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Incest बहन के साथ मजे की बात
#1
बहन के साथ मजे की बात

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
एक दिन में अपनी कोचिंग से अपने घर पर आया, तो मैंने घर आकर देखा तो उस दिन मेरी तीन बहनें आई हुई थी, जो कि मेरी मौसी की लड़कियाँ थी, उनमें से एक का नाम सीमा जिसकी उम्र तब करीब 23 साल की होगी, दूसरी का नाम टीना उसकी उम्र करीब 21 साल की होगी और तीसरी का नाम रीमा जिसकी उम्र उस समय 18 साल के क़रीब होगी.

दोस्तों में उनको देखकर बहुत खुश हुआ और वो भी मुझसे मिलकर बड़ी खुश थी और उनकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था, क्योंकि हम सभी बहुत दिनों के बाद एक दूसरे से मिल रहे थे और मेरी उन सभी से बहुत ही अच्छी बातचीत थी. में उन सभी के साथ बिल्कुल फ्री था और वो भी मेरे साथ बहुत फ्री थी, मुझसे वो लोग हमेशा अपनी सभी बातें किया करती और मुझसे कुछ भी नहीं छुपाती थी और वैसा ही मेरा भी हाल था.

मुझे पता चला कि वो लोग हमारे घर पर बस दो दिन के लिए रहने आए हुए थे, में उनके साथ बड़े मज़े मस्ती करते हुए बहुत आराम से खुश रहा और फिर दो दिन के बाद जब में उस दिन अपनी कोचिंग से वापस लौटकर आया तो मैंने देखा कि तब तक मेरी दो बहने वापस अपने घर जा चुकी थी, लेकिन उनमें से एक बहन को मेरी माँ ने घर पर थोड़े बहुत काम होने की वजह से उसको उनकी मदद करने के लिए रोक लिया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
हमारे परिवार में हम सिर्फ़ तीन ही लोग है, में मेरी बहन और मेरी माँ और मेरे पापा बाहर विदेश में रहते है. दोस्तों मेरी बहन जो घर पर रुकी हुई थी, उसका नाम टीना था और उसका फिगर बहुत ही सेक्सी था और उसने एकदम टाईट कपड़े पहने हुए थे, जिससे उसके बूब्स बहुत ही सेक्सी आकर्षक लग रहे थे.

दोस्तों में अपने मन की सच्ची बात कहूँ तो मेरी उस पर नियत शुरू से ही खराब थी, लेकिन में उसके साथ ऐसा कुछ भी करने से बहुत ज्यादा डरता था, लेकिन फिर सेक्सी कहानियाँ पढ़ने की वजह से मुझमें धीरे धीरे थोड़ी हिम्मत आ गई और में धीरे धीरे उससे एकदम खुलकर बातें मस्ती मजाक करने लगा और उसको अपनी तरफ से में पूरी तरह से खुश करने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो मेरी बहुत कोशिश करने के बाद भी मुझे वो कोई भी सिग्नल नहीं दे रही थी और में उसके पीछे बहुत पागल हो गया था, लेकिन में क्या करता? में कुछ कर भी नहीं सकता था.

जब रात हुई तो वो हमारे साथ बैठकर खाना खाने और फिर बातें हंसी मजाक करने के बाद मेरी बहन के कमरे में मेरी बहन के साथ ही सो गई, लेकिन मुझे अब बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी और बार बार मेरे विचारों में वो ही आ रही थी, इसलिए में उसके बारे में सोचता ही रहा. फिर करीब रात के तीन बजे में उठा और में हिम्मत करके उनके कमरे में जाकर उसके पैरों की तरफ जाकर लेट गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
मेरी एक आदत है कि में हमेशा रात को एक जगह पर नहीं सोता हूँ और में कभी एक कमरे में तो कभी उठकर में दूसरे कमरे में चला जाता हूँ और कभी बाहर बरामदे में जाकर में सो जाता हूँ और इसलिए मेरी उस आदत के बारे में मेरी बहन और माँ को भी बहुत अच्छी तरह से पता है और उस बात का फायदा उठाकर में बिना किसी डर के में उन दोनों के पैरों की तरफ जाकर लेट गया.
मैंने कुछ देर बाद उसके पैर पर अपना हाथ रख दिया और में उसको सहलाने लगा. तब मैंने छूकर महसूस किया कि उसके पैर बहुत ही मुलायम चिकने थे और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था और फिर कुछ देर बाद मैंने उसके पैर पर एक किस किया, में तब भी उसके पैर को सहला रहा था और किस करता रहा.
अब मैंने उसकी तरफ से थोड़ी सी हलचल महसूस की, शायद मेरे कामों की वजह से वो अब जाग चुकी थी, लेकिन अब वो मेरे सामने सोने का नाटक कर रही थी और जब मुझे उसकी हरकत से पूरी तरह से विश्वास हो गया कि वो अब जाग रही है और बस सोने का नाटक कर रही है. फिर में तुरंत समझ गया कि वो अब गरम हो चुकी है और वो भी अपने साथ यही सब मुझसे करवाना चाहती है.
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
अब मैंने उसकी तरफ से कोई भी विरोध ना देखकर मन ही मन बहुत खुश होकर अपने हाथों की रफ़्तार को अब पहले से भी ज्यादा तेज़ कर दिया, लेकिन उसने अब भी मुझे अपनी तरफ से कोई भी सिग्नल नहीं दिया.

अब मैंने उसके पैर पर ज़ोर दिया और उसको सीधा कर दिया, वो मेरे सामने एकदम चित होकर लेटी हुई थी और उसके उभरे हुए बड़े आकार के बूब्स उसकी तेज़ी से चलती हुई सांसो की वजह से मुझे ऊपर नीचे होते हुए नजर आ रहे थे और फिर में धीरे धीरे अपने हाथ को उसकी चूत पर ले गया और उसको सहलाने लगा और मेरा ऐसा करने की वजह से मेरे लंड का आकार अब बढ़ने लगा था, लेकिन अब मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं?

अब में जोश में आकर लगातार अपने हल्के हाथ से उसकी चूत को सहलाता जा रहा था, लेकिन वो मुझे अपनी तरफ से कोई भी इशारा नहीं दे रही थी और ना ही वो मुझे यह सब करने से मना कर रही थी और ना ही आगे कुछ ज्यादा करने के लिए कोई इशारा दे रही थी और कुछ देर बाद आख़िर में तंग आकर वहां से उठ गया और में वापस अपने कमरे में आकर लेट गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
कुछ देर में उसके बारे में सोचता हुआ ना जाने कब गहरी नींद में सो गया. फिर जब में सुबह उठा तो मैंने देखा कि मेरी बहन नौकरी पर जा चुकी थी और मेरी माँ और वो घर के काम में व्यस्त थी. मैंने उठकर नहाने के बाद सुबह का नाश्ता किया और उसके बाद में बाहर चला गया और में उसके बाद दोपहर के समय अपने घर पर आया, तो मैंने खाना खाया और उसके बाद में सीधा किसी कुछ भी बोले बिना अपने कमरे में चला गया. थोड़ी ही देर के बाद वो जब घर के काम से फ्री हो गई तो वो मुझसे बातें करने के लिए मेरे कमरे में आ गई और तभी बातों ही बातों में मैंने उससे पूछा कि क्या कल रात को तुम जाग रही थी? तो वो अब मेरे सामने बिल्कुल अंजान बनकर मुझसे कहने लगी कि कब और तुम मुझसे क्या बोल रहे हो, मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है?

मैंने उसी समय उस बात को टाल दिया, लेकिन दोस्तों में बहुत अच्छी तरह से जानता था कि वो यह सब मेरे सामने नाटक कर रही है और उसको रात में जो कुछ भी मैंने उसके साथ किया था, वो सब बहुत अच्छी तरह से याद है और वो भी अपने साथ यही सब चाहती है और उसके मन में भी वो सब चल रहा था, जो में उसके साथ अब करना चाहता था, लेकिन मुझे इस बात की भी बहुत ख़ुशी थी कि उसने जो काम मैंने उसके साथ बीती रात को किया था, उसके बारे में घर में किसी को नहीं बताया और सभी से उसको छुपाया.

उसके ऐसा व्यहवार करने की वजह से अब मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई थी. फिर कुछ देर बाद मैंने फायदा उठाते हुए बातों ही बातों में मैंने उससे एक किस माँगी तो उसने शरमाकर मुझसे मना कर दिया और उस बात को उसने टाल दिया, जिसका मतलब में पूरी तरह से समझ चुका था.

जब मैंने देखकर महसूस किया कि उसने मेरी उस बात का बिल्कुल भी बुरा नहीं माना, तो मैंने एक बार फिर से उसको कहा कि में तुम्हें किस करना चाहता हूँ, लेकिन उसने अब भी मुझे किस देने के लिए साफ मना कर दिया और उसका व्यहवार मेरे लिए अब भी पहले की तरह शांत ही था. अब मैंने देखा कि मेरे कोचिंग जाने का अब समय हो गया था और वो उस समय मेरे बिल्कुल सामने बैठी हुई थी. में अपने कोचिंग जाने के लिए तैयार होने के लिए जैसे ही उठ रहा था.
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#7
तभी मैंने उठते समय उसके नरम गुलाबी होठों को ज़बरदस्ती किस कर दिया और जब मैंने अपने होंठ उसके होंठो से हटाकर अलग कर दिए तो उसने मुझे हल्का सा धक्का दे दिया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी.
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#8
अब में तुरंत समझ गया कि मेरे जबरदस्ती करने की वजह से उसको बिल्कुल भी बुरा नहीं लगा. फिर में उठा और कोचिंग जाने की तैयारी करने लगा और घर से बाहर निकलने से पहले में दोबारा उस कमरे में चला गया. फिर मैंने देखा कि वो अब बेड पर लेटी हुई थी तो में उसके पास बैठकर उसको किसिंग करने लगा और इस बार वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

दोस्तों में चाहता तो उस दिन अपनी कोचिंग की छुट्टी कर लेता, लेकिन में यह बात जानता था कि मेरे छुट्टी करने का कोई भी फ़ायदा नहीं था, क्योंकि कुछ देर बाद मेरी बहन के आने का समय हो गया था और वो अब कभी भी आ सकती थी, उस बात को मन में सोचकर में अपनी कोचिंग चला गया और फिर में करीब आठ बजे रात को वापस आ गया, तो मैंने देखा कि वो उस समय मेरी बहन के साथ टी.वी. देख रही थी. अब में हर रोज़ की तरह खाना खाने के बाद बाहर अपने दोस्तो के पास चला गया और फिर में रोज़ ही की तरह थोड़ा देर से वापस आ गया और जब में अपने घर आया, तो मैंने देखा कि वो और मेरी बहन से बातें कर रही थी.
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#9
में अपने कमरे में चला गया और थोड़ी देर के बाद वो मेरे कमरे में आ गई, तब मैंने उससे अपनी बहन के बारे में पूछा कि वो क्या कर रही है? तो वो कहने लगी कि वो अब अपने कमरे के जाकर सो चुकी थी और मेरी माँ तो पहले से ही सोई हुई थी और अब हम दोनों ने इधर उधर की बातें करना शुरू कर दिया था और फिर मैंने उससे पूछा कि जो कुछ भी आज दोपहर को हमारे बीच में हुआ है, तुमको उसका बुरा तो नहीं लगा? तब उसने मुझसे कहा कि अगर मुझे उस सबका बुरा लगा होता तो में अभी तुम्हारे पास यहाँ ना आती.

तभी मैंने उससे कहा कि अगर हम दोबारा कुछ करें तो तुम्हारा उसमें क्या विचार है? लेकिन अब उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और वो बिल्कुल चुप हो गई और बहुत देर तक बातें करने के बाद वो जाने के लिए खड़ी हो गई. फिर में भी उसी समय उसके साथ खड़ा हो गया और मैंने उससे कहा कि तुम मुझे किस करने दो, लेकिन तब भी उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और फिर मैंने उसको पकड़कर किस करना शुरू कर दिया और उस समय में उसको बहुत देर तक किस करता रहा, कभी में उसकी गर्दन पर तो कभी गाल पर और कभी उसके बूब्स पर उसको लगातार चूमता रहा.

फिर मैंने उसको छोड़कर अब कमरे की लाईट को तुरंत बंद कर दिया और उसको बेड पर लेटाकर में उसके ऊपर लेट गया और अब में उसके नरम रसीले होंठो को लगातार चूसता रहा और फिर में उसके होंठो और गर्दन पर भी किस कर रहा था और अपने दोनों हाथों से में उसके बूब्स को दबा भी रहा था और कुछ देर बाद मैंने उसको अपने ऊपर कर दिया और में उसकी गांड को दबाने लगा और बहुत देर तक हम इसी तरह मज़े करते रहे.
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#10
फिर कुछ देर बाद मैंने उसको सीधा लेटा दिया और अब मैंने उसकी कमीज़ को ऊपर करना चाहा, लेकिन उसकी वो कमीज़ ज्यादा टाईट होने की वजह से मुझसे ऊपर नहीं हो रही थी. तभी उसने मुझसे पीछे से उसकी चेन को खोलने के लिए कहा. तब मैंने उसको उठाया और उसकी कमर के पीछे से चेन को झट से खोल दिया.

उसके बाद मैंने उसकी कमीज़ को आगे से ऊपर किया और तब मैंने देखा कि उसने उसके नीचे सफेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी और उसको उस रूप में अपने सामने पहली बार देखकर में बिल्कुल पागल हो गया और मैंने उसकी ब्रा को भी तुरंत ऊपर कर दिया, जिसकी वजह से उसके बड़े आकार के गोरे गोरे बूब्स अब मेरे सामने आ चुके थे और में अपने पूरे होश खोकर उसके नंगे लटकते हुए बूब्स को दबाने लगा और उसकी निप्पल को ज़ोर से निचोड़ने लगा.

फिर में कुछ देर बाद अपने मुहं को उसके दोनों बूब्स के बीच में रखकर में अपनी जीभ से चाटने लगा और उसके बाद में उसके हल्के भूरे रंग के तने हुए निप्पल को भी अपनी जीभ से चाटने लगा और फिर चूसने लगा. दोस्तों में उसके एक एक करके दोनों बूब्स को चूस और चाट रहा था. मुझे ऐसा करने में बड़ा मज़ा और जोश आ रहा था. अब मैंने अपनी शर्ट के बटन खोल लिए और मैंने अपनी नंगी छाती को उसके बूब्स से मिला दिए और में उसको किस करने लगा
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#11
मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो चुका था और वो कपड़ो के ऊपर से उसकी चूत के साथ टकरा रहा था. अब मैंने उससे पूछा कि क्या में तुम्हारी सलवार को भी उतार सकता हूँ? तब उसने मुझसे सलवार उतारने के लिए मना कर दिया और वो मुझसे कहने लगी कि मेरे अभी पीरियड चल रहे है, लेकिन अब दोस्तों में नहीं जानता था कि वो मुझसे सच बोल रही थी या झूठ और फिर में उसको ऊपर से ही झटके मारने लगा, क्योंकि में अब तक बहुत गरम हो चुका था, इसलिए में लगातार झटके मार रहा था, जिसकी वजह से में कुछ देर धक्के देने के बाद ही झड़ गया और मेरे लंड ने अपने वीर्य के साथ साथ मेरा जोश भी अब कम कर दिया और फिर बहुत देर तक में उसके ऊपर ही लेटा रहा और में अब भी उसको चूमता, बूब्स को सहलाता रहा.
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#12
में उठा और मैंने कमरे की लाईट को वापस जला दिया, वो अब अपनी कमीज़ को ठीक कर रही थी और उसने मुझसे पीछे की चेन को बंद करने को कहा और मैंने उसकी कमीज की चेन को बंद कर दिया. अब थोड़ी देर हम दोनों ने साथ में बैठकर कुछ बातें की. उसके बाद उसने मुझसे पूछा कि क्या में अब सोने के लिए जा सकती हूँ? फिर मैंने उससे कहा कि हाँ बिल्कुल और वो जाने के लिए उठी.
मैंने उसको दोबारा पकड़ लिया और में उसको चूमने सहलाने लगा और इस बार करीब पांच मिनट तक में उसके साथ मज़े मस्ती करता रहा और फिर वो चली गई और में सो गया, लेकिन मुझे अब नींद नहीं आ रही थी और में सारी रात उसके बारे में ही सोचता रहा और में अब कैसे भी करके उसकी चूत में अपना लंड डालना चाहता था, लेकिन पता नहीं क्यों उसने मुझे ऐसा करने दिया? हो सकता है कि वो मुझसे सच बोल रही थी और यह भी हो सकता है कि झूठ बोल रही हो और फिर पता नहीं कब मेरी आंख लग गयी और में सो गया.
फिर जब में सुबह उठा तो कुछ देर बाद मेरी बहन हर रोज़ की तरह अपनी नौकरी पर जा चुकी थी और वो और मेरी माँ घर के काम में व्यस्त थी. अब में नाश्ता करने के बाद उस दिन बाहर नहीं गया और रात को जो कुछ हुआ उसके बारे में सोचता रहा और आज के बारे में सोच रहा था कि आज चाहे जो कुछ भी हो जाए, आज रात को उसकी चूत में लंड ज़रूर डालकर उसकी चुदाई जरुर करूंगा और फिर दोपहर को वो दोबारा मेरे कमरे में आ गई.
मैंने उससे मेरी माँ के बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि वो किसी काम से बाहर गई है, उनको वापस आने में कुछ समय लगेगा और मैंने देखा कि वो मुझे बहुत खुश नजर आ रही थी और फिर हम दोनों बिल्कुल बिना चिंता के बातें करने लगे और बातें करते करते में बार बार उसके बूब्स को दबाता तो कभी किस करता और उसके गोरे कामुक बदन को धीरे धीरे सहलाने लगता और वो मेरे साथ मज़े लेती रही. फिर ऐसे ही हमारा पूरा दिन गुज़र गया और हमें पता भी नहीं चला और में कोचिंग चला गया.
रात को जब में घर वापस आया तो मैंने देखा कि टीना का भाई उसको अपने साथ घर ले जाने के लिए आया हुआ था, क्योंकि उसकी एक बहन की तबियत बहुत खराब हो गई थी और अब में कुछ भी नहीं कर सकता था.
दोस्तों में चाहता तो था कि वो किसी तरह रुक जाए, लेकिन में कुछ ना कह सका और वो भी मन ही मन यही चाहती थी, लेकिन अब हम दोनों अपनी मर्जी से कुछ भी नहीं कर सकते थे और फिर वो अपने भाई के साथ चली गई Sick
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#14
(04-07-2022, 03:49 PM)neerathemall Wrote: fight fight
बहन के साथ मजे की बात


fight
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#15
Superb story
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