Thread Rating:
  • 13 Vote(s) - 2.62 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
मैं जैसा वो कह रहा था वैसा करने लगी और एक राँड की तरह झटके देने लगी। मुझे खुद पे बेहद शर्म आने लगी थी। मैं एक राँड बन गयी थी... उसकी राँड… मैं क्यों नहीं रूकी… मैं रुकना नहीं चाहती थी। 

मैं अब झड़ने वाला हूँउँउँ छिनाल मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ मेरे साथ तू भी झड़ जाआआआ...!”
 
उसने कस के अपना एक हाथ मेरी कमर में डाल के एक जोर का झटका दिया और उसका लंड जैसे कि मेरे गर्भाशय तक पहुँच गया।
 
आआआहह... आआआहहह...!” वो चिल्लाया और मुझे थोड़ा सा पीछे ठेल के मेरी गाँड कार के बोनेट पे टिका दी।
 
जब उसने अपने रस की पहली धार मेरी चूत की गहराई में छोड़ दी तो उसकी पहली धार के साथ ही मैं भी झड़ गयी। आआआहहहह.... आआआघहह..ओहहह... नहींईंईंईं...!” मेरी चूत उसके लंड के आसपास एकदम सिकुड़ गयी। उसके लंड-रस की दूसरी धार भी मुझे मेरे चूत के अंदर महसूस हुई।
 
जब उसका लंड अपने रस से मेरी भूखी चूत को भर रहा था, तब वो जोर-जोर से दहाड़ रहा था और चिल्ला रहा था। वो लगातार अपना रस मेरी चूत में डाल रहा था। मेरी टाँगों में ज़रा भी ताकत नहीं बची थी और मैं अब बोनेट पे टीकी हुई थी। मेरी टाँगें और बाहें हवा में झूला खा रही थीं और उसका मोटा काला लंड मेरी चूत में अपना रस भर रहा था। वो आखिरी बार दहाड़ा और मेरे ऊपर हाँफते हुए गिर गया। वो वहाँ बोनेट पे मेरे ऊपर उसी हालत में कुछ पल पड़ा रहा और उसका लंड धीरे-धीरे मेरी चूत में से अपने आप बाहर आने लगा। उसका गरम-गरम लंड-रस मेरी चूत में से बह कर बाहर टपक रहा था।
 
मममम.... सच मुच साली तू सबसे चुदास निकली... तेरे जैसी कई औरतों को चोदा है लेकिन तेरे जितना मज़ा मुझे किसी ने नहीं दिया...!” वो हँसते हुए कहता गया और अपनी पैंट पहन के मुझे नंगी हालत में छोड़ के चल दिया।
 
मैंने तब अपने कपड़ों की खोज की। ब्लाऊज़ और पैंटी के तो उसने पहनने लायक ही नहीं छोड़ा था, फट कर चिथड़े ही हो गये थे। मैं अपना बरसात में भीग हुआ पेटीकोट पहना और फिर किसी तरह गीली साड़ी लपेटी। चूत तो अंदर नंगी ही रह गयी थी पैंटी के बिना। फिर अपना पल्ला सीने पे ले आयी। नीचे तो सिर्फ़ ब्रा थी। फिर कार मे बैठ के चल पड़ी। अच्छी बात यह थी कि उस दिन घर में कोई नहीं था। इसी लिए किसी ने मुझे उस हालत मे नहीं देखा और किसी को मेरे रेप के बारे में कुछ पता भी ना चला।
 
॥॥॥ समाप्त॥॥॥ 
[+] 5 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
Hot ? kahani thi bhai.... waiting for another story....
Like Reply
(08-09-2020, 11:47 PM)ShakirAli Wrote: Hot ? kahani thi bhai.... waiting for another story....

thanks
Like Reply
चाची की चुदाई
लेखक: सुनील जैन
 
अपने पेरैंटस के गुज़र जाने के बाद मैं अपने चाचा, चाची और उनकी बेटी (मेरी कज़िन बहन) के साथ उनके बंगले में रहता था। मेरे चाचा बहुत ही कामयाब बिज़नेस मैन थे। घर में हर तरह के सुख-साधन और लग्ज़री मौजूद थी। मेरी उम्र उस समय आठरह साल की थी और मेरी चाची बयालीस साल की थी और उनकी बेटी मुझसे एक साल बड़ी थी और अभी-अभी बीस साल पूरे करे थे और कॉलेज में पढ़ रही थी।। आपको बता दूँ की मेरी मीना चाची का गदराया बदन बहुत ही मादक और मस्त था। उसकी चूची छत्तीस साइज़ की थी और छत्तीस-सी साईज़ की ब्रा पहनती थी। पतली कमर और बहुत ही प्यारे-प्यारे मोटे-मोटे चूतड़ अढ़तीस साइज़ के थे। जिसको देख के किसी का भी लंड तन जाये। चाची की शक्ल-सूरत और जिस्म भी बिल्कुल नीता अंबानी जैसा था।
 
मेरी कज़िन बहन, सोनिया जो बस जवान ही हुई थी, एकदम अपनी माँ की तरह मस्त दिखने लगी थी। जब वो स्कर्ट पहनती थी तो मैं हमेशा कोशिश कर के उसके सामने ही बैठा करता ताकि मुझे उसकी चिकनी जाँघें और पैंटी में कसी चूत का उभार और चूतड़ दिखें। मैं हमेशा इस फिराक में रहता था की मुझे एक बार अपनी मीना चाची और सोनिया पूरी नंगी देखने को मिल जायें।
 
मीना चाची शिक्षित और काफी आधुनिक थी और और किट्टी पार्टियों और कुछ चैरिटबल संस्थाओं से भी जुड़ी हुई थी। शराब-सिगरेट का सेवन भी करती थी। मीना चाची ज्यादातर साड़ी या सलवार-सूट पहनती थी लेकिन कभी-कभार जींस, स्कर्ट वगैरह जैसे वेस्टर्न कपड़े भी पहनती थी। जब शाम को चाची साड़ी में बैठ कर व्हिस्की पीती थी और स्मोक करती थी तो मेरा लंड कस कर अकड़ जाता था। दोस्तों आपने कभी साड़ी वाली औरत को व्हिस्की और सिगरेट पीते हुए देखा है की नहीं? इतना मस्त सीन होता है की इच्छा करती है की वहीं साली की साड़ी उठा के लंड पेल दें। मैं उन दोनों माँ-बेटी को सिर्फ देख कर ही मस्त हो जाता था और बाथरूम में जा कर उनकी उतरी हुई ब्रा और पैंटी, जिस में से उनकी मस्त चूत और चूची की खुशबू आती थी और कभी उनकी की ऊँची ऐड़ी वाली सैंडल जिन में से उनके पैरों के पसीने की महक आती थी, खूब सूँघता हुआ मुठ मारता था। मीना चाची की पैंटी में हमेशा मादक सूगंध आती थी और सोनिया की पैंटी में उसकी ताजी चूत की खुशबू मैं सूँघता था और उनकी ब्रा, पैंटी और सैंडलों को चाट-चाट कर अपने लंड को ठंडा करता था।
 
एक दिन की बात है, मेरा लंड रात को अचानक खड़ा हो गया और मेरी इच्छा हुई की मैं मीना चाची के बाथरूम में जा कर उनकी पैंटी और ब्रा सूँघ कर मुठ मारूँ। मैं चुप-चाप बाथरूम की ओर जाने लगा तो मुझे मीना चाची के कमरे से हल्की सी लाइट और कुछ आवाज़ सुनाई दी। मैं भी धड़कते दिल से चाची के दरवाजे से कान लगा कर सुनने लगा। अंदर मीना चाची चुदाई में मस्त हो कर चाचा को बहनचोद और मादरचोद की गालियाँ दे रही थी। इतनी सफिस्टिकेटिड और पढ़ी-लिखी चाची के मुँह से ऐसी गंदी गालियाँ सुनकर मुझे विश्वास ही नहीं हुआ।
[+] 3 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
मुझसे रहा नहीं गया। मैंने सोचा यह मौका है जब मैं मीना चाची को पूरा नंगा और चुदते हुए देख सकुँगा और मैं सीधा बालकोनी की ओर गया क्योंकि मुझे मालूम था वहाँ की खिड़की पर पर्दा नहीं है और वहाँ से मुझे सब दिखाई देगा। मैं चुपचाप दबे पैरों से बालकोनी में गया और अंदर का सीन देख कर तो मुझे जैसे मन की इच्छा मिल गयी। मीना चाची अपनी दोनों टांगों को फैला कर लेटी हुई थीं और एक हाथ से सिगरेट पी रही थीं और चाचा उनकी चूत में भीड़ा हुआ था।

 
मीना चाची नशे में थी और कह रही थी, मादरचोद कभी तो मेरी चूत को ठंडा करा कर, बस भोंसड़ी वाले अपना लंड डाल कर अपने आप को ठंडा कर लेता है। आज मादरचोद अगर तूने मेरी चूत को ठंडा नहीं किया तो मैं बज़ार में रंडी बन कर चुदवाऊँगी।
 
चाचा भी अपनी और से पूरी ताकत लगा रहा था और कह रहा था कि साली रंडी कितना चोदता हूँ तुझे पर तेरी चूत की प्यास ही खत्म नहीं होती और तेरा बदन इतना मस्त है की चार पाँच शॉट में ही मेरा लंड झड़ जाता है और इतना बोलते-बोलते ही चाचा अपना लंड मीना चाची की चूत में झाड़ कर लुड़क गये।
 
मीना चाची बोलती रहीं कि पता नहीं कब मेरी चूत की प्यास ठंडी होगी, ये गाँडू तो मुझे ठंडा ही नहीं कर पाता है।
 
चाचा और चाची को इस तरह गंदी भाषा में गालियाँ देते हुए बातें करते सुनकर मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया था। मेरी बड़ी इच्छा करी कि मैं अंदर जाऊँ और मीना चाची को पकड़ कर खूब चोदूँ।
 
मैं अपना लंड हाथ में पकड़ कर वापस अपने कमरे की और चल दिया। रास्ते में सोनिया का कमरा पड़ता था। चाची की चुदाई देखने के बाद मेरा लंड फड़फड़ा रहा था। पता नहीं मैं किस ख्याल में सोनिया के कमरे में घुस गया। मुझे जब ध्यान आया तो मैंने अपने आप को सोनिया के बिस्तर के पास खड़ा पाया। सोनिया इस समय अपनी नाईटी में आराम से सो रही थी जो उसके चुतड़ों को सिर्फ़ आधा ढके हुई थी। मेरे सामने अभी भी मीना चाची की चुदाई का सीन चल रहा था और इसी गर्मी में मैंने देखा कि सोनिया की मस्त चिकनी-चिकनी टाँगें और फुले हुए चूतड़ जो उसने पैंटी में छुपाये हुए थे। मुझ से रहा नहीं गया और मैं बिस्तर के साइड में हो कर उसकी चिकनी टाँगों को अपने होठों से चूमने लगा, और धीरे-धीरे उसकी गाँड की दरार में अपने होंठ और नाक रख दी। जिस चूतड़ की खुशबू मैं पैंटी में सूँघता और चाटता था वही चूतड़ आज मैं असली में सूँघ रहा था और अपने होंठों से किस कर रहा था। इतने में सोनिया कुछ कुनमुनाई और मैं डर के मारे चुप चाप कमरे से निकल गया।
[+] 3 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
उसके बाद मैं बाथरूम गया और मीना चाची की पैंटी और ब्रा अपने रूम में ला कर सूँघते और चाटते हुए खूब मुठ मारी, और मैंने इरादा किया की एक बार मैं मीना चाची के साथ ट्राई तो मार के देखूँ, क्या पता, प्यासी चूत है, अपने आप ही मुझे चोदने को दे दे। मुठ मारते-मारते मैं मीना चाची की ब्रा अपने होंठों से लगा कर सो गया।

 
अगली सुबह में मीना चाची ने मुझे झकझोड़ के जगाया और बोली, सुनील आज स्कूल क्यों नहीं गया? देख सुबह के दस बज रहे हैं, तेरे चाचा को तो आज सुबह महीने भर के लिये युरोप और अमेरिका जाना था, वो तो कभी के चले भी गये और सोनिया भी अपनी कालेज ट्रिप के साथ जयपुर चली गई है, मैं भी थक रही हूँ, तू नहा धो के नाश्ता कर ले तो मैं भी थोड़ा लेटूँगी।
 
मैंने जल्दी से उठ कर सबसे पहले मीना चाची की पैंटी और ब्रा ढूँढी पर मुझे कहीं नहीं मिली। मेरी तो डर के मारे सिट्टी पिट्टी गुम हो गई, और मैं सोचने लगा की अगर चाची को पता पड़ गया तो चाची मेरी खूब पिटाई करेंगी।
 
मैं चुपचाप अपने सारे काम पूरे करके टीवी देखने बैठ गया और उधर चाची मुझे नाश्ता देकर अंदर जा कर लेट गयीं। थोड़ी देर बाद आवाज दे कर मुझे अपने कमरे में बुलाया, और बोली सुनील मेरा जरा बदन दबा दे।
 
उस समय मीना चाची सिर्फ़ ब्लाऊज़ और पेटीकोट में थीं और कहने के बाद पेट के बल हो कर उल्टी लेट गई। मीना चाची ने अपने ब्लाऊज़ का सिर्फ़ एक हुक छोड़ कर सारे हुक खोले हुए थे और अपना पेटीकोट भी कुछ ज्यादा ही नीचे कर के बाँधा हुआ था जिस से उनकी गाँड की दरार साफ नज़र आ रही थी। मेरे सामने वो चूतड़ थे जिसे सिर्फ़ देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मीना चाची तो अपना पूरा बदन मेरे को दिखाते हुए मसलने को कह रही थी। मैं बिना देर करे चुपचाप चाची के साईड में बैठ कर धीरे-धीरे उनका बदन दबाने लगा, उनके चिकने बदन को छूते ही मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया और मैं डरने लगा की कहीं मीना चाची को पता नहीं चल जाये। जब पेटीकोट के ऊपर से मीना चाची के चूतड़ दबाये तो लंड एक दम मस्त हो गया। पेटीकोट के ऊपर से ही मीना चाची के चूतड़ दबा कर मालूम पड़ गया था कि गाँड वाकय में बहुत गदरायी हुई और ठोस थी।
[+] 3 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
थोड़ी देर बाद चाची बोली, अरे सुनील, जरा तेल लगा कर जोर से जरा अच्छी तरह से मालिश कर।

 
मैंने कहा, चाची तेल से आपका ब्लाऊज़ खराब हो जायेगा, आप अपना ब्लाऊज़ खोल दो।
 
मीना चाची बोली, सुनील मैं तो लेटी हूँ, तू मेरे पीछे से ब्लाऊज के हुक खोल के साईड में कर दे।
 
मैं जिस मीना चाची को नंगा देखने को तरसता था और जिसकी ब्रा सूँघता था, मैंने बड़े धीरे-धीरे से उनके ब्लाऊज के हुक खोले और अब चाची की नंगी पीठ पर सिर्फ़ काली ब्रा के स्ट्रैप दिख रहे थे। मैंने थोड़ा सा तेल अपने हाथों पर लेकर चाची की पीठ पर मलना चालू किया पर बार-बार चाची की काली ब्रा के स्ट्रैप दिक्कत दे रहे थे। मैंने मीना चाची को बोला कि चाची आपकी पूरी ब्रा खराब हो रही है और मालिश करने में भी दिक्कत हो रही है।
 
तब मीना चाची बोली कि तू मेरे ब्रा के स्ट्रैप खोल दे।
 
मीना चाची के मुँह से यह सुन कर मेरा लंड तो झटके लेने लगा। मैंने भी बड़े ही प्यार से ब्रा के हुक खोल दिये। पहली बार इतने पास से मैं मीना चाची की चिकनी सुंदर पीठ देख रहा था। मैं उस नंगी पीठ पर धीरे-धीरे तेल से मालिश करने लगा।
 
थोड़ी देर बाद मीना चाची बोली, सुनील जरा मेरे नीचे भी मालिश कर दे।
 
मैंने कहा, चाची कहाँ करूँ?” तो मीना चाची बिना किसी शरम के बोलीं की मेरे चुतड़ों की और किसकी।
 
मैंने भी सोचा मौका अच्छा है और मैंने कहा, पर उसके लिए तो आपका पेटीकोट उतारना पड़ेगा।
 
तब चाची बोली, जा कर अच्छे से पहले दरवाजा बंद कर आ।
 
मैं जल्दी से जाके दरवाजा बंद कर के आया तो देखा मीना चाची पहले से ही अपना पेटीकोट उतार कर पिंक पैंटी और काली ब्रा को अपने हाथों से दबाय, पेट के बल उल्टी बिस्तर पर लेटी हुई थीं। मैंने तेल लेकर धीरे-धीरे चाची की मस्त टाँगों की और उन मस्ताने गदराये चूतड़ों की मालिश चालू कर दी। मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था की वो मीना चाची जिसका नाम लेकर मैं रात भर मुठ मारता था, एक दिन ब्रा और पैंटी में मेरे समने लेट कर मेरे हाथ से अपनी मालिश करवायेंगी।
[+] 4 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
मालिश करते-करते जब मैं मीना चाची की जाँघों पर पहुँचा तो मेरे हाथ बार-बार पैंटी के ऊपर से मीना चाची की कसी हुई चूत की मछलियों से टच हो रहे थे जो मुझे एक अजीब तरह का आनन्द दे रहे थे। मुझे पता नहीं क्या सूझा, मैंने मीना चाची की पैंटी के साइड से अपनी एक उंगली धीरे-धीरे अंदर डाली और मीना चाची की चूत पर उंगली फेरने लगा। मीना चाची की चूत एक दम बिना बाल की थी और उसकी साफ़्टनैस से मालूम हो रहा था की चाची शेव नहीं बल्कि हेयर रिमूवर से अपनी चूत के बाल साफ़ करती थीं।

 
तभी अचानक चाची सीधी हुई और अपनी काली ब्रा को छोड़ के एक चाँटा मेरे गाल पर मार दिया और बोली, मादरचोद, तुझे शरम नहीं आती मेरी चूत में उंगली डालते हुए।
 
जब मीना चाची उठी उस समय उन्हें अपनी काली ब्रा का ध्यान नहीं रहा और ब्रा के हुक पहले से ही खुले होने के कारण चाची की वो मस्त गोरी-गोरी चूचीयाँ जिसपे भूरे रंग के बड़े से निप्पल थे, मेरे सामने पूरी नंगी हो गई और मैं चाँटे की परवाह किये बिना मीना चाची की मस्त चूचीयाँ देखता रहा। मीना चाची ने भी उन्हें छुपाने की कोई कोशिश नहीं की, बल्कि एक और चाँटा मारते हुए बोलीं, मादरचोद, बहन के लौड़े, तू मुझे क्या चूतिया समझता है, कल रात को मेरी पैंटी और ब्रा तेरे तकिये पर कैसे पहुँच गई, बता सच-सच मदरचोद मेरी पैंटी और ब्रा के साथ क्या कर रहा था?”
 
मीना चाची ने इस तरह की भाषा में मेरे साथ पहले कभी बात नहीं की थी और इस वक्त उनका गुस्सा देख कर मैंने डरते-डरते बताया कि, कल रात को जब चाचा आपको प्यार कर रहे थे, उस समय मैंने आपको देखा था और पता नहीं आप उस समय इतनी सुंदर लग रही थीं कि बाथरूम में जा कर आपकी पैंटी और ब्रा लेकर अपने बिस्तर पर आ गया और आपकी पैंटी और ब्रा को सूँघते हुए और चाटते हुए अपने हाथ से मैंने खूब मुठ मारी।
 
इस पर चाची ने एक चाँटा और मारा और बोलीं, बहनचोद मुझे तो तूने नंगा देख लिया चुदवाते हुएअब तू अपने कपड़े उतार के मेरे समने पूर नंगा हो के दिखामैं देखूँ तो सही आखिर तेरी लुल्ली है या लंड!”
 
उस समय चाची की चूचियाँ देख कर मेरा लंड पूरा तना हुआ था। मीना चाची ने आगे बढ़ कर अपने लिये एक सिगरेट जलाई और मेरा पायजामा खोल दिया और मेरा सढ़े आठ इंच लम्बा और ढाई इंच मोट लौड़ा मीना चाची की आँखों के सामने झूलने लगा। मीना चाची की आँखें फैल गयीं और वोह बस इतना ही बोली, मादरचोद! इंसान का लंड है की घोड़े का अभी तक कहाँ पर छुपा के रखा थापहले क्यों नहीं दिखायाइस लंड को देख कर तो कोई भी औरत नंगी हो कर अपनी चूत उछाल- उछाल कर चुदवायेगी!”
[+] 5 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
ये बालते-बालते मेरे लंड को चाची ने अपने हाथ में ले लिया और बड़े प्यार से अपना हाथ आगे-पीछे करते हुए उसे देखने लगी। दोस्तों पहली बार जब कोई औरत आपका लंड पकड़ती है और जो मस्ती बदन में चढ़ती है वोह मैं आपको बता नहीं सकता। मेरी ज़िंदगी में वोह पहली औरत का स्पर्श था जो मेरे लंड को मिल रहा था, और वो भी उस औरत का जिसको याद कर-कर के मैं कितनी बार मुठ मार चुका था। इस से पहले कि मैं कुछ बोल पाता, मेरे लंड से पिचकारी निकली और मीना चाची के होंठों और नंगी चूचियों पर जा कर पसर गयी।

 
मीना चाची अब बड़े प्यार से बोलीं, माँ के लौड़े! बहनचोद! तू तो एकदम चूतिया निकला मैं तो समझ रही थी की मेरी ब्रा खोल कर और मुझे पैंटी में देख कर शायद तू मेरे साथ जबर्दस्ती करके मेरी चुदाई करेगापर मुझे तू माफ कर दे, जब तूने मुझे अपनी बाहों में लेकर चोदा नहीं तो मैंने गुस्से में तेरी पिटाई कर दीपर क्या करूँ इतने साल हो गये हैं मेरी चूत को ठंडा हुएरोज़ अपने आप ही वाइब्रेटर डाल कर ठंडी करती हूँ पर असली मर्द से चुदने की ख्वाहिश मन में ही रह जाती है! आज जब मैं सुबह तेरे कमरे में गयी और अपनी पैंटी और ब्रा से तेरा मुँह ढका पाया तो मैं समझ गयी की तू मेरे सपने देख कर मुठ मारता हैइसी बहाने से मैंने आज तुझे मसाज के लिये बुलाया था, पर तेरा घोड़े जैसा लंड देख कर तो मैं पागल हो गयी हूँऐसे लंड के तो मैं सिर्फ़ सपने ही देखती थीऔर तू भी अब चूत लेने के लिये तैयार हैचल आज से सपने देखना बंद करऔर बता अपनी चाची की चूत चोदेगा?”
 
मेरे तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गयी। मैं पहले तो हक्का बक्का खड़ा रहा और बाद में मैंने कुछ झिझकते हुए उन ही के अंदाज़ में कहा,चाची! जब से मेरा लंड खड़ा होना चालू हुआ है तब से मैंने सिर्फ़ आपको याद कर के मुठ मारी हैमैं हमेशा ही आपको सपने में बिना कपड़ों के नंगी, सिर्फ़ ऊँची हील्स वाली सैंडल पहने हुए इमैजिन करता था और आपके मोटे चूतड़ और चूचीयों को इमैजिन करता था, मैंने मुठ तो बहुत मारी है पर मुझे चोदना नहीं आता, तुम बताओगी तो मैं बहुत प्यार से मन लगा कर तुमको चोदूँगा!”
 
चाची बोलीं, सुनील अब तेरा लंड देखने के बाद ही मैं तो तेरी हो गयी और चुदाई तो मैं खूब सीखा दूँगीपर तुझे मेरी हर बात माननी होगी और अगर तूने मुझे मस्त कर दिया तो मैं तुझे जो तू इनाम माँगेगा तुझे दूँगी और ध्यान रहे ये बात किसी को मालूम नहीं होनी चाहिए!”
[+] 4 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
अब हम दोनों के बीच कोई शरम या पर्दा नहीं रह गया था। चाची ने कहा, आज से तू और मैं जब भी अकेले होंगेतू मुझे सिर्फ़ मीना बुलाना और अब मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरे होंठ चूसते हुए मेरे चूतड़ मसल!”

 
मैंने भी इतने दिनों की मुठ मारने के बाद मिला चाची का नंगा बदन अपनी बाहों में पकड़ कर उठा लिया और नंगी मीना चाची को अपनी बाहों में भर कर उनके नरम-नरम होंठों को अपने मुँह से चूसने लगा। बता नहीं सकता कि मैं उस समय किस जन्नत में था, और अपने हाथ पीछे ले जा कर उनकी पैंटी में डाल कर उन मतवाले चूतड़ों को दबाने लगा। जब मैं पेटीकोट के उपर से दबा रहा था, मुझे उस समय ही मालूम हो गया था कि मीना चाची के चूतड़ बहुत ही तगड़े और मस्त हैं, और अब जब उनके नंगे चूतड़ पकड़े तो हाथों में कुछ ज्यादा ही जान आ गयी और मैं कस-कस कर मसलने लगा।
 
मीना चाची ने भी मुझे अपनी बाहों में कस कर पकड़ रखा था जिस से उनकी माँसल चूचियाँ मेरे सीने से लग कर मुझे गुदगुदा रही थी। थोड़ी देर एक दूसरे को चूसने के बाद मीना चाची मुझ से अलग हुई और अपनी अलमारी खोल कर व्हिस्की की बोतल निकाल कर बोली, जब तक सोनिया वापस नहीं आती तेरी चुदाई की क्लासिज़ चालू और अब तू हफते भर मेरी क्लास अटेंड करेगा!”
 
इतना कह कर मीना चाची ने दो ग्लास में शराब डाली और दो सिगरेट जला लीं और एक मुझे देते हुए कहा, जो मैं बताऊँ वैसे ही करना!”
 
लेकिन चाची मैंने कभी स्मोक या ड्रिंक नहीं की है! मैं थोड़ा हैरान होते हुए बोला।
 
मादरचोद... नहीं की है तो आज कर ले... चुदाई भी तो तूने पहले कभी नहीं की है... मज़ा आयेगा.. बिलीव मी! चाची बोली।
 
उसके बाद मीना चाची एक हाथ में व्हिस्की का ग्लास और एक में सिगरेट पकड़ कर मेरे सामने आई और बोली, बहन के लौड़े! तू मुझे हाई हील के सैंडलों में इमैजिन करता है ना, चल अब अपने हाथों से मेरे पैरों में सैंडल पहना और फिर मेरा पेट चूमते हुए मेरी पैंटी उतार और पीछे से मेरी गाँड के छेद में उंगली डाल और धीरे-धीरे से अपने मुँह से मेरे पेट को चूमते हुए मेरी बूर के ऊपर ला कर मेरी चूत को अभी सिर्फ़ ऊपर से ही चूस। मैं तुझ से नाचते हुए अपनी चूत चुसवाँऊगी, बाद में जब तू अपनी ड्रिंक और सिगरेट खतम कर लेगा तब तुझे बताऊँगी की औरतें अपनी चूत का पानी मर्दों को कैसे पिलाती हैं।
[+] 4 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
मैं तो उस समय कुछ बोलने की हालत में ही नहीं था। मैं तो बार-बार यही सोच रहा था की मैं कोई सपना तो नहीं देख रहा हूँ। जिस औरत को नंगा देखना और चोदना मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा मकसद था वो ही औरत मेरी बाहों में नंगी मुझ से चुदवाने के लिये मचल रही है। खैर, मैंने मीना चाची के आदेश अनुसार उनके गोरे-गोरे नरम पैरों को चूम कर उनको चार इंच ऊँची पेन्सिल हील्स वाले सैण्डल पहनाये। आज तक मैं चाची के सैक्सी सैण्डलों को चूम-चूम कर और अपने लंड पे रगड़-रगड़ कर मुठ मारता था पर आज वही नंगी चाची के सैण्डलों में बँधे पैरों को मैं चूम रहा था और इस का सीधा असर मेरे लंड पे हो रहा था। 

फिर मैं मीना चाची के बताय तरीके से उनको अपनी बाहों में भर कर चूमने और पैंटी उतारने लगा। मीना चाची अपने चूतड़ हिला-हिला कर अपनी ड्रिंक और सिगरेट पी रही थी और जब मेरे होंठ मीना चाची की चूत के उभार पर टच हुए तो मीना चाची ने कस कर मेरा सर पकड़ा और चूत के उभार पर दबा दीया। वो मीठी-मीठी सितकारियाँ भरने लगी और बोली, सुनील तुझे मैं ज़िंदगी का इतना प्यार दूँगी की जब तू अपनी बीवी को चोदेगा तो हमेशा मेरी ही चूत याद करेगा!”

 
मैं भी मन लगा कर मीना चाची की चूत की दरार पर और उभार पर जीभ फेरने लगा। थोड़ी देर बाद मीना चाची के चूतड़ों में एक कंपन आया और मेरा सर जोर से दबाते हुए अपनी चूत का पानी बहार छोड़ दिया। उसके बाद मेरी बगल में बैठ गयी और बोली, सुनील! आज पहली बार ऐसा हुआ है की मैं अपनी चूत चुसवाते हुए झड़ी हूँ!”
 
मीना चाची की आँखें शराब और ओरगैज़्म के कारण नशीली हो रही थी। उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और चोंकते हुए बोली, हाय-हाय सुनील! यह क्या हाल कर रखा है तूने अपने लंड कातन कर एक दम फटने को हो रहा हैमेरे प्यारे सुनील! लंड को इतना नहीं अकड़ाते की लंड फट ही जाये और वैसे भी आज से यह लंड अब सिर्फ़ मेरा हैचल थोड़ा तेरे लंड को ढीला कर दूँफिर तुझे आराम से अपनी चूत का पानी पिलाऊँगी!”
 
इसके बाद मीना चाची ने मुझे एक छोटा सा पैग और दिया और एक-एक सिगरेट जला कर मेरे बदन से चिपट गयी, और मुझे खींच कर बिस्तर पर टाँगें सीधी कर के पीठ के सहारे बिठा दिया और बोली, चल अब तू आराम से अपनी ड्रिंक और सिगरेट पी…!” और फिर मेरा लंड पकड़ कर कहा, मैं लंड की ड्रिंक और सिगरेट बना कर पीयुँगी और तेरी मस्ती निकले तो निकाल दियो मेरे मुँह मेंलंड चूसना किसे कहते हैं अब मैं तुझे वो बताऊँगी!”
 
इतना कह कर मीना चाची ने अपने रसीले होंठ मेरे लंड के सुपाड़े पर रख दिए जो कि तन कर एक दम लाल टमाटर की तरह हो रहा था और फिर धीरे-धीरे मेरे लंड को अपने मुँह के अंदर जीभ फिराते हुए सरकाने लगी। मुझे नहीं मालूम औरतों को लंड चूसते हुए कैसा लगता है पर मैं इतना बता सकता हूँ की कोई भी मर्द मादरचोद अपना लंड चुसवाने के बाद बिना चूत लिये रह नहीं सकता, चाहे उसे उसके लिये कुछ भी क्यों ना करना पड़े। मेरे उपर तो उस समय मीना चाची के नंगे बदन का नशा, व्हिस्की का नशा, सिगरेट का नशा और मीना चाची से लंड चुसवाने का नशा ऐसा छाया हुआ था की जैसे मैं किसी और दूसरी दुनिया में हूँ। ये चारों ही नशे ज़िंदगी में पहली बार मैं अनुभव कर रहा था।
[+] 4 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
पहले तो मीना चाची बड़े प्यार से अपना मुँह उपर नीचे सरका-सरका कर मुझे लंड चुसाई का मज़ा देने लगी। मेरा पूरा लंड मीना चाची के मुँह में समा नहीं पा रहा था पर वो बहुत तबियत से मेरी आँखों में आँखें डाल कर चूस रही थी। मेरा तो मस्ती के मारे बुरा हाल था। मैने मीना चाची का सिर कस कर अपने हाथों में पकड़ लिया और हाथ से उनका सिर उपर नीचे करने लगा और नीचे से अपने चूतड़ उछाल- उछाल कर मीना चाची के मुँह में ही शाट देने लगा और जब मैं झड़ा तो मैंने कस कर मीना चाची का सिर पकड़ कर नीचे से एक शाट लगाया जिस से मेरा लंड सीधा मीना चाची के गले में जा कर फँस गया और उस समय मेरा पूरा साढ़े आठ इंच और ढाई इंच मोटा लौड़ा जड़ तक मीना चाची के मुँह में घुसा हुआ था और मेरी झाँट के बाल मीना चाची की नाक में घुस रहे थे। जब मैं शाट लगा कर मीना चाची के गले में अपना लंड फँसाकर झड़ रहा था उस समय मीना चाची बूरी तरह छटपटा रही थी और मुझ से दूर जाने की कोशीश कर रही थी पर मैंने भी कस कर उन का सिर पकड़ा हुआ था और जब तक मेरे पानी की आखिरी बूँद नहीं निकली, मैंने मीना चाची का सिर नहीं छोड़ा

मीना चाची वाकय में बहुत चूदास औरत थी। इतनी तक्लीफ होने के बाद भी मेरे लंड का सारा पानी चाट-चाट कर पी गयी और एक भी बूँद बाहर नहीं गिरने दी। मीना चाची ने मेरा झड़ा हुआ लंड अपने मुँह से बाहर करा तो मैं बोला, चाची आई एम सारी! पर यह मेरा पहली बार था इसलिये मैं अपने आप को कंट्रोल बाहर कर पाया!”

 
मीना चाची ने मेरे होंठ चूमते हुए कहा, डार्लिंग तू सिर्फ़ मुझे मीना बोल और मादरचोद मैं इसी तरह तो अपन बदन रगड़वाना चाहती हूँकसम से आज पहली बार लंड चूसने का असली मज़ा मिला है। ऐसा प्यारा और तगड़ा लंड हो तो मैं ज़िंदगी भर चूसती रहूँ!”
 
लंड चुसवाने के बाद मैं भी थोड़ा सा मस्त हो चूका था। मैंने कहा, क्यों मीना चा... मेरा मतलब सिर्फ़ मीना... तुम्हारा इतना चुदास बदन हैतुमने शादी से पहले किसी से चुदवाया या नहीं?”
 
मीना चाची बड़े दुख से बोली अरे नहीं रे, मेरे पास अपनी चूत फड़वाने के और नए-नए लंड लेने के मोके तो बहुत थे पर मैंने सोचा हुआ था के मैं अपनी चूत सुहाग रात वाले दिन ही अपने हसबैंड को दूँगी। पर मुझे क्या पता था की मेरी किस्मत में ऐसा गांडू लिखा हुआ है। अगर मुझे पता होता तो मैं शादी से पहले जम कर अपनी चूत का मज़ा उठाती। तेरे चाचा का सिर्फ़ पाँच इंच लम्बा और एक इंच मोटा है और बस पाँच-छ: धक्के में ही झड़ जाता है और गांडू की तरह मेरी चूचियों पर उल्टा लेट कर सो जाता है!”
[+] 4 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
इतना कह कर मीना चाची बिस्तर से उठीं और अलमारी से नौ इंच लम्बा वाइब्रेटर लेकर आयी और बोली, अभी तक तो मेरा असली हसबैंड ये ही है जिस से मैं अपनी चूत की आग बुझाती हूँ। तेरे चाचा के अलावा तू पहला लड़का है जिस से मैं अपना नंगा बदन चुदवाऊँगीबस तू मेरा साथ मत अलग करना!”

मीना चाची कहते-कहते बहुत भावुक हो गयी थीं। मैंने मीना चाची को अपनी बाहों में भर लिया और एक दम फ़िल्मी डाय़लोग मारते हुए बोला, मीना डार्लिंग आज से मैं तुम्हारे जिस्म की भूख को शाँत करूँगा और जब तुम कहोगी उसी समय अपना लंड तुम्हारी सेवा में हाज़िर कर दूँगा! आज से तुम्हारे दुख के ओर वाइब्रेटर के दिन बीत गये। आज से तुम सिर्फ़ इस असली लंड का मज़ा लो…!” और इतना कह कर मीना चाची को दबा दबा कर उसके रसीले होंठ चूसने लगा। 
 
मीना चाची की चूचियों का दबाव पाकर और उनकी मस्त मोटी-मोटी जवानी सीने से लगा कर मेरा लंड फिर से पूरा तन गया था। मीना चाची बोली, भोसड़ी के! तेरा लंड है की मस्त गन्नादेख तो सही कैसे खड़ा हो कर लहरा रहा है!”
 
मैंने कहा, मीना यह तो फिर से तुम्हारे होंठों को ढूँढ रहा है चुसाने के लिये।
 
मीना चाची बोली,सुनील! गन्ना तो मैं अबकी बार अपनी चूत में ही चूसूँगी, पहले तो मुझे अपनी सिगरेट और ड्रिंक आराम से पीने दे और तू अपनी ड्रिंक मेरी चूत से निकाल कर पीआ जा सुनील आज तुझे औरतों की चूत पीना सिखा दूँ!”
 
इतना कह कर मीना चाची अपने चूतड़ आराम से बिस्तर पर टिका कर बैठ गयी और अपनी दोनों टाँगें खोल कर पैंटी में कसी हुई चूत की मछलियों को दिखाने लगी। जब भी मैं मीना चाची और सोनिया की पैंटी सूँघता था तो बहुत ही मादक खुशबू आती थी। मैं भी देखना चाहता था की आखिर वो आती कहाँ से है।
 
इतने में मीना चाची बोलीं, चल मादरचोद! मेरी टाँगें और जाँघें चूमते हुए मेरी पैंटी उतार और मेरी चूत में अपना मुँह लगा कर ऐसे चूस जैसे आइसक्रीम चूसता है और फिर अपनी जीभ को मेरी दरार के अंदर डाल और खूब घुमा-घुमा कर मेरी चूत को अंदर तक चाट, याद रहे चूसाई और चटाई तब तक चलती रहे जब तक मैं तुझे मना नहीं करूँ और इस दौरान अगर मेरी चूत से मेरी मस्ती निकले तो उसे अपनी ड्रिंक समझ कर चाट कर पी जाना!”
[+] 4 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
बड़ा ही सैक्सी सीन था। मीना चाची बिल्कूल नंगी, सिर्फ़ पैंटी और सैक्सी सैंडल पहने, एक हाथ में ड्रिंक और एक हाथ में सिगरेट लेकर स्मोक कर रही थीं। उनके मस्त मम्मों पर उनके भूरे-भूरे निप्पल ऐसे दिख रहे थे कि जैसे कह रहे हों कि आजा… आज जी भर के मज़ा ले ले… बहुत मुठ मार ली तू ने… और फिर चाची ने अपनी चिकनी मस्त टाँगों को फैला दिया। मैंने भी झुकते हुए मीना चाची की मस्त जाँघों को बारी-बारी चूमते हुए खूब चाटा, और फिर मस्ती में पहली बार मीना चाची की पैंटी के उपर से ही उनकी चूत की दरार को चाटने लगा। मेरे होंठ मीना चाची की चूत पर लगते ही मीना चाची मस्ती में आ गयी और बोली, सुनील अब जल्दी से मेरी पैंटी उतार के मेरी मस्त जवानी चूस ले, मदरचोद इतना मज़ा दूँगी कि किसी औरत ने आज तक किसी मर्द को नहीं दिया होगा!” 

मैं बड़े प्यार से मीना चाची की पैंटी धीरे-धीरे उनकी चूत से सरकाते हुए उतारने लगा। मीना चाची ने अपने चूतड़ हवा में उठा दिये थे ताकि मैं जल्दी से उनकी पैंटी उतार कर चूसना चालू करूँ। मीना चाची शायद यह नहीं जानती थी कि यह मेरे लिए किसी सुहाग रात से कम नहीं थी, और अपनी प्यारी दुल्हन का मुखड़ा, जिसके कारण ना जाने मैंने कितनी बार अपने हाथ से अपने लंड का पानी गिराया था, आराम से पैंटी उतार कर इत्मीनान से देखना चहता था।

 
मीना चाची बोली, देख ले सुनील! जी भर के देख मेरी चिकनी चूत कोपता है मैं अपनी चूत शेव नहीं करती क्योंकि उस से चूत थोड़ी सी खुरदरी हो जाती हैबल्कि हेयर रिमुवर से बाल साफ़ करती हूँ ताकि मेरी चूत हमेशा मुलायम और चिकनी रहे।
 
मैं देर तक मीना चाची की चूत को देखता रहा और अपनी हथेली फेरता रहा। कुछ देर बाद मीना चाची बोलीं, देख सुनील इतना नहीं तरसाते मेरे भोसड़े में आग लग रही हैजल्दी से चूसके ठंडी कर दे।
 
मैंने भी अब ज्यादा रुकना मुनासिब नहीं समझा और अपने होंठ मीना चाची की चूत के गुलाबी होंठों पर रख दिये। मीना चाची ने एक गहरी सितकारी लेते हुए मेरे सर को अपनी चूत पे दबा लिया। मेरा मुँह दबने से मेरी नाक में मीना चाची की चूत की खुशबू उतरती चली गयी और मुझ पर ना जाने क्या नशा चढ़ा मैंने अपने होंठों से उनकी चूत दबाकर चूसनी चालू कर दी और अपनी जीभ अंदर-बाहर करते हुए मीना चाची की चूत के अंदर करने लगा। इस समय मीना चाची ने मेरा सर अपनी पूरी ताकत से अपनी चूत पर दबाया हुआ था और अपनी मस्त चिकनी जाँघों से मेरा सर जकड़ा हुआ था, जिसके कारण मीना चाची की सितकारियाँ और गालियाँ मेरे कानों तक नहीं पहूँच पा रही थीं। मीना चाची के मस्त चूतड़ अब उछलने चालू हो गये थे, और उन्होंने मेरे हाथ अपनी चूचियों पर से हटा कर अपने दोनों चूतड़ों के नीचे कर दिये थे।
[+] 3 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
मैं भी इशारा पा कर उन मस्त चूतड़ों को दबा-दबा कर मसलते हुए मीना चाची की चूत चूसता रहा। अचानक मीना चाची ने अपने चूतड़ों का एक जोरदार झटका मारा और मेरा सर दबा कर मेरे मुँह में अपनी चूत का पानी निकालने लगी। पहले मुझे अजीब सा टेस्ट लगा पर बाद में इतना टेस्टी लगा कि मैं दोबारा उनकी चूत में जीभ घुसेड़ कर उनकी चूत की दीवारों पर लगा हुआ उनकी चूत का पानी चाटने लगा। मीना चाची शायद इस दोबारा चुसाई के लिये तैयार नहीं थीं और अचानक चालू हुई दोबारा चुसाई ने मीना चाची को पागल बना दिया और उन्होंने अपनी जाँघें जोर से कस कर झड़ना चालू किया। उन्होंने अपनी जाँघें इतनी जोर से दबा ली थी कि अगर मैं अपने दोनों हाथों से उन्हें अलग नहीं करता तो शायद मेरा सर चकनाचूर हो जाता। मैंने जब मुँह उठा कर देखा तो मीना चाची के चेहरे पर भरपूर ठंडक दिखायी पड़ रही थी। 

उन्होंने मेरी आँखों में आँखें डालते हुए कहा, पता है सुनील! आज मेरे जीवन में पहली बार मेरी चूत के लिप्स किसी मर्द के होंठों से चूसे गये हैं। मैंने आज तक सिर्फ़ किताबों में पढ़ा था या ब्लू-फिल्मों में देखा था कि औरतों को अपनी चूत मर्दों से चुसवाने से चूत को वो सुख मिलता है जो उसको लंड से चुदवाकर भी नहीं मिलता। वाकय में सुनील आज तूने मेरी चूत चूसकर वो सुख दिया है जो मुझे आज तक नसीब नहीं हुआ था, थैंक यू!”

 
मैंने भी कहा, चाची... सारी... मीना... मुझे नहीं मालूम तुम्हें कितना मज़ा आया पर मुझे तो तुम्हारी चूत का पानी पी कर और चूत चूस कर मज़ा आ गया, आज के बाद जब भी तुम मिलोगी, मैं सबसे पहले तुम्हारी चूत चूसुँगा और चाटुँगा।
 
मेरा लंड इतनी सारी मस्ती एक साथ मिल जाने पर लोहे की रॉड की तरह हो रहा था। चाची ने बड़े प्यार से अपने होंठों को चौड़ा करके मेरे लंड का सुपाड़ा अपने होंठों में भर लिया और फिर एक मिनट तक उसके ऊपर अपनी जीभ फिराती रही जिससे मैं अपना कँट्रोल खो बैठा और मीना चाची की गर्दन पकड़ कर उनका मुँह अपने लंड पर दबाने लगा। मीना चाची ने झट से अपना मुँह ऊपर खींच लिया और प्यार से बोली,सुनील मैं तो तेरे लंड को बता रही थी की अपनी दुल्हन से मिलने के लिये तैयार हो जा, आज तेरी दुल्हन जी भर के तेरे धक्के लेगी और बाद में तेरी आखिरी बूँद तक चूसेगी। अब बस आजा सुनील तुझे आगे का लेसन पढ़ा दूँ। अब मुझसे सहन नहीं हो पा रहा है।
[+] 4 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
मीना चाची ने एक तकिया अपने चूतड़ों के नीचे लगाया और एक अपने सर के नीचे और पीठ के बल लेट गयीं। बड़े प्यार से बोली, चल आज तू अपनी मीना चाची की सवारी कर ले, चढ़ जा अपनी मीना पर, और तू भी सीख ले औरत पर चढ़ना किस को कहते हैं। बहुत तरसा है ना तू मेरी चूत के लिए, चल आज के बाद नहीं तरसेगा, चल आजा बना ले अपनी चाची से संबंध, बना दे अपनी चाची को रंडी।

मुझे मीना चाची ने अपनी टाँगें फैला कर टाँगों के बीच में कर लिया और तकिया लगा होने के कारण मीना चाची की चूत एकदम फूल कर उठी हुई थी। मीना चाची बोली, देख सुनील मैं अपने हाथ से अपनी चूत के लिप्स खोलुँगी, तू बस अपने हाथ से अपना लंड पकड़ कर मेरा जो गुलाबी छेद दिखेगा, उस पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़, और जब तक मैं ना कहूँ लंड मेरे अंदर मत उतारना।

मीना चाची ने एक सिगरेट जलाई और दूसरे हाथ से अपनी उंगली से अपनी चूत के लिप्स खोल कर दिखाने लगी, और बोली, आजा बेटा! चल रगड़ अपना लंड। 
 
मैंने भी अपनी मस्ती में डूबे हुए लंड को मीना चाची की फैली हुई चूत पर रगड़ना चालू कर दिया। पहली बार मुझे मीना चाची की चूत की गरमी महसूस हुई। मीना चाची सितकारी लेते हुए बोली, देख ले बहनचोद! जैसे तूने मुझे बाहों में लेकर किस करा था उसी तरह मैं तेरे लंड को अपने चूत के लिप्स के बीच में लेकर किस कर रही हूँमज़ा आ रहा है कि नहीं?”
 
मेरी ज़िंदगी में तो पहली बार मेरा लंड किसी चूत से टच हुआ था। मेरे दोनों कान लाल हो गये थे, मैंने कहा, मीना मेरे बदन में यह कैसी आग लग रही है?”
 
मीना चाची बोली, बस मेरी जान थोड़ा सा औरफिर तू मेरी आग बुझा और मैं तेरी आग बुझाऊँगी।
 
एक मिनट और लंड घिसने से मेरा बदन मारे मस्ती के कांपने लगा। मीना चाची समझ गयी कि मैं अब कंट्रोल के बाहर हूँ। उन्होंने बड़े प्यार से अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया और बोलीं,देख सुनील! तेरा लंड बहुत मोटा लम्बा और तगड़ा है, मेरी चूत में इसकी जगह धीरे-धीरे ही बनेगीइसलिये तू धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में उतार और अपने चूतड़ के धक्के दे और लंड आगे पीछे करचल अब चालू हो जातू भी सीख ले चुदाई क्या होती हैचोद ले अपनी चाची को जी भर केपर मादरचोद अगर तू अपने चाचा की तरह जल्दी झड़ा तो इसी वाइब्रेटर से तेरी गाँड मारूँगी वो भी बिना क्रीम के!”
[+] 2 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
मैंने पहले तो एक हल्का सा शॉट लगाया जिस से मेरा दो इंच लंड मीना चाची की चूत में सरक गया और उनकी चूत के गुलाबी लिप्स ने मेरा लंड जकड़ लिया। मीना चाची की चूत अंदर से सुलग रही थी जिसकी असली गरमी मैंने अब महसूस करी। मीना चाची बोली, आआहहहहहहहहहहहा मेरे राजा शाबाश मेरे शेर अब धीरे-धीरे अपना लंड पेल मेरे अंदर!” 

मैंने भी एक-दो धक्के तो दिये पर इतना ताव आ गया की मैंने एक जोर का झटका मारा और मेरा छः इंच लंड मीना चाची की चूत में समा गया। मीना चाची ने अपने चूतड़ ऐसे उछाले जैसे उन्हें बिजली का करँट लग गया हो और बोली, बहन के लौड़े! चोदना सीखा नहीं और मेरी चूत फाड़ने पर उतर आयाज़रा आहिस्ता-आहिस्ता चोद अपनी चूत रानी को!”

मीना चाची बोलती रहीं और मैंने मीना चाची को उनकी कमर के नीचे से उभरे हुए मोटे चूतड़ों से पकड़ा और अपने चूतड़ों का पूरा दम लगा कर जबरदस्त शॉट मारा जिस से मेरा पूर लंड मीना चाची की चूत में समा गया और मीना चाची के बदन पर लेट गया और अपनी बाहों में कस के पकड़ लिया जिस से उनकी निप्पल मेरे निप्पल से लग गयी और उनके माँसल जोबन मेरी छाती के नीचे दब गये।
 
मीना चाची ने दर्द के मारे करीब एक फुट अपनी गांड हवा में उछाली और गालियाँ देती हुई बोली, माँ के लौड़े! क्या कर दिया तूनेमाँ चोद कर रख दी मेरी चूत कीअरे भोसड़ी वाले ऐसे थोड़ी मैंने चूत की माँ चोदने को कहा थातेरा साला लंड है कि मूसलमेरी तो मदरचोद चूत फट गयी आजचोद दे मादरचोदहाय हाय बड़ा दर्द हो रहा है!” पर मैंने मीना चाची को पूरी तरह से दबोच रखा था और उनकी टाँगें अपनी टाँगों में फसायी हुई थीं।
 
अब धीरे-धीरे अपना लंड आगे पीछे करना चालू किया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर बड़े प्यार से उनके मुँह को और उनकी जीभ को चूसते हुए शॉट लगाने लगा। जब मैंने देखा की मीना चाची का तड़पना कुछ कम हो गया तो मैंने उन से पूछा कि डार्लिंग दर्द हो रहा है तो थोड़ा सा बाहर निकाल लूँ?”
 
मीना चाची एकदम शेरनी की तरह बोली, मादरचोद इतने साल मैं इसके लिये तो तड़पी हूँ की कोई तो मेरी चूत फाडे और चोद-चोद कर उसका भोंसड़ा बना दे और तू कह रहा है की बाहर निकालूँ…! आज पहली बार तो औरत होने का सुख मिल रहा हैचोद मेरे राजा मेरी टाँगें उठ-उठा के जितना चोदना है चोद लेमेरे सनम मेरी तो चूत अब तेरी हो गयी!”
[+] 4 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
Bohat hi hot story hai....  sex
[+] 1 user Likes ShakirAli's post
Like Reply
सभी कहानियां एक से बढ़कर एक है। मज़ा आ गया। कृपया ऐसी ही श्रृंखला ओर लेकर आएं।
[+] 1 user Likes bhavna's post
Like Reply
(11-10-2020, 06:43 PM)ShakirAli Wrote: Bohat hi hot story hai....  sex

thanks
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)