Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 2.71 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Romance Pehi Nazar:Jab Neeraj Mila Shipra se
#14
Neeraj ने तुरंत दोनों मुट्ठियों में पकड़कर जोर से निचोड़ा।
“धप्प-धप्प” की आवाज़ आई।
फिर निप्पल को दाँतों से दबाया, खींचा और Shipra की चीख निकलवा दी।

Shipra (कराहते हुए गाली देकर):
“आह्ह्ह… मादरचोद… हर चीज़ चीर डालता है तू…
कल रात ब्रा-पैंटी फाड़ी… अब ब्लाउज-ब्रा भी फाड़ दी…
अबे साले, सब फाड़ देगा तो मैं पहनूँगी क्या?”

Neeraj हँसते हुए उसके निप्पल मरोड़ता है।

Neeraj (गंदी हँसी में):
“रंडी… तुझे कपड़ों में देखना ही नहीं आता मुझे…
तेरे boobs, तेरी गांड, तेरी चूत… सब नंगे ही अच्छे लगते हैं। कपड़े पहनने की ज़रूरत ही नहीं है तेरे जिस्म को।”

Shipra ने उसकी गर्दन पकड़कर अपने पास खींचा, आँखें लाल, हाँफते हुए भी ताना दिया—

Shipra (गाली देते हुए, हँसकर):
“अबे हरामी… तू मुझे नंगा करके छोड़ना चाहता है न…
तो सुन साले, एक दिन मेरा बेटा भी तेरी माँ को ऐसे ही फाड़ेगा…
तब देखना तुझे कैसी लगेंगी अपनी माँ की नंगी boobs!”


---
---Shipra की ये बात सुनते ही Neeraj का चेहरा तमतमा गया।
उसकी आँखें खून से लाल हो गईं।

उसने एक झटके में Shipra के बाल खींचकर उसका चेहरा पीछे झुका दिया और “ठप्प्पाक्क्क्क” करके गाल पर जोरदार थप्पड़ मारा।

Neeraj (गरजते हुए, गाली में):
“अबे रंडी… मेरी माँ का नाम जुबान पर लिया तूने?
साली, अभी तेरा मुँह, गांड, चूत — तीनों फाड़कर रख दूँगा।
तेरे बेटे को भी दिखाऊँगा कि उसकी माँ कैसी रंडी है!”

उसने उसे ज़बरदस्ती पलटा और दीवार से दबा दिया।
Shipra का पूरा शरीर दीवार से चिपक गया, boobs दबकर उछल रहे थे।

Neeraj ने पीछे से उसका बाल पकड़कर सिर दबाया और एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी गीली चूत पकड़ ली।

Neeraj (हँसकर, ज़ोर से दबाते हुए):
“देख रंडी… ज़ुबान से गालियाँ देती है… और चूत से पानी छोड़ रही है।
तेरे लंड-भूखे छेद को मैं अभी फाड़ डालूँगा।”

उसने झटके से अपनी पैंट नीचे सरकाई, मोटा गरम लंड पकड़कर Shipra की गांड पर रगड़ा।
Shipra की कराह निकल गई —

Shipra (सिसकते-कराहते हुए, गालियों में):
“आह्ह्ह… मादरचोद… धीरे डाल… रोज़ फाड़-फाड़ के मेरी चूत झोली बना दी है तूने।
हरामी, अब तो चलते वक्त भी तेरी ठोकी हुई गांड दर्द करती है।”

Neeraj और पागल हो गया।
उसने एक झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में ठोक दिया।

“ठपाक्क्क्क्क्क!”

Shipra दीवार से टकराई और चीख निकली।

Shipra (चीखते हुए):
“आह्ह्ह… तेरी माँ की… फाड़ डाला हरामी… आह्ह्ह…”

Neeraj उसके कान पर झुककर गुर्राया—

Neeraj (गुस्से में):
“अबे रंडी… तूने कहा मेरा बेटा मेरी माँ चोड़ेगा?
साली, मैं तेरी चूत और गांड रोज़ चोदूँगा, फिर देखूँगा कैसे जुबान चलाती है।”

उसने बाल खींचकर और जोर से ठोके मारे।
“ठप-ठप-ठप-ठप…” की आवाज़ से दीवार हिलने लगी।

Shipra की आँखें बंद हो गईं, कराहों और गालियों का मिक्स उसकी ज़ुबान से निकल रहा था—

Shipra (आहें भरते और गाली देते हुए):
“आह्ह्ह… स्साले… रोज़ मेरी चूत सुजा दी है तूने…
अब तो तेरे लंड की लत लग गई है मादरचोद…
फाड़… और फाड़… बना दे मुझे अपनी स्थायी रंडी!”

Neeraj ने उसके boobs पकड़कर पीछे से दबाए और धक्के और तेज़ कर दिए।
Shipra दीवार से चिपकी, रोते-कराहते, फिर भी हँसते हुए गालियाँ देती रही।
Neeraj ने Shipra के बाल छोड़ दिए और उसे ज़मीन पर धक्का दे मारा।
Shipra चारों हाथ-पैरों के बल घुटनों पर गिर पड़ी, उसकी भारी गांड हवा में उठी हुई थी, जैसे घोड़ी खड़ी हो।

उसकी साँसें तेज़-तेज़ चल रही थीं, पसीने से पीठ चमक रही थी।
Neeraj पीछे आया, दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़कर कस लिया।

Neeraj (गंदी हँसी में, गांड दबाते हुए):
“अबे रंडी… यही पोज़ है तेरे लिए। घोड़ी बनेगी, और मैं तेरा घोड़ा…
तेरी सुजी हुई चूत में इतना ठोकूँगा कि खून-लार सब मिला कर कीचड़ बन जाएगी।”

उसने धीरे-धीरे लंड की मोटी नोक उसकी गीली चूत पर रगड़ी।
Shipra ने कराहते हुए पीछे हिलकर उसे अंदर लेने की कोशिश की।

Shipra (सिसकियों और गालियों में):
“आह्ह्ह… साले… तंग मत कर… डाल दे अंदर… रोज़ चोद-चोद कर मेरी चूत लटक गई है, अब तेरे बिना चैन नहीं आता…”

Neeraj ने एक लंबा धक्का मारा — “ठप्प्प्प्प्क्क्क!”
पूरा लंड Shipra की गहराई में घुस गया।

Shipra का पूरा शरीर आगे को झटका खाकर काँप उठा।

Shipra (चीखते हुए):
“आह्ह्ह… मादरचोद… गाड़ दिया सारा… आह्ह्ह…”

Neeraj ने धीमे-धीमे धक्के शुरू किए।
हर धक्के के साथ Shipra की गांड ऊपर-नीचे हिल रही थी।

“ठप… ठप… ठप…”

उसकी चूत से लार जैसी चिपचिपी आवाज़ें आने लगीं।

Neeraj (गरजकर, कमर बजाते हुए):
“रंडी… सुन… अब ये चूत मेरी है।
तेरा मादरचोद पति तो बस नाम का है, असली मर्द तो मैं हूँ।”

Shipra पीछे मुड़कर हाँफते हुए हँसी और ताना दिया—

Shipra (गंदी हँसी में):
“अबे हरामी… तू रोज़-रोज़ मेरी गांड चीरता है…
अब ये चूत सच में तेरी ही लगती है…
इतनी चुदाई किसी ने मेरी ज़िंदगी में नहीं की साली!”

Neeraj अब रुक नहीं पाया।
उसने जोरदार धक्कों से उसकी गांड थपथपाना शुरू किया —

“ठप-ठप-ठप-ठप-ठप…”

Shipra की चीखें, कराहें और गालियाँ कमरे में गूँजने लगीं।
उसके boobs झूल-झूल कर ज़मीन से टकराने लगे।

धीरे-धीरे Shipra का शरीर काँपने लगा, उसकी चीखें चरम तक पहुँच गईं।
वो अपने हाथ ज़मीन पर पटकते हुए climax तक पहुँच गई —

Shipra (तेज़ कराहों और गालियों में):
“आह्ह्ह… आह्ह्ह्ह्ह… फाड़ दे मादरचोद… निकल गया… आह्ह्ह… मेरी चूत फट गई… ओह्ह्ह्ह…”

Shipra का पूरा शरीर झटकों में काँप रहा था, उसकी चूत से गरम-गरम रस बह निकला।

Shipra की चूत अभी भी रस छोड़ रही थी, उसका शरीर झटकों से काँप रहा था।
वो ज़मीन पर घोड़ी बनी हाँफ रही थी, उसके भारी-भारी boobs झूल रहे थे, बाल बिखरे पड़े थे।

Neeraj पीछे से उसकी गांड पकड़कर धक्के मारता रहा। उसका मोटा, लंबा लंड हर बार पूरी ताक़त से Shipra की चूत की गहराई तक घुसता था।

“ठप-ठप-ठप-ठप” की आवाज़ से कमरा हिल रहा था।

Shipra (चीखते-कराहते हुए, गालियों में):
“आह्ह्ह्ह… मादरचोद… यही तेरे लंड ने मेरी हालत कर दी है…
इतना बड़ा साला… रोज़ फाड़ता है… मेरी चूत सुज के थैली हो गई है…
हरामी, अब तो तेरी लंड की लत लग गई है मुझे!”

Neeraj हाँफते हुए उसकी कमर पकड़कर और जोर से घुसा देता है।

Neeraj (गरजते हुए):
“रंडी… बोली थी मेरा लंड छोटा है?
अबे देख साली… तेरे सुजे हुए छेद की ये हालत मेरे बड़े लंड ने ही की है।
तेरे पति की औक़ात नहीं थी तुझे ऐसे फाड़ने की।”

उसने झटके से लंड बाहर निकाला और बाल पकड़कर Shipra का चेहरा ऊपर खींचा।
Shipra घुटनों के बल आ गई, मुँह खुला-खुला हाँफ रही थी।

Neeraj ने उसके होंठ जबरदस्ती खोले और अपना मोटा-लंबा लंड मुँह में घुसा दिया।

“घुट्ट… घुट्ट… घुट्ट…” की आवाज़ गूँजने लगी।
Shipra का गला तक भर गया, आँसू आँखों से बह निकले, लार उसके boobs तक टपकने लगी।

Neeraj (गुस्से में, बाल खींचते हुए):
“अबे रंडी… बोलती थी मेरा लंड छोटा है?
देख साली, तेरे गले तक भर गया है… गटक मेरी मादरचोद नाली।”

उसने बाल पकड़कर जोर-जोर से ठोके मारे।
Shipra का मुँह हर धक्के पर और खुलता गया, लार बहती रही।

कुछ देर बाद Neeraj गरज उठा।
उसने उसका सिर पकड़कर लंड पूरा गले तक ठूंस दिया और गरम-गरम वीर्य का फव्वारा उसके मुँह के अंदर छोड़ा।

“आह्ह्ह्ह… स्साली रंडी!!!”

Shipra का गला वीर्य से भर गया, आधा उसने गटक लिया, आधा होंठों से बहकर उसके boobs और पेट पर टपक गया।

Shipra हाँफते-हाँफते हँस पड़ी, वीर्य से भीगे मुँह से गालियाँ दी—

Shipra (हँसते हुए, गंदी गालियों में):
“आह्ह्ह… हरामी… अब मानती हूँ तेरा लंड बड़ा है…
रोज़ मेरी चूत-गांड फाड़ दी तूने… अब बिना तेरे मोटे लंड के चैन नहीं मिलेगा…
मादरचोद, तूने सच में बना दिया मुझे अपनी पक्की रंडी।”

Neeraj पसीने में तर-बतर, अभी भी उसके बाल पकड़कर उसे अपने सीने से भींचे हाँफ रहा था।

Neeraj ने थका-हारा अपना भारी शरीर सोफे पर पटक दिया।
उसका सीना तेज़-तेज़ धड़क रहा था, पसीना बहकर गालों से टपक रहा था।

Shipra धीरे-धीरे घिसटकर उसके पास आई और सोफे पर बैठते ही “आह्ह्ह्ह…” की लंबी कराह निकल गई।
उसकी टाँगे काँप रही थीं, चूत सूजकर लाल पड़ चुकी थी, thighs पर वीर्य और लार चिपकी हुई थी।

वो कमर पकड़कर हँसते हुए बोली—

Shipra (गंदी हँसी और गाली में):
“अबे हरामी… तूने आज इतना चोदा है मुझे…
लगे जैसे साला पूरा आदमी अंदर घुस गया हो।
मेरी चूत तो खाई बन गई है मादरचोद… चलना तो दूर, बैठना भी मुश्किल हो रहा है।”

Neeraj ने उसकी हालत देखकर और भी शैतानी हँसी छोड़ी।
उसने Shipra के सुजे हुए boobs पकड़कर धीरे से दबाया और बोला—

Neeraj (गंदी हँसी में):
“रंडी… यही तो मज़ा है।
तेरे जैसे मोटे दूध और बड़ी चूत वाली औरत को आधा-अधूरा चोदने का कोई फ़ायदा नहीं।
तुझे फाड़-फाड़कर ही मज़ा आता है।
देख, तेरी चूत की हालत देख कर मेरा लंड फिर खड़ा हो रहा है।”

Shipra हाँफते हुए उसकी तरफ झुक गई, उसकी छाती पर लार टपका दी और आँखें लाल करते हुए बोली—

Shipra (कराहते हुए, गालियाँ देती):
“अबे साले… फिर खड़ा कर ले…
लेकिन जान ले, मेरी चूत अब तेरे लंड से बड़ी हो गई है…
इतनी चुदाई के बाद इसमें पूरा आदमी समा सकता है।
मादरचोद, तूने मुझे औरत से रंडी बना दिया।”

Neeraj ने उसके गाल पर चुम्मा जड़ा, फिर कान में फुसफुसाकर बोला—

Neeraj (गंदी फुसफुसाहट में):
“रंडी… तू मेरी ही रहना…
तेरे पति से पहले, तेरे बेटे से पहले, हर रोज़ तेरा हर छेद मेरा होगा।
तू अब मेरी स्थायी रंडी है।”

Shipra ने आँखें मूँदकर उसकी गर्दन पर काट लिया, फिर हँसते हुए बोली—

Shipra (हँसकर, गंदी गाली में):
“साले… अब मुझे कोई और मर्द चाहिए ही नहीं…
तेरा बड़ा लंड ही मेरी चूत की भूख है…
तू चाहे जितनी बार फाड़, मैं हर बार तेरे लिए ही अपनी टाँगे खोलूँगी।”

दोनों सोफे पर पसीने से लथपथ, टूटे शरीर के साथ एक-दूसरे से चिपककर हाँफते रहे।
कमरे में अब भी वीर्य, पसीने और गंदी कराहों की बदबू फैली हुई थी।
Shipra सोफ़े पर धँस गई थी। उसकी साँसें फूली हुई थीं, आँखें आधी बंद, बाल बिखरे हुए। जाँघों के बीच अब भी Neeraj के मोटे लंड की मार का असर था। पूरा बदन थरथरा रहा था।

Shipra (गुस्से और हँसी में, गाली देते हुए):
“अबे हरामी… तूने तो मेरी ऐसी हालत कर दी… जैसे कोई पूरा मर्द मेरे अंदर घुस गया हो… साला, लग रहा है पेट तक चीर डाला तूने।”

वो पेट पकड़कर हँसी, लेकिन उसकी आँखों में थकान साफ़ थी।
Like Reply


Messages In This Thread
RE: Pehi Nazar:Jab Neeraj Mila Shipra se - by Shipra Bhardwaj - 10-09-2025, 07:49 AM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)