सिसकरियाँ फूटनी शुरू हो गयीं। हाँ.....आआआआ चूसो ऐए!!!!! हाय ओहहहहह हाँ जोर से..... ऊईईई।
 
वैसे तो मिली भी काफी अच्छी तरह चूस रही थी पर जय के चेहरे से लग रहा था कि वो लोग बाज़ी मार ले जायेंगे।
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ओहहहह अनिता..आआआआआ मेरा छूटने वाला है!!!! जय जोर से चिल्लाया,हाँ जोर से चूसो..... हाँ ऐसे ही...... हाँ मेरा छूटा।सका शरीर अकड़ा और उसके लंड ने अपने वीर्य की पिचकारी अनिता के मुँह में छोड़ दी।

 
खुशी से झूमते हुए अनिता ने जय के लंड को अपने मुँह में से निकाला और मीना और जय को अपनी बाँहों में भर लिया, हम जीत गये..... हम जीत गये!!!
 
जब सब मर्दों का पानी छूट गया तो सभी औरतें अनिता को बधाई देने लगीं। एम-डी सही कह रहा था, लगता है हम सब को तुमसे ट्यूशन लेना पड़ेगा। अब बताओ तुम अपना कौन सा सपना पूरा करना चाहोगी?”
 
मेरा एक सपना है जिसके बारे में मैं हमेशा सोचती रहती थी किंतु....! अनिता कहने जा रही थी पर मैं बीच में बोला, अनिता! तुम अपना समय लो और सोच कर बोलो। हम खाना खाने के बाद तुम्हारा सपना जरूर पूरा करेंगे। अब बार खुला है और जो लोग फिर से ड्रिंक्स लेना चाहें... ले सकते हैं।
 
राज! मुझे मालूम है कि मैं क्या करना चाहती हूँ..... मुझे सोचने की जरूरत नहीं है! अनिता हँसते हुए बोली।
 
खाना खाने के बाद सब ये जानने को उत्सुक थे कि अनिता का वो ऐसा कौन सा सपना है जिसे वो पूरा करना चाहती है। सब अपने-अपने ड्रिंक्स लेकर अनिता के पास इकट्ठा हो गये। मेरा हमेशा से सपना रहा है कि मुझे पाँच मर्द मिल कर चोदें और मेरे शरीर को अपने वीर्य से नहला दें..... आज मैं अपना ये सपना पूरा करूँगी, अनिता ने अपना ड्रिंक पीते हुए कहा।
 
क्या पाँच मर्द? वो कैसे?” अंजू ने पूछा।
 
सीधी सी बात है, एक मेरी चूत में, एक मेरी गाँड में, और एक मेरे मुँह में! बाकी बचे दो.... तो वो या तो मेरे हाथों में या मेरी चूचियों के बीच! अनिता ने बताया।
 
ठीक है तुम अपने साथी चुन सकती हो?” मैंने अनिता से कहा।
 
विजय तुम नीचे लेट जाओ और मैं तुम्हारे ऊपर चढ़ कर तुम्हारे लंड को अपनी चूत में लूँगी। जय... तुम मेरी गाँड मारोगे और मैं आर्यन के लंबे लंड को अपने मुँह से चूसूँगी। राम और श्याम के लंड को अपने हाथों में लूँगी।
 
जब सब लड़कों ने अपनी जगह ले ली तो अनिता ने कहा, लड़कों! मेरा सपना है कि तुम सब आपस में ताल मेल रखते हुए अपना पानी छोड़ोगे और सब मेरे बदन पर ही छोड़ोगे। इससे सबको ज्यादा मज़ा मिलेगा।
 
हे राम और श्याम! ध्यान रखना जब तुम अपना पानी छोड़ो तो अनिता के बदन पर ही छोड़ना...... कहीं मेरे चेहरे पर मत छोड़ना, विजय ने उनसे कहा।
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राम! तुम इसकी बांयी आँख पर पिचकारी मारना और मैं इसकी दांयी आँख पर, श्याम ने हँसते हुए कहा। इसके पहले कि विजय कुछ कहता, अनिता बोली, विजय ये मज़ाक कर रहे हैं! और अगर ये ऐसा करते भी हैं तो तुम चिंता मत करो मैं तुम्हें चाट-चाट कर साफ कर दूँगी।

 
नज़ारा जो अनिता ने रखा था, वो देखने लायक था। जय उसकी गाँड में अपना लंड जड़ तक पेल देता जिससे जय का लंड भी अंदर तक घुस जाता। राम और श्याम के लंड अनिता की बंद हथेलियों में अगे पीछे हो रहे थे। और आर्यन के लंड को अनिता जोर-जोर से चूस रही थी।
 
कमरे में सबकी सिसकरियाँ गूँज रही थीं। जय उसकी गाँड में लंड पेलते हुए बड़बड़ा रहा था, ले साली! और जोर से ले!!! बहुत शौक है ना पाँच मर्दों से चुदवाने का??? आज मैंने तेरी गाँड ना फाड़ दी तो कहना!!!
 
वहीं आर्यन बड़बड़ा रहा था, हाँ! और जोर से चूसो ना!!!! हाँ अपने गले तक ले लो!!! ओहहहह आआआहहहह।
 
अनिता जोर-जोर से लंड चूसने लगी तो आर्यन तुरंत बोला अनिता आँटी! धीरे! मेरा छूटने वाला है। अनिता ने अपनी रफ़तार धीमी कर दी।
 
भाई! कैसा चल रहा है?” जय ने पूछा।
 
मज़ा आ रहा है, ऐसा लग रहा है कि तुम्हारा लंड मेरे लंड को स्पर्श कर रहा है। हाँ इसी तरह अंदर तक अपने लंड को इसकी गाँड में पेलते रहो। विजय ने नीचे से धक्का लगाते हुए जवाब दिया।
 
हाँ जोर से!!! जोर से चोदो मुझे सब मिलकर!!!! मेरा छूटने वाला है!!! अनिता जोर-जोर से अपने कुल्हे उछाल रही थी।
 
आर्यन ने अनिता के सर को अपने हाथों से पकड़ रखा था और अपना लंड उसके गले तक डाल कर चोद रहा था।
 
बहुत ही दिलकश नज़ारा था। ऐसी सामुहिक और भयंकर चुदाई ना तो मैंने देखी थी ना ही मैंने की थी।
 
ओहहह मेरा...आआ छूटा...आआआ! अनिता का इतना कहना था कि आर्यन ने भी, ओहहहह मेरा छूटा!!!! कहकर अपने लंड की बौंछार अनिता के चेहरे पर कर दी।
 
विजय ने जोर से अनिता को कमर से पकड़ कर अपने लंड को ऊपर की ओर करते हुए अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया। वहीं जय ने अपने लंड के दो चार धक्के उसकी गाँड में और मारे और अपना पानी अनिता की पीठ पर छोड़ने लगा।
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राम और श्याम ने अपने लंड को ठीक अनिता के चेहरे और छाती का निशाना बना कर अपनी पिचकारी छोड़ना शुरू किया। अरे संभालो! विजय कुछ कहता इसके पहले उनके लंड से छूटा वीर्य उसके चेहरे पे गिर पड़ा।

 
फातिमा जोर से हँस पड़ी और आयेशा ताली बजाने लगी कि तभी दो और बौंछार विजय के चेहरे से टकरायी।
 
गंदे साले! क्या और कोई जगह नहीं मिली निशाना साधने के लिये, विजय गुस्से में बोला।
 
अरे गुस्सा क्यों करते हो, कहकर अनिता उसके चेहरे पर लगे वीर्य को चाटने लगी। जब उसने विजय को अच्छी तरह साफ कर दिया तो निढाल पड़ गयी।
 
जब सब कोई सुस्ता चुके थे तो आयेशा ने कहा, सर! अब मेरी बारी है।
 
नहीं तुम्हारी नहीं! अब मीना की बारी है, मैंने कहा, मीना! तुम बताओ तुम्हारा क्या सपना है।
 
मेरा कोई खास सपना नहीं है। एम-डी और आप मुझे ऑफिस में चोदते हैं..... मैं उससे ही खुश हूँ, मीना ने जवाब दिया। मीना बुरी तरह नशे में धुत्त थी और सोफे पर पसरी हुई थी।
 
तो फिर दोनों के साथ यहाँ क्यों नहीं चुदवाती?” फातिमा ने कहा।
 
दोनों मुझे कई बार एक साथ चोद चुके हैं..... इसलिये एक बार और चुदवाने से मुझे कोई फ़रक नहीं पड़ेगा, मीना ने हँसते हुए कहा,एम-डी सर! आप लेट जायें और नीचे से मेरी चूत में लंड को डालें और राज सर, आप पीछे से मेरी गाँड मारें। आपका मोटा और लंबा लंड मुझे अपनी गाँड में अच्छा लगता है।
 
कमरे में फिर एक बार चारों तरफ चुदाई का आलम था। मैं यहाँ एम-डी के साथ मिलकर मीना को चोद रहा था और चारों तरफ कोई ना कोई किसी को चोद रहा था।
 
थोड़ी देर बाद सब थक कर निढाल पड़े थे। पार्टी करीब-करीब खत्म होने को आ गयी थी। आयेशा! रात काफी हो चुकी है.... चलो तुम्हें घर छोड़ आऊँ, मैंने आयेशा से कहा।
 
सर! मुझे यहीं रहने दें ना...... वैसे भी घर में सबको पता है कि मैं यहाँ हूँ, आयेशा थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली। नशे में उसकी आवाज़ बहक रही थी।
 
वो तो सब ठीक है.... पर काम ऐसा करना चाहिये कि तुम्हें दोबारा भी यहाँ आने की इजाज़त मिल जाये, मैंने उसे समझाते हुए कहा।
 
ठीक है! पर क्या मैं सुबह यहाँ आ सकती हूँ? रूही मैडम! आप और आर्यन कल यहीं हैं ना?” आयेशा ने कहा।
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हाँ मेरी जान! हम यहीं हैं, रूही ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा। तुम कल सुबह आ जाना..... हम इंतज़ार करेंगे। फिर आयेशा को कपड़े पहनाने में विजय ने मेरी मदद की क्योंकि आयेशा को तो नशे में कुछ होश नहीं था। बड़ी मुश्किल से उसे कार में बिठा कर उसके घर ले गया।

 
जब मैं आयेशा को उसके घर छोड़ कर आया तो देखा कि सब किसी ना किसी को बाँहों में लिये सो गये है। मैंने देखा कि प्रीती और रजनी अकेले सो रहे हैं तो मैं भी उनके बीच में जाकर सो गया।
 
“ट्रिंग...ट्रिंग” डोर बेल की घंटी बजी। मैंने उसे अनसुना कर दिया। “ट्रिंग...ट्रिंग” घंटी फिर बजी और देर तक बज रही थी। इतनी सुबह कौन हो सकता है? सोचकर मैंने घड़ी पर देखा तो सुबह के नौ बज चुके थे। दरवाजा खोलते ही मैं चौंक पड़ा, दरवाजे पर आयेशा खड़ी थी। उसकी आँखें अभी भी नशे में सुर्ख थीं। वो सो कर उठते ही सीधी यहाँ आ गयी थी।
 
ओह गॉड! इतनी सुबह.... तुम यहाँ क्या कर रही हो?”
 
मैं यहाँ पार्टी जॉयन करने आयी हूँ, उसने अंदर आते हुए कहा, आप ही ने तो कहा था कि मैं आ सकती हूँ।
 
हाँ कहा था पर इतनी सुबह आ जाओगी...... उम्मीद नहीं थी, सब सोये पड़े हैं, मैंने कहा।
 
आप इसकी चिंता मत करो..... मैं सबको जगा दूँगी, कहकर वो अपने कपड़े उतारने लगी। ये वक्त चुदाई करने का है ना कि सोकर बर्बाद करने का।
 
वो आर्यन को ढूँढने लगी जो अंजू और मंजू के बीच सोया हुआ था। उसने उसके मुर्झाये लंड को अपने हाथों में लिया। गुड मोर्निंग मेरे प्यारे राजा! कहकर उसके लंड को चूसने लगी।
 
ओहहहह बहुत ही अच्छा लग रहा है! आर्यन ने बड़बड़ाते हुए अपनी आँखें खोलीं, ओह आयेशा! तो ये तुम हो?”
 
हाँ मेरे राजा! तुम्हारी जान आयेशा, और सिर्फ़ तुम्हारी, आयेशा थोड़ा मुस्कुरायी, आराम से लेटे रहो और मज़े लो।
 
आर्यन के मुँह से सिसकरी निकाल पड़ी और वो अंजू और मंजू की चूत को सहलाने लगा। अंजू और मंजू ने आँख खोलकर जब देखा तो दोनों आर्यन की छाती में चेहरा छिपा कर उसके निप्पल पर अपनी ज़ुबान फिराने लगीं।
 
“आयेशा का सुझाव बुरा नहीं है”, सोचते हुए मैं भी देखने लगा कि कोई उठा हुआ है कि नहीं। मैंने देखा कि विजय सिमरन और साक्षी के बीच सोया हुआ था। सिमरन अपनी पीठ के बल लेटी हुई थी। मैं उसकी टाँगों के बीच आकर उसकी चूत को चाटने लगा।
 
ओह प्लीज़ नहीं, प्लीज़ रुक जाओ ना! वो चिल्ला पड़ी।
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क्या तुम्हें मेरा, तुम्हारी चूत चाटना अच्छा नहीं लग रहा?” मैंने थोड़ा झल्लाते हुए पूछा।

 
ऐसी बात नहीं है, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है पर मुझे पिशाब जाना है और अगर मैं जल्दी से नहीं गयी यहीं तुम्हारे मुँह पर कर दूँगी, सिमरन ने जवाब दिया।
 
ठीक है जाओ! मैंने उसे जाना दिया। वो लगभग दौड़ती हुई बाथरूम की तरफ लपकी। बाकी लड़कियों की तरह उसने भी पिछली रात अपने सैंडल नहीं उतारे थे। मैं फिर दूसरों की तरफ देखने लगा। मैंने अनिता और मीना को उठाया और उन्हें दूसरों को भी उठाने के लिये कहा। इतने में सिमरन टॉयलट से लौट कर आ रही थी।
 
ओये ये यहाँ क्या चल रहा है?” वो बोली जब उसने आर्यन को तीन लड़कियों के साथ मज़े लेते देखा। किसी को बुरा तो नहीं लगेगा अगर मैं भी इसमें शामिल हो जाऊँ?” कहकर उसने अपनी चूत आर्यन के मुँह पर रख दी।
 
ये क्या कर रही हो?” आर्यन ने पूछा।
 
कुछ नहीं..... मेरी चूत के पानी के रूप में तुम्हें सुबह की चाय पिला रही हूँ, सिमरन ने हँसते हुए कहा, चलो अब अपनी चाय पियो।
 
राज! क्या तुमने जय को देखा है?” अनिता ने पूछा। मैंने अपनी गर्दन ना में हिला दी।
 
मैंने उसे उस कमरे में जाते देखा था, रूही ने जवाब दिया।
 
आओ रूही हम उसे ढूँढते हैं, अनिता ने रूही का हाथ पकड़ते हुए कहा। जय उन्हें बाथरूम में नहाते हुए मिला। छोटी बच्चियों की तरह उन्होंने जय को बाथरूम के बाहर खींचा और बिस्तर पर ढकेल दिया। जय का पूरा बदन साबुन से भीगा हुआ था।
 
रूही! मैं इसका लंड चूसती हूँ और तुम अपनी चूत इसे चाटने के लिये दे दो?” अनिता जोर से चिल्लायी।
 
कमरे के बाहर मैंने देखा कि एम-डी फातिमा की चूत चाट रहा था वहीं प्रीती उसके लंड को मुँह में लेकर जोरों से चूस रही थी।
 
हम सब लोग पूरे दिन चुदाई, चटाई, गाँड मराई करते रहे। हालत ये थी कि सब चोद-चोद के इतना थक चुके थी कि किसी में भी ताकत नहीं बची थी।
 
दूसरे दिन रूही अपने बच्चों के साथ वापस चली गयी और वादा कर गयी कि वो जल्द ही वापस आयेगी। शाम को मेरी बहनें अपने पतियों के साथ और मेरे साले अपनी बीवियों के साथ अपने-अपने घर जाने के लिये ट्रेन में सवार हो गये।
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कई महीने गुज़र गये। इसी दौरान हम कई बार रूही के यहाँ हो आये थे और रूही भी कई बार हमारे यहाँ आ चुकी थी। रीना के इक्किसवें जन्मदिन को अब एक हफ्ता ही रह गया था और हमें उसके जन्मदिन की तैयारियाँ करनी थी।

 
रीना के जन्मदिन से एक दिन पहले रजनी, योगिता, टीना, प्रीती और मैं, सब डिसकस कर रहे थे कि हम रीना की कुँवारी चूत को चोदने के प्रोग्रम को कैसे अंजाम दें। हमें पता था कि इस बार एम-डी पूरी सावधानी बरतेगा कि मैं उसकी बेटी कि कुँवारी चूत ना फाड़ पाऊँ। हम ये भी जानते थे कि टीना की तरह वो हमें रीना की बर्थडे पार्टी नहीं करने देगा।
 
योगिता! तुम्हें क्या लगता है कि हमें मिली से भी होशियार रहना चाहिये?” मैंने पूछा।
 
नहीं... मुझे ऐसा नहीं लगता। वो बड़ी प्रैक्टीकल किस्म की औरत है। उसे ये बात मालूम है कि उसकी बेटी की चूत को एक दिन तो फटना ही है, सो कल फटे या आज..... उसे कोई फ़रक नहीं पड़ता, योगिता ने जवाब दिया।
 
अगर ऐसा है तो क्या हम उसे सारी हकीकत बता कर अपना राज़दार बना सकते हैं?” मैंने पूछा।
 
नहीं उसे बिल्कुल मत बताना। सारी बात जानने के बाद शायद वो अपनी बेटी की चूत चुदवाने में हमारी मदद ना करे पर चुद जाने के बाद शायद वो ऐतराज़ ना करे, योगिता ने जवाब दिया।
 
क्या उसके जन्मदिन की पार्टी होगी?” प्रीती ने पूछा।
 
जरूर होगी! रीना अपने पापा की लाडली बेटी है। उन्होंने उसे एक बड़ी पार्टी का वादा किया है और वो अपना वादा जरूर पूरा करेंगे, बस सवाल ये उठता है कि वो पार्टी कहाँ पर रखेंगे, टीना ने जवाब दिया।
 
क्या रीना अब भी अपनी उस इंगलिश टीचर की चूत चाटती है और अपनी चटवाती है..... क्या नाम था उस टीचर का...... मुझे याद नहीं आ रहा...... हाँ याद आया, मिस ब्रिगेंज़ा! प्रीती ने पूछा।
 
बदकिस्मती से हाँ! पूरी लेस्बियन बन गयी है! रजनी ने जवाब दिया, और उसका यही शौक हमारे काम को अंजाम देने में आड़े आ सकता है।
 
उसी समय फोन की घंटी बजी। एम-डी लाईन पर था, राज! मैं तुम्हें और प्रीती को मेरी बेटी रीना की जन्मदिन की पार्टी की दावत देता हूँ.... पार्टी शनिवार की शाम को है..... सो जरूर से पहुँच जाना।
 
थैंक यू सर! मैंने जवाब दिया, पर सर! आपने क्यों तकलीफ उठायी? मुझसे कह दिया होता..... मैं पार्टी का सारा इंतज़ाम कर देता, जैसे मैंने टीना की पार्टी का इंतज़ाम किया था।
 
राज! क्या तुम मुझे बेवकूफ़ समझते हो?” एम-डी ने जोर से हँसते हुए कहा, तुम्हें क्या लगता है कि मैं अपनी मासूम बेटी को तुम्हारे फ्लैट पे आसानी से आने दूँगा जिससे तुम मेरी बेटी की कुँवारी चूत को चोद सको? किसी भी हालत में नहीं राज! इस बार पार्टी मेरे घर पे होगी। और मैं तुम्हें सावधान कर रहा हूँ कि अगर तुमने मेरी बेटी की ओर आँख उठा कर देखा तो मैं तुम्हें जान से मर दूँगा।
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