Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 3.14 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery तरक्की का सफ़र
#81
मैं चुपचाप बैठा अपने आप को कोस रहा था। ना मुझे माँ ने जनम दिया होता, ना मैं यहाँ नौकरी करने आता, ना मेरी इच्छायें बढ़ती और ना ही मैं प्रीती के साथ ऐसा व्यवहार करता। इससे तो अच्छा था कि मैं पैदा होते ही मर जाता। 

राज सुना! एम-डी अब अंजू की गाँड मारना चाहता है.... प्रीती चुलबुलाती हुई बोली। 
 
अंजू! अब तुम घोड़ी बन जाओ..., मैं अब तुम्हारी गाँड मारूँगा, एम-डी ने कहा।
 
नहीं! मैं तुम्हें अपनी गाँड नहीं मारने दूँगी, सुना है बहुत दर्द होता है... अंजू ने जवाब दिया।
 
गाँड तो तुम्हें मरवानी पड़ेगी! हाँ, तुम्हें दर्द होगा तो मैं रुक जाऊँगा, एम-डी ने उत्तर दिया।
 
प्रॉमिस???”
 
प्रॉमिस!!! कसम ले लो, कहकर एम-डी ने अपना लंड अंजू की गाँड में घुसा दिया।
 
ओहहहह प्लीज़ रुक जाइये! मुझे बहुत दर्द हो रहा है, अंजू दर्द से कराही।
 
थोड़ी देर की बात है जानू, मेरा लंड तुम्हारी गाँड में घुस रहा है, कहकर एम-डी ने पूरा लंड उसकी गाँड में घुसा दिया।
 
ऊऊऊऊऊईईईईईईईई माँ.... मर गयी.... अंजू जोर से चिल्लायी।
 
डरो मत! मेरा लंड पूरा का पूरा तुम्हारी गाँड में है, सब ठीक हो जायेगा, एम-डी जोर से कहकर अपना लंड अंदर बाहर करने लगा।
 
राज... डरो मत! अंजू की गाँड तो बहुत पहले फट चुकी थी, प्रीती ने हँसते हुए कहा।
 
अब तुम्हारी बारी है गाँड में लंड लेने की.... मैंने महेश को मंजू से कहते सुना,चलो बिस्तर पर पेट के बल लेट जाओ।
 
नहीं मैं तुम्हें अपना इतना मोटा लंड मेरी गाँड में नहीं डालने दूँगी.... बचाओ बचाओ... भाभी!!! मुझे बचाओ.... मंजू जोर से चिल्लायी।
 
जितना चिल्लाना है जोर से चिल्ला, आज तेरी प्यारी भाभी भी तुझे बचाने के लिये नहीं आ सकती, तुम्हारी भाभी ने तुम्हारी गाँड मारने की पूरी कीमत मुझसे वसूल की है। मैं आज तुम्हारी गाँड मार के रहुँगा, चाहे तुम राज़ी हो या न हो। अगर खुशी से मरवाओगी तो तुझे मज़ा भी आयेगा और दर्द भी कम होगा, महेश ने कहा।
 
क्या प्रीती ने इस सब के पैसे लिये हैं? मैं फिर समझ गया कि इन सब में प्रीती का ही हाथ है।
[+] 2 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#82
ठीक है... जरा धीरे-धीरे करना, और जब मैं कहूँ तो रुक जाना, मंजू ने महेश से विनती करते हुए कहा। 

ठीक है तुम जैसा कहोगी... वैसा ही करूँगा, कहकर महेश अपना लंड मंजू की गाँड पर रगड़ने लगा। 
 
देखो राज! अब मंजू की गाँड भी फटने वाली है... ये फटी...... फटी... प्रीती ड्रिंक पीते हुए मज़े ले-ले कर बोल रही थी।
 
ओहहहहह मर गयी.... हरामी साले निकाल ले.... बहुत दर्द हो रहा है, मंजू जोर से चिल्लायी, पर उसकी आवाज़ ना सुन कर महेश ने एक करारा धक्का मार कर अपना पूरा लंड मंजू की गाँड में घुसा दिया।
 
अंजू की मादक सिसकरियाँ और मंजू की दर्द भरी चीखों ने मेरा दिमाग सुन्न कर दिया था। मुझे कुछ होश नहीं था कि मैं कब तक यूँ ही बैठा सब सुनता रहा।
 
जब होश आया तो देखा कि एम-डी अपनी बाँहें फैलाये मेरी तरफ बढ़ रहा था। ओह मॉय राज! तुम कितने अच्छे हो, तुमने स्पेशियली अपनी बहनों को अपनी बीवी द्वारा बुलवाया जिससे हम उन्हें चोद के मज़ा ले सकें.... उसने मुझे बाँहों में भरते हुए कहा। मैं कुछ कहना चाहता था पर मेरी आवाज़ गले में ही घुट कर रह गयी।
 
कुछ कहने की जरूरत नहीं! हमें प्रीती ने सब समझा दिया था। हम उनकी कुँवारी चूत नहीं चोद पाये तो क्या.... पर कुँवारी गाँड तो चोद ही ली। वैसे उनकी चूत बहुत टाइट थी, हमें खूब मज़ा आया। तुम्हारी इस उदारता और नेक काम के लिये तुम्हें इनाम मिलना चाहिये, क्यों महेश क्या कहते हो?”
 
हमेशा की तरह महेश ने एम-डी की हाँ में हाँ मिलायी और फिर दोनों चले गये।
 
अब सब कुछ शीशे की तरह साफ़ था। प्रीती ने ही सब किया था किंतु उसने अंजू और मंजू को चुदाई के लिये तैयार कैसे किया? एम-डी ने कहा कि दोनों कुँवारी नहीं थी और उस दिन ही जब मैंने उनसे बॉय फ्रैंड्स के बारे में पूछा था तो उन्होंने कहा था कि वो वैसी लड़कियाँ नहीं हैं? कई सवाल मेरे दिमाग में रह-रह कर आ रहे थे।
 
इतने में मेरी सोच टूटी। अंजू और मंजू कमरे से सिर्फ सैंडल पहने ही नंगी ही बाहर आ रही थी और उनकी चूत से पानी टपक रहा था। दोनों हँसते हुए आयी और प्रीती से पूछा,क्यों भाभी कैसा रहा?” दोनों की चाल और हाव-भाव से साफ पता चल रहा था कि उन दोनों ने भी शराब पी हुई थी।
 
शानदार!!! बल्कि मैं कहुँगी लाजवाब, प्रीती भी खुशी से बोली, मंजू यहाँ आओ... मुझे तुम्हारी गाँड देखने दो... कहीं इसमें से खून तो नहीं आ रहा, जब गाँड मारने की बात आती है तो महेश का भरोसा नहीं कर सकती।
[+] 2 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
#83
मंजू झुक कर अपनी गाँड प्रीती को दिखाने लगी। शुक्र है!!! कुछ खास नहीं हुआ है, थोड़ी सी सूजन है... वो कुछ घंटों में ठीक हो जायेगी, प्रीती ने उसकी गाँड को परखते हुए कहा और सिगरेट का धुँआ उसकी गाँड में छोड़ दिया। 

मुझे भी यही लगता है, कि कुछ लगाने की जरूरत नहीं है, इतनी सारी दवाई जो अंदर गयी हुई है, मंजू ने हँसते हुए कहा, भैया आपको हमारी चुदाई कैसी लगी?” 
 
ओह गॉड कितनी सुंदर थी दोनों। उनके उभरे और भरे हुए मम्मे और उस पर काले निप्पल गज़ब ढा रहे थे। उनकी बिना बालों की चूत ऐसे निखर रही थी क्या कहना। मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि प्रीती के कहने पर ही उन्होंने अपनी झाँटें साफ़ करी होंगी। मुझे शर्म आ रही है ये कहते हुए कि उनका गोरा बदन देख कर मेरा लंड भी एक दम तन कर खड़ा हो गया था।
 
चुप रहो और जाके कपड़े पहनो, मैं चिल्ला कर बोला।
 
देखो इसके तने हुए लंड को, प्रीती ने मेरे खड़े लंड की और इशारा करते हुए कहा, जाओ जा कर कपड़े पहनो इसके पहले कि तुम्हारे भैया का सब्र टूटे और ये तुम्हें चोदने लगे।
 
मुझे बुरा नहीं लगेगा, अंजू ने कहा,आओ भैया और अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, भाभी ने बताया है कि इन्होंने जितने भी लंड का स्वाद चखा है उसमें तुम्हारा लंड सबसे जानदार और अच्छा है।
 
हाँ भैया! हम दोनों को चोदो... हम तैयार हैं... मंजू ने भी कहा।
 
इससे पहले कि मैं तुम दोनों की पिटायी करूँ, यहाँ से दफ़ा हो जाओ और जा कर कपड़े पहनो... मैं जोर से चिल्लाया। वो दोनों घबरा कर रूम में भाग गयीं।
 
थोड़ी देर बाद वो अपने कपड़े पहन कर आ गयी और सोफ़े पर बैठ गयी। मैंने प्रीती की तरफ देखते हुए कहा, प्रीती!!! अब इनकार मत करना! मैं समझ गया हूँ कि इस सब के पीछे तुम्हारा हाथ है।
 
इनकार कौन कर रहा है, बल्कि मैं तो खुश हूँ कि मैंने अकेले ही ये सब कर दिखाया, उसने जवाब दिया।
 
लेकिन प्रीती तुमने ऐसा क्यों किया? झगड़ा तुम्हारे मेरे बीच था, उसमें मेरी बहनों को घसीटने की क्या जरूरत थी?” मैंने सवाल किया।
 
जरूरत थी राज!!! मैं भी तुम्हें उतना ही दुख देना चाहती थी जितना तुमने मुझे दिया था। मुझे मालूम है तुम अपनी बहनों से बहुत प्यार करते हो, इसलिये जो आज हुआ इसी से मेरा बदला पूरा हो सकता था, प्रीती ने जवाब दिया।
 
लेकिन क्यों प्रीती, क्यों?” मैं धीरे से बोला।
 
भाभी!!! हम बतायें या आप बतायेंगी?” अंजू ने पूछा।
 
नहीं अंजू! मुझे ही इसका आनंद लेने दो, तुम लोग भी बैठ जाओ... इस कहानी को सुनने में थोड़ा वक्त लगेगा... प्रीती ने कहा और अपने लिये एक ड्रिंक बना कर और सिगरेट सुलगा कर बैठ गयी।
 
॥॥। क्रमशः॥॥
[+] 2 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
#84
Awesome update.... Story going on the revenge track...
Like Reply
#85
Interesting wonderful
Like Reply
#86
Please update sir
Like Reply
#87
Bohat hi Zabardast
Like Reply
#88
(01-06-2020, 06:26 AM)varunsingh1990 Wrote: Awesome update.... Story going on the revenge track...

Thank you
Like Reply
#89
(03-06-2020, 01:54 PM)Eswar P Wrote: Interesting wonderful

(04-06-2020, 01:05 PM)Eswar P Wrote: Please update sir

thanks
Like Reply
#90
(04-06-2020, 10:32 PM)ShakirAli Wrote: Bohat hi Zabardast

Thank you
Like Reply
#91
Bhai please update
Like Reply
#92
Bhai please update waiting
Like Reply
#93
भाई बहुत पुरानी और धांसू कहानी है................... मेंने करीब 15 साल पहले पीडीएफ़ में डौन्लोड की थी याहू ग्रुप्स से.................
नाम से तो आप ही आरिजिनल रायटर लग रहे हैं.................बाकी आप जानें

लिखते रहिए..................
Like Reply
#94
(07-06-2020, 09:37 PM)Eswar P Wrote: Bhai please update

(10-06-2020, 02:20 PM)Eswar P Wrote: Bhai please update waiting

thanks  is week ke update prastut hai
Like Reply
#95
(13-06-2020, 08:29 PM)kamdev99008 Wrote: भाई बहुत पुरानी और धांसू कहानी है................... मेंने करीब 15 साल पहले पीडीएफ़ में डौन्लोड की थी याहू ग्रुप्स से.................
नाम से तो आप ही आरिजिनल रायटर लग रहे हैं.................बाकी आप जानें

लिखते रहिए..................

thanks  Raj Agarwal is the original author.... I had only transliterated to hindi fonts many years back Smile
[+] 1 user Likes rohitkapoor's post
Like Reply
#96
भाग-६

मैंने प्रीती से पूछा कि उसने ऐसा मेरी बहनों के साथ क्यों किया? तो उसने अपनी ज़ुबानी ये दास्तान सुनाई। 

प्रीती की कहानी:

 
मेरी कहानी उस समय शुरू हुई जब तुमने मेरे जिस्म का सौदा अपने बॉस के साथ, पैसे और तरक्की के लिये किया। 

 पूरी रात मैं सो नहीं सकी। अब मैं क्या करूँ, ये सवाल मुझे खाये जा रहा था। आत्महत्या कर लूँ ये भी ख्याल आया, किंतु आत्महत्या समस्या का समाधान नहीं है। ये डरपोक लोगों का काम है और मैं डरपोक नहीं थी।

 फिर ख्याल आया कि तुम्हें छोड़ कर तुमसे तलाक ले लूँ, पर ये तुम्हारी सज़ा नहीं थी। तुम मुझे बदनाम कर दोगे कि मैं गंदे कैरैक्टर की औरत हूँ और तुम दूसरी शादी कर लोगे। और शायद अपनी नयी बीवी के साथ भी वही सब करोगे जो मेरे साथ किया।

फिर मुझे ख्याल आया कि मुझे तुमसे बदला लेना है। मैं तुम्हें इतना जलील करना चाहती थी, जितना तुमने मुझे किया है। उस समय मेरे पास कोई उपाय नहीं थी इसलिये सोचा कि हालात को देखते हुए मैं नॉर्मल रहूँ और वक्त का इंतज़ार करूँ। 

 मगर प्रीती! वो तो सिर्फ़ एक समय के लिये था, मैं नहीं चाहता था कि तुम वेश्याओं की तरह अपनी लाइफ गुज़ारो, मैंने दुख भरे शब्दों में कहा। 

 कुछ भी हो, मैं वेश्या बन गयी, तुम चाहो या ना चाहो। राज या तो तुम भोले हो या नदान, प्रीती ने जवाब दिया, “मैं जानती थी कि तुम्हारे बॉस एम-डी और महेश मुझे एक बार चोद कर छोड़ने वाले नहीं थे, वो फिर मुझे चोदना चाहेंगे और तुम्हें लालच या ब्लैक मेल कर मुझे चुदवाने पर मजबूर कर देंगे।

तुम्हें याद है जब एम-डी ने मुझे क्लब पर अकेले बुलाया था? उसने अपने लिये नहीं, बल्कि अपने दोस्तों के लिये बुलाया था। मैं वहाँ पहुँची तो एम-डी ने मुझसे कहा कि प्रीती तुम अभी उम्र में छोटी हो और समझदार भी, मेरे कई दोस्त तुम्हें पाना चाहते हैं। तुम सहयोग दो तो तुम काफी अमीर बन सकती हो। मैं मान गयी, दो चार लंड और चूत में लेने से मुझे कोई फ़रक नहीं पड़ने वाला था और बाकी की कहानी तुम्हें मालूम है।
[+] 3 users Like rohitkapoor's post
Like Reply
#97
फिर एक दिन मुझे अंजू और मंजू का खत मिला। उसी समय मुझे अपनी मंज़िल दिखायी देने लगी। तुम अपनी बहनों से बहुत प्यार करते हो, इसलिये मैं इन दोनों को भी अपनी तरह रंडी बनाकर तुम्हें जलील करना चाहती थी। मुझे आगे क्या और कैसे करना है, इसपर सोचना शुरू कर दिया।

 
पर तुम्हें कैसे यकीन था कि तुम अंजू और मंजू को इन सब के लिये तैयार कर लोगी?” मैंने पूछा।
 
यकीन तो मौत के सिवा किसी चीज़ का नहीं है राज, पर मैं जानती थी कि मैं कामयाब हो जाऊँगी।
 
तुम्हें इतना यकीन क्यों था?” मैंने वापस पूछा।
 
राज! तुम्हें याद है? हमारी सुहागरात के दूसरे दिन सुबह मैंने तुम्हें बताया था कि अंजू और मंजू मुझे तंग कर रही थी.... जब मैं सुबह किचन में चाय बना रही थी।
 
हाँ मुझे याद है, मैंने जवाब दिया।
 
उस दिन सुबह अंजू ने मुझसे पूछा, क्यों भाभी! आपको हमारे भैया का लौड़ा कैसा लगा?”
 
मैं शरमा गयी थी पर कुछ जवाब नहीं दिया।
 
फिर मंजू ने कहा, भाभी! भैया ने आपको रात को सोने भी दिया या फिर सारी रात आपको चोदते रहे।
 
मैं उन दोनों को डाँट कर वापस आ गयी।
 
फिर जब भी हम तीनों अकेले होते तो ये दोनों सवाल करने लगती, कि चुदाई कैसे की जाती है, लंड कैसा होता है। लंड जब चूत में घुसता है तो दर्द होता है क्या। एक दिन मैंने हँसते हुआ कहा, लगता है तुम दोनों को चुदवाने का बहुत मन कर रहा है?”
 
पर उनके जवाब ने मुझे हैरान कर दिया, हाँ भाभी! बहुत मन करता है, अगर हमें बच्चा होने का डर ना होता तो कभी का हम लोग चुदवा चुकी होती।
 
राज इससे तुम्हें तुम्हारा जवाब मिल गया होगा। मुझे सिर्फ़ इन्हें चुदवाने के लिये उक्साना था और ये दोनों तो तैयार ही बैठी थी इसके लिये। फिर मैंने प्लैन बनाया कि इन दोनों की कुँवारी चूत मैं अपने दोनों भाई राम और श्याम से चुदवाऊँगी। जब इन दोनों के भाई यानी तुमने मेरी कुँवारी चूत ली है तो मैं भी अपने भाइयों से तुम्हारी कुँवारी बहनों की चूत चुदवाऊँगी। ये एक प्रकार से जैसे को तैसा था।
 
पर प्रीती!!! जब मैंने तुम्हारी चूत चोदी थी तो हमारी शादी हो चुकी थी, मैंने कहा।
 
प्रीती ने मेरी बात को अनसुना कर दिया और अपनी कहानी जारी रखी।
[+] 1 user Likes rohitkapoor's post
Like Reply
#98
समय सही होना चाहिये था इसलिये मैं समय का इंतज़ार करने लगी। मेरे भाइयों को भी लंबी छुट्टी मिलने वाली थी। इसलिये मैंने तुम्हें घर चलने को कहा, पर मुझे मालूम था कि काम की वजह से तुम नहीं चलोगे। 

कुछ भी गलत ना हो इसलिये मैं तुम्हारे वो स्पेशल दवा मिले कोक की चार बोतलें और स्कॉच की चार बोतलें अपने साथ ले कर गयी थी।

 
वहाँ जब मैं पहुँची तो तुम्हारी बहनों को सैक्स के अलावा और कोई टॉपिक नहीं था बात करने का। मैं भी उन्हें सैक्स के बारे में बता कर उनकी चुदवाने की इच्छा और मजबूत करती रही। मैंने उन्हें मुंबई आने को भी कहा।
 
एक दिन दोनों ने मुंबई जाने की इजाज़त तुम्हारे पिताजी से ले ली।
 
मैं अपने घर होते हुए मुंबई आने वाली थी। सो ये दोनों भी मेरे साथ मेरे मायके आ गयी।
 
राम ने हम तीनों को रीसीव किया और हम घर पहुँचे। मैंने देखा कि मेरे दोनों भाई तुम्हारी दोनों बहनों को बहुत ही घूर रहे थे। मैं समझ गयी कि ये दोनों भी इन्हें चोदना चाहते है। माँ और पिताजी को एक शादी में पास के गाँव में जाना था। वो हम सब को छोड़ कर दो दिन के लिये शादी में चले गये। इस बात ने मेरे प्लैन को और मजबूती दे दी।
 
हम पाँचों घूमने जाते, सिनेमा देखते। मैंने जानबूझ कर चारों को ज्यादा समय अकेले बिताने को दिया जिससे ये लोग आपस में करीब आ सके।
 
शाम को मैं उन दोनों के कमरे में गयी और कहा कि मैं तुम दोनों से कुछ बात करना चाहती हूँ?
 
हाँ दीदी कहो, राम ने कहा।
 
क्या तुम दोनों नाज़िया को अब भी चोदते हो? ये सवाल सुनकर दोनों चौंक गये। राज! मैं तुम्हें बता दूँ नाज़िया हमारी नौकरानी का नाम है।
 
फिर श्याम ने हिम्मत करके के पूछा कि दीदी आपको किसने बताया कि हम नाज़िया को चोदते हैं।
 
मैं पिछले दो साल से जानती हूँ ये बात...! मैंने जवाब दिया, पर नाज़िया कहीं दिखायी नहीं दे रही।
 
नाज़िया अपने गाँव गयी है, दस दिन में वापस आयेगी.... राम ने कहा।
 
मैंने मुद्दे की बात पर आते हुए कहा कि अच्छा एक बात बताओ! क्या तुम दोनों अंजू और मंजू को चोदना चाहोगे, दोनों कुँवारी हैं, और कुँवारी चूत को चोदने में बहुत ही मज़ा आयेगा।
 
अपनी जगह से उछलते हुए राम ने कहा, हाँ दीदी! हमने कई सालों से कोई कुँवारी चूत नहीं चोदी, क्या वो दोनों मान जायेंगी?
[+] 1 user Likes rohitkapoor's post
Like Reply
#99
ये सब तुम मुझ पर छोड़ दो, वो दोनों तुम लोगों से चोदने की भीख मांगेंगी। 

ठीक है मैं फिर बाज़ार से कुछ कंडोम खरीद कर ले आता हूँ.... श्याम बोला।

 कोई जरूरत नहीं है, तुम दोनों अपना पानी उन दोनों की चूत में ही छोड़ देना। उन्हें कुछ नहीं होगा.... मैंने कहा।
 
ठीक है! तुम दोनों ठीक आठ बजे हॉल में आ जाना। राम तुम अंजू को चोदना और श्याम तुम मंजू को। फिर तुम आपस में अदला बदली भी कर सकते हो। एक छोटी सी पार्टी रखी है मैंने, तुम दोनों क्या पियोगे? मैंने पूछा।
 
ओहहहह दीदी! एक रात में दो दो कुँवारी चूत.... दीदी हम लोग बीयर पियेंगे राम ने कहा।
 
मैंने सब इंतज़ाम कर रखा था। राम और श्याम के लिये बीयर और अंजू और मंजू के लिये तुम्हारा स्पेशल कोक और उसमें थोड़ी सी स्कॉच और मेरे लिये सिर्फ स्कॉच। मैंने नाश्ते का भी इंतज़ाम कर रखा था और अपना कैमरा भी जो तुमने मेरे जन्मदिन पर तोहफा दिया था।
 
सबसे पहले अंजू और मंजू एक दम सज धज कर हॉल में दाखिल हुई। भाभी हम दोनों कैसी लग रही हैं, अंजू ने एक मॉडल की तरह अपनी टाँगें हिलाते हुए पूछा। बहुत ही सुंदर और जानदार लग रही हो मेरी जान, मुझे यकीन है तुम दोनों को देख कर लड़कों का लंड खड़ा हो जायेगा।
 
भाभी आप भी ना! दोनों शरमा गयीं।
 
नहीं मैं सच कह रही हूँ! अच्छा तुम दोनों उनके लंड की तरफ देखना वो जब आयेंगे। मैंने कहा।
 
इतने में राम और श्याम कुर्ता पायजामा पहने हुए हॉल में आये, अरे तुम दोनों तो बहुत सुंदर और सैक्सी लग रही हो.... दोनों ने कहा। उन दोनों का लंड तंबू की तरह उनके पायजामे में खड़ा हो गया।
देखो मैंने नहीं कहा था....। दोनों अंजू और मंजू शर्म के मारे लाल हो गयी।
 
चलो पार्टी करते हैं, कहकर मैंने राम और श्याम को उनकी बीयर और दोनों लड़कियों को स्कॉच मिली हुई स्पेशल कोक का ग्लास पकड़ा दिया। खुद भी मैंने अपने लिये स्कॉच का तगड़ा पैग बना लिया।
 
दीदी! तुम.... ये शराब? राम ने चौंकते हुए पूछा। चारों लोग मुझे हैरानी से देख रहे थे।
 
हाँ! क्यों? मैं नहीं पी सकती क्या... मुंबई में कभी-कभी पार्टियों में सोशियलाइज़िंग के लिये पीनी पड़ती है.... मैंने झूठी सफ़ाई दी।
 
हम लोग हँसी मज़ाक और बातें करते रहे। स्पेशल कोक ने और स्कॉच ने अपना असर दिखाना शुरू किया।
 
भाभी बहुत गर्मी है ना.... कहकर अंजू ने अपना ग्लास एक ही झटके में खतम कर दिया।
[+] 1 user Likes rohitkapoor's post
Like Reply
हाँ भाभी! कुछ ज्यादा ही गर्मी है... कहकर मंजू भी अपनी सीट पर मचल रही थी। 

मैं समझ गयी कि इनकी चूत में खुजली होनी शुरू हो गयी है।
 
तुम चारों डाँस क्यों नहीं करते? कहकर मैंने स्टिरियो पर म्यूज़िक लगा दिया।
 
बीस मिनट तक चारों म्यूज़िक पर डाँस कर रहे थे और मैं उन्हें देख रही थी। मैंने देखा कि दोनों लड़कियाँ मदमस्त होकर  डाँस कर रही थीं और अंजू एक हाथ से अपनी चूत को रगड़ रही थी। कोक ने और स्कॉच ने अब अपना पूरा असर दिखाना शुरू कर दिया था।
 
पर लगता था कि मंजू की चूत में ज्यादा खुजली हो रही थी, अब मुझसे नहीं रहा जाता..... कहकर उसने श्याम को अपने और नज़दीक कर लिया और अपनी चूत उसके लंड पर रगड़ने लगी।
 
ओह बहुत अच्छा लग रहा है.... कहकर श्याम मंजू को किस करने लगा और अपना लौड़ा ज्यादा जोर से उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
 
श्याम और मंजू को देख, राम ने भी अंजू को अपनी बाँहों में भर लिया.... ओह! राम मुझे किस करो ना? अंजू सिसकते हुए बोली।
 
किसिंग करते हुए राम और श्याम दोनों के मम्मे दबा रहे थे। थोड़ी देर में दोनों ने उनके ब्लाऊज़ के बटन खोल दिये थे और ब्रा ऊपर को खिसका दी थी।
 
सच में राज! देखने लायक नज़ारा था। अंजू और मंजू अपने मम्मे उन दोनों से दबवा रही थी, और मेरे भाई अपने लंड को जोर-जोर से तुम्हारी बहनों की चूत पर रगड़ रहे थे। उनके मुँह से मीठी-मीठी सिसकरी निकल रही थी।
 
राज तुम्हें याद है...? उस दिन तुमने क्या किया था? तुम्हें जरूर याद होगा! मैंने तुम्हारी तरह ही उनके पेटीकोट का नाड़ा पकड़ कर खींच दिया और उनका पेटीकोट खुल कर नीचे गिर गया। फिर मैंने उनकी पैंटिज़ में हाथ डाल कर उन्हें भी उतार दिया। दोनों बहनों ने अब सिर्फ अपने हाई हील के सैंडल्स पहने हुए थे। मेरे दोनों भाई भी कपड़े उतार कर नंगे हो चुके थे। तुम्हारा लंड कितना अच्छा लग रहा है राम! हाँ जोर से रगड़ते जाओ... अंजू ने सिसकरी भरी।
 
जोर-जोर से अपने लंड को मेरी चूत पे रगड़ो श्याम.... मंजू ने मादकता भरी आवाज़ में कहा।
 
अंजू की हालत खराब हो रही थी। राम अब मुझसे नहीं रहा जाता, मेरी चूत की खुजली अब बर्दाश्त नहीं होती, अब अपना लंड मेरी चूत में डालकर मुझे चोदो... वो बोली। राम तो इसी का इंतज़ार कर रहा था, वो अंजू को बिस्तर पर लिटा कर उसके ऊपर चढ़ गया और अपना लंड अंजू की चूत में घुसा दिया।
 
आआआआआआहहहह मर गयी.... अंजू दर्द से तड़पी।
[+] 2 users Like rohitkapoor's post
Like Reply




Users browsing this thread: 5 Guest(s)