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शादीशुदा दीदी की चूत चुदाई
#1
शादीशुदा दीदी की चूत चुदाई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
सैम हूँ, मेरी उम्र 27 साल है, दूसरी तरफ मेरी कजिन जिनका नाम सुमन है, वो मुझसे 5 साल बड़ी है, वो वैसे तो शादीशुदा है, लेकिन देखने पर कभी ऐसा नहीं लगता कि वो शादीशुदा है, वो काफ़ी सुंदर और स्मार्ट लड़की है. आज में जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ, वो कहानी आज से 7 महीने पहले की है. तब उनकी नयी-नयी शादी हुई थी, उस दिन मेरा एक दोस्त अपने किसी काम से शहर आया था. अब में पूरे दिन उसके साथ शहर में था और शाम को उसे वापस जाना था.

फिर में उसको स्टेशन छोड़कर वापस जब अपने रूम पर आया तो मैंने जो देखा उसे देखकर तो मेरी जैसे दुनियां ही बदल गयी. में फर्स्ट फ्लोर पर रहता था. फिर जब में नीचे सीड़ियों के दरवाजे को बंद करके अपने फ्लोर पर आया तो मैंने देखा कि मेरे रूम की सारी लाईट बंद थी. फिर तब मैंने सोचा कि शायद दीदी सो रही होगी, तो में धीरे-धीरे अंदर गया. लेकिन जब मैंने अंदर दाखिल होने के बाद जो देखा तो पाया कि दीदी जगी हुई थी. अब वो मेरे रूम में बेड पर लेटी हुई थी और टी.वी पर ब्लू मूवी देख रही थी. फिर जब मैंने लाईट जलाई तो पाया कि वो उस वक्त सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी. फिर जब दीदी ने मुझे देखा तो उसने अपने आपको ढकने के लिए जैसे ही चादर को खींचा, तो मैंने उस चादर को खींच लिया.

अब दीदी ने अपने बगल में सरसों के तेल की एक बोतल भी रखी थी. अब इतना सब कुछ देखकर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था. अब मेरे लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया था तो तब मैंने तुरंत उस कमरे के दरवाजे को बंद किया और अपने कपड़े उतारने लगा. अब दीदी भी सब समझ गयी थी कि अब में उनके लिए एक भैया से अब एक सैयां बनने जा रहा था और वो मेरे लिए दीदी से बीवी बनने जा रही थी. अब वो भी मेरे लंड को देखने के लिए जैसे बैचेन हो रही थी.

मैंने एक-एक करके अपने सारे कपड़ो को उतार दिया और फिर उसके बाद में उनके बगल में बैठ गया और उनकी पैंटी को उतार दिया. फिर इसके बाद जब मैंने उनकी चूत को देखा तो मुझे ऐसा लगा कि मेरे लंड से पानी टपक जाएगा, क्योंकि अब तक मैंने इतनी सुंदर चूत कभी नहीं देखी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
में वैसे तो उनसे पहले 4 लड़कियों की चुदाई कर चुका था, जिसकी चर्चा में अपनी पहले की कहानियों में कर चुका हूँ, लेकिन इतनी सुंदर चूत को देखकर शायद ही कोई आदमी बिना चुदाई किए रहेगा. फिर मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और जब ध्यान से देखा तो पाया कि दीदी ने अपनी चूत पर तेल लगा रखा था.

मैंने देखा कि अब दीदी चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार थी. फिर मैंने भी देर करना उचित नहीं समझा और अपने लंड को उनकी चूत पर सटाया तो तब दीदी ने बिना कहे ही अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैला दिया. अब इतना देखकर तो मेरा तो जैसे जोश ही दुगुना हो गया था. फिर मैंने अपने लंड को उनके छेद पर रखा और अपनी कमर को धीरे-धीरे पुश किया तो उसने आअहह की आवाज निकाली. फिर तब मैंने देखा कि मेरे लंड का टोपा उनकी चूत के छेद में प्रवेश कर चुका था. फिर में अपनी कमर को एक ज़ोर से झटके के साथ हिलाने के बाद धीरे-धीरे हिलाने लगा. तो वो उई हाईईईई, ऊहह, नहीं की आवाजे निकालने लगी. फिर तब मैंने कहा कि पहुँच गया है, तो फिर वो बड़ी मुश्किल से आवाज निकाल पाई आहह, आहह, ऊहह.

अब मैंने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया था. फिर मैंने टी.वी बंद कर दिया और बोला कि अब तक तो टी.वी में देख रही थी, अब में आपके साथ प्रेक्टिकल कर रहा हूँ और ऐसा कहते हुए मैंने फिर से अपनी कमर को ज़ोर ज़ोर से 2-3 झटको के साथ हिलाया. तो वो उउऊईई, आहह, नहीं, हाईईई, में मर गयी, ऊहह नहीं की आवाज के साथ चीख पड़ी. फिर तब मैंने उनसे पूछा कि क्या जीजाजी आपके साथ सेक्स नहीं करते है? तो तब वो बोली कि करते तो है, लेकिन इतना मज़ा नहीं आता है. तो तब मैंने पूछा कि क्यों?

तो वो बोली कि उनका लंड इतना बड़ा नहीं है. तो तब मैंने पूछा कि कितना बड़ा है? तो वो बोली कि 5 इंच का है. अब में समझ गया था कि बात सही है एक उनका लंड 5 इंच का और दूसरी तरफ मेरा लंड 7 इंच का है तो दीदी को मज़ा तो आना ही था. दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
फिर मैंने दीदी की दोनों चूचीयों को बारी-बारी से दबाया. तो तब उनके दोनों पैर जो कि बिल्कुल ही टाईट थे तो दीदी ने थोड़ा सा ढीला किया. फिर तब मैंने उनके दोनों पैरो को फोल्ड करने के लिए बोला तो दीदी ने वैसा ही किया. फिर जब मैंने अपने लंड को देखा तो पाया कि मेरा लंड अभी आधा ही उनकी चूत में गया था. फिर तब मैंने एक ज़ोर से धक्का मारा तो उनके मुँह से फिर से हाईईई, में मर गयी, ऊहह, नहीं की आवाज निकल पड़ी और अब उनके दोनों पैर फिर से टाईट हो गये थे.
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#5
अब मैंने उनके दोनों पैरो को पकड़कर फोल्ड करके उनकी जाँघो को फैला दिया था. अब में अपने लंड को उनकी चूत में आते जाते देख रहा था. फिर कुछ देर तक तो में वैसे ही अपनी कमर को हिलाता रहा. फिर तभी मेरे अंदर ना जाने कहाँ से अचानक जोश आया? और फिर मैंने अपने लंड को पूरा उनकी चूत में डालने के लिए एक ज़ोर से झटका मारा. तो वो उई, आअहह, नहीं, हाए में मर गयी, ओह नहीं बोले जा रही थी. अब वो ना सिर्फ़ पूरी तरह से कांप गयी थी बल्कि झटपटाने लगी थी.

अब मेरा लंड उनकी चूत में पूरा चला गया था, लेकिन उनकी चूत भी फट गयी थी. अब वो मेरे लंड को बाहर निकालने की हर नाकाम कोशिश कर रही थी. फिर तब मैंने उनसे बोला कि बस अब आपको मज़ा आने वाला है, थोड़ी देर और रुक जाइए और फिर इस तरह से मैंने उनके दोनों हाथों को पकड़ लिया और अपनी कमर को हिलाता रहा.

थोड़ी देर के बाद मैंने देखा कि अब वो भी शांत होने लगी थी. अब में समझ गया था कि अब उनको भी मज़ा आने लगा था. अब में उनकी दोनों चूचीयों को मसलने लगा था और अपनी कमर को ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगा था. अब वो भी मस्ती में अजीब ही मस्तानी आवाज निकालकर मेरे जोश को और बढ़ाने की कोशिश करने लगी थी. फिर कुछ देर के बाद जब मैंने महसूस किया कि मेरा वीर्य उनकी चूत में गिरने वाला है तो तब मैंने दीदी के होंठो को चूसना शुरू कर दिया.

अब दीदी भी मेरा भरपूर साथ देने लगी थी. फिर कुछ देर के बाद मेरा पूरा वीर्य दीदी की चूत में ही गिर गया. अब हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में जैसे ढेर हो गये थे. अब में उनके ऊपर ढेर हो गया था. फिर कुछ देर के बाद में बैठा हुआ और अपने लंड को बाहर निकाला और दीदी की चूत को देखकर बोला कि क्या मस्त जिस्म पाया है आपने? आज आपने मुझे खुश कर दिया. फिर तब दीदी बोली कि तुमने भी मुझे खुश कर दिया, मुझे लगता है कि सही मायने में आज ही मेरी सुहागरात है.
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#6
में उठकर अपने कपड़े पहनकर दूसरे कमरे में चला गया और बेड पर जाकर सो गया. फिर सुबह जब में जागा तो मैंने देखा कि दीदी उठकर नहाकर ठीक हो चुकी थी. फिर जब में बाथरूम से बाहर आया, तो तब वो मुस्कुराकर बोली कि अच्छी लगी रात की चुदाई? और फिर कुछ देर के बाद जीजाजी उनको लेने के लिए आ गये. अब दीदी तैयार हो चुकी थी और फिर वो दोनों उसी दिन चले गये.
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#7
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#14
ok sir please ask someone from
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