29-09-2025, 02:26 PM
Neeraj ने अचानक उसके बाल पकड़कर ऊपर खींचा और कान में गुर्राया —
Neeraj (जानवर की तरह):
“बता साली… मथुरा की सबसे बड़ी रांड कौन है?”
Shipra ने दाँत भींचकर कुछ नहीं बोला।
तभी Neeraj ने उसके खुले गाल पर जोर से “चटाक्क्क” तमाचा जड़ा।
Neeraj (और तेज़ झटके मारते हुए):
“बोल… वरना और चीर दूँगा तेरी गांड!”
Shipra रोते हुए सिर हिलाती रही।
लेकिन Neeraj ने एक के बाद एक तीन-चार थप्पड़ मारे, उसकी आँखों से आँसू और खून की धार मिलकर बह निकली।
आख़िरकार Shipra टूट गई, उसका गला फट गया और वो चीख़ते हुए बोली —
Shipra (हकलाते-रोते हुए):
“मैं… मैं हूँ… मथुरा की सबसे बड़ी रांड Shipra Bhardwaj हैऽऽऽ!!!”
---
Neeraj की आँखों में और भी हैवानियत आ गई।
उसने उसके बाल पकड़कर नीचे दबाया और और भी गहरे धक्के मारने लगा।
Neeraj (ठहाका लगाकर):
“वाह रंडी! अब सही बोली…
तेरी बेटी भी रांड बनेगी, तेरी बहू भी…
और तू तो मेरी स्थायी गांड है!”
---
Shipra अब टूट चुकी थी।
उसका मुँह बिस्तर में दबा हुआ, आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे।
वो बार-बार चिल्लाती —
Shipra (टूटे गले से, बीच-बीच में):
“आआआह्ह… मेरी गांड फट गई…
ओ बेटा, बचा ले अपनी माँ को…
भगवान, क्यों दी मुझे ये सज़ा…
नेर्र्र्र्र्राज… निकाल ले… मर जाऊँगी मैं…”
लेकिन Neeraj और पागल होता गया।
---
आख़िरकार उसकी साँसें भारी हो गईं, पसीना टपक रहा था।
उसने Shipra की गांड कसकर पकड़ ली और आख़िरी झटका मारा।
धड़धड़धड़धड़ — धप्प्प्प!!!
Shipra की चीख़ गूँज गई —
“आआआआह्ह्ह्ह… माँऽऽऽ बचा लोऽऽऽ!!!”
और तभी Neeraj का सारा पानी उसकी गांड में ही फूट पड़ा।
गर्म, गाढ़ा वीर्य खून में मिलकर Shipra की फटी गांड से बहने लगा।
Neeraj हाँफते हुए उसके ऊपर झुका और कान में फुसफुसाया —
Neeraj (भारी साँसों में, हँसते हुए):
“अब बता… मथुरा की रांड कौन है?”
Shipra (सिसकते हुए, टूटे गले से):
“म… मथुरा की सबसे बड़ी रांड… Shipra Bhardwaj है…”
---
Shipra का शरीर काँप रहा था, आँसू और खून से पूरा बिस्तर गीला हो चुका था।
वो अब भी कराह रही थी —
“ओ बेटा… देख ले… तेरी माँ की गांड चीर दी इस दरिंदे ने…”
और Neeraj पीछे से हँसता रहा, उसके बाल पकड़कर उसकी पीठ चाटते हुए।
✨? TO BE CONTINUED... ?✨
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Neeraj (जानवर की तरह):
“बता साली… मथुरा की सबसे बड़ी रांड कौन है?”
Shipra ने दाँत भींचकर कुछ नहीं बोला।
तभी Neeraj ने उसके खुले गाल पर जोर से “चटाक्क्क” तमाचा जड़ा।
Neeraj (और तेज़ झटके मारते हुए):
“बोल… वरना और चीर दूँगा तेरी गांड!”
Shipra रोते हुए सिर हिलाती रही।
लेकिन Neeraj ने एक के बाद एक तीन-चार थप्पड़ मारे, उसकी आँखों से आँसू और खून की धार मिलकर बह निकली।
आख़िरकार Shipra टूट गई, उसका गला फट गया और वो चीख़ते हुए बोली —
Shipra (हकलाते-रोते हुए):
“मैं… मैं हूँ… मथुरा की सबसे बड़ी रांड Shipra Bhardwaj हैऽऽऽ!!!”
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Neeraj की आँखों में और भी हैवानियत आ गई।
उसने उसके बाल पकड़कर नीचे दबाया और और भी गहरे धक्के मारने लगा।
Neeraj (ठहाका लगाकर):
“वाह रंडी! अब सही बोली…
तेरी बेटी भी रांड बनेगी, तेरी बहू भी…
और तू तो मेरी स्थायी गांड है!”
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Shipra अब टूट चुकी थी।
उसका मुँह बिस्तर में दबा हुआ, आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे।
वो बार-बार चिल्लाती —
Shipra (टूटे गले से, बीच-बीच में):
“आआआह्ह… मेरी गांड फट गई…
ओ बेटा, बचा ले अपनी माँ को…
भगवान, क्यों दी मुझे ये सज़ा…
नेर्र्र्र्र्राज… निकाल ले… मर जाऊँगी मैं…”
लेकिन Neeraj और पागल होता गया।
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आख़िरकार उसकी साँसें भारी हो गईं, पसीना टपक रहा था।
उसने Shipra की गांड कसकर पकड़ ली और आख़िरी झटका मारा।
धड़धड़धड़धड़ — धप्प्प्प!!!
Shipra की चीख़ गूँज गई —
“आआआआह्ह्ह्ह… माँऽऽऽ बचा लोऽऽऽ!!!”
और तभी Neeraj का सारा पानी उसकी गांड में ही फूट पड़ा।
गर्म, गाढ़ा वीर्य खून में मिलकर Shipra की फटी गांड से बहने लगा।
Neeraj हाँफते हुए उसके ऊपर झुका और कान में फुसफुसाया —
Neeraj (भारी साँसों में, हँसते हुए):
“अब बता… मथुरा की रांड कौन है?”
Shipra (सिसकते हुए, टूटे गले से):
“म… मथुरा की सबसे बड़ी रांड… Shipra Bhardwaj है…”
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Shipra का शरीर काँप रहा था, आँसू और खून से पूरा बिस्तर गीला हो चुका था।
वो अब भी कराह रही थी —
“ओ बेटा… देख ले… तेरी माँ की गांड चीर दी इस दरिंदे ने…”
और Neeraj पीछे से हँसता रहा, उसके बाल पकड़कर उसकी पीठ चाटते हुए।
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