Posts: 727
Threads: 15
Likes Received: 611 in 360 posts
Likes Given: 839
Joined: Mar 2019
Reputation:
17
02-04-2021, 04:16 PM
ये मेरी पहली कहानी गृप में बता रही हु अगर कुछ शब्दों का आंकलन ठीक न लगे तो पहले से माफी मांग लेती हुं
ये आज से 15 साल पहले की बात है,मेरी एन्गेजमेन्ट के बाद फियान्स के साथ पहली बार मूवी देखने गई थी, हालांकि हम छोटे शहर में रहते थे और फियान्स तो छोटे गांव के थे, देखने में ठीक-ठाक पर उनके परिवार का हमारे समाज और आसपास के गांवों में बडा रूतबा था इसीलिए फेमीली ने मेरी कालेज की चालु पढ़ाई में ही अरेंजमेंट कर दिया
हां तो अब मुल कहानी पर,
हम दोनों पास वाले बड़े शहर में मूवी देखने गये थे विवाह नामक फिल्म थी वो
राजेश(फियान्स), उसका यह पहला अनुभव था कीसी लड़की के साथ अकेले थीयेटर जाने का, वो अनकम्फर्टेबल महसूस कर रहे थे,
इसी बीच हमारी सीट बीच वाली रो में थी, एक साईड कुछ लड़कों का गृप था उसके बगल में वो बेठ गये,
दुसरी मेरी साइड एक बडी उम्र का मर्द बेठा था, काला, हट्टा-कट्टा सा,
अब राजेश शरमा रहा था तो मैंने ही वो स्टार्ट क्या जो लोग अकसर थीयेटर में करते हैं
हाथ सहलाने के बाद राजेश भी कुछ गर्म हो गया मेरे दुपट्टे के नीचे से अपना हाथ डाल कर उरोज को श्पर्श करने लगा मे तो उत्तेजित हो ही गई थी
मैंने भी उनकी जांघ पर टच कीया और फिर हाथ रखकर उंगलियों फिराने लगी
उतनी देर में राजेश पुर्ण रूप से उत्तेजित हो गया था और उसकी उत्तेजना उसकी पेंट में तंबु बन के दीख रही थी,
में वहां देखकर शरमा गई,
उसने मेरे कान में कहा कि, "मैंने आज चड्डी नहीं पहनी है"
में वैसे मूवी देखने का ढोंग कर रही थी पर तीरछी नज़र से उनका "साईज और शेईप" देख रही थी
उसे पता चला फिर उसने मेरा हाथ पकड़ कर "वो" जगह पर रखा और मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रखकर दबाने लगा,
मेने अपने दुपट्टे से वो भाग ढक दिया
ये देखकर राजेश की हिम्मत बढ़ गई और साथ में उत्तेजना भी,
उसने पेंट की ज़िप खोल कर बाहर निकाल दिया, मे तो तैयार ही थी, वैसे मुझे उस वक्त पता नहीं था कैसे हिलाना होता है, उस समय मोबाइल भी बहुत कम लोग के पास होते थे और वो भी नोकीया के,
तब कभी पोर्न देखा ही नहीं था
हां तो मैं उपर से जोर जोर से दबाने लगी, फिर उसने बताया कि, ईस तरह से हिलाना होता है, वो करने लगी, दो-तीन मीनीट में ही उनका स्खलन हो गया मेरा पुरा हाथ चीपचीपा हो गया था,
पर में तो उत्तेजित ही रह गई
कमेन्ट जरूर करना ताकि मुझे गलती हो तो पता चले
Posts: 727
Threads: 15
Likes Received: 611 in 360 posts
Likes Given: 839
Joined: Mar 2019
Reputation:
17
02-04-2021, 04:23 PM
इससे आगे की स्टोरी आप सब लोगों को याद ही होगी, फिर भी याद दिला देती हु
में अपने मंगेतर राजेश के साथ पहली बार मुवी देखने गई थी, वहां हमने वो सब कीया जो अनमेरीड कपल करते हैं
उसने उत्तेजित होने पर थीयेटर में ही मुझसे हस्त मैथुन करवाया था
पुरी जींदगी में पहली बार कीसी मर्द का वो "अंग" मैंने हाथ में लीया था,
एसी थीयेटर में भी पसीना पसीना हो गई थी, और साथ में उत्तेजीत भी......
खेर, मुश्किल से 3-4 मीनीट वो टीके, और फिर एक झटका सा लगा मेरे हाथ में कुछ प्रवाही पीचकारी की तरह निकला,
मेरा पुरा हाथ चीपचीपा हो गया,
और उसके बाद वो बीलकुल ढ़ीले होकर बैठ गये, उसने अपना "वो" पेंट के अंदर डाल दिया, मैंने भी अपना दुपट्टा जो कि वहां ढका हुआ था वो वापिस ले लिया,
हम मानते थे कि कीसी ने हमें ये सब करते देखा नहीं,पर हमें पता ही नहीं था कि मेरी पास वाली सीट पर बैठे काले-कलुटे अधेड़ मर्द की तिरछी नजर हम पर, ज्यादा तो मुझ पर ही थी,
जैसे ही मैं सीधी बेठकर मुवी देखने लगी, उसने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया,
स्खलन के बाद राजेश चुपचाप फिल्म देख रहे थे, शायद इतनी जल्दी स्खलन होने की गुनाहीत भावना के साथ,
लेकिन में तो प्यासी रह गई थी
वो अनजान मर्द ने मेरे हाथ पर हाथ रखकर सहलाने लगा, बहोत बड़ा और कठोर हाथ था उसका
में भी देखना चाहती थी कि वो क्या कुछ कहने वाला है,
मेरे प्रतिकार न करने से उसकी हींमत बढ़ी,और फुसफुसाते हुए मेरे कान में कहा कि, "मैंने वो सब कुछ देख लीया है,
मेने अपना हाथ सरकाने की कोशिश की पर उसकी पकड़ से निकल नहीं पाया, उसने फिर कहा तुम्हारा अधुरा रह गया है, में तुम्हारी मदद कर दु
इतना कहकर उसने अपना हाथ मेरे नितंबों की ओर बढ़ा दिया, में छटपटाने लगी थी पर उत्तेजना के कारण आगे क्या होगा ये जानने उत्सुक थी,
हालांकि मैंने सलवार कमीज़ पहना हुआ था तो उसने अपना हाथ मेरे नीतंब और सीट के बीच डाल दिया
और ऐसे उंगली फिराई जैसे कुछ टंटोल रहा हो
शायद वो मेरी गुदा का सुराख ढुंढ रहा था,
उत्तेजना के मारे मेरा बुरा हाल था,और दुसरी तरफ राजेश बिल्कुल बेखबर....
फीर उसने अपने दुसरे हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर अपनी पेंट पर रख दिया, उसकी जीन्स पेंट की वज़ह से आकार का अंदाजा नहीं लगा, पर मैंने झटके से अपना हाथ हटा दिया,कही राजेश देख न ले,
उसने भी अपना हाथ हटा दिया जो मेरे नितंबों के नीचे था
उसने फिर अंगड़ाई ली और अपनी पेंट की ज़िप और बटन दोनो खोल दिया और मानो एक बड़ा सा उभार बाहर आ गया
वैसे मैं तिरछी नजर से देख रही थी, पर उसे पता नहीं चलने दिया
वो मर्द ने अपना शर्ट शर्ट-ईन में से निकाल कर अपनी निकर को ढक दिया और फिर अपने उभार को सहलाते हुए / खुजाते हुए, मेरे मंगेतर को कुछ पुछने लगा कुछ रेस्टोरेंट के बारे में पुछा था शायद...
फिल्म में बेकग्राउंड म्युजिक की वज़ह से राजेश को ठीक से नहीं सुनाई दिया, तों वो मर्द अपनी सीट पर आधा खड़ा होकर राजेश से बात करने लगा,
उसने खड़ा होने की एसी पोजीशन बनाई थी कि,
उसका बड़ा सा उभार वाला अंग मेरी सीट के हेंडल जहां मेरा हाथ था उसे स्पर्श हो....
मैंने भी हिम्मत करके हाथ नहीं हटाया, बल्कि अपनी दो उंगलियां टपटपाने लगी....
उसके शोर्ट शर्ट की वज़ह से राजेश की नज़र भी उसकी खुल्ली चेईन और निकर पर पड़ी,
और ये भी देखा की मेरी उंगलियां उसके निकर पर घुम रही है
मेरा मंगेतर राजेश ये देखने के बावजूद कुछ नहीं बोला तो वो मर्द की हिम्मत बढ़ गई
उसने बात करते करते ही अपने एक अंगुठे से निकर थोड़ा नीचे सरकाया और स्प्रिंग की तरह जंप करके उसका "अंग" बाहर आ गया,
वो ओर थोडा ऊंचा होकर मेरी सीट पर झुका, साथ में ही अपना हाथ मेरी कुहनी पर रखकर राजेश से बातें करने लगा
उसका बड़ा सा शीष्न बाहर निकल कर मेरे हाथ के पंजे पर आ गया, मानों की मेरे हाथ में थमा दिया, हालांकि उसका शर्ट मेरे हाथ और उसके अंग को उपर से आधा ढक रहा था तो आसपास और आगे पीछे वालों को पता चलना मुश्किल था
लेकिन राजेश की नज़र वहां पर ही थी, में चाहकर भी वहां देखने की हिम्मत नहीं कर सकी
शीथील अवस्था(ढीला) होने के बावजूद भी उसके शीष्न की लंबाई और मोटाई राजेश के उत्तेजित, खड़े लिंग की तुलना में देढ़ गुना ज्यादा थी
मेरे मंगेतर राजेश की भी आंखें फटी हुई थी, मैंने तुरंत अपना मुंह राजेश के कंधे पर छुपा लिया,
पर राजेश के मन में कुछ ओर ही चल रहा था
वो शायद देखना चाहता था कि, लिंग खड़ा होने के बाद उस आदमी का कितना बड़ा होता है
वो आदमी भी अपनी जगह बैठ गया पर उसने अपना वो पेंट की बाहर ही रखा,
राजेश ने मुझे इशारा किया और मेरा हाथ पकड़ कर उसकी पेंट की ओर धकेला और कान में फुसफुसाया "मुझे दिक्कत नहीं अगर तुम चाहो तो "उसे पकड़ कर खेल सकती हो"
मेरी पेंटी भी गीली होने लगी थी, फिर धीरे धीरे-धीरे मेने अपनी उंगलियों से उसकी कमर पर स्पर्श कीया उसने तुरंत मेरी उंगलियां पकड़ कर अपने लिंग पर रख दी
फिर तो मैं भी हिम्मत करके उसे टटोलने लगी,और सीधे उससे नजरें मीलाकर मुस्कुराईं
अब वो अपने लिंग से ज्यादा मेरे स्तन और नितंबों पर ध्यान देने लगा,
एक हाथ नितंब पर फिराने लगा और दुसरा हाथ मेरे स्तन पर रख दिया
इस पोजीशन में हम दोनों बहोत करिब आ गये थे, मानों सटकर बैठ गये थे
अभी तक उसका टाईट नहीं हूआ था
उसके बड़े पंजे में मेरा स्तन बिल्कुल निंबु की तरह लग रहा था, मेरी उस समय साईज 32 थी जो नोर्मल ही हे, पर उसका पंजा कद्दावर था
मेरा एक नितंब भी पुरा पंजे में समा गया था,
में चाह रही थी कि वो मुझे उठाकर अपनी गोदी में बैठा दे, उतनी उत्तेजित थी पर पब्लिक प्लेस में यह नामुमकिन ही होता है
अब मैं भी उसके लिंग को कसकर पकड़ अपनी और खिंचने लगी
ओर कोई होता तो हिलाने देता, पर वो पक्का खिलाड़ी था, मेरे स्तन मर्दन करते करते मेरी गुदा में उंगली कर रहा, उसकी गर्म सांसे मेरे कान पर आ रही थी
उसके मर्दानी जिस्म के पसीने की खुशबू उसके कंधे से आ रही थी और मैं मदहोश हो रही थी
अब मैं भी उसकी ओर मुड़कर उसका लिंग सहलाने लगी,
लिंग अब तन रहा था,
इंटरवल के बाद ये सब करते हुए लगभग आधा घंटा बीत चुका था, अब फिल्म पुरी होने में पोना घंटा ही बाकी था,
मैंने उसके कान में फुसफुसाया अब ज्यादा समय नहीं है, जल्दी करो,
इस बीच मे भुल चुकी थी कि मैं मेरे मंगेतर के साथ फिल्म आई हु
अब उसने भी मेरे हाथ पकड़ हिलाने की दिशा बताई
अब तो उसका पूरा उत्तेजित हुआ लिंग मेरे एक हाथ में भी नहीं समा रहा था इतना टाइट था जैसे लकडे का खंभा
मैंने अंदाजा लगाया शायद 8" से 9" ईंच लंबा था और 2.5" जीतना मोटा
राजेश के लिंग से तुलना करें तो लंबाई में भी डबल और मोटाई में भी डबल, यानि कि चार के बराबर एक
मैंने हिलाने का चालु किया वो बिल्कुल स्थिर था,
10-12 मीनट हो गई थी पर उसको कुछ असर ही नहीं होता था
अब मेरा हाथ भी दुख रहा था,पर सामने खड़ा तना लिंग....
इसका दिदार.....
मेरे दर्द को भुला रहा था
आखिर 20 मिनट के हस्तमैथुन के बाद उसके लिंग से स्खलन होना चालु हुआ,
एक झटका, दुसरा झटका,
लगातार 8-10 झटके के साथ स्खलन हुआ, हर झटके पर सफेद घट्ट विर्य पिचकारी रूप से निकल रहा था.
अंतिम झटके पर सब-कुछ बूंद जीतना ही निकला, पर उसका कंपन बहुत तेज ही था,
हालांकि उसके लिंग के कद के हिसाब से मैंने जो कल्पना की थी, उससे थोड़ा कम था
ये सब करते वक्त मेरा दुपट्टा पुरी तरह से ढका हुआ रखा था, और उसके विर्य से दुपट्टा गीला हो गया था,
मैंने उसे पोंछा और दोनों वापस ठीक ठाक होकर बैठ गये
अब फिल्म पुरी होने ही आयी थी,
हम तीनों, (में, राजेश और वो) चालु फिल्म में ही निकल गये, अभी वहां कोई नहीं था तो उसने राजेश के सामने ही मुझे अपनी बाहों में जकड़ा और चुंबनों से मुझे नहला ही दीया,
राजेश को वहां पर ही खड़ा रहकर कोई आता तो नहीं ये ध्यान रखने को कहकर मुझे वहां की बंद केन्टीन के पीछे ले गया और मेरी सलवार खोलने लगा,
मे हिचकिचाई पर उसने कहां वो सिर्फ मेरी योनि को चाटना चाहता है, में वासना की मारी बेबस थी,
उसका मुंह मेरी जांघ पर दबा दिया,
मेरी पेंटी आधी उतारी और अपनी जीभ से चाटने लगा,
मेरा भी पानी छुट रहा था
और कुछ ही क्षण में स्खलीत हो गई,
उसका पुरा मुंह मेरे पानी से चीपचीपा गिला हो गया था,
झटपट हम वहां से निकल कर कपड़े ठीक किए और चलने लगे अब-तक में फिल्म का शो भी पुरा हो गया था, पब्लिक भी बाहर आने लगी थी
वो चाहता था कि हम बाहर कहीं मीलकर जान पहचान बढाये,
पर अचानक राजेश का कोई सगा भी अपने परिवार साथ फिल्म देखने आया था वो मील गये, वो लोग अपनी कार में आये थे,
वो जबरदस्ती से हमे चाय पीने अपने घर ले गये, अब तो कोई चांस ही नहीं था वो अनजान पुर्ण मर्द से संबंध बढ़ाने का....
इसी तरह मेरा यह पहला अनुभव अवर्णनीय रहा, नैतिकता की द्रष्टि से देखे तो जो हुआ गलत था
पर हम में से किसी ने कीसी का दिल नहीं दुखाया था
????
कमेन्ट मे अपने विचार जरूर लिखना
मे जवाब दुंगी
Posts: 37
Threads: 0
Likes Received: 35 in 24 posts
Likes Given: 62
Joined: Apr 2021
Reputation:
0
Posts: 600
Threads: 0
Likes Received: 275 in 206 posts
Likes Given: 2,036
Joined: Dec 2018
Reputation:
8
मस्त रियल स्टोरी। और भी वाकये होंगे तो बताओ।
वैसे सिनेमा हॉल में इतना ही सम्भव होता है। ज्यादा से ज्यादा चुसाई की जा सकती है। वैसे भी उस काले कलूटे ने तो केंटीन के पीछे लेजाकर चूस ही ली। काश, तुम भी मौके पर चौका मारकर उसका भी चूस लेती।
Posts: 4,455
Threads: 6
Likes Received: 4,112 in 924 posts
Likes Given: 642
Joined: Nov 2018
Reputation:
1,599
बहुत खूब. कहानी पढते वक्त हर सीन नजर के सामने हो रहा हो ऐसा लग रहा था, मुझे लगा की लडको का ग्रुप भी चान्स मारेगा, आशा है की आगे ग्रुप के साथ भी आप कुछ वक्त बिताकर वो अनुभव भी शेअर करे.
कहानी के लिये बहुत बहुत शुभकामनाए
Reps Added.
Posts: 727
Threads: 15
Likes Received: 611 in 360 posts
Likes Given: 839
Joined: Mar 2019
Reputation:
17
08-04-2021, 04:50 PM
thanks for liking my first story
Love you all
Posts: 6,635
Threads: 65
Likes Received: 6,675 in 3,975 posts
Likes Given: 7,471
Joined: Feb 2019
Reputation:
52
13-04-2021, 10:44 AM
Update???
•
Posts: 1,803
Threads: 29
Likes Received: 838 in 470 posts
Likes Given: 538
Joined: Jun 2019
Reputation:
48
•
|