24-11-2025, 11:31 PM
Tara:
“Aaj unhe… choda nahi gaya, Rohit.
Aaj unhe… tod diya gaya.”
Rohit की आँखों से आँसू फूट जाते हैं।
वो पैंटी को हाथ से झटकता है,
और तेज़ कदमों से अपने कमरे की ओर चला जाता है।
दरवाज़ा उसकी पीठ के पीछे जोर से बंद हुआ।
अंदर से उसकी दबी हुई चीख—
न गुस्सा, न रोना… दोनों साथ।
Tara कुछ सेकंड उसे देखती रही।
फिर उसने पैंटी को धीरे से सूंघा…
आँखें आधी बंद हो गईं।
साँस गहरी… बहुत गहरी।
Tara (अपने आप में, पिघलती आवाज़ में):
“Hmm…
yeh jo haal hai…
yeh sirf ek aadmi nahi karta…
yeh koi karta hai… jo bhooka ho.”
उसके होंठों पर हल्की, dangerous मुस्कान फैल गई।
और फिर—
वो मुड़ी।
धीरे-धीरे, बिना जल्दी के,
अपने pink floral dress को एक हाथ से पकड़ते हुए
Neeraj के कमरे की ओर चल पड़ी।
उसके कदमों में एक अजीब सी मिठास थी…
जैसे वो किसी शिकार की ओर जा रही हो।
Neeraj के कमरे के सामने पहुँचकर उसने रुककर
अपने dupatta को हल्का सा नीचे गिराया—
बस इतना कि collarbone और गर्दन चमकने लगे।
उसने दरवाज़े पर दो उँगलियों से हल्की tap की—
आवाज़ ज्यादा नहीं, नशीली थी।
अंदर से Neeraj की आवाज़ आयी—
चकित, हिचकिचाती।
Neeraj:
“T-Tara? Tum? Iss waqt?”
Tara ने अपना सिर हल्का तिरछा किया—
वैसे ही जैसे फोटो में उसकी softness और confidence दिखती है।
उसकी आँखें Neeraj में धँस जाती हैं।
आवाज़ धीमी, लगभग पिघलाती हुई।
Tara:
“Bas… dekhna tha…
ki aaj jisne kisi ko itna tod diya…”
उसकी निगाह Neeraj के गले से नीचे फिसलती है।
“…wo khud… kitna thaka hoga.”
Neeraj का गला सूख गया।
वो एक कदम पीछे हटता है—shocked।
Tara ने उसके कान के पास झुककर बहुत धीरे कहा—
Tara:
“Darwaza band karlo, Neeraj…
warna koi aur… dekh lega.”
उसने कमरे में कदम रखा।
और कमरा…
धीरे-धीरे गर्म होने लगा।
“Aaj unhe… choda nahi gaya, Rohit.
Aaj unhe… tod diya gaya.”
Rohit की आँखों से आँसू फूट जाते हैं।
वो पैंटी को हाथ से झटकता है,
और तेज़ कदमों से अपने कमरे की ओर चला जाता है।
दरवाज़ा उसकी पीठ के पीछे जोर से बंद हुआ।
अंदर से उसकी दबी हुई चीख—
न गुस्सा, न रोना… दोनों साथ।
Tara कुछ सेकंड उसे देखती रही।
फिर उसने पैंटी को धीरे से सूंघा…
आँखें आधी बंद हो गईं।
साँस गहरी… बहुत गहरी।
Tara (अपने आप में, पिघलती आवाज़ में):
“Hmm…
yeh jo haal hai…
yeh sirf ek aadmi nahi karta…
yeh koi karta hai… jo bhooka ho.”
उसके होंठों पर हल्की, dangerous मुस्कान फैल गई।
और फिर—
वो मुड़ी।
धीरे-धीरे, बिना जल्दी के,
अपने pink floral dress को एक हाथ से पकड़ते हुए
Neeraj के कमरे की ओर चल पड़ी।
उसके कदमों में एक अजीब सी मिठास थी…
जैसे वो किसी शिकार की ओर जा रही हो।
Neeraj के कमरे के सामने पहुँचकर उसने रुककर
अपने dupatta को हल्का सा नीचे गिराया—
बस इतना कि collarbone और गर्दन चमकने लगे।
उसने दरवाज़े पर दो उँगलियों से हल्की tap की—
आवाज़ ज्यादा नहीं, नशीली थी।
अंदर से Neeraj की आवाज़ आयी—
चकित, हिचकिचाती।
Neeraj:
“T-Tara? Tum? Iss waqt?”
Tara ने अपना सिर हल्का तिरछा किया—
वैसे ही जैसे फोटो में उसकी softness और confidence दिखती है।
उसकी आँखें Neeraj में धँस जाती हैं।
आवाज़ धीमी, लगभग पिघलाती हुई।
Tara:
“Bas… dekhna tha…
ki aaj jisne kisi ko itna tod diya…”
उसकी निगाह Neeraj के गले से नीचे फिसलती है।
“…wo khud… kitna thaka hoga.”
Neeraj का गला सूख गया।
वो एक कदम पीछे हटता है—shocked।
Tara ने उसके कान के पास झुककर बहुत धीरे कहा—
Tara:
“Darwaza band karlo, Neeraj…
warna koi aur… dekh lega.”
उसने कमरे में कदम रखा।
और कमरा…
धीरे-धीरे गर्म होने लगा।


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