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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
#41
(09-05-2020, 09:36 PM)Calypso25 Wrote: Please update

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#42
वो मर्द अब एक नयी ताकत से उसे चोद रहा था। वो ज़ूबी कि गाँड के छेद को देख रहा था जो उसके हर धक्के से खुल बंद हो रही थी। उसने अपनी एक अँगुली उसकी गाँड के चेद में डाली और दुगनी ताकत से धक्के लगाने लगा। दस पंद्रह धक्के मारने के बाद उसके लंड ने पानी छोड़ दिया। 

एक मर्द उसे चोद कर अलग होता और दूसरा अपने लंड को उसकी चूत में पेल देता। वो अब तो गिनती भी भूलने लगी थी कि उसे कितनी बार किसने चोदा। वो बेहोश सी होने लगी थी। 
 
उसे इतना पता था कि एक लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा है। उसने अपनी अधखुली आँखों से देखा कि होटल के रूम सर्विस स्टाफ से एक जवान लड़का शराब और नाश्ता लेकर रूम में दाखिल हो रहा था।
 
उस रूम अटेंडेंट ने जब ज़ूबी को इस तरह से चुदते देखा तो उसने अपनी आँखें शरम से झुका ली।
 
जो देखा वो पसंद आया क्या?” राज ने उस लड़के से पूछा।
 
हाँ सर, ये बहुत सुंदर है, ये किसके लिए काम करती है? मैंने इसे पहले कभी यहाँ नहीं देखा लड़के ने जवाब दिया।
 
ज़ूबी समझ गयी कि वो लड़का उसे वेश्या समझ रहा है।
 
वैसे ये लड़की कोई रंडी नहीं है... बल्कि ये इस शहर की एक वकील है राज ने उस लड़के से कहा।
 
वो लड़का गहरी नज़रों से ज़ूबी को देख रहा था। देख रहा था कि किस तरह एक मूसल लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा है।
 
क्या तुम्हारे पास थोड़ा समय है, मैं तुमसे कुछ बात करना चाहता हूँ,” राज ने उस वर्दी धारी लड़के से कहा।
 
**************************
 
ज़ूबी होटल रूम के बाथरूम के आइने के सामने खड़ी थी। वो इस तरह झुकी हुई थी कि उसकी चूचियाँ लटक रही थी और उसके भरे और मांसल चूत्तड़ों के पीछे वो रूम अटेंडेंट खड़ा था।
 
वो लड़का शायद उन्नीस बीस साल का होगा, और शायद उसे चुदाई का अनुभव नहीं था, पर उसका लंड एक दम घोड़े के लंड कि तरह सवारी करने को तैयार था। उसने ज़ूबी से अपना लंड खुद की चूत में डालने को कहा तो ज़ूबी ने उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत के मुँह पर रख दिया।
 
उस अनाड़ी लड़के ने एक ही धक्के में अपना लंड उसकी चूत में घुसाने की कोशिश की और उसका लंड फिसल कर रह गया। उस लड़के ने फिर अपना लंड उसकी चूत के दीवार पर लगाया और इस बार अंदर घुसा दिया। ज़ूबी सिसकी और उसकी चूत ने उसके लंड को जैसे गले लगा लिया। दो धक्कों में उसका लंड पूरा चूत के अंदर था।
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#43
जब उसका लंड पूरा अंदर घुस गया तो वो एक कुशल घुड़सवार की तरह उसकी चूत की सवारी करने लगा। ज़ूबी भी उसके धक्कों का साथ अपने कुल्हे आगे पीछे कर के दे रही थी। 

उस लड़के ने ज़ूबी के चेहरे पर आये उसके बलों को हटाते हुए कहा कि वो उसका चेहरा आइने में देखना चाहता है। ज़ूबी भी उसे देख रही थी कि किस तरह वो अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था। सबसे बड़ी बात कि बाथरूम के खुले दरवाजे से रूम में बैठे तीनों मर्द उसे चुदवाते देख रहे थे। 
 
वो जवान लड़का उसके कुल्हों को पकड़ कर इतने करारे धक्के मार रहा था कि ज़ूबी की चूत ने थोड़ी देर में ही पानी छोड़ दिया। वो लड़का भी और दो धक्के मार कर उसकी चूत में झड़ गया।
 
ज़ूबी इस कदर थक गयी थी कि वो अपनी कमजोर टाँगों से खड़ी नहीं हो पायी और बाथरूम की ज़मीन पर लुढ़क गयी। उसकी हालत बेहोशी जैसी थी। तभी उसे राज की आवाज़ सुनायी दी,ज़ूबी एक अच्छे मेहमान नवाज़ की तरह इसके लौड़े को चाट कर साफ़ करो।
 
बिना कुछ कहे ज़ूबी ने अपना मुँह खोला और उस लड़के का लंड अपने मुँह में ले कर चूसने लगी। जब उस लड़के का लंड एक दम साफ़ हो गया तो उसने महसूस किया कि किसी के हाथों ने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया है। उस रात कितनी बार किसने उसे चोदा उसे याद नहीं था और वो एक गहरी नींद में सो गयी।
 
कईं घंटे तक ज़ूबी सोती रही। पूरी रात मर्दों ने उसे रगड़ा और मसला था। पूरा शरीर दर्द के मारे कराह रहा था। वो उठी और नहाने के लिये बाथरूम में घुस गयी। वो अपने शरीर से गुनाहों के उन निशानों को मिटाने की कोशिश करने लगी जो उससे जबरदस्ती करवाये गये थे।
 
ज़ूबी का पूरा शरीर दर्द के मारे कराह रहा था। उसकी चूत सूज कर फूल गयी थी। लंड चूस-चूस के उसके मुँह में और जबड़ों में भी दर्द हो रहा था। उसने गरम पानी से स्नान किया जिससे उसके बदन को राहत मिल सके। अपने बदन को अच्छी तरह टॉवल से पोंछने के बाद वो बेडरूम में आ गयी।
 
बेडरूम में आते ही उसके दिल की धड़कनें तेज हो गयी। उसके कपड़े कहीं दिखायी नहीं दे रहे थे। शायद दूसरे मर्द उसकी चुदाई कर रहे थे तब राज उसके कपड़ों को अपने साथ ले गया था। राज के द्वारा लाये हुए सफ़ेद हाई हील के सैंडल जरूर वहाँ मौजूद थे क्योंकि पुरी रात चुदते समय वो उन्हें पहने हुए थी और अभी नहाने के पहले ही उसने वो उतारे थे।
 
ज़ूबी के माथे पर पसीना आ गया। अपने आपको बेइज्जती से बचाने के लिये उसे कुछ सोचना होगा। ज़ूबी ने घड़ी की तरफ़ देखा। सुबह के साड़े सात बज चुके थे। ज़ूबी जानती थी कि वो किसी को अपनी मदद के लिये नहीं बुला सकती थी, वरना उसे कईं सवालों के जवाब देने पड़ सकते थे।
 
अपने किसी परिचित को बुलाने के बजाय उसने उस नौजवान लड़के को बुलाना उचित समझा जो रात को उसे चोद चुका था। ज़ूबी ने फोन उठाया और रूम सर्विस का नंबर मिलाया। वो अल्लाह से दुआ करने लगी कि वही लड़का फोन उठाये। उसकी किस्मत ने साथ दिया और उसी लड़के ने फोन उठाया। ज़ूबी ने उसे अपने कमरे में आने के लिये कहा।
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#44
ज़ूबी रात की घटना याद कर रही थी कि किस तरह वो उस लड़के के सामने घुटनों के बल एक रंडी की तरह उसके लंड को चूस रही थी। ज़ूबी जो एक कामयाब वकील थी... अपने हालत पर उसे रोना आ गया। 

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई। ज़ूबी ने पैरों में वही सफ़ेद सैंडल पहने और कस कर अपने बदन को टॉवल से ढका और दरवाजे के छेद से देखने लगी। जब उसे तस्सली हो गयी कि आने वाला लड़का रात वाला ही है तो उसने दरवाज़ा खोल दिया। वो नौजवान कमरे के अंदर आ गया। 
 
ज़ूबी उस नौजवान लड़के को, जो सुबह की रोशनी में और भी जवान और गठीला लग रहा था, अपनी दास्तान सुनाने लगी। ज़ूबी की बात सुनकर उस लड़के का लंड तन कर खड़ा हो गया। वो ज़ूबी की बात सुनकर गरमा गया था।
 
देखो मेरी डयूटी सुबह दस बजे खत्म होती है, उसके बाद तुम कहो तो मैं तुम्हें कहीं ले जाऊँगा। उस लड़के ने ज़ूबी को घूरते हुए कहा।
 
ज़ूबी उसकी बात सुनकर थोड़ा निराश हो गयी, मैं इतनी देर तक नहीं रुक सकती, क्या कोई तरीका नहीं है कि हम यहाँ से जल्दी निकल सकें लगभग रोते हुए वो बोली।
 
मेरी नौकरी जा सकती है उसने जवाब दिया, और मैं अपनी नौकरी खोना नहीं चाहता।
 
ज़ूबी की आँखों में आँसू आ गये, प्लीज़ मेरी मजबूरी को समझो, तुम जो कहोगे मैं करने को तैयार हूँ। उसे पता था कि जो वो कह रही है उसका मतलब कुछ भी हो सकता था, पर उसके पास और कोई चारा भी नहीं था।
 
कुछ भी करोगी?” उसने पूछा।
 
हाँ कुछ भी... ज़ूबी ने कहा।
 
वो लड़का ज़ूबी के पास आया और ज़ूबी के बदन से लिपटे टॉवल की गाँठ खोल कर उसे ज़मीन पर गिरा दिया। ज़ूबी सीधी खड़ी थी और साथ ही उसकी चूचियाँ भी तन कर खड़ी थी। उसके भरे-भरे मम्मे उसकी साँसों के साथ उठ बैठ रहे थे।
 
ज़ूबी ने देखा कि उस लड़के के हाथ अब उसकी टाँगों के बीच आ गये और उसकी अंगुलियाँ उसकी चूत के छेद को तलाश कर रही थी। छेद मिलते ही उसने अपनी अंगुलियाँ अंदर घुसा दी। ज़ूबी ने अपनी टाँगें थोड़ी फैला दी जिससे उसकी अँगुली आसानी से अंदर घुस सके।
 
ज़ूबी ने सहारे के लिये उस लड़के के कंधे को पकड़ लिया और वो उसकी चूत को अपनी अँगुली से चोदने लगा। थोड़ी ही देर में उसकी चूत पानी छोड़ने लगी। उसकी आँखें पूरी कामुक्ता में बंद थी और वो इस हर लम्हे का मज़ा ले रही थी।
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#45
उस लड़के को अपने नसीब पर विश्वास नहीं हो रहा था। आज तक उसने सिर्फ़ मोहल्ले की कुछ लड़कियों को ही चोदा था। उसने अपने एक हाथ से उसके मम्मे पकड़ लिये और उन्हें जोरों से मसलने लगा। 

आज वो जिस औरत को चोदने जा रहा था वो सही में भरी पूरी औरत थी, सुंदर, गठीला शरीर और गरम। मेरा लंड बाहर निकालो उसने ज़ूबी से कहा। 
 
ज़ूबी ने अपनी आँखें खोली और उसकी पैंट की ज़िप को तलाश करने लगी। उसने पहली बार नीचे देखा। लड़के का हाथ उसकी फैली हुई चूत पर था और उसकी अंगुलियाँ उसकी चूत के अंदर बाहर हो रही थी।
 
ज़ूबी ने उसकी पैंट और अंडरवीयर को उसके घुटनों तक नीचे खिसका दिया। ज़ूबी अब उसके लंड को अपने हाथों में पकड़ कर सहला रही थी। उस लड़के ने अपनी अँगुली उसकी चूत से निकाली और उसे बिस्तर की ओर घसीट कर ले आया।
 
चलो बिस्तर पर लेट जाओ उसने कहा।
 
ज़ूबी बिस्तर पर पीठ के बल लेट गयी और अपनी टाँगें पूरी तरह से फैला दी। उसने अपनी बांहें इस तरह से फ़ैलायी कि जैसे अपने महबूब को बुला रही हो। उस लड़के ने अपने बाकी के सारे कपड़े उतार दिये और उछल कर उसकी टाँगों के बीच आ गया।
 
ज़ूबी को अपने आप पर शरम आ रही थी, पर अँगुली की चुदाई ने उसके अंदर भी आग भर दी थी। ज़ूबी ने उसके तने हुए लंड को देखा और उसे पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया। वो थोड़ी देर उसे अपनी चूत पर रगड़ती रही और जब वो उसके रस से पूरी तरह गीला हो गया तो अपनी कमर ऊपर उठा कर उसे अंदर लेने लगी।
 
जैसे ही लड़के ने धीरे से धक्का लगाया, ज़ूबी सिसक पड़ी। वो अब धीरे धीरे धक्के लगा कर ज़ूबी को चोद रहा था। उसने ज़ूबी की टाँगें पकड़ कर अपनी कमर के इर्द गिर्द कर लीं और जोरों से धक्के लगाने लगा।
 
ऊऊऊऊऊहहह हाँआँआँ ओओहहहह आआआआह ऊऊओहह। ज़ूबी सिसक रही थी। उसने उस लड़के के चेहरे को अपने पास खींचा और उसके सूखे होंठों को चूसने लगी। उस लड़के ने भी अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी जिसे ज़ूबी अपनी जीभ से जीभ मिलाकर चूसने लगी और साथ ही उसके लंड को अपनी चूत में जकड़ने लगी।
 
वो लड़का इतना उत्तेजित और गरम था कि उसका लंड कुछ देर में ही झड़ गया। पानी छूटने के बाद जैसे ही लड़के ने अपना लंड बाहर निकाला ज़ूबी को निराशा हुई कि उस लड़के ने उसका पानी नहीं छुड़ाया था। पर वो कर भी क्या सकती थी। उसे इस लड़के से अपना काम निकालना था।
 
चलो तैयार हो जाओ लड़का अपने कपड़े पहनते हुए बोला, हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है।
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#46
Awesome Rohit bhai. Please give regular updates.
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#47
(10-05-2020, 12:18 PM)Calypso25 Wrote: Awesome Rohit bhai. Please give regular updates.

Thank you.  Very busy due to Covid-19 during weekdays, so I try to give updates every weekend  Smile
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#48
उस लड़के ने उसे अपनी होटल यूनिफॉर्म का कोट पकड़ाया जो सिर्फ़ ज़ूबी के चूत्तड़ों तक ही आ सकता था। ज़ूबी जल्दी से बिस्तर से उठी और उसने वो कोट पहन लिया। ज़ूबी ने जैसे ही कोट पहना, उसे लगा उस लड़के का वीर्य उसकी चूत से उसकी टाँगों पर बह रहा है और ज़ूबी ने जल्दी से उसे अपने हाथों से पौंछ दिया। 

मेरी गाड़ी होटल के पार्किंग में खड़ी है। तुम पीछे वाली लिफ्ट से नीचे आ जाओ, वहाँ तुम्हें कोई नहीं देख सकेगा उसने कहा। 
 
ज़ूबी इतनी ऊँची हील के सैंडल पहने होने के बावजूद हॉलवे में दौड़ती हुई पीछे की लिफ्ट की ओर लपकी। लड़का भी उसके पीछे-पीछे आ गया। दोनों जल्दी से नीचे पार्किंग में पहुँचे और उस लड़के की पुरानी सी गाड़ी में बैठ गये। जब उनकी गाड़ी होटल से काफी दूर आ गयी तो उस लड़के के हाथ ज़ूबी के पहने हुए कोट के बटन को ढूंढने लगे।
 
थोड़ी ही देर में उस लड़के ने कोट के बटन खोल दिये और उसकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया। ज़ूबी के निप्पल एक बार फिर तन गये।
 
गाड़ी चलती रही और थोड़ी देर बाद किसी गली में जाकर रुक गयी। ज़ूबी ने खिड़की के बाहर देखा तो गाड़ी किसी अंजान जगह पर खड़ी थी।
 
ये कहाँ आ गये हम, ये मेरा घर तो नहीं?” ज़ूबी ने पूछा।
 
सिर्फ़ दो मिनट रुको... उस नौजवान ने जवाब दिया। वो अपना मोबाइल फोन निकाल कर कोई नंबर मिलाने लगा।
 
हाँ नीचे आ जाओ... यार मैं सच कह रहा हूँ... जल्दी से नीचे आओ।
 
ज़ूबी ने उस लड़के को देखा और उसकी आँखें फिर नम हो गयी। फिर एक बार वो समझ गयी कि उसे धोका दिया जा रहा है। प्लीज़ उसने गिड़गिड़ाते हुए कहा,तुमने जो भी कहा मैंने किया, प्लीज़ मुझे मेरे घर पर छोड़ दो।
 
उस लड़के ने उसकी ओर देखा, हाँ मैं जानता हूँ पर जैसे तुम्हारी और मेरी बात हुई थी, बस थोड़ा समय लगेगा।
 
उसी समय गाड़ी के आगे का दरवाज़ा खुला और कोई अंदर आ गया। ज़ूबी थोड़ी देर तक तो उसे घूरती रही फिर अपनी सीट पर खिसक कर उसके लिये जगह बनाने लगी। कोट के अंदर नंगी होने की वजह से उसकी नंगी जाँघें और कुल्हे आने वाले मर्द को साफ़ दिखायी दे रहे थे।
 
जब उस मर्द ने ज़ूबी को इस हालत में देखा तो वो खुशी से उछल पड़ा, यार तुम झूठ नहीं कह रहे थे।
 
देखा मैंने सही कहा था ना तुमसे?” उस नौजवान ने आने वाले लड़के से कहा। उस नौजवान ने ज़ूबी के कोट के बटन खोल दिये जिससे उसकी भरी और तनी हुई चूचियाँ नज़र आने लगी। आने वाले नौजवान की नज़र जैसे ही ज़ूबी की नंगी चूचियों पर पड़ी, उसका लंड तन कर खड़ा हो गया।
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#49
प्लीज़...! ज़ूबी उस होटल वाले नौजवान से गिड़गिड़ाते हुए बोली,प्लीज़ तुमने वादा किया था। 

देखो मेरी बात सुनो,” उस नौजवान ने कहा, तुमने कहा था कि तुम कुछ भी करने को तैयार हो, तुम्हें तुम्हारे घर जाना है कि नहीं?” 
 
ज़ूबी कुछ जवाब नहीं दे पायी।
 
मैंने जो कहा वो करना चाहती हो कि नहीं? नहीं तो मैं तुम्हें अभी इस वक्त गाड़ी से उतार दूँगा। उस नौजवान ने उसे धमकाते हुए कहा।
 
मैं नहीं सह सकती... प्लीज़...।
 
पर ज़ूबी की आवाज़ उसके हलक में दब कर रह गयी। वो नौजवान उसकी चूचियों को मसले जा रहा था। ज़ूबी उस नये नौजवान से थोड़ा हट कर बैठी थी। उस नौजवान ने शॉट्‌र्स और टी-शर्ट पहन रखी थी। उस लड़के ने ज़ूबी के हाथ को पकड़ा और अपने खड़े लंड पर रख दिया।
 
अच्छा है ना?” कहकर उस लड़के ने ज़ूबी के हाथ को अपने लंड पर दबा दिया।
 
तभी ज़ूबी ने उस होटल के लड़के का हाथ अपने कंधे पर महसूस किया, तुम इसके लंड को चूसती क्यों नहीं हो?”
 
अपमान और आत्मग्लानि की एक लहर सी दौड़ गयी ज़ूबी के शरीर में। ये दोनों क्या उसे कोई दो टके में बिकने वाली रंडी समझते थे। पर ज़ूबी के पास कोई चारा नहीं था। अगर ये दोनों उसे इस तरह नंगा सड़क पर छोड़ देते तो उसकी काफी बदनामी होती। वो बरबाद हो जाती।
 
ज़ूबी ने देखा कि आने वाला नौजवान अपनी सीट पर थोड़ा कसमसा रहा है और अपनी शॉट्‌र्स नीचे खिसका रहा है। ज़ूबी समझ गयी कि उसे ये सब करना ही पड़ेगा।
 
होटल वाले नौजवान ने उसके कुल्हों को सहलाते हुए कहा, चलो अब चूसो भी!
 
ज़ूबी ने घूम कर देखा कि एक लंबा और मोटा लंड उसके चेहरे के सामने फुंकार मार रहा था। उसे घृणा तो बहुत आयी पर मजबूर होकर उसने अपना मुँह खोला और उस लंड को अपने मुँह में लिया। शायद आज के बाद उसकी हालत सुधर जाये।
 
उस आने वाले लड़के ने अपने हाथ ज़ूबी के सिर पर रख दिये और उसके सिर को अपने लंड पर ऊपर नीचे होते देखने लगा। ज़ूबी का एक हाथ उसके लंड को पकड़े हुए था और दूसरा हाथ उसकी गोलियों को सहला रहा था।
 
उस होटल वाले नौजवान ने गाड़ी चला दी थी। ज़ूबी उस नये नौजवान का लंड चूस रही थी और गाड़ी शहर कि सड़कों पर ऐसे ही चल रही थी।
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#50
वैसे तो ज़ूबी उस नौजवान के लंड को बड़े मन से चूस रही थी, पर आखिर वो भी इंसान थी। धीरे-धीरे उसके शरीर में भी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। उसने महसूस किया कि किसी के हाथ उसकी जाँघों से होते हुए उसकी चूत से खेल रहे हैं। फिर दो अंगुलियाँ उसकी चूत के अंदर बाहर होने लगी। उसे विश्वास था कि ये अँगुलियाँ जरूर उस होटल वाले नौजवान की होंगी। 

ओहहहहह हाँआँआँ आआआआँआँ ज़ूबी के मुँह से एक सिसकरी निकल पड़ी पर वो उस नौजवान के लंड को चूसती रही। उस लड़के ने तभी अपने कुल्हे उठाये और अपना वीर्य ज़ूबी के मुँह में छोड़ दिया। 
 
हम पहुँच चुके हैं,” उस नौजवान ने कहा।
 
ज़ूबी ने खिड़की से बाहर अपने इलाके को पहचाना, पर उस लड़के के लंड को अपने मुँह से बाहर निकालने की बजाय उसने उसके लंड को अपने गले तक ले लिया। थोड़ी देर तक अपने मुँह को ऊपर नीचे कर के उसे चूसने के बाद उस लंड को बाहर निकाल दिया और नौजवान की और देख कर मुस्कुराने लगी।
 
होटल वाले नौजवान ने दरवाज़ा खोला तो ज़ूबी उछल कर नीचे उतर गयी और अपने घर की तरफ़ दौड़ पड़ी। बड़ी मुश्किल से उसने दरवाज़ा खोला। उसे अपनी चूत से पानी बहता महसूस हो रहा था। बड़ी मुश्किल से वो अपने जज़बतों पर कंट्रोल कर पायी थी।
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#51
अध्याय-३
 
ज़ूबी के लिये आज का दिन उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा दिन था। आज उसका निकाह था। ज़ूबी ने पिछले कई महीने अपने शरीर पर मेहनत कर अपने शरीर को काफी कसरती और सुंदर बनाया था। उसने अपने शरीर को इस तरह ढाल दिया था जिससे उसके मंगेतर को रत्ति भर भी शक ना होने पाये कि वो पिछले कई महीनों से किन हालातों से गुज़र रही है।
 
आखिर रसमों की घड़ी आ ही गयी थी। ज़ूबी अपना समय अपने रिश्तेदारों और परिवार वालों के साथ बिता रही थी और जान रही थी कि हर तैयारी पूरी तरह से हो गयी है कि नहीं। उसने अपने बालों को अच्छी तरह गुंथा हुआ था और वो अपने कमरे में अपनी अम्मी और दादी के साथ बैठी थी।
 
एक घंटा रह गया था निकाह की रसम के लिये। वो अपना शादी का जोड़ा पहनने की तैयारी करने लगी। गुलाबी रंग का जोड़ा, उसने खास तौर पर ऑर्डर देकर बनवाया था।
 
ज़ूबी अपने चेहरे का मेक-अप कर रही थी कि तभी उसके कमरे के दरवाजे पर दस्तक हुई। उसकी नौकरानी ने दरवाजा खोला। दरवाजे पर मिस्टर राज खड़े थे। ज़ूबी वैसे तो उन्हें शादी पर बुलाना नहीं चाहती थी, पर उसने सोचा कि शायद उसके शौहर से मिलने के बाद राज का व्यवहार उसके प्रति शायद बदल जाये, और उसे वो सब करने पर मजबूर ना करे जो वो नहीं करना चाहती है।
 
राज एक बहुत ही महंगा सूट पहने हुए था। उसके हाथ में एक पैक किया हुआ तोहफा था और उसके साथ ज़ूबी की उम्र की ही एक लड़की थी।
 
हाय, ज़ूबी,” राज ने कमरे में कदम रखते हुए कहा, शादी से पहले मैं तुमसे मिलकर तुम्हें मुबारकबाद देना चाहता था।
 
आइये, कैसे हैं आप?” ना चाहते हुए ज़ूबी ने मुस्कुराते हुए कहा।
 
राज ने कमरे में आकर सभी को अपना परिचय दिया और उन्हें बताया कि ज़ूबी ने किस तरह उसकी कंपनी की मदद की है। जब उसने कमरे में मौजूद सभी सदस्यों से ये कहा कि उसे ज़ूबी से कंपनी के बारे में कुछ खास बातें करनी हैं तो सभी चौंक पड़े।
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#52
मिस्टर राज! शायद आप मज़ाक कर रहे हैं,” ज़ूबी ने थोड़ा हंसते हुए कहा,आपको पता है ना कि आज मेरा निकाह है। 

मैं जानता हूँ ज़ूबी, पर सिर्फ़ दस मिनट लगेंगे। शादी के बाद तुम अपने हनीमून पर चली जाओगी और मैं इस समस्या के विषय में तुमसे कम से कम तीन हफ़्तों तक बात नहीं कर पाऊँगा। मुझे आज ही तुमसे बात कर के इस समस्या का हल निकालना है,” राज ने उसे समझाते हुए कहा। 
 
ज़ूबी राज के बारे में अच्छी तरह जानती थी। एक बार जो वो कह देता था वो कर के रहता था। फिर ज़ूबी बात को बढ़ाना भी नहीं चाहती थी। एक अनजाना डर सा उसके दिल में था, पता नहीं राज क्या कर बैठे।
 
ज़ूबी की माँ को ज़ूबी की हालत का अंदाज़ा नहीं था, और ना ही उसे राज की या उसकी कंपनी की समस्या से कोई लेना देना था।
 
मिस्टर राज! ज़ूबी की अम्मी ने कहा,मैं ये कहने पर मजबूर हूँ कि आज आप नाजायज़ बात कर रहे हैं, कम से कम आज के दिन तो ज़ूबी को आप काम से दूर रखें।
 
राज ने ज़ूबी की और देखा,ठीक है ज़ूबी मैं तुम्हें आज के दिन कोई काम करने पर मजबूर नहीं करूँगा, पर ये टेप मैं यहाँ छोड़े जा रहा हूँ, इसे अपनी अम्मी को ज़रूर दिखाना। इसमें हमारी कंपनी की तरक्की की कहानी है,” राज ने एक टेप अपनी जेब से निकाल कर टेबल पर रख दी।
 
राज की ये हर्कत देख कर ज़ूबी तो मानो पत्थर की मुरत बन गयी। उसने तुरंत अपनी हालत पर काबू पाया।
 
अम्मी मैं एक वकील हूँ और आपको क्या मालुम कि वकील का पेशा क्या होता है। माना आज मेरा निकाह है पर मेरा काम मेरे निकाह से ज्यादा अहम है,” ज़ूबी ने अपनी अम्मी को समझाते हुए कहा, प्लीज़ एक मिनट मुझे मिस्टर राज से बात कर लेने दिजिये।
 
ज़ूबी ने इशारे से राज को अपने पास बुलाया और कमरे के एक कोने में ले जाकर बात करने लगी।
 
राज ज़ूबी के पास पहुँचा,ज़ूबी मैं जानता हूँ कि ये सही नहीं है, पर मुझे तुमसे कुछ अकेले में बात करनी है।
 
ज़ूबी की समझ में नहीं आ रहा था कि राज को क्या जवाब दे। कभी वो अपने हाथ में पकड़े उस विडियो टेप को देखती और कभी कमरे में खड़े सभी लोगों को। 
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#53
ठीक है,” ज़ूबी ने कमरे में खड़े सभी लोगों से कहा,प्लीज़ आप सभी लोग कुछ देर के लिये बाहर जायें, मुझे मिस्टर राज से अकेले में कुछ जरूरी बातें करनी हैं। 

ज़ूबी ने सभी को कमरे के बाहर जाने का इशारा किया, प्लीज़ आप सभी समझें... ये काम बहुत जरूरी है। राज के साथ आयी लड़की ने सभी को कमरे के बाहर निकाला और फिर कमरे को अंदर से बंद कर दिया। 
 
जैसे ही उस लड़की ने दरवाजा बंद किया, राज के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी।
 
ज़ूबी कमरे में खड़े लंबे चौड़े राज को देख रही थी। वैसे तो राज कईं बार उसे चोद चुका था, पर वो सोच रही थी कि क्या आज उसकी शादी के दिन भी राज उससे यही करवाना चाहेगा। वो अपने मेक-अप और अपने कपड़ों के बारे में सोच रही थी। ये सब सोचते हुए उसे रोना आ रहा था पर वो रोकर अपना दिन बरबाद नहीं करना चाहती थी।
 
मिस्टर राज! धन्यवाद कि आप समय निकालकर शादी में आये,” ज़ूबी समय की नज़ाकत को समझती हुई बोली।
 
ज़ूबी आज से बड़ा शुभ दिन क्या हो सकता है,” राज ने कहा,मैं तो जूली को ये दिखाने लाया था कि तुम कितनी सुंदर हो और तुम्हारा शौहर कितना खुशनसीब है जो उसे तुम्हारी जैसी बीवी मिल रही है,” राज जूली की ओर देखते हुए बोला, क्यों मैं ठीक कह रहा हूँ ना जूली।
 
हाँ राज! वाकय में ज़ूबी काफी खूबसूरत और सैक्सी है,” जूली अपने होंठों पर ज़ुबान फेरते हुए बोली।
 
पर हमारी कितनी बदकिस्मती है कि हमारे पास पूरी रात नहीं है,” राज ने कहा।
 
राज की बात सुनकर ज़ूबी सोच में पड़ गयी, हाय अल्लाह! ये सही में मुझसे आज के दिन वो सब करवाना चाहता है।
 
मिस्टर राज! आज मेरा निकाह है... प्लीज़ आज के दिन तो मुझसे ये सब मत करवाइये।
 
ज़ूबी आज तुम्हारा निकाह है, इसी लिए तो मैं ये सब तुम्हारे साथ करना चाहता हूँ,” उसने जवाब दिया, मैं माफी चाहता हूँ, पर ये मेरी सोच है कि तुम्हारे निकाह के दिन मैं पहला मर्द होना चाहता हूँ जो तुम्हारी चुदाई करेगा। मैं चाहता हूँ कि जब तुम निकाह की रस्म में बैठो तो मेरा वीर्य तुम्हारी चूत से बहता रहे। अब अगर तुम चाहती हो कि घर में आये सारे मेहमान तुम्हारी ये वीडियो कैसेट ना देखें तो जल्दी से अपना लहँगा उठाओ और मेरे लंड के लिये तैयार हो जाओ।
 
सैंडल तो बड़ी प्यारी और सैक्सी पहनी है दुल्हन रानी,” ज़ूबी की गुलाबी रंग की हाई हील की सैंडल की तरफ इशारा करते हुए जूली बोली।
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#54
Zabardast Rohit bhai. Please give regular updates.
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#55
Behad Mazedaar.... agle update ka intezaar hai
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#56
Waiting for the update...
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#57
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[+] 1 user Likes ShakirAli's post
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#58
(18-05-2020, 01:51 PM)Calypso25 Wrote: Zabardast Rohit bhai. Please give regular updates.

Thank you
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#59
(19-05-2020, 12:48 AM)ShakirAli Wrote: Behad Mazedaar.... agle update ka intezaar hai

thanks
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#60
(20-05-2020, 05:44 PM)ShakirAli Wrote: Waiting for the update...

(20-05-2020, 06:04 PM)ShakirAli Wrote: Waiting for the update...

Update bus abhi thodi hi der mei  Smile
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