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Adultery एक मासूम सी लड़की
#1
भाग ----1
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 दोस्तो, आपके प्यार और ढेर सारे मेल का ये असर हुआ कि मैं दोबारा आपकी करिश्मा सक्सेना-- अपनी  एक पुरानी  हिंदी सेक्सी स्टोरी लेकर आप लोगों की खिदमत में हाजिर हूँ फिर से। 

दोस्तो, इस कहानी के नाम से शायद आपको अंदाज़ा हो गया होगा कि ये एक कॉलेज की कहानी है.. मगर ये कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। यह कहानी इसकी मुख्य किरदार करिश्मा कि  असली जिंदगी पर आधारित है, जिसने मुझसे बड़ी विनती करके ये कहानी लिखने को कहा है। इसके साथ और भी बहुत सी असली घटनाएं भी इस कहानी में हैं जिनको मैं एक साथ इसी कहानी में आपको बता दूँगी। दरअसल ये बहुत सी कहानियों को मिलाकर मैंने एक कहानी बनाई है। पूरी पटकथा असल जिंदगी पर आधारित है और हाँ इसमें तड़का तो मेरा ही डाला हुआ होगा.. उसके बिना आपको मज़ा कहाँ आता है।

तो चलो अब बातें तो होती रहेंगी.. हम इस हिंदी सेक्सी स्टोरी की ओर अपना पहला कदम ले चलते हैं।

सुबह के 6 बजे मुंबई के एक साधारण से परिवार में हलचल थी।
‘हेमा ओ हेमा.. कहाँ हो भाई.. जल्दी से चाय दे दो.. मुझे देर हो रही है।’

ये हैं गुलशन अरोरा.. उम्र 45 की अच्छी कद-काठी, मगर साधारण से आदमी हैं बड़ी सादगी में रहते हैं। इनके कुछ उसूल हैं, जिसकी वजह से घर के बाकी लोग भी ऐसे ही रहते हैं। इनकी खुद की कपड़ों की एक बड़ी सी दुकान है।

हेमा- ये लो जी आपकी चाय, 2 मिनट क्या देर हुई.. आप तो सारा घर सर पर उठा लेते हो।

ये इनकी धर्म पत्नी हेमा हैं, इनकी उम्र 35 साल है, दिखने में सुंदर हैं.. इन्होंने अपने आपको काफ़ी अच्छे से संवार कर रखा हुआ है, जिससे दूसरों के लिए इनकी उम्र का अंदाज़ा लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।

गुलशन- अरे आसामान कैसे ना उठाऊं, तुम तो जानती हो.. मुझे वक़्त पर जाने की आदत है।

हेमा- अच्छा जी.. अब चाय पी लो.. नहीं तो कहोगे कि बातों में लगाकर मैंने ही आपको जाने के लिए लेट कर दिया।

गुलशन- अरे चाय तो ठीक है.. मगर मेरी गुडलक कहाँ हैं आज उठी नहीं क्या वो?

करिश्मा- मैं आ गई पापा जी.. ऐसा कभी हुआ है कि आप बाहर जाओ और मैं आपके सामने ना आऊं!

दोस्तो, ये है करिश्मा
.. इनकी इकलौती बेटी.. उम्र 19 साल है। इसने अभी हाल ही में 12 वीं पास की है और अब इसका दाखिला कॉलेज में हो गया है।

करिश्मा दिखने में एकदम सिंपल सी मगर बला की खूबसूरत है, इसका दूध सा सफ़ेद रंग और बेदाग चेहरा, घने लंबे बाल, एकदम पतले होंठ, फिगर 30-26-30 की एकदम छरहरी है, करिश्मा दिखने में कोई स्कूल की बच्ची जैसी लगती है। और हाँ ये बेहद सादे कपड़े पहनती है। कोई फैशनेबल कपड़े नहीं पहनती है। जैसा कि मैंने बताया कि इसके पापा को ये सब पसंद नहीं है।

चलो अब इसके आगे की जानकारी बाद में लेते रहना.. पहले कहानी को आगे बढ़ने दो।

गुलशन का रोज सुबह का यही काम था कि वो करिश्मा को देखे बिना घर से बाहर नहीं जाते थे।

गुलशन- आह.. मेरी राजदुलारी.. तुझे देखे बिना तो मेरा दिन शुरू ही नहीं होता है।
गुलशन जी ने करिश्मा को दुलार किया और घर से निकल गए।

करिश्मा- माँ मुझे बहुत भूख लगी है.. जल्दी से नाश्ता दो ना?
हेमा- बेटी सब तैयार है.. जा रसोई से ले ले, मुझे सफ़ाई करनी है।

करिश्मा- नहीं माँ आप ही लाकर दो ना प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़..

हेमा- करिश्मा तुम्हारा दाखिला पापा ने कॉलेज में करवा दिया है.. अब कल से तुम कॉलेज जाओगी तो ये बच्चों वाली हरकतें अब बंद कर दो।

करिश्मा- क्यों कर दूँ.. मैं तो आपकी बच्ची ही हूँ ना.. हा हा हा हा..

दोनों माँ-बेटी के बीच बड़ा प्यार था तो बस आख़िरकार हेमा ने ही उसको नाश्ता लाकर दिया।

दोस्तो, ये पहला पार्ट है.. तो इनका इंट्रो हो रहा है.. मगर आपको ऐसे सूखा-सूखा मज़ा नहीं आ रहा होगा तो चलो थोड़ा सा गीला-गीला कर देती हूँ।

सुबह के 8 बजे मुंबई के ही एक अलग घर में क्या चल रहा है उस पर निगाह डालते हैं।

‘मोना कहाँ हो यार… मैं आ गया।’

यह गोपाल है, उम्र 23 साल एकदम फिट इसकी शादी को अभी एक ही साल हुआ है। अब ये इस सेक्स स्टोरी में कहाँ से आया है.. चलिए देखते हैं।

गोपाल की आवाज़ के साथ ही एक 20 साल की लड़की, जिसकी हाईट किसी मॉडल की तरह थी और रंग भी साफ फिगर 34-28-32 का, उसने एक ट्रांसपेरेंट ब्लू नाईटी पहन रखी थी। कुल मिला कर वो सेक्स डॉल नज़र आ रही थी।
मोना- ओ स्वीटू मैं कहाँ जाऊंगी.. यहीं तो हूँ आपके सामने!

गोपाल- क्या बात है मेरी जान.. आज तो बड़ी कयामत लग रही हो.. तुम्हारा इरादा क्या है?

मोना- इरादा क्या होगा.. जब से तुम्हारी नाइट शिफ्ट का चक्कर शुरू हुआ है.. मेरा तो चैन सुकून सब चला गया है।

गोपाल- मेरी जान ऐसा मत बोलो, अब कॉल सेंटर की जॉब है.. इसमें तो ऐसा होता रहता है। तुम्हें रात को नहीं तो क्या हुआ.. मैं दिन में तो पूरा मज़ा दे देता हूँ ना.. हा हा हा हा..

मोना- हाँ बड़े आए मज़ा देने वाले, ऐसे करते हो जैसे मैं कहीं भागी जा रही हूँ.. पहले तो बड़े आराम से प्यार करते थे, उसके बाद चुदाई शुरू करते थे और आजकल तो बस सीधा लंड अन्दर घुसा देते हो.. जैसे मैं कहीं भागी जा रही हूँ।

गोपाल- अरे अरे.. मेरी जान को इतनी शिकायत है.. तो चलो आज सारी कमी दूर कर देता हूँ।

इतना कहकर गोपाल ने मोना को गोद में उठा लिया और सामने के कमरे में ले जाकर बिस्तर पर लेटा दिया।

गोपाल ने अंडरवियर को छोड़कर सारे कपड़े निकाल कर फेंक दिए और खुद बिस्तर पर मोना के ऊपर चढ़ गया।

मोना तो जैसे कामवासना में जल रही थी.. उसने झट से गोपाल को किस करना शुरू कर दिया और अपने हाथ उसकी पीठ पर घुमाने लगी। गोपाल भी उसका साथ देने लगा। अब वो भी मोना के मम्मों को दबाने में लग गया। वो कभी उसके बालों को सहलाता.. तो कभी उसके निप्पल को खींचता।

कुछ देर दोनों का प्यार चलता रहा। इस दौरान गोपाल ने मोना की नाईटी अलग कर दी थी। उसने चुदास के चलते अन्दर कुछ नहीं पहना था।

मोना के चूचे एकदम गोल थे.. उन पर टंके हुए से भूरे निप्पल गजब लग रहे थे। उसकी चुत भी एकदम चिकनी थी और थोड़ी फूली हुई भी थी।

गोपाल- अरे क्या बात है जानेमन.. आज तो अन्दर कुछ भी नहीं पहना है.. लगता है तेरी चुत में बड़ी आग लगी है।
इतना कहकर गोपाल एक निप्पल को मुँह में भर के चूसने लगा और एक हाथ से चुत को दबाने लगा।

मोना- आह आईईइ.. तुम आग मिटाते ही नहीं.. आह तो क्या करूँ.. उफ़फ्फ़ रात को तुमसे चुदाई करवाए कितने दिन हो गए.. आह.. दिन में तुम बस एक बार चुत की आग ठंडी करते हो.. ये धधकती आग कैसे मिटेगी मेरे राजा।

गोपाल- डार्लिंग रात भर काम करता हूँ.. अब दिन में ताक़त कहाँ बचती है.. फिर भी तुम्हें चोदता तो हूँ ना!

मोना- आह आईईइ.. चूसो आह.. मेरी चुत आह.. उसको भी चूसो ना.. आह वो जल रही है आह..

गोपाल अब धीरे-धीरे मोना के मम्मों को जोर से दबाने और चूसने में लग गया था और उसका हाथ भी चुत को जोर-जोर से रगड़ रहा था।

कुछ देर बाद मोना ने गोपाल को अपने से अलग कर दिया और खुद उस पर सवार हो गई।

गोपाल- आह.. आराम से मेरी जान कहीं तुम्हारी नाज़ुक कमर में मोच ना आ जाए।

मोना पर तो वासना का भूत सवार हो गया था.. उसने एक ही झटके में गोपाल का अंडरवियर उतार दिया।
गोपाल का 6″ का लंड उसके सामने खड़ा होकर चुत को सलामी देने लगा।

मोना ने झट से उसको अपने मुँह में भर लिया और मज़े से लंड चूसने लगी। इसी के साथ-साथ वो गापाल के लंड के चौकीदार उन दो आंडों को भी हाथ से हिला-हिला कर मज़ा लेने लगी।

गोपाल- उफ़फ्फ़ जानेमन.. तेरी आह यही अदा पर तो में फिदा हूँ आह.. चूस मज़ा आ गया आह..

मोना मज़े से लंड को चूस रही थी मगर उसकी चुत की प्यास बढ़ती जा रही थी। इसलिए उसने लंड मुँह से निकाल दिया और खुद गोपाल के मुँह की तरफ़ चुत करके फिर से लंड चूसने लगी।

गोपाल समझ गया कि इसको भी चुत चटवानी है.. तो वो भी चुत चाटने में शुरू हो गया.. गोपाल अपनी जीभ से मोना की गुलाबी चुत का रस पीने में जुट गया।

कुछ देर बाद मोना फिर से नीचे लेट गई और अपने घुटने मोड़ कर चुत को पूरी तरह खोल कर लंड घुसेड़ने का निमन्त्रण देने लगी।

मोना- आह गोपाल.. अब बस बहुत हो गया.. डाल दो अपना लंड आह..

गोपाल तो खुद चुत की चुदाई की जल्दी में था.. उसने लंड की टोपी चुत पर टिकाई और जोरदार धक्का मारा। एक ही बार में लंड सरसराता हुआ चुत की गहराई में ना जाने कहाँ खो गया।

मोना- अहह सस्स्स्सस्स मज़ा आ गया आह.. चोदो मेरे गोपू आह.. अब स्पीड से चोदो आह.. बुझा दो मेरी प्यास आह.. आईईइ..

गोपाल भी स्पीड से लंड अन्दर-बाहर करने लगा। मोना गांड उठा-उठा कर उसका साथ देने लगी। यही कोई 10 मिनट ये चुदाई अपने पूरे उफान पर चलती रही। उसके बाद गोपाल के लंड की नसें फूलने लगीं.. और वो चरम पे पहुँच गया।

गोपाल- आह.. आह ले मेरी मोना डार्लिंग आह.. मेरा आह.. लावा तेरी चुत में आह.. आ रहा है आह..
मोना- नहीं आह.. आ अभी नहीं उफ़फ्फ़ आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… चोदो आह.. मेरा अभी आह.. हुआ नहीं उफ़फ्फ़ फास्ट आह फास्ट करो उफ़फ्फ़..

मोना आगे कुछ बोलती तब तक गोपाल के लंड ने रस की धारा चुत में मारनी शुरू कर दी उसके गर्म-गर्म अहसास से मोना का फव्वारा भी छूट गया.. वो भी झड़ने लगी।

दो मिनट तक दोनों वैसे ही शांत पड़े रहे.. उसके बाद गोपाल एक तरफ़ लेट गया।

मोना- क्या यार गोपाल.. इतनी जल्दी पानी निकाल दिया, ठीक से मज़ा तो लेने देते.. तुम्हारी वजह से मुझे भी चुत को भींच कर जल्दबाज़ी में पानी निकालना पड़ा।
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#2
भाग 2


अब आगे..
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[Image: 20210518-145047.jpg]



गोपाल- अरे तुमने लंड को इतना ज़बरदस्त चूसा कि वो चुत में टिक ही नहीं पाया मगर तुमने जल्दबाज़ी क्यों की.. तुम आराम से निकालतीं।

मोना- कैसे निकालती.. तुम्हारा पानी निकलने के साथ ही लंड मुरझा जाता है, उसके बाद आधा घंटा वेट करती क्या?


गोपाल- अरे जान.. मैं चुत चूस कर तेरा पानी निकाल देता ना!

मोना- नहीं गोपाल.. जो मज़ा लंड से पानी निकलवाने में आता है.. वो ऐसे नहीं आता है और वैसे भी दूसरी बार तुम्हारा देर से निकलता है.. मैं तब मज़ा ले लूँगी।

गोपाल- ठीक है मेरी जान.. दूसरी बार तेरी जम कर चुदाई करूँगा और आज तो तेरी गांड भी मारूँगा।

मोना- ओह नहीं गोपाल, गांड नहीं.. पहले भी तुमने ट्राइ किया था.. बहुत दर्द होता है यार।

गोपाल- अरे ऐसे डरेगी तो कैसे चलेगा.. आज बड़े प्यार से मारूँगा बस तू हां कर दे।

मोना- उह गोपाल तुम कितने अच्छे हो काश पहले ही ऐसे प्यार से मेरी गांड मार लेते.. तो हम दोनों को ही डबल चुदाई का कितना मज़ा आता।

गोपाल- तुम तो जानती हो.. मेरी जॉब ही ऐसी है.. नहीं तो तेरी ये इच्छा भी पूरी कर देता। अच्छा अभी मुझे थोड़ा आराम करने दो उसके बाद दोबारा तेरी चुदाई करनी है।

मोना- ठीक है मेरे प्यारे गोपू.. मैं चाय बना के लाती हूँ.. तब तक तुम आराम कर लो।

गोपाल- अरे नहीं नहीं.. अभी चाय क्यों.. मैं थोड़ा सुस्ता लूँ, उसके बाद जब उठूँ तब चाय बना देना।

मोना- इसका मतलब तुम सो रहे हो क्या गोपाल.. कभी तो अपना वादा पूरा किया करो यार?

गोपाल- अरे करूँगा ना दोपहर को जब उठूँगा तो दिमाग़ और लंड तरोताजा होगा.. बस उस टाइम तेरी जमकर चुदाई करूँगा ना।

मोना ने गोपाल को मनाने की बहुत कोशिश की मगर वो सारी रात का जगा हुआ कहाँ मानने वाला था, उसने चादर खींची और सो गया।

मोना का मूड तो एकदम खराब हो चुका था, वो वहाँ से उठकर दूसरे कमरे में चली गई और रोने लगी।

दोस्तो, यहाँ तो गड़बड़ चल रही है.. चलो कहीं और चलती हूँ

कॉलेज की कैंटीन में लड़के और लड़कियां बैठे नाश्ता कर रहे थे.. उधर एक ग्रुप सबसे अलग ही बैठा हुआ है.. जो हमारी कहानी के किरदार हैं।

तो चलो आपको उनसे मिलवा देती हूँ।

संजय सिंह.. अच्छी कद काठी का बॉडी बिल्डर टाइप का लड़का और इस ग्रुप का मेन लीडर भी यही है। इसकी बाकी की खूबियां बाद में बताती हूँ।

दूसरा वीरेन चौधरी उर्फ वीरू उम्र 24 साल, ये भी संजय की तरह जिम वगैरह जाता है.. तो इसकी बॉडी भी अच्छी बनी हुई है।

तीसरा विक्की जोशी उम्र 24 ये ठीक-ठाक सा ही है..

चौथा अजय शर्मा उम्र 23 साल दुबला-पतला सा है।

पाँचवां साहिल ख़ान, इसकी उम्र 22 साल है। ये भी जिम वाला ही है और सबसे हैण्डसम भी है।

इनके साथ टीना शर्मा, उम्र 22 साल छोटे-छोटे बाल, एकदम वाइट.. दिखने में भी मस्त फिगर 34-30-32 की है। चलो इनका परिचय तो हो गया आप सभी का । अब इनकी बातें भी सुन लेते हैं।

विक्की- यार कॉलेज शुरू हुए 5 दिन हो गए, कोई ढंग का माल अभी तक नहीं आया साला इस साल तो लगता है रेगिंग का मज़ा ही नहीं आएगा।

अजय- हाँ यार इस बार तो कुछ मज़ा ही नहीं आ रहा।

संजय- अबे चुप साले चूतिये, कल तो उस लड़की के बड़े मज़े ले रहा था और आज कहता है मज़ा नहीं आया।

टीना- हाँ संजू साला हरामी, उसका माप लेने के बहाने उसके चूचे दबा रहा था.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… हा हा हा हा।

वीरू- अरे इसको तो चूचे देखते ही छूने का मन हो जाता है.. ये साला बड़ा ठरकी है।

साहिल- क्या रे टीना तू लड़की होकर लड़कियों की खिंचाई करती है.. वो भी गंदे तरीके से, तुझे शर्म नहीं आती क्या?

टीना- ओ शरीफजादे.. मैं फर्स्ट ईयर में आई थी.. पता है सालों ने क्या करवाया था मुझसे, उससे गंदा तो मैंने कुछ किया ही नहीं है।

साहिल- अच्छा अच्छा ज़्यादा गुस्सा ना हो.. तेरे से कौन जीत सकता है।

विक्की- अरे अरे वो देखो नया मुर्गा आ रहा है, चलो सब मिलकर साले की लेते हैं।

दोस्तो, इनकी बातों से आपको पता चल हे गया होगा कि ये कॉलेज के बिगड़े हुए सीनियर हैं और ये सब मिलकर नए आने वाले की रैंगिंग करते हैं।
टीना जो है वो संजय की प्रेमिका है और बाकी सब ऐसे ही हैं, मौका देख कर चौका मार देते हैं।

ये सब तो नए लड़के की लेने में बिज़ी हो गए और हमारे काम का यहाँ कुछ है भी नहीं, तो चलो आज का दिन यहीं ख़त्म करती हू और कहानी के नाम के मुताबिक उसकी असली शुरूआत करती हूँ ।

दूसरे दिन करिश्मा जल्दी उठ गई थी, आज कॉलेज में उसका पहला दिन था, उसके पापा उसको छोड़ने आए थे।

आज करिश्मा ने लाइट ब्लू सलवार कमीज़ पहना था। कंधे पर दुपट्टा बांधे हुए बाल और कोई मेकअप भी नहीं, वो इस लिबास में बड़ी ही मासूम और खूबसूरत लग रही थी।

अजय- संजू वो देखो एकदम नया माल आ रहा है मगर साथ में उसका बाप लगता है शायद।

संजय- अबे लगता क्या साले उसका बाप ही है.. अभी वापस चला जाएगा साला, इसके साथ थोड़े ही अन्दर तक आएगा।

वो सब करिश्मा को आता हुआ देख रहे थे, बस उसके पापा उसके सर पे हाथ रख कर वापस चले गए।

जैसे ही करिश्मा उनके पास से गुज़री तो वीरू ने उसको आवाज़ देकर अपने पास बुला लिया और वो भी चुपचाप उनके पास आ गई।

विक्की- तुझमें थोड़ी भी अकल नहीं क्या.. ये कॉलेज है यहाँ स्कूल के बच्चे नहीं आ सकते, चल वापस जा!
विक्की की बात सुनकर सब हंसने लगे।

करिश्मा- ज्ज्ज..जी वो मैं फर्स्ट ईयर आर्ट्स में हूँ.. आज मेरा यहा पहला दिन है।

अजय- ओये होये.. क्या बात है तू इत्ती सी तो है और कॉलेज भी आ गई, वैसे तेरी एज क्या है?

टीना- अबे चुप साले.. लड़की से उसकी एज नहीं पूछते।

संजय- तू अपना लॉजिक अपने पास रख.. एज नहीं पूछूँगा तो पता कैसे लगेगा कि इसकी रैंगिंग किस तरह करनी है।

टीना- हाँ ये भी सही है, चल बेबी, जल्दी से अपने बारे में बता।

करिश्मा- जी मेरा नाम करिश्मा वर्मा है मेरी एज 19 साल है और मेरे पापा का नाम…

विक्की- अबे चुप तेरे पूरे खानदान का नाम नहीं जानना हमें.. सिर्फ़ अपने बारे में बता नाम और एज हो गई.. चल अब अपना फिगर बता।

उनकी बातों से करिश्मा घबरा सी गई उसके पैर काँपने लगे थे। उसने डरते हुए कहा।

करिश्मा- ज्ज्जजी वो मुझे नहीं पता।

साहिल- ले भाई अजय तेरे मज़े हो गए.. कल वाली की तरह इसको भी नहीं पता, अब तू ही नाप के बता दे.. हा हा हहा हा हा..

सबके सब ठहाका लगा कर हंसने लग गए और करिश्मा चुपचाप बेसहारा खड़ी उनको देखती रही।

अजय खड़ा हुआ और करिश्मा के मम्मों की तरफ़ हाथ बढ़ाया तो संजय ने उसको रोक दिया क्योंकि करिश्मा की आँखों में आँसू आने शुरू हो गए थे, जिसे करिश्मा ने देख लिया था।


टीना- क्या हुआ संजय?

संजय- अरे देखो तुम सबने बेचारी बच्ची को डरा दिया.. कैसे रोने लगी है।

वीरू- अरे इसमें रोने की क्या बात है रैंगिंग तो सीनियर का अधिकार होता है और हमने तो तुमसे माप पूछा ही था.. अब तूने नहीं बताया तो ये ले रहा है.. सिंपल..!

करिश्मा- सर प्लीज़ मुझे जाने दीजिए.. मुझे सच में नहीं पता।

टीना- क्यों तू अंडरगार्मेंट्स नहीं पहनती क्या.. जो तुझे अपना माप नहीं पता।


उनकी गंदी बातों से करिश्मा के पसीने आने शुरू हो गए.. वो बेचारी सीधी-साधी कभी ऐसी बातों के करीब भी नहीं गई और आज अचानक उसके साथ ये सब हो रहा था।

करिश्मा- व्ववो.. जी ये सब माँ लाकर दे देती हैं तो नहीं पता।

वीरू- आज के जमाने में ये माँ बोल रही है.. हा हा हा अरे मॉम
बोलो.. मम्मी बोलो.. ये माँ कुछ ज़्यादा ही ओल्ड नहीं लगता।

संजय- चुप करो सबके सब, एक के बाद एक बकवास किए जा रहे हो।

संजय थोड़ा गुस्से में आकर बोला तो सब सहम गए और करिश्मा का तो हाल से बेहाल हो गया था।

संजय- देखो करिश्मा, तुम फर्स्ट ईयर हो और रैंगिंग का तो तुम्हें पता ही होगा, ये हमारा अधिकार है। अब ये तुम पर डिपेंड है कि चुपचाप हमारी बात मानती हो और पूरा साल आराम से पढ़ाई करोगी या हमें इनकार कर दो किसी से शिकायत कर दो उसके बाद ये साल 365 दिन का नहीं 1000 दिन का बन जाएगा.. इतनी तकलीफें उठानी पड़ेंगी।

करिश्मा- जी जी.. मुझे पता है मैं रेडी हूँ.. प्लीज़ आप नाराज़ मत हो मगर मुझे कोई आसान सा टास्क दे दो। ये सब नहीं प्लीज़.. मुझे सच में कुछ नहीं पता।

करिश्मा की बात सुनकर विक्की कुछ बोलना चाहता था मगर करिश्मा ने आँख के इशारे से एक बार फिर सबको चुप रहने को कहा।

करिश्मा- देखो आज तक हमने जो कहा, सबने वो किया मगर तुम रियली बहुत भोली हो.. तो चलो मैं तुम्हें बहुत से टास्क बताता हूँ, तुम खुद चाय्स करो इनमें से कौन सा तुम्हारे लिए आसान होगा।

करिश्मा- जी आप बताओ, मैं कर लूँगी।

संजय- क्लास में जो भी सर पहले आएं, उसको थप्पड़ मारना है या वो सामने मोटू दिख रहा है उसके पेट पर एक जोर का मुक्का मार दो, ये भी नहीं तो वो कोने में जो खड़ा है.. उसको किस कर दो।

ऐसे ही बहुत से टास्क संजय ने बताए, जिनको सुनकर करिश्मा दोबारा मायूस हो गई क्योंकि इनमें से एक भी करने की हिम्मत उसमें नहीं थी।

करिश्मा- सॉरी जी आप मुझे मार लो मगर मुझसे ये सब नहीं हो पाएगा, मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ।

टीना- आह.. ज़्यादा भोलेपन का नाटक मत कर.. क्लास का टाइम हो रहा है जल्दी बोल.. नहीं तो मैं बताऊं?

संजय- रिलॅक्स टीना.. मैं बात कर रहा हूँ ना इससे.. सुनो करिश्मा अगर तुम ऐसी लड़की नहीं हो तो ऐसी बनो, ये सब टास्क जाए भाड़ में.. एक लास्ट टास्क.. उसमें अगर ना हुई तो अंजाम बुरा होगा। तुम्हें कोई टास्क नहीं करना होगा बस हमारा ग्रुप जाय्न कर लो और धीरे-धीरे फास्ट बनो.. ऐसी गंवार मत बनी रहो। अगर एक महीने में ये सब कह दें कि तुम बदल गई हो.. थोड़ी सी भी मॉडर्न हो गई हो तो उस दिन से तुम आज़ाद.. उसके बाद चाहे तो ग्रुप में रहो चाहे मत रहो.. बोलो क्या कहती हो?

करिश्मा को ये बात अच्छी लगी.. उसने बिना सोचे ‘हाँ’ कह दी।

संजय- ये हुई ना बात.. चलो अब सब से हाथ मिलाओ और अपनी क्लास की तरफ़ जाओ। अब तो हमारा रोज मिलना होता ही रहेगा।

करिश्मा के चेहरे पे हल्की सी मुस्कान आ गई.. वो बारी-बारी सबसे हाथ मिलाने लगी.. उसके बाद चली गई।

करिश्मा ने इन हरामियों से हाथ मिला कर क्या गलती कर ली थी , ये सब आपको आगे इस सेक्स स्टोरी में बताऊंगी।
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#3
भाग ----3

अब आगे..

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टीना- संजू ये क्या नया फंडा है.. आज तक ऐसा नहीं हुआ कि हम किसी को बिना रैंगिंग के जाने दें और दूसरी बात उसको ग्रुप में शामिल भी कर लिया, ये बात कुछ समझ नहीं आ रही?

संजय- मेरी जान इसी लिए तो आई एम द ग्रेट संजय.. अभी जो कहूँ.. सब के सब वो करो, बाकी बाद में सबको ये फंडा भी समझा दूँगा।

वीरू- संजय भाई, कहीं साली तेरे पे दिल तो नहीं आ गया ना?

टीना- अगर ऐसा हुआ तो जान से मार दूँगी उस कुतिया को.. संजय सिर्फ़ मेरा है और मेरा ही रहेगा हा हा हा हा..
टीना के साथ-साथ सब हंसने लगे।

साहिल- टीना ये क्या फिल्मी डायलॉग मार रही थी तू?


टीना- अरे मजाक यार.. हाँ मानती हूँ मैं संजय को पसंद करती हूँ मगर उसकी वजह क्या है ये तो सब को पता ही है। अब ये उसको चोद कर छोड़ दे या प्यार करे.. आई डोंट केयर।

अजय- ही ही टीना.. ऐसी बात मत कर यार, मेरी तो पैन्ट में हलचल शुरू हो जाती है।

टीना- अबे चल साले चूतिये.. मूंगफली जितना तो लंड है तेरा.. उसमें क्या हलचल होगी।

साहिल- टीना तू तो साली पक्की रंडी है. जब देखो चुत और लंड की बातें लेकर बैठ जाती है।

टीना- अबे चुप साले बहनचोद मुझे ज़्यादा ज्ञान मत दे.. जब तू चुदाई करता है मेरी तब तो बड़ा प्यार जताता है साला अब मुझे रंडी बोल रहा है!

वीरू- अरे यार आपस में झगड़ा मत करो, वैसे टीना चुदाई के वक़्त तो तू खुद कहती है मुझे गालियाँ दो.. रंडी कहो और अभी चिढ़ रही हो।

टीना- अबे वो टाइम बात कुछ और होती है और अभी कोई सुन लेगा तो क्या कहेगा.. समझा!

विक्की- यार, इस सबको गोली मारो और टीना तुमने जो ग्रुप सेक्स का वादा किया था.. उसका क्या हुआ?

टीना- सालों, सबके लंड लेकर मैंने देख लिया है। अब एक साथ सब करोगे तो मेरी हालत पतली हो जाएगी और वैसे भी इस पिद्दी को छोड़ के तुम चारों के लंड बड़े पॉवर वाले हैं, ना बाबा मुझे अपनी चुत फड़वानी है क्या?

अजय- चुत तो तेरी तभी फट गई थी जब संजय ने तुझे पहली बार चोदा था अब कैसा डर..? मान जा ना मज़ा आएगा यार!

टीना- सालों बहुत बड़े चूतखोर हो सब के सब.. मैंने कितनी लड़कियों की सील तुम सब से तुड़वाई है, ये सब भूल गए क्या जो अब मेरे पीछे पड़े हो?

संजय- अरे अब सबका इतना मन है तो मन जा.. एक-एक करके चुदवाए या एक साथ.. क्या फ़र्क पड़ता है?

टीना- अच्छा बाबा, ठीक है.. मान गई बस मगर कोई अच्छी सी जगह का इंतजाम कर लो.. साथ में फुल बियर का भी इंतजाम हो तभी मज़ा आएगा।

संजय ने ‘हाँ’ कह दी, तो सबके सब खुश हो गए।

दोस्तो, टेंशन मत ले, ये टीना सच में रंडी टाइप की है, ये संजय की गर्लफ्रेंड जरूर है.. मगर ना जाने आज तक कितने लंड ले चुकी है, इसलिए इनको जाने दो.. आगे की कहानी देखीऐ।

टीना- यार संजय प्लीज़.. अब तो बता दे तेरा ये करिश्मा के साथ क्या करने का इरादा है?

संजय- यार मैंने आज तक इतनी सीधी-साधी लड़की नहीं देखी वो भी यहाँ मुंबई में, इसकी सादगी और हुस्न की मिलावट को मैंने गौर से देखा है, मेरा तो इसको बस देखते रहने का मन किया।


विक्की- क्या बात है प्यार-व्यार हो गया क्या तुझे हाँ..?


वीरू- अरे काहे का प्यार.. सीधे अल्फ़ाज़ में बोल ना उसको चोदना चाहता है।


संजय- अबे चुप सालों.. ऐसी कमसिन कली को चोदना कौन नहीं चाहेगा? मगर ये साथ दे तो ज़्यादा मज़ा आएगा.. मगर इसको देख कर तुम लोगों को क्या लगता है कि ये साथ दे पाएगी?


टीना- अरे क्यों नहीं देगी? जब 4 पैग अन्दर जाएंगे.. साली रंडी बन जाएगी.. उसके बाद चुत चुदाई का पूरा मज़ा देगी।

संजय- नहीं.. यही तो मैं नहीं चाहता कि ये किसी नशे का शिकार होकर मज़ा दे, तुम ज़रा सोचो ऐसी भोली लड़की.. जिसको अपना साइज़ तक पता ना हो, अगर वो अपने मन से खुलकर सेक्स करें तो बड़ी-बड़ी रंडियों को पीछे छोड़ देगी.. क्योंकि इतने सालों जो शराफत का परदा ओढ़ रखा था, वो हट जाएगा और उसके अन्दर की रंडी बाहर आ जाएगी।


टीना- इसका मतलब तुमने कुछ सोच लिया है.. तभी उसको ग्रुप में शामिल किया है।


संजय ने ‘हाँ’ में गर्दन हिलाई और अपना प्लान उन सबको बताया, जिसे सुनकर सबके चेहरे पे ख़ुशी आ गई।

अजय- यार उसके चूचे बड़े प्यारे हैं… क्या समोसे से नुकीले तने हैं.. बस सबसे पहले में उनकी नोकों को अपने होंठों के बीच दबाना चाहूँगा।


साहिल- अबे चुप.. सारा दिन एक ही बात.. चलो अन्दर वो हरामी वर्मा सर की क्लास है आज।

साहिल की बात सुनकर सब वहाँ से चले गए..


उधर दोपहर तक गोपाल सुकून की नींद सोता रहा, तब तक मोना ने भी अपने आपको संभाल लिया था और खाना बना कर फ्री हो गई थी।
मोना ने गोपाल को उठाया और खुद टीवी देखने बैठ गई।

तकरीबन आधा घंटा बाद गोपाल फ्रेश होकर आया और मोना को पीछे से बांहों में जकड़ लिया।

मोना- ये क्या है गोपाल.. जब करना होता है तुम करते नहीं, चलो खाना खा लो, नहीं तो ठंडा हो जाएगा।

गोपाल- अरे ऐसे कैसे.. मेरी बीवी तो इतनी गर्म है और मुझे खाने के लिए बोल रही है। मेरी जान अभी खाने के बाद कोई दूसरा काम नहीं.. बस आज तेरी सारी शिकायत दूर कर दूँगा.. इतना चोदूंगा.. इतना चोदूंगा कि दो दिन तक तुम खुद ना ना कहोगी।

मोना- रियली तुम ऐसा करोगे..! तो फिर जल्दी से खाना खा लो ना।

मोना बेचारी सीधी-साधी.. गोपाल की बात सुनकर पिघल गई, उसका गुस्सा न जाने कहाँ का कहाँ चला गया.. उसके बाद दोनों ने अच्छी तरह से लंच किया और टीवी के सामने बैठे एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे।

गोपाल- क्यों जानेमन, अब क्या इरादा है.. खाना तो हो गया अब अपनी रसीली चुत का रस भी पिला दे।

मोना- आ जाओ मेरे गोपू.. किसने रोका है मुझसे भी अब इन्तजार नहीं होता।

इतना कहकर मोना कमरे में गांड मटकाती हुई चली गई। उसके पीछे-पीछे गोपाल भी अन्दर आ गया और उसको बिस्तर पर लेटा कर उसके जिस्म को दबोचने लग गया।

मोना भी वासना से भरी हुई थी, वो भी पागलों की तरह गोपाल को किस करने लगी।

करीब 5 मिनट तक दोनों एक-दूसरे को चूमते-चाटते रहे, इस दौरान गोपाल ने मोना को नंगी कर दिया था और उसके निप्पल चूस रहा था।

मोना- आह.. आ अइ गोपू आह.. अब बस भी करो आह.. पहले मेरी चुत को शांत करो आह.. उसके बाद जितना मर्ज़ी मज़े ले लेना।

गोपाल कुछ बोलता या करता, तभी उसके फ़ोन की रिंग कमरे में गूंजने लग गई.. उसका ध्यान फ़ोन की तरफ़ गया तो मोना ने उसको मना किया।

गोपाल- अरे एक मिनट रूको तो शायद बॉस का फ़ोन हो।
मोना- आह.. प्लीज़ गोपाल आह.. मत उठाओ उफ़ मेरी चुत जल रही है आह..

गोपाल ने मोना की एक नहीं सुनी और फ़ोन उठा लिया और बातें करता हुआ थोड़ा टेंशन में आ गया।
कुछ देर गोपाल ने फ़ोन पर बात की उसके बाद मोना की तरफ़ देखने लगा।

मोना- क्या हुआ गोपाल सब ठीक तो है ना.. तुम इतने टेंशन में क्यों आ गए हो बताओ ना प्लीज़?

गोपाल- गाँव से फ़ोन था.. दादा जी नहीं रहे.. हमें आज रात ही गाँव जाना होगा।

यह बात सुनकर मोना की तो हालत पतली हो गई, कहाँ तो उस पर सेक्स का खुमार चढ़ा हुआ था और कहाँ ये बुरी खबर सुनने को मिली।
मोना खड़ी हुई और गोपाल के पास आकर उसके चेहरे को देखने लगी।

गोपाल- मोना प्लीज़ अब ये मत कहना की मेरी चुत को शांत करो.. मेरा ये सब करने का अब बिल्कुल मूड नहीं है और मुझे अभी बॉस के घर जाना होगा, कुछ दिनों की छुट्टी लेनी होगी।


मोना- गोपाल तुम ये कैसी बातें कर रहे हो.. ऐसी बात सुनकर मैं ये सब कहूँगी क्या.. हाँ! तुमने मुझे क्या समझ रखा है?


गोपाल- देखो मोना मेरा दिमाग़ मत खराब करो.. वैसे भी दिन पे दिन तुम्हारी चुदाई की भूख बढ़ती जा रही है.. एक रंडी की तरह तुम हरकतें कर रही हो।

गोपाल ने गुस्से में जो कहा उसे सुनकर मोना का पारा सर पर चढ़ गया। एक तो वैसे ही सेक्स उसके दिमाग़ में चढ़ा हुआ था.. ऊपर से ये बातें उसको बहुत बुरी लगीं। वो गोपाल से बुरी तरह झगड़ने लग गई और गोपाल भी गुस्से में था, तो उसने भी ना जाने क्या से क्या बोल दिया। उसके बाद कपड़े पहने और घर से बाहर निकल गया।

मोना वहीं बैठी देर तक रोती रही।

मोना का रोना-धोना क्या देखना चलो सेक्स स्टोरी के दूसरी तरफ देखते हैं।

इधर , करिश्मा अब उनके ग्रुप में शामिल हो गई थी। अब रोज उनके साथ उठना बैठना, बातें करना और कभी-कभी नए स्टूडेंट की रैंगिंग करना, ये सब उनके बीच चलने लगा और ऐसे ही कुछ दिन निकल गए।

एक दिन कॉलेज की कैंटीन में करिश्मा उन सबके साथ बैठी हुई थी।

विक्की- यार टीना इतने दिन हो गए… मगर ये करिश्मा हमारे बीच घुल नहीं पा रही है, मैंने इसको मासूम लड़की समझ कर मौका दिया था इसकी रैंगिंग भी नहीं की थी.. मगर ये है कि हमारे साथ ठीक से पेश आती ही नहीं, अब तुम ही बताओ कि इसका क्या करें?


वीरू- करना क्या है.. जितना मौका इसको देना था, हमने दे दिया। अब बस इसकी हार्ड रैंगिंग करनी होगी, ये हमारे ग्रुप के लायक नहीं है।

करिश्मा इस हमले के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। उसकी समझ में ही नहीं आया कि ये अचानक क्या हो गया।


करिश्मा- ये आप क्या बोल रहे हो.. मैंने क्या किया? प्लीज़ आप मुझे ऐसे डराओ मत।


संजय- करिश्मा ये तुम्हें डरा नहीं रहे.. सही बोल रहे हैं तुमने वादा किया था तुम हम जैसी बिंदास बन जाओगी, मगर अभी तक तुम्हारे अन्दर एक भी बदलाव नहीं आया
VIsit my story  

Main ek sex doll bani..https://xossipy.com/thread-2030.html

 uncle ne banai meri movie(bdsm).. https://xossipy.com/thread-40694.html
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#4
Pinky sen ki story aap copy paste kr rhi ho main character ka naam change kr k Or ushe apni bta rhi ho
Galat baat hai ma'am ye toh
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#5
(30-08-2021, 07:54 PM)Vihaan Wrote: Pinky sen ki story aap copy paste kr rhi ho main character ka naam change kr k Or ushe apni bta rhi ho
Galat baat hai ma'am ye toh

phele yhe story me likh chuki thi xossip par uske baad mujhe us site par mili h
jise phir se post kar rahi hu
VIsit my story  

Main ek sex doll bani..https://xossipy.com/thread-2030.html

 uncle ne banai meri movie(bdsm).. https://xossipy.com/thread-40694.html
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#6
(31-08-2021, 12:08 AM)Karishma saxena Wrote: phele yhe story me likh chuki thi xossip par uske baad mujhe us site par mili h
jise phir se post kar rahi hu

Ok ma'am koi na.. Agle update ka intezaar hai
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