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Misc. Erotica मैं हसीना गज़ब की
 
मैं तो तुम्हारा ससुर हूँ...... क्या ये मुनासिब है?”
 
ऊऊऽऽहहऽऽऽ राऽऽज!! ताऽऽऽहिर मेरी जाऽऽऽन मेराऽऽ इंतहान मत लोऽऽऽ। ऊँम्म डाल दो इसे..... अपने बेटे की बीवी की चूत फाड़ दो अपने लंड से..... कब से प्यासी हूँ तुम्हारे इस लंड के लिये.... ओ‍ओहहह कितने दिनों से ये आग जल रही थी। मैं तो शुरू से तुम्हारी बनना चाहती थी। ओऽऽऽहहऽऽऽ तुम कितने पत्थर दिल होऽऽऽऽ! कितना तरसया मुझे.... आज भी तरसा रहे हो! मैंने उनके लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूत की ओर ठेला मगर उन्होंने मेरी कोशिश को नाकाम कर दिया। मेरी चूत का मुँह लंड के एहसास से लाल हो कर खुल गया था जिससे उनके लंड को किसी तरह की परेशानी ना हो। मेरी चूत से काम-रस झाग बनके निकल कर मेरे चूतड़ों के कटाव के बीच से बहता हुआ बिस्तर की ओर जा रहा था। मेरी चूत का मुँह पानी से उफ़न रहा था। अंदर कर दूँ???”
 
हाँ ऊऊहह हाँऽऽऽ
 
मेरे लंड पर किसी तरह का कोई कंडोम नहीं है। मेरा वीर्य अपनी कोख में लेने की इच्छा है क्या?”
 
हाँऽऽ ऊऊहह माँ... हाँऽऽ मेरी चूत को भर दो अपने वीर्य सेऽऽऽ! डाल दो अपना बीज मेरी कोख में! मैं तड़प रही थी। पूरा जिस्म पसीने से तरबतर हो रहा था। मेरी आँखें उत्तेजना से उलट गयी थीं और मेरे होंठ खुल गये थे। मैं अपने सूखे होंठों पर अपनी जीभ चला कर गीला कर रही थी।
 
फिर तुम्हारी कोख में मेरा बच्चा आ जायेगा!!
 
हाँऽऽ हाँऽऽऽ मुझे बना दो प्रेगनेंट। अब बस करोऽऽऽ। मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ.... और मत सताओ! मत तड़पाओ मुझे! मैंने अपनी दोनों टाँगें बिस्तर पर जितना हो सकता था फैला लीं, देखो तुम्हारे बेटे की दुल्हन तुम्हारे सामने अपनी चूत खोल कर लेटी तुमसे गिड़गिड़ा रही है कि उसकी चूत को फाड़ डालो। रगड़ दो उसके नाज़ुक जिस्म को। मसल डालो मेरे इन मम्मों को.... जिन पर मुझे नाज़ है! ये सब आपके छूने.... आपकी मोहब्बत के लिये तड़प रहे हैं। मैं बहकने लगी थी। अब वो मेरी मिन्नतों पर पसीज गये और अपनी अँगुलियों से मेरी क्लिटोरिस को मसलते हुए अपने लंड को अंदर करने लगे। मैं अपने हाथों से उनकी छातियों को मसल रही थी और उनके लंड को अपने चूत की दीवारों को रगड़ते हुए अंदर दाखिल होते महसूस कर रही थी।
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हाँऽऽ मेरे ताहिर! इस लुत्फ का मुझे जन्मों से इंतज़ार था। तुम इतने नासमझ क्यों हो! मेरे दिल को समझने में इतनी देर क्यों कर दी!
 
उन्होंने वापस मेरी टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। उनके दोनों हाथ अब मेरे दोनों बूब्स पर थे। दोनों हाथ मेरी छातियों को जोर-जोर से मसल रहे थे और वो मेरे निप्पलों को अँगुलियों से मसल रहे थे। मेरी चूत बुरी तरह से गीली हो रही थी इसलिये उनके लंड को दाखिल होने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। उनका लंड पूरी तरह मेरी चूत में समा गया था। फिर उन्होंने धीरे-धीरे अपने लंड को पूरी तरह से बाहर खींच कर वापस एक धक्के में अंदर कर दिया। अब उन्होंने मेरी टाँगें अपने कंधों से उतार दीं और मेरे ऊपर लेट गये और मुझे अपनी बाँहों में भर कर मेरे होंठों को चूमने लगे। सिर्फ उनकी कमर ऊपर-नीचे हो रही थी। मेरी टाँगें दोनों ओर फ़ैली हुई थीं। कुछ ही देर में मैं उत्तेजित होकर उनके हर धक्के का अपनी कमर को उनकी तरफ़ उठा कर और उछाल कर वेलकम करने लगी। मैं भी नीचे की ओर से पूरे जोश में धक्के लगा रही थी। एयर कंडिशनर की ठंडक में भी हम दोनों पसीने-पसीने हो रहे थे। कमरे में सिर्फ एयर कंडिशनर की हमिंग के अलावा हमारी ऊऊऽऽहहऽऽ ओ‍ओऽऽहहऽऽ की आवाज गूँज रही थी। साथ में हर धक्के पर फ़च फ़च की आवाज आती थी। हमारे होंठ एक दूसरे से सिले हुए थे। हमारी जीभ एक दूसरे के मुँह में घूम रही थी। मैंने अपने पाँव उठा कर उनकी कमर को चारों ओर से जकड़ लिया। काफी देर तक इसी तरह चोदने के बाद वो उठे और मुझे बिस्तर के किनारे खींच कर आधी-लेटी हालत में लिटा कर मेरी टाँगों के बीच खड़े होकर मुझे चोदने लगे। उनके हर धक्के के साथ पूरा बिस्तर हिलने लगता था। मेरी चूत से दो बार पानी की बौंछार हो चुकी थी। कुछ देर तक और चोदने के बाद उन्होंने अपने लंड को पूरी जड़ तक मेरी चूत के अंदर डाल कर मेरे दोनों मम्मों को अपनी मुठ्ठी में भर कर इतनी बुरी तरह मसला कि मेरी तो जान ही निकल गयी। ले! ले मेरा बीज..... मेरा वीर्य अपने पेट में भर ले। ले-ले मेरे बच्चे को अपने पेट में। अब नौ महीने बाद मुझसे शिकायत नहीं करना। उन्होंने मेरे होंठों के पास बड़बड़ाते हुए मेरी चूत में अपना वीर्य डाल दिया। मैंने उनके नितंबों में अपने नाखून गड़ा कर अपनी चूत को जितना हो सकता ऊपर उठा दिया और मेरा भी रस उनके लंड को भिगोते हुए निकल पड़ा। दोनों खल्लास होकर एक दूसरे की बगल में लेट गये। हम कुछ देर तक यूँ ही लंबी-लंबी साँसें लेते रहे। फिर उन्होंने करवट लेकर अपना एक पैर मेरे जिस्म के ऊपर चढ़ा दिया और मेरे मम्मों से खेलते हुए बोले, ओ‍ओऽऽफफऽऽ शहनाज़ तुम भी गजब की चीज़ हो। मुझे पूरी तरह थका दिया मुझे।
 
अच्छा?”
 
इसी तरह अगर अक्सर चलता रहा तो बहुत जल्दी ही मुझे दवाई लेनी पड़ेगी.... ताकत की।
 
मजाक मत करो! अगर दवाई की किसी को जरूरत है तो मुझे, जिससे कहीं प्रेगमेंट ना हो जाऊँ।
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हम दोनों वापस एक दूसरे से लिपट गये और उस दिन सारी रात एक दूसरे से खेलते हुए गुजर गयी। उन्होंने उस दिन मुझे रात में कईं बार अलग-अलग तरीके से चोदा।
 
सुबह उठने की इच्छा नहीं हो रही थी। पूरा जिस्म टूट रहा था। आज हैमिल्टन और साशा भी हमारे साथ मिल गये। हैमिल्टन मौका खोज रहा था मेरे साथ चुदाई का। लेकिन अब मैं ताहिर अज़ीज़ खान जी के ही रंगों में रंग चुकी थी। मेरा रोमरोम अब इस नये साथ को तरस रहा था। उस दिन भी वैसी ही चुहल बाजी चलती रही। मैंने स्विमिंग पूल पर अपनी सबसे छोटी बिकिनी पहनी थी। मेरा आशिक तो उसे देखते ही अपने होश खो बैठा। हैमिल्टन के होंठ फ़ड़क उठे थे। हैमिल्टन ने पूल के अंदर ही मेरे जिस्म को मसला। शाम को हम डाँस फ़्लोर पर गये तो मैं नशे में झूम सी रही थी। उस दिन शाम को भी हैमिल्टन के उकसाने पर मैंने काफी ड्रिंक कर रखी थी। डाँस फ़्लोर पर कुछ देर हैमिल्टन के साथ रहने के बाद ताहिर अज़ीज़ खान जी ने मुझे अपने पास खींच लिया। साशा भी उनके जिस्म से चिपकी हुई थी। हम दोनों को अपनी दोनों बाजुओं में कैद करके ताहिर अज़ीज़ खान जी थिरक रहे थे। हैमिल्टन टेबल पर बैठा हम तीनों को देखते हुए मुस्कुराता हुआ अपनी कॉकटेल सिप कर रहा था। हम दोनों ने ताहिर अज़ीज़ खान जी की हालत सैंडविच जैसी कर दी थी। मैं उनके सामने सटी हुई थी तो साशा उनकी पीठ से चिपकी हुई थी। हम दोनों ने उनके जिस्म से शर्ट नोच कर फ़ेंक दी थी। ऊन्होंने भी हम दोनों को टॉपलेस कर दिया था। हम अपने मम्मों और अपने सख्त निप्पलों को उनके जिस्म पर रगड़ रही थीं। कुछ देर बाद हैमिल्टन भी स्टेज पर आ गया। उसके साथ कोई और लड़की थी। ये देख कर साशा हम से अलग होकर हैमिल्टन के पास चली गयी। जैसे ही हम दोनों अकेले हुए, ताहिर अज़ीज़ खान जी ने अपने तपते होंठ मेरे होंठों पर रख कर एक गहरा चुंब्बन लिया। आज तो तुम स्विमिंग पूल पर गजब ढा रही थीं।
 
अच्छा? मिस्टर ताहिर अज़ीज़ खान - एक स्टड ऐसा कह रहा है! जिसपर यहाँ कईं लड़कियों की आँखें गड़ी हुई हैं। जनाब ..जवानी में तो आपका घर से निकलना मुश्किल रहता होगा?”
 
शैतान मेरी खिंचायी कर रही है! ताहिर अज़ीज़ खान जी मुझे अपनी बाँहों में लिये-लिये स्टेज के साईड में चले गये। चलो यहाँ बहुत भीड़ है। स्विमिंग पूल पर चलते हैं.... अभी पूल खाली होगा।
 
लेकिन पहले बिकिनी की ब्रा तो ले लूँ।
 
उसकी क्या जरूरत?” वो बोले। मैंने उनकी तरफ़ देखा तो वो बोले,आज मूनलाईट में न्यूड स्विमिंग करेंगे। बस तुम और मैं।
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उनकी प्लैनिंग सुनते ही उत्तेजना में मेरा रोम-रोम थिरक उठा। मैंने कुछ कहा नहीं बस चुपचाप ताहिर अज़ीज़ खान जी का सहारा लेकर उनकी कमर में हाथ डाले मैं नशे में लड़खड़ाती हुई उनके साथ हो ली। हम लोगों से बचते हुए कमरे से बाहर आ गये। स्विमिंग पूल का नज़ारा बहुत ही दिलखुश था। हल्की रोशनी में पानी का रंग नीला लग रहा था। तब शाम के नौ बज रहे थे, इसलिये स्विमिंग पूल पर कोई नहीं था और शायद इसलिये रोशनी कम कर दी गयी थी। ऊपर पूरा चाँद ठंडी रोशनी बिखेर रहा था। हम दोनों वहाँ पूल के नज़दीक पहुँच कर कुछ देर तक एक दूसरे को निहारते रहे फिर हम दोनोंने एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू किये। मैंने ड्रेस कोड के मुताबिक पैंटी नहीं पहन रखी थी। इसलिये जैसे ही वो मेरी स्कर्ट को खींचने लगे मैंने उन्हें रोका। प्लीऽऽऽज़! इसे नहीं। किसी ने देख लिया तो?”
 
यहाँ कोई नहीं आयेगा और किसे परवाह है? देखा नहीं हॉल में सब नंगे नाच रहे थे। कहते हुए उन्होंने मेरी स्कर्ट खींच दी और मेरे सैंडलों के अलावा मुझे बिल्कुल नंगी कर दिया और खुद भी बिल्कुल नंगे हो गये। सबसे पहले ताहिर अज़ीज़ खान जी पूल में दाखिल हुए। मैं वो हाई-हील के सैंडल पहने नशे में किनारे खड़ी झूम सी रही थी तो उन्होंने मुझे हाथ पकड़ कर अंदर खींच लिया। मैं खिलखिला कर हँस पड़ी। मैंने अपनी हाथों में पानी भर कर उनके चेहरे पर फ़ेंका। तो वो मुझे पकड़ने के लिये मेरे पीछे तैरने लगे। हम दोनों काफी देर तक चुहल बाजी करते रहे और एक दूसरे के जिस्म से खेलते रहे। हम दोनों कसके एक दूसरे से लिपट जाते और एक दूसरे के जिस्म को चूमने लगते। ताहिर अज़ीज़ खान जी ने मेरे जिस्म का कोई हिस्सा नहीं छोड़ा जहाँ उनके होंठों ने छुआ ना हुआ हो। मैंने स्विमिंग पूल के किनारे को पकड़ कर अपने आप को स्टैडी किया। ताहिर अज़ीज़ खान जी पीछे से मेरे जिस्म से लिपट कर मेरे गीले मम्मों को मसल रहे थे। मैं अपनी गर्दन पीछे घूमा कर उनके होंठों को अपने दाँतों से काट रही थी। उनका लंड मेरे दोनों चूतड़ों के बीच सटा हुआ था। मैंने अपने एक हाथ से उनके लंड को थाम कर देखा। लंड पूरी तरह तना हुआ था। आ जाओ जान! पानी भी मेरे जिस्म की आग को बुझा नहीं पा रहा है। जब तक तुम मेरे जिस्म को शांत नहीं करोगे, मैं ऐसे ही फुँकती रहुँगी। मैंने उनके बालों को अपनी मुठ्ठी में भर कर अपनी तरफ़ मोड़ा और उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।
 
तुम बहुत ही गरम हो और शराब पी कर नशे में तुम और भी नशीली हो जाती हो!
 
उस जगह पर पानी कम था। उन्होंने पानी में खड़े होकर मुझे उठा कर स्विमिंग पूल के ऊपर बिठा दिया। मेरी टाँगें पूल के किनारे पर झूल रही थीं। वो अपने दोनों हाथों से मेरी टाँगों को फैला कर मेरी टाँगों के बीच आ गये। मैंने अपनी टाँगें उठा कर उनके कंधों पर रख दी। इससे मेरी चूत ऊपर उठकर उनके चेहरे के सामने हो गयी। उन्होंने मेरी चूत पर अपने होंठ टिका दिये और अपनी जीभ को चूत के ऊपर फिराने लगे।
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आआऽऽहहहऽऽऽ ममऽऽआआआ ऊँऊँऽऽऽऽऽ आआऽऽऽ मैंने उनके सिर को अपने एक हाथ से पकड़ा और दूसरे हाथ को जमीन पर रखते हुए उनके सिर को अपनी चूत पर दबा दिया। वो अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर डाल कर उसे आगे पीछे करने लगे। मैंने उत्तेजना में अपने दोनों हाथों से ताहिर अज़ीज़ खान जी को पकड़ लिया और अपनी कमर को उनके मुँह की तरफ़ ठेलने लगी। उन्होंने मेरे दोनों चूतड़ों पर अपनी अँगुलियाँ गड़ा दीं और मेरी क्लिटोरिस को अपने दाँतों के बीच दबा कर हल्के-हल्के से कुतरने लगे। वो इस हालत में पीछे हटे तो मैं उनको पकड़े-पकड़े ही वापस स्विमिंग पूल में उतर गयी। मैंने अपनी टाँगों को कैंची की तरह उनके जिस्म को चारों ओर से जकड़ लिया था। फिर उनके सिर को थामे हुए अपनी टाँगों को हल्का सा लूज़ करते हुए उनके जिस्म पर फ़िसलती हुई नीचे की ओर खिसकी। जैसे ही मैंने अपने जिस्म पर उनके लंड की रगड़ महसूस की तो अपने हाथों से उनके लंड को अपनी चूत पर सेट करके वापस अपने जिस्म को कुछ नीचे गिराया। उनका लंड मेरी चूत के दरवाजे को खोलता हुआ अंदर घुसता चला गया। उन्होंने मेरी पीठ को स्विमिंग पूल के किनारे से सटा दिया मैंने अपने हाथों से पीछे की ओर स्विमिंग पूल के किनारे का सहारा लेकर अपने जिस्म को सहारा दिया। वैसे मुझे सहारे की ज्यादा जरूरत नहीं थी क्योंकि मेरी टाँगों ने उनके जिस्म को इस तरह जकड़ रखा था कि वो मेरी इच्छा के बिना हिल भी नहीं पा रहे थे। उन्होंने जोर-जोर से धक्के देना शुरू किया।
 
आआऽऽहहऽऽऽ आआऽऽहहऽऽऽ ताहिर.... ताऽऽहिर..... हाँआँऽऽऽऽ हाँआँऽऽ और जोर सेऽऽऽऽ ममऽऽऽ मज़ाऽऽऽऽ आ गयाऽऽऽ ऊऊफफऽऽऽ जोरों सेऽऽऽ ऊँऊँऽऽआआऽऽऽ.... मैंने अपनी बाँहों का हार उनके गले में डाल दिया और उनके होंठों से अपने होंठ चिपका दिये। मैं उनके होंठों को कुतर रही थी।
 
ले! ले ले! अंदर लेले अंदर! पूरा..... आआऽऽहहऽऽऽ क्याऽऽऽ चीज़ है ऊँऽऽ”, कहते हुए उन्होंने मुझे सख्ती से अपनी बाँहों में जकड़ लिया और अपने रस की धार मेरी चूत में बहाना शुरू किया। मैंने इस मामले में भी उनसे हार नहीं मानी। मेरा रस भी उनके रस से मिलने निकल पड़ा। हम दोनों अपने जिस्म को दूसरे के जिस्म में समा देने के लिये जी तोड़ कोशिश करने लगे। दोनों एक दूसरे से इस तरह लिपट रहे थे कि पानी से भाप उठना ही बाकी रह गया था। हम दोनों झड़ कर स्विमिंग पूल में कुछ देर तक मछलियों की तरह अठखेलियाँ करते रहे। उसके बाद हमने पानी से निकल कर एक दूसरे के जिस्म को साथ के बाथरूम में जाकर पोंछा और फिर हम अपने कमरे में वापस लौट गये। खाना कमरे में ही मंगा कर खाया। ताहिर अज़ीज़ खान जी कुछ ज्यादा ही रोमैंटिक हो रहे थे। उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा कर अपने हाथों से खिलाया।
 
अगले दिन हैमिल्टन और साशा पीछे ही पड़ गये और हम दोनों को अलग नहीं छोड़ा। हमने उनके साथ ही ग्रुप सैक्स का मज़ा लिया। हम जितने भी दिन वहाँ ठहरे, हमने खूब इंजॉय किया। ससुर जी से छिपा कर अगर मौका मिलता तो मैं कॉनफ्रेंस में मौजूद दूसरे मर्दों से चुदवाने से नहीं चूकती थी। मैं भी क्या करती। माहौल ही ऐसा था। दिन भर शराब और हर तरफ नंगापन और चुदाई.... मैं खुद को रोक नहीं पाती थी। अलग- अलग देशों के मर्दों के तरह-तरह के छोटे, लंबे, मोटे लंड, हर तरफ दिखायी देते थे।
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भाग ११
 
ऐसे ही एक शाम मैं नशे में स्टेज पर डाँस कर रही थी। बहुत ही उत्तेजक और तेज़ म्यूज़िक चल रहा था और स्टेज नाचने वाले लोगों से खचाखच भरा हुआ था। सभी नंग-धड़ंग हालत में झूम रहे थे और बहुत से तो पूरे नंगे थे और कईं जोड़े चुदाई में भी लगे थे। ताहिर अज़ीज़ खान जी पहले तो वहीं मौजूद मेरे पास ही डाँस रहे थे पर जब डाँस खत्म हुआ तो वो कहीं दिखायी नहीं दिये। हर तरफ कितने ही जोड़े नंगे होकर चुदाई में मसरूफ थे। सशा और हैमिल्टन भी चुदाई का मज़ा ले रहे थे और मेरी चूत भट्ठी की तरह जल रही थी। मेरे जिस्म पर सिर्फ छोटी सी स्कर्ट थी और मेरे मम्मे पूरे नंगे थे क्योंकि डाँस करते वक्त मेरे जिस्म से भी किसी ने मेरा टॉप खींच दिया था और अब उस टॉप के मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी। डी-जे ने नया म्यूज़िक चालू किया तो मैं नशे में लड़खड़ाती हुई स्टेज से उतरी और उन नंगे लोगों की भीड़ में ससुर जी को खोजने लगी और अचानक हाई-हील सैंडल में मेरा संतुलन बिगड़ गया और मैं गिरने लगी तो किसी के मजबूत हाथ ने मुझे थाम लिया और गिरने से रोका। मैंने देखा एक हट्टा-कट्टा आफ्रिकी काला आदमी मेरे पीछे से मुझे थामे मुस्कुरा रहा था। मुझे अपने चूतड़ों के बीच कुछ ठोस चीज़ चुभती हुई महसूस हुई पर अगले ही पल मुझे एहसास हुआ कि वो और कुछ नहीं बल्कि उसका हलब्बी लंड था।
 
थैंक यू सो मच! मैंने संभलते हुए उसकी तरफ मुड़कर कहा।
 
मॉय प्लेज़र.... वो मुस्कुराता हुआ बोला। मैं अभी भी उसकी मजबूत बाँह की गिरफ़्त में थी और उसके इतनी करीब थी कि उसका लंड मेरी नाभी के ऊपर चुभ रहा था। मेरी नज़र उसके काले लंड पर पड़ी तो मेरी आँखें फटी रह गयीं और मन-ही-मन में मैं सिसक उठी। इतना बड़ा लंड तो मैंने ज़िंदगी में नहीं देखा था। ऐसा लग रहा था किसी घोड़े का लंड हो और वो आदमी स्वयं भी बहुत ही ताकतवर और हट्टाकट्टा था। वो इतना लंबा था कि मेरे साढ़े-चार-पाँच इंच ऊँची हील के सैंडलों के बावजूद उसका लंड मेरी नाभी के ऊपर था।
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वो शायद मेरी हालत समझ गया ओर बोला, इट सीम्स यू लाइक मॉय टूल... हाऊ अबाऊट ए ड्रिंक विद मी एंड देन यू कैन ट्राय.....
 
उसकी बात पुरी होने के पहले ही मैं बोल पड़ी, ऊँहह! आय... एक्चुअली आय एम लुकिंग फ़ोर मॉय बॉस....! लेकिन मैंने उससे दूर होने की कोशिश नहीं की। मेरा हाथ खुद-ब-खुद ही उसके हलब्बी लंड की तरफ बढ़ गया। पता नहीं मुझे क्या हो गया था। मुझे तो जैसे उसके लंड ने हिप्नोटाइज़ कर लिया था।
 
कम ऑन ब्यूटीफुल.... योर बॉस मस्ट बी फकिंग सम कंट सम व्हेयर.... यू शुड एंजॉय ठू.... ये कहते हुए उसने अपने लंड पर रखे मेरे हाथ को और दबा दिया। मेरी हथेली में उसके लंड की मोटाई समा नहीं रही थी। इतना मोटा घोड़े जैसा लंड अपनी चूत में लेने के ख्याल से मैं सिहर उठी और मेरी चूत का पानी तो जैसे चूत की गर्मी से भाप बन कर निकलने लगा।
 
वो मुझे सहारा दे कर बार के करीब ले गया और दो ड्रिंक्स ऑर्डर किये। फिर उसने मुझे कमर से पकड़ कर उछालते हुए ऊँचे बार-स्टूल पर इस तरह बिठा दिया जैसे मैं कोई रबड़ की गुड़िया होऊँ। हमने एक दूसरे को अपना इंट्रोडक्शन दिया। उसका नाम ओरिजी था और वो नाईजीरिया का रहने वाला था। हम ड्रिंक पीने लगे और मैं बैठे-बैठे ही नशे में झूमती हुई उसकी बातों पर खिलखिला कर हँस रही थी। वो मेरी तारिफ किये जा रहा था जैसे यू अर सो सैक्सी.... इफ़ आय वर योर बॉस.... आय वुड नॉट लीव यू फोर अ मोमेंट,” वगैरह-वगैरह। मुझे तो अपनी किस्मत पर फख्र हो रहा था, मानो मुझे उस गैर-मामुली लंड के रूप में कोहीनूर हिरा मिल गया हो और मैं उससे चुदने के लिये लालियत हो रही थी। वो मेरे बहुत नज़दीक बैठा था और हमारे हाथ एक-दूसरे के जिस्मों को बीच-बीच में सहला रहे थे। मैं भी उसके गठीले जिस्म और राक्षसी लंड की तारीफ कर रही थी। जब मैंने उसे बताया कि मैंने पहले कभी इतना बड़ा लंड किसी इंसान का नहीं देखा तो वो बोला, डोंट वरी.... मॉय बिग कॉक इज़ ऐट योर सर्विस ऐज़ लाँग ऐज़ यू वाँट!
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अचानक मैंने देखा कि वो हाथ हिला कर किसी को इशारा कर रहा है। फिर मैंने एक और लंबे चौड़े काले आदमी को हमारी तरफ आते हुए देखा। वो ओरिजी की तरह बिल्कुल नंगा नहीं था बल्कि शॉर्ट्स पहने हुए था। वो पास आया तो मुझे एहसास हुआ कि वो ओरिजी से ऊँचा और वैसा ही हट्टा-कट्टा था। उसके गले में सोने की मोटी सी चेन झूल रही थी। उन्होंने अपनी भाषा में कुछ मज़ाक किया और फिर ओरिजी ने मेरा तार्रुफ कराया। शहनाज़! दिस इज़ माइकल... मॉय फ्रेंड फ्रॉम केन्या.... एंड माईक, दिस इज़ ब्यूटिफुल शहनाज़ ....।
 
माइकल ने मुस्कुराते हुए मेरे गालों पर एक चुंबन दिया और मेरे मम्मों पर अपना बड़ा सा हाथ रख कर उन्हें दबा दिया। वॉव.... यू र सो सैक्सी.... ऑय विश आय वाज़ ऐज़ लक्की ऐज़ ओरिजी टू हैव योर कंपनी टू-नाईट! मेरे हाथ में ओरिजी के लंड को दखते हुए उसने आह भर कर कहा।
 
कम ऑन मॉय मैन.... जॉयन अस फोर अ ड्रिंक.... वी कैन आल हैव फन टूगेदर! ओरिजी ने आँख मारते हुए कहा। मेरा दिल उत्तेजना में जोर-जोर से धड़कने लगा पर मुझे उस समय पूरा यकीन नहीं था कि क्या सचमुच फन से उसका मतलब चुदाई से है। मैं मन ही मन दुआ करने लगी कि उसके कहने का मतलब यही हो और माईक का लंड भी ओरिजी जैसा ही हो और मुझे आज की रात दो-दो काले आदमियों के मोटे-तगड़े लौड़ों से चुदवाने को मिले।
 
माइक भी एक बार-स्टूल हमारे पास खींच कर उस पर बैठ गया और तीनों के लिये ड्रिंक ऑर्डर किया। ओह नॉट फॉर मी... ऑय हैव बीन ड्रिंकिंग होल इवनिंग..... एंड ऑय एम आलरेडी टू-मच ड्रंक.... मैंने मना करते हुए कहा।
 
कम ऑन ब्यूटीफुल..... हैव फन..... योर सैक्सी बॉडी इज़ मोर इंटॉक्सीकेटिंग दैन ऑल द लिकर यू कैन ड्रिंक... वो बोला और उसने अपना शॉर्ट्स उतार दिया और बिकुल नंगा हो गया। मेरी तो साँस ही हलक में अटक गयी क्योंकि उसका लंड तो ओरिजी के लंड से भी ज्यादा भयानक था। ओरिजी का लंड ही एक फुट के लगभग था और माईक का लंड तो उससे भी दो-तीन इंच लंबा और मोटा भी था। जहाँ एक तरफ मेरी चूत में उत्तेजना की लहरें उठ रही थीं वहीं मेरे दिल में अंजाना सा डर भी था कि क्या मेरी चूत में ये लौड़े दाखिल हो पायेंगे। ये दोनों हब्शी, आदमी थे या जानवर क्योंकि उनके लौड़ों का नाप इंसानी तो नहीं था।
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उसने जो ड्रिंक ऑर्डर किया था, वो काफी स्ट्राँग था पर था बहुत लजीज़। मैंने दो तीन बड़े सिप लेकर ग्लास सामने रख दिया। मैंने खुद को उस माहौल के हवाले करके बिना किसी झिझक के ऐय्याशियों में डूब जाने का फैसला कर लिया। उस समय मुझे ससुर जी की भी परवाह नहीं थी। ऐसा मौका मुझे फिर कभी मिलने वाला नहीं था। खुदा की नेमत मानकर मैं तो बस सारी हदें तोड़ कर उन दो काले आदमियों के साथ रात भर किसी भी तरह की रंगरलियों के लिये लालियत थी।
 
मैंने भी अपने चूतड़ उचका कर अपनी मिनी-स्कर्ट टाँगों के नीचे खिसका दी जिसे माईक ने मेरे पैरों से खींच कर एक तरफ उछाल दिया। अब मैं भी सिर्फ हाई-हील सैंडल पहने उन दोनों की तरह बिल्कुल नंगी थी। उनके अज़ीम लौड़ों को निहारते हुए जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने जल्दी से अपने ड्रिंक के दो घूँट पिये और स्टूल से नीचे कूद कर उन दोनों की टाँगों के बीच में घुटने मोड़ कर बैठ गयी और अपने दोनों हाथों में उनके लौड़े थाम लिये। उनके लौड़ों के इर्द-गिर्द मैं अपने हाथ पूरे लपेट नहीं पा रही थी। मैंने कुछ पल दोनों लौड़ों को सहलाया और फिर मुँह खोल कर ओरिजी के लंड के सुपाड़े के इर्द-गिर्द अपने थरथराते होंठ चिपका दिये और उसके सुराख को मैं अपनी जीभ से कुरेदने लगी। मैं वासना के आवेश में बिल्कुल बेहया और अंधी हो गयी थी।
 
गॉड! दिस इज़ गो‍इंग टू बी ए डे टू रिमेंबर,” कहते हुए मैंने ओरिजी के लंड का मोटा सुपाड़ा अपने मुँह में भर लिया। मुझे यकीन नहीं था कि मैं उसका दानवी लंड अपने मुँह में ले पाऊँगी लेकिन जब उसका सुपाड़ा मेरे मुँह में दाखिल हुआ तो मुझे अपने जबड़े के लचीलेपन का एहसास हुआ। उसके लंड को ज़्यादा से ज़्यादा अंदर समा लेने के लिये मेरा मुँह चौड़ा खुल गया। अपने मुँह में अंदर धंसते हुए उसके लंड पर अपनी जीभ फिराते हुए मैंने उसके सुपाड़े को गले तक निगल लिया।
 
बेऽऽऽबीईईऽऽ!” वो जोर से सिसका और अपने चूतड़ जोर से हिलाते हुए अपना लंड मेरे गले में और अंदर तक ठाँस दिया। इतने पर भी उसका आधे से ज्यादा लंड मेरे मुँह के बाहर था और मेरी दोनों हथेलियाँ लंड के उस हिस्से पर कसी हुई थीं। मैंने अपने गले में थूक गर्राते हुए अपने मुँह से उसके लंड को बाहर निकाला और फिर अपना सिर घुमा कर अपना चेहारा माइक के लंड की तरफ किया। मैं अब अपने होंठ उसके लंड पर चिपका कर उसके हबशी लंड की लंबाई पर फिराती हुई चूसने लगी और फिर होंठ नीचे ले जा कर उसके टट्टे चूसने लगी। उसके टट्टों पर उगे बालों में से पेशाब जैसी तीखी बदबू आ रही थी पर उससे नफ़रत होने की बजाय मेरी वासना और भड़क उठी। पहले मैंने उसके एक टट्टे को अपने मुँह में लेकर चूसा और फिर दूसरे टट्टे को पूरा अपने मुँह में ले कर टॉफी की तरह चूसा।
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इसी तरह अदल-बदल कर मैं बारी-बारी से उनके भयानक लौड़े और टट्टे चूसने लगी। मेरी चुलचुलाहट पूरे परवान पर थी और मैं उनके काले मुसल्ली लौड़ों का वीर्य चखने के लिये मचलने लगी थी। ओह शिट, दिस इज़ अमेज़िंग!” एक दो पल के लिये उनके लौड़ों से अपने होंठ हटा कर मैं सिसकी। ऑय लव दीज़ कॉक्स... सो बिग... सो थिक.... सो फकिंग ब्लैक... यम्मी!
 
कीप सकिंग! यू स्लट! माइक ने गुर्राते हुए चाबुक की तरह अपना लौड़ा मेरे गलों पर थपेड़ा ।
 
मैंने फिर लपकते हुए माइक का काला भुसण्ड अपने मुँह में भर लिया। ओरिजी भी मेरे चेहरे के एक तरफ खड़ा अपना लंड सहलाने लगा क्योंकि अब मैं पूरी शिद्दत से सिर्फ माइक का लौड़ा चूसने में लगी थी। मैं अपनी पूरी काबिलियत से उसके लंड की टोपी अपने गले तक ठाँस कर लंड चूस रही थी और मेरी राल दरिया कि तरह उसके लंड की रॉड पर और मेरे होंथों से मेरे मम्मों पर झरने की तरह बह रही थी। वो दोनों भी मुझसे रंडी जैसा ही सुलूक कर रहे थे और गालियाँ बकने लगे थे। इस समय उत्तेजना में मैं इतनी बेपरवाह और पागल हो गयी थी कि मुझमें और कोठे की राँड में कोइ फर्क नहीं था।
 
टेक माय कॉक डाऊन... यू बिच! टेक ऑल माय कॉक! माइक मेरा सिर पकड़ कर अपने कुल्हे चलाने लगा। लेकिन मैं उसका वो अज़ीम लौड़ा और अंदर नहीं ले सकती थी। पहले ही उसके लंड की फूली हुई टोपी मेरे गले में ठसाठस भरी थी।
 
पुश ऑल योर कॉक इन हर थ्रोट! ओरिजी ने उसे उकसाया। ओरिजी खुद भी अपना लंड मुठिया रहा था।
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माइक भी ताव में आ गया और मेरे बालों में अपनी अंगुलियाँ फंसाते हुए मेरे सिर को पीछे से अपने दोनों हाथों में और भी जोर से जकड़ कर अपने लंड को इस कदर झटके से अंदर ठेला कि उसके लंड का सुपाड़ा मेरा गला चीरते हुए मेरे हलक के नीचे उतर गया। मेरी तो साँस ही रुक गयी और मैं छटपटाने लगी लेकिन माइक पर तो जैसे भूत ही सवार था। बेरहमी से जोर-जोर के धक्के मारता हुआ वो पूरा लंड मेरे मुँह ओर हलक में उतारने पर अमादा था। साँस ना ले पाने की वजह से मेरा चेहरा लाल हो गया तो उसने अपना लौड़ा बाहर खींचा। खाँसते हुए गाढ़े थूक का थक्का सा मेरे गले से बाहर उगल पढ़ा।
 
मैंने साँस ली ही थी कि एक बार फिर मुझे उसकी मुठ्ठियाँ अपनी गर्दन के पीछे बालों पर कसती महसूस हुईं और उसने गालियाँ देते हुए अपना लंड फिर एक ही झटके में मेरे हलक में ठाँस दिया। दो तीन धक्कों में ही उसने पुरा लंड अंदर घुसा दिया। मेरे होंठ अब उसके लंड की जड़ में चिपके थे और मेरी नाक उसकी झाँटों में धँसी हुई थी। फैल कर बाहर को निकली मेरी आँखों से आँसू बहने लगे थे लेकिन मैंने उसे रोकने की कोई कोशिश नहीं की। इस दुर्दशा के बावजूद अपने पतन और नीचता का एहसास मेरी चुदास भड़का रहा था। मेरे जिस्म का पोर-पोर अल्लाह-ताला का शुक्रगुज़ार था कि मुझे एक नहीं बल्कि एक साथ दो-दो मुस्टंडे हब्शी लौड़े नसीब हुए। मैं तो ऐसे मोटे लंबे लौड़े को पूरा अपने मुँह में ले कर चूस पाने की काबिलियात पर ही मन ही मन इतरा रही थी। उसका लौड़ा अपने हलक में चूसते हुए साँसे रुकने से अगर मेरी जान भी निकल जाती तो मुझे गम ना होता।
 
मेरे गले से गोंगियाने की दबी-दबी आवाज़ें निकल रही थीं। माइक के बैल जैसे टट्टे मेरी थुड्डी पर चपटें मार रहे थे। दोनों काले हब्शियों के मुँह से लगातार मस्ती भरी आँहें और गालियाँ फूट रही थीं... स्लट... फकिंग कॉक सकर! यू हॉर्नी इंडियन बिच! सो फकिंग गुड! उनकी गालियाँ सुनकर मेरा जोश भी बढ़ता जा रहा था और अब मैं उस लंड की क्रीम चखने के लिये बेकरार होने लगी थी। मुझे ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ा और कुछ ही देर में माइक का जिस्म अकड़ता हुआ महसूस हुआ और उसने मेरे बाल खींचते हुए अपने चुतड़ पुरी ताकत से आगे ठेल दिये। उसका लौड़ा पत्थर की तरह सख्त हो कर मेरे हलक में धँस कर धड़कने लगा। फिर उसके लंड में से उसका वीर्य तूफानी दरिया की तरह उमड़-उमड़ कर मेरे हलक में बहने लगा। मैं भी पूरे जोश से उसक वीर्य पीने लगी। उसका वीर्य भी उसके लौड़े के नाप की तरह बेशुमार था। मैंने पहले कभी इतना सारा वीर्य नहीं पीया था। गाढ़ा वीर्य लगातार उसके लंड में से फूट रहा था और मैं उसका मुकाबला नहीं कर पा रही थी। उसका गाढ़ा वीर्य मेरे मुँह में इस कदर भर गया कि मेरे गाल फूल गये और मेरे होंठों से वीर्य बुदबुदाता हुआ बहर निकलने लगा। मैंने अपने एक हाथ को अपने मुँह के नीचे ले जा कर वो वीर्य अपने चुल्लु में भर लिया।
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इस दौरान मैं ओरिजी को तो भूल ही गयी थी लेकिन उसकी मस्ती भरी कराहें मेरे कानों में पड़ी तो मैंने देखा कि उसका लंड स्टील के रॉड की तरह सख्त था और उसका फुला हुआ काला सुपाड़ा बहुत ही भयानक लग रहा था। उसकी हालत से मुझे ज़ाहिर हो गया कि उसका वीर्य भी छूटने को था। मुझे थोड़ी मायूसी हुई क्योंकि उस विशाल लौड़े को अपने मुँह में चूस कर उसका रसपान करने का मौका मेरे हाथ से निकल गया था। अचानक बिना सोचे ही मैं चींख पड़ी, नोऽऽऽ! डोंट कम... डोंट वेस्ट... ऑय वाँट टू ड्रिंक योर क्रीम!
 
पता नहीं उसने पहले से ही सोच रखा था या मेरी गुहार सुनकर उसने ऐसा किया लेकिन अगले ही पल उसने मेरी कॉकटेल का आधा भरा लंबा ग्लास उठा कर अपने लंड के आगे कर दिया और उसमें अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी। मैं हैरत में थी कि ये दोनों इंसान थे या जानवर। इतना वीर्य किसी इंसान के टट्टों में कैसे हो सकता है। वो ग्लास कॉकटेल से सिर्फ आधा भरा था और अब उसके ऊपर बाकी ग्लास ओरिजी के दही जैसे गाढ़े वीर्य से लबालब भर गया था और उसके लंड में से अभी भी वीर्य फूट रहा था।
 
दिस बिच इज़ अमेज़िंग मैन! शी इज़ सो क्रेज़ी फॉर कम!मुझे मेरे चुल्लू में भरे वीर्य को जीभ से चाटते देख कर माइक हंसते हुए बोला।
 
टेक दिस ग्लास... यू फिलथी स्लट एंड ड्रिंक दिस कॉकटेल!” ओरिजी ने वो ग्लास मेरे आगे किया! मैंने झपट कर वो ग्लास अपने होंठों से लगा लिया और उसका माखनिया वीर्य पीने लगी। थोड़ा सा पीने के बाद मैंने दो उंगलियों से वो गाढ़ा वीर्य कॉकटेल के साथ मिलाया और फिर गटागट पी गयी। ऐसा स्वाद और ऐसी लज़्ज़त कि मैं बयान नहीं कर सकती।
 
लुक ऐट दैट! हर कंट इज़ लीकिंग लाइक ए टैप! ओरिजी बोला तो मैंने नीचे देखा। मेरी चूत से रस टपक-टपक कर मेरे सैंडलों के बीच में ज़मीन पर इकट्ठा हो गया था।
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येस ऑय एम ए होर... फक मी प्लीज़... राइट नॉव...! मैंने उन दोनों के लौड़े हाथ में ले कर हिलाये जो अभी भी काफी सख्त थे। मेरा सिर नशे और उत्तेजना में घूम रहा था और मैं उनसे चुदने के लिये बेकरार थी। चुदास से मैं पागल हुई जा रही थी।
 
श्योर बेब! लैट अस गो टू मॉय रूम!
 
ऑय एम टू ड्रंक टू वॉक! फक मी हि‍अर! नॉव... प्लीज़! मैं गिड़गिड़ाने लगी और वहीं पसर गयी। सच में मैं नशे में धुत्त थी और दो कदम चल पाने के भी काबिल नहीं थी।
 
ऑय कैन पिक यू अप! ओरिजी ने बड़ी आसानी से मुझे रबड़ की गुड़िया की तरह अपनी गोद में उठा लिया और वो दोनों मुझे लेकर अपने कमरे की ओर चल पड़े। हम तीनों ही मादरजात नंगे थे। मैंने अपनी बाँहें उसकी गर्दन में लपेटी हुई थीं। मुझे कुछ भी होश नहीं था और मैं उसकी गोद में भी बड़बड़ाती जा रही थी, फक मी... चोदो मुझे... जस्ट फक मी नॉव! मुझे अब अपनी ज़ुबान पर बस नहीं था और मैं इंगलिश और हिंदी दोनों ज़ुबानों में बोल रही थी।
 
दोनों मेरी तड़प देख कर हँस रहे थे। जस्ट वेट बिच! वी विल फक यू लाइक द स्लट यू आर!
 
वी विल फक यू ऑल नाइट... अन्टिल यू कैंट वॉक! उनके फिकरे सुनकर मेरी आग और भड़क रही थी और मैं ओरिजी कि गोद में छटपटाने लगी।
 
उनका कमरा ग्यारहवीं मंज़िल पर था। जब हम लिफ्ट में पहुँचे तो ओरिजी ने मुझे गोद से उतारा और माइक ने मुझे अपनी बाँहों में थाम लिया। ऊँची ऐड़ी के सैंडलों के बावजूद मैं उसकी छाती तक ही पहुँच पा रही थी। उसने मेरी कमर लिफ्ट की दीवार से चिपका दी और मेरे चूतड़ों को पकड़ कर दीवार के सहारे खूँटे की तरह मुझे उठा दिया और मुझे चूमने और सहलाने लगा। मैंने भी मस्ती में अपनी टाँगें उसकी कमर पर कैंची की तरह कस दीं और उससे चिपक गयी। जब लिफ्ट का दरवाज़ा खुला तो माइक मुझे वैसे ही उठाये हुए अपने कमरे तक ले गया।
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कमरे में पहुँचते ही उसने मुझे बिस्तर पर पटक दिया। सिर्फ सैंडल पहने बिल्कुल नंगी मैं उनके बिस्तर पर टाँगें फैलाये चुदने के लिये तड़प रही थी। अपनी भीगी चूत पर हाथ फिराते हुए मैंने फिर से गुहार की, प्लीज़ फक मी नॉव! ऑय वांट योर कॉक्स! फक मी लाइक योर बिच! उनके भयानक हब्शी लौड़ों से चुदने की हवस में मैं इतनी गिर गयी थी कि मैं गिड़गिड़ाते हुए उनसे चुदने की भीख माँग रही थी। मेरे अंदर कोई शरम या गैरत नाम की चीज़ बाकी नहीं रह गयी थी।
 
लुक ऐट हर माइक! शी इज़ सो हंगरी फ़ोर आवर ब्लैक कॉक्स! मेरी हालत पर ओरिज़ी हंसते हुए बोला।
 
प्लीज़... ऑय विल डू एनीथिंग यू वांट! जस्ट फक मी! मैं तड़पते हुए फिर से गिड़गिड़ाने लगी।
 
एक ग्लास पानी और दो अलग-अलग रंग की गोलियाँ मेरी तरफ बढ़ाते हुए माइक बोला, ओके स्लट! टेक दीज़ टेबलेट्स.... दैन ओनली यू विल बी एबल टू इम्जॉय एंड हैंडल दीज़ ग्रैंड कॉक्स!
 
मैंने बे-हिचक वो दोनों गोलियाँ पानी के साथ निगल लीं! मैं नशे में चूर थी लेकिन इतना तो मैं समझ सकती थी कि ये कोई नशीली ड्रग की गोलियाँ हैं लेकिन उस समय तो उनके हलब्बी लौड़ों से चुदने के बदले में मैं ज़हर भी हंसते-हंसते पी जाती।
 
गुड गर्ल! नॉव गैट ऑन योर नीज़ एंड सक दीज़ बिग कॉक्स बैक टू लाइफ! दोनों अपने लौड़े झुलाते हुए मुझे ललचाने लगे। हालांकि मेरी चुत इस समय उनके लौड़ों के लिये बिलबिला रही थी लेकिन मेरे पास कोई चारा नहीं था। उनके लौड़ों के लिये मैं बिस्तर से जैसे ही उतरी तो वहीं लुढ़क गयी। ओहो! वो दोनों हंसे तो मैं भी उनके साथ अपनी हालत पर खिलखिला कर हंस पड़ी। एक तो बेहिसाब पी हुई शराब का नशा और साथ में पाँच इंच उँची ऐड़ी के सैंडल। नशीली गोलियों का भी असर होने लगा था शायद । हकिकत में तो अपनी हवस में मैं कितनी नीचे गिर गयी थी लेकिन उस समय मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं बादलों में उड़ रही हूँ! सारा माहौल गुलाबी-गुलाबी सा महसूस हो रहा था।
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मैं नागीन की तरह सरकते हुए उन दोनों के पास पहुँची और उनके लौड़ों को अपने हाथों लेकर सहलाने लगी। मेरे मुँह में फिर पानी भर आया और मैं बारी-बारी से उनके लौड़े चूसने और मुठियाने लगी। कुछ ही देर में उनके लौड़े फौलद की तरह सख्त हो गये और वो दोनों बेरहमी से बारी-बारी से मेरे हलक में अपने लौड़े ठूँसते हुए धक्के मार रहे थे।
 
ऑय थिंक शी नीड्स टू बी फक्ड नॉव! माइक बोला।
 
यै! टाइम टू शो हर द मैजिक ऑफ ब्लैक कॉक्स! मेरे मुँह में से अपना मूसल लौड़ा निकालते हुए ओरिजी बोला। मेरी ठुड्डी से राल नीचे टपक रही थी और उनके लौड़े भी मेरे थूक से तरबतर सने हुए दमक रहे थे।
 
येस! येस! ऊऊहह... येस... प्लीज़... ओरिजी... फक मी... काले लौड़े.... मेरी चूत... प्लीज़... योर बिग कॉक्स... चोदो... ! नशे और उत्तेजना में मेरी ज़ुबान बहक रही थी। मुझे होश नहीं था कि मैं क्या बोल रही थी। बस इतनी उम्मीद कर रही कि मेरे अल्फाज़ों का मतलब वो शायद मुझसे बेहतर समझ पा रहे होंगे।
 
दोनों ने अपनी ज़ुबान में एक दूसरे से कुछ कहा और फिर हंसते हुए हाथ उठा कर हवा में एक दूसरे को ताली दी।
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Very nice fantastic story
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(20-12-2021, 05:00 PM)Rohan0064 Wrote: Very nice fantastic story

thanks
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भाग १२
 
ओरिजी ने मुझे मेरे पैरों पर खड़ा किया तो मैं भी नशे में अपनी बाँहें उठा कर उसकी गर्दन में डाल कर उससे सट गयी। मेरी कमर में अपनी बाँहें डाले हुए वो मुझे ढकेलते हुए पीछे एक डेस्क तक ले गया और मेरे चूतड़ डेस्क के किनारे टिका कर मुझे पीछे झुका दिया। अपनी एक बाँह उसकी गर्दन से निकाल कर मुझे सहारे के लिये अपना हाथ डेस्क पर पीछे टिकाना पड़ा। मैं डेस्क के किनारे चूतड टिकाये टाँगें लटका कर बैठी थी। मेरे हाई हील के सैंडलों और ज़मीन के बीच करीब एक फुट का फाँसला था। डेस्क की ऊँचाई बिल्कुल ठीक थी क्योंकि ओरिजी का शानदार लौड़ा बिल्कुल मेरी चूत के लेवल पर था।
 
मैंने नज़रें उठा कर ओरिजी की वासना भरी आँखों में देखा और फिर थोड़ी दूर खड़े माइक को देखा। उसके चेहरे पर भी कमीनी सी मुस्कान थी। मुझे एहसास हो गया कि आज की रात मेरे लिये बहुत ही यादगार बनने वाली है। ओरिजी ने मुझे डेस्क पर धक्का दे कर पीछे लिटा दिया और मेरी टाँगें चौड़ी करके मेरी चूत पर अपने लौड़े का सेब जैसा सुपाड़ा रगड़ने लगा। अपनी चूत में ऐसी आग, ऐसी तड़प मैंने पहले कभी महसुस नहीं की थी। उसका लंड अंदर लेने के लिये मेरी चूत तड़प रही थी लेकिन वो मेरी चूत पर अपने लंड का टोपा रगड़-रगड़ कर मुझे तड़पा रहा था। मुझ से रहा नहीं गया तो मैं दाँत भींच कर तड़पते हुए चिल्ला पड़ी। “ऊँऊँहह! इज़ दैट ऑल यू कैन डू विद इट? भेनचोद! पुट इट इन मी! चोद मुझे... बिग मैन! फक मी! अल्लाह के लिये! फक मी गुड!” मैंने अपनी टाँगें उसकी कमर पर कस दीं।
 
“आर यू रैडी बिच!” ओरिजी बोला।
 
“येस्स! हरीऽऽऽ अप बॉस्टर्ड!” मैं बेहयाई से अपने चूतड़ उचकाते हुए दहाड़ी। मैंने अपनी चूत में उसके लंड का मोटा सुपाड़ा घुसता हुआ महसूस किया। ओरिजी ने भी कोई नरमी नहीं बरती और पुरी बेरहमी से अपना मोटा सुपाड़ा एक झटके में अंडर ठाँस दिया। मेरी तो साँस ही रुक गयी। दर्द से तड़प कर मेरी बहुत जोर से चींख निकल गयी। “आआआआईईईईईईईई मरऽऽऽऽ गयीऽऽऽऽ!” मुझे लगा जैसे उसका लंड मुझे चीर ही डालेगा। “नोऽऽऽऽऽ... प्लीईऽऽऽज़ऽऽ! स्टॉप!” मैं दर्द से बुरी तरह बिलबिला रही थी।
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“बिच इज़ सो टाइट!” ओरिजी जोर लगाते हुए फुफकारा। मुझे तब एहसास हुआ कि अभी तो सिर्फ सुपाड़ा ही मेरी चूत में दाखिल हुआ था। ओरिजी का लौड़ा बरछे की तरह मेरी चूत चीरते हुए अंदर घुसने लगा तो मैं दर्द के मारे फिर चींखने चिल्लाने लगी। इतना दर्द तो पहली बार अपनी सील तुड़वाते हुए भी नहीं हुआ था। मेरे चींखने - चिल्लाने का ओरिजी पर कुछ असर नहीं हुआ और उसने बेरहमी से पुरी ताकत लगाकर अपना लंड झटके से चूत की गहराइयों में ढकेल दिया। मुझे तो चूत के चिथड़े उड़ते महसूस होने लगे। उसके लंड का सुपाड़ा अब मेरे गर्भाशय पर धक्के मार रहा था। “आआहहह स्टॉपऽऽऽ हराऽऽऽमीऽऽऽ यू आर टियरिंग मी अप!” दर्द की लहरें मेरे पूरे जिस्म में दौड़ने लगीं। मेरे पसीने छूट गये और दिमाग सुन्न पड़ गया।

 
“लुक ऐट हर कंट! शी टुक द होल डिक! शी इज़ ए फकिंग हॉट बिच!” मेरे कानों में माइक के चहकने की आवाज़ आयी तो मुझे पता चला कि ओरिजी का पुरा लंड मेरी छिनाल चूत में दाखिल हो चुका है।
 
“शी इज़ अमेज़िंग मैन! नॉट मैनी वुमन कैन टेक अ कॉक दैट साइज़!” ओरिजी हाँफते हुए बोला। इतनी तकलीफ के बावजूद मैं अपनी तारीफ सुनकर मन ही मन इठला गयी। अपनी चूत की काबिलयत पर मेरा रोम-रोम फख्र से भर गया। ज़िंदगी में पहली बार मेरी चूत किसी लौड़े से इस कदर ठसाठस भरी थी । अचानक मुझे उस दर्द में मज़ा आने लगा और मेरी चींखें अब सुबकियों और सिसकियों में तबदील होने लगीं थीं। दर्द तो अब भी बहुत था पर अब उसमें मिठास सी घुल गयी थी और मेरी चूत उस हब्शी लौड़े पर कसमसाने लगी।
 
“येस्स! फक मी प्लीज़! ऑय लव योर बिग कॉक!” मैं फुसफुसायी और अपनी एक टाँग मोड़ कर अपना एक सैंडल उस डेस्क के कोने पर टिका दिया और दूसरी टाँग उसकी कमर में लपेट दी!
 
“यू आर अ हॉरनी स्लट!” ओरिजी हंसा और फिर दनादन धक्के लगाने लगा। करीब आधे से ज्यादा लौड़ा बाहर खींच-खींच कर बेरहमी से अंदर ठोक रहा था। “ओ‍ओहहह ओहह टू बिग... प्लीज़... मर गयी... येस्स...!” जानवरों की तरह बेरहमी से चुदते हुए मुझे भी निहायत मज़ा आने लगा था। अपना हाई हील सैंडल किसी तरह डेस्क के किनारे पर टिकाये मैं उसके धक्के झेलते हुए खुद भी अपने चूतड़ हिलाते डुलाते लगातार “ओह! ओह! ओह! ऊँह! आह! आँह!” आलाप रही थी। उसके हथोड़े जैसे लौड़े पर चिपकी हुई मेरी चूत बार-बार पानी छोड़ने लगी। अपने चूतड़ों पर उसके बैल जैसे टट्टों के थपेड़े मेरी चुदास में इज़ाफा कर रहे थे और मैं नशे में मस्ती से सिसकते, चींखते हुए अपने मम्मे अपने हाथों से भींचते हुए मज़े ले रही थी।
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“डू यू थिंक शी कैन टेक मी इन हर शिट पाईप!” माइक की आवाज़ एक बार फिर मेरे कानों में पड़ी। अपनी मस्ती में उसे तो भूल ही गयी थी। “व्हॉय नॉट! लैट्स डू इट! फक हर इन बोथ होल्स टूगेदर! ऑय एम श्योर हर ऐस-होल विल लव योर बिग कॉक!” ओरिजी बोलते हुए मुझ पर झुक गया और मुझे चूमते हुए मेरी कमर में अपनी बाँहें डाल कर मेरी चूत में अपना लौड़ा गड़ाये हुए ही मुझे गोद में उठा लिया। एक तो नशे में धुत्त और साथ ही इतनी मस्त चुदाई की धुन्न में मैं उनकी बातों की तरफ ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही थी इसलिये उनके ज़ालिम इरादे एक दम से समझ नहीं पायी।

खुद-ब-खुद मेरी बाँहें भी उसकी गर्दन में और दोनों टाँगें कैंची की तरह उसकी कमर में कस गयीं। ओरिजी ने खड़े-खड़े ही मेरे चूतड़ों को पकड़ कर अपने लौड़े पर मुझे चार-पाँच बार ऊपर नीचे उछालते हुए चोदा। फिर वो वैसे ही मुझे गोद में लिये हुए और चूत में लौड़ा गड़ाये हुए अचानक से कार्पेट पर नीचे बैठते हुए लेट गया। उसकी इस अचानक हरकत से मैं चिहुंक उठी। अब मैं उसके ऊपर थी और वो मेरी पतली कमर अपने बड़े हाथों में पकड़े हुए था और मेरे मम्मे उसके चेहरे के ऊपर लटकते हुए झूल रहे थे। इस पोज़िशन में उसका तमाम लौड़ा मेरी गरम चूत में खचाखच धंस गया।
 
“व्हॉट से मैन? हॉव डज़ हर एसहोल लुक?” ओरिजी ने नीचे से अपने चूतड़ ऊपर उछालते हुए माइक से पूछा तो मेरे हलक से जोरदार आह निकल गयी।
 
“ब्यूटीफुल.... रियल जेम!” माइक बोलते हुए मेरे पीछे झुक गया और मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराने लगा, “शी विल लव मॉय कॉक इन हर एस होल!” उसकी बात सुनकर मेरी तो साँस ही रुक गयी और एक ठंडी सी लहर मेरे जिस्म में दौड़ गयी। “नोऽऽऽऽऽऽऽ प्लीऽऽऽज़ नहीं!” मैं जोर से चींख पड़ी। मुझे वही रात याद आ गयी जब रस्तोगी और चिन्नास्वामी ने अपने मोटे-मोटे लौड़े एक साथ मेरी चूत और गाँड में पेल-पेल कर पूरी रात बेरहमी से मेरी दोहरी चुदाई करके मेरा बैंड बजा दिया था। ओरिजी और माईक के हब्शी लौड़ों के सामने तो रस्तोगी और चिन्नास्वामी के लौड़े तो बिल्कुल चूहे जैसे थे। मैं मानती हूँ कि कुछ देर पहले मैं इन हब्शियों के भुसण्ड लौड़ों से चुदने के लिये मरी जा रही थी लेकिन इतने बड़े लौड़े से गाँड मरवाने का तो मैं सपने में भी नहीं सोच सकती थी। ये दोनों मरदूद तो एक साथ मेरी चूत और गाँड मारने की सोच रहे थे।
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