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“डोंट वरी बेब! यू विल लव इट एंड थैंक अस फोर वंडरफुल एक्सपीरीयंस!” माइक हंसते हुए बोला और मेरे चूतड़ों पर अपने भुसण्ड लौड़े का सुपाड़ा फिराने लगा।
“नो! नो! आँआँहहह!! नहींऽऽऽऽ! प्लीज़ऽऽऽऽ! ऊँऊँममऽऽ! यू विल स्प्लिट मी! चिठड़े हो जायेंगे मेरे! ऊऊऊईईईई!! यू आर ठू बिग!” मैं गिड़गिड़ाते हुए रोने लगी लेकिन साथ-साथ मेरे मुँह से सिसकारियाँ भी नकल रही थी।
“कम ऑन मैन! दिस स्लट कैन टेक ऑल द कॉक वी कैन गिव हर! शी इज़ फकिंग मॉय कॉक इन हर कंट लाइक अ बिच इन हीट!” ओरिजी ने माइक को फिर उकसाया। ओरिजी गलत नहीं कह रहा था। वाकय में मैं तो अपने चूतड़ हिला-हिला कर ओरिजी के लौड़े का मज़ा ले रही थी। ओरिजी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर मेरी चुत में अपना लौड़ा नीचे से ठोक ही रहा था और उसने कस कर मेरी कमर भी पकड़ी हुई थी। इस वजह से मैं उठ भी नहीं सकती थी और सच कहूँ तो शायद मैंने उठने की कोशिश भी नहीं की क्योंकि मेरी बे-गैरत चूत तो उस हब्शी लौड़े की चुदाई का जम कर मज़ा ले रही थी और कईं बार झड़ चुकी थी।
मेरा खौफ, मेरा गिड़गिड़ाना तो शायद ऊपरी ही था क्योंकि माइक को रोकने के लिये जिस्मानी तौर पर मैं कोई खास कोशिश नहीं कर रही थी। अपने साथ ज़िल्लत भरा रंडियों जैसा सलूक और बे-रहम दर्द भरी चुदाई में मुझे इस कदर मज़ा आ रहा था कि मैं उन जानवरों जैसे लौड़ों की हवस में कुछ भी सहने और कोई भी कीमत चुकाने को तैयार थी। नशे की बदहवासी और उन लौड़ों से चुदने की हवस में कुछ सोचने-समझने की ताकत बाकी नहीं रह गयी थी। बस किसी राँड कुत्तिया की तरह मैं अपनी गंदी चुदासी हवस पर अमल कर रही थी।
ओरिजी ने मेरी कमर में अपनी बाँहें डाल कर कस के पकड़ ली और नीचे से अपने चूतड़ उचका कर मेरी ठंसाठस भरी चूत में अपना लौड़ा मेरी आँतड़ियों तक ठोक दिया। पीछे से माइक ने भी मुझे बड़ी बेरहमी से जकड़ रखा था और मैं पूरी तरह उन दोनों गिरफ्त में थी। अगले ही पल मुझे अपनी गाँड के छेद पर उसके लंड के मोटे सुपाड़े का प्रेशर महसूस हुआ। मेरी गाँड का छेद माइक के लौड़े के लिये बिल्कुल मुनासिब नहीं था और माइक को अपना लौड़ा मेरी सूखी गाँड में घुसाने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन उसने हार नहीं मानी और पूरी ताकत से उसने अपने लंड का सुपाड़ा मेरे छोटे से छेद पर दबाना ज़ारी रखा और आखिर में उसे कामयाबी मिल ही गयी। उसका सुपाड़ा मेरी सूखी गाँड में अंदर घुसना शुरू हुआ तो दर्द से मेरी जान निकल गयी। मैं छटपटाते हुए चिल्लाने लगी। “आआआआआँआँऊँऊँऽऽऽ हाऽऽयय खुदाऽऽ केऽऽऽ लिये! प्लीज़ऽऽऽ स्टॉऽऽपऽऽ... नहींऽऽऽ।” मेरी चींख कमरे में गूँज उठी। मुझे लगा जैसे उसके लौड़े ने मुझे दो हिस्सों में चीर दिया हो। दर्द की इंतहाई ने मेरे होश उड़ा दिये और मैं दर्द भरी सुबकियों के साथ घुटी-घुटी सी साँसें लेने लगी।
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“स्टॉप इट.... रुक जाओ.... प्लीज़.... यू आर किलिंग मी... नोऽऽऽ...” मैं भर्राई आवाज़ में मिन्नतें करने लगी लेकिन मेरी सुबकियों और दर्द भरी कराहों में मेरी आवाज़ शायद ही सुनायी दे रही थी। मेरी आँखों से आँसू बह रहे थे लेकिन उन दोनों को मेरी हालत पर ज़रा भी तरस नहीं आ रहा था।
मैं तो बेहाल होकर नीचे ओरिजी के सिने पर ढेर हो गयी। ओरिजी ने नीचे से धक्के मारने बंद कर दिये थे पर उसका घोड़े जैसा एक फुट लंबा खतरनाक लौड़ा पूरा का पुरा मेरी चूत में गढ़ा हुआ था। अब मेरे मम्मे ओरिजी के जिस्म पर दबे हुए थे और शायद मेरी छटपटाहट कंट्रोल करने के लिये उसने अपनी बाँहें मेरी कमर के पीछे कस दीं और माइक को पूरा लौड़ा मेरी बेचारी गाँड में ठेलने के लिये उकसाने लगा। माइक ने कुछ पल तो अपना गेंद जैसा सुपाड़ा मेरी गाँड में जमाये रखा और फिर धक्का देते हुए जोर लगाकर अपना खंबे जैसा फौलादी लौड़ा मेरी कसी हुई संकरी गाँड में घुसेड़ना शुरू किया। उसने पूरी बेरहमी से जोर लगाकर मेरी गाँड की नाज़ुक दीवारों को घिसकर झुलसाते हुए अपना वहशी लौड़ा जड़ तक मेरी गाँड की दर्द से बिलबिलाती गहराइयों में गाड़ ही दिया।
उन वहशी दरिंदों के बीच में सैंडविच की तरह दबी हुई मैं कराहने और चिल्लाने के अलावा कुछ नहीं कर सकती थी। “ऊँऊँऊँऽऽऽआआआँईईईऽऽऽऽ!... बहन के लौड़ों...मार डाला साले... मेरी गाँड फाड़ डाली.... हायऽऽऽ मेरे अल्लाह.... आँआँईईईई!” अपने नाखुन ओरिजी के कंधों के पास कार्पेट में गड़ा कर खरोंचते हुए मैं जोर-जोर से चिल्लाने चींखने लगी और मेरे मुँह से अनाप-शनाप गालियाँ निकलने लगीं! इससे पहले इस तरह के गंदे अल्फाज़ और गालियाँ मैंने सिर्फ सुनी पढ़ीं ही थीं। वो तो खुशकिस्मती से मैंने इतनी दारू पी रखी थी और उन दोनों हब्शियों ने मुझे नशीली गोलियाँ भी खिल दीं थीं। नशे में चूर होने की वजह से ही मैं किसी तरह ये दर्द झेल पा रही थी नहीं तो यकीनन दम तोड़ चुकी होती।
“होली शिट! ऑय कैंट बिलीव दिस! दिस स्लट टुक मॉय फुल कॉक इन हर ऐस! शी इज़ सो टाईट... हर ऐस फील्स सो... सो फकिंग गुड! नेवर वाज़ एबल टू फक एन ऐस बिफोर... नो गर्ल कुड एवर टेक इट!” माइक हाँफते हुए बड़बड़ाया।
“गो ऑन माइक! फक हर ऐस रियली गुड एंड हार्ड...! लाइक यू ऑय हैव नेवर फक्ड एनी ऐस बिफोर....आलवेज़ वांटेड टू.... टुडे ऑय एम गोना फक हर ऐस ठू!”
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कोई ताज्जुब की बात नहीं थी कि उन हब्शियों ने पहले कभी किसी की गाँड नहीं मारी थी। कोई रंडी भी उनके खौफनाक लौड़ों से गाँड मरवाने की हिम्मत नहीं करेगी और चूत चुदवाने में भी सौ बार सोचेगी! वो तो मैं ही उनके हैरत-अंगेज़ लौड़े देखकर अपनी निहायत हवस के आगे बेबस पड़ गयी थी और बदहवासी में इस वहशियाना चुदाई में शरीक हो गयी। कुछ देर पहले मैं उनके लौड़ों से चुदने के लिये मरी जा रही थी और कोई भी कीमत अदा करने को तैयार थी और खुद को दुनिया की सबसे खुशकिस्मत औरत समझ कर खुदा का शुक्रिया अदा कर रही थी। लेकिन गाँड में इतना बड़ा लौड़ा घुसे होने से अब दर्द के मारे मेरी जान निकली जा रही थी। इतना दर्द तो मैंने अपनी ज़िंदगी में कभी नहीं झेला था। उधर चूत में भी उतना ही बड़ा लौड़ा ठुका हुआ था और मुझे अपनी चूत और गाँड एक होती महसुस हो रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे दोनों लौड़े मेरे अंदर एक दूसरे से रगड़ खा रहे थे।
ओरिजी की बात सुनकर माइक ने हंसते हुए कुछ कहा जो मैं अपनी चींखों की वजह से सुन नहीं सकी। अगले ही पल मुझे माइक का लौड़ा अपनी गाँड में धीरे से बाहर फिसलता हुआ महसूस हुआ। मेरी गाँड की सूखी दीवारें फैल कर उसके बाहर खिंचते हुए लौड़े पर जकड़ी जा रही थीं और मैं फिर एक बार दर्द से बिलबिला उठी। जब उसके लौड़े का मोटा सुपाड़ा ही मेरी गाँड के अंदर रह गया तो उसने एक ही झटके में जोर से पूरा लौड़ा एक बार फिर मेरी कसी हुई गाँड में ठोक दिया। इसी तरह माइक ने चार-पाँच बार अपना लौड़ा मेरी गाँड में अंदर बाहर ठोका। हर बार दर्द से तड़प कर मेरी चींखें निकल जाती थीं।
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“हे मैन! लेट्स गो! दिस बिच इज़ रैडी फोर डबल-फकिंग ऑफ हर लाइफ!” माइक हाँफते हुए ओरिजी से बोला और अगले ही पल ओरिजी का लौड़ा भी मेरी चूत में हिलता हुआ महसूस हुआ।
“ओहहह... यू...यू आर गोइंग टू... टू किल मी बिटवीन यू...! आआआईईईऽऽऽ!” मैं तड़प कर कराह उठी। ओरिजी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर जोर-जोर से मेरी चूत में ठोकने लगा और मेरे पीछे माइक का लौड़ा भी मेरी गाँड की गहराइयों में धक्के मारने लगा। मैं दर्द से लगातर कराहने और सुबकने लगी और मुझे एक बार फिर अपनी ज़िल्लत और तकलीफ में अजीब सा मज़ा आने लगा। दोनों बहुत ही बेरहमी से एक साथ अपने फौलादी लौड़े मेरी चूत और गाँड में अंदर-बाहर पेल रहे थे। । इतने मोटे-मोटे खुंखार लौड़ों की दोहरी वहशियाना चुदाई से मेरी हवस एक बार फिर भड़क उठी और मेरे दर्द और तकलीफ के एहसास पर हावी हो गयी। मेरी चूत और गाँड दोनों हद से ज्यादा इस कदर फैली हुई थीं कि ऐसा लग रहा था जैसे दोनों मिल कर एक हो गयी हों। दर्द इतना भयानक था कि मैं बयान नहीं कर सकती लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों- यही बेतहाशा दर्द मेरी मस्ती को बढ़ा रहा था। जब भी दर्दनाक लहर मेरे जिस्म में फूटती तो साथ ही मस्ती भरी मिठी सी लहर भी तमाम जिस्म में दौड़ जाती। दर्द ओर मस्ती के दोनों एहसास जैसे पिघल कर एक साथ धड़कते और फिर जुदा होते और फिर एक बार दोनों एहसास आपस में पिघल कर मिल जाते। बहुत ही हैरत अंगेज़ एहसास था और मैंने खुद को उस दोहरी वहशियाना चुदाई के हवाले कर दिया। कुल मिलाकर मेरी चुदास भड़क उठी थी और मेरी दर्द और मस्ती भरी मिलीजुली चींखें पूरे कमरे में गूँज रही थीं।
मेरी आग इतनी भड़क चुकी थी कि मुझे लगा कि चुदाई में कभी इससे ज्यादा मज़ा मिलना मुमकिन नहीं था। मेरी थरथराती चूत ओरिजी के लौड़े को जकड़ कर चसक रही थी और माइक के लंबे -लंबे गाँड-फाड़ू धक्के झेलते हुए मेरे चूतड़ थिरकने लगे थे। उन दोनों के बीच दबी होने की वजह से मैं ज्यादा हिलडुल नहीं सकती थी लेकिन मस्ती में फिर भी अपने चूतड़ जोर -जोर से हिलाते हुए मज़े लेने लगी। अपनी गाँड में माइक के लौड़े के झटकों के जवाब में मैं अपने चुतड़ पीछे ठेल रही थी तो साथ ही अपनी चूत नीचे गड़ाते हुए नीचे से ओरिजी के लौड़े के धक्के झेल रही थी।
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“ऊऊऊहहह... फक! दिस इज़ अमेज़िंग! चोदो! जोर-जोर से! हरामियों! बास्टर्ड्स! आआआँआँईईईईई,” मैं चींखते हुए झड़ने लगी। मेरा जिस्म ऐंठ कर बुरी तरह झनझना गया और मस्ती से मैं बेहोश होते-होते रह गयी। ज़िंदगी में मैं कभी इस कदर नहीं झड़ी थी। ऐसा लगा जैसा मेरी जिस्म में निहायत मस्ती भरा एटम बम फट गया हो जो मेरी जान ही ले लेगा।
उन दोनों ने बेदर्दी से मेरी चुदाई ज़री रखी। दोनों एक लय में मुझे चोद रहे थे। एक लौड़ा अंदर ठोकता तो दूसरा लौड़ा बाहर निकलता। “ऑय लव इट! लव इट! ओहह येससऽऽऽ! चोदो! जोर सेऽऽ! हार्डरऽऽ!” मेरे मुँह से सिसकरियों के साथ-साथ वाहियात अलफाज़ फूटने लगे। उन दोनों के बीच में सैंडविच बन कर अपनी गाँड और चूत में एक साथ उनके जानवरों जैसे मोटे-मोटे लौड़ों से चुदवाते हुए मुझे फक़त जन्नत में होने का एहसास हो रहा था। पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाज़ों और मेरी सिसकियों, कराहों, चींखों से गूँज रहा था। उन दोनों लौड़ों में मैं कोई फर्क नहीं कर पा रही थी। मेरी चूत का दाना इस कदर फूल कर कड़क हो गया था जैसे उसमें से लंड की तरह वीर्य फूट पड़ेगा। इतना खालिस, पाकिज़ा और तसल्ली भरा कमाल का मज़ा मैंने ज़िंदगी में पहले कभी महसुस नहीं किया था। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी जैसे कि रिकोर्ड कायम करना हो!
“ऊँहह... ऊँहह ! फकऽऽ! बिच!” वे दोनों हाँफते और गुर्राते हुए पूरे जोश में मुझे दनादन चोद रहे थे। उनके लौड़े अगर घोड़ों जैसे थे तो उनमें ताकत भी घोड़ों वाली ही थी। मैं भी लगातार जोर-जोर से कराह रही थी “ओहहह! आआआह! ऊँऊँआआआ! ऊँहहह! फक मी! फक मी! ऑय... ऑय... ऑय.... कमिंग अगेन! ओहहह! येस्स्स! आआह! आआह! हार्डर! मार डालो! फाड़ डालो! आआआआईईईई! हाऽऽय! फक मी!” उनके हाँफने और गुर्राने की आवाज़ें मेरी कराहों और चींखों में दब कर रह गयी थीं। जब भी मेरी चूत अपना रस छोड़ती तो मैं और जोर से चिल्ला पड़ती थी।
मुझे ओरिजी के धक्के अचानक पहले से ज्यादा जोरदार होते हुए महसूस हुए और साथ ही उसका जिस्म भी ऐंठता हुआ महसूस हुआ। उसने मेरी कमर में अपनी बाँहें और भी जोर से कस दीं और अपने चूतड़ उठा कर अपना तमाम लौड़ा बुरी तरह से मेरी चूत में ऊपर तक ठाँस दिया। उसका लौड़ा बिल्कुल पत्थर की तरह सख्त था। “टेक इट... बिच... मॉय कम!” ठिनठिनाते हुए उसने मेरी चूत में उबलता हुआ वीर्य छोड़ना शुरू कर दिया।
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“आआआँईई येस्सऽऽऽऽ ओहहह ओंओंओं! कीप... कीप कमिंग!” मैं भी चींख पड़ी। मेरी चूत उसके पत्थर जैसे लंड पर कस गयी और उसे निचोड़ते हुए मोम की तरह पिघलते हुए झड़ने लगी। अपना लंड जोर-जोर से मेरी चूत में चोदते हुए वो लगातार अपने वीर्य की पिचकारियाँ मेरी चूत में दागने लगा।
इसी दौरान मेरी गाँड में माइक के धक्कों की लय भी गड़बड़ा गयी। “मैन.. ओह मैन...” अपने जबड़े भींचते हुए माइक चिल्लाया और पीछे सेर मेरे कंधों में अपने हाथ गड़ाते हुए एक जोरदार शॉट लगाकर पूरा लंड अंदर ठाँस दिया। उसका पौलादी लौड़ा मुझे अपनी आंतड़ियों में फूलता हुआ महसूस हुआ। अगले ही पल गरम-गरम वीर्य सैलाब की तरह मेरी गाँड और आँतड़ियों में फूट-फूट कर बहने लगा।
ओरिजी का लौड़ा मेरी चूत में इस कदर झड़ रहा था कि मेरी चूत और बच्चेदानी में बाढ़ सी आ गयी। मेरी चूत की गहराइयों में उसके वीर्य की हर पिचकारी के साथ थोड़ा वीर्य मेरे चूत-रस के साथ मिलकर मेरी चूत में से झाग बनकर बहते हुए ओरिजी की जाँघों को भिगोने लगा। उसी तरह माइक का लौड़ा मेरी गाँड में लगातार झड़-झड़ कर सैलाब की तरह गरम-गरम वीर्य बहा रहा था। मेरी गाँड उसके मोटे लौड़े पर इस कदर जकड़ी हुई थी कि वीर्य बाहर नहीं बह सकता था। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि किसी इंसानी लौड़े से दोबारा इतनी जल्दी इतना ससारा वीर्य भी झड़ सकता है! अभी घंटे भर पहले ही तो इन दोनों लौड़ों ने मेरे मुँह में वीर्य का सैलाबी दरिया बहाया था।
उनके साथ-साथ मैं भी इस दौरान बार-बार ऐंठती और कुलबुलाती और थरथराती हुई झड़े जा रही थी। मेरी चूत और गाँड की दीवारें धड़कती और सिकुड़ती हुई उनके लौड़ों पर जकड़ रही थीं। उस वक्त अपनी कुचली छिली हुई चूत और गाँड में भरे हुए उनके फुट-फुट भर लंबे लौड़े और उनमें से गरम-गरम वीर्य के उमड़ते सैलाबों के अलावा मुझे और कुछ होश, कुछ एहसास नहीं था। ये मेरी ज़िंदगी का सबसे बेहतरीन और अनोखा एहसास था। इससे बेहतर कोई एहसास मुमकिन ही नहीं था। मेरा दिमाग में मस्ती भरे बम फट रहे थे। मैं तो सिर से पैर तक बिल्कुल निहाल हो गयी थी।
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उन दोनों के लौड़ों का झड़ना बंद हुआ लेकिन उनके लौड़ों के साइज़ और अकड़ाहट में मुझे कोई फर्क महसूस नहीं हुआ। माइक ने जब अपना लौड़ा बाहर खींचा तो उसका सुपाड़ा मेरी गाँड के छेद को बेदर्दी से फैलाते हुए अपने साथ बाहर खींचता हुआ निकला। मेरे जिस्म में झुरझुरी सी दौड़ गयी और मैं “ओहहहह” करके सिसक पड़ी। ओरिजी ने मुझे अपने ऊपर से हटाते हुए अपना लौड़ा मेरी चूत में से खींचा तो मैं वहीं ज़मीन पर पसर गयी और अपनी साँसें काबू करने लगी।
मेरी चूत और गाँड में से बहुत सारा रस मुझे फर्श पर बहते हुए महसूस हुआ। मैंने अपना एक हाथ अपनी टाँगों के बीच में नीचे ले जाकर अपनी चूत और गाँड पर फिराया तो मैं हैरान रह गयी। मेरे दोनों छेद, खासकर के, मेरी गाँड अभी भी चौड़ी होकर फैली हुई थी।
“मैन! ऑय कैंट बिलीव दिस! शी इज़ अ डायनामाइट! शी कुड टेक अ होर्स इन दैट वंडरफुल ऐस! नेक्स्ट ऑय विल फक हर ऐस...!”
“वी हिट द जैकपॉट मैन!”
उनकी बातें सुनकर मुझे अजीब सी खुशी हुई। मुझे अपने ऊपर फख़्र होने लगा।
“डिड यू लाइक इट... बेबी?” ओरिजी ने मेरे चेहरे के पास खड़े होते हुए पूछा। मैंने बोझल आँखों से देखा तो उसका काला लौड़ा अभी भी सख्त था और वीर्य से लठपथ था।
“उम्म्म्म! यू गाइज़ वर ग्रेट! इट वाज़ बेस्ट फकिंग एवर! थैंक यू!” मैं मुस्कुराते हुए फुसफुसयी।
“श्योर हनी! यू वर ग्रेट ठू!” ओरिजी बोला।
“व्हाय डोंट यू लिक आर डिक्स क्लीन.... योर ऐस एंड कंट मेड क्वाइट अ मेस!” माइक भी मेरे चेहरे के ऊपर अपना मूसल लौड़ा झुलाते हुए बोला।
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“ऑय वुड लव टू टेक यौर कॉक्स इन मॉय माउथ!” कहते हुए मैं उनकी टाँगों के बीच में ज़मीन पर चूतड़ टिकाये बैठ गयी। लेकिन उनके ऊँचे कद की वजह से मेरा चेहरा उनके लौड़ों तक नहीं पहुँच रहा था। पहले की तरह मुझे अपने घुटने मोड़ कर अपने ऊँची ऐड़ी के सैंडलों पर उकड़ूँ बैठना पड़ा। इस तरह बैठने से मेरी चूत और गाँड में से और ज्यादा वीर्य बाहर बहने लगा। जैसे ही मैंने अपना चेहरा माइक के लौड़े के करीब लाया तो उसे अपने मुँह में लेते-लेते रुक गयी और मेरी चींख सी निकल गयी, “ईईईऽऽश यक... सो डर्टी!” वो काला लौड़ा सिर्फ उसके वीर्य से ही लथपथ नहीं था बल्कि मेरी गाँड की गंदगी भी उस पर मौजूद थी। मैंने नाक भौं सिकोड़ कर थोड़ी ना-नुकर तो की लेकिन वासना और शराब के नशे में इतनी गिर गयी थी कि उनके ज़रा सा जोर और बढ़ावा देने पर मैं ये गंदी हरकत करने के लिये भी तैयार हो गयी। इससे ज्यादा गिरी हुई हरकत क्या हो सकती थी लेकिन उस वक्त मेरी चूत मेरे दिमाग पर हावी थी और ये बेहुदा और नफ़रत-अंगेज़ हरकत भी मुझे इक्साइटिंग लगने लगी।
थोड़ा हिचकिचाते बहुत ही एहतियात से मैंने माइक के सुपाड़े पर धीरे से अपने थरथराते होंठ रखे तो मुझे उबकायी सी आ गयी लेकिन मैं अब पीछे हटने वाली नहीं थी। मेरा जिस्म गंदी ज़लील वसना से दहक रहा था। मैंने सुपाड़ा अपने मुँह में ले ही लिया। बदबू के साथ-साथ बहुत ही कड़वा और नमकीन सा तीखा स्वाद आया लेकिन मैं खुद को रोक नहीं सकी और अपनी जीभ घुमा-घुमा कर उसे चूसने लगी। हैरत की बात ये है कि ऐसे गंदे स्वाद और बदबू से मेरे जिस्म में सनसनी सी दौड़ने लगी। मेरी वासना और जोर से भड़क उठी। मैंने बहुत ही मस्त होकर उसके लौड़े को चाट-चाट कर और चूस-चूस कर साफ किया।
“यू सीम टू लाइक द टेस्ट ऑफ योर शिट ऑन मॉय कॉक!” माइक ने मुझे ताना मारते हुए पूछा!
मैं भी बेशर्मी से अपने होंथों पर जीभ फिराते हुए शरारत से बोली, “इट वाज़ नॉट बैड! ऑय कैन गैट यूज़्ड टू इट!” और फिर जोर से खिलखिला कर हंस पड़ी।
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“यू आर सच ए नैस्टी स्लट! नॉव क्लीन मॉय कॉक ठू!” ओरिजी मेरे गालों पर अपना लौड़ा चाबुक की तरह मारते हुए बोला।
मैंने लपक कर ओरिजी का लौड़ा अपने हाथों में पकड़ लिया और अपनी जीभ से चाट कर और उसे मुँह में चूस कर साफ करने लगी। उसके लौड़े से वीर्य के साथ मिलाजुला अपनी चूत के रस चाटने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैं अपने मुँह में उसका सुपाड़ा ले कर चूस रही थी कि अचानक उसने मेरे सिर को कस कर अपने हाथों में पकड़ा और अगले ही पल उसके लंड में से पेशाब की गरम बूँदें मेरे मुँह में छलकने लगीं। चौंक कर कराहते हुए मैं अपना मुँह उसके लौड़े से पीछे हटाने की कोशिश करने लगी लेकिन ओरिजी ने मेरा सिर कस कर थाम रखा था। मेरा मुँह उसके मोटे लौड़े पर पहले ही बुरी तरह फैला हुआ था लेकिन मैंने फिर भी जितना हो सका अपने होंठ ढीले कर दिये। मेरे मुँह में पेशाब भरने लगा तो मेरे होठों के किनारों से बाहर बहने लगा। फिर भी उसके पेशाब का नमकीन तल्ख स्वाद लेने से मैं बच नहीं सकी क्योंकि ओरिजी के लौड़े का सुपाड़ा मेरे मुँह में काफी अंदर था और उसने मेरा सिर कसकर पकड़ रखा था। मुँह में पेशाब भरने से मेरी साँसें चोक होने लगीं तो मैंने खुद ही उसका तल्ख पेशाब पीना शुरू कर दिया और पल भर में ही मेरी हिचक भी ख़त्म हो गयी। फिर तो मैं पूरे जोश में खुशी से गटागट उसका पेशाब पीने लगी। मुझे एहसास ही नहीं हुआ कि कब मैं खुद-ब-खुद अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपनी क्लिट रगड़ने लगी थी। जब तक मेरे मुँह में उसके लंड ने पेशाब करना बंद किया तब तक मैं एक बार फिर झड़ने की कगार पर थी। जैसे ही उसने अपना लौड़ा मेरे मुँह से बाहर खींचा तो मैं भी कस कर आँखें मींचे जोर से चींख पड़ी। मैं अब तक अपनी ऊँची हील की सैंडिलों पर उकड़ूँ बैठी थी पर मेरा जिस्म अकड़ कर इस कदर थरथर काँपने लगा कि मैं बैठी ना रह सकी और धड़ाम से फर्श पर गिर पड़ी।
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Very nice keep update regularly
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update do aur haa photo bhi dala karo sath me
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(25-12-2021, 01:42 AM)Rohan0064 Wrote: Very nice keep update regularly
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(29-12-2021, 04:11 PM)BHOG LO Wrote: Supar story
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(30-12-2021, 11:13 AM)shivangi pachauri Wrote: update do aur haa photo bhi dala karo sath me
Update haazir hai boss
Photo nahi daal sakunga... Kshama
Aur kucchh Aadesh
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भाग १३
कुछ देर लेटे रहने के बाद जब मैंने आँखें खोलीं तो दोनों पास ही कुर्सियों पर बैठे मेरी तरफ देख कर बेहुदगी से मुस्कुराते हुए कुछ तबसरे कर रहे थे जो मैं ठीक से सुन नहीं सकी। मैं भी पास ही दीवार के सहारे टिक कर टाँगें फैलाये बैठ गयी। मैंने पीने के लिये कुछ माँगा तो माइक ने उठ कर मिनी-बार में से ऑरेंज जूस की बोतल और वोदका की एक छोटी सी शीशी निकाली। ग्लास में जूस के साथ-साथ वो शीशी भी खाली करके मुझे ग्लास पकड़ा दिया। इतने में ओरिजी ने तीन सिगरेट जलायीं और एक सिगरेट मेरी तरफ बढ़ा दी।
“सॉरी! ऑय डोंट स्मोक!” मैंने एक हाथ लहराते हुए मना किया।
“कम ऑन बेबी! देयर इज़ आलवेज़ अ फर्स्ट टाइम!” ओरिजी बोला।
“ऑय डोंट थिंक यू हैड एवर ड्रैंक पिस्स बिफोर बट यू जस्ट इंजॉयड ड्रिंकिंग हिज़ पिस्स!” माइक मुस्कुराते हुए बोला। मैं नशे में मदमस्त थी और उसकी बात सुनकर बिना वजह ही हंसी छूट गयी। मैंने और आनाकानी नहीं की और वो सिगरेट ले कर अपने होंठों से लगा कर कश लगाने लगी। सिगरेट पीना तो वैसे मामुली सी बात थी क्योंकि शाम से पिछले डेढ़-दो घंटों में मैं हवस-परसती की सारी हदें पार कर के इस कदर गिर गयी थी कि अपनी गाँड की टट्टी से लथपठ लौड़ा चूसने और एक अजनबी का पेशाब पीने जैसी ज़लील हरकतों में मैं निहायत बेशर्मी से शरीक हुई थी।
खैर, अभी तो पुरी रात बाकी थी और उस दिन खुदा भी शायद मुझ पर खास मेहरबान था, हमारी चोदन-चुदाई पूरी रात ज़ारी रही। सारी रात उन दोनों हब्शियों ने मुझे शराब और पता नहीं कौन-कौन सी नशीली ड्रग के नशे में मुझे मदमस्त रखा और दोनों ने मिलकर मेरे जिस्म को हर तरह से बार-बार जम कर चोदा। मैंने भी बढ़चढ़ कर उनका साथ दिया और चुदाई के मज़े लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी दौरान एक और काला हब्शी भी इस चुदाई में शरीक हो गया। मुझे इतना भी होश नहीं था कि वो इत्तेफाक से वहाँ पहुँचा या इन दोनों में से किसी ने उसे फोन करके न्यौता दिया। खैर मुझे क्या एतराज़ हो सकता था - दो से भले तीन लौड़े! खुदा के फज़ल से मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गयी थी। पूरी रात वो तीनों ने मेरी चूत और गाँड अपने भुजंग काले लौड़ों से चोद-चोद कर मुझे जन्नत की सैर करवायी। कईं बार तो तीनों ने एक साथ मेरी चूत, गाँड और मुँह में अपने लौड़े ठोक-ठोक कर मुझे चोदा। पता नहीं कितनी ही बार मैंने उनका पेशाब मज़े ले -लेकर पिया और उनके उकसाने पर मैंने बे-गैरती से अपना खुद का पेशाब भी ग्लास में भर-भर कर पिया।
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इसी तरह की वाहियात हरकतों और चुदाई के दौरान कब मैं या तो बेहोश हो गयी या नींद के आगोश में चली गयी, मुझे पता ही नहीं चला। जब होश आया तो कुछ पलों के लिये तो समझ ही नहीं आया कि मैं हूँ कहाँ। मैं फर्श पर ही पसरी हुई थी और ज़ाहिर है कि मैं सिर्फ सैंडल पहने हुए बिल्कुल नंगी थी। आसपास कोई नज़र नहीं आया। पूरे जिस्म में अकड़ाहट और मीठे से दर्द का एहसास था। नशा अभी भी पूरी तरह उतरा नहीं था। मैंने ज़ोरदार अंगड़ाइयाँ लीं और खड़े होते हुए उन्हें पुकारा। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। कमरे में मैं अकेली ही मौजूद थी। घड़ी में समय देखा तो मैं चौंक गयी क्योंकि सुबह के पौने ग्यारह बज रहे थे। सुबह का सेमिनार सेशन कब से शुरू हो चुका होगा। मैंने अंदाज़ा लगाया कि ओरिजी और माइक भी वहीं गये होंगे। तभी मुझे ससुर जी का ख्याल आया । सुबह मुझे अपने कमरे से नदारद पा कर पता नहीं उन्होंने क्या सोचा होगा।
अपने कमरे में जाने से पहले मैंने वहीं फ्रेश होने का इरादा बनाया क्योंकि मेरा जिस्म वीर्य, पेशाब और थूक से सना हुआ था और सिर भी नशे में घूम रहा था। अगले आधे-घंटे तक मैं खूब अच्छे से शॉवर के नीचे नहायी। नहाने के बाद मैं तौलिया लेपेटे हुए हेयर-ड्रायर से अपने बाल सुखा रही थी कि तभी कमरे का दरवाज़ा खुला और ओरिजी अंदर आ गया। उसने कले रंग का सूट पहना हुआ था जिससे साफ ज़ाहिर था कि वो सेमिनार अटेंड करने गया था। उसने आते ही पीछे से मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मेरी गर्दन चूमने लगा।
“ऊँऊँहह लीव मी प्लीज़.... मॉय हेड इज़ पेनिंग सो मच! ऑय वाँट टू गो टू मॉय रूम!” उसके आगोश में कसमसाते हुए मैं बोली लेकिन मैंने उससे दूर हटने की ज़रा भी कोशिश नहीं की। उसने मेरा तौलिया हटा कर एक तरफ उछाल दिया।
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“कम ऑन बेबी! इट मस्ट बी जस्ट द हैंग-ओवर! ऑल यू नीड इज़ अ स्ट्राँग ड्रिंक एंड सम मोर फकिंग!” मुझे ले जा कर उसने सोफे पर बिठाया और मिनि-बार में से जिन की दो छोटी-छोटी बोतलें निकाल कर एक ग्लास में डालीं और बाकी का ग्लास रेड-बुल एनर्जी ड्रिंक की कैन खोलकर भर दिया। “हैव दिस बेबी! यू विल फील बेटर!”
उससे वो ग्लास ले कर मैं पीने लगी। उसने एक सिगरेट खुद के लिये जलायी और दूसरी मुझे ऑफर करी तो मैंने ज़रा हिचकते हुए अपने होंठों से लगा ली और उसने लाइटर जला कर मेरे सामने कर दिया। मैं वो ड्रिंक सिप करने लगी और वो मेरी तारीफ किये जा रह थ। “यू वर वंदरफुल लास्ट नाइट! ऑय हैव नेवर मेट सच अ सैक्सी वोमैन! यू आर अ टाइगरैस! योर हसबैंड इज़ सो लक्की!” वगैरह वगैरह। उसकी बातें सुनकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरा ड्रिंक खत्म होने को आया तो इतने में उसने भी अपने कपड़े उतार दिये और खड़े -खड़े अपना वो काले अजगर जैसा लौड़ा सहलाने लगा। मैं भी बेशर्मी से उसके लौड़े को निहारने लगी। मुझ से रहा नहीं गया तो मैंने अपना ग्लास ख़त्म किया और खुद ही उठकर उसके आगोश में पहुँच गयी और उसके लौड़े को सहलाने लगी। उसने झुक कर अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये और हम खड़े-खड़े ही एक दूसरे को चूमने लगे। कभी मैं उसकी जीभ अपने मुँह में लेती तो कभी वो मेरी जीभ अपने मुँह में लेकर चूसता। चूमते-चूमते ही अचानक उसने मेरी कमर पकड़ कर मुझे उठाया और पलट कर इस तरह उल्टा कर दिया कि मेरी टाँगें ऊपर और मेरा सिर नीचे। अब हम ‘69’ की पोज़िशन में थे। उसका लौड़ा अब बिल्कुल मेरे चेहरे के सामने था और मेरी चूत उसके चेहरे के सामने। मैंने अपनी टाँगें उसकी गर्दन में डाल दीं और उलटी लटके-लटके ही मैं उसका लौड़ा अपने हाथों से मुठियाते हुए अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। वो भी मेरी चूत और गाँड चाटने लगा। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि एक ही दिन में मैं चुदाई कितने सारे नये-नये तजुर्बे कर रही थी। उसका लौड़ा तो इतना लंब चौड़ा था ही बल्की वो खुद भी कितना मजबूत और ताकतवर था। इस तरह उलटी लटके हुए उसका लौड़ा चूसते हुए और उससे अपनी चूत और गाँड चटवाते हुए मैं उत्तेजना से पागल हो गयी। उसका लौड़ा भी बिजली के खंबे की तरह एक दम सख्त होकर सीधा खड़ा था। उसने फिर से मुझे घुमा कर सीधा कर दिया। “ओहह! कम एंड फक मी विद दैट बिग एंग्री कॉक!” मैं बहुत ही शरारत भरे अंदाज़ में बोली।
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उसने भी देर नहीं की और आगे बढ़ कर खड़े-खड़े ही अपना अज़ीम लौड़ा मेरी चूत में ठाँस दिया और दनादन पागलों की तरह चोदने लगा। मेरी सिसकियाँ और चींखें फिर से उस कमरे में गूँजने लगीं। चोदते-चोदते उसने मेरे घुटने के नीचे अपनी बाँह डाल कर मेरी बाँयी टाँग ऊपर उठा ली थी। वो जानवरों की तरह इतनी जोर-जोर से शॉट मारते हुए मेरी चूत में लौड़ा चोद रहा था कि दीवार के सहारे भी मैं ठीक से खड़ी नहीं रह पा रही थी। उसके जोरदार झटके संभालती हुई मैं अपने दांये पैर की सैंडल की पाँच इंच ऊँची हील कार्पेट में गड़ाये बड़ी मुश्किल से खड़े रहने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मेरी सैंडल फिर भी बेकबू होकर दाँये-बांये हिल रही थी। उसके झटकों से मेरे मम्मे भी बुरी तरह उछल रहे थे। करीब दस-बारह मिनट तक वो जानवर की तरह मेरी चूत में लौड़ा पेलता रहा। मेरी चूत ने तो इस दौरान दो-तीन बार पानी भी छोड़ दिया था। एक वक्त तो ऐसा आया जब उसके धक्के इस कदर वहशियाना हो गये कि मुझे अपना पैर मोड़ कर पिछे से सैंडल की हील भी फर्श से ऊपर ऊठनी पड़ी। अब मैं अपने हाई हील सैंडल के आगे की नोक पर खड़ी थी। क्योंकि उसका लौड़ा मेरी चूत की नयी-नयी गहराइयों में चोट कर रहा था और मैं मस्ती में फड़फड़ाती हुई चींखे जा रही थी।
ओरिजी का स्टैमिना कमाल का था। काफी देर चोदने के बाद जब उसके लंड ने मेरी cÉÔiÉ में वीर्य छोड़ा तो वो भी इतनी प्रेशर से मेरे अंदर छूटा जैसे कि चूत में पानी क कोई पाइप फट पड़ा हो। मैं हाँफते हुए सोफे पर बैठ गयी और टाँगें उठा कर सामने की मेज पर फैला दीं। हम दोनों ने एक-एक सिगरेट पी और जब ओरिजी कपड़े पहनने लगा तो मुझे पहली बार ख्याल आया कि मेरे पास तो कपड़े ही नहीं थे। पिछली शाम मैं नशे में बिल्कुल नंगी ही उनके साथ इस कमरे में आयी थी। मैंने ओरिजी को अपनी मुश्किल बतायी तो वो बेपरवाही से हंसते हुए बोला, “बोल्ड एंड ब्यूटीफुल वुमन लाइक यू शुड नॉट वरी अबाऊट क्लोद्स! यू शुड फ्लॉन्ट योर सैक्सी बॉडी!”
अपनी तारीफ सुनकर मेरे चेहरे पर लाली आ गयी। वैसे तो कल शाम को मैं नंगी ही उन दोनों के साथ यहाँ आयी थी लेकिन अब दिन के समय नंगी अपने कमरे तक जाना और वो भी अकेले - मुझे झिझक महसूस हो रही थी। क्या इस वक्त होटल में इस तरह खुलेआम नंगे घूमना जायज़ होगा। मैंने ओरिजी से कहा तो वो फिर से मुझे उकसाते हुए बोला, “डोन्ट बी शॉय! यू आर नॉट गोइंग टू द कॉन्फ्रेंस हॉल... जस्ट गोइंग टू योर रूम! नो वन विल से एनिथिंग!”
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