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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
झबरू ने कहा,शाबाश! देखा तीन बार चुदवाने के बाद आप थोड़ा ठीक से चलने लगी हो!”

 
वो बोली, साले हरामी! वो तो मैं ही जानती हूँ कि मैं कैसे चल रही हूँ!”
 
झबरू बोला,अभी मैं फिर से आपकी चुदाई करूँगा!”
 
एक घंटे के बाद झबरू ने फिर से संजीदा की बहुत ही बुरी तरह से चुदाई की। झबरू से चुदवाने के बाद मैं भी बिना सहारे के नहीं चल पा रही थी। मैंने कहा, मैं भी तो ठीक से नहीं चल पा रही हूँ।
 
वो बोला, पहले मुझे इनकी चाल ठीक कर लेने दो। उसके बाद मैं आपकी भी बहुत बुरी तरह से चुदाई कर दुँगा उसके बाद आप भी ठीक से चलने लगोगी!”
 
उस दिन के बाद से तो संजीदा और रशीद प्रैक्टीकली मेरे घर पर ही रहने लगे। सारा काम रशीद ही संभालने लगा क्योंकि मैं साईट पर भी अब हफ्ते में दो-तीन दिन ही जाती थी। संजीदा भी मेरी तरह ही चुदक्कड़ निकली और हम दोनों मिलकर नशे में मस्त होकर दिन-रात मोनू और झबरू से चुदवाती रहती। रात को रशीद अकेला दूसरे बेडरूम में सोता रहता जबकि संजीदा मेरे साथ मेरे बेडरूम में मोनू और झबरू के साथ ऐश करती।
 
॥॥। समाप्त ॥॥।
 
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आयशा आँटी की चुदाई
लेखक:  राजू राय
 
मेरा नाम राजू है। उस वक्त की बात है जब मैं उन्नीस वर्ष का था। दिखने में ठीक ठाक था। मेरी एक गर्ल फ्रेंड हुआ करती थी... उसका नाम सानिया था। वो बहुत खूबसूरत थी। जहाँ हमलोग रहते थे, वहाँ से सानिया का घर थोड़ी ही दूरी पर था। उसकी मम्मी को मैं आँटी कह कर बुलाता था। वास्तव में वो लोग कश्मिरी * थे, और आप लोग तो जानते ही हैं कि कश्मिरी * औरतें कितनी हॉट और सैक्सी लगती हैं। सानिया से ज्यादा अच्छी उसकी मम्मी लगती थी। उनका नाम आयशा था। आँटी की उम्र लगभग चालीस- बयालीस के आस पास थी। लेकिन देखने में बिल्कुल भी चालीस- बयालीस की नहीं लगती थीं। गोरी लंबी और बहुत खूबसूरत थी। वो अपने सैक्सी चाल-चलन और नाजायज़ संबंधों के लिए काफी मशहूर थीं। कईं लोगों के साथ उनके नाजायज़ संबंध थे, शायद इसलिए कि उनके शौहर काफी व्यस्त रहते थे और शायद आँटी की शारिरिक जरूरतें भी पूरी ना कर पाते होंगे।
 
जुलाई का महीना था और एक दिन मैंने और मेरे एक दोस्त ने ड्रिंक करने का प्रोग्राम दिन में ही बनाया। पहले हम लोगों ने ड्रिंक की और उसके बाद हमलोगों ने ब्लू फ़िल्म देखने का प्रोग्राम बनाया। थोड़ी देर बाद हम लोग ब्लू फ़िल्म देखने लगे और फ़िल्म देखने के बाद हम लोग बहुत उत्तेजित हो गये थे।
 
यार! काश हमें भी कोई चूत मिल जाती चोदने के लिये! मैंने आह भरते हुए कहा।
 
तेरी तो गर्ल फ्रेंड है सानिया तू तो उसके साथ मज़े कर सकता है! मेरे दोस्त ने कहा!
 
कहाँ यार कईं बार कोशिश कर चुका हूँलेकिन सानिया तो किसिंग और स्मूचिंग के आगे बढ़ने ही नहीं देती! मैं बोला।
 
लेकिन उसकी मम्मी तो एक नंबर की चालू छिनाल औरत है! वो हंसते हुए बोला तो अचानक मेरे दिमाग में आया कि क्यों ना आयशा आँटी को ही पटाया जाय और उनके साथ चुदाई की जाये। दर‍असल आयशा आँटी मेरे साथ काफी फ्रेंडली थीं और मज़ाक वगैरह भी कर लेती थीं और उनकी रेप्यूटेशन भी खराब थी! इसलिये मुझे लगा कि शायद वो मान जायें और अगर नहीं भी मानी तो बात का बतंगड़ तो नहीं बनायेंगी।
 
मैंने वहीं से उन्हें फोन किया और कहा कि, आँटी! मैं राजू बोल रहा हूँ और आप से कुछ बात करना चाहता हूँ!”
 
उन्होंने कहा, बोलो?”
 
मैंने कहा, आँटी ये बात फोन पर नहीं हो सकती... मैं आपके घर आ जाऊँ?”
 
आँटी ने कहा, मैं तो अभी मर्किट में आयी हुई हूँ... तुम कहाँ हो इस वक्त?
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मैं तो अपने दोस्त के घर पे हूँ... जो मार्केट के नज़दीक ही है और आपके रास्ते में ही है... अगर आपको ऐतराज़ ना हो तो आप यहाँ मेरे दोस्त के घर पर आ जाइए!” मैंने कहा।

 
उन्होंने कहा, कोई बात नहीं...अभी थोड़ी देर में आती हूँ।
 
मैंने उन्हें पता बता दिया। उसके बाद हम लोग फिर से फ़िल्म देखने लग गये और घर का दरवाजा खुला छोड़ दिया। उस समय दरवाजे पर बेल बजी तो मेरा दोस्त दूसरे रूम में थोड़ी देर के लिए चला गया। मैंने कहा, आँटी दरवाजा खुला है... आप अंदर आ जाइए। वो अंदर आ गयी और अंदर मैं बैठा ब्लू फ़िल्म देख रहा था। आँटी फिरोज़ी रंग की सलवार कमीज और काले हाई हील के सैंडल में बहुत सैक्सी लग रही थीं। उन्होंने हल्का सा मेक-अप भी किया हुआ था। वो आते ही मुस्कुराते हुए बोलीं, तो कॉलेज जाने की बजाय ये सब देख रहे हो…?”
 
बस आँटी आज ऐसे ही मूड हो गया!" मैंने जवाब दिया।
 
कोई बात नहीं... मैं समझती हूँ... तुम्हारी उम्र के लड़के तो ये सब करते ही हैं लेकिन अपनी आँटी के सामने कुछ तो लिहाज करो... अब बंद करो इसे...। उन्होंने फिर मुस्कुराते हुए कहा मैंने सी.डी प्लेयर बंद कर दिया और वो मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली, क्या बात करनी है... बोलो।
 
इतनी देर में मेरा दोस्त भी वहाँ आ गया। आयशा आँटी का अच्छा मूड देख कर मेरा हौंसला बढ़ा और मैंने हिम्मत करके बोल दिया, आयशा आँटी आप बहुत खूबसूरत लगती हो और मैं आप के साथ चुदाई करना चाहता हूँ।
 
मेरे बात सुनकर वो चौंक गयी और बोली, तेरा दिमाग खराब हो गया है क्यामेरे लिए तू अभी बहुत छोटा है। वास्तव में वो मेरे दोस्त के सामने कोई बात नहीं करना चहा रही थी।
 
जब उन्होंने कहा कि उनके लिये मैं बहुत छोटा हूँ तो ये सुनकर नशे की खुमारी में मैंने कहा, आयशा आँटी! मैं तो आपके लिए शायद छोटा हूँ लेकिन मेरा लंड आपके लिये छोटा नहीं है।
 
यह सुनकर वो गुस्से से बोली,तूने मुझे समझ क्या रखा हैतुझसे हंस-बोल कर मज़ाक वगैरह कर लेती हूँ तो इसका मतलब तूनशे में अभी तुझे होश नहीं है कि तू क्या कह रहा है! और आयशा आँटी वहाँ से चली गयी। मैंने रोकने की कोशिश भी नहीं की।
 
जब वो चली गयीं तो हम लोगों का मूड खराब हो गया और उसके बाद हमलोग फिर से ड्रिंक करने लगे। थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त बाथरूम चला गया और उस समय आयशा आँटी ने मुझे फोन किया और कहा,  तू अभी कहाँ है... वहीं है क्या अभी भी? मुझे तुमसे कुछ बात करनी है... क्या तू अभी मेरे घर आ सकता है लेकिन किसी को बता कर मत आना!”
 
मैंने कहा, ठीक है मैं थोड़ी देर में आपके पास आता हूँ!”
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थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त भी बाथरूम से आ गया। हम लोगों का ड्रिंक भी खतम हो चुका था और उसको नशा भी चढ़ चुका था। तभी मैंने कहा कि यार इसमें मज़ा नहीं आया... मैं अभी एक बोतल और लेकर आता हूँ, तो उसने कहा, नहीं यार! बहुत हो गयी है।

 
लेकिन मुझे तो आयशा आँटी के घर जाना था, इसलिए मैंने उसके मना करने के बाद भी कहा, नहीं यार मुझे मज़ा नहीं आया... मैं एक बोतल और लेने जा रहा हूँ!” और मैं वहाँ से चला गया और उसने घर का दरवाजा बंद कर लिया।
 
उस समय करीब तीन बज रहे थे। मैं आयशा आँटी के घर गया। वो घर पर अकेली थीं। उनकी बेटी (यानी मेरी गर्ल फ्रेंड) उस समय कॉलेज गयी थी और वो साढ़े चार बजे कॉलेज से आती थी। आयशा आँटी ने अभी भी वही कपड़े पहने हुए थे। मैंने उनसे पूछा, घर में कोई है नहीं क्या?” तो वोह बोली, नहीं इसलिए तो तुझे बुलाया है!”
 
ये सुनकर मैं थोड़ा हैरान हो गया। वो आँटी सॉरी आपसे बदतमीज़ी करने के लिये मैं पता नहीं बस कैसे बहक गया था! मैंने माफी माँगते हुए कहा।
 
तब उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं... मैं समझती हूँ... तेरी उम्र ही ऐसी है... अगर तू मुझे चोदना ही चाहता था तो ये बात तुझे अकेले में कहनी चाहिए थी... तूने तो अपने दोस्त के सामने ही कह दिया!” ये कहते हुए वोह मेरे गाल पर हाथ रख कर सहलाने लगी। मुझे बड़ा अजीब लग रहा था। मैं थोड़ा नशे में भी था, इसलिए कुछ अलग ही लग रहा था। उसके बाद उन्होंने कहा, मैं तुझे अच्छी लगती हूँ क्या?”
 
मैंने कहा, हाँ आँटी... आप बहुत खूबसूरत और सैक्सी हो।
 
तब आयशा आँटी कहा, लेकिन तू तो मेरे बेटी को पसंद करता है!”
 
मैंने कहा, आँटी आपको कैसे पता?”
 
तब वो बोलीं,बेटा मुझे सब कुछ पता है। उसके बाद मुझसे पूछा कि कोल्ड ड्रिंक पीयोगे?”
 
मैंने कहा, हाँ! प्यास तो लग रही है!”
 
आयशा आँटी अंदर चली गयी और लगभग दस मिनट बाद बाहर आयी। मैं उनको देख कर हैरान रह गया। मेरा सारा नशा जैसे गायब हो गया हो। वो एक सफ़ेद रंग की पतली सी पारदर्शी  ड्रेस पहने हुए थी और अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था, जिससे उनकी चूंची और चूत साफ़-साफ़ दिख रहे थे। साथ में ऊँची पेन्सिल हील के काले सैंडल पहने हुए उनका उनका हुस्न क्या कहूँ… बस पटाखा लग रही थी आयेशा आँटी। मैं उनको बहुत ध्यान से देखने लगा तो वो बोली, क्या देख रहा है... कभी किसी को इस तरह देखा नहीं है क्या?”
 
मैंने कहा, नहीं आयशा आँटी, आप बहुत अच्छी लग रही हो... दिल कर रहा है कि मैं आपको अपनी बाँहों में लेकर खूब चुदाई करूँ।
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तो उन्होंने कहा, कर ना! किसने रोका है?”

 
मैंने कहा, लेकिन आपने ही तो मना कर दिया था!”
 
वोह बोली कि क्या तेरे दोस्त के सामने चुदवाती तुझसे!” और ये कहते हुए वो मेरे पास आ गयी और मेरे गले में अपनी बाँहें डाल दीं। मैं उनके चेहरे को हाथ में लेकर उनके होठों को किस करने लगा। पहले तो धीरे-धीरे किस कर रहा था, लेकिन जब मैंने देखा कि आयशा आँटी भी किस करने में मेरा साथ दे रही हैं तो मैं और जोर से उनके होठों पर किस करने लगा। उसके बाद उन्होंने कहा कि अपना लंड तो दिखा... जरा मैं भी तो देखूँ कि मेरी बेटी की पसंद कैसी है!”
 
तब मैंने उनसे कहा कि मैंने सानिया के साथ आज तक कुछ नहीं किया तो वोह बोली कि क्यों नहीं किया?” यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड को मेरी जीन्स से बाहर निकाल कर अपने हाथ में ले लिया और बोली, हाय अल्लाह... ये तो हकीकत में काफी बड़ा है।
 
फिर वो मेरे लंड को धीरे-धीरे अपने हाथों से सहलाने लगी। फिर मैं धीरे से अपना हाथ उनके बूब्स पर ले गया और उन्हें दबाने लगा तो वो बोली, ज़रा जोर से दबाओ... मैंने तीन चार दिनों से चुदाई नहीं करवायी है। मैं उनकी चूंची को जोर से दबाने लगा और वो ऊँऊँहह ऊँऊँहहह की आवाज़ निकालने लगी। ये देखकर मुझे अच्छा लग रहा था। फिर मैंने उनकी सफेद ड्रेस को उतार दिया।  अब वो बिल्कुल नंगी थीं और काले रंग के ऊँची पेंसिल हील वाले सैंडल में उनका गोरा बदन कयामत लग रहा था। मैं उनके बूब्स के निप्पल को अपने होठों के बीच में रख कर उन्हें चूसने लगा। वो आआहह आआहहह करने लगी। एक हाथ से मैं उनकी दूसरी चूंची को दबा रहा था और दूसरा हाथ उनकी जाँघों पर था और मैं उनकी जाँघों को सहला रहा था। उसके बाद उन्होंने मेरे कपड़े उतारना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर सहलने लगी। मेरा लंड एकदम टाईट हो चुका था। आँटी बोली कि बहुत दिनों के बाद जवान लड़के का लंड नसीब हुआ है... आज चुदाई का मज़ा आयेगा!”
 
मैंने कहा, हाँ आँटी, लेकिन आज तक मैंने कभी किसी के साथ चुदाई नहीं की है…!”
 
तो वो बोली, तू चिंता मत कर... मैं सिखा दूँगी।
 
मैंने कहा, ठीक है!” और उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और अपने मुँह के अंदर बाहर करने लगी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं आँटी के सिर को पकड़ कर अपने लंड पर जोर से दबाने लगा। ये देखकर आँटी बोली, तू झूठ बोल रहा है कि तूने किसी के साथ चुदाई नहीं की है।
 
मैंने कहा, नहीं आँटी! मैं सच कह रहा हूँ। ये सब तो मैंने ब्लू फ़िल्मों में देखा था।
 
वोह बोली, और क्या देखा था... बता
 
मैंने कहा कि मैं बताऊँगा नहीं... करके दिखाऊँगा।
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वो बोली, ठीक है!” और वो और जोर से मेरे लंड को अंदर बाहर करने लगी। करीब दस मिनट तक वो लगातार मेरे लंड को अपने मुँह में लिये चूसती रही। चूँकि मेरा पहली बार था, इसलिए मैं उनके मुँह में ही हल्का हो गया। आँटी बोली, कोई बात नहीं... पहली बार में ऐसा होता है, और वोह अपनी जीभ से मेरे लंड को साफ़ चाटने लगी और मेरा लंड धीरे-धीरे फिर से खड़ा होने लगा। इस सब में समय का पता ही नहीं चला और देखते-देखते सानिया के आने का समय हो गया। लेकिन वो अभी तक आयी नहीं थी और हम दोनों अपने आप में मस्त थे। दुनिया की कोई चिंता नहीं थी।

 
आयशा आँटी ने अपनी वो पारदर्शी ड्रेस उतार कर फेंक दी और ऊँची हील वाले सैंडलों के अलावा बिल्कुल नंगी हो गयी। अब मैं आयशा आँटी की चूत को सहला रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूंची को दबा रहा था। उसके बाद आँटी ने कहा, मेरी चूत को चूस और मैं उनकी चूत को जोर-जोर से चूसने लगा। उनकी चूत गीली हो चुकी थी और उसमें से कुछ पानी जैसा निकल रहा था। मैं उसे चूसने लगा और वो जोर-जोर से आआआआआहहहहह कर रही थी और फिर बोली, अब मुझे चोद... अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है। मैंने भी बिना समय बर्बाद किये अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक हल्का सा झटका दिया तो मेरा आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में बहुत आसानी से चला गया।
 
फिर मैंने एक जोर का झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया और वो हल्की आवाज़ में चिल्लाने लगी, आआहह आआहहहह  आआआआआ और कर.... बहुत मज़ा आ रहा है मेरे जानू... मुझे ऐसे ही चोदते रह.... ऊऊऊऊ ओहहहह आआआआहहहह। मैं जोर-जोर से झटके लेने लगा और करीब सात मिनट तक मैं लगातार झटके लेता रहा। उसके बाद उन्होंने कहा कि, अब मैं तेरे ऊपर आती हूँ।
 
मैंने कहा ठीक है, और मैं लेट गया। वो मेरे ऊपर आ गयी और एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत से मिलाया और मेरे लंड पर अपनी चूत को दबाती चली गयी। मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस चुका था। अब वो जोर-जोर सी झटके मारने लगी और मैं उनकी गाँड को पकड़ कर आगे पीछे कर रहा था। फिर मैंने अपना हाथ उनकी चूंची पर रखा और उसे दबाने लगा।
 
वो और जोर-जोर से आवाज़ निकालने लगी, ऊँऊँऊँऊँहहहह आआआआआहहहह ओहहह आँआँआँ और बोलने लगी, आज बहुत दिनों बाद ऐसा कोरा जवान लंड मिला है!” हम लोग अपने आप में इस तरह खोये हुए थे कि कब सानिया आ गयी पता ही नहीं चला। जब सानिया आयी थी तो आयशा आँटी मेरे ऊपर थी और जोर-जोर से झटके मारते हुए कह रही थी कि. आज बहुत मज़ा आ रहा है...  तू रोज आकर मुझे चोदा कर!”
 
सानिया ये सब अपनी आँखों से देख रही थी और फिर सानिया चुपचाप अंदर चली गयी। अपने मम्मी को किसी गैर-मर्द से चुदते देखना सानिया के लिए कोई नयी बात नहीं थी क्योंकि आयशा आँटी तो हमेशा किसी नये लंड की तलाश में ही रहती थी। करीब पंद्रह मिनट के बाद आयशा आँटी मेरे ऊपर से हटी और बोली, आज बहुत मज़ा आया!”
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तब मैंने कहा, “आपको तो मज़ा आ गया लेकिन मेरा तो अभी बाकी है!” और ये कहते हुए मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया। वो सिसकते हुए बोली, बस कर... अब और नहीं... तुम जवान लड़कों को तो तसल्ली ही नहीं होती…!” तब मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और जोर से उनके होंठों को चूसने लगा। अब वो आवाज़ नहीं कर पा रही थी और मैं जोर-जोर से झटके लेने लगा। तभी मैंने देखा कि सानिया कमरे के दरवाजे के पीछे से सब कुछ देख रही है और अपने चूंची को अपने हाथों से दबा रहे है। ये देख कर मैं और जोश में आ गया और आयशा आँटी को जोर-जोर से चोदने लग।

 
करीब पंद्रह मिनट के बाद मैं भी हल्का हो गया और हल्का होकर आयशा आँटी की बगल में ही लेट गया। वो अपने लिपस्टिक वाले होठों से मेरे होठों को चूमते हुए बोली,आज बहुत मज़ा आया... तेरा दिल जब भी चोदने को करे तो तू मेरे पास आ जाया कर!”
 
मैंने कहा, ठीक है!” फिर मैंने आँटी से कहा कि क्या लड़की को चोदने में और ज्यादा मज़ा आता है?” तो वो बोली कि तू चिंता मत कर... तेरा इशारा मैं समझ रही हूँ... तू ईद की रात में करीब बारह बजे के आस पास घर आना। उस समय तेरे अंकल भी घर पर नहीं रहेंगे क्योंकि वो दस बजे की ट्रेन से कुछ दिनों के लिये टूर पे जा रहे हैं और मैं तुम और सानिया तीनों एक साथ चुदाई करेंगे!”
 
ये सुनकर मैं चौंक गया और उनसे कहा कि क्या आप को खराब नहीं लगेगा जब मैं आपके सामने ही सानिया को चोदूँगा?”
 
आयेशा आँटी बोली, खराब क्यों लगेगा…? सैक्स के मामले में मैं बेहद ओपन हूँ... और आखिर मैं भी तो देखूँ कि मेरी बेटी की चूत चोदने में तुझे ज्यादा मज़ा आता है या मेरी चूत चोदने में!”
 
तब मैंने कहा, ठीक है आँटी... मैं बारह बजे आ जाऊँगा!”
 
ईद की रात को मैं जल्दी से बारह बजने का इंतज़ार करने लगा। मन में उत्तेजना थी कि आज सानिया को भी चोदूँगा। सानिया की चूत कैसी होगी, यही सोच कर उत्तेजित हो रहा था मैं। बड़ी मुश्किल से रात के बारह बजे। मैं किसी तरह से चुपचाप सानिया के घर गया। मैं घर के पीछे वाले दरवाज़े से गया था जिससे कोई देख ना सके। जब मैं घर में गया तो देखा कि ड्राइंग रूम में आयशा आँटी मैरून रंग का बहुत ही सैक्सी गाऊन और मैरून रंग के ही हाई पैंसिल हील के सैंडल पहन कर बैठी थी और एक हाथ में शराब का ग्लास पकड़े किसी से फोन पर बातें कर रहे थी। मुझे देख कर बोली, आ गये तुम!”
 
मैंने कहा, हाँ! बहुत मुश्किल से तो रात के १२ बजे हैं... मैं बहुत बेचैनी से रात के बारह बजने का इंतज़ार कर रहा था!”
 
मैंने पूछा, आँटी! सानिया कहाँ है?”
 
आयशा आँटी बोली, इतने बेचैन क्यों हो रहे हो, आज की रात तुम्हें जो कुछ भी करना है, सब कुछ कर लेना, आज सानिया को ऐसे चोदो कि उसे भी मज़ा आ जाये!”
 
मैंने कहा, हाँ आँटी! आप ही का शागिर्द हूँ.. आज सानिया को मैं ऐसे ही चोदूँगा!”
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उसके बाद आँटी बोली कि, शराब तो तू पीता ही है... है ना?” और एक ग्लास में थोड़ी शराब निकाल कर मेरी तरफ़ बढ़ा दिया। मैं चुपचाप उसे पीने लगा। मैंने उनका ग्लास खाली देखा तो मैंने कहा, आँटी आप भी पियो ना…” तो आयेशा आँटी बोली, ठीक है एक पैग और पी लेती हूँ... वैसे मैं व्हिस्की के चार पैग तो पी चुकी हूँ और नशा भी हो रहा हैकहीं टुन्न होके लुढ़क ना जाऊँ!”

 
मैंने कहा, कुछ नहीं होगा आँटी... वैसे भी शराब की पूरी बोतल से ज्यादा नशा तो आपके हुस्न में है...!
 
इसमें तो कोई शक नहीं... तो ले फिर हो जाये!” आयेशा आँटी अपना ग्लास भरके हंसते हुए बोली और हम दोनों चीयर्स करके पीने लगे।
 
तभी मैंने दरवाज़े के पास देखा कि सानिया वहाँ खड़ी है और मुझे बहुत ध्यान से देख रही है। मुझ पर शराब का हल्का सा नशा हो गया था। मैं वहाँ से उठा और सानिया के पास गया और उसे ईद की मुबारक बोल कर उसके होठों पर किस कर लिया। वोह कुछ नहीं बोली। मैंने कहा की, कम से कम सानिया तुम मुझे ईद की बधाई ही दे दो जैसे मैंने तुम्हें दी है…!” वो शरमा गयी और वहाँ से जाने लगी। तभी आयशा आँटी ने उसे रोक और कहा, सानिया बेटा! राजू को ईद मुबारक तो बोल दो, जैसे वो कह रहा है!”
 
तब सानिया ने कहा कि मम्मी मुझे आपके सामने शरम आती है... मैं किस नहीं करूँगी!”
 
तो आयशा आँटी ने कहा, बेटा मुझसे कैसी शरम? मैं तो तुम्हारी अम्मी हूँ और हम दोनों को सहेलियों की तरह रहना चाहिएकभी मैंने तुमसे शरम की है क्या?”  
 
ये सुनकर सानिया थोड़ी सी मेरी तरफ़ बढ़ी और बोली, यहाँ नहीं। अंदर के रूम में चलो!”
 
आयशा आँटी ने भी कहा, ठीक है तुम लोग अंदर चले जाओ, मैं अभी थोड़ी देर में आती हूँ।
 
उसके बाद सानिया मुझे अंदर के रूम में ले गयी। सानिया ने उस समय सिर्फ़ स्कर्ट और एक हल्के रंग की शर्ट पहन रखी थी। उसकी स्कर्ट उसके घुटनों तक ही थी जिससे उसकी गोरी-गोरी टाँगें दिख रही थी। आयेशा आँटी की तरह सानिया ने भी आज हाई हील के बेहद सैक्सी सैंडल पहन रखे थे। मैंने सानिया को पकड़ कर उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर उसे किस करने लगा। मैं उसके होठों को चूसता रहा और वो भी मेरा साथ दे रही थी। वैसे हम पहले भी कईं दफा किस कर चुके थे। फिर मैं धीरे से अपने हाथ से उसकी शर्ट के बटन खोल कर उसकी एक चूंची अपने हाथ से दबाने लगा। जब मैं उसकी चूंची को दबा रहा था तो उसका चेहरा बहुत ही उत्तेजित लग रहा था। उसके बाद मैंने उसकी शर्ट खोल दी। अब उसकी दोनों चूचियाँ मेरे सामने थीं क्योंकि उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी। मैं देख कर हैरान रह गया कि सानिया की चूचियाँ कितनी अच्छी हैं। मैं यही सोचने लगा कि सानिया के कपड़ों के ऊफर से मैंने इन्हें मसला था लेकिन कभी नंगी नहीं देखी थीं।
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उसके बाद मैंने सानिया को उसी तरह से बेड पेर लिटा दिया और मैं उसकी बगल में लेट कर उसकी एक चूंची को चूसने लगा और दूसरी चूंची को अपने एक हाथ से दबाने लग। वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी थी। धीरे-धीरे मैंने उसकी स्कर्ट भी खोल दी। अब सानिया सिर्फ़ पैंटी और हाई हील सैंडलों में थी। मैं पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लग। वो उत्तेजित होकर मुझसे लिपट गयी और मैं उसके होठों को जोर से चूसने लग गया, और फिर मैंने उसके पैंटी भी खोल दी। उसके चूत क्लीन शेव्ड थी। उसकी क्लीन शेव्ड चूत देखकर तो मेरा लंड रॉड के तरह टाईट हो गया। मैं उसकी चूत को धीरे-धीरे सहलाता रहा और फिर उसकी चूत पर अपना मुँह लगाकर उसकी चूत को चूसने लगा।

 
मैं उसकी चूत को चूसता जा रहा था और वो सिसक रही थी, जोर से... आआआहहह आआहहह और जोर से चूसो मेरे राजू... और जोर से!” तभी मेरा ध्यान दरवाज़े के तरफ़ गया तो मैंने देखा कि वहाँ सिर्फ मैरून रंग के हाई-हील सैंडल पहने बिल्कुल नंगी, आयशा आँटी दरवाजे के सहारे खड़ी होकर सब कुछ देख रही है और अपने हाथों से अपनी चूत में अँगुली कर रही है। फिर वो नशे में लड़खड़ाती- सी बेड के पास आ गयी और गाँड पर हाथ फेरने लगी और मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी।
 
सानिया उन्हें देख कर चौंक गयी और बोली, मम्मी मुझे आपके सामने शरम आ रही है... मैं आपके सामने कुछ नहीं करूँगी!” तब आयशा आँटी मेरे लंड पर से अपना हाथ हटाकर बोली, तू मुझे अपनी अम्मी नहीं... अपनी सहेली समझ... मुझे भी तो तूने ऐं मर्तबा ये सब करते हुए देखा है...! फिर आयेशा आँटी सानिया की तरफ़ चली गयी और उसके होठों को चूसने लगी। पहले तो सानिया कुछ नहीं बोली। फिर वो भी अपने मम्मी का साथ देने लगी। मैं सानिया की चूत को चूस रहा था। तभी सानिया ने मेरे चेहरे को अपनी चूत के पास जोर से सटा दिया और कहने लगी, राजू आज पूरा चूस लो मेरी चूत को... पूरा निचोड़ लो…” और मैं उसकी चूत को चूसता रहा।
 
फिर आयशा आँटी ने कहा, अब तू सानिया की चूत चोद!
 
मैंने अपना लंड अपने हाथ में लेकर सानिया की चूत के छेद पर जैसे ही रखा, सानिया डर गयी और कहने लगी धीरे-धीरे करना... नहीं तो बहुत दर्द होगा!”
 
मैंने कहा, ठीक है, और मैंने धीरे से एक धक्का लगाया। मेरा आधा लंड सानिया की चूत में घुस चुका था और वो जोर से चिल्लायी, ईईईईईईईईईईईई आआआआहहहह ऊऊऊऊऊऊऊहहहह... बस करो... अब नहीं आआआआआआआहहहहहह ओहह ओहहह मैं मर जाऊँगी... बस करो!”
 
तभी आयशा आँटी मेरे पास आयी और बोली, अपना पूरा लंड सानिया की चूत में डाल दे... मैं देखना चाहती हूँ कि सानिया कि चूत में जब तेरा लंड जाता है तो उसे कैसा लगता है!”
 
मैंने तुरंत ही अपना पूरा लंड सानिया की चूत में डाल दिया और सानिया चिल्ला उठी ऊँऊँऊँऊँम्म्म्म अल्लाहहऽऽऽ मैं मर गयी... बस छोड़ दो अब नहीं!”
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लेकिन तब तक तो मैं जोश में आ चुका था और मैं जोर-जोर से झटके मारने लगा। तब तक सानिया को भी अच्छा लगने लगा था। थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी। जब मैं और सानिया चुदाई कर रहे थे तब आयशा आँटी भी मेरे पास आकर मेरे होठों को चूसने लगी और अपनी चूत को सानिया के तरफ़ कर दिया और सानिया से कहा, सानिया! मेरी चूत को चूसो!”

 
सानिया उनकी चूत को चूसने लगी और तब तक सानिया छूट चुकी थी और हल्की पड़ गयी थी। इतने में मेरा वीर्य भी सानिया की चूत में छूत गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। ये देख कर आयशा आँटी सानिया की चूत पे मुँह लगाकर अपनी बेटी की चूत को चूसने लगी और चूसते हुए बोली कि सानिया तेरी चूत तो बेहद लज़ीज़ है, मैं तेरी चूत रोज़ चूसा करूँगी!”
 
"मम्मी आपकी चूत भी बेहद रसीली है... ऑय लव इट!" सानिया ने कहा। दोनों माँ-बेटी इस वक्त ६९ की पोज़िशन में एक दूसरे की चूत चाट रही थीं।
 
थोड़ी देर बाद सानिया बाथरूम में चली गयी। मैंने आँटी से कहा कि,आँटी मैं तो सानिया की चूत में ही हल्का हो गया कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाये!
 
आयेशा आँटी बोली, तू फिक्र ना कर मुझे बहुत तजुर्बा है इस मामले में मैंने उस दिन से ही सानिया को बर्थ-कंट्रोल पिल्स देनी शुरू कर दी थी! उसके बाद आयशा आँटी मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर अपनी जीभ से चाटने लगी। जब वो मेरे लंड को चाट रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मेरा लंड फिर से उनके मुँह में सख्त हो गया। थोड़ी देर बाद मेरा वीर्य उनके मुँह में छूट गया और मैं हल्का पड़ गया। आयशा आँटी ने मेरे लंड को अपनी जीभ से ही साफ़ किया और कहा कि आज सानिया को अपने सामने चुदते हुए देख कर अच्छा लग रहा था और खुशी इस बात की है कि तूने मेरी सानिया और मुझे दोनों को एक साथ चोदा!”
 
तब मैंने आयशा आँटी से कहा कि अभी तो मैंने सिर्फ़ सानिया को चोदा है... अभी आपको कहाँ चोदा है?”
 
यह सुनकर आयशा आँटी बोली,चोद ले आज जितना चोद स सकता है। आज की पूरी रात तेरी है... तुझे जैसे-जैसे चोदना है, वैसे चोद ले!” आयशा आँटी की आवाज़ नशे में थोड़ी सी बहक रही थी।
 
मैंने आयशा आँटी से कहा कि मैंने सुना है कि गाँड मारने में बहुत मज़ा आता है... मैं आपकी गाँड मारना चाहता हूँ... आप मुझसे अपनी गाँड मरवाओगी?”
 
आयशा आँटी ने कहा कि कुछ साल पहले दो अफ्रीकी लड़के हमारे पड़ोस में रहते थे जिनके साथ मैं ऐश करती थी। उन दोनों नीग्रो से पहली बार मैंने गाँड मरवायी थी और उन नामकुलों ने अपने हब्शी लौड़ों से इतनी बेरहमी से मेरी गाँड कि मैं बता नहीं सकती तब से मैंने कभी अपनी गाँड नहीं मरवायी। लेकिन तुझे मैं मन नहीं कर सकती... इसलिए आज मैं तुझसे अपनी गाँड भी मरवा लूँगी!”
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फिर वो वहाँ से उठकर हाई हील सैंडलों में खटखट करती हुई नशे में लड़खड़ाती हुई दूसरे कमरे में चली गयी, और जब वो लौट कर आयी तो उनके हाथ में एक क्रीम की ट्यूब थी। वो मेरी तरफ़ ट्यूब बढ़ाते हुए बोली कि सूखी गाँड मरवाने में दर्द होता है... इसलिए ये के-वॉय जैली मेरी गाँड के छेद पर लगा देना और उसके बाद तू मेरी गाँड मारना!

 
मैंने कहा, ठीक है... लेकिन पहले मेरे लंड को एक बार आप चूस लो जिससे मेरा लंड और टाइट हो जाये।
 
आयशा आँटी झुक कर अपने मुँह से मेरे लंड को चूसने लगी। वो बहुत अच्छी तरह से मेरे लंड को चूस रही थी। उनके होंठों और ज़ुबान में जादू था! एक मिनट में ही मेरा लंड पूरा टाइट होकर खड़ा हो गया। उसके बाद आयशा आँटी उल्टी होकर लेट गयी और अपने दोनों हाथों से अपनी गाँड के छेद को फ़ैलाने लगी। मैंने के-वॉय जैली निकाली और उनकी गाँड के छेद में भर दी। उसके बाद मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया और गाँड के छेद पर अपना लंड रखकर हल्का सा धक्का दिया। मैंने जैसे ही धक्का दिया  तो वो चिल्ला उठी, नाआआआआईईईईईईईईईईई... बस कर... हाय अल्लाहहह…. बहुत दर्द हो रहा है।
 
लेकिन तब मैं कहाँ रुकने वाला था, और मैंने एक धक्का और लगाया और मेरे लंड का तीन-चौथाई भाग उनकी गाँड के अंदर चला गया और वो जोर से चिलायी, आआआआआहहहहह मैं मर जाऊँगी।
 
तभी मैंने पूरे जोर से झटका मारा और मेरा पूरा लंड उनकी गाँड में घुस गया। थोड़ी देर तक तो वो दर्द से चिल्लाती रही लेकिन बाद में कहने लगी, बहुत अच्छा लग रहा है... मुझे नहीं पता था कि इसमें भी इतना मज़ा आता है... तो मैं तुझसे रोज़ अपनी गाँड मरवाऊँगी!”
 
तब तक सानिया भी बाथरूम से आ चुकी थी और वो ये सब देख रही थी कि मैं उसकी मम्मी की गाँड मार रहा हूँ। वो हमारे पास आ गयी। आयशा आँटी ने उसको अपने पास बुलाया और उसे अपने आगे लेटने के लिए बोली। सानिया लेट गयी और आयशा आँटी सानिया की चूत चाटने लगी। मैं उनकी गाँड मार रहा था और मेरा लंड तेजी से उनकी गाँड में अंदर-बाहर हो रहा था।
 
सानिया की चूत चूसते-चूसते आयशा आँटी बीच में चिल्ला उठी, ननाआआआआआहहहहह ऊईईईईईईईईईई धीरे कर... दर्द हो रहा है।
 
लेकिन मैं तो अपने पूरे जोश में उनकी गाँड में अपना लंड अंदर-बाहर कर रहा था। उसके बाद मैंने आयशा आँटी से कहा कि सानिया से कहो कि मेरे लंड को वो चूसे। ये सुनते ही सानिया वहाँ से उठकर मेरी तरफ़ आ गयी और मैंने अपना लंड आयशा आँटी की गाँड से निकाल लिया और मैं लेट गया।
 
सानिया मेरी बगल में आकर मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर बोलने लगी, इतना बड़ा लंड कैसे मेरी चूत में घुस गया?” और फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी। पहले सानिया लंड को ठीक से नहीं चूस पा रही थी। तब आयशा आँटी ने कहा, अरे ऐसे नहीं चूसते हैं... मैं तुझे बताती हूँ कि कैसे लंड चूसते हैं!” फिर वो सानिया को वहाँ से हटाकर खुद आकर मेरे लंड को चूसने लगी।
 
सानिया उन्हें बहुत ध्यान से देख रही थी। फिर वो मेरी बगल में आयी तो मैं उसके होठों को चूसने लगा और वो वहाँ से उठकर मेरे लंड के पास आयी और मेरे लंड को चूसने लगी। इस बार वो मेरे लंड को बहुत अच्छे से चूस रही थी। दस मिनट के बाद मैं सानिया के मुँह में ही झड़ गया। वो जल्दी से उठकर बाथरूम में गयी और अपना मुँह धोने लगी। तब आयशा आँटी ने अपनी जीभ से मेरे लंड को पूरा साफ़ किया और मैं हल्का होकर वहीं बेड पर लेटा रहा। उसके बाद सानिया भी मेरी एक तरफ़ आकर लेट गयी और दूसरी तरफ़ आयशा आँटी लेट गयी। आयशा आँटी कहने लगी कि ईद की ये मुबारक रात उन्हें हमेशा याद रहेगी। सानिया ये सुनकर हँसने लगी तो मैंने अपने एक हाथ से जोर से उसकी चूंची को दबा दिया और वो मुझसे लिपट गयी। मैंने रात में सानिया को तीन बार चोदा और सुबह होते ही पीछे के ही दरवाज़े से मैं अपने घर चला गया।
 
॥॥॥समाप्त॥॥॥
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छोटे लंड का पति
लेखक: अंजान ©
 
मेरा नाम सोहा अहमद डिसिल्वा है। मैं अठाईस साल की हूँ और दिखने में खूबसूरत और सैक्सी हूँ। दो साल पहले की बात है मैं एक मल्टीनेश्‍नल कंपनी में काम करती थी। उसी मल्टीनेश्‍नल कंपनी में फ्रांसिस डिसिल्वा भी काम करने के लिये आये। मैं उनसे सीनियर थी। फ्रांसिस बेहद हैंडसम और खुशमिज़ाज़ थे। जब से उन्होंने ऑफिस जॉयन किया था तब से ही मैं दिल ही दिल उन पर मर मिटी। मेरी तब तक शादी नहीं हुई थी। धीरे-धीरे हम दोनों में गहरी दोस्ती हो गयी और फिर हमारी दोस्ती मोहब्बत में बदल गयी।
 
मेरे घर वाले हमारे रिश्ते के खिलाफ थे क्योंकि फ्रांसिस क्रिस्चन थे और मैं *| फिर घरवालों की रज़ामंदी के बगैर ही दो महीने के बाद हम दोनों ने कोर्ट में शादी कर ली।
 
फ्रांसिस का एक छोटा भाई भी था, जॉन। वो फ्रांसिस से सात साल छोटा था और उसकी उम्र बीस साल की थी और मेरी उम्र छब्बीस साल की थी। फ्रांसिस जॉन को बेहद मानते थे। जॉन फ्रांसिस से ज्यादा हैंडसम था और ताकतवर भी। वो बेहद शरारती भी था। हम दोनों एक दूसरे से खूब हंसी मज़ाक करते थे। मुझे उसका हंसी मज़ाक करना बेहद अच्छा लगता था। फ्रांसिस भी हम दोनों को देख कर बेहद खुश रहते थे। शादी के बाद फ्रांसिस ने मुझसे नौकरी छोड़ देने को कहा तो मैंने नौकरी छोड़ दी। अब मैं घर पर ही रहने लगी। जॉन बी-ए फाइनल में पढ़ रहा था।
 
फ्रांसिस से शादी हो जाने के बाद मैं उनके घर आ गयी। फ्रांसिस ने शादी के वक्त पंद्रह दिनों की छुट्टी ले ली थी और घर पर ही रहते थे। सुहागरात के दिन जब मैंने फ्रांसिस का लंड देखा तो मेरे सारे ख्वाब टूट कर बिखर गये। उनका लंड महज़ तीन इंच लम्बा और बेहद पतला था। उन्होंने जब पहली-पहली दफा अपना लंड मेरी चूत में घुसाया तो मेरे मुँह से सिर्फ एक हल्की सी सिसकारी भर निकली और उनका पूरा का पूरा लंड एक ही धक्के में मेरी चूत के अंदर समा गया। उन्होंनें बड़ी मुश्किल से पाँच मिनट ही मुझे चोदा और झड़ गये। मैं उदास रहने लगी। लेकिन इससे मेरी मोहब्बत में ज़रा भी कमी नहीं आयी और मैं उनसे दिल-ओ-जान से मोहब्बत करती थी।
 
पंद्रह दिनों के बाद जब वो ऑफिस जाने लगे तो उन्होंने मुझसे कहा, जॉन की बहुत देर तक सोने की आदत है। उसको जगा देना और कॉलेज भेज देना!”
 
मैंने कहा, ठीक है!” फ्रांसिस चले गये।
 
उनके जाने के बाद मैं जॉन को जगाने उसके रूम में गयी। मैंने जॉन को जगाया तो वो उठ गया। मैंने जॉन से कहा, जब तुम्हारे भैया की शादी नहीं हुई थी तब तुम्हे कौन जगाता था?”
 
वो बोला, भैया जगाते थे!”
 
जॉन फ़्रेश होने चला गया और मैं उसके लिये नाश्ता बनाने चली गयी। नाश्ता करने के बाद जॉन कॉलेज चला गया। फ्रांसिस नौ बजे ऑफिस चले जाते थे और जॉन दस बजे कॉलेज चला जाता था। जॉन कॉलेज से तीन बजे वापस आ जाता था जब कि फ्रांसिस रात के सात बजे तक वापस आते थे। अगले दिन फ्रांसिस के ऑफिस चले जाने के बाद मैं जॉन को जगाने गयी। जैसे ही मैं जॉन के रूम में पहुँची तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयीं। जॉन गहरी नींद में सो रहा था और खर्राटे भर रहा था। उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी हुई थी और उसका लंड खड़ा था। उसका लंड आठ इंच लम्बा और बेहद मोटा था। मैं सोचने लगी कि बड़े भाई का लंड तीन इंच लम्बा है आ छोटे भाई का आठ इंच लम्बा। कुदरत भी क्या क्या करिश्मे करती है।
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मैं बेहद सैक्सी थी और शादी के बाद फ्रांसिस मेरी प्यास जरा सा भी नहीं बुझा पाये थे इसलिये मैं जॉन के लंड को ध्यान से देखती रही। मुझे जॉन का लंड बेहद अच्छा लग रहा था। उसके लंड को देख कर मेरे दिल में गुदगुदी सी होने लगी। मैंने सोचा काश फ्रांसिस का लंड भी ऐसा ही होता तो मुझे खूब मज़ा आता। मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही। अचानक मेरे दिल में खयाल आया कि जॉन को कॉलेज भी जाना है। मैं सोच में पड़ गयी कि उसे कैसे जगाऊँ। वो जागने के बाद पता नहीं क्या सोचेगा। बहुत देर तक मैं खड़ी-खड़ी सोचती रही और उसके लंड को देखती रही। मैंने दिल ही दिल सोचा, काश जॉन ही मुझे चोद देता तो मुझे जवानी का मज़ा तो मिल जाता।

 
मैं जॉन के नज़दीक गयी और कहा, जॉन, साढ़े नौ बज रहे हैं। उठना नहीं है क्या?” वो हड़बड़ा कर उठा तो उसने खुद को एक दम नंगा पाया। वो कभी मुझे और कभी अपने लंड की तरफ़ देखने लगा।
 
मैंने कहा, तुम ऐसे ही सोते हो क्या। तुम्हें शर्म नहीं आती?”
 
वो बोला,गहरी नींद में सोने की वजह से अक्सर मेरी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती है। आज आपने भी मेरा लंड देख ही लिया। अब क्या होगा।
 
मैंने कहा, होगा क्या?”
 
उसने अपने लंड कि तरफ़ इशारा करते हुए कहा, भाभी! ये मुझे बेहद परेशान करता है। अक्सर सुबह को ये खड़ा हो जाता है!” इतना कह कर उसने अपनी लुंगी उठानी चाही तो मैंने तुरन्त ही उसकी लुंगी उठा ली और कहा,तुम ऐसे ही बहुत अच्छे लग रहे हो!”
 
वो बोला,क्या मैं ही अच्छा लग रहा हूँ। क्या मेरा लंड अच्छा नहीं है?”
 
मैंने कहा, वो तो बेहद अच्छा है!”
 
वो बोला, पसन्द आया आपको?”
 
मैंने कहा, हाँ!”  
 
वो बोला, फिर ठीक है। चाहो तो हाथ लगा कर देख लो!”
 
मैंने कहा, कॉलेज नहीं जाना है क्या?”
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जाना तो है। आप इसे हाथ से पकड़ कर देख लो। उसके बाद मैं कॉलेज चला जाऊँगा।

 
मेरा दिल तो जॉन से चुदवाने को कर रहा था लेकिन ये बात मैंने जाहिर नहीं होने दी। मैंने कहा, अगर तुम कहते हो तो मैं पकड़ लेती हूँ... लेकिन तुम कुछ और तो नहीं करोगे ना।
 
वो बोला, बिल्कुल नहीं!”
 
मैंने कहा, फिर ठीक है!”
 
मैं जॉन के बगल में बेड पर बैठ गयी। जोश के मारे मेरी चूत गीली हो रही थी। उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया तो मैंने जॉन का लंड पकड़ लिया। थोड़ी देर तक मैं उसके लंड को पकड़े रही तो वो बोला, सहलाओ ना इसे!” मैंने उसके लंड को धीरे-धीरे सहलाना शुरु कर दिया। मेरे सहलाने से उसका लंड और ज्यादा टाइट हो गया। थोड़ी देर बाद मैंने कहा, अब जाओ, नहा लो!”
 
वो बोला,और सहलाओ ना।
 
मैं उसका लंड सहलाने लगी। वो बोला, चुदवाओगी?”
 
मैंने कहा, नहीं। पागल हो क्या?”
 
उसने पूछा, क्यों, मेरा लंड आपको पसन्द नहीं आया?”
 
मैंने कहा,लंड तो तुम्हारा... माशा अल्लाह बेहद दिलकश है!
 
वो बोला, फिर चुदवा लो ना!”
 
मैंने कहा, मैं तुम्हारी भाभी हूँ। मैं तुमसे नहीं चुदवाऊँगी!”
 
वो बोला, फिर तो आपको सारी जिन्दगी जवानी का मज़ा नहीं मिल पायेगा!”
 
मैंने पूछा, क्यों?”
 
वो बोला, भैया का लंड सिर्फ तीन इंच का ही है। मैं जानता हूँ कि उनसे चुदवाने में किसी भी औरत को बिल्कुल भी मज़ा नहीं आयेगा!”
 
मैंने कहा, तुम कैसे जानते हो कि उनका लंड छोटा है?”
 
वो बोला, हम दोनों बहुत दिनों तक साथ ही साथ एक दम नंगे ही नहाते थे। हम दोनों एक दूसरे के लंड के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। आप मुझसे चुदवा लो। मैं आपको जवानी का पूरा मज़ा दूंगा!”
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मैंने कहा, तुम्हारे भैया को पता चलेगा तो वो क्या कहेंगे?”

 
जॉन बोला, कुछ नहीं कहेंगे... क्योंकि वो काफी ब्रोड मायंडिड हैं... वो जानते हैं कि उनका लंड छोटा है और वो किसी औरत को पूरा मज़ा नहीं दे सकते!”
 
मैंने कहा, अच्छा देखा जायेगा। अब तुम जाओ नहा लो। मैं नाश्ता बनाती हूँ!”
 
जॉन नहाने चला गया और मैं किचन में नाश्ता बनाने चली गयी। नहाने के बाद जॉन ने नाश्ता किया और कॉलेज चला गया। उस दिन जब मैं रात में सोने के लिये अपने रूम में गयी तो फ्रांसिस जाग रहे थे। मैं जैसे ही बेड पर उनके पास बैठी तो उन्होंने पूछा, कैसा लगा जॉन का लंड?”
 
मैंने कहा, क्या मतलब है तुम्हारा?”
 
वो बोले, शादी के पहले मैं ही जॉन को जगाया करता था। अक्सर उसकी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती थी और उसका लंड दिखायी देता था। अब तो तुम ही जॉन को जगाती हो। मैं समझता हूँ कि तुमने अब तक जॉन का लंड देख लिया होगा। इसी लिये मैं पूछ रहा हूँ कि जॉन का लंड तुम्हें पसन्द आया या नहीं!”
 
मैंने शर्माते हुए कहा, आज जब मैं जॉन को जगाने गयी थी तो उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी थी, तभी मैंने उसका लंड देखा था। उसका लंड तो बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा है। उसकी बीवी को जवानी का भरपूर मज़ा मिलेगा!”
 
वो बोले, मैं जानता हूँ कि मैं तुम्हें पूरा मज़ा नहीं दे सकता क्योंकि मेरा लंड तो किसी छोटे लड़के की तरह है। अगर तुम चाहो तो जॉन से चुदवा कर जवानी का पूरा मज़ा ले लो और मुझे जरा सा भी एतराज़ नहीं है और ना ही मैं तुम्हें मना करूँगा। इस तरह घर की बात घर में ही रह जायेगी। किसी को कुछ भी पता नही चलेगा!”
 
मैंने कहा,तुम नशे में तो नहीं हो?”
 
वो बोले, मैं पूरे होश में हूँ। ऑय लव यू सो मच और मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से तुम सारी ज़िन्दगी जवानी का मज़ा ना ले पाओ। तुम जॉन से चुदवा कर जवानी का पूरा मज़ा उठाओ!”
 
मेरा दिल तो पहले से ही जॉन से चुदवाने को हो रहा था। अब तो मुझे अपने हसबैंड से इज़ाज़त भी मिल गयी। मैं बहुत खुश हो गयी। मैंने कहा, ठीक है, देखा जायेगा!”
 
वो बोले, देखा नहीं जायेगा... तुम उस से कल ही चुदवा लो। कल उसे कॉलेज मत जाने देना और सारा दिन खूब जम कर चुदवाना और मज़ा लेना!”
 
मैंने कहा, ठीक है। मैं कल जॉन से चुदवाने की कोशिश करूँगी!”
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उसके बाद हम सो गये। अगले दिन फ्रांसिस के ऑफिस चले जाने के बाद मैं नहाने चली गयी। नहाने के बाद मैंने अंदर कुछ भी नहीं पहना। मैंने सिर्फ एक पतली सी नाइटी पहन ली क्यों कि आज मुझे जॉन से चुदवाना था। उसके बाद मैं ऊँची हील की चप्पल पहन कर जॉन के कमरे में गयी। मेरे दिल में अभी भी उसके लंड का खयाल बार-बार आ रहा था। मैं उसके लंड को बार-बार देखना चाहती थी। मैं उसके रूम में पहुँची तो जॉन सो रहा था। आज उसकी लुंगी खुल कर बेड के नीचे ज़मीन पर पड़ी थी। उसका लंड एक दम खड़ा था। मैंने उसकी लुंगी उठा कर ड्रेसिंग टबेल पर रख दी। उसके बाद मैं जॉन के बगल में बैठ गयी और उसके लंड को देखने लगी। धीरे-धीरे मुझे जोश आने लगा और मेरी आँखें गुलाबी सी होने लगी। मेरा दिल कर रहा था कि मैं उसके लंड को पकड़ लूँ लेकिन मेरे दिल में खयाल आया कि जॉन क्या सोचेगा। कहीं वो बुरा न मान जाये । मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही। जोश के मारे मेरी चूत गीली होने लगी। मुझसे और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसके लंड को पकड़ लिया। जॉन फिर भी नहीं उठा तो मैं उसके लंड को सहलाने लगी। दो मिनट में ही जॉन उठ गया।

 
उसने मुझे अपना लंड सहालते हुए देखा तो बोला, लगता है कि आज चुदवाने का इरादा है!”
 
मैंने कहा, कुछ ऐसा ही समझो!”
 
वो बोला, फिर आ जाओ।
 
इतना कह कर जॉन ने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया। मैं जोश में आ चुकी थी इसलिये कुछ भी नहीं बोल पायी। उसके लंड को हाथ लगाने से मेरे सारे बदन में आग-सी लगने लगी थी। जॉन ने मेरे होंठों को चूमते हुए बोला, और तेजी से सहलाओ!”
 
मैं चुपचाप उसके लंड को तेजी से सहलाने लगी। मैं उसका लंड सहालती रही और वो मेरे होंठों को चूमता रहा। थोड़ी ही देर में उसका लंड एक दम टाइट हो गया। उसके लंड का सुपाड़ा बेहद मोटा था और एकदम गुलाबी सा दिख रहा था। मैंने अपनी अंगुली उसके लंड के सुपाड़े पर फिरनी शुरु कर दी तो वो आहें भरते बोला, ओह भाभी, बहुत मज़ा आ रहा है!”
 
जॉन जोश के मारे पागल सा हुआ जा रहा था। उसने मेरे बदन पर से नाइटी खींच कर फेंक दी तो मैं एक दम नंगी हो गयी। मैंने शरम से अपनी आँखें बन्द कर लीं। उसने मेरे निप्पलों को मसलना शुरु कर दिया। मैं जोश से पागल सी होने लगी। मेरी चूत और ज्यादा गीली हो गयी। जॉन ने मेरा चेहरा अपने लंड की तरफ़ करते हुए कहा, देखो भाभी, आपके सहलाने से ये पूरे जोश में आ गया है!”
 
मैंने अपनी आँखें खोल दी।
 
वो बोला, इसे अपने मुँह में ले लो!” उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने लंड की तरफ़ खींच लिया और उसके लंड का सुपाड़ा मेरे मुँह से आ लगा। उसने कहा, चूसो न इसे!”
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मैंने उसके लंड के सुपाड़े को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं काफी देर तक उसके लंड को चूसती रही और वो एक हाथ से मेरा सिर सहालाता रहा और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को मसलता रहा। थोड़ी देर बाद उसके लंड का रस मेरे मुँह में निकलने लगा। मैंने अभी तक फ्रांसिस के लंड के रस का स्वाद नहीं लिया था इसलिये मुझे उसके लंड के रस का स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था। मैं उसके लंड का सारा रस निगल गयी।

 
जॉन बहुत खुश हो गया और बोला,आज तो मज़ा आ गया। चुदवाओगी?”
 
मैंने कहा, नहीं!”
 
वो बोला, क्यों। अभी तो कह रही थी कि कुछ ऐसा ही समझ लो! अब कह रही हो, नहीं!”
 
मैंने कहा, तुम्हारा बहुत बड़ा है। दर्द बहुत होगा!”
 
वो बोला, तो क्या हुआ, मज़ा भी तो आयेगा!”
 
इतना कह कर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी। उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। मैंने भी जोश के मारे उसके होंठों को चूमना शुरु कर दिया। थोड़ी देर बाद जॉन ने एक अंगुली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा तो मुझे खूब मज़ा आने लगा मैंने भी जोश के मारे अपने चुतड़ उठाने शुरु कर दिये। थोड़ी ही देर के बाद मुझे लगा कि मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है।
 
मैंने शर्माते हुए जॉन से कहा, अपनी अंगुली बाहर निकाल लो!”
 
वो बोला, क्यों... अच्छा नहीं लग रहा है?”
 
मैंने कहा, बहुत अच्छा लग रहा है। लेकिन मुझे लग रहा है कि मेरी चूत से रस छूटने वाला है!”
 
वो बोला, ये तो बहुत अच्छी बात है। जैसे मेरे लंड से रस निकला था उसी तरह आपकी चूत से भी रस निकलेगा!”
 
इतना कह कर जॉन उठा और मेरे उपर सिक्सटी-नाइन की पोज़िशन में हो गया। उसने अपनी जीभ मेरी क्लिट पर फिराते हुए मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी। मैंने जॉन का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं एक हाथ से जॉन का सिर अपनी चूत पर दबाने लगी तो वो मेरी चूत को और ज्यादा तेज़ी के साथ चाटने लगा। मैं और ज्यादा जोश में आ गयी। मैंने जॉन का लंड तेजी के साथ चूसना शुरु कर दिया। अब तक मैं बिल्कुल बेकाबू हो चुकी थी और चाहती थी कि जॉन मुझे चोद दे। तभी मेरी चूत से कुछ गरम-गरम सा निकलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जॉन ने मेरी चूत का सारा का सारा रस चाट लिया। जॉन का लंड भी फिर से खडा हो चुका था। मेरी चूत का सारा रस चाट लेने के बाद जॉन मेरी टाँगों के बीच आ गया। उसने मेरी दोनों टाँगों को फैला कर अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के बीच रख दिया। उसके बाद उसने मेरे दोनों मम्मों को मसलते हुए अपने लंड के सुपाड़े को मेरी चूत पर रगड़ना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और जोश में आ कर मैं सिसकारियाँ भरने लगी।
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थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाइट हो गया। तभी उसने एक धक्का लगा दिया। दर्द के मारे मेरे मुँह से चीख निकल गयी। उसके लंड का सुपाड़ा मेरी चूत में घुस गया था। मुझे लग रहा था कि किसी ने एक लोहे की रॉड मेरी चूत में घुसेड़ दी हो। लेकिन मैंने जॉन को बिल्कुल भी मना नहीं किया क्योंकि मैं पूरे जोश में आ चुकी थी और जॉन का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती थी। तभी उसने एक जोर का धक्का और लगा दिया। दर्द के मारे मेरे मुँह से जोर की चीख निकली और मेरी आँखों में आँसू आ गये। लग रहा था कि जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरते हुए अंदर घुस गया हो।

 
मैंने कहा, बाहर निकाल लो अपना लंड, बहुत दर्द हो रहा है!”
 
उसने कहा, थोड़ा बर्दाश्त करो, फिर खूब मज़ा आयेगा!”
 
उसका लंड मेरी चूत में तीन इंच तक घुस चुका था। तभी उसने एक धक्का और लगाया। मैं दर्द से तड़प उठी। लग रहा था कि कोई मेरी चूत को बुरी तरह से फैला रहा है। मेरी चूत हद से काफ़ी ज्यादा फैल चुकी थी। उसका लंड चार इंच तक मेरी चूत में घुस चुका था।
 
मैंने कहा, जॉन! अब रहने दो, बहुत दर्द हो रहा है। तुम इतना लंड ही डाल कर मुझे चोद दो। बाकी का लंड बाद में घुसा देना!”
 
वो बोला, बाद में क्यों! क्या आप मेरा पूरा लंड अपनी चूत में नहीं लेना चाहती?”
 
मैंने कहा, लेना तो चाहती हूँ।
 
वो बोला, तो फिर पूरा अंदर लो!”
 
इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत से एक जोर का धक्का और मारा। दर्द के मारे मैं तड़प उठी और मेरी आँखों के सामने अन्धेरा छाने लगा। उसका लंड मेरी चूत में पाँच इंच तक घुस गया था। मैं रोने लगी।
 
वो बोला,रो क्यों रो रही हो?”
 
मैंने कहा, बहुत दर्द हो रहा है। मुझसे ये दर्द बर्दाश्त नही हो रहा है। मेरी चूत फट जायेगी!”
 
तभी कॉल-बेल बजी। हम दोनों घबरा गये। जॉन बोला,पता नहीं कौन आ गया इस समय!”
 
मैंने कहा, अब आज रहने दो और जा कर देखो कि कौन आया है!”
 
वो बोला, जाता हूँ, पहले मैं पूरा लंड तो घुसा दूँ!”
 
मैंने कहा, “बाद में कर लेना!
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वो बोला, नहीं! मैं अभी घुसाऊँगा। आप अपने होंठों को जोर से जकड़ लो जिस से आपके मुँह से चीख न निकले!”

 
मैंने अपने होंठों को जोर से जकड़ लिया। उसने मेरी कमर को पकड़ कर बेहद जोर का धक्का लगा दिया। मैं मछली की तरह तड़पने लगी। मुझे लग रहा था कि मेरी चूत फट जायेगी, मेरे मुँह से चीख निकलने ही वाली थी कि जॉन ने अपने हाथ से मेरा मुँह दबा दिया। उसके बाद उसने पूरी ताकत के साथ दो धक्के और लगा दिये। मेरे मुँह से सिर्फ गूँ-गूँ की आवाज़ ही निकाल पायी और उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में दाखिल हो गया। मैं दर्द के मारे तड़प रही थी और मेरा सारा जिस्म पसीने से नहा गया था। मेरे पैर थरथर कांप रहे थे। मेरा दिल बहुत तेजी के साथ धड़कने लगा था और मेरी साँसें बहुत तेज चलने लगी थी। लग रहा था कि मेरा दिल अभी मेरे मुँह के रास्ते बाहर आ जायेगा। जरा सा रुकने के बाद जॉन ने एक झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया। मुझे लगा कि मेरी चूत भी उसके लंड के साथ ही बाहर आ जायेगी। ‘पक’ की आवाज़ के साथ उसका लंड मेरी चूत से बाहर आ गया।
 
उसने मुझे अपना लंड दिखाते हुए कहा, देखो भाभी, आपकी चूत की निशानी मेरे लंड पर लगी हुई है!”
 
मैंने देखा कि उसका लंड आखिर तक मेरी चूत रस से सना हुआ था। तभी उसने अपने लंड के सुपाड़े को फिर से मेरी चूत के मुँह पर रखा और पूरी ताकत के साथ जोर का धक्का लगाते हुए अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसाने की कोशिश की। लेकिन एक धक्के में वो अपना पूरा लंड मेरी चूत में नहीं घुसा पाया। उसने दो धक्के और लगाये तब कहीं जा कर उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस पाया। मैं दर्द से तड़पते हुए चीखने लगी लेकिन जॉन कुछ सुन ही नहीं रहा था। पूरा लंड घुसा देने के बाद उसने फिर से एक ही झटके में अपना लंड बाहर निकाल लिया। तभी फिर से कॉल-बेल बजी।
 
मैंने कहा, पहले जा कर देखो तो सही कि कौन है!”
 
वो बोला,अभी जाता हूँ!”
 
उसने फिर से दो धक्के लगाये और अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। पूरा लंड मेरी चूत में घुसाने के बाद उसने एक ही झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया। ऐसा उसने तीन-चार बार किया। उसके बाद वो हट गया। मैं उठना चाहती थी लेकिन दर्द के मारे मैं उठ नहीं पा  रही थी। मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा था। मैं सोचने लगी कि अभी तो उसने सिर्फ अपना पूरा लंड ही मेरी चूत में घुसाया है। जब वो अपना पूरा लंड घुसाते हुए मेरी चुदाई करेगा तब मेरा क्या हाल होगा। मैं तो मर ही जाऊँगी। जॉन ने लुंगी पहन ली और कहा,आप बाथरूम में चली जाओ। मैं देखता हूँ कौन आया है!”
 
मैंने कहा, दर्द के मारे मेरा तो बुरा हाल है। मैं उठ ही नहीं पा रही हूँ और तुम कह रहे हो कि बाथरूम में चली जाओ!”
 
वो बोला, फिर आप चादर ओढ़ कर लेटी रहो। मैं जा कर देखता हूँ कि कौन आया है!”
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मैंने चादर ओढ़ ली। जॉन दरवाज़ा खोलने चला गया थोड़ी ही देर में जॉन एक औरत के साथ मेरे पास आया। वो औरत करीब पैंतीस साल की दिख रही थी और बेहद खूबसुरत थी। उस औरत ने बेहद सलीके से मेक-अप किया हुआ था और सलवार कमीज़ और साथ ही हाई हील के सैंडल पहने हुए थी।
 
मैंने पूछा,कौन है ये?”
 
जॉन ने कहा, “भाभी... ये नसरीन हैं। हमारे पड़ोस में रहती हैं। इन्हें मेरा लंड बहुत पसन्द है। ये मुझसे चुदवाने आयी है।
 
नसरीन ने जॉन से पूछा, ये तो तुम्हारी भाभी है ना?”
 
जॉन ने कहा, हाँ! ये मेरी भाभी सोहा हैं!
 
नसरीन को पता चला कि मैं उसकी हम-मज़हब हूँ तो काफी खुश हुई। वो बोली, सलाम अलैकुम! तुम ये चादर ओढ़ कर क्यों लेटी हुई हो । तबियत तो ठीक है तुम्हारी?”
 
जॉन बोला, मैं इनकी तबियत ही ठीक कर रहा था कि तुम आ गयी। मैंने भाभी से बाथरूम में चले जाने को कहा लेकिन ये खड़ी ही नहीं हो पा रही थी। इसलिये  इन्होंने चादर ओढ़ ली है!”
 
इतना कह कर जॉन ने मेरे उपर से चादर हटा दी। नसरीन मेरी हालत देख कर हँसने लगी। जॉन ने कहा, हँस क्यों रही हो। आपकी हालत तो इससे भी ज्यादा खराब हो गयी थी!”
 
वो बोली, क्या तुमने अपनी भाभी को आज पहली बार चोदा है!”
 
जॉन ने कहा, अभी चोदा कहाँ है। अभी तो मैंने सिर्फ अपना पूरा लंड ही इनकी चूत में घुसाया था कि आप आ गयी!”
 
मैंने कहा, कब से चोद रहे हो इन्हें!”
 
जॉन बोला, लगभग दो साल से!”
 
मैंने पूछा, इन्हें तेरा लंड अपनी चूत में लेने में तक्लीफ़ नहीं होती। तुमने तो अभी मेरी चूत में सिर्फ अपना लंड घुसाया है और मेरी हालत एक दम खराब हो गयी है!”
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