12-09-2025, 09:17 PM
छत पर हिलती हुई गुलाबी panty को देखकर Rohit की आँखें तरेर गईं।
उसने गुस्से से Neeraj से पूछा—
Rohit (सख़्ती से):
“अबे Neeraj… ये क्या कर रहा है तू? और ये panty किसकी है?”
Neeraj एक पल के लिए अटक गया, फिर तुरंत खुद को सँभालते हुए मुस्करा दिया।
बाल्टी उठाकर ऐसे दिखाया जैसे कुछ बड़ा ही नॉर्मल काम कर रहा हो।
Neeraj (सँभालते हुए):
“अरे भाई, पता नहीं किसकी है… छत पे गिरी पड़ी थी।
इतनी गंदी थी कि सूंघते ही हालत खराब हो जाए… तो सोचा धोकर सुखा दूँ।
वरना मोहल्ले वाले देख लेते तो हंगामा हो जाता।”
Rohit थोड़ी देर तक शक की नज़र से Neeraj को घूरता रहा।
फिर धीरे-धीरे उसका चेहरा थोड़ा ढीला पड़ा।
Rohit:
“हम्म… ठीक है। वैसे भी ये पागल मोहल्ला है, लोग छोटी-छोटी बात का तमाशा बना देते हैं।”
Neeraj ने राहत की साँस ली और दोनों छत के किनारे बैठ गए।
हवा में सूखती panty झूल रही थी, लेकिन अब Rohit की नज़र वहीं अटकी नहीं थी।
कुछ मिनटों तक दोनों आपस में कॉलेज, दोस्तों और मोहल्ले की इधर-उधर की बातें करने लगे।
Neeraj बीच-बीच में अपनी गंदी हँसी से माहौल हल्का करता रहा।
इसी दौरान Rohit का मोबाइल बज उठा।
स्क्रीन पर नाम चमक रहा था— Tara ❤️।
Neeraj ने तुरंत पहचान लिया, हल्की मुस्कान के साथ बोला—
“ओह्ह… ये तो तेरी gf का फोन है न? वही 25 साल वाली madam।”
Rohit शरमा गया और जल्दी से कॉल रिसीव कर ली।
थोड़ी हंसी-मज़ाक और प्यार भरी बातें होने लगीं।
Neeraj चुपचाप मुस्कराते हुए सब सुन रहा था।
कुछ देर बाद कॉल कटने पर Rohit ने लंबी साँस ली और Neeraj से खुलकर बोला—
Rohit (हताश होकर):
“यार… बहुत दिन हो गए Tara को चोदे हुए।
अब तो हालात ये हैं कि सपने में भी वही आती है।
लेकिन दिक्कत ये है कि वो अभी family के साथ Mathura गई है।”
Neeraj ने सिगरेट सुलगाते हुए उसकी तरफ देखा और शरारती अंदाज़ में मुस्कराया।
Rohit ने सिर पकड़ते हुए कहा—
“यार… शादी को भी अभी कुछ दिन ही हुए हैं।
घर के बाहर जाऊँगा तो mummy-papa सवाल करेंगे।
अब समझ ही नहीं आ रहा… क्या करूँ।”
Rohit बेचैनी से Neeraj की तरफ झुक आया।
उसकी आँखों में वही पुरानी कशिश और इंतज़ार झलक रहा था।
Rohit (धीरे-धीरे, झिझकते हुए):
“Neeraj… एक काम कर।
आज रात अगर मैं Tara को घर ले आऊँ… तो तू sambhal लेगा क्या?
Papa तो घर पे नहीं हैं… लेकिन mummy हैं… उन्हें तू संभाल ले न।
वरना मौका हाथ से निकल जाएगा यार।”
Neeraj ने लंबा कश खींचा सिगरेट का और धीरे-धीरे धुआँ Rohit के चेहरे पर छोड़ दिया।
फिर गंदी हँसी के साथ बोला—
Neeraj:
“तो ये बात है, कमीने!
अपनी gf से चुदाई करनी है और mummy का टेंशन मुझे देना है?
चल, ठीक है… तू ले आ।
Tara को तू sambhal लेना… और aunty को मैं।
किसी को कानों-कान खबर भी नहीं होगी।”
Rohit की आँखें चमक उठीं।
वो हँस पड़ा और Neeraj के कंधे पर हाथ रखकर बोला—
Rohit:
“बस यही दोस्ती चाहिए थी मुझे।
आज रात का इंतज़ाम हो गया… तू एक बार mummy को संभाल ले, बाक़ी Tara को मैं आज नहीं छोड़ूँगा।”
Neeraj ने शरारती अंदाज़ में आँख मारते हुए कहा—
Neeraj:
“तो ठर गया… आज रात इस घर में दो-दो मोर्चे लगेंगे।
एक तरफ तू और तेरी Tara… और दूसरी तरफ मैं और तेरी mummy।”
दोनों एक साथ जोर से हँस पड़े।
छत पर रस्सी पर झूलती हुई Shipra की गीली panty हवा में लहरा रही थी… जैसे आने वाली रात का गंदा राज़ पहले से ही सुन रही हो।
कमरा अँधेरे में था, बस हल्की-सी ट्यूबलाइट की पीली रोशनी दीवार पर पड़ रही थी।
Shipra गुलाबी नाइटी में बिस्तर पर बैठी थी, उसके बाल खुले थे और चेहरे पर अभी भी थकान और नशा दोनों तैर रहे थे।
Neeraj धीरे से पास आया और उसके कान के करीब फुसफुसाया—
Neeraj (हँसते हुए, दबे स्वर में):
“सुन रंडी… तेरे बेटे का फोन आया था। आज रात वो अपनी गर्लफ्रेंड को यहाँ लाएगा… Tara नाम है उसका।”
Shipra की आँखें गोल हो गईं।
उसने नाइटी का पल्ला कसकर सीने से चिपका लिया और धीरे से बोली—
Shipra (आधी हँसी, आधा झुंझलाहट):
“अबे हरामी… सच में?… घर पर ले आएगा वो?”
Neeraj उसकी ठुड्डी पकड़कर ऊपर उठाता है।
उसने गुस्से से Neeraj से पूछा—
Rohit (सख़्ती से):
“अबे Neeraj… ये क्या कर रहा है तू? और ये panty किसकी है?”
Neeraj एक पल के लिए अटक गया, फिर तुरंत खुद को सँभालते हुए मुस्करा दिया।
बाल्टी उठाकर ऐसे दिखाया जैसे कुछ बड़ा ही नॉर्मल काम कर रहा हो।
Neeraj (सँभालते हुए):
“अरे भाई, पता नहीं किसकी है… छत पे गिरी पड़ी थी।
इतनी गंदी थी कि सूंघते ही हालत खराब हो जाए… तो सोचा धोकर सुखा दूँ।
वरना मोहल्ले वाले देख लेते तो हंगामा हो जाता।”
Rohit थोड़ी देर तक शक की नज़र से Neeraj को घूरता रहा।
फिर धीरे-धीरे उसका चेहरा थोड़ा ढीला पड़ा।
Rohit:
“हम्म… ठीक है। वैसे भी ये पागल मोहल्ला है, लोग छोटी-छोटी बात का तमाशा बना देते हैं।”
Neeraj ने राहत की साँस ली और दोनों छत के किनारे बैठ गए।
हवा में सूखती panty झूल रही थी, लेकिन अब Rohit की नज़र वहीं अटकी नहीं थी।
कुछ मिनटों तक दोनों आपस में कॉलेज, दोस्तों और मोहल्ले की इधर-उधर की बातें करने लगे।
Neeraj बीच-बीच में अपनी गंदी हँसी से माहौल हल्का करता रहा।
इसी दौरान Rohit का मोबाइल बज उठा।
स्क्रीन पर नाम चमक रहा था— Tara ❤️।
Neeraj ने तुरंत पहचान लिया, हल्की मुस्कान के साथ बोला—
“ओह्ह… ये तो तेरी gf का फोन है न? वही 25 साल वाली madam।”
Rohit शरमा गया और जल्दी से कॉल रिसीव कर ली।
थोड़ी हंसी-मज़ाक और प्यार भरी बातें होने लगीं।
Neeraj चुपचाप मुस्कराते हुए सब सुन रहा था।
कुछ देर बाद कॉल कटने पर Rohit ने लंबी साँस ली और Neeraj से खुलकर बोला—
Rohit (हताश होकर):
“यार… बहुत दिन हो गए Tara को चोदे हुए।
अब तो हालात ये हैं कि सपने में भी वही आती है।
लेकिन दिक्कत ये है कि वो अभी family के साथ Mathura गई है।”
Neeraj ने सिगरेट सुलगाते हुए उसकी तरफ देखा और शरारती अंदाज़ में मुस्कराया।
Rohit ने सिर पकड़ते हुए कहा—
“यार… शादी को भी अभी कुछ दिन ही हुए हैं।
घर के बाहर जाऊँगा तो mummy-papa सवाल करेंगे।
अब समझ ही नहीं आ रहा… क्या करूँ।”
Rohit बेचैनी से Neeraj की तरफ झुक आया।
उसकी आँखों में वही पुरानी कशिश और इंतज़ार झलक रहा था।
Rohit (धीरे-धीरे, झिझकते हुए):
“Neeraj… एक काम कर।
आज रात अगर मैं Tara को घर ले आऊँ… तो तू sambhal लेगा क्या?
Papa तो घर पे नहीं हैं… लेकिन mummy हैं… उन्हें तू संभाल ले न।
वरना मौका हाथ से निकल जाएगा यार।”
Neeraj ने लंबा कश खींचा सिगरेट का और धीरे-धीरे धुआँ Rohit के चेहरे पर छोड़ दिया।
फिर गंदी हँसी के साथ बोला—
Neeraj:
“तो ये बात है, कमीने!
अपनी gf से चुदाई करनी है और mummy का टेंशन मुझे देना है?
चल, ठीक है… तू ले आ।
Tara को तू sambhal लेना… और aunty को मैं।
किसी को कानों-कान खबर भी नहीं होगी।”
Rohit की आँखें चमक उठीं।
वो हँस पड़ा और Neeraj के कंधे पर हाथ रखकर बोला—
Rohit:
“बस यही दोस्ती चाहिए थी मुझे।
आज रात का इंतज़ाम हो गया… तू एक बार mummy को संभाल ले, बाक़ी Tara को मैं आज नहीं छोड़ूँगा।”
Neeraj ने शरारती अंदाज़ में आँख मारते हुए कहा—
Neeraj:
“तो ठर गया… आज रात इस घर में दो-दो मोर्चे लगेंगे।
एक तरफ तू और तेरी Tara… और दूसरी तरफ मैं और तेरी mummy।”
दोनों एक साथ जोर से हँस पड़े।
छत पर रस्सी पर झूलती हुई Shipra की गीली panty हवा में लहरा रही थी… जैसे आने वाली रात का गंदा राज़ पहले से ही सुन रही हो।
कमरा अँधेरे में था, बस हल्की-सी ट्यूबलाइट की पीली रोशनी दीवार पर पड़ रही थी।
Shipra गुलाबी नाइटी में बिस्तर पर बैठी थी, उसके बाल खुले थे और चेहरे पर अभी भी थकान और नशा दोनों तैर रहे थे।
Neeraj धीरे से पास आया और उसके कान के करीब फुसफुसाया—
Neeraj (हँसते हुए, दबे स्वर में):
“सुन रंडी… तेरे बेटे का फोन आया था। आज रात वो अपनी गर्लफ्रेंड को यहाँ लाएगा… Tara नाम है उसका।”
Shipra की आँखें गोल हो गईं।
उसने नाइटी का पल्ला कसकर सीने से चिपका लिया और धीरे से बोली—
Shipra (आधी हँसी, आधा झुंझलाहट):
“अबे हरामी… सच में?… घर पर ले आएगा वो?”
Neeraj उसकी ठुड्डी पकड़कर ऊपर उठाता है।