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अध्याय ११
कपड़े बदलने में और अपना सामान समेटने में मुझे ज्यादा देर नहीं लगी|
अब मुझे समझ में नहीं आ रहा था मैं क्या करूं| मुझे वापस लौटना ही था; पर क्या मैं जाने से पहले ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा से मिलकर जाऊं या नहीं यह मेरी समझ में नहीं आ रहा था|
इसलिए मैं लॉकर रूम में रखे एक बेंच पर कुछ देर तक बैठी रही|
इतने में जद्दनबाई ने लॉकर रूम के बाथरूम का दरवाजा हल्का सा खोला और फिर मुस्कुराती हुई मुझसे बोली, "मिस, आप जाकर मैडम (मैरी डिसूजा) से एक बार मिल लीजिए... उनका ऑफिस ग्राउंड फ्लोर पर है... आप लिफ्ट से ऊपर जाइए लिफ्ट से निकलकर बाई तरफ का दूसरा कमरा उनका ऑफिस है"
"ठीक है"
जब मैं मैरी डिसूजा के ऑफिस में पहुंची तब वहां अकेली थी| वह अधेड़ उम्र का आदमी भी जा चुका था और टॉम भी... मेरा मन थोड़ा सा भारी हो गया... न जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा था कि टॉम को एक बार जाने से पहले मुझसे मिलकर जाना चाहिए था|
मैंने इतनी देर ब्लू मून क्लब में बिताया... पर बहुत ही ताज्जुब की बात है, मैरी डिसूजा अभी भी बिल्कुल वैसी ही तरोताजा और खूबसूरत लग रही थी जैसा कि मैंने उन्हें सुबह देखा था|
मैरी डिसूजा ने एक प्यार भरी मुस्कान के साथ मेरा स्वागत किया और अब मैं मन ही मन सोचने लगी... हमें एक ब्लू मून क्लब में आई हूं जोकि एक सेक्सुअली ओरिएंटेड एंटरटेनमेंट (यौन उन्मुख मनोरंजन क्लब) क्लब है...
मैंने यहां काफी देर तक वक्त बिताया... सर्विस के नाम पर मैंने अपना सब कुछ यहां न्योछावर कर दिया अब शायद मुझे पैसे भी देने पड़ेंगे... और यहां की फीस शायद बहुत ही मोटी तगड़ी होगी|
मैरी डिसूजा ने कहा, "तो पीयाली, तुम्हें यहां की सर्विस कैसी लगी?"
मैंने कहा, "जी बहुत ही अच्छी..."
"तुम्हें उम्मीद करती हूं कि तुम अपनी सहेलियों और दोस्तों को भी हमारी सर्विस के बारे में जरूर बताओगी?"
"जी, हां... जरूर"
"बड़ी अच्छी बात है, मैं तुम्हें यह भी बताना चाहती हूं कि हम लोग यहां ब्यूटी पार्लर का कोर्स भी करवाते हैं... और साथ में हम मसाज पार्लर का कोर्स भी करवाते हैं... और इसके अलावा हमारे यहां योगा के क्लासेज भी चलते हैं"
"बड़ी अच्छी बात है... तो आपके पास क्या कोई प्रचार पत्र या फ्लावर वगैरह कुछ है?"
मैरी डिसूजा मेरी तरफ इरादे भरी निगाह से देख कर मुस्कुराई और फिर बोली, "हां है"
यह कहकर उन्होंने मुझे एक ब्रोशर थमा दिया| मैंने देखा कि इसमें विभिन्न सौंदर्य पाठ्यक्रमों के बारे में लिखा है... प्रत्येक पाठ्यक्रम की फीस बहुत ही महंगी है।
पता नहीं क्यों मैं पर्चा पढ़ने में इतना मशगूल हो गया था कि पता ही नहीं चला कि कब मैडम मेरे बगल में खड़ी थी।
फिर मैरी डिसूजा ने मुझसे कहा, "तुमने कहा था कि तुम्हारे पति मर्चेंट नेवी में काम करते हैं... और ज्यादातर घर से बाहर ही रहते हैं"
"हाँ..."
"यानी तुम घर में ज्यादातर अकेली ही रहती हो? राइट?"
मैंने चुपचाप स्वीकृति में अपना सर हिलाया|
" तुम्हें तुमसे एक बात कहना चाहती हूं, हम लोगों के यहां एक और कैंपेन यानी कि अभियान भी चल रहा है"- यह कह कर उन्होंने मुझे एक दूसरा फ्लायर पकड़ाया|
उसमें लिखा हुआ था-
हमारा एक व्यापक अभियान चल रहा है जिसके लिए हमें उदार विचारधारा वाली युवतियों की है तत्काल आवश्यकता है| पूरी गोपनीयता संतुष्टि और उच्च प्रतिफल की गारंटी...
मैंने हैरान होकर पूछा, "इसका मतलब क्या है?"
मैरी डिसूजा ने कहा, "तुम एक बहुत ही खूबसूरत लड़की हो, पीयाली... तुम्हें देखकर ऐसा लगता है कि तुम 20 या 22 साल की ही हो- एकदम एक कॉलेज गर्ल-... तुम्हारे बाल लंबे घुंघराले और घने है... लेकिन इनकी थोड़ी देखभाल करने की जरूरत है... तुम्हारा फिगर भी अच्छा है... तुम्हारे स्तन बड़े-बड़े सुडौल और तने तने से हैं... तुम्हारे कूल्हे मांसल है और कमर पतली... जिन्हें देखकर कोई भी मर्द दीवाना हो सकता है... लेकिन तुम्हें अपने तन और बदन की देखभाल करने की बहुत जरूरत है, क्योंकि मैं देख रही हूं कि यहां वहां थोड़ी बहुत ना पसंदीदा चर्बी जम रही है… तुम यूं ही घर में पड़े पड़े सड़ने के बजाय हमारे क्लब की मेंबर क्यों नहीं बन जाती?... कुछ दिनों तक अगर तुम हमारे यहां योगा और जिम करोगी तो तुम्हारा फिगर और उभर कर आएगा और रूप ही निखर आएगा जिसकी वजह से तुम और भी खूबसूरत और सेक्सी दिखने लगोगी... और उसके बाद अगर तुम हमारे यहां की मेंबर बन गई, तो तुम्हें हर सर्विस के लिए अच्छे पैसे मिलेंगे... अधेड़ उम्र के लोग और विदेशी तो तुम्हारे जैसी लड़की की सर्विस के लिए और ज्यादा पैसे देंगे"
मैंने हैरानी से फटी फटी आंखों से मैरी डिसूजा की तरफ देखा और बोली, "मैडम यह आप क्या कह रही हैं?"
"मैं सच कह रही हूं.... फिलहाल तुम जवान हो, खूबसूरत हो... यौवन का रस तुम्हारे बदन से चू चू कर टपक रहा है... तुम्हारा खून गर्म है" यह कहते कहते मैडम मेरे बालों और गालों में हाथ फिरती हुई हल्के से मेरे एक स्तन को सहलाती बोली, " तुम्हारे बदन में अभी जवानी का कसर और कसाव बरकरार है... तुम्हारी आंखों और चेहरे में एक चमक है... लेकिन जैसे-जैसे तुम्हारी उम्र बढ़ेगी, तुम्हारी जवानी भी ढलेगी तुम्हारे बदन का कसाव और जवानी का रस धीरे-धीरे सूखता जाएगा... और तुम्हारी रौनक धीरे-धीरे फीकी पड़ने लगेगी... तुम्हारी योनि भी उम्र के साथ-साथ धीरे-धीरे सुस्त हो जाएगी... इस तरह अकेले घर में पड़े पड़े अपनी जवानी को बर्बाद मत करो पीयाली... घर में सिर्फ एक उपेक्षित गृहिणी बन कर रहने के बजाय तुम हमारे क्लब की मेंबर बन सकती हो और जीवन का आनंद उठा सकती हो"
"लेकिन” आज सुबह से लेकर अब तक जो घटनाएं मेरे साथ घट रही थी उन सबको समझने में और सुलझाने में मुझे थोड़ी दिक्कत आ रही थी और मैरी डिसूजा उस वक्त तक मेरे स्तनों को प्यार से सहला रही थी और पता नहीं क्यों मुझे यह अच्छा भी लग रहा था इसलिए मैंने कोई विरोध नहीं किया|
मेरी हिचकिचाहट को भाँप कर मैरी डिसूजा ने गहरी सांस ली और उसके बाद उन्होंने अपना आंचल हटा दिया और अपने ब्लाउज के बटन खोल कर अपने स्तनों को नंगा कर दिया और फिर उन्होंने मेरे चेहरे को अपने सीने से लगा लिया... मैं थोड़ा घबरा गई लेकिन उनके तन की छुअन और उनके बदन की खुशबू से मुझे न जाने क्यों एक अजीब तरह का सुकून महसूस हो रहा था|
"सुन मेरी बच्ची, आज तक मैंने अपनी जिंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं... एक वक्त ऐसा था जब मुझे एक वक्त का खाना नसीब होता था और दूसरे वक्त के लिए मैं सोच में पड़ जाती थी... लेकिन भाग्य ने मुझे एक मौका दिया और उसके बाद मैंने कभी भी अपने आप को और अपनी जरूरतों को नजरअंदाज नहीं किया... और मैंने खुद को बहुत अच्छी तरह से मेंटेन करके रखनी कोशिश हमेशा जारी रखें..."
जाहिर सी बात है| शायद इसीलिए ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा जो कि लगभग एक जवान लड़की की मां की उम्र की होंगी लेकिन उनकी खूबसूरती, फिगर और व्यक्तित्व के आकर्षणको देखकर अच्छे-अच्छे मर्द तो क्या जवान जवान लड़के भी लट्टू हो जाएं|
मैरी डिसूजा ने बोलना जारी रखा, "टॉम यह कह रहा था कि तेरे साथ सहवास करके उसे ऐसा लग रहा था कि वह किसी कुंवारी लड़की को भोग रहा है... उसने तो यहां तक भी कहा था कि तेरी थोड़ी बहुत ब्लीडिंग (रक्तपात) भी हुई थी... जब तेरा पति छुट्टी मनाने घर आता है तो क्या तेरे साथ सहवास नहीं करता?"
अब तो मेरी आंखों में आंसू आ गए और मैं अनजाने में ही मैरी डिसूजा से लिपट गई... वह 'तुम' से 'तू' पर आ गई थी... मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद हम दोनों के बीच कोई रिश्ता कायम हो चुका है... और वैसे भी यह कुदरत का करिश्मा ही था कि हम दोनों की शक्ल में काफी हद तक मिलती-जुलती थी... यहां तक कि कोई अनजान आदमी अगर हम दोनों को एक साथ देख ले तो वह यही कहेगा कि शायद हम मां बेटी है|
अब मैंने खुलकर मैरी डिसूजा से पूछा, "तो क्या आप मुझे एक वेश्या बनने के लिए बोल रही है?"
"वेश्या?" मैरी डिसूजा ठहाका मारकर हंस पड़ी, "अरे पगली... हम जिन्हें वैश्या कह कर दुत्कारते हैं, दुनिया वालों को तो उनकी अहमियत का पता ही नहीं... उनकी आंगन की मिट्टी के बिना तो देवी की की मूर्ति बनेगी ही नहीं... और जो लोग इस लाइन में आते हैं ज्यादातर लोग तो मजबूरी में आते हैं... घर में छोटे भाई को कैंसर है... पिता जुआ खेलकर कर्ज में डूबा हुआ है... घर गिरवी पड़ा हुआ है... एक पैसा भी नहीं है... बहन को थैलेसीमिया है... वगैरा-वगैरा... यह सारी बातें कोई नहीं समझेगा लेकिन... जो लड़कियां इस लाइन पर आती है वह तो घर की पूरी की पूरी जिम्मेदारी है अपने कंधों पर उठा लेती है इस बात पर तो कोई और नहीं करता... और वैसे भी देवदासी प्रथा तो सैकड़ों सालों से चली आ रही है- यह कोई पाश्चात्य (Western) सभ्यता का असर नहीं है... मैं तो यही कहूंगी कि पश्चिमी देशों में जो भी सीखा है वह हम लोगों से सीखा है... क्योंकि हमारी सभ्यता बहुत ही प्राचीन है"
पता नहीं मुझे क्यों ऐसा लग रहा था कि शायद मैरी डिसूजा अपने अतीत के बारे में कुछ बता रही हो|
फिर उन्होंने कहा, "लेकिन तेरी हालत ऐसी नहीं है, तू एक अच्छे घर की लड़की है... तेरे पास पैसों की कमी नहीं है... पर तू बिल्कुल उपेक्षित है... और हमारा यह क्लब तेरे जैसी लड़कियों के लिए ही बना है... क्योंकि यह क्लब दोस्ती करने मेलजोल बढ़ाने का एक बहुत ही शानदार तरीका है"
अब मैं मन ही मन सोचने लगी, मेरी जड़े तो पाँक पाड़ा गांव तक जाती है...
वहां तो लेचारी प्रथा आम बात है…. इसकी बदौलत अच्छे-अच्छे घरों की लड़कियां, बहुएं या फिर औरतें अक्सर दूसरे मर्दो के साथ संबंध बना लेती हैं...
इससे उनका अकेलापन भी दूर हो जाता था और फिर घर खर्च या फिर इधर-उधर की जरूरतों के लिए मुझे पैसे या फिर उनकी जरूरतें मैं पूरी हो जाती थी|
है भले ही यह व्यभिचार हो लेकिन इस प्रथा को चुपके चुपके हमारे समाज में स्वीकृति भी दी गई है...
इसलिए लेचारी प्रथा और यहां की मेंबरशिप में मुझे कुछ खास फर्क तो दिखा नहीं|
लेकिन फिर भी मेरे अंदर थोड़ी बहुत हिचकिचाहट भरी हुई थी मैंने कहा, "लेकिन..."
"फिर से वही लेकिन वेकिन?" मैरी डिसूजा ने मानो एक प्यार भरे अंदाज में मुझे डांटते हुए कहा, "अगर अंग्रेजी के 'if' और 'but' फल और मेवे होते तो सोचो आने वाली क्रिसमस कितनी सुंदर होती... अब जरा ध्यान से सोच लड़की... रूप लावण्य और सुंदरता ज्यादा दिनों तक नहीं टिकती... हमारे यहां जो भी होता है वह सब कुछ जायज और उदार मानसिकता के अनुसार ही होता है... और हमारे यहां कोई पाबंदी नहीं है... हमारे पास हाई प्रोफाइल क्लाइंट्स है और तेरे जैसी हाई प्रोफाइल लड़कियां भी... अगर कोई अपॉइंटमेंट मिले तो मैं तुझे पहले से ही फोन पर बता दूंगी..."
पता नहीं क्यों बातों ही बातों में मैं खुद को मैरी डिसूजा की बहुत ही करीब महसूस कर रही थी|
उन्होंने मेरी जिंदगी के रास्ते में एक नया मोड़ दिखा दिया था... अब यह मुझ पर निर्भर कर रहा था कि मैं उस रास्ते चलूं कि नहीं...
मेरा मन जिंदगी के एक अजीब से दोराहे पर खड़ा था....
क्रमशः
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16-03-2023, 10:06 AM
(This post was last modified: 16-03-2023, 10:09 AM by naag.champa. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेरे प्रिय पाठक बंधुओं के लिए दो प्रश्न:-
* ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा ने कहानी की नायिका पीयाली के सामने प्रस्ताव रखा, उसके बारे में आपकी क्या राय है?
*अब तक आपने जितनी भी कहानी पढ़ी उसके मुताबिक आपको क्या लगता है की पीयाली का जवाब क्या होगा? क्या वह हां कहेगी या फिर ना? और क्यों?
मेरे पाठक बंधुओं की राय मेरे लिए अमूल्य है; कृपया इन प्रश्नों के उत्तर जरूर दीजिएगा|
मुझे आपके जवाब का इंतजार रहेगा||
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Mere khyal se piyali ko haa kar deni chahiye.
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(16-03-2023, 08:07 PM)Jainsantosh Wrote: Mere khyal se piyali ko haa kar deni chahiye.
आदरणीय Jainsantosh जी,
कहानी में पूछे हुए मेरे प्रश्न का उत्तर देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
जी हां आपने बिल्कुल सही फरमाया कहानी की भूमिका और कथानक के अनुसार ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा का दिया हुआ प्रस्ताव कहानी की नायिका पीयाली और उसके हालात के अनुसार वास्तव में यथोचित और तर्कसंगत है|
शायद इसीलिए मेरे दिमाग में इस कहानी दूसरे खंड के विचार अंकुरित भी होने लगे हैं|
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(17-03-2023, 08:21 AM)mihikagupta1991 Wrote: Haa karna sahi hoga
आदरणीय mihikagupta1991 जी,
मेरे सवाल का जवाब देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद! जी हां आपने बिल्कुल सही फरमाया कहानी की भूमिका और कथानक के अनुसार ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा का दिया हुआ प्रस्ताव कहानी की नायिका पीयाली और उसके हालात के अनुसार वास्तव में यथोचित और तर्कसंगत है|
शायद इसीलिए मेरे दिमाग में इस कहानी दूसरे खंड के विचार अंकुरित भी होने लगे हैं|
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अध्याय १२
मैरी डिसूजा की टेबल पर रखा हुआ इंटरकॉम बज उठा| उन्होंने आगे झुककर इंटरकॉम का बटन दबाया "मैडम, रिसेप्शन में जया आपका इंतजार कर रही है..." इंटरकॉम के स्पीकर से बाहर रिसेप्शन में बैठी मुन्नी की आवाज सुनाई दी|
"अरे हां" मैरी डिसूजा ने कहा, "काफी देर हो गई और अंधेरा भी हो गया है मुझे उसको विदा करना पड़ेगा... बेचारी को टाइम पर घर भी जाना है, नहीं तो घरवाले चिंता करेंगे... ठीक है उसे अंदर भेज दो"
यह कहकर मैरी डिसूजा अपने कपड़ों को ठीक करती हुई बोली, " अगर मेरा बस चलता तो सारी रात में तुझे अपने सीने से लगा कर रखती... खैर फिलहाल मुझे जया को उसकी रॉयल्टी (royalty) देनी है..."
मैंने भी अपने बालों को थोड़ा ठीक किया कि इतने में दरवाजे पर दस्तक हुई|
"कम इन"
दरवाजा खुलाऔर वही सुंदर सांवली सी लड़की- जया, मुस्कुराती हुई अंदर आई लेकिन उसने चश्मा पहन रखा था और उसके कंधे पर एक बैग लटक रहा था| ठीक वैसा ही बैग, जैसे आज करके कॉलेज के लड़के लड़कियां अपने साथ ले जाते हैं- शायद उसमें कुछ किताबें भी होंगी| मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था अभी थोड़ी देर पहले मैंने इसी लड़की को ऊपर वाली मंजिल में एक अधेड़ उम्र के आदमी के साथ देखा था|
तब तक मैरी डिसूजा अपनी कुर्सी पर बैठ चुकी थी वह भी जया को देख कर मुस्कुराई|
मैरी डिसूजा ने अपनी टेबल का एक ड्रावर खोला और उसमें से एक लिफाफा निकालकर जया को पकड़ाया और फिर उससे बोली, "इन पैसों को अच्छी तरह से गिन लो... और सीधे घर चली जाना नहीं तो तुम्हारे मम्मी पापा चिंता करेंगे... वह सोचेंगे कि तुम सुबह कॉलेज के बाद तो ट्यूशन गई थी और इतनी देर क्यों लग रही है?"
"ठीक है ठीक है, मैडम... मैं यहां से निकलकर सीधे एक ऑटो पकड़ कर एकदम घर चली जाऊंगी" जया ने मुस्कुराते हुए कहा|
"ठीक है, पर जाने से पहले पैसों को अच्छी तरह से गिन लो"
"ओफ ओ... मैडम आप भी ना"
मैरी डिसूजा प्यार भरे अंदाज में जैसे किसी शरारती बच्चे को बड़े लोग डांटते हैं वैसे कहा, "मैं जैसा कहती हूं वैसा ही करो जया, वरना मैं तुम्हें डंडे मारूंगी... ठीक से पैसे गिन लो"
"ठीक है, ठीक है, गिनती हूं..." जया मुस्कुराती हुई पैसे गिनने में लग गई और मैं दूसरी तरफ देखने लग गई| लेकिन मुझे पैसे गिनने की आवाज साफ सुनाई दे रही थी...
खस- खस- खस- खस
मेरे अंदाज से उस लिफाफे के अंदर कम से कम 25 या 30 हजार रूपए तो जरूर होंगे|
"ठीक है मैडम, पेमेंट एकदम पूरी है”, जया ने कहा
"और याद है ना? सीधे ऑटो पकड़ के घर जाना; उस बार की तरह डिस्को बार में जाकर बॉयफ्रेंड के साथ नाचने की कोई जरूरत नहीं है... पिछली बार ऐसे ही तुम्हारे पैसे खो गए थे... याद रखना यह तुम्हारी मेहनत की कमाई है"
"अच्छा बाबा! मैं वादा करती हूं मैं सीधे ऑटो पकड़ कर घर ही जाऊंगी"
"ठीक है घर जाने के बाद मुझे व्हाट्सएप कर देना कि तुम ठीक-ठाक पहुंच गई हो"
इसके बाद जया ने मैरी डिसूजा से विदा लिया और फिर मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और फिर अपने रास्ते चल पड़ी|
जया पढ़ी-लिखी कॉलेज जाने वाली लड़की थी लेकिन चुपके चुपके वह भी ब्लू मून क्लब की एक सक्रिय सदस्य थी|
"क्या तुम हैरान हो गई, पीयाली? " मैरी डिसूजा ने मुझसे पूछा जैसे वह मेरे मन के हाव-भाव को अच्छी तरह समझ गई हो, "तुम बिल्कुल जया जैसी ही हो... एक अच्छे घर की सुंदर लड़की- जब पहली बार हमारे ब्यूटी पार्लर में आई थी तो वह अपने बालों को स्टाइल करने के लिए आई थी... लेकिन मैं उसे देखते ही समझ गई थी कि उसके अंदर बहुत काबिलियत है... उसे महंगे महंगे डिस्को बार में जाने की आदत और लत पड़ चुकी है... और और उसका यह शौक पूरा करने के लिए उसे अतिरिक्त पॉकेट मनी की जरूरत पड़ती है... इसलिए जब उसने हमारा प्रचार पत्र देखा तो वह एक ही बार में मान गई और हमारी सदस्य बन गई है... और वैसे भी इस लड़की को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती... यह हमारे यहां महीने में 3 या फिर ज्यादा से ज्यादा 4 बार ही आती है... और एक बात बातयूं ?... तुमने रिसेप्शन में एक अधेड़ उम्र के आदमी को देखा था... उसने तुम्हें भी देखा था... पहले तो उसने जया को पसंद किया था लेकिन उसके बाद वह मुझसे रिक्वेस्ट कर रहा था कि तुम उसे सर्विस दो... पर मैंने उसे समझाया कि तू सर्विस देने नहीं लेने आई है... हा हा हा हा हा हा हा"
अब मैरी डिसूजा ने मेज पर रखी अपनी घड़ी की ओर देखा और फिर मुझसे बोली, "जा पीयाली... अब तो घर का रुख कर और हां घर पहुंच कर मुझे फोन करके बताना कि तूने क्या फैसला किया है... यह रहा मेरा कार्ड और इसके पीछे मैंने अपना पर्सनल नंबर भी लिख रखा है... और वाकई में यह बहुत ही हैरत की बात है जो हम दोनों की शक्लें इतनी मिलती-जुलती हैं| यह तो बहुत ही कमाल की बात है- यहां ज्यादातर लोग हमें मां बेटी समझ रहे हैं… तो यही सही"
मेरे मुंह से बस एक ही शब्द निकला, "अच्छा..."
"मैं तेरा फैसला जो भी हो पीयाली, मुझे साफ-साफ बता देना- आखिरकार फैसला तेरे हाथ में है- लेकिन एक बात याद रखना, तेरा फैसला जो भी हो- तेरे लिए मेरे जिम और योगा क्लास का दरवाजा हमेशा खुला रहेगा... और तुझे इसके लिए कोई पैसे वैसे या फिर मेंबरशिप फीस भी नहीं देनी पड़ेगी..."
मैंने कहा, "जी, अच्छा"
यह कहकर मैं मैरी डिसूजा का पर्सनल नंबर अपने मोबाइल में सेव करने के लिए अपना फोन पर्स से बाहर निकाला तो उन्होंने कहा, " यह तो मोबाइल का एक बहुत ही पुराना मॉडल है... तू नया फोन क्यों नहीं खरीद लेती"
अब मैं क्या करती मैं मारे शर्मिंदगी के फोन वापस वर्ष के अंदर डाल लिया और बोली, "जी मैं भी यह सोच रही थी... कि आप मुझे एक नया फोन ले लेना चाहिए"
एक पल के लिए मैरी डिसूजा तिरछी नजर से दीवार की तरफ देखा जैसे कि वह कुछ सोच रही हो, फिर उन्होंने सिर्फ इतना कहा "ठीक है..."
"जा पीयाली अब घर जा... काफी अंधेरा हो चुका है और अभी फिलहाल बारिश भी रुकी हुई है लेकिन मौसम का कोई भरोसा नहीं"
ब्लू मून क्लब की मालकिन मेरी डिसूजा ने मुझसे सर्विस के लिए पैसे नहीं लिए|
मैं ब्लूमून क्लब से बाहर निकली तो मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद में एक सपनों की दुनिया से निकल कर असलियत में कदम रख रही हूं| लेकिन यह हकीकत मानो मेरे लिए बिल्कुल नया नवेला और बहुत ही खुशनुमा था| ऐसा लग रहा था की प्रकृति ने पूरे वातावरण को जोरदार बारिश से बिल्कुल धोकर साफ सुथरा और नया नवेला बना दिया था|
मैं ऑटो पकड़ने के लिए दो कदम आगे ही बड़ी थी कि मेरी निगाहें एक जाने पहचाने चेहरे पर जा टिकी... वह आदमी फोन पर किसी से बात कर रहा था और मेरी तरफ मुस्कुरा कर देख रहा था|
मैं उस आदमी को देखकर हैरान रह गई|
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अध्याय १३
उस आदमी ने सफेद रंग की टीशर्ट और नीले रंग की फेडेड जींस पहन रखी थी और जींस में एक चौड़ी सी महंगी लेदर की बेल्ट लगी हुई थी... और उसके कंधे तक लंबे बाल खुले हुए थे- यह आदमी और कोई नहीं- टॉम था|
मैं ना जाने किन ख्यालों में खोई हुई बस उससे देख ही रही थी इतने में कब वह मेरे पास आ गया मुझे ध्यान ही नहीं|
"क्या सोच रही हो, पीयाली?"
"टॉम?"
"हां, मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था"
मैंने मुस्कुरा कर उससे पूछा, "बड़ी अच्छी बात है, पर क्यों?"
"मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं- मैं चाहता हूं कि तुम मेरी दोस्त बनो"
मेरा दिल खुशी से नाच उठा, पर अनजाने में मेरे मुंह से निकला, "लेकिन टॉम?"
टॉम हंस पड़ा, "जैसा कि मैंने कहा था- मैं ब्लूमून क्लब का कोई कर्मचारी नहीं बल्कि एक मेंबर हूं- और वैसे मेरा लेदर का इंपोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस है"
हालांकि टॉम मुझसे उम्र में काफी बड़ा था लेकिन उस जैसा रूपवान और गठीला बदन वाला आदमी आज मेरा दोस्त बनना चाहता है; इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है- इसलिए मानो कि मैंने के अंदर लड्डू से फूटने लगे... मेरी भावनाएं बिल्कुल वैसी ही थी जैसे किसी जवानी की दहलीज पर खड़ी हुई इसी किशोरी पर किसी ने दिलचस्पी जाहिर की हो | लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूं और इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाती टॉम ने रंग-बिरंगे कागज में लिपटी हुई एक वर्गाकार बक्सा मुझे थमाया|
उसके ऊपर उसका कार्ड भी चिपका हुआ था|
"यह क्या है, टॉम?"
"मेरी तरफ से एक गिफ्ट, मुझे उम्मीद है तुम्हें पसंद जरूर आएगा... अब बहुत देर हो चुकी है, पीयाली और मौसम का भी कुछ भरोसा नहीं... तुम तो अपने साथ छतरी भी नहीं लाई... अब जल्दी से घर जाओ... वैसे मेरे पास मेरी कार है लेकिन फिलहाल मैं तुम्हें घर छोड़ने नहीं जाऊंगा... क्योंकि मुझे नहीं पता तुम कहां रहती हो और वहां के लोगों की मानसिकता क्या है... अगर किसी ने हम दोनों को साथ साथ गाड़ी में देख लिया तो न जाने तरह-तरह की बातें करने लगेगा; इसलिए मैं काम करता हूं... मैं तुम्हारे लिए एक रेडियो टैक्सी बुक करके देता हूं| तुम कुछ देर रुको"
यह कहकर टॉम ने अपना मोबाइल निकाला और उसके अंदर लगे हुए ऐप को खोल कर उसने फोन मुझे थमा दिया... मोबाइल ऐप के अंदर मैंने अपने घर का पता ठिकाना भरा और बुकिंग का बटन दबाया... और फोन वापस टॉम को थमा दिया|
बिग सिटी मॉल के बाहर ही हम दोनों साथ-साथ बिल्कुल चुपचाप खड़े रहे क्योंकि मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं टॉम से क्या बात करूं... और यह खामोशी मेरे अंदर एक अजीब तरह का अचरज पैदा कर रही थी| मेरा मन तो कर रहा था कि मैं टॉम से ढेर सारी बातें करूं... पर मैं बोलूं तो क्या बोलूं मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था| इसलिए मैं चुपचाप खड़ी रही|
थोड़ी ही देर बाद एक रेडियो टैक्सी हमारे सामने आकर रुकी| टॉम ने आगे बढ़कर टैक्सी का दरवाजा खोला और मैं उसमें बैठकर दरवाजा बंद करके टॉम को बाय-बाय करी|
टॉम भी अपने रास्ते चला गया| अभी टैक्सी वाला थोड़ी दूर तक ही गया होगा कि मुझे रास्ते में एक वाइन शॉप दिखा हैरानी की बात यह है कि वहां जवान और कॉलेज की उम्र के लड़के लड़कियां शराब खरीद रहे थे... मैंने भी हिम्मत करके टैक्सी वाले को थोड़ी देर रुकने के लिए कहा और टैक्सी से उतर कर मैंने थोड़ी और हिम्मत जुटाकर दुकान से चार बियर के कैन और एक बकार्डी वाइट रम की बोतल खरीदी|
यह मेरे कॉलेज के जमाने का ब्रांड था| पर शादी के बाद मेरा पीना पाना बिल्कुल बंद हो गया था| वैसे जब कभी कबार में कॉल सेंटर द्वारा आयोजित की हुई पार्टी में जाती थी थोड़ा बहुत पी लेती थी... लेकिन आज का दिन कुछ खास था... इसलिए आज रात को थोड़ा पीना और अकेले ही अकेले थोड़ा बहुत जश्न बनाना जरूरी हो गया था|
शराब की दुकान के काउंटर का लड़का भी अपने आप को रोक नहीं पा रहा था वैसे तो सुबह से लेकर शाम तक उसने बहुत सी लड़कियों को देखा होगा लेकिन मैं जानती थी कि आज मैं बहुत ही सुंदर और आकर्षक लग रही थी इसलिए शायद वह अपने आप को रोक नहीं पा रहा था और मुझे घूरे जा रहा था|
उसने मेरी खरीदी चीजों को एक मजबूत से प्लास्टिक के बैग में डाला और मैंने नकद पैसे देकर बिल का भुगतान किया|
वापस टैक्सी में बैठकर मैंने अपना पुराना फोन ऑन किया तो देखा उसमें छह मिस्ड कॉल दिख रहे थे| इनमें से पांच गोपा मौसी ने किए थे और एक मेरे पति देव का था|
पता नहीं क्यों अपने पति जय का मिस्ड कॉल देखते ही मेरा माथा गर्म हो गया; पर मैं क्या करूं सबसे पहले मैंने जय को ही वापस कॉल लगाने की कोशिश की लेकिन पता चला कि उसका मोबाइल सेवा क्षेत्र से बाहर है| ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है- ऐसा होना वाजिब भी है, क्योंकि वह मर्चेंट नेवी में काम करता है और इस वक्त शायद उसका जहाज दूर गहरे समंदर मैं कहीं बहाल था|
मैंने मन ही मन सोचा अगर बाद में जब मेरी उससे बात होगी तब मैं कह दूंगी कि मोबाइल का चार्ज खत्म हो गया था शायद इसलिए मोबाइल ऑफ हो गया होगा|
और गोपा मौसी को भी मैं यही बात कहूंगी|
***
घर में घुसने के साथ ही जैसे मेरी जिंदगी के अकेलेपन ने मुझे धर दबोचा| ना जाने क्यों मुझे अजीब सी एक घुटन सी महसूस होने लगी... मैंने घर घर की सारी खिड़कियां खोल दी और बत्तियां जला दी... बाहर से ठंडी हवाओं के झोंके अंदर आने लगे पर पूरा घर जैसे खाली खाली बर्तन सा लगने लगा था इसलिए मैंने घर की सारी बत्तियां फिर से बुझा दी पर खिड़कियां खुली रहने दी... मेरे तन और मन में एक अजीब से बोझ और बंधन का एहसास होने लगा था... इसलिए मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और कुछ देर तक पागलों की तरह बिल्कुल नंगी होकर पूरे घर भर में चहलकदमी करती रही|
उसके बाद मैंने बाथरूम में जाकर अपना चेहरा धोया और नजर उठा कर बाथरूम बल्ब की रोशनी में आईने के अंदर अपनी शक्ल देखी... आईने में मुझे अपने ही प्रतिबिंब को पहचानने में मुश्किल हो रही थी... क्योंकि आईने में मुझे- मैं- जय चौधरी की पत्नी, शीला चौधरी नहीं बल्कि ब्लू मून क्लब की पीयाली दास दिख रही थी...
और आईने में दिखने वाली पीयाली दास वाकई में बहुत खूबसूरत दिख रही थी... मेरे स्वाभाविक ग्रुप से सीधे- सपाट यानी कि स्ट्रेट- बाल अब लहरों और कर्लिंग स्टाइल में किए गए थे| बालों की एक धारा मेरे चेहरे की एक तरफ से होती हुई मेरे स्तनों के ऊपर जा टिकी थी... मेरी सांसे लंबी और गहरी चल रही थी जैसे किसी नदी में ज्वार और भाटा आ-जा रहा हो जिसकी वजह से मेरे सुडौल स्तन ऊपर नीचे हो रहे थे|
हां, आईने में दिखने वाली पीयाली दास और कोई नहीं मैं ही हूं- जिसे टॉम ने बिल्कुल नंगी देखा था... और उसने मेरे साथ शारीरिक संबंध भी बनाए थे और उसके वीर्य स्खलन के बाद मेरे अंदर की एक बहुत दिनों से दबी हुई एक भड़कती हुई गरमाहट को अब जाकर शांति मिली थी...
और मैंने महसूस किया कि मेरे शरीर के अंग प्रत्यंग जैसे हाथ पैर और खासकर यौनांग में हल्का हल्का मीठा-मीठा दर्द सा महसूस हो रहा था|
फिलहाल गिलास में व्हाइट रम डालने के लिए टॉम यहां मौजूद नहीं था| इसलिए मैंने खुद ही किचन में जाकर अपनी मदद की और बेडरूम का सिर्फ नाइट लैंप जलाकर मैंने टॉम का दिया हुआ गिफ्ट खोला|
गिफ्ट का बक्सा खोलते ही मैं बिल्कुल हैरान रह गई- क्योंकि टॉम ने मुझे एकदम लेटेस्ट मॉडल का मोबाइल फोन खरीद कर दिया था जो कि कुछ ही दिनों पहले लांच हुआ था और यह बहुत ही महंगा था|
मैंने अखबारों में इसका विज्ञापन जरूर देखा था पर मैंने इसे खरीदने का ख्याल यह सोच कर टाल दिया था कि इतना महंगा फोन खरीदना एक फिजूलखर्ची होगी...
फोन देख कर मैं मारे खुशी के रो पड़ी|
***
मैं अब तक व्हाइट रम के डेढ़ पेग पी चुकी थी और उससे पहले मैंने अपने बेड पर लगे हेड पोस्ट ड्रावर मे रखी हुई वह वाली गोली खा ली थी जिसे गोपा मौसी पेट सफाई की दवा कहा करती थी यानी कि गर्भनिरोधक... पिछली बार जब मेरे पति घर आए थे तब मैं अपने लिए यह गोलियां काफी मात्रा में चुपके चुपके लेकर आई थी... और जाहिर सी बात है उनमें से कुछ गोलियां बच गई थी|
अब मैंने अपने पुराने फोन से सिम और मेमोरी कार्ड निकाल कर टॉम के दिए हुए नए मोबाइल में लगाया और सबसे पहले ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा और टॉम का नंबर सेव किया|
उसके बाद गूगल अकाउंट की बदौलत मैं अपने फोन के सारे कॉन्टैक्ट्स डाउनलोड करने लगी| और फोन में पहले से ही इंस्टॉल किए हुए एप्स को खंगालने लगी|
इतने में मेरे नए फोन में व्हाट्सएप के 2 मैसेज आए|
एक मैसेज टॉमस फर्नांडिस यानी टॉम का था और दूसरा मैरी डिसूजा ने भेजा था|
दोनों मैसेजेस जैसे ही थे, दोनों यह जानना चाहते थे कि मैं घर सही सलामत पहुंची कि नहीं...
मैंने व्हाइट रम की गिलास उठाई और उसमें से एक चुस्की ली और फिर मैं यह सोचने लगी कि पहले मैं कैसे फोन करूं? टॉम को या फिर मैरी डिसूजा को?
और फोन करने के बाद मैं बोलूं तो क्या बोलूं? उन दोनों ने ही मेरे सामने ऐसे प्रस्ताव रखे थे जो कि बहुत ही लुभावने थे...
इतने में जोर से बादल गरजे, जबरदस्त बिजली चमकी और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई…
क्रमशः
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17-03-2023, 12:06 PM
(This post was last modified: 17-03-2023, 12:12 PM by naag.champa. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
अध्याय १४
"हां मैडम, मैं घर पहुंच गई हूं"
मैंने सबसे पहले मैरी डिसूजा को फोन लगाया था, लेकिन मैं उन्हें यह बात बताना नहीं चाहती थी कि मैं ब्लूमून क्लब के बाहर टॉम से मिली थी और उसने मुझे एक मोबाइल फोन भी गिफ्ट किया है|
"हे ईश्वर! तुझे फोन करने में इतनी देर क्यों लगी है मुझे तो तेरी बड़ी फिक्र लगी हुई थी... खैर अच्छा हुआ तू टाइम से पहुंच गई है... बाहर तो बहुत जबरदस्त बारिश हो रही है... खैर ठीक है अगले सोमवार से तू हमारी योगा क्लास अटेंड करने आ जाना"
"ठीक है आ जाऊंगी, लेकिन उसके लिए मुझे क्या करना होगा?"
"कुछ नहीं... मैंने कहा ना, योगा क्लास और जिम तेरे लिए बिल्कुल फ्री है... लेकिन तुझे मेरा थोड़ा कहना मानना पड़ेगा| योगा क्लास करने के बाद तो बाथरूम में जाकर जरा सा फ्रेश हो लेना और अपने बालों को खोल देना... और हां अपनी ब्रा को थोड़ा ढीला कर के पहनना..."
"ब्रा को ढीला कर के क्यों पहनूं?" मैंने हैरानी से पूछा
"योगा क्लास के बाद हम लोग अपने मेंबर्स के लिए नाश्ते का इंतजाम करते हैं... और यह नाश्ता हमारे रंग दे बसंती ढाबा के बाहर जो खुला एरिया (हिस्सा) है, वहां पर परोसा जाता है| और वहां नाश्ते के लिए कई बाहर के लोग भी आते हैं... तेरे जैसी लड़की है खुले बालों में सुंदर दिखेगी और हां अगर तू ब्रा ढीला करके पहनेगी तो तेरे स्तन तेरी हर हरकत पर हिलेंगे डुलेंगे... तू भूल गई क्या या फिर तुझे पता नहीं कि मर्दों की नजर लड़कियों की चेहरे के बाद उनकी छाती पर ही जाकर पड़ती है वह मन ही मन यह देखना चाहते हैं या फिर मैं यह कहूं कि नापना चाहते हैं कि किस लड़की के स्तन कितने बड़े हैं और किस आकार के हैं?
नाश्ते के बाद फिर तो अपने कपड़े और बालों को ठीक कर लेना और फिर घर चली जाना मैं चाहती हूं तो कुछ हफ्तों तक हमारे यहां योगा क्लास और जिम कर... ईश्वर ने तेरे को बड़ी खूबसूरती से तराशा है... तेरा फिगर भी अच्छा है लेकिन उसकी देखभाल और मेंटेनेंस की जरूरत है और हां इसी बीच में ने जद्दनबाई से भी बात कर ली है वह केरला से तेरे बालों के लिए एक खास आयुर्वेदिक तेल मंगा रही है| मेरा यकीन मान कुछ ही महीनों में तो पहले से भी ज्यादा खूबसूरत दिखने लगेगी... जो कि तेरा हक बनता है"
"जी, अच्छा"
"और हां एक बात का खास ध्यान रखना योगा क्लास में आने वाले सभी लोग हमारे ब्लूमून क्लब के मेंबर नहीं है... जो लोग मेंबर है मैं उनसे तेरी जान पहचान करवा दूंगी... क्योंकि हमें हमेशा थोड़ा होशियार रहना पड़ता है... कहीं अगर थोड़ी बहुत गड़बड़ हो गई तो शायद बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है"
"जी बड़ी अच्छी बात है| इस बात का मैं ध्यान रखूंगी"
"तेरे जाने के बाद मैंने सोशल मीडिया में तुझे ढूंढ लिया था और तेरा प्रोफाइल देख रही थी... तू तो पाँक पाड़ा गांव की लड़की है - जहां, लेचारी एक फैशन है- इसलिए मुझे पूरी उम्मीद थी कि तू देर से फिर जरूर मान जाएगी क्योंकि यह तेरे खून में है... मुझे उम्मीद है कि अब तक टॉम के साथ तेरी दोस्ती हो गई होगी; लेकिन याद रखना तो जैसी खूबसूरत लड़की के लिए अगर मुझे कोई काबिल क्लाइंट मिल जाए तो मैं तुझे उसके साथ फिट कर दूंगी... लेकिन उसमें अभी देर है... पहले मैं तुझे शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार करना चाहती हूं"
ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा वास्तव में एक तजुर्बेदार औरत थी उसे पहले से ही पक्का यकीन था कि उसके दिए हुए प्रस्ताव का जवाब मैं हां में ही दूंगी!
"तो मुझे करना क्या होगा, मैडम"
"उफ़, हे ईश्वर! कितनी नादान लड़की है ही है..." मैरी डिसूजा ने मजाक करते हुए कहा, " तूने आज जो टॉम के साथ किया... या फिर जया नाम की लड़की ने उस अधेड़ आदमी के साथ जो किया वही सब... वैसे तू तो लड़की है इसलिए तुझे सर्विस देते वक्त ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी... जो करना है वह क्लाइंट ही तेरे साथ करेगा... भूल मत! तू बहुत ही खूबसूरत लड़की है... तेरे बाल काले घने घने से, रेशमी और लंबे है… तेरे स्तन सुडौल बड़े-बड़े और तने-तने से हैं... पतली कमर और मांसल कूल्हे... और बाकी कुछ स्त्रैण युक्तियाँ और तरकीबें… वह सब मैं तुझे सिखा दूंगी... बाकी बस तुझे कुछ करना नहीं होगा बस तू उनके बिस्तर पर लेट कर अपनी टांगों को फैला देना ....बस... और इसके बदले पैसा? पैसा तुझे बहुत मिलेगा क्योंकि टाइम इज मनी (समय ही धन है)- इसलिए हमारे यहां इसे रॉयल्टी कहा जाता है "
"जी अच्छा, मैडम"
"तू तो बस मेरी हां में हां मिलाई जा रही है... तू एक काम कर... तू अपनी इस नई जिंदगी की शुरुआत अभी से कर दे... तू तो घर में अकेली है ना?"
"जी, हां"
"बड़ी अच्छी बात है; तो आज से और इसी वक्त से तू अपनी जीवन शैली को बदल दे... रात को तू जब सोने जाएगी तो बिल्कुल नंगी होकर सोने जाना... क्योंकि अगर तुझे... हमारे क्लब की एक्टिव (सक्रिय) सर्विस देने वाली मेंबर बनना है... यानी के पार्ट टाइम लवर गर्ल... तुझे अपनी शर्मो हया सब कुछ दूर करनी पड़ेगी... इससे तेरे अंदर का कॉन्फिडेंस (आत्मविश्वास) भी धीरे-धीरे बढ़ेगा... जिसकी बदौलत तुझे पार्ट टाइम लवर गर्ल बनने में आसानी होगी"
"जी मैडम, आपने जैसा कहा मैं वैसा ही करूंगी"
"बहुत अच्छी बात है, तो तू एक काम कर अगर सचमुच तू मेरी सारी बातें मानने को तैयार है तो अपनी एक नंगी सेल्फी खींच कर मुझे व्हाट्सएप पर भेज दे- अभी और इसी वक्त" मैरी डिसूजा के स्वर में एक अजीब सी दृढ़ता थी जैसे कि मानो वह मुझे आदेश दे रही हो|
मैं तो पहले से ही नंगी थी और ऊपर से 2 पेग व्हाइट रम के गटक चुकी थी और अभी तीसरा पेग चल रहा था...
इसलिए मैंने बड़े जोश के साथ कहा, “ठीक है तो यह लीजिए, मैडम” यह कहकर पैसे थे दीवार पर टंगे बड़े आईने के सामने खड़ी हो गई और मैंने नंगी हालत में ही एक सेल्फी ली और उसे व्हाट्सएप के जरिए मैरी डिसूजा को भेज दिया|
मेरा मैसेज मैडम के फोन पर पहुंच गया था| व्हाट्सएप पर दो नीले रंग के टिक दिख रहे थे- यानी कि उन्होंने मैसेज देख लिया था... लेकिन मुझे ऐसा लगा कि उन्होंने जवाब थोड़ी देर बाद ही दिया पर उनकी आवाज में उत्सुकता और खुशी साफ झलक रही थी|
"वाह! वाह! वाह! यह हुई ना बात| बहुत ही खूबसूरत लग रही है तू... मेरे हिसाब से कुछ ही हफ्तों में तू ब्लू मून क्लब की है प्रीमियम लवर गर्ल बन जाएगी... यानी कि बहुत ही महंगी सर्विस देने वाली मेंबर"
मैं शर्म से लाल हो गई|
मैरी डिसूजा ने कहा, "ठीक है... अब रात बहुत हो चुकी है... तू थक भी गई होगी अब तो थोड़ा आराम कर ले"
"जी मैडम"
"और हां, मैं तो तुझसे एक बात कहना भूल ही गई थी... आज के बाद हो सके तो तुम मुझे मैडम- मैडम बोलना छोड़ दे... क्योंकि यहां जितने लोगों ने भी तुझे देखा वह यही सोचते हैं कि तू मेरी ही बेटी है| और मैं तेरी मां... यह तो कुदरत का करिश्मा है- खैर किस्मत ने जब हमें ऐसा मौका दिया है तो यही सही- आज के बाद हमारी बिरादरी में हम एक दूसरे को मां बेटी बनकर ही पेश करेंगे... और मैं जब लोगों से तेरी आज के बाद जान पहचान करवाऊंगी तो मैं यही कहूंगी कि तू मेरी ही बेटी है| इसलिए अगर तुझे कोई एतराज नहीं है तो तुम मुझे मम्मी कह कर बुला सकती है"
यह सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा, "जी मैडम... मेरा मतलब है जी मम्मी"
जब मैंने मैरी डिसूजा को मम्मी कहकर पुकारा तो उन्हें भी यह बहुत अच्छा लगा क्योंकि उनकी खुशियों की आवाज में ही झलक रही थी, "ऑल राइट माई गर्ल - गुड नाईट एंड स्लीप टाइट (ठीक है मेरी बच्ची, शुभ रात्रि और इत्मीनान से सो जा)"
मैंने गहरी सांस ली और फिर फोन रख दिया| मेरे मन केअंदर एक अजीब सी खुशी और एक अजीब सी उत्सुकता मेरी रगों में दौड़ रही थी|
अब देखते हैं कि टॉम क्या कहता है|
"हेलो टॉम?"
"हां बोलो पीयाली, मैं तुम्हारे ही फोन का इंतजार कर रहा था"
"ऐसा क्यों? क्या तुम मुझे मिस कर रहे थे?"
"कुछ ऐसा ही समझ लो"
"ही ही ही ही ही” मैं छोटी सी बच्ची की तरह खिलखिला उठी, " सच कहूं तो तुम्हारा दिया हुआ फोन मुझे बहुत पसंद आया मैं फिलहाल उसी में से तुमसे बात कर रही हूं... लेकिन यह फोन तो बहुत ही महंगा है, टॉम"
"सो व्हाट (तो क्या हुआ)? मैं तुम्हें कुछ उपहार देना चाहता था, लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं तुम्हारे लिए क्या खरीदूं ... फिर मैंने सोचातुम्हारे पास स्मार्टफोन तो होगा ही... पर यह मॉडल एकदम नया नया निकला है... तुम्हारे लिए बिल्कुल सही रहेगा"
"शुक्रिया टॉम... मैं सच कह रही हूं, यह फोन मुझे बहुत ही पसंद आया"
"यह जानकर मुझे खुशी हुई, पियाली... अच्छा एक बात बताओ तुम कब फ्री हो?"
"क्या बात है, टॉम?" मैंने शरारत ही ढंग से पूछा|
"तुम मुझे बहुत अच्छी लगी पीयाली, मैं चाहता हूं कि हमारी जान पहचान और दोस्ती और गहरी हो इसलिए तुम जब भी चाहो मुझे एक बार फोन करके मेरे घर आ सकती हो और मैं तो यही चाहूंगा कि तुम पूरा का पूरा दिन मेरे साथ बताओ"
"क्या तुम शादीशुदा हो, टॉम?"
"नहीं"
"क्यों?" मैंने बड़ी ही हैरानी के साथ दोबारा वही सवाल पूछा और फिर पूछते के साथ ही मुझे ऐसा लगा कि शायद मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी है|
टॉम ने भी मजाकिया अंदाज में जवाब दिया, "अब मैं क्या करूं पीयाली, तुम ही बताओ? किसी लड़की ने आज तक मुझ से शादी ही नहीं की"
मैं ठहाका मारकर हंस पड़ी|
टॉम ने मुझसे फिर पूछा, "अच्छा बताओ तो सही कि तुम कब फ्री हो?"
मैं टॉम के इरादों को भांप गई| हां वह सच में मुझसे दोस्ती करना चाहता था इसलिए उसने मुझे घर पर बुलाया... लेकिन अगर मैं उसके घर गई... तो हम लोग सिर्फ गप्पे ही नहीं लड़ाएंगे... यह मैं अच्छी तरह जानती थी क्योंकि आज इतना सब कुछ हो जाने के बाद शायद मैं अपने आप को रोक नहीं पाती|
मैं दोबारा शर्म से लाल हुई और फिर मैंने कहा, "नॉट सो सून, टॉम (इतनी जल्दी नहीं टॉम)"
टॉम थोड़ी देर चुप रहा... शायद वह भी सोच रहा होगा की हर चीज के लिए एक वक्त होता है| फिर बात बदलने के लिए उसने मुझसे पूछा, "ठीक है कोई बात नहीं, जैसी तुम्हारी मर्जी मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा और वैसे मैडम मैं तुमसे क्या कहा?"
"मैरी डिसूजा चाहती है कि मैं उनकी हॉट गर्ल्स की फायर ब्रिगेड में शामिल होकर एक प्रीमियम लवर गर्ल बन जाऊं और क्लाइंट को सेक्सुअली ओरिएंटेड एंटरटेनमेंट (यौन उन्मुख मनोरंजक) सर्विस दूँ"
टॉम थोड़ी देर के लिए चुप रहा, उसके बाद उसने कहा "मुझे इस बात का शक था... पर एक बात मैं जरूर कहूंगा... यह पूरी तरह से तुम्हारे ऊपर निर्भर करता है... वैसे तुमने उनसे क्या कहा"
अब कुछ देर के लिए मैं चुपचाप सोचती रही कि मैं क्या जवाब दूं, लेकिन आखिरकार मैंने उसे सच बता ही दिया, "मैंने हां कर दी है"
उसके बाद टॉम ने दोबारा इस विषय को नहीं छेड़ा... हम लोग काफी देर तक फोन पर बातें करते रहे| यहां तक कि बातों ही बातों में मैंने टॉम को अपनी दो पुरानी तस्वीरें भी भेज दी- इन सेल्फी तस्वीरों को भी मैंने न जाने कब अकेले-अकेले बीयर पीते पीते खींची थी…
रात काफी हो चुकी थी बाहर बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी... बाहर से आती हुई ठंडी हवा के झोंके मेरे नंगे बदन को बड़े ही प्यार से सहला रहे थे अब यह सब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था... मानो मेरी जिंदगी का नजरिया ही बदल गया हो...
खैर अगली सुबह मुझे जल्दी उठना था| अगर गोपा मौसी कल टाइम पर काम पर नहीं आई तो पूरे घर के काम मुझे ही करने पड़ेंगे... पर अच्छी बात है कि आज सुबह का बना हुआ खाना वैसे का वैसा ही फ्रिज में पड़ा हुआ था इसलिए कल खाना बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी|
ना चाहते हुए भी मैंने टॉम से विदा लिया और कमरे की बत्ती बंद करके कमरे की छत की तरफ देखती हुई सोचने लगी...
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कमरे की खाली खाली छत में ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा को भेजी हुई अपनी नंगी तस्वीर को देख रही हूं तो कभी टॉम को भेजी हुई अपनी पुरानी तस्वीरों को...
और फिर मैं लेटे लेटे ही आज के पूरे दिन का जायजा लेने लगी... जब सुबह टहलने निकली थी... तो पता नहीं अचानक किसके गिरे हुए पैसे मिल गए थे मुझे| जिसकी बदौलत मैंने ब्लू मून क्लब के लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर मैं जाकर मसाज करवाने का फैसला लिया था... और उसके बाद एक के बाद एक ऐसी घटनाएं होती रही जिन पर मुझे अब तक यकीन ही नहीं हो रहा था| इसलिए असलियत को जांचने के लिए मैं बार-बार टॉम का दिया हुआ फोन अपने हाथों में लेकर देख रही थी और अपने आप को ही यकीन दिला रही थी यह सपना नहीं हकीकत है|
आज का दिन मेरे लिए बहुत खास था मैं खुद ही हैरान थी... टॉम के साथ जो मैंने वह हसीन पल बिताए उसमें न जाने कब से मेरे अंदर की निष्क्रिय पड़ी हुई है स्त्रीत्व और कामुकता अब जाग उठी थी...
मेरे पास पैसों की कमी नहीं है| लेकिन मेरे सारे के सारे बैंक अकाउंट मेरे पति के साथ जॉइंट में है| इसलिए अगर किसी भी अकाउंट में कोई भी लेनदेन होता है तो मेरे पति के पास उसका s.m.s. चला जाता है| और जब मैं कॉल सेंटर में नौकरी करती थी तो सिर्फ वहां का सैलरी अकाउंट मेरे अकेले के नाम पर था... लेकिन नौकरी जाने के बाद वह भी बंद हो गया और उससे पहले मैंने सारे पैसे निकाल कर मेरी और मेरे पति के ज्वाइंट अकाउंट में डाल दिए थे|
लेकिन अब हालात बदल चुके थे... मेरे पास खर्च करने के लिए कुछ नकद पैसे आ गए थे...
यह भाग्य की बात है या संयोग की- कि जैसा फोन में चाहती थी वैसा फोन मुझे तोहफे में मिला|
ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा मुझे अपनी क्लब की सदस्य बनाना चाहती है- पार्ट टाइम लवर गर्ल... जिसकी बदौलत अब मेरे लिए कमाई का एक नया जरिया खुलने वाला था|
लेकिन ब्लू मून क्लब एक सेक्सुअली ओरिएंटेड एंटरटेनमेंट (यौन उन्मुख मनोरंजन क्लब) क्लब है... इस क्लब में पार्ट टाइम लवर गर्ल बनने में काफी जोखिम भी है, अगर किसी को पता चल गया और बात बिगड़ गई तो बहुत बड़ी गड़बड़ हो सकती है और बदनामी भी... लेकिन मैं ठान चुकी हूं... मेरी जिंदगी बदल चुकी है अब मैं शीला चौधरी नहीं बल्कि पीयाली दास हूं... एक नई रूपांतरित और उन्मुक्त व्यक्तित्व की लड़की|
आज एक ही दिन में तो इतना कुछ हो गया अब आगे देखते हैं कि मेरे माथे पर लिखा अनदेखा भविष्य और यह हाथों की अनसुलझी रेखाएं मुझे किस मुकाम तक लेकर जाती हैं......
समाप्त
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Kya story ka the end ho gaya?
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(18-03-2023, 03:20 AM)Rohanx40 Wrote: Kya story ka the end ho gaya?
आदरणीय Rohanx40 जी,
फिलहाल कहानी के इस खंड का अंत यही है|
अगर संभव हुआ इस कहानी का दूसरा खंड में जल्दी ही प्रकाशित करूंगी|
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