02-08-2020, 12:03 AM
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Adultery तरक्की का सफ़र
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02-08-2020, 12:03 AM
“दो बेटियाँ!” प्रीती के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।
“मैं जानता हूँ तुम क्या सोच रही हो पर अभी वो छोटी हैं”, मैंने कहा। “राज! तुम मिस्टर रजनीश, तुम्हारे एक्स एम-डी के परिवार के बारे में क्या जानते हो?” प्रीती ने पूछा। “यही कि उनकी विधवा मिसेज योगिता, और उनकी लड़की रजनी साथ में रहती हैं। एम-डी रजनी को अपनी बेटियों से भी ज्यादा प्यार करता है”, मैंने जवाब दिया। “तुम्हें ये कैसे मालूम?” उसने पूछा। “मुझे रजनी ने बताया था, उसने छुट्टियों में कुछ दिन कंपनी में काम किया था।” मैंने जवाब दिया। “क्या तुमने रजनी को चोदा है? मुझे सच- सच बताना”, उसने पूछा। कुछ देर सोचते रहने के बाद मैंने सच बताते हुए कहा, “हाँ! मैंने उसे चोदा है पर वो हमारी शादी के पहले की बात है।” “उस समय वो कुँवारी थी! है ना? क्या उसके बाद तुमने उसे चोदा है?” प्रीती ने फिर पूछा। “नहीं प्रीती! कसम ले लो, मैंने उसके बाद उसे एक बार ही मिला हूँ, वो भी पार्टी में तुम्हारे साथ”, मैंने जवाब दिया। “राज मैं जानती हूँ तुम सच बोल रहे हो! जब तुम झूठ बोलते हो तो तुम्हारे चेहरे से पता चल जाता है। रजनी तुम्हें प्यार करती है, मैंने उसकी आँखों में तुम्हारे लिये प्यार देखा है, क्या तुम जानते हो?” प्रीती ने कहा। “मुझे भी ऐसा कई बार लगा है”, मैंने जवाब दिया। “क्या पता तुम्हें फिर रजनी को चोदना पड़े”, प्रीती ने मुझे बाँहों में भरते हुए कहा, “फिलहाल तो रजनी को भूल जाओ, वो यहाँ नहीं है! पर मैं तो हूँ, राज! मुझे चोदो और इतना चोदो कि मेरी चूत माफी माँगने लगे।” मैं उसे बाँहों में भर कर बेडरूम में ले गया और पूरी रात उसे कस-कस कर चोदता रहा। दूसरे दिन से प्रीती एम-डी और महेश के घर जाने लगी। वो बराबर उनसे और उनके परिवार से मिलने लगी। अब वो उनके परिवार की एक सदस्या जैसे हो गयी थी। एक दिन मैंने उससे पूछा, “क्या पता लगाया तुमने इतने दिनों में?” “कुछ खास नहीं, महेश के दो बच्चे हैं! एक लड़की मीना २२ साल की... जो अपना ग्रैजुयेशन कर रही है और एक लड़का अमित १६ का। लगता है महेश घर से ज्यादा बाहर चुदाई करता है, प्रीती ने हँसते हुए कहा, मीना और मैं अच्छे दोस्त बन गये हैं।”
02-08-2020, 12:05 AM
“एम-डी के बारे में क्या पता लगा?” मैंने पूछा।
“वहाँ भी कुछ खास हाथ नहीं लगा। मिसेज योगिता और मिसेज मिली, अच्छी सहेलियाँ हैं, और हाँ तुमने सच कहा था! उनकी बेटियाँ छोटी हैं। हाँ! रजनी और मैं अच्छे दोस्त बन गये हैं। मैंने हार नहीं मानी है, एक दिन भगवान हमारी मदद जरूर करेगा।” करीब तीन महीने बाद मुझे पिताजी की चिट्ठी मिली कि अंजू और मंजू की शादी पक्की हो गयी। करीब के गाँव के जमीनदार के लड़कों के साथ। हम दोनों को शादी में बुलाया था। मैं और प्रीती हमारे घर शादी अटेंड करने पहुँचे। देखा अंजू और मंजू बहुत खुश थीं। शादी के दिन जब हम अकेले में मिले तो प्रीती ने उनसे पूछा, “तुम दोनों को कोई शिकायत तो नहीं है?” अंजू ने मंजू की तरफ देख कर कहा, “सिर्फ़ एक!” “और वो क्या है?” प्रीती ने पूछा। “हम इतने दिन वहाँ रहे पर भैया को हम इतने सुंदर नहीं दिखे कि वो हमें चोद सके”, अंजू ने कहा। “अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है, तुम भी यहीं हो और तुम्हारे भैया भी! जाओ और चुदवा लो उनसे, मैं बुरा नहीं मानुँगी”, प्रीती ने हँसते हुए कहा। “प्रीती! अपनी सीमा में रहो”, मैंने अपनी बहनों को बाँहों में भरते हुए कहा, “ऐसी बात नहीं है पगली, जब तुम दोनों का नंगा बदन देखा तो मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया था, अगर तुम दोनों मेरी बहनें ना होती तो उसी समय तुम दोनों को चोद देता।” “मैं भी इस चीज़ को मानती हूँ, रिश्तों की कदर करनी चाहिये”, प्रीती बीच में बोली, “अब तुम दोनों को अपनी सुहागरात का इंतज़ार होगा?” “हाँ भाभी, तीन महीने हो गये चुदवाये, अँगुली से अपनी चूत चोद-चोद कर देखो हमारी अँगुली भी घिस कर एक इंच छोटी हो गयी है”, मंजू ने अपनी अँगुली दिखाते हुए कहा। “मैं तो यही प्रार्थना करती हूँ कि सब अच्छी तरह से हो जाये, हमारे पतियों को ये ना पता चले कि हमारी चूत कुँवारी नहीं है”, अंजू थोड़ा सिरियस होते हुए बोली। “घबराओ मत! सब ठीक होगा”, प्रीती ने उन्हें सांतवना दी। शादी के बाद हम लोग वापस लौट आये। प्रीती बराबर एम-डी और महेश के घर जाती रही। हमारी चुदाई वैसे ही चल रही थी। मैं ऑफिस में लड़कियों को चोदता और प्रीती को घर पर। प्रीती भी घर पर मुझसे चुदवाती और क्लब में दूसरों से। वो चाहे एम-डी और महेश से कितनी भी गुस्सा हो पर मुझे लगने लगा था कि प्रीती को यह शबाब-शराब से भरपूर ऐय्याश लाइफ स्टाईल रास आ गया था। उसकी चुदाई की आग पहले से बहुत बढ़ गयी थी।
02-08-2020, 12:06 AM
एक दिन मैं ऑफिस से घर लौटा तो देखा प्रीती एक खत फढ़ रही थी, और जोर-जोर से हँस रही थी।
“किसका खत है?” मैंने पूछा। “लो तुम ही पढ़ के देख लो”, प्रीती ने मेरे हाथ में खत पकड़ा दिया। मैंने खत लेके पढ़ा............................. “हमारी प्यारी भाभी, सॉरी हम दोनों आप को खत नहीं लिख पाये। हम दोनों बहुत मज़े में हैं। हमारे पति बहुत ही अच्छे इनसान है। हर रात को हमारी जमकर चुदाई करते हैं। मैं शुरू से बताती हूँ। हाँ हमारी सुहागरात की रात से! हमारे पतियों ने पहले किसी लड़की को चोदा नहीं था, इसलिये जल्दबाज़ी में उन्हें हमारे कुँवारे ना होने का पता नहीं चला। फिर भी हम उन्हें कहते रहे, जरा धीरे-धीरे करो, दर्द हो रहा है। कुछ महीनों तक ऐसे ही चलता रहा। फिर हमें चुदाई में इतना मज़ा नहीं आता था, क्योंकि हमारे पति बहुत ही सीधे हैं। ना तो वो हमारी चूत चाटते हैं, ना ही हमे अपना लौड़ा चूसने देते हैं। गाँड मारने की बात तो जाने दो। फिर हम दोनों ने मिलकर इसका उपाय निकाला। हम दोनों ने एक दूसरे के पति को पटाया और उनसे चुदवा लिया। फिर एक बार हमने नाटक करके एक दूसरे को दूसरे के पति के साथ पकड़ लिया। हमारे पति इतने सीधे हैं कि हमसे माफी माँगने लगे। हमने उन्हें माफ़ किया पर एक शर्त पर कि वो हमें साथ-साथ चोदेंगे। अब हम चारों साथ में ही सोते हैं, जैसे राम और श्याम के साथ सोते थे। हमने उन्हें चूत चाटना भी सिखा दिया है और हम उनका लंड भी मज़े से चूसते हैं। हम चारों का आपके पास आने को बहुत मन कर रहा है। और आपका क्या हल है? भैया को हमारा प्यार देना। बाय-बाय! आपकी रंडी ननदें, अंजू और मंजू।” “थैंक गॉड! ये दोनों अपने जीवन में सैटल हो गयी”, मैंने खत पढ़कर कहा।
02-08-2020, 12:06 AM
समय गुजरने लगा और प्रीती की एम-डी और महेश से बदला लेने की ख्वाहिश और ज्यादा तेज होने लगी। मैंने उसे सांतवना देते हुए कहा, “प्रीती हिम्मत रखो! कोई रास्ता जरूर निकल आयेगा।” मुझे क्या मालूम था कि रास्ता भविष्य में हमारा इंतज़ार कर रहा है।
एक दिन मैंने ऑफिस से लौट कर प्रीती को बताया कि महेश बरबाद हो गया है। “क्यों कैसे?” “तुम्हें याद है? उसने बताया था कि वो अपना सारा पैसा शेयर मॉर्केट में लगाता है। मॉर्केट बहुत नीचे गिर गया है और उसे भारी नुकसान लगा है। बेचारा रो रहा था मेरे सामने, कि उसके पास अब कुछ भी नहीं बचा है।” “भगवान ने अच्छा सबक सिखाया है हरामी को!” “हाँ प्रीती, वो तो आत्महत्या तक करने की सोच रहा है।” “नहीं राज! उसे आत्महत्या नहीं करने देना, पहले मेरा बदला पूरा हो जाये, फिर चाहे वो आत्महत्या कर ले। राज तुमने क्या बताया उसे पैसे की तकलीफ है? इससे मेरे दिमाग में एक ऑयडिया आया है”, प्रीती ने कहा। मैंने प्रीती को बाँहों भरते हुआ पूछा, “जल्दी से बताओ क्या ऑयडिया है?” “अभी नहीं पहले मुझे सोचने दो, चलो चल कर सैलिब्रेट करते हैं”, कहकर प्रीती ने मुझे बाँहों में भर लिया और अपने होंठ मेरे होंठ पर रख कर चूमने लगी। उसने दो पैग बनाये और ड्रिंक पीने के बाद हम कपड़े उतार कर बिस्तर पर लेट गये। “ओह राज! देखो तुम्हारा लंड कैसे तन कर खड़ा है”, प्रीती ने मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ते हुए कहा। “पर मैं तो समझा था कि तुम अपने प्लैन के बारे में बताओगी?” “ओहहह राज! प्लैन तो वेट कर सकता पर इस समय इस खड़े लंड की ज्यादा चिंता है, आओ और मुझे कस कर चोदो”, प्रीती ने अपनी टाँगें फैला कर कहा। जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसाया, “ओहहहहहह राज!!!” उसके मुँह से सिसकरी निकली। “राज! मैं आज कितनी खुश हूँ, मुझे महेश से बदला लेने का तरीका मिल गया।” “प्रीती! अब महेश के बारे में सोचना छोड़ो और इस बात पे ध्यान दो कि मैं अब तुम्हारी चूत के साथ क्या करने वाला हूँ”, मैंने अपना लंड तेजी से उसकी चूत के अंदर बाहर करते हुए कहा। “हाँ राज! मुझे चोदो, बहुत अच्छा लग रहा है”, वो कहने लगी और मैं उसे और तेजी चोद रहा था। मेरा लंड पिस्टन की तरह अंदर बाहर हो रहा था।
02-08-2020, 12:07 AM
मेरे ध्क्कों की रफ़्तार बढ़ते देख उसने अपनी दोनों टाँगें मेरी कमर पे जकड़ लीं और अपने कुल्हे उछाल कर थाप से थाप मिलाने लगी। उसके मुँह सिसकरियाँ निकल रही थी।
“हाँआंआंआं राज!!! और जोर से!!!!!, हाँआँआँ ऐसे ही करते जाओ, हाँ और अंदर तक घुसा दो..... ओहहहहह..... आआआआआआहहहहहह..... मैं तो अपनी मंज़िल के करीब हूँ। मेरा छुटाआआ!!!” कहकर वो निढाल पड़ गयी। मेरा नहीं छूटा था, इसलिये मैं और तेजी से उसे चोदने लगा। “लगता है तुम्हारा नहीं छुटा”, उसने भी मेरा साथ देते हुए कहा। “नहीं, पर जल्द ही छूटने वाला है”, और मैं जोर-जोर से अपने लंड को अंदर डालने लगा। वो फिर मेरा साथ देने लगी, “राज, रुको मत! हाँआँ चोदते जाओ... हाँआंआं लगता है मेरा फिर छूटने वाला है....” उसकी साँसें उखड़ रही थी। “ओहहहहहहह राज मेरा छूटाआआआ....” वो जोर से चिल्लायी और उसी वक्त मैंने भी अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया। हम दोनों एक दूसरे को बाँहों में भरे चूम रहे थे और एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे। इससे मेरे लंड में फिर गर्मी आ गयी और वो खड़ा हो उसकी चूत पर झटके मारने लगा। वो मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ कर बोली, “राज अब मेरी गाँड मारो।” मुझे भी गाँड मारने का शौक था, इसलिये उसके कहते ही मैं उसके पीछे आकर अपने थूक से उसकी गाँड को गीली करने लगा। “राज ये मत करो!!! आज मेरी गाँड में ऐसे ही अपना लौड़ा घुसा दो”, वो बोली। “पागल हो गयी हो? तुम्हें बहुत दर्द होगा!” “होने दो राज! महेश भी हमेशा मेरी गाँड ऐसे ही मारता आया है। और अब अगर मेरा ऑयडिया काम कर गया तो मैं समझूँगी कि जैसे मैंने महेश की कोरी गाँड मारी है। इसलिये मैं बोलती हूँ वैसा करो”, उसने कहा। मेरे पास कोई चारा नहीं था। मैंने जोर से अपना लंड उसकी गाँड में डाल दिया। “ऊऊऊऊऊऊऊऊईईईईईईईई माँआंआंआं.... मर गयीईईईई”, उसके मुँह से चींख निकली। मैं उसकी गाँड मारने लगा और साथ ही उसकी चूत में अपनी अँगुली डाल कर उसे चोदने लगा। थोड़ी देर में ही हम दोनों का काम हो गया और दोनों एक दूसरे को बाँहों में ले कर सो गये। सुबह मैंने उसे फिर पूछा, “प्रीती! अब बताओ तुम्हारा प्लैन क्या है?” “राज प्लैन सिंपल है, बस तुम्हारी मदद चाहिये। तुम्हारी मदद के बिना ये पूरा नहीं हो सकता”, प्रीती खुश होती हुई बोली। “प्रीती! मैं तुम्हें पहले ही बोल चुका हूँ, तुम्हें मुझसे पूरी मदद मिलेगी जिससे तुम एम-डी और महेश से अपना बदला ले सको, अब बताओ।” “ठीक है! सुनो मेरा प्लैन क्या है....” ॥॥। क्रमशः॥॥
04-08-2020, 12:17 AM
superb update...... waiting for next update.....
05-08-2020, 01:15 AM
Rocking story bhai... agla update ka intzaar
10-08-2020, 08:53 PM
bhai bahut hi achchi story hai plz dont waste it... plz keep it updated... waiting for next update...
16-08-2020, 09:43 AM
Dear Rohit Kapoor ji.... itne din baad update diya karoge to ham logo ka interest khatm hota jayega......
06-09-2020, 12:25 AM
Dear Rohit Kapoor ji.... itne din baad bhi update nahi diye, ham logo ka interest khatm ho Raha Hai......PLZ UPDATE....
07-09-2020, 08:22 PM
(06-09-2020, 12:25 AM)varunsingh1990 Wrote: Dear Rohit Kapoor ji.... itne din baad bhi update nahi diye, ham logo ka interest khatm ho Raha Hai......PLZ UPDATE.... Sorry Varun Bhai.... I have been extremely busy and couldn't tune in xossipy. I'll make up with longer update today. Xossipy is so slow... it sux.
07-09-2020, 08:25 PM
07-09-2020, 08:27 PM
भाग- ८
“मेरा प्लैन है कि एम-डी महेश की बेटी मीना को उसकी आँखों के सामने चोदें”, प्रीती ने सिगरेट सुलगाते हुए कहा।
“क्या तुम्हें लगता है कि एम-डी अपने खास दोस्त की बेटी को चोदेगा?” मैंने कुछ सोचते हुए पूछा।
“एम-डी इतना हरामी है कि अगर मौका मिले तो वो अपनी बहन और बेटी को भी चोदने से बाज़ नहीं आयेगा, तुम इस बात की परवाह मत करो, सब मुझपर छोड़ दो”, प्रीती ने हँसते हुए कहा। “तुम मीना को कैसे तैयार करोगी?” “कुछ महीने पहले की बात है, मैं मीना से उसके ग्रैजुयेशन के बाद मिली थी और पूछा था कि वो आगे क्या करना चाहती है। तब उसने ‘एम-ए करना है’, कहा था। लेकिन अब वो नौकरी ढूँढ रही है। उसने मुझे तुमसे बात करने के लिये भी कहा है। जबसे महेश ने अपना सब कुछ गंवा दिया है, वो नौकरी कर के पैसा कमाना चाहती है”, प्रीती ने जवाब दिया। “इस बात को तुम महेश से कैसे छुपाओगी?” “मुझे छुपाने की कोई जरूरत नहीं है, मीना ही इस बात को छुपाएगी। क्योंकि जब मैंने उस से कहा कि तुम खुद अपने पिताजी से बात क्यों नहीं करती तो उसने मुँह बनाते हुए कहा कि वो नहीं चाहते कि मैं नौकरी करूँ”, प्रीती ने हँसते हुए कहा। “लगता है तुमने काफी सोच कर ये प्लैन बनाया है, लेकिन तुम ऐसा क्या करोगी कि महेश अपनी बेटी को चुदवाते देखता रहे और कुछ ना कर पाये?” मैंने पूछा। “उसी तरह जिस तरह तुम खड़े-खड़े अपनी बहनों को चुदवाते देखते रहे और कुछ नहीं कर पाये”, प्रीती ने जवाब दिया। “ठीक है! फिर मीना का चुदाई दिवस कौन सा है?” “पाँच दिन के बाद, इस महीने की १९ तारीख को”, उसने जवाब दिया। “कुछ खास वजह ये दिन तय करने का?” “हाँ मेरे राजा! वो दिन तुम्हारे एम-डी का जन्मदिन है और मीना की कुँवारी चूत एम-डी को महेश की तरफ से जन्मदिन का तोहफ़ा होगी”, प्रीती जोर से हँसते हुए बोली।
07-09-2020, 08:28 PM
(This post was last modified: 07-09-2020, 08:28 PM by rohitkapoor. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
१९ तारीख की सुबह मुझे ऑफिस में प्रीती का फोन आया, “राज! तुम साढ़े तीन बजे तक घर पहुँच जाना। मैंने मीना को यहाँ बुलाया है, वो चाहती है कि हम उसके साथ एम-डी के सूईट में जायें। मैंने एम-डी को बोल दिया है कि हम चार बजे पहुँच जायेंगे इंटरव्यू के लिये।”
मैं ठीक साढ़े तीन घर पहुँचा तो प्रीती और मीना को कोक पीते हुए देखा। मीना को मुँह बनाते देख मैंने पूछा, “तुम क्या पी रही हो मीना?” “मीना जब यहाँ आयी तो कुछ नर्वस लग रही थी, इसलिये मैंने इसे कोक पीने को दे दिया जिससे ये कुछ शाँत हो जाये और इंटरव्यू देने में आसानी हो”, प्रीती ने शरारती मुस्कान के साथ कहा। “तुमने ठीक किया, इससे जरूर आसानी हो जायेगी”, मैंने कहा। “आपको ऐसा लगता है सर?” मीना ने पूछा। “अब हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है, मीना तुम अपना कोक फिनिश कर के चलने के लिये तैयार हो जाओ, हमें देर हो रही है?” प्रीती ने बात को बदलते हुए मीना से कहा। जब हम ठीक चार बजे एम-डी के सूईट में दाखिल हुए तो उसे हमारा इंतज़ार करते पाया, “महेश कहाँ है?” “महेश रास्ते में हैं और थोड़ी देर में यहाँ पहुँच जायेंगे, तब तक आपको इंटरव्यू स्टार्ट कर देना चाहिये।” इतने में मीना ने अपना सिर पकड़ते हुए कहा, “प्रीती दीदी मुझे पता नहीं क्यों चक्कर आ रहे हैं।” प्रीती ने एम-डी को आँख मारते हुए कहा, “सर! आप इसे सोफ़े पर क्यों नहीं लिटा देते।” एम-डी ने मीना को कंधों से पकड़ कर सोफ़े पर लिटा दिया और उसके मम्मों को दबाने लगा। अब वो उसकी चूत कपड़ों के ऊपर से ही सहला रहा था। जब मीना को इस बात का एहसास हुआ तो एम-डी का हाथ झटकते हुए बोली, “सर ये आप क्या कर रहे हैं?” “तेरी कुँवारी चूत का इंटरव्यू लेने की तैयारी कर रहे हैं!” प्रीती ने हँसते हुए कहा। “तो क्या एम-डी मुझे चोदेंगे?” मीना ने घबराते हुए पूछा। “हाँ मीना! पहले ये तेरी कुँवारी चूत चोदेंगे और बाद में तेरी गाँड मारेंगे”, प्रीती बोली। “क्या ये सब जरूरी है?” “हाँ मीना, एम-डी का इंटरव्यू लेने का यही तरीका है। अब ये तुम पर निर्भर करता है। अगर तुम्हें नौकरी चाहिये तो एम-डी से चुदवाना होगा, क्या तुम्हें नौकरी नहीं चाहिये?” प्रीती बोली।
07-09-2020, 08:30 PM
“प्रीती दीदी! मुझे नौकरी की सख्त जरूरत है”, मीना अपनी चूत को सहलाते हुए बोली। कोक ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था।
“तो क्या तुम सहयोग देने को तैयार हो?” प्रीती ने पूछा। “हाँ दीदी! मैं वो सब करूँगी जो मुझसे करने को कहा जायेगा”, मीना खुले आम अपनी चूत खुजलाते हुए बोली। “सर! आप मीना को बेडरूम में ले जाइये।” प्रीती ने एम-डी से कहा, “और हाँ सर! जरा संभल कर करना, ये मेरी छोटी बहन की तरह है।” एम-डी ने सिर हिलाया और मीना को बेडरूम में ले गया। उनके जाते ही प्रीती मुझसे बोली, “राज! जल्दी से महेश को फोन करके बोलो कि वो दस मिनट में यहाँ पहुँच जाये नहीं तो बहुत देर हो जायेगी। मैं चाहती हूँ कि वो अपनी आँखों से एम-डी को मीना की कुँवारी चूत चोदते देखे।” मैंने महेश को फोन लगाया, “सर! राज बोल रहा हूँ!” “कहाँ हो तुम, मैं तुम्हें एक घंटे से ढूँढ रहा हूँ।” मैंने उसकी बात काटते हुए कहा, “सर! मैं एम-डी के साथ उनके सूईट में हूँ। उनके साथ एक कुँवारी चूत भी है, आपको जल्दी से पहुँचने के लिये कहा है।” “मुझे पहले क्यों नहीं बताया? एम-डी से कहना मैं दस मिनट में पहुँच जाऊँगा और मेरे आने से पहले वो शुरुआत ना करें”, कहकर महेश ने फोन पटक दिया। “वो यहाँ दस मिनट में पहुँच जायेगा, और वो चाहता है कि एम-डी उसके आने से पहले शुरुआत नहीं करें”, मैंने कहा। “ठीक है, आने दो उसे। आओ राज! हम देखते हैं कि एम-डी क्या कर रहा है”, प्रीती ने टीवी ऑन करते हुए कहा। हमने टीवी पर देखा कि एम-डी मीना को नंगा कर चुका था और उसे बिस्तर पर लिटा कर उसकी छातियाँ चूस रहा था। “एम-डी ने अब तक उसकी चूत क्यों नहीं फाड़ी?” मैंने पूछा। “पता नहीं क्यों? वरना तो उसे एक मिनट का भी सब्र नहीं है।” अब एम-डी मीना की चूत चाट रहा था। उसकी दोनों टाँगें हव में उठी हुई थी, और उसकी चूत का छेद साफ दिखायी दे रहा था। इतने में महेश सूईट में दाखिल हुआ, “एम-डी कहाँ है?” “लो तुम खुद अपनी आँखों से देख लो?” प्रीती ने टीवी की ओर इशारा करते हुए कहा। टीवी की और देखते हुए महेश ने कहा, “मैं सोच रहा हूँ कि मैं भी बेडरूम में चला जाऊँ।”
07-09-2020, 08:31 PM
“नहीं महेश! तुम अंदर नहीं जा सकते, एम-डी बहुत नाराज़ थे तुम्हारे देर से आने पर, इसलिये खास तौर पर बोले कि जब तक मैं ना बोलूँ, कोई अंदर नहीं आयेगा। आओ यहाँ बैठो और व्हिस्की पियो”, प्रीती ने महेश को व्हिस्की का ग्लास पकड़ाते हुए कहा। हम दोनों तो पहले से ही व्हिस्की पी रहे थे।
“मेरा नसीब! राज तुमने मुझे पहले क्यों नहीं फोन किया?” महेश झल्लाते हुए बोला। “सर! मुझे जैसे ही कहा गया, मैंने आपको फोन किया।” “महेश वो देखो! इस लड़की की चूत का छेद कितना छोटा है!” प्रीती ने टीवी की और इशारा करते हुए कहा। “हाँ काफी छोटा है, पर मैं जानता हूँ ये छेद ज्यादा देर तक छोटा नहीं रहेगा”, महेश ने हँसते हुए ग्लास में से बड़ा घूँट लिया। एम-डी अब मीना के ऊपर लेटा हुआ था और उसकी कुँवारी चूत को फाड़ने को तैयार था। “तुम्हें थोड़ा दर्द होगा संभाल लोगी ना?” एम-डी की आवाज़ आयी। “सर! प्लीज़ धीरे-धीरे करना, मेरी चूत अभी भी कुँवारी है”, मीना ने जवाब दिया। “ये... ये आवाज़...... ये आवाज़ किसकी है, मुझे कुछ जानी पहचानी लग रही है”, महेश सोफ़े पर से उछलते हुए बोला। टीवी पर अपनी नज़रें गड़ाते हुए वो जोर से चींखा, “ओह गॉड! ये तो मेरी बेटी मीना है, मुझे अभी और इसी वक्त एम-डी को रोकना होगा”, और एक ही साँस में अपना ग्लास खाली कर दिया। उसी वक्त एम-डी ने जोर से अपना लंड मीना की चूत में डाल दिया। “ओहहहहहह माँ...आँ मर गयी, वो जोर से चिल्लायी, बहुत दर्द हो रहा सर।” “क्या रोकोगे?” प्रीती जोर से हँसते हुए बोली, “एम-डी का लंड मीना की चूत में घुस चुका है। महेश, अब मीना कुँवारी नहीं रही, बेहतर होगा कि चुपचाप बैठ कर देखो और व्हिस्की पियो। अपना सब कुछ तो गंवा चुके हो... अब नौकरी से भी हाथ धो बैठोगे।” प्रिती ने कहते हुए उत्तेजना में अपना व्हिस्की का ग्लास एक साँस में पी लिया। महेश सोफ़े पर ढेर होते हुए बोला, “हे भगवान! ये क्या हो गया! अब मैं क्या करूँ! ये कैसे हो गया।” प्रीती मजे लेते हुए महेश को और जलाने लगी, “देखो महेश! कैसे एम-डी जोर-जोर से मीना की चूत में अपना लंड डाल रहा है। तुमने देखा राज! कैसे एम-डी ने मीना की कुँवारी चूत फाड़ दी? राज! महेश को एक ग्लास व्हिस्की का और बना के दो, लगता है इसे इसकी जरूरत है”, प्रीती ने हँसते हुए कहा। मैंने महेश को ग्लास बनाकर दिया। ग्लास लेते हुए महेश गुस्से में बोला, “साली कुत्तिया! मुझे मत सिखा कुँवारी चूत कैसे चोदी जाती है, मुझे मालूम है, पहले ये बता मीना यहाँ कैसे पहुँची।” “अच्छा वो! मैं उसे नौकरी के लिये इंटरव्यू दिलवाने यहाँ लायी थी।”
07-09-2020, 08:33 PM
“मगर एम-डी ने तो मीना को पहचान लिया होगा और उसके बावजूद एम-डी ने ये सब किया”, महेश थोड़ा शाँत होते हुए बोला।
“तो क्या हुआ? तुम्हें तो मालूम है कि हमारी कंपनी में नौकरी देने का रूल क्या है। मीना तुम्हारी बेटी है तो क्या एम-डी कंपनी के रुल बदल देते? माना एम-डी ने मीना को पहचान लिया था लेकिन कुँवारी चूत चोदने के खयाल ने ही उन्हें इतना बेचैन कर दिया कि वो तुम्हारे बिना ही शुरू हो गये”, प्रीती खिल खिलाते हुए बोली। वो शराब के नशे और खुशी से सातवें आसमान पर थी। “ओह गॉड! मैं क्या करूँ? उसकी माँ को मैं क्या जवाब दूँगा?” महेश ने अपना सिर दोनों हाथों से पकड़ लिया। “अब तुम्हें सब याद आ रहा है! जब तुम्हारा कोई अपना तुम्हारे इस गंदे खेल में फँस गया।” “इसका मतलब तुमने ये सब जानबूझ कर किया?” महेश ने पूछा। “हाँ! तुम क्या समझते हो?” प्रीती ने जवाब दिया। “पर क्यों? प्रीती! मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था जो तुमने मुझे ऐसी सज़ा दी?” महेश की आँखों से आँसू बह रह थे। “कितने हरामी आदमी हो तुम। कितनी जल्दी सब भूल जाते हो। क्या तुम्हें याद नहीं कि किस तरह तुमने मेरे पति को ब्लैकमेल किया, रिशवत का लालच दिया, जिससे तुम मुझे चोद सको? हाँ महेश! ये मेरा बदला था तुम्हारे साथ। तुम्हारी वजह से मैं एक पतिव्रता औरत से एक ऐय्याश, सिगरेट-शराब पीने वाली वेश्या बन गयी”, प्रीती ने जवाब दिया। “हे भगवान! मैंने अपने आप को किस मुसीबत में फँसा लिया है।” “महेश देखो! मीना के चूतड़ कैसे उछल-उछल कर साथ दे रहे हैं, लगता है उसे अपनी पहली चुदाई में कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा है”, प्रीती ने टीवी की तरफ इशारा करते हुए कहा। बदले में महेश ने व्हिस्की की बॉटल उठा ली और नीट पे नीट पीने लगा। “ओहहहहह सर! अच्छा लग रहा है”, मीना सिसकरी भर रही थी, “हाँ सर! ऐसे ही करते जाइये, और तेजी से ओहहहहहहह आआआहहहहहहह हाँ!!! और तेजी से सर!!!! मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है।” “चूत में खुजली हो रही है? तुमने इस लड़की के साथ क्या किया?” महेश जोर से चिल्लाया। “वही जो तुमने मेरे साथ किया था”, प्रीती ने जवाब दिया, “मैंने तुम्हारा वो स्पेशल दवाई मिला हुआ कोक इसे इतना पिला दिया है कि ये सारी रात दस-दस मर्दों से भी चुदवा लेगी तो इसकी चूत की खुजली नहीं मिटेगी।”
07-09-2020, 08:34 PM
इससे पहले कि महेश कुछ कहता मीना जोर से चिल्लायी, “ओह सर!!!! जोर से, हाँ और जोर से हाँआंआंआंआं इसी तरह करते रहो...... ऊऊऊऊऊऊऊऊऊईई माँआंआंआं! हाँआंआं सर!!!! लगता है मेरा छूट रहा है।”
महेश ने दोनों हाथों से अपने कान बंद कर लिये। प्रीती जोरों से हँस रही थी। इतने में ही एम-डी भी चिल्लाया “हाआआआ ये ले.... और ले...” और अपना पानी मीना की कुँवारी चूत में छोड़ दिया। अब दोनों अपनी साँसें संभालने में लगे थे। कमरे में एक दम खामोशी छायी हुई थी। महेश ड्रिंक पर ड्रिंक ले रहा था। प्रीती भी ड्रिंक पीते हुए ना जाने किस सोच में डूबी हुई थी कि इतने में एम-डी की आवाज़ सुनाई दी, “मीना! अब तुम घोड़ी बन जाओ! मैं तुम्हारी गाँड में अपना लंड डालुँगा।” मीना एम-डी की बात मानते हुए घोड़ी बन गयी। महेश ने चौंक कर टीवी स्क्रीन की ओर देखा और जोर से चिल्लाया, “नहीं!!! अब ये उसकी गाँड भी मारेगा?” “मीना तुम्हें पता है? महेश हमेशा मुझसे कहता था कि सर आपको कुँवारी गाँड मारना नहीं आता, आज मैं उसकी बेटी की कुँवारी गाँड मार कर सिखाऊँगा, क्या कहती हो?” कहकर एम-डी ने अपना खड़ा लंड उसकी गाँड के छेद पर रख दिया। “आप जैसा कहें सर! मेरा जिस्म आपके हवाले है”, मीना ना जवाब दिया। “नहीं सर प्लीज़ नहीं! मेरी बेटी के साथ ऐसा ना करें... ओह राज! तुम कुछ करो ना प्लीज़!!” महेश मुझसे गिड़गिड़ाते हुए बोला। “क्यों अब क्या हो गया? याद है, तुमने मुझे बताया था कि गाँड कैसे मारी जाती है। क्या तुम मेरी बहन मंजू को भूल गये..... जब उसने धीरे से डालने को कहा था! तब तुमने एक ही धक्के में अपना लंड उसकी गाँड में डाल कर उसकी गाँड फाड़ दी थी। अब तुम्हारी बेटी की बारी आयी तो चिल्ला रहे हो।” “राज तुम भी मेरे खिलाफ़ हो रहे हो?” महेश रोते हुए बोला। उसी समय एम-डी ने जोर से अपना लंड मीना की गाँड में घुसा दिया और मीना के मुँह जोर से दर्द भरी चींख निकल गयी, “ऊऊऊऊऊऊऊऊऊईईईईईई माँ मर गयीईईईईई, निकालो अपना लौड़ा मेरी गाँड में से...... निकालो! मेरी गाँड फट रही है.... बहुत दर्द हो रहा है।” उसकी चींखों की परवाह ना करते हुए एम-डी अब और तेजी से अपने लंड को उसकी गाँड के अंदर बाहर कर रहा था और मीना रो रही थी। “ओह गॉड! मेरी बच्ची”, महेश अब और तेजी से ड्रिंक कर रहा था। मैं और प्रीती महेश को तड़पता हुआ देख रहे थे। उसी समय एम-डी नंगा ही कमरे में आ गया। प्रीती ने जल्दी से टीवी ऑफ कर दिया।
07-09-2020, 08:35 PM
“गुड प्रीती, मज़ा आ गया!” उसने कहा और जब महेश को देखा तो बोला, “महेश! मेरे दोस्त! तुम शानदार दोस्त हो। मीना कमाल की लड़की है। उसकी चूत इतनी टाइट है कि मैं क्या कहूँ! ठीक उस कॉलेज की लड़की की चूत की तरह जिसे हमने कल चोदा था। मुझे नहीं मालूम था कि तुम मेरा इतना खयाल रखते हो।”
“म...म...म...मैं”, महेश ने हकलाते हुए कहा। “तुम्हें कुछ कहने की जरूरत नहीं है! मुझे प्रीती ने सब बता दिया है”, एम-डी ने कहा। “क्या प्रीती ने सब बता दिया?” महेश ने चौंकते हुए स्वर में कहा। “हाँ मेरे दोस्त! उसने मुझे बताया कि किस तरह तुम कई दिनों से किसी कोरी चूत की तलाश में थे जिसे तुम मेरे जन्मदिन पर तोहफ़ा दे सको और जब तुम्हें कोई नहीं मिला तो अपनी ही बेटी को ये कहकर भेज दिया कि उसका इंटरव्यू है। तुम बहुत समझदार हो महेश”, एम-डी ने कहा, “महेश! उठो, मीना तुम्हारा इंतज़ार कर रही है, जाओ और मजे लो।” “प्लीज़ सर! महेश को ऐसा करने को कह कर शर्मिंदा ना करें, आखिर में वो इसकी बेटी है”, मैंने धीरे से एम-डी से कहा। “तुम नहीं जानते राज! महेश के लिये चूत, चूत है! वो चाहे जिसकी हो। हाँ, एक आम आदमी मेरी और तुम्हारी तरह शायद शर्म से मर जाये, पर महेश नहीं! इसने मुझे एक बार बताया था कि किस तरह इसने अपनी दो बहनों को चोदा था और तब तक चोदता रहा जब तक उनकी शादी नहीं हो गयी।” एम-डी ने हँसते हुए कहा और महेश से बोला, “उठो महेश! क्या सोच रहो हो? एक बहुत ही कसी और शानदार चूत तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।” “अभी नहीं! शायद बाद में”, महेश बड़बड़ाया। “राज! जाके देखो तो मीना क्या कर रही है?” मैं मीना को देखने बेडरूम में गया और थोड़ी देर बाद उसे साथ ले कर कमरे में आया। अपने पिताजी को देख कर मीना अपना नंगा बदन ढाँपने लगी और मेरे पीछे छुप कर अपनी चूत छुपानी चाही। “मीना! तुम्हें अपनी चूत अपने डैडी से छुपाने की जरूरत नहीं है। अगर ये तुम्हें चोदना नहीं चाहता तो कम से कम इसे तुम्हारी चूत तो देखने दो”, एम-डी ने उसे अपने पास खींचते हुए कहा, “क्या अब भी तुम्हारी चूत में खुजली हो रही है?” “हाँ सर! बहुत जोरों से हो रही है”, मीना ने कहा। “शायद ये दूर कर दे”, कहकर एम-डी ने सोफ़े पर बैठ कर मीना का अपनी गोद में बिठा लिया और अपना लंड नीचे से उसकी चूत में घुसा दिया। “अब तुम ऊपर नीचे हो और चोदो”, एम-डी ने मीना से कहा। |
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