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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
(11-10-2020, 10:12 PM)bhavna Wrote: सभी कहानियां एक से बढ़कर एक है। मज़ा आ गया। कृपया ऐसी ही श्रृंखला ओर लेकर आएं।

thanks Namaskar
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मीना चाची इस समय पूरी मस्ती में थीं। झूठ नहीं बोलूँगा, मैं भी पूरी तरह से मसताया हुआ था और मैंने एक किताब में देखे हुए पोज़ को आज़माते हुए मीना चाची की दोनों टाँगें अपने कंधे पर रखीं और उनके मस्त मम्मे अपने हाथों में कस कर पकड़ लिये और उछल-उछल कर मीना चाची की चूत में पेलने लगा जिस से मेरा लंड पूरा जड़ तक मीना चाची की चूत में उतर रहा था। इतना प्यारा सीन था दोस्तों की जब मैं कस कर शॉट लगाता था उस समय मीना चाची के चूतड़ पूरे फैल जाते और चौड़े हो कर दब जाते और मेरा पूरा लंड मीना चाची की चूत में समा जाता और फिर जब मीना चाची नीचे से अपने चूतड़ों का धक्का देती तो मेरा लंड थोड़ा सा बाहर आता और मीना चाची की वो मस्त गाँड फिर गोल और मस्त हो जाती। अब हम दोनों की चुदाई की लय सैट हो चुकी थी और मीना चाची तो मानो जन्नत की सैर कर रही थी, और बारबार यही बोल रही थी कि आज जैसी चुदाई का सुख मुझे कभी नहीं मिला मुझे मालूम था की चुदाई में मज़ा आता है पर इतना मज़ा आता है मुझे नहीं मालूम था! ले मेरे बलम चोद अपनी चाची को, जी भर के अपनी चाची की जवानी का मज़ा लूट ले! कहाँ था बहन चोदअभी तक क्यों नहीं सेकी मेरी चूत अपने लौड़े से अब तो खूब चुदवाऊँगी मेरे राजा मेरे दिलबर, आज से तो तू मेरा असली हसबैंड है!” 

करीब पन्द्रह बीस मिनट तक जम कर टाँगें उठा कर चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था। मैंने मीना चाची की दोनों टाँगें छोड़ कर उन्हें अपनी बाहों में भर लिया और बोला, मेरी रानी! ले मेरा पानी अपनी मस्त चूत में कर ले ठंडा अपनी चूत को मेरे लंड के पानी से। मीना चाची भी बोलीं कि राजा मैं भी बस झड़ने की कगार पर हूँ जरा दो तीन धक्के करारे-करारे जमा दे मेरी चूत में। मैंने मीना चाची को कस के अपने चूत्तड़ हिला-हिला कर जबरदस्त शॉट देने चालू कर दिये। 
 
मीना चाची तो दो धक्कों बाद ही किलकारी मारते हुए झड़ने लगी। उनका पानी सीधा मेरे लंड के लाल हुए सुपाड़े पर गिर रहा था जिसे मैं पूरी तरह से महसूस कर रहा था। मैंने भी दो-तीन धक्के और मारे और मीना चाची के होंठों पे अपने होंठ चिपका दिये और उनकी जीभ चूसते हुए अपने लंड का पानी मीना चाची की चूत में निकाल दिया। दोस्तों मेरी ज़िन्दगी में वो पहला अवसर था जब मैंने किसी औरत के साथ संभोग करा था। मीना चाची की चूत के अंदर झड़ने में जो स्वर्ग का आनन्द प्राप्त हो रहा था उसके कारण मैं क्षण भर के लिये अपने होश हवास खो बैठा।
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जब मुझ होश आया तो देखा मीना चाची मेरे लंड पर झुकी हुई थी और बड़ी बेसब्री से मेरा लंड चूस रही थी। मुझे होश में आया देख उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर दो सिगरेट जलाईं और मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे सीने पर अपना सर रख कर स्मोक करने लगी और बोली,सुनील मैं किस ज़ुबाँ से तेरा शुक्रिया अदा करूँमेरी समझ में नहीं आ रहा हैमैं तो आज से तेरी हो गयी! तू आज से सही मायने में मेरा हसबैंड है और मैं तेरी वाईफ! तुझे चूत का इतना सुख दूँगी की तू हमेशा मुझे याद करेगा! तूने मुझे बताया है कि असली चुदाई क्या होती है! आज पहली बार है कि चुदवाकर मेरी चूत को पसीना आ गया। मैं तो बस आज से तेरी गुलाम हो गयी। बस मेरे प्यारे सुनील मुझे चोदना मत बँद करना, तेरे लिये तो मैं चूत-वालियों की लाइन लगा दूँगी। मेरी बहुत सी सहेलियाँ हैं जिनके मर्द सिर्फ़ नाम के मर्द हैंसाले कर कुछ नहीं पाते!” 

मैंने भी मीना चाची को अपनी बाहों में कस कर कहा कि मीना आज से तुम भी मेरी हो गयीमैं सोच भी नहीं सकता था कि जिस सपनों की रानी की मैं पैंटी-ब्रा और सैंडल सूँघ-सूँघ कर मुठ मारता था वोही मुझे मेरे जीवन में चुदाई का पाठ पढ़ायेगी। मीना तुम नहींमैं तुम्हारा गुलाम हूँ और जब तक चाचा नहीं आते, तुम मेरी वाईफ बन जाओ और मुझे जम कर अपने शरीर की शराब पिलाओ।

 
ज़िंदगी की पहली चुदाई अपने सपनों की रानी के साथ करके मैं तो अपने आप को बड़ा ही भाग्यशाली समझ रहा था। पहली चुदाई करने के बाद मैं और चाची एक स्मोक करते हुए एक दूसरे से लिपट कर पड़े हुए थे। मीना चाची अपना सिर मेरी छाती पर रख कर स्मोक कर रही थी और मैं धीरे-धीरे उनके मस्त मोटे चूत्तड़ों पर हाथ फेर रहा था। मैंने कहा, मीना डार्लिंग क्या हुआ तुम तो एकदम ही शाँत हो कर लेट गयी हो।
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तो मीना चाची ने शर्माते हुए मेरे होंठों का किस लिया और बड़े प्यार से लंड हाथ में लेकर बोली, सुनील मुझे लग रहा है कि मेरी असली शादी तो आज हुई है और सुहाग रात मनी हैऔर जैसे कोई लड़की पहली बार अपने मर्द से चुदवाकर मस्त हो कर शर्माती है बिल्कुल मुझे वैसा ही लग रहा है। सुनील मेरे सरताजमेरी चूत के मालिक! तू जो बोलेगा मैं सब करूँगी पर तू मुझे आज कसम दे कि तू हर रोज़ मुझे चोदेगा। चाचा आ जायेगा तब भी मैं मौका निकाल कर तुझसे अपनी चूत ठंडी करवाऊँगी। 

मैं तो अपने जीवन की पहली चुदाई कर के मस्त पड़ा हुआ था। मैंने भी कहा, मीना मेरा मुठ मारने का हमेशा ही एक सीन मेरे दिमाग में घूमता था, जिस को मैं सोच-सोच कर तुम्हारी याद में अपना लंड मुठियाता था।

मीना चाची बड़े प्यार से बोली, अब क्या जरूरत है सपने देखने की तू बोल तो सही मैं तेरे लिये अब कुछ भी करूँगी। 
 
मैंने कहा, मीना मैं हमेशा ही यह सोचता था कि तुम्हारी शादी मुझ से हुई है और अपनी सुहाग रात वाले दिन तुम शर्माती हुई दुल्हन की तरह सज-धज के मेरे लिये पलंग पर बैठी हो और फिर मैं तुम्हें जी भर के चोदता हूँ।
 
मीना चाची ने मेरे होंठों का एक लम्बा सा किस लिया और करीब पाँच मिनट तक मेरे होंठ चूसने के बाद बोली, मेरे राजा! बस अब तुझे मेरी चूत और नहीं मिलेगी और ना ही तू मुठ मारेगा।
 
मेरे उपर तो जैसे पहाड़ गिर पड़ा। मैंने कहा, मीना ये तुम क्या कह रही हो?”
 
मीना चाची बड़े ही मादक अँदाज़ में बोली, मादरचोद! आज तेरी और मेरी, रात को सुहाग-रात मनेगी और मैं चाहती हूँ कि तू अब दिन भर मुझे नंगा देखे और अपना मूसल जैसा लौड़ा मसले ताकि जब रात को मेरे साथ सुहाग-रात मनाये तो मुझे कड़-कड़ाते हुए चोदे जिस से मेरी चूत का एक-एक पोर खुल जाये।
 
मैंने भी कहा, मीना पर मैं रात तक कैसे दोबारा इंतज़ार करूँगा इतनी नशीली शराब पीने का!”
 
मीना चाची ने मेरी छाती को चूमते हुए कहा, बहनचोद तू मेरे बारे में सोच कि मैं कैसे रहुँगी रात तक तेरा मस्त मादरचोद लंड लिये बिना। मेरी चूत खुली हुई तो क्या हुआ पर मैं भी अपनी ज़िंदगी में वो सुख भोगना चाहती हूँ जिस की कभी मैंने कल्पना करी थी।
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इसके बाद मीना चाची उठी और अपनी पिंक ब्रा और पिंक पैंटी पहन ली। मीना चाची दिन भर सिर्फ़ ब्रा-पैंटी और मेरी पसंद के चार इंच ऊँची एड़ी के सैण्डलों में ही घूमती और घर के काम करती रही और बीच-बीच में अपने हाथ या सैण्डल से मेरे लंडा को सहला कर या कभी एक चूँची बाहर कर के मेरे होंठों के पास ला कर भाग जाती। कभी दूर खड़े हो कर अपनी पैंटी धीरे से नीचे खिसका कर अपनी चूत का उभार दिखाती, और कभी मेरे चेहरे के सामने अपने चूत्तड़ ला कर पैंटी सरकाती और अपनी गाँड दोनो हाथों से पकड़ कर चौड़ा कर के दिखाती। जब मैं पकड़ने को जाता तो कहती मेरे मादरचोद डार्लिंग! ये सब माल जी भर के भोगना रात को। 

मेरे लंड का तो बुरा हाल था। बेचारा दिन भर मीना चाची का बदन देख-देख कर अटैंशन में खड़ा रहा। शायद वो भी सोच रहा था की छिनाल जितना तरसाना है तरसा ले, रात को तेरे भोसड़ी को भोंसड़ा नहीं बनाया तो मेरा नाम नहीं। मीना चाची ने शाम को मुझे एक घंटे के लिये घर के बाहर भेज दिया और बोली कि डार्लिंग! इंतज़ार के सारी घड़ियाँ खतम और वापस आ कर नहा धो कर एक दम दुल्हा बन कर अपनी दुल्हन की सुहाग-रात मना! आज तेरी शादी मुझ से हुई है और मैं तेरी दुल्हन और तेरी पत्नी हूँ और तू मेरा हसबैंड। जल्दी से आ मेरी जान! मेरी चूत में शोले भड़क रहे हैं। दिन भर तो मैंने बर्दाश्त कर लिया पर अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ!”

 
मैं भी एक घंटे के लिये बड़े बेमन से बाज़ार घूमता रहा और वापस आ कर अपने कमरे में जा कर नहाने चला गया। रेज़र से अपनी सारी झँटें साफ़ करी और लंड पर खूब तेल की मालिश करी और अपने बदन को रगड़-रगड़ के साफ़ किया। तैयार होते वक्त अपने बदन पर खूब क्रीम मली और सैंट छिड़का। अपने सबसे स्मार्ट कपड़े पहने और शीशे में अपने को देख कर अपनी सुहाग-रात मनाने के लिये मीना चाची के कमरे की तरफ़ चल पड़ा। मेरी मीना चाची वाकय में एक बहुत ही स्टॉयलिश और मस्त औरत थी। जब मैंने उनके कमरे को खट- खटाया तो वो अंदर से बोली, बस दो मिनट में अंदर आ जाना।
 
मैंने जब दो मिनट बाद दरवाज़ा खोला तो दँग रह गया कि चाची ने घंटे भर में अपने कमरे की काया ही पलट दी थी। पूरा कमरा गुलाब से सज़ा हुआ था और भीनी-भीनी उत्तेजित करने वाले इम्पोर्टेड सैंट की खुशबू हवा में फैली हुई थी। मीना चाची अपनी सबसे सैक्सी दिखने वली साड़ी पहन कर और अपने चेहरे पर एक लम्बा सा घूँघट डाल कर पलँग के बीचों-बीच बैठी हुई थी, और पलँग के साईड टबल पर एक पूरी व्हिस्की की बोत्तल और सिगरेट का पैकेट रखा हुआ था। दोस्तों बोलने की जरूरत नहीं है कि हम दोनों के जिस्म में उस समय एक लावा फूट रहा था एक दूसरे को बुरी तरह चोदने के लिये, और मेरी चाची ने सब इंतज़ाम करा हुआ था कि आज जम कर रात भर चुदाई हो।
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मैंने धीरे से पलँग पर बैठ कर मीना चाची को अपनी और खिसकाया और बड़े धीरे से उनका घूँघट ऊपर उठा दिया। मीना चाची ने आज कुछ ज्यादा ही सैक्सी मेक-अप करा हुआ था। उन्होंने अपने होंठों पर लाल चमकने वाली लिपस्टिक लगायी हुई थी और पूरे मुखड़े पर बहुत ही सुंदर तरीके से मेक-अप करा हुआ था। ब्लाऊज़ उन्होंने बहुत ही लो कट पहना था और अगर ब्लाऊज़ को ब्रा बोला जाये तो ज्यादा मुनासिब होगा और अंदर उन्होंने ब्रा शायद बहुत ही छोटी साइज़ की पहनी हुई थी क्योंकि उसमें से मीना चाची कि मस्तानी जवानी छलक-छलक के बाहर आने को मचल रही थी। उन्होंने अपने घने-घने बालों को खुला रखा था जो किसी झरने की तरह उनकी कमर तक लहरा रहे थे। मीना चाची ने अपने हाथों और पैरों के नाखुनों पर लाल नेल पॉलिश लगा रखी थी। साथ ही उन्होंने मुझे और भी उत्तेजित करने के लिये काले रंग की बहुत ही ऊँची (लगभग पाँच इंच) पेन्सिल हील की सैण्डल पहनी हुई थी। उनके गोरे-गोरे पैरों को उन सैण्डलों में देख कर मेरा लंड मेरी पैंट के अंदर साँप की तरह फुँफकारने लगा। 

मैंने बड़े ही प्यार से मीना चाची का चेहरा अपने हाथों में ले कर उनके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिये और तबियत से उनके होंठ और जीभ चूसने लगा और फिर मीना चाची की कमर में हाथ डाल कर उनकी नंगी पीठ पर फेरने लगा। मीना चाची ने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया और अपनी चूचियों का दबाव देते हुए मेरे होंठ और जीभ चूसने लगी। मुझे होश नहीं हम कब तक एक दूसरे को यूँ ही चूसते रहे। जब हम अलग हुए तो मैंने कहा, मीना डार्लिंग तुम तो वाकय में बहुत खूबसुरत हो। मैं तुमको अपनी वाईफ बना कर धन्य हो गया। तुम्हारा बदन लगता है जैसे भगवान ने तुम्हें खुद अपने हाथों से बनाया है। तुम्हें देख लेने के बाद कैसे कोई इंसान कैसे अपने ऊपर काबू रख सकता है!”
 
मीना चाची बोली, मॉय डार्लिंग! मैं बहुत खुश किस्मत हूँ कि तुम मेरे हसबैंड हो और आशा करती हूँ कि तुम मेरी बूर को चूत और चूत को भोंसड़ा बना दोगे!”
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इतना कह कर हम दोनों पलंग से उठे और एक दूसरे को बाहों में भर कर डाँस करने लगे। डाँस करते- करते मैंने मीना चाची की साड़ी पीछे से उठायी और उनकी पैंटी में हाथ डाल के उनके चूत्तड़ मसलने लगा। इधर मीना चाची भी मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी और खोल कर मेरी शर्ट को फेंक दिया। मैंने भी मीना चाची की साड़ी का एक छोर पकड़ कर खींचना चालू कर दिया और मीना चाची ने भी अपना पूरा मस्त शरीर घूम-घूम कर दिखाते हुए साड़ी को उतरवाया। अब मीना चाची सिर्फ़ ब्रा-कट ब्लाऊज़ और एक बहुत ही झीने पेटीकोट में थीं, जिसमें से अंदर का सब कुछ दिख रहा था। मीना चाची ने आज ब्लैक कलर की जी-स्ट्रिंग पैंटी पहनी हुई थी जिस से सिर्फ़ उनकी चूत ढकी हुई थी और उनके गोरे-गोरे और मोटे-मोटे माँसल चूत्तड़ एक दम नंगे हो कर गज़ब ढा रहे थे। मीना चाची एक दम नयी नवेली दुल्हन कि तरह शरमाने लगी तो मैंने आगे बढ़ कर उन्हें अपनी बाहों में ले लिया और पेटीकोट के ऊपर से उनके गुदाज़ चूतड़ों को दबाने लगा। मीना चाची ने भी अपने हाथ आगे करे और मेरी पैंट को खोल कर उतार दिया। इधर मैंने भी मीना चाची के झीने से पेटीकोट का नाड़ा खोल कर नीचे गिरा दिया और अपने हाथ पीछे ले जा कर उनके ब्रा-नुमा ब्लाऊज़ के हुक खोल दिये और उनका ब्लाऊज़ धीरे से उनकी बाहों पर से सरकाते हुए उतारने लगा। मीना चाची ने आज बहुत ही छोटी (माइक्रो) ब्रा पहनी हुई थी। मैं साफ़-साफ़ देख रहा था कि ब्रा के कप बडी ही मुशकिल से मीना चाची के निप्पलों को ढक पा रहे थे और साथ ही ब्रा काफी टाइट भी होने के कारण मीना चाची के मम्मे उबाल खा कर बाहर आने को मचल रहे थे। 

मीना चाची अब सिर्फ़ पैंटी-ब्रा और हाई हील सैण्डलों मैं थी और मैं भी अब सिर्फ़ अंडरवीयर में था। हमने एक दूसरे को फिर से बाहों में जकड़ लिया और एक दूसरे को मसलते हुए नाचने लगे। थोड़ी देर बाद मैं कुर्सी पर बैठ गया और मीना चाची को बोला, डार्लिंग तुम आज अपनी गाँड हिलाते हुए दो पैग बनाओ और अपने हाथों से मुझे पिलाओ।

मीना चाची भी बड़े ही मादक अंदाज़ में अपने भारी-भारी चूत्तड़ मेरे चेहरे के सामने ला कर टेबल पर झुक कर दो पैग बनाने लग गयी। जी-स्ट्रिंग पैंटी पहने होने के कारण मीना चाची की चूत तो पूरी ढकी थी और स्ट्रिंग का स्ट्राप पूरा मीना चाची की गाँड की दरार के अंदर घुस कर उनकी गाँड के भूरे रंग के छेद को छिपाये हुए था। मीना चाची के मस्त फूले हुए चूत्तड़ अपनी आँखों के सामने पा कर मदहोश हो गया और अपने होंठ मीना चाची के चूत्तड़ों पर लगा कर उनकी गाँड की दरार में अपनी जीभ घुसाड़ने लगा। मीना चाची एकदम सितकार उठी और बोली, डार्लिंग! ये क्या कर रहे हो, बड़ी गुद-गुदी हो रही है!” 
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मैंने कोई ध्यान ना देते हुए अपनी जीभ मीना चाची की गाँड के भूरे छेद पर फेरनी चालू रखी और हाथ बड़ा कर उनकी झुकी हुई मस्तानी छातियों को पकड़ लिया और दबाने लगा। मीना चाची तो मस्ती के मारे अपने चूत्तड़ गोल-गोल हिलाने लगी। पैग बनाने के बाद मैंने मीना चाची को खींच के अपनी गोदी में बैठा लिया और बोला,मीना क्या बात हैमैंने ऐसी पैंटी तो आज तक नहीं देखी जिसमे चूत तो ढकी रहती है पर गाँड पूरी नंगी रहती है। 

मीना चाची बड़ी मस्ती में बोली, डार्लिंग इसे जी-स्ट्रिंग कहते हैं और ये खास कर चुदास औरतों के लिये ही बनाई गयी है। जिनकी चूत में ज्यादा खुजली होती है और जो पब्लिक में अपने चूतड़ों का जलवा दिखाना चाहती हैं वो ऐसी पैंटियाँ और हाई हील सैंडल खूब पहनती हैं। हाई हील सैंडलों से चाल और भी मस्तानी हो जाती है और पीछे से गाँड और सामने से छातियाँ सैक्सी तरह से उघड़ जाती हैं। मैंने आज खास तेरे लिये पहनी है।

मैंने उनकी फूली हुई चूचियों की घाटी में अपना मुँह लगा दिया और पसीने और सैंट की महक सूँघते हुए उनके चूचियों कि घाटी चूसने लगा। मीना चाची ने भी मेरा सर पकड़ कर अपनी चूचियों पर दबा लिया। थोड़ी देर मीना चाची की चूचियों कि घाटी चूसने के बाद मैंने मीना चाची को कहा कि अब वो मुझे ड्रिंक पिलायें। उन्होंने टेबल पर से ग्लास उठा कर मेरे होंठों से लगा दिया और बोली, डार्लिंग एक घूँट में खतम करना…!”
 
मैंने भी दूसरा ग्लास उठा कर मीना चाची के होंठों से लगा दिया। मीना चाची बड़ी ही मादरचोद थी। उन्होंने ड्रिंक पूरी नीट बनाई थी, बिना सोडे और पानी के। मीना चाची तो रोज़ जम कर पीती थी पर मैं तो अभी नौसिखिया ही था। पर हिम्मत कर के मैंने भी एक घूँट में खाली कर दी और मीना चाची ने भी पूरी ड्रिंक एक घूँट में खाली कर दी। मैंने कस कर उनकी कमर में बाहें डाल कर अपनी और खींच लिया और उनकी उठी हुई मदमस्त चूचियों को दबाने लगा और मीना चाची को बोला, मेरी जान एक सिगरेट पिला दो!”
 
मीना चाची बोली, डार्लिंग! सिगरेट मैं अपने स्टाइल से पिलाऊँगी।
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इतना कह कर उन्होंने सिगरेट जलायी और एक कश ले कर अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिये और सारा धुआँ मेरे मुँह में छोड़ दिया। मेरे दोस्तों जो सिगरेट के शौकीन हैं, मेरे कहने से एक बार ऐसे सिगरेट पी कर जरूर देखें, वादा करता हूँ की आपका लंड एकदम उबाल खा जायेगा। मैंने कस कर मीना चाची की एक चूँची जो मेरी हाथेली में थी बहुत ही बे-दर्दी से मसल दिया। मीना चाची भी चिहुँक उठी, और बोली,तुम बड़े वोह हो जीमेरी मस्त जवानी इतनी बुरी तरह से मसल कर रख दी। 

मैंने भी कहा, मीना रानी आज तुम्हारी चूचियाँ कुछ ज्यादा ही उभार लिये हुए हैं, तुमने क्या जादू करा है कि सुबह से लेकर शाम तक तुम्हारी चूँची एक दम इतनी बड़ी हो गयी।

मीना चाची शर्माते हुए बोली कि मैं आज तुमको उन चूचियों का मज़ा देना चाहती हूँ जो मेरी शादी के समय थी। इसी लिये मैंने आज इस टाइट माइक्रो ब्रा में अपनी चूचियाँ कसी है ताकि मेरी चूचियाँ उसमें समायें नहीं और फूट-फूट के बाहर निकल आने को तरसें। मीना चाची बोली, मेरी चूचियाँ कब से तड़प रही हैं तुम्हारे होंठों से चुसाने के लिये। 
 
मैंने भी बिना देर करे हुए अपने हाथ पीछे ले जा कर मीना चाची की माइक्रो ब्रा के हुक खोल दिये। ब्रा के हुक खुलते ही मीना चाची कि चूचियाँ एक दम स्प्रिंग की तरह उछली और मचल कर ब्रा की कैद से बाहर आ गयी। मीना चाची ने अपने भूरे रंग के निप्पलों को आज रूज़ लगा कर एक दम गुलाबी बनाया हुआ था और मैंने बेसब्री से उन पिंक निप्पलों को अपने मुँह में ले लिया और लम्बे-लम्बे चुस्से मारने लगा। रूज़ लगे होने के कारण मीना चाची के निप्पल एक दम चैरी की तरह मीठे थे। मीना चाची की तो सितकारी ही निकली जा रही थी और मेरी तो ऐसी इच्छा हो रही थी कि मीना चाची की चूत का जूस इन निप्पलों से निकले और मैं पी जाऊँ।
 
मीना चाची मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबाती हुई सितकारियाँ भर रही थी और बोल रही थी कि डार्लिंग! पी ले मेरे जिस्म का नशा। आज तो जी खोल के अपनी जवानी का नशा पिलाऊँगी तुझे। अरे मादरचोद चूस ले मेरे निप्पलों को…!” और चाची ने अपने हाथों से मेरी पैंटी उतार दी जिससे मेरा लौड़ा मीना चाची के पेट पर टक्कर मारने लगा।
 
मीना चाची लंड को कस कर अपने हाथों से दबा रही थी और बोली, वाह मेरे बहन के लौड़े! अपनी दुल्हन से मिलने के लिये चिकना बन कर आया है। आज देखती हूँ कि किसकी माँ चुदती है, मेरी चूत की या तेरी। मीना चाची ने मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूचियों पर से मेरा सर उठाया और बोलीं, डार्लिंग पहले एक मीठा सा चोदा लगा दे, मेरी चूत इस समय धड़क रही है, नहीं तो जल कर खाक हो जायगी। बाद में आराम से चूसाते हुए और चाटते हुए एक दूसरे को चोदेंगे।
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Aap aur Jaunpur Devnagri Hindi Alphabets men likh kar bahotvhard work hum readers ke liye karte ho. Nice collection.
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मेरा भी बुरा हाल था। सुबह की चुदाई के बाद तो मैं भी तड़प रहा था मीना चाची को चोदने के लिये। मैंने उनको अपनी गोदी में उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और मीना चाची की टाँगें फैला कर जी-स्ट्रिंग उतारी। वाह क्या नज़ारा था! मीना चाची ने अपनी चूत के लिप्स भी रूज़ लगा कर गुलाबी करे हुए थे। मैंने कहा, मीना थोड़ा सा और तड़प ले मेरी जान अभी तो तेरी बूर के लिप्स मुझे इनवाइट कर रहे हैं चूसने के लिये…” और बोलते हुए मैंने अपने होंठ मीना चाची की बूर के होंठों से चिपका कर जीभ चूत में घूसेड़ दी।
 
मीना चाची बोलती रहीं कि, डार्लिंग मैं अपनी चूत का पहला पानी तेरे लंड पर झाड़ना चाहती हूँ। मादरचोद बाद में चाट लियो मेरी बूर। अभी तो अपने गन्ने से मेरी चूत को चोद दे। जालिम कितना और तड़पायेगा अपनी मीना को।
 
मैंने देखा की मीना चाची की चूत से उनका थोड़ा-थोड़ा मदन रस रिसना चालू हो गया था और अगर मैं ज्यादा उनकी चूत चूसता तो वो वहीं पर अपना सारा माल निकाल देतीं। मैंने उनकी चूत पर से मुँह हटा लिया और मीना चाची के ऊपर चढ़ कर उनकी मोटी-मोटी चूचियों पर अपने चूतड़ रखे और अपना लंड मीना चाची के सामने लहराते हुए बोला, मेरी जान! जरा अपनी चूँची के निप्पल से मेरी गाँड मारो और मेरे लंड को अपने होंठों का प्यार दो। फिर देखो आज तुम्हारी चूत की क्या भजिया बनाता हूँ!”
 
मीना चाची ने झट से मेरा लौड़ा अपने होंठों में ले लिया और दोनो हाथों से अपनी चूँची पकड़ कर कभी एक निप्पल तो कभी दूसरा निप्पल मेरी गाँड के छेद पर रगड़ने लगी और मैं धीरे-धीरे मीना चाची का मुँह चोद रहा था और बोला, मेरी जान! आज तो लंड की पहली धार तुम्हारे मुँह में ही उतारूँगा। ज़रा तबियत से चूस। मेरी प्यारी जान झड़ने के बाद तू लंड के खड़े होने की चिंता मत कर आज तो जम के तेरे साथ सुहाग रात मनानी है। मैं तो आज पूरी रात चोदूँगा।
 
फिर धीरे से मैंने अपने शॉट की स्पीड बढ़ा दी और हुमच-हुमच के मीना चाची के मुँह में लंड पेलने लगा। एक शॉट में पूरा जड़ तक उनके गले तक उतार देता और उसी क्षण खींच के बाहर निकाल लेता और इस से पहले कि चाची सम्भलें, दोबारा लंड उनके गले तक उतार देता। मीना चाची भी पीछे नहीं थी। वाकय में ऐसे चूस रही थी जैसे सदियों से लंड चूसने के लिये तरस रही हों। मैं पाँच मिनट तक उनके मुँह को ऐसे ही चोदता रहा और आखिर में अपना पूरा लंड उनके गले में फंसा कर बलबला कर झड़ गया। मीना चाची के गले में पूर लंड फंसा होने के कारण मेरी पूरी धार सीधी उनके गले में उतर रही थी और वोह हरामजादी चाची भी बिना नुकुर-पुकुर किये मेरा रस पी रही थीं।
 
पूरा रस निकलने के बाद जब मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकालना चाहा तो उन्होंने मेरे चूत्तड़ पकड़ कर अपने मुँह पर दबा लिये और मेरे झड़े हुए लंड की दोबारा से चूसाई चालू कर दी। मैं तो इस नशीली चूसाई से पागल हो गया। झड़ कर दोबारा चुसवाने में जो मज़ा आ रहा था उसका वर्णन करना बड़ा मुश्किल है। मेरा साला लंड भी मादरचोद हो गया था। पाँच मिनट की चूसाई में ही साला फिर से तैयार हो गया था। मैंने कहा, मीना आ जाओ अब तुम्हारी चूत रानी बजाता हूँ!”
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वोह थोड़ा सा लंड अपने मुँह से निकाल के बोली, थोड़ा सा और ठहर डार्लिंग, अभी थोड़ा और चूस के लोहे की तरह बना दूँ, फिर जम के मेरी चूत बजाना!”
 
ये बोलकर उन्होंने मेरा पूरा लंड मुँह के बाहर निकाला और सिर्फ़ मेरे लंड के सुपाड़े को और मूतने वाले छेद को अपनी जीभ में लपेट-लपेट कर जो मज़ा देना चालू किया वो अभी तक का सबसे गुदगुदाने वाला मज़ा था। मैं मस्ती में आ के अपने चूत्तड़ों के नीचे दबी हुई उनकी मोटी-मोटी चूचियों को बड़ी बुरी तरह से मसलने लगा। करीब दो तीन मिनट ऐसे करने के बाद मेरा लंड वाकय में दोबारा फटने की कगार पे आ गया था। मीना चाची इसे भाँप चूकी थीं। इसी लिये उन्होंने जीभ फेरना बंद करा और बोली, अब आजा डार्लिंग! अब मेरी चूत खोल दे इस लौड़े से!”
 
मैं मीना चाची के उपर से हट कर उनकी जाँघों के बीच आ गया और उन्होंने भी अपनी जाँघें पूरी खोल दीं थी और अपनी उंगली से अपनी चूत के लिप्स खोल दिये थे जिससे उनका रस में डूबा हुआ गुलाबी छेद दिख रहा था। मीना चाची बोलीं, देख ले डार्लिंग! अपनी पूरी खोल के दे रही हूँ, बाद में मत कहना कि मीना चाची ने खोल के चुदवाई नहीं!”
 
मैंने आगे बढ़ कर अपने लंड का सुपाड़ा मीना चाची की चूत के खुले हुए लिप्स के बीच में रख दिया और हाथ से पकड़ कर आराम से उनके गुलाबी छेद पर अपना सुपाड़ा रगड़ने लगा और मीना चाची से पूछा कि आज तुम्हारी चूत हलाल करूँ कि झटका चोदूँ?”
 
मीना चाची बोलीं, हलाल तो बहुत हो चुकी डार्लिंग! आज तो झटका चुदाई कर दो और माँ चोद दो मेरी चूत की!”
 
मैंने घुटने के बल हो कर मीना चाची की दोनों टाँगें अपने कँधे पर रख कर उन्हें फैला दिया और अपनी गाँड का पूरा जोर लगा कर एक करारा सा झटका मारा जिससे मेरा पूरा साढ़े आठ इंच लम्बा लौड़ा मीना चाची की चूत में समा गया। मीना चाची क्षण भर के लिये तो चीखीं और फिर बड़बड़ाने लगीं, मादरचोद! आखिर तूने मेरी चूत की माँ चोद ही डाली। अरे भोसड़ी वाले मैंने यह थोड़ी बोला था कि अपना पूरा गन्ना मेरी चूत में एक झटके से उतार देना। बहन के लौड़े! आज मुझे वाकय में लग रहा है के मेरी असली सुहाग रात तो आज है। इतना दर्द तो मुझे पहली सुहाग रात को भी नहीं हुआ था। डार्लिंग क्या लौड़ा दिया है! मेरी तो चूत आज वाकय में चूत बन गयी। डार्लिंग तूने आज मुझे धन्य कर दिया। मैं तो तेरी गुलाम हो गयी। मादरचोद! तू मेरा हसबैंड बन जा आज से। ले मेरी चूत चोद ले जितनी चोदनी है!”  
 
मैं तो बस लगातार दनादन उनकी चूत में अपने लौड़े के धक्के दिये जा रहा था। जब भी मेरा धक्क लगता तो मेरी जाँघें मीना चाची के चूत्तड़ों और जाँघों से लग कर थप-थप की आवाज़ पैदा कर रही थीं। करीब आठ-दस मिनट के ज़ोरदार धक्कों के बाद मीना चाची ने किलकारी मारते हुए मेरे लंड पर अपना पानी फेंक दिया। मैंने भी मीना चाची की टाँगें अपने कँधों से उतार कर नीचे कर दीं और उन्हें चौड़ा कर के मीना चाची के ऊपर लेट कर कसके उनको अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठ उन के रसीले होंठों पर एक बार फिर से जमा कर उनकी जीभ को चूसने लगा। बड़े आराम से मैं अपने चूत्तड़ उछाल-उछाल के मीना चाची की चूत में अपना लौड़ा पेल रहा था। मेरी डार्लिंग चाची ने भी अपने दोनों हाथ कस कर मेरे चूत्तड़ों पर दबाय हुए थे और जब मैं अपना लंड बाहर खींचता तब वोह अपने दोनों हाथों से मेरे चूत्तड़ दबा देती जिससे कि जल्दी से फिर मेरा लंड उनकी चूत में समा जाये।
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करीब पँद्रह-बीस मिनट तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद मीना चाची बोली, तुझे एक नया आसन बताती हूँ। उसमे मर्द का लंड औरत की चूत में पूरा अंदर तक जाता है!”

 
इतना कह कर मीना चाची ने मुझे अपने ऊपर से उतरने के लिये कहा और मेरे समने घुटने के बल एक कुत्तिया की तरह हो कर अपने चूत्तड़ मेरी तरफ कर दिये और बोली, ले बहन के लौड़े! अब तू कुत्ता बन। मैं अपनी चूत उभार के देती हूँ और तू उसमें अपना मस्त गन्ना उतार और फिर कस-कस कर मेरे चूत्तड़ों पर धक्के मारते हुए तबला बजा!”
 
इतना कह कर चाची ने अपनी गाँड उपर की और उठा दी और चूचियों को बिस्तर पर टिका दिया और अपना पेट नीचे करके अपनी जाँघों के बीच में से मुस्कुराती हुई चूत खोल दी। मीना चाची के चूत्तड़ चौड़े होने के कारण उनका मस्त भूरे रंग का गाँड का छेद दिख रहा था जिसको देख कर अन्दाज़ा हो रहा था कि मीना चाची ने अभी तक गुदा-संभोग का लुत्फ नहीं उठाया है। दोस्तों इस समय वो नज़ारा दिख रहा था कि मैं अपने आप को रोकने में नाकाम था। मैने मीना चाची की रिस रही बूर में लंड थोड़ा सा घिसा और धक्का मार कर पूरा लंड उनकी चूत में झटके से उतार दिया। वाह क्या मज़ा आया! जैसे ही मैंने अपनी जाँघों से मीना चाची के फूली हुई चूत्तड़ों पर जम के धका दिया तो मक्खन की तरह मेरा लंड मीना चाची की उभरी हुई चूत में घुसा और मेरे धक्के के दबाव से मीना चाची के चूत्तड़ स्पंज की तरह दब कर फैल गये और फैल कर और चौड़े हो गये और बाद में स्पंज की ही तरह फिर से फूल कर अपनी शेप में आ गये जिससे मुझे मीना चाची के चूत्तड़ों का धक्का महसूस हुआ। मुझे इस आसन में मीना चाची की चूत लेने में बहुत मज़ा आ रहा था और मैं और जोश के साथ चूत बजाने लगा। जोश में आकर मैंने अपनी एक उँगली अपने थूक से गीली की और इससे पहले कि वोह कुछ समझ पातीं, मैंने अपनी उँगली मीना चाची की गाँड में घुसा दी।
 
वो एक दम चिहुँक उठी और बड़-बड़ाई, क्या कर रहा है मादरचोद! मेरी चूत तो अपने लंड से भर दी अब क्या मेरी गाँड अपनी उँगली से भरेगा क्या? आज पहली बार किसी मर्द ने मेरी गाँड का छेद छेड़ा है। चल थोड़ा मेरी गाँड में अपनी उँगली चला दे!”
 
वाकय में बहुत ही टाइट गाँड का छेद था। उँगली गीली होने के बावजूद बड़ी कसी-कसी उनकी गाँड में घुस रही थी। करीब आठ-दस मिनट तक कुत्ता चुदाई में मीना चाची दो बार अपनी चूत का पानी निकाल चूकी थी और मेरे हर शॉट का जम कर जवाब अपने चूत्तड़ों के धक्के से दे रही थी और बड़-बड़ाते हुए कह रही थी की, मेरे जानू आज तो ज़िंदगी का असली मज़ा आ गया। बहन के लौड़े जब तेरा मूसल जैसा लंड पूरा मेरे अंदर घुस कर मेरी बच्चेदानी पर लगता है तो मैं तो बस गनगना जाती हूँ। बहनचोद! तू मेरा हसबैंड क्यों नहीं बना? तुझसे तो इतना चुदवाती कि तू हमेशा मस्त रहता। मादरचोद तेरे से चुदवाकर मेरी चूत को पसीना आ जाता है। तेरी तो जिस से शादी होगी उसकी तो सुहाग रात वाले दिन माँ चुद जायेगी। ज़िन्दगी भर चोदना भूल जायेगी। चोद मेरे लंड, चोद, बहनचोद!”
 
मीना चाची बड़बड़ाती रही और मैंने अपने धक्के चलू रखे। कुछ देर बाद मेरे लंड का पानी बहुत उबाल खा चुका था और मीना चाची की मस्त चूत में अपनी मस्ती निकालने के लिये बेकरार था। मैंने मीना चाची को कहा कि रानी अब तुम सीधी हो, मैं तुम्हारी चूचियों पर पसर कर तुम्हारा मुँह चूसते हुए झड़ना चाहता हूँ!”
 
मीना चाची मेरा लंड निकाल के फोरन सीधी हो गयी और मैंने भी बिना वक्त गवाये अपना लंड पूरा चूत में घुसेड़ कर उनके ऊपर लेट गया और मीना चाची कि दोनों चूचियाँ अपने हाथों में पकड़ कर अपने होंठ उनके रसीले होंठों पर रख कर और चूसते हुए दनादन उनकी चूत में शॉट लगाये और जब मेरा लंड झड़ा, उस समय तो मैंने इतनी जोर की शॉट मारा कि मीना चाची ने भी दर्द के मारे अपनी गाँड एक फुट हवा में उछाल दी, जैसे कह रही हो ले मादरचोद! भर मेरी चूत को! मीना चाची ने मेरा पूरा माल अपनी चूत में सोख लिया और कसके मुझे अपने बदन से चिपका लिया और बुरी तरह मेरा मुँह चूसने लगी। मुझे तो इस चुदाई में सुबह से ज्यादा मज़ा आया था और इतनी देर चोदने के बाद मीना चाची के गुदाज़ बदन पर लेटना बहुत ही अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने उनकी चूत से अपना लंड निकाला तो मीना चाची टपाक से उठ बैठीं और मेरा लंड चूसने लगी और अच्छी तरह से चूस कर पूरा लंड साफ कर दिया।
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मीना चाची ने आगे बढ़कर दो सिगरेट जलाईं और बोली, सुनील डार्लिंग! आज से तू सिर्फ मेरा हसबैंड है। तेरा चाचा तो बस नाम का मेरा हसबैंड है। मैं सिर्फ तेरी गुलाम बन कर रहुँगी। तूने मुझे जीवन का वो सुख दिया है जिसके लिये मैं पिछले इक्कीस साल से तरसी हूँ। बस मुझे दिन में एक बार जरूर चोद दिया कर। देख मेरी चूत अभी तक तेरे धक्कों से हिली हुई है। आज मुझे मालूम पड़ा असली मर्द क्या होता है। डार्लिंग देख तो सही मैं तेरे लंड से किस-किस को खुश करवाती हूँ!”  

 
मैंने भी सोचा मीना चाची इस समय चुदवा कर पूरी तरह मस्त है, क्यों ना अपने दिल की बात कह दूँ। मैंने बड़े प्यार से मीना चाची का चेहरा अपने हाथ से अपनी तरफ घुमाया और हिम्मत करके बोल डाला कि मीना देखो आज के बाद तुम हमेशा मेरी रहोगी। मैं हर रोज़ तुम्हारी चूत की ऐसी चुदाई करूँगा कि तुम्हें रात में चाचा से चुदवाने कि इच्छा ही नहीं होगी पर तुम मेरा एक काम करवा दो डार्लिंग! ज़िंदगी भर तुम्हारा गुलाम बन कर रहूँगा!”
 
मीना चाची बोलीं, बोल शरमाता क्यों है? अब तो मैं तेरी पत्नी हो गयी, अब तो तू दिल खोल के बोल जो भी बोलना है। अगर तू मेरी गाँड मारना चाहता है तो डार्लिंग मैं उसके लिये भी तैयार हूँ। अपने इस प्यारे लवर को नहीं दूँगी तो और किस को दूँगी। अगर कुँवारी चूत ना दे सकी तो क्या, अपनी कुँवारी गाँड तो दे ही सकती हूँ!”  
 
मैंने कहा,नहीं मीना बात असल में ये है कि कल मैं तुम्हारी चुदाई देखने के बाद अँजाने में ही सोनिया दीदी के कमरे में चला गया था और वहाँ पर उनके बदन को मैंने खूब चूसा और चाटा था और बाद में उनकी गाँड खूब सूँघी और चाटी थी। मीना! जो उनकी ताज़ी चूत की खुशबू आ रही थी वो मैं बता नहीं सकता। मैं सोनिया दीदी के साथ चुदाई करना चाहता हूँ!”
 
मीना चाची थोड़ी सी संजिदा हो गयी और बोली, सुनील तू क्या कह रहा है? तू एक माँ से उसकी बेटी चुदवाने के लिये कह रहा है। मुझे मालूम है कि वोह इतनी सुंदर दिखती है कि कॉलोनी के कईं लड़के उसकी तरफ ऐसे देखते है जैसे वहीं सड़क पर लिटा कर चोद डालेंगे!”
 
मैंने कहा, चाची तुम ही ने तो कहा था कि अगर तुम्हें मालूम होता कि तुम्हारी शादी ऐसे गाँडू से होगी तो तुम शादी से पहले जम कर चुदवाती। क्या मालूम सोनिया दीदी को भी तुम्हारी तरह इस आग में ना जलना पड़े। घर की बात हैघर में ही रहेगी और अगर सोनिया दीदी से मेरे शारिरिक संबंध बन जाते है तो हम तीनों दिन भर चुदाई का मज़ा उठा सकते है। घर की बात घर में ही रहेगी और किसी को मालूम भी नहीं पड़ेगा। चाचा तो सुबह आफिस चले जाते हैं और रात को नौ-दस बजे आते हैं और एक बार सोनिया दीदी ने मुझ से चुदवा लिया तो वोह भी ठंडी रहेगी क्योंकि उनकी चूत में भी कीड़े रेंगने तो चालू हो ही गये होंगे, तो क्या पता किससे जा कर चुदवा ले!”
 
मीना चाची मेरे होंठों को प्यार से चूमते हुए बोली, सुनील तूने बात तो बहुत सही कही है और मैं नहीं चाहती कि सोनिया भी मेरी तरह इसी आग में जले। चल तू चिंता मत कर उसे वापस आने दे। मैं मौका देख कर उसे तैयार कर लुँगी!”  
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बातें करते और सिगरेट पीते हुए काफी देर हो चुकी थी और इस दौरान मीना चाची बारबार अपने हाथ से मेरा लंड रगड़ते हुए अपनी चूचियाँ मेरे ऊपर घिस रही थीं और सोनिया की चूत मिलने की खबर से मेरा लंड फिर से तन कर मैदान में आ गया था। मीना चाची ने तो सोचा भी नहीं था कि इतनी जल्दी मेरा लंड फिर से तैयार हो जायेगा। इस बार मीना चाची ने कहा कि वोह अपने तरीके से मुझे चोदेंगी, और आराम से एक सिगरेट जला कर मुझे नीचे लिटा कर अपनी दोनो टाँगें चौड़ी कर के मेरे लंड के उपर खड़ी हो गयीं और धीरे-धीरे अपने घुटनों के बल बैठने लगीं। जब उनकी चूत मेरे लंड तक पहुँची तब उन्होंने एक हाथ बड़ा कर मेरा लंड पकड़ा और चूत के मुँहाने पर घिसने लगी, और थोड़ी देर घिसने के बाद गपाक से अपनी जाँघें चौड़ी कर के मेरे लंड पर बैठ गयीं और उछल-उछल कर मुझे चोदने लगीं। मुझे तो इस आसन में बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने लेटे हुए अपने हाथ आगे बढ़ा कर उनके फूले हुए मस्त गुबारे जो मदमस्त हो कर झूल रहे थे, पकड़ कर मसलने चलू कर दिये। मीना चाची ने मुझे करीब आधा घँटा तक इस आसन में चोदा और खूब अपनी चूत का पानी निकाला।

 
हमने उस रात दो बार और संभोग करा और पस्त हो कर एक दूसरे की बाहों में सो गये। हफ़्ते भर तक, जब तक सोनिया वापस नहीं आयी हम लोग दिन भर नंगे पड़े रहते थे और एक दूसरे को जी भर के भोगते थे। इस दौरान मीना चाची ने मुझे कई नये आसन और चोदने के तरीके बताय। हमने ब्लू फ़िल्म भी देखी और उसमें देख-देख कर हम भी उनकी नकल करते हुए एक दूसरे को चोदते थे। सोनिया के वापस आने के एक दिन पहले मीना चाची को अपने भाई के घर जाना पड़ा।
 
जाने से पहले मुझे समझा के गयीं कि देख कल सुबह सोनिया आ जायेगी और मैं परसों से पहले नहीं आ पाऊँगी। अपने मस्ताने पर काबू रखना और यह मत सोचना कि मैंने सोनिया को चोदने कि इजाज़त दे दी है तो तू उसे अकेले में पा कर चोद लेगा। मैं बड़े तरीके से उसे समझा कर तेरे साथ चुदवाऊँगी। डार्लिंग मज़ा चुदाई में तब आता है जब मर्द और औरत मिल के संभोग करें!”
 
इतना समझा कर मीना चाची चली गयीं। अगले दिन सुबह ही सोनिया को आना था। मैं ड्राइवर के साथ कार में उसे कॉलेज से दस बजे जाकर ले आया। अबकी बार सोनिया को देखने का मेरा नज़रिया ही कुछ और था। मैं रास्ते भर उसे अपनी आँखों से नंगा करता रहा, और सोनिया मुझे अपनी ट्रिप के बारे में बताती जा रही थी। उसे क्या मालूम था कि उसकी माँ और मेरे बीच में क्या संबंध बन चूके थे जिस के कारण मुझे उसके बदन की कुँवारी नशीली शराब पीने को मिलने वाली थी।
 
घर आ कर सोनिया बोली, सुनील मैं तो नहा धो कर एक कोक पीयूँगी और सोऊँगी। मैं इतने नहा कर आती हूँ, तुम मेरे लिये एक गिलास में कोक और बर्फ निकाल दो!”
 
मैंने कहा, कोई बात नहीं दीदी आराम से नहा लो!”
 
मेरे दिमाग में तो सिर्फ़ सोनिया को चोदने का नज़ारा घूम रहा था। एका एक मुझे एक आइडिया सुझा जो मैंने एक किताब में पढ़ा था। सोचा क्यों ना ट्राई मार के देखूँ। यही सोच के मैं चुप-चाप मीना चाची के कमरे में गया और नींद की चार-पाँच टेबलेट ला कर सोनिया की कोक में मिला दी। मुझे मीना चाची ने कल ही बताया था कि जब कईं बार वोह रात को चुदाई के लिये बहुत परेशान हो जाती थीं और सो नहीं पाती थीं तो वोह नींद की गोली लेकर सो जाती थीं। इतने में सोनिया भी नहा-धो कर बाहर आ गयी थी। मुझे आज तक पता नहीं चल पाया है कि लड़कियाँ और औरतें, बहन की लौड़ियाँ इतने सैक्सी कपड़े क्यों पहनती हैं कि जिससे मर्द बे-काबू हो जाये। क्या हर औरत मन ही मन यह चाहती है कि कोई उसे चोदे? सोनिया ने भी ऐसी नाइटी पहनी हुई थी जो फ़्रंट ओपेन थी और जिस से सिर्फ उसके चूत्तड़ और आधी जाँघें छिप रही थी और स्लीवलेस होने के कारण उसकी साफ चिकनी बगलें दिख रही थीं।
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नाइटी का कपड़ा इतना मोटा नहीं था, जिसके कारण उसकी छाती पर उठ रही नोकों से मालूम पड़ रहा था कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी, और जब वोह चौंकड़ी मार कर मेरे सामने पलंग पर बैठी तो मेरा तो बुरा हाल हो गया। उसकी चिकनी जाँघें और पैंटी में कसे हुए उसके चूत्तड़ और चूत की मछलियों को देख कर मेरा लंड तन गया। मैंने बड़ी मुश्किल से अपने ऊपर चद्दर डाल कर खुद को शरमिन्दा होने से बचाया। कोक पीते समय सोनिया ने बताया कि अबकी बार उसे ट्रिप में बहुत मज़ा आया और उसने अपनी सहेलियों के साथ खूब मस्ती करी। थोड़ी देर में वोह बोली, सुनील मुझे बहुत जोर से नींद आ रही है, मैं तो अपने कमरे में सोने जा रही हूँ!”

 
मैंने करीब आधा घंटा वेट करा और अपने कमरे में बिस्तर पर लेट कर अपने लंड को मीना चाची के हाई हील के सैंडल से सहलाता रहा। उसके बाद मैं उठा और सोनिया के कमरे कि तरफ गया। सोनिया ए.सी. चला के आराम से दरवाज़ा बंद करके सो रही थी। मैंने चुप-चाप दरवाज़ा खोला और कमरे में घुस गया। सोनिया बड़े आराम से बिस्तर पे पीठ के बल सो रही थी और उसकी नाइटी जो पहले से ही छोटी थी, और उठ कर उसकी नाभी तक चढ़ गयी थी, जिससे कमर के नीचे का सब कुछ दिख रहा था। उसकी पैंटी में छुपी हुई चूत के उभार साफ-साफ दिखाई दे रहे थे। मेरा तो मादरचोद लंड साला हरामी ये देख कर ही खड़ा हो गया।
 
मैंने सोनिया के पास जा कर उसके कँधे पकड़ कर थोड़ा जोर से हिलाया और बोला, दीदी देखो आपकी सहेली का फोन आया है!”
 
सोनिया को कुछ फरक नहीं पड़ा। वोह तो बस बे-खबर हो कर सोती रही। मैंने फिर भी अपने को पक्का करने के लिये फिर से उसे जोर से आवाज़ दी और हिलाया पर उसको नींद की गोली के कारण कोई असर नहीं हुआ। मैंने सबसे पहले अपने कपड़े उतारे और पूरा नंगा हो कर सोनिया की नाइटी के आगे के बटन खोलने लगा और एक-एक करके सारे बटन खोल दिये। दोस्तों, उस समय मेरे हाथ काँप रहे थे क्योंकि आज मैं इतनी हिम्मत करके सोनिया का गोरा दूधिया बदन देखने जा रहा था जिसकी पैंटी और ब्रा सूंघ-सूंघ कर खूब मुठ मारा करता था। सोनिया एक दम दूध की तरह गोरी थी और आज से पहले मैं बहुत तड़पा था उसका नंगा बदन देखने के लिये।
 
नाइटी के सारे बटन खुलते ही उसके मस्त खिलौने नंगे हो गये और मैंने देखा कि सोनिया के निप्पल भूरे नहीं बल्कि पिंक से थे। सोनिया अब सिर्फ मेरे समने एक पैंटी में लेट कर बे-खबर सो रही थी। मैंने झुक के अपने होंठ खोल के सोनिया के गुलाबी निप्पल अपने होंठों में दबा लिये और उसकी जवान, अभी तक अनछूई मस्त बत्तीस साईज़ की चूँची अपने हाथ में भर ली। मीना चाची की बड़ी-बड़ी गदरायी हुई चूचियों को दबाने के बाद जब मैंने सोनिया की चूचियाँ दबाईं, तब मालूम पड़ा कि साली लौंडिया कि चूँची क्या चीज़ होती है। ऐसा लग रहा था जैसे किसी सख्त अनार को पकड़ लिया हो। दूसरा हाथ मैंने सोनिया की पैंटी में डाल दिया और उसकी बूर को अपने हाथों से फील करने लगा। सोनिया की चूत पर मेरा हाथ टच होते ही मैं तो ऐसा गनगनाया कि मैंने सोनिया के मस्त कच्चे अनार छोड़ कर दोनों हाथों से उसकी पैंटी उतारने लगा।
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माँ कसम दोस्तों! क्या साली कुँवारी चूत थी मेरी आँखों के सामने। झूठ नहीं बोलूँगा, इच्छा तो यह करी कि उसकी टाँगें खोल के अपना लौड़ा सरका दूँ उसकी कसी चूत में, पर मीना चाची की इन्सट्रक्शन याद आ गयी। सोनिया की चूत कुँवारी होने के कारण उसकी बूर के लिप्स अभी तक खुले नहीं थे, बल्कि बड़े कायदे से एक लाईन में थे और उसके उसने भी मीना चाची की तरह अपनी चूत से झाँटें साफ कर रखी थीं। मेरा तो लौड़ा बुरी तरह से अकड़ गया था। मैं भी बिना समय गँवाये मौके का पूरा लाभ उठाना चाहता था और मैं पूरा नंगा सोनिया के ऊपर चढ़ गया। मेरा लंड एकदम सोनिया की चिकनी मखमली चूत पर लग गया था। मैंने मारे मस्ती के सोनिया के पूरे नंगे बदन को अपनी बाहों में कस कर भर लिया और उसके नरम रस भरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये और तबियत से उन्हें चूसने लगा। सोनिया की चूचियाँ इतनी सख्त थीं कि मेरी छाती में उसके निप्पल चुभ रहे थे और वो कसे हुए अनार जो मेरे सीने से लग कर थोड़े से दब गये थे, बहुत ही प्यारा सुख दे रहे थे। मेरा बदन तो मारे मस्ती के काँप रहा था, और मैंने अपने आप को थोड़ा सम्भालने के लिये एक सिगरेट जलाई और उसके ऊपर अपना लंड घिसने लगा।

 
शुरू में तो मेरी यह हालत थी कि बस अभी रस निकला, पर बड़ा कँट्रोल करने के बाद मैं अब बड़े आराम से उसकी चिकनी मखमली चूत पर अपना लंड घिस रहा था। दोस्तों! इतना मज़ा आ रहा था कि कलपना करना भी मुशकिल है। सिगरेट खतम होने के बाद मैंने अपने मुँह में उसकी चूँची भर ली और जोर-जोर से चूसना चालू कर दिया। चूचियों का टेस्ट इतना नशीला था कि इतनी देर से रोका हुआ मेरे लंड का लावा पूरा सोनिया के पेट पर निकल गया और मैं भी परवाह किये बिना सोनिया कि तन्नाई हुई चूचियाँ चुसने में लगा रहा। दोस्तों! मैंने किताबों में सिर्फ पढ़ा था कि जवान चूँची चूसने से लंड तन्ना जाता है पर मैंने तो उस समय खुद अनुभव किया कि मादरचोद मुश्किल से तीन या चार मिनट में फिर से गन्ना बन गया। मैंने उठ कर कपड़े से सोनिया का पेट साफ करा और एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर सोनिया के होंठों पर घिसने लगा। क्या सनसनाहट हो रही थी कि मेरा लंड और कस गया।
 
करीब पाँच-दस मिनट बाद मैंने सोनिया कि टाँगें खोलीं और उसकी जाँघों को चूसता हुआ अपनी जीभ उसकी कुँवारी बूर पर ले गया। मैंने भी अपनी जीभ की धार सोनिया के बूर की दरार पर खूब घीसी। बाद में जब मस्ती बढ़ गयी तब मैंने अपने होंठ पूरे चौड़े किये और सोनिया की मस्तानी चूत अपने मुँह में भर ली और चूसाई चालू कर दी। क्या मादक सुगँध आ रही थी। मैं तो जन्नत में था। करीब आधा घंटा बूर का मज़ा अपनी ज़ुबां से लूटने के बाद मैं उसकी खुली टाँगों के बीच बैठ गया और अपने लंड को एक हाथ से पकड़ कर दूसरे हाथ से अपना सुपाड़ा सोनिया की चूत के लिप्स खोल कर घिसने लगा। थोड़ी ही देर में लौड़ा इतना उबाल खा गया कि इससे पहले मैं रोक पाता सोनिया के खुले लिप्स के उपर ही मेरा लंड झड़ गया। मैंने करीब दो घँटे सोनिया के शरीर के साथ जी भर के खेला, और बाद में फिर से उसे पैंटी पहना कर और नाइटी ढँग से बंद कर के मैं बाहर आ गया और टी.वी. देखने लग गया।
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सोनिया करीब शाम को पाँच बजे उठी और उन ही कपड़ों में मेरे पास आ कर बैठ गयी और बोली सुनील शरीर बहुत दुख रहा है!”

 
मैने कहा, कोई नहीं दीदी थोड़ा सा सुस्ता लो अभी आप ट्रिप से आयी हो इसके लिये थकान ज्यादा हो गयी है!”
 
सोनिया वहीं पर मेरी जाँघों का सहारा ले कर लेट गयी और सुस्ताने लगी। थोड़ी देर बाद वो उठी और फ़्रैश होने के लिये चली गयी। शाम के साढ़े सात बज चुके थे। मैं मीना चाची के कमरे से व्हिस्की की बोत्तल ले आया और अपने लिये एक पैग बनाया और टी. वी. देखने लगा। इतने में सोनिया बाहर आयी और मुझे व्हिस्की पीते देख बोली,सुनील तुम कब से पीने लग गये, मैं पापा-मम्मी से तुम्हारी शिकायत कर दूँगी।
 
मैंने कहा, सोनिया दीदी आपकी मम्मी को मालूम है। मैं कभी-कभी उनके साथ छुप कर पी लेता हूँ। मैंने सोनिया को नहीं बताया कि उसकी मम्मी ने ही मुझे हफ़ते भर पहले पीना सिखाया है। और मेरी प्यारी दीदी आप क्या मेरी शिकायत करोगी!
 
सच में? रियली…?” तब सोनिया बड़े ही शरारती मूड में मुझसे बोली,एक शर्त है! तुम्हें मुझे भी टेस्ट करानी पड़ेगी।
 
मुझे तो जैसे मन माँगी मुराद मिल गयी। मैंने कहा चलो आप बैठो। मैं आपके लिये एक पैग बना कर लाता हूँ।
 
मैंने अंदर जा कर तीन पैग के बराबर एक पैग बनाया और बाहर आ कर सोनिया को दे दिया। सोनिया एक दम मेरे बगल में बैठी और पहला घूँट उसने ऐसे पीया जैसे कोई कोका कोला हो। पूरा आधा ग्लास एक झटके में पी गयी। फिर बोली, क्या सुनील यह तो बहुत स्ट्राँग है!”
 
मैंने कहा, कोई नहीं, आराम से एक-एक घूँट भर के पियो तब आपको मज़ा आयेगा!”
 
टी.वी. पर रोमाँटिक फिल्म चल रही थी। मैं मीना चाची के रूम से जा कर सिगरेट ले कर आ गया। सोनिया पर अब खुमारी चढ़नी चालू हो गयी थी। मैंने जब अपने लिये एक सिगरेट जलाई तो वो बोली, सुनील ये तुम्हें को क्या हो गया है, पहले शराब, फिर सिगरेट!”
 
मैंने कहा,सोनिया दीदी शराब का मज़ा दुगना हो जाता है स्मोक करने से!”
 
उसने मेरे हाथों से सिगरेट छीन कर एक जोरदार कश लगाया। पहली बार पीने के कारण उसको खाँसी लग गयी। मैं एकदम घबरा उठा और उसकी पीठ सहलाने लगा और पेट के ऊपर हाथ ले जा कर उसे पीछे आराम से सोफे पर बैठाने की कोशिश करने लगा। नाइटी का कपड़ा चिकना होने के कारण मेरे हाथ फिसल गये और उसकी पूरी लैफ्ट साइड की चूँची मेरे हाथ में आ गयी। सोनिया ने उसका कुछ बूरा नहीं माना और मैं भी उसकी चूँची दबाये हुए सोफे पर पीछे खींच लाया और बोला, सोनिया दीदी! ऐसे थोड़ी पी जाती है! देखो मैं बताता हूँ कि कश लिया जाता है!”
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सोनिया शायद खाँसी से थोड़ा घबरा गयी थी। इस कारण वो मेरी बाहों का सहारा ले कर मेरे आगोश में बैठ गयी। पहले तो मैंने उसे उसका पैग दिया और बोला, लो एक घूँट लगा लो, थोड़ा सा आराम मिलेगा और फिर एक कश लगाओ।

 
दो-तीन बार कश लगाने के बाद सोनिया को मज़ा आने लगा और बोली, सुनील मुझे एक पैग और दो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है!”
 
मैंने फिर से पहले जैसा पैग बना कर सोनिया को दे दिया। अब वो पैग और सिगरेट तो ऐसे पी रही थी जैसे कब से उसकी आदत हो और अब वो थोड़ा मस्ती में भी आ गयी थी। अचानक उसने मुझसे पूछा, सुनील! ये लंड क्या कॉकआय मीनपेनिस किसको कहते है?”
 
मैं तो सोनिया के मुँह से लंड सुन कर हक्का बक्का रह गया। मैंने कहा,आप ये मुझसे क्यों पूछ रही हो?”
 
सोनिया बोली,इसलिये पूछ रही हूँ कि मुझे हिंदी के वर्ड नहीं पता बस कॉक दिक पेनिस वगैरह ही पता है! मैंने पहले कभी इन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मेरी सहेली संजीदा ने मुझे बताया है कि अपनी पुस्सी में कॉक लेने में बड़ा मज़ा आता है। वो अपनी पुस्सी में अपने नौकर का कॉक खूब लेती है। उसका नौकर इसे लंड बोलता है! बताओ ना सुनील ये पेनिस को ही लंड कहते हैं ना? तुम्हारे पास भी तो होगा, मैं देखना चाहती हूँ!”
 
मुझे सोनिया के इस बात पर हँसी आ गयी। सोनिया काफी पढ़ाकू लडकी थी और हमेशा फर्स्ट आती थी। मैंने कहा, आप सहेलियाँ आपस में ऐसे बातें करती हो…?”
 
तो वो एकदम बोली, सुनील तुम भी एक दम अनाड़ी हो। मैंने बताया तो था सुबह कि अब की बार ट्रिप पर बहुत मज़ा आया। अबकी पहली बार हम सब ने इस तरह की बातें करी और पता है सुनील? हम चारों को एक रूम मिला था और संजीदा इतनी बदमाश है उसी ने हम सबको यह सिखाया है। वो ही रात को हमारे सारे कपड़े उतार देती और फिर कहती थी कि एक-एक करके उसके ऊपर अपना बदन घिसो। मैं सारी सहेलियों में सबसे सुंदर हूँ तो उसने मुझे अपने नीचे लिटा लिया और बोली- सोनिया तुझे तो नंगा देख कर ही किसी का भी लंड झड़ जायेगा, अब तू चुपचाप पड़ी रह और उसने मेरी पुस्सी पर अपना मुँह लगा दिया और अपनी जीभ से चाटने लगी। सुनील बहुत मज़ा आया था। सबसे सुंदर होने के कारण रोज़ तीनों मिल कर मेरे ऊपर चढ़ती थीं और मुझे चूसती थीं। आज मैं जब से सो कर उठी हूँ मेरे पूरे बदन में फिर से वैसी ही बेचैनी हो रही है जो मुझे तब होती थी जब मेरी सहेलियाँ मेरे साथ अपना बदन घिसती थीं।
 
मैंने भी सोचा कि मौका अच्छा है और सोनिया को बोला कि, मैं आपको अपना लंड दिखाऊँगा तो मुझे क्या मिलेगा?”
 
सोनिया फट से बोल पड़ी, जो तुम लेना चाहो।
 
मैने कहा, जो मैं बोलूँगा आपको मेरी बात माननी पड़ेगी और जैसे-जैसे मैं कहूँ वैसे ही आपको करना पड़ेगा। बोलो तैयार हो तो मैं अपना लंड दिखाऊँ।
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सोनिया तो एकदम उतावली हो रही थी। मैंने उसे अपने सामने खड़ा करा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और अपने दोनों हाथ उसकी पैंटी में डाल कर उसके मस्त चूत्तड़ों को दबाने लगा। सोनिया ने भी अपना मुँह खोल दिया था और मैं बड़े आराम से उसकी जीभ चूसने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने अपने हाथ उसकी पैंटी पर से हटाये और उसकी नाइटी खोल दी और उसको सिर्फ पैंटी पहने रहने दिया। मैंने भी उसको छोड़ के अपने बदन पर अंडरवीयर के अलावा सारे कपड़े उतार दिये। सोनिया को शराब के नशे में होश भी नहीं था कि मैं उसको नंगा कर चुका हूँ। बाद में मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी दरार पर अपना हाथ फेरने लगा। जैसे ही मैंने उसकी दरार पर हाथ फेरा तो सोनिया का थोड़ा सा नशा टूटा और वोह बोली, क्या सुनील तुमने मुझे तो नंगा कर दिया पर अभी तक अपना लंड नहीं दिखाया। यह बात गलत है!”

 
मैंने जल्दी से अपना अंडरवीयर उतारा और अपना मोटा तगड़ा तंदुरूस्त लंड उसके हाथों में दे दिया। सोनिया को तो मानो लकवा मार गया। वो बोली,सुनील यह इतना सख्त बड़ा और मोटा कैसे हो गया!”  
 
तब मैंने सोनिया को बड़े प्यार से अपनी जाँघों पर बिठाया और उसकी पुश्त चूचियों को अपने हाथों में भर कर बोला, मेरी प्यारी दीदी! य़े तो आपको नंगा देख कर इतना बड़ा हो गया है! आपको पता है पुस्सी में को चूत कहते हैं और चूत में जब लंड जाता है तो उसे चुदाई कहते हैं! मर्दों को जब चूत नहीं मिलती और बहुत जोश में होते हैं तो वो अपने हाथ से अपने लंड को कसकर पकड़ लेते हुए आगे-पीछे करते हैं, जिसे मुठ मारना कहते हैं। इस तरह औरते भी जब मस्ती में होती हैं तो वोह अपनी जाँघें चौड़ी करके अपनी उँगली पर थूक लगा कर अपनी चूत के दाने को खूब मसल-मसल के अपनी आग ठंडी करती हैं। कईं औरतें अपनी चूत में गाजर, केला य बैंगन डाल कर अपनी प्यास बुझाती हैं!”
 
सोनिया हंसते हुए बोली,सुनील मैं बच्ची नहीं हूँ तुमसे दो साल बड़ी हूँ और सैक्स, फकिंग और मैस्टरबेशन के बारे में जानती हूँ बस ये हिंदी के वर्ड्स मेरे लिये नये हैं मैं खुद भी कईं बार मैस्टरबेट करती हूँ मेरा पूछने का मतलब ये था कि इतना बड़ा और मोटा लंड इतनी छोटी इतनी छोटी कंट... ऑय मीन चूत... ऑय मीन चूत में कैसे जायेगा। संजीदा तो कह रही थी कि लंड सिर्फ़ पाँच-छे इंच लम्बा होता है और करीब एक डेढ़ इंच मोटा होता है!”
 
मैंने कहा, आप अभी यह मत सोचो, समय आने पर आप बड़े प्यार से अपने अंदर ले लोगी, और तरसोगी कि और मिल जाये। पर अभी आप वक्त मत खराब करो। अभी आप इसे लॉलीपॉप की तरह अपने मुँह में लेकर चूसो और जब तक मेरा जूस नहीं निकल जाता, आप इसे चूसती रहना और मेरा पूरा जूस पी जाना और मेरे मुँह पर अपनी चूत रख दो। मैं भी आपकी कुँवारी चूत का पानी पीना चाहता हूँ।
 
सोनिया को मुँह में लेने में थोड़ी सी तकलीफ हुई क्योंकि मेरा लंड मोटा था और अभी उसका मुँह छोटा था पर धीरे-धीरे सरकाने पर वो बड़े आराम से अपना मुँह ऊपर नीचे करते हुए चूसने लगी। मैंने भी सोनिया के दोनों चूत्तड़ अपने हाथों में ले लिये और उनको मसलते हुए उसकी ताज़ी जवान खुशबूदार चूत पर अपने होंठ चिपका दिये और सोनिया की तरह मैं भी उसकी चूत तबियत से चूसने लगा। करीब आधा घँटा एक दूसरे की चूसाई के बाद मेरा लंड अपनी धार उसके ताजे मुँह में देने को तैयार था और इधर सोनिया का भी मस्ती के मारे बुरा हाल था। वो अब आगे-पीछे होते हुए मेरे मुँह पर अपनी बूर जोर से घिस रही थी। मैंने उसका सिर अपने हाथ ले जा कर लंड पर दबा दिया और पिचकारी छोड़ दी। सोनिया ने भी लंड बाहर नहीं निकाला और मेरा पूरा जूस पी गयी। मैंने भी अपनी जीभ की स्पीड और बूर की चूसाई तेज़ कर दी और तभी सोनिया ने अपने मुँह से मेरा लंड निकाला और जोर से किलकारी मारते हुए मेरे मुँह में अपना जूस निकाल दिया। हम दोनों थोड़ी देर इस अवस्था में पढ़े रहे और फिर बाद में नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सोफे पर बैठ गये और स्मोक करने लगे।
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