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“राम रुक गया और बोला, क्या दर्द हो रहा है?”
"तुम मेरे दर्द की परवाह ना करो, बस मुझे जोर जोर से चोदते जाओ.... अंजू की बातें सुन राम ने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया और उसे चोदने लगा। अब अंजू कुँवारी नहीं रही थी। मैं मुस्कुरायी।”
“अंजू के मुँह से सिसकरियाँ छूट रही थी। हाँआँआँ.... ऐसे ही.... हाय चोदो...... और जोर से हाँ..... फाड़ दो मेरी चूत को.... आआआहहहह।”
“मुझे भी मज़ा आ रहा था। अब मैंने श्याम और मंजू की और देखा तो पाया कि श्याम को कुछ प्रॉब्लम हो रही थी। मैंने पूछा, श्याम तुम मंजू की चूत में अपना लंड क्यों नहीं डाल रहे हो? ”
“दीदी मैं कोशिश कर रहा हूँ पर नहीं जा रहा। इसने अपनी टाँगें सिकोड़ रखी हैं। उसने कहा।”
“मेरी समझ में नहीं आया कि क्या कहूँ..... क्या करूँ। फिर मुझे याद आया कि मेरी पहली रात में तुमने क्या किया था। मैंने श्याम से कहा, श्याम! इसकी चूत पर जोर-जोर से अपना लौड़ा रगड़ो।”
“श्याम मंजू की चूत पर जोर-जोर से अपना लंड रगड़ने लगा। इस से मंजू में गर्मी भरने लगी, और उसने सिसकरी लेते हुए अपनी टाँगें फैला दी।”
“अब फाड़ दे इसकी चूत... मैं चिल्लायी। मैं भी काफी ड्रिंक कर चुकी थी और नशे में थी। श्याम ने एक ही धक्के में अपना लंड उसकी चूत में समा दिया।”
“ऊऊऊऊऊईईईईई माँआँआँ.... मंजू दर्द में तड़पी, पर श्याम बिना रुके जोर से और तेजी से उसे चोदने लगा।”
“श्याम इतनी जोरों से नहीं! जरा से प्यार से चोदो...... इतना कहकर मैं आराम से अपनी ननदों की मेरे भाइयों द्वारा चुदाई देखने लगी।”
“अंजू को सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा था। उसने राम को कस कर भींच रखा था और अपनी टाँगें उछाल कर उसकी थाप से थाप मिला रही थी, ऊऊऊऊऊऊऊऊ राम! कितना अच्छा लग रहा है, हाँआँआँ ऐसे ही...... हाय चोदते जाओ, हाँआंआंआंआं... और जोर से... ओहहहहह आहहहाहह मेरा छूटने वाला है......, और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। वो अपनी उखड़ी साँसें संभालने लगी। राम ने भी दो चार जोर के धक्के मार कर उसकी चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया।”
“उधर दूसरी तरफ मंजू भी अपनी पहली चुदाई के आनंद से दूर नहीं थी। श्याम और ज्यादा अंदर घुसाओ, क्या तुम तेजी से नहीं चोद सकते.... हाँ इसी तरह... और तेजी से हाँआँआँ... हाँआँ... मेरा छूटने वाला है... वो सिसकरियाँ भर रही थी।”
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Ghazab ki story hai bro...
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saala kya bakwas story hai
chudna to rajjni md ki bhanji ko randi banata revenge kai liya
na ki apni bhen ko chudwata MD OR MAHESH SAAI CHUDWATA
KUTA KAMEEN JAA BHEN KO BHI CHUDWALIYO
MAA HOTA TO SAALA MD OR MAHESH KO PITT KAR ADMARA KAR DETA
UN DONO CAR MAI BITHA KAR TRUCK SAI URA DETA
I HATE THIS STORY SO MUCCCHHHHHHH
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(15-06-2020, 04:23 PM)Eswar P Wrote: Wow bro super .
bro
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(17-06-2020, 01:48 AM)ShakirAli Wrote: Ghazab ki story hai bro...
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(18-06-2020, 07:05 AM)Eswar P Wrote: Bro please update
(22-06-2020, 06:18 AM)Eswar P Wrote: Please update bro
(25-06-2020, 08:03 PM)Eswar P Wrote: Update
Update bus thodi der mei
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(19-06-2020, 07:39 AM)Ravikumar528 Wrote: saala kya bakwas story hai
chudna to rajjni md ki bhanji ko randi banata revenge kai liya
na ki apni bhen ko chudwata MD OR MAHESH SAAI CHUDWATA
KUTA KAMEEN JAA BHEN KO BHI CHUDWALIYO
MAA HOTA TO SAALA MD OR MAHESH KO PITT KAR ADMARA KAR DETA
UN DONO CAR MAI BITHA KAR TRUCK SAI URA DETA
I HATE THIS STORY SO MUCCCHHHHHHH
भाई साहब.... काल्पनिक कहानियों का मज़ा लें बस.... इन्हें दिल और दिमाग पर न लें....
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29-06-2020, 01:57 AM
(This post was last modified: 29-06-2020, 01:58 AM by rohitkapoor. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
“श्याम भी अपना पूरा जोर लगा रहा था उसे चोदने में। हाँआआआआ.... ले मेरे लंड को... अंदर तक ले..... हाँआआआआआआ और ले....। और उसने अपना पानी मंजू की चूत में छोड़ दिया, लेकिन उसने चुदाई चालू रखी। शायद उसका लौड़ा अभी भी तना हुआ था। उसके पानी ने मंजू को भी पानी छोड़ने पर मजबूर कर दिया। ओहहहहहह... मेरा पानी छूट रहा है.... कहकर उसका बदन ढीला पड़ गया।
दोनों जोड़े चूमा चाटी करते हुए चुदाई के बाद का आनंद ले रहे थे। सच कहती हूँ राज उस दिन मुझे इतनी खुशी मिली कि मैं क्या बताऊँ।”
“चलो लड़कों! तुम लोग ऐसे नहीं लेटे रह सकते, तुम चारों थोड़ा और डाँस क्यों नहीं करते...., मैंने राम और श्याम को बीयर पकड़ाते हुए कहा। तुम लड़कियों को भी प्यास लग रही होगी? कहकर मैंने दोनों को वो स्पेशल कोक का ग्लास दे दिया। मुझे भी नशे में ध्यान नहीं रहा और मैंने भी स्कॉच की जगह अपने ग्लास में वो स्पेशल कोक डाल लिया।”
“हम पाँचों म्यूज़िक पर डाँस कर रहे थे। इस बार राम ने मंजू को और श्याम ने अंजू को साथ लिया हुआ था।”
“अंजू तुम इतनी दूर रहकर क्यों डाँस कर रही हो, मुझसे सट कर डाँस करो ना? श्याम ने अंजू को अपने करीब खींचते हुए कहा।”
“ना बाबा! मैं नहीं आ सकती, पहले तुम्हारे लंड का कुछ करो, ये मेरे पेट में चुभता है... अंजू ने हँसते हुए कहा।”
“अच्छा तो ये बात है? तो इसका हल अभी कर देते हैं.... कहकर श्याम ने अंजू को कमर से पकड़ नीचे लिटा दिया अपना लंड अंजू की चूत में डाल दिया।”
“श्याम! तुम बदमाश हो, अंजू ने चुलबुलाते हुए कहा, मैंने तुम्हें अपने लंड को मेरी चूत में डालने की इजाज़त नहीं दी थी।”
“जान मेरी! खड़े लंड की सही जगह चूत है और अब ये ऐसे भी तुम्हारे पेट को नहीं चुभ रहा। इतना कहकर श्याम अंजू को बिस्तर पेर लिटा कर चोदने लगा।”
“राम देखो! वो दोनों चुदाई कर रहे हैं! क्या हम दोनों ऐसे ही उन्हें देखते रहेंगे.... मंजू ने प्यासी नज़रों से देखते हुए राम से कहा।”
“नहीं जान हम भी चुदाई करेंगे..., राम ने हँसते हुए कहा। इतना सुनकर मंजू बिस्तर पे लेट गयी और अपनी टाँगें फैला कर बोली, आओ राम! और ये मोटा लंड मेरी चूत में जोर से पेल दो, बहुत खुजली हो रही है मेरी चूत में।”
“दोनों राम और श्याम कस कर मंजू और अंजू की चुदाई कर रहे थे। हर चुदाई के बाद ये आपस में पार्टनर बदल लेते थे। आखिर में दोनों थक कर चूर हो चुके थे। एक बूँद पानी भी दोनों के लंड में नहीं बचा था, और अंजू मंजू की चूत पानी से भरी हुई थी। उनकी चूत से पानी टपक रहा था। किंतु उनका मन नहीं भरा था। वो और चुदवाना चाहती थी।”
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“राम अपने लंड को खड़ा करो...! अंजू ने शिकायत भरे सुर में कहा और उसके लंड की चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगी।”
“रुको मेरी जान थोड़ा वक्त लगेगा.... राम ने कहा।”
“मगर मैं अभी चुदवाना चाहती हूँ.... अंजू ने जवाब दिया।”
“श्याम अपना लंड जल्दी से खड़ा करो और मुझे चोदो, मेरी चूत की खुजली अभी मिटी नहीं है....! मंजू भी बोली।”
“हाँ मेरी जान जैसे ही ये खड़ा होता है.... मैं तुम्हें चोदूँगा.... श्याम बोला।”
“ओह!!! मैं क्या करूँ? मंजू अपनी चूत को रगड़ते हुए बोली।”
“अगर तुम दोनों लड़कियों को चुदवाने की इतनी ही जल्दी है तो तुम दोनों इनका लौड़ा क्यों नहीं चूसती हो? इससे इनका लंड जल्दी खड़ा हो जायेगा.... मैंने सलाह दी।”
“मेरी बात सुन कर दोनों लड़कियाँ उनके लंड को मुँह में ले कर जोर-जोर से चूसने लगी। थोड़ी ही देर में दोनों का लंड तन कर खड़ा हो गया। चुदाई के बाद चारों अपने कमरे जा कर गहरी नींद में सो गये।”
“पर मेरी खुद की हालत खराब थी। मैंने अकेले ही स्कॉच की आधी से ज्यादा बोतल पी ली थी अब तक और दो ग्लास स्पेशल कोक भी पी लिये थे। मेरी चूत में इतनी खुजली मची थी कि क्या बताऊँ। ऊपर से नशे में मैं खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। मैंने अपने कपड़े फटफट उतार दिये और कुछ देर अपनी अँगुलियों से चूत को रगड़ती रही। पर चूत को ऐसे ही राहत नहीं मिलने वाली थी। उस समय तो मैं किसी से भी चुदवाने को तैयार हो जाती पर मेरे भाई भी थक कर चूर सो गये थे। उनसे कोई उम्मीद नहीं थी। मैं नशे में, सिर्फ अपने सैंडल पहने लड़खड़ाती हुई पागलों की तरह किचन की तरफ बढ़ी और फिर फ्रिज में से मोटा सा खीरा निकाल कर अपनी चूत चोदी। तब जाकर पंद्रह-बीस मिनट में कुछ चैन पड़ा।”
“दूसरे दिन मेरी आँख खुली तो खुद को किचन के फर्श पर ही सिर्फ सैंडल पहने नंगी लेटे पाया। मैं उठ कर इन लड़कियों के बेडरूम में गयी तो देखा कि अंजू और मंजू गहरी नींद में सोयी पड़ी थी। उन दोनों की फैली टाँगों के बीच उनकी गोरी चूत देख कर मेरे मन में एक ऑयडिया आया और मैं कपड़े पहन कर अपने भाइयों को बुलाने उनके कमरे में गयी। उनको सोते से जगाते हुए कहा.... यहाँ तुम दोनों सोये हुए हो और वहाँ वो दोनों चुदवाने को बेचैन हैं। वो दोनों बिस्तर से उछले और अपना लंड पकड़ते हुए मेरे पीछे चले आये।”
“दीदी! ये दोनों तो अभी तक सो रही हैं....! ”
“तो क्या? इनकी चूत चाट कर इनको उठाओ... मैंने राम को अंजू पर ढकेलते हुए कहा।”
“ये क्या कर रहे हो? अंजू नींद से चौंक कर जागती हुई बोली।”
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“कुछ नहीं! अपने लंड के धक्कों से तुम्हारी सोयी हुई चूत को जगा रहा हूँ.... कहकर राम ना अपना लंड अंजू की चूत में घुसा दिया।”
“ओहहहह राम!!! कितना अच्छा लग रहा है... अंजू ने सिसकरी भरी।”
"श्याम अब मुझे और मत तड़पाओ, प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में डाल दो.... मंजू ने श्याम से कहा जो उसकी चूत को चाटे जा रहा था।”
“दोनों चुदाई करने के बाद एक बार फिर पार्टनर बदल कर चुदाई करने लगे। थोड़ी देर बाद मैंने कहा... बस अब तैयार हो जाओ, हमें घूमने जाना है।”
“ओह भाभी! अभी कितनी सुबह है। बाद में चलेंगे ना, मेरी चूत मैं अभी भी खुजली हो रही है। अंजू ने कहा। ”
“हाँ भाभी! जल्दी क्या है जाने की? मैं भी और चुदवाना चाहती हूँ... मंजू भी बोली।”
“नहीं मेरी प्यारी ननदों, हमें जहाँ जाना है वो जगह यहाँ से दो घंटे की दूरी पर है और हमें शाम होने तक वापस भी तो आना है। इसलिये तैयार हो जाओ और रात को जितना मरज़ी हो उतना चुदवा लेना...। मैं दोनों भाइयों को कमरे के बाहर धक्का देने के बाद आयी तो देखा दोनों लड़कियाँ आपस में कानाफ़ूसी कर रही थी।”
“ममममम!!! लगता है तुम दोनों को चुदवाने में बहुत ही मज़ा आया है। अच्छा बताओ किसका लौड़ा सबसे ज्यादा अच्छा लगा? मैंने दोनों से पूछा।”
“दोनों शरमाने लगी। थोड़ा सोचने के बाद अंजू बोली... मुझे राम का लंड अच्छा लगा, कितना लंबा और मोटा है।”
“लेकिन मुझे श्याम का लंड ज्यादा अच्छा लगा, थोड़ा छोटा है पुर उसके चोदने का जो तरीका है, उसमें मज़ा ज्यादा आता है... मंजू बोली।”
“तुम दोनों अपनी जगह सही हो, चलो अब तैयार हो जाओ... मैंने कहा।”
“अभी रुको भाभी!! पहले आपको हमारे एक सवाल का जवाब देना है... अंजू कुछ सोचते हुए बोली, आपने राम और श्याम को हमें चोदने से क्यों नहीं रोका?”
“मैं उन्हें क्यों रोकती। जब तुम दोनों पहले से ही चुदवाना चाहती थी तो मैंने उन्हें करने दिया जो वो करना चाहते थे। फिर तुम दोनों भी तो उन्हें रोक सकती थी, तुमने क्यों नहीं रोका उनको? मैंने सवाल पर सवाल किया।”
“हम नहीं कर सके भाभी! हमारी चूत में इतनी खुजली हो रही थी... अंजू ने कहा।”
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“मैं नहीं मानती कि ये सचाई है... मंजू सोचते हुए बोली, भाभी याद है जब हमने कहा था कि हमारा मन चुदाई के लिये करता है तो आपने हमें शादी तक रुकने को कहा था? नहीं भाभी? हमें सचाई बताइये।”
“इन्हें एक दिन तो सचाई बतानी ही थी सो मैंने सोचा कि आज क्यों नहीं । ठीक है मैं बताती हूँ... फिर मैंने इन्हें पूरी कहानी सुना दी कि कैसे तुमने अपने स्वार्थ और तरक्की के लिये मुझे अपने दोनों बॉस से चुदवाने के लिये भेज दिया।”
“पर भाभी आप भी तो मना कर सकती थी? आप क्यों तैयार हो गयी? मंजू ने पूछा।”
“मैं भी तुम दोनों की तरह मना नहीं कर सकी। उस दिन मेरी भी चूत में ऐसे हो खुजली हो रही थी। मेरा भी मन चुदवाने का कर रहा था... चाहे किसी का भी लंड हो। तुम्हारे भैया ने मुझे वही कोक पिलाया था जो मैंने तुम दोनों को पिलाया था। उसमें उत्तेजना की दवाई मिली हुई है। मैंने सचाई बताते हुए कहा।”
“तो आपने ये तरकीब बनायी थी, यहाँ लाकर हमारी कुँवारी चूत अपने भाइयों से चुदवाकर आपने राज भैया का बदला लिया? अंजू ने पूछा।”
“हाँ ये सही है, लेकिन अभी मेरे बदले का पहला चरन ही पूरा हुआ है... मैंने जवाब दिया।”
“पहला चरन? जो हुआ उससे आपका दिल नहीं भरा? अब आपको और क्या चाहिये? मंजू ने पूछा, क्या आप अब ये चाहती हैं कि आपके भाई हमारी गाँड मारें।”
“नहीं मेरे भाई नहीं, मैं चाहती हूँ तुम्हारे भैया के सामने उनके बॉस, एम-डी और महेश तुम दोनों की गाँड का उदघाटन करें... मैंने जवाब दिया।”
“अगर हम दोनों ना करें और यहीं से घर वापस चले जायें तो? अंजू ने पूछा।”
“अगर तुम तैयार नहीं हो और घर वापस जाना चाहती हो तो जा सकती हो, मैं जिद नहीं कर सकती। लेकिन मैं तीन कारण बता सकती हूँ जिससे तुम ये सब करने के लिये तैयार हो जाओगी... मैंने कहा।”
“मैंने चालू रहते हुए कहा... पहला कारण तो ये है कि तुम अपने पिताजी को जल्दी वापस लौटने का क्या कारण बताओगी। दूसरा अगर तुम गर्भवती हो गयी तो मैं ही तुम दोनों को उस परेशानी से बचा सकती हूँ, और तीसरा, क्या तुम्हें नहीं लगता कि तुम्हारे भैया को सबक सिखाना चाहिये। तुम दोनों की चूत चुद चुकी है और दो चार और लंड लेने से कोई फ़रक नहीं पड़ने वाला, मैंने कहा, ठंडे दिमाग से सोच लेना और मुझे अपना फैसला सुना देना।”
“क्या राम और श्याम को मालूम है कि अपने अपना बदला लेने के लिये हमें मोहरा बनाया है? अंजू ने पूछा।”
“नहीं! उन्हें नहीं पता है! सिर्फ़ हम लोगों को पता है, यहाँ तक कि तुम्हारे भैया को भी नहीं.... मैंने जवाब दिया।”
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“घूमने जाने से पहले मंजू ने कहा, भाभी हम तैयार हैं! जैसा आप बोलेंगी, हम करेंगे।”
“अच्छा है! अब राम और श्याम से दिल खोलकर मज़ा लो, तुम लोग दोबारा गर्भवती नहीं हो सकती... मैंने हँसते हुए जवाब दिया।”
“कार में बैठते वक्त राम ने कहा, दीदी! गाड़ी आप चलाइये, हम चारों पीछे की सीट पर बैठ जायेंगे।”
“जब कार हाईवे पर पहुँची तो मैंने अंजू को बोलते हुए सुना, नहीं राम! मैं तुम्हारा लंड अपने मुँह में नहीं ले सकती... ”
“क्यों नहीं ले सकती? जब तुम्हें चुदवाना था तो तुमने मेरा लंड चूस कर खड़ा किया नहीं था क्या? राम ने जवाब दिया।”
“नहीं हमने तुम लोगों का लौड़ा नहीं चूसा... मंजू बोली।”
“अगर यकीन नहीं आता तो अपनी भाभी से पूछ लो... श्याम बोला।”
“भाभी!!! इनसे कहिये ना कि हम लोगों ने इनका लंड नहीं चूसा था... अंजू गिड़गिड़ायी।”
“मगर ये सच है कि तुम दोनों ने इनके लंड को जोर-जोर से चूसा था और तुम्हें मज़ा भी आया था। मैंने हँसते हुए जवाब दिया।”
“अब इसे चूसो मेरी जान!!! कहकर राम ने अपना लंड अंजू के मुँह में दे दिया।”
“थोड़ी देर बाद मुझे पीछे से चपर-चपर की आवाजें सुनाई दीं। मैंने रियरव्यू मिरर में देखा कि दोनों लड़कियाँ जोर-जोर से उनके लौड़े को चूस रही थी।”
“ओहहह अच्छा लग रहा है, अंजू ज़रा जोर से चूसो राम ने सिसकरी भरते हुए कहा।”
“ऐसे लगता है मंजू कि तुमने तो लौड़ा चूसने के लिये ही जन्म लिया है! कितने अच्छे तरीके से चूस रही हो, हाँआआआ और जोर से चूसो... कहकर श्याम ने अपना लंड और अंदर घुसेड़ दिया।”
“थोड़ी देर में दोनों ने अपना वीर्य उनके मुँह में छोड़ दिया और दोनों गटक कर उनका पानी पी गयी।”
“जब हम शाम को घर पहुँचे तो मैंने उन चारों को कमरे में अकेला छोड़ दिया। पूरी रात चारों चुदाई करते रहे, उनके सिसकने की, चिल्लाने की अवाज़ें आती रही।”
“एक बात कहूँ राज! तुम्हारी बहनें भी तुम्हारी तरह एक दम गरम हैं। जब तक वहाँ रहीं... मेरे भाइयों की हालत खराब कर दी। हम लोगों के जाने के बाद राहत की साँस ली होगी उन्होंने।”
“फिर हम लोग यहाँ चले आये और अगे की कहानी तुम्हें मालूम ही है।” ये कहकर प्रीती ने अपनी कहानी खत्म करी।
॥॥। क्रमशः॥॥
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29-06-2020, 11:31 AM
(This post was last modified: 29-06-2020, 11:36 AM by Eswar P. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Achha hai bhai lekin isme Raj ki kya dosh hi ,uski majboori be hi . Isme saara ilzaam md our mahesh ki hi
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(29-06-2020, 11:31 AM)Eswar P Wrote: Achha hai bhai lekin isme Raj ki kya dosh hi ,uski majboori be hi . Isme saara ilzaam md our mahesh ki hi
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05-07-2020, 08:21 PM
(This post was last modified: 05-07-2020, 08:24 PM by rohitkapoor. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(भाग- ७)
प्रीती की कहानी सुनने के बाद मुझे सही में लगा कि जो कुछ मैंने किया वो गलत किया था। खैर जो होना था सो हो गया, अब वो बदला नहीं जा सकता था। मैंने प्रीती से कहा, “प्रीती! मैंने कुछ दिन बाद ही तुमसे माफ़ी माँग ली थी, उसके बाद भी मैं कई बार तुमसे माफ़ी माँग चुका हूँ, पर तुमने मेरी एक नहीं सुनी। आज फिर मैं दिल से तुमसे माफ़ी माँग रहा हूँ, मुझे माफ़ कर दो।”
“हाँ मुझे मालूम है, और मैं तुम्हें उस दिन भी माफ़ कर सकती थी, पर मैं तुम्हें एक सबक सिखाना चाहती थी। आज वो पूरा हो गया”, प्रीती ने जवाब देते हुए कहा, “राज मैं एक शर्त पर ही तुम्हें माफ़ करूँगी! अगर तुम मुझे एम-डी और महेश से बदला लेने में मेरी मदद करोगे?”
“मेरा वादा है तुमसे! मैं तुम्हारी पूरी मदद करूँगा।” मैंने जवाब दिया। “अब अंजू और मंजू के बारे में क्या करना है? अगर ये दोनों प्रेगनेंट हो गयी तो?”
“इसके बारे में मैंने सोच लिया है, सुबह मैं दोनों को डॉक्टर के पास ले गयी थी, इतनी जल्दी तो कुछ पता नहीं चलेगा किंतु भविष्य के लिये उसने बर्थ कंट्रोल पिल्स दे दी हैं”, प्रीती ने जवाब दिया।
“लेकिन अब इन दोनों का यहाँ क्या काम है, क्या तुम्हारा इनसे मक्सद पूरा नहीं हुआ?” मैंने पूछा।
“भाभी का हो गया होगा पर हमारा नहीं! अभी हम कुछ दिन और यहाँ रुकना चाहते हैं और खूब चुदाई करना चाहते है, क्यों भाभी ठीक है ना?” अंजू ने प्रीती से पूछा।
“क्या तुम लोग भी यहाँ रहकर वेश्या बनना चाहती हो? तुम लोगों का दिमाग खराब हो गया है?” मैंने थोड़ा झल्लाते हुए कहा।
“हाँ भैया! हम लोग पागल हो गये हैं, और एम-डी और उसके दोस्तों से चुदवा कर उनको पागल कर देंगे, जिन्होंने भाभी को उन सबसे चुदवाने पर मजबूर कर दिया था, और साथ ही साथ पैसा भी कमाना चाहते हैं,” मंजू ने कहा।
“पर मैंने तो प्रीती से नहीं कहा था उन लोगों से चुदवाने को!” मैं थोड़ा गुस्से में बोला।
“नहीं भैया! आप गलत हो, जिस दिन आपने एम-डी और महेश को भाभी को चोदने दिया उसी दिन आपने भाभी को दूसरों से चुदवाने के लिये मजबूर कर दिया था”, अंजू ने कहा।
“हाँ भैया और हमारी शादी से पहले चुदाई भी आपके कारण ही हुई है”, मंजू ने कहा।
“पर ये मैंने नहीं, तुम्हारी भाभी ने किया है”, मैंने रोते हुए कहा।
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