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Romance Pehi Nazar:Jab Neeraj Mila Shipra se
#15
Neeraj, सोफ़े के दूसरे कोने पर फैला हुआ, अब भी उसकी तरफ घूर रहा था। उसकी साँस भारी थी, सीने पर पसीना चमक रहा था।

Neeraj (गंदी हँसी दबाकर):
“रंडी… यही तो कहती है तेरी चूत… बड़ी है, पर मेरे लंड से ही भरती है। और कोई आदमी तेरे अंदर टिक ही नहीं पाएगा।”

उसने झुककर Shipra की जाँघ दबाई। Shipra सिहरकर चीखी—

Shipra:
“आह्ह… साले… हाथ मत लगा! मेरी चूत जल रही है, सुज गई है तेरे लंड से… अबे जानवर है तू।”

Neeraj ठहाका मारकर उसकी तरफ और पास आ गया। उसने Shipra के कान में फुसफुसाया—

Neeraj:
“जानवर तो हूँ… लेकिन तेरा जानवर। तेरी चूत भी मान चुकी है ये बात।”

Shipra ने हाँफते हुए उसकी तरफ देखा, होंठ काँप रहे थे। फिर ताना मारते हुए गाली दी—

Shipra:
“अबे मादरचोद… तू सोच भी नहीं सकता, मेरी हालत ऐसी कर दी है कि चलना भी मुश्किल हो गया है। अगर मैं खड़ी हो गई न… तो सबको पता चल जाएगा कि तूने मुझे किस तरह से फाड़ा है।”

Neeraj ने उसकी ठोड़ी उठाई, नज़रें गहरी करके बोला—

Neeraj:
“तो क्या? सबको बता देना… कि Neeraj तेरी चूत का मालिक है। तेरे हर कराह, हर चीख का मालिक।”

Shipra ने होंठ दबाकर उसकी ओर देखा, आँखों में आँसू और हँसी दोनों थे।

Shipra (थकी हुई आवाज़ में, गाली देकर):
“अबे हरामी… तूने मुझे रंडी बना के रख दिया है। एक-एक लम्हा मेरे जिस्म से खेलता है… और मैं फिर भी तुझे मना नहीं कर पाती।”

Neeraj ने हँसते हुए उसके होंठ चाट लिए और जोर से दबाकर किस कर लिया।

दोनों सोफ़े पर धँसे हुए थे—Shipra आधी नंगी, सीने पर नाखूनों के निशान, जाँघों पर पसीने की बूंदें… Neeraj अब भी उसकी कमर कसकर पकड़े हुए।

कमरे में सन्नाटा था, बस दोनों की भारी साँसों और गंदी हँसी की आवाज़ गूँज रही थी।

Shipra सोफ़े पर पसीने से तर-बतर पड़ी थी। उसकी साँस अभी भी काँप रही थी, सीने पर Neeraj के हाथों के दबे निशान साफ़ दिख रहे थे। उसने थकी हुई, गुस्से और मज़ाक से भरी आवाज़ में Neeraj को घूरकर कहा—

Shipra (गालियाँ बकते हुए):
“अबे मादरचोद… चोदते-चोदते सब फाड़ डाला तूने। ब्लाउज, ब्रा… सब चीर के रख दिया। अबे साले, मेरी panty कहाँ गई? ढूँढ कमीने, कहीं Rohit या मेरा पति देख न ले!”

वो हड़बड़ाकर अपनी साड़ी नीचे खींचने लगी, लेकिन हालत ऐसी थी कि सबकुछ खुला ही रह गया।

Neeraj हँसता हुआ नीचे झुका और सोफ़े के पास से उसके ब्लाउज का फटा टुकड़ा उठाकर उसके हाथ में पकड़ा दिया।

Neeraj (गंदी हँसी में):
“ले रंडी… तेरे ब्लाउज का कचरा यही है। और ब्रा? वो तो चीरकर फाड़ दी मैंने… अब तेरे boobs के ऊपर कुछ टिकने का हक़ ही नहीं है।”

Shipra ने गुस्से में उसकी तरफ तककर गाली दी—

Shipra:
“भोसड़ीके… ब्रा तो बिलकुल फट गई है… अब मैं पहनूँगी क्या? और मेरी panty कहाँ है रे हरामी?”

Neeraj फिर नीचे झुका, सोफ़े के कोने से भीगी हुई गुलाबी panty उठाई। वो इतनी भीगी थी कि उससे रस टपक रहा था। उसने हँसते हुए Shipra के चेहरे पर लहरा दी।

Neeraj:
“ये ले, तेरी लंड-चूसी panty… इतनी भीगी हुई है कि निचोड़ दूँ तो गिलास भर रस निकलेगा।”

Shipra ने झटके से panty उसके हाथ से खींच ली। वो घृणा और शर्म में हँसते हुए बोली—

Shipra (गंदी हँसी में, गाली देते हुए):
“साला… ये हालत कर दी तूने? अबे, chal… ये तू ही धोएगा और फिर छत पर सुखाएगा। मैं तो छू भी नहीं सकती अब इसको।”

Neeraj ने हँसते हुए उसकी जाँघ पर थप्पड़ मारा और बोला—

Neeraj:
“वाह रंडी… तेरी चूत का रस भर-भर के चूसा मैंने… अब तेरी गीली panty भी धोकर, चाटकर सुखा दूँगा। ताकि हवा में भी तेरी गरमी की बदबू फैले।”

Shipra ने शर्म और गुस्से में होंठ दबा लिए। वो panty हाथ में पकड़े काँप रही थी, और आँखें दरवाज़े की तरफ थीं—डर इस बात का था कि कहीं सच में Rohit या उसका पति कमरे से बाहर न आ जाए।
Neeraj और Shipra दोनों ने जल्दी-जल्दी कपड़े सँभाल लिए।
Shipra ने फटा हुआ ब्लाउज जैसे-तैसे ओढ़ लिया और साड़ी कसकर लपेट ली, ताकि हालत थोड़ी छुप जाए।
Neeraj ने भी अपनी पैंट ऊपर चढ़ा ली और शर्ट बटन करने लगा, लेकिन दोनों के चेहरों पर वही पागलपन और हँसी थी।

Shipra हाथ में अपनी गीली panty पकड़े गुस्से और शर्म में फुसफुसाई—

Shipra (गालियाँ देते हुए):
“अबे मादरचोद… तूने मेरी हालत ऐसी कर दी है कि जैसे पूरी गली ने चोदा हो। panty तो देख… रस से टपक रही है। अब chal, तू ही इसे धोएगा।”

वो panty Neeraj के मुँह पर दे मारती है।
Neeraj ने हँसते हुए उसे पकड़ लिया और नाक पर रखकर सूँघने लगा।

Neeraj (गंदी हँसी में):
“वाह रंडी… तेरी चूत की बदबू ही अब मेरी खुशबू है। इसे धोना तो बाद में… पहले चाट-चाट के ही सुखा दूँ।”

Shipra ने आँखें लाल करके गुस्से से उसका हाथ दबाया और बोली—

Shipra:
“भोसड़ीके… chal छत पर जा। धो और वहीं रस्सी पर लटका दे। अगर मेरा पति या Rohit ये गीली panty देख लेंगे तो सीधा पकड़ लेंगे हमें।”

Neeraj ने उसकी बात सुनकर और शरारत की। उसने panty को अपने मुँह पर दबा लिया और हँसते हुए कहा—

Neeraj:
“अगर Rohit ने देख भी ली तो सोचेगा… मम्मी इतनी गीली कैसे हो गई? और तेरे पति को तो वैसे भी औक़ात नहीं है, वो तो सूंघकर ही डर जाएगा।”

Shipra ने उसे घूरकर गाली दी, लेकिन होंठों पर मुस्कान छुप नहीं पाई।

Shipra:
“मादरचोद… तेरी गंदी ज़ुबान ही मुझे रोज़ फँसाती है। चल अब… panty धो और छत पर सुखा। अगर हवा में मेरी चूत की बदबू फैली न… तो पूरी कॉलोनी को पता चल जाएगा कि Shipra किसकी रंडी है।”

Neeraj हँसते हुए panty अपनी जेब में ठूस लेता है।

Neeraj:
“ठीक है रंडी… अभी छत पर जाता हूँ। तेरी गीली panty को सबसे ऊँची रस्सी पर लटकाऊँगा, ताकि हवा के साथ तेरी चूत की ख़ुशबू पूरी मोहल्ले में फैले।”

Shipra ने मुँह दबाकर हँसी रोकी और गुस्से में उसके बाजू पर मुक्का मारा—
“हरामी… chal जल्दी, वरना सच में कोई आ गया तो फँस जाएँगे।”


---Neeraj छत पर पहुँचा। बाल्टी में पानी भरकर Shipra की गीली panty को उसने डुबोया।
जैसे ही निचोड़ा — “छपाक-छपाक” की आवाज़ आई और रस और पानी मिलकर नीचे गिरने लगा।
Neeraj हँसते हुए बड़बड़ाया—

Neeraj:
“रंडी की panty… आधा पानी, आधा चूत का रस… अब हवा खाएगी तेरी बदबू।”

उसने जोर से निचोड़कर panty को कपड़े की रस्सी पर टाँग दिया।
गुलाबी कपड़ा हवा में हिलने लगा, और उसकी नमी धूप में चमक रही थी।

Neeraj आँखें बंद करके मुस्कराया, जैसे कोई जीत का झंडा गाड़ दिया हो।
तभी पीछे से किसी के कदमों की आहट आई।

“टक…टक…टक…”

Neeraj ने पीछे मुड़कर देखा — Rohit छत पर खड़ा था।
उसकी नज़र सीधी उसी हिलती हुई गुलाबी panty पर अटक गई।

Rohit की आँखें सख़्त हो गईं, माथे पर बल पड़ गए।
वो बिना कुछ बोले वहीं खड़ा रह गया, और Neeraj के हाथ से पानी की बाल्टी धीरे-धीरे छूटकर नीचे गिर गई।

पूरा माहौल एकदम सन्नाटा हो गया।

To be continued…
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RE: Pehi Nazar:Jab Neeraj Mila Shipra se - by Shipra Bhardwaj - 10-09-2025, 07:50 AM



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