02-12-2024, 12:10 PM
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कुछ देर सोचने के बाद में लगा कि वो नींद में है कोई दिक्कत नहीं.
मैंने फिर से कमर के हिस्से को धीरे से छू लिया और जल्दी से हाथ वापस खींच लिया। अबकी बार उस महिला ने कोई हरकत नहीं की. अब आप तो जानते ही हैं कि सर्द रात में जब अनजान लेडी सामने हो और शादी का माहौल हो तो वासना कितनी बढ़ जाती है.
उसको मैं फिर से छूना चाहता था. अपनी वासना के वश मैंने अपना हाथ उनकी कमर पर फिर से रख दिया और सहलाने लगा।
काफी देर तक सहलाने के बाद मैं उनके कपड़े महसूस कर रहा था।
उन्होंने ब्लाउज पहना था और नीचे पेटीकोट। शायद उनकी कमर 30-32 की होगी. मुझे कमर को सहलाने में मज़ा आ रहा था वो चिकनी ही इतनी थी।
मैं पूरी तरह कमर सहलाने में खो गया और उन्होंने मेरी तरफ करवट बदल दी।
मेरी हवा टाइट हो गई क्योंकि मेरी पूरी हथेली उनकी कमर के नीचे दब गई थी और वो मेरे से शायद एक हाथ से भी कम दूरी पर आ गई।
अब मैं उनकी कमर के नीचे दबे हाथ को निकालने की कोशिश भी नहीं कर सकता था क्योंकि अगर मैं ऐसा करता तो वो उठ जाती और फिर पता नहीं क्या बखेड़ा खड़ा हो जाता.
मैं चुपचाप पड़ा रहा और वो भी मस्ती से सोती रही। उसकी गर्म सांसें मुझे मदहोश कर रही थी और उनकी ब्लाउज वाली मोटी छाती करीब से धड़कती हुई दिख रही थी।
उनकी चूची 38 या उससे भी ज्यादा की होंगी शायद ऐसा लग रहा था। मैं तो उनकी इस तरह नजदीकी से पिघल गया और मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने अपना एक हाथ लंड पर रखा तो लंड के अगले हिस्से में चिकनाई लगी हुई थी, शायद उत्तेजना वाला पानी निकल आया था.
फिर अब तो और ज्यादा सेक्स चढ़ गया. अब तो चुदाई के ख्याल आने लगे.
अब मेरी हिम्मत बढ़ने लगी. मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी गर्दन पर रखा और उसकी गर्दन पर चेहरे के पास सहलाने लगा. वो अब हिल गयी और उसने फिर से करवट ले ली.
मेरे दोनों हाथ अब आजाद हो गये.
अब तो मैं जानबूझकर उसके जिस्म के मजे लेना चाहता था. मेरा एक हाथ लंड पर था इसलिए मन में सेक्स के अलावा कुछ ख्याल नहीं आ रहे थे.
मैं खुद सरक कर उसके करीब आ गया. मैंने उसकी कमर पर हाथ रख लिया और ब्लाउज की नीचे वाली पट्टी से होकर आगे उसके पेट तक हाथ ले गया.
उसने आहिस्ता से मेरे हाथ को अपने हाथ से अपने पेट पर दबा लिया.
मैं तो हैरान रह गया कि वो जागी हुई थी.
वो मेरे हाथ को सहलाने लगी.
मेरा लंड तो फटने को हो गया ये सोचकर कि एक अनजान लेडी चुदाई के लिए तैयार है.
मैंने फिर से कमर के हिस्से को धीरे से छू लिया और जल्दी से हाथ वापस खींच लिया। अबकी बार उस महिला ने कोई हरकत नहीं की. अब आप तो जानते ही हैं कि सर्द रात में जब अनजान लेडी सामने हो और शादी का माहौल हो तो वासना कितनी बढ़ जाती है.
उसको मैं फिर से छूना चाहता था. अपनी वासना के वश मैंने अपना हाथ उनकी कमर पर फिर से रख दिया और सहलाने लगा।
काफी देर तक सहलाने के बाद मैं उनके कपड़े महसूस कर रहा था।
उन्होंने ब्लाउज पहना था और नीचे पेटीकोट। शायद उनकी कमर 30-32 की होगी. मुझे कमर को सहलाने में मज़ा आ रहा था वो चिकनी ही इतनी थी।
मैं पूरी तरह कमर सहलाने में खो गया और उन्होंने मेरी तरफ करवट बदल दी।
मेरी हवा टाइट हो गई क्योंकि मेरी पूरी हथेली उनकी कमर के नीचे दब गई थी और वो मेरे से शायद एक हाथ से भी कम दूरी पर आ गई।
अब मैं उनकी कमर के नीचे दबे हाथ को निकालने की कोशिश भी नहीं कर सकता था क्योंकि अगर मैं ऐसा करता तो वो उठ जाती और फिर पता नहीं क्या बखेड़ा खड़ा हो जाता.
मैं चुपचाप पड़ा रहा और वो भी मस्ती से सोती रही। उसकी गर्म सांसें मुझे मदहोश कर रही थी और उनकी ब्लाउज वाली मोटी छाती करीब से धड़कती हुई दिख रही थी।
उनकी चूची 38 या उससे भी ज्यादा की होंगी शायद ऐसा लग रहा था। मैं तो उनकी इस तरह नजदीकी से पिघल गया और मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने अपना एक हाथ लंड पर रखा तो लंड के अगले हिस्से में चिकनाई लगी हुई थी, शायद उत्तेजना वाला पानी निकल आया था.
फिर अब तो और ज्यादा सेक्स चढ़ गया. अब तो चुदाई के ख्याल आने लगे.
अब मेरी हिम्मत बढ़ने लगी. मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी गर्दन पर रखा और उसकी गर्दन पर चेहरे के पास सहलाने लगा. वो अब हिल गयी और उसने फिर से करवट ले ली.
मेरे दोनों हाथ अब आजाद हो गये.
अब तो मैं जानबूझकर उसके जिस्म के मजे लेना चाहता था. मेरा एक हाथ लंड पर था इसलिए मन में सेक्स के अलावा कुछ ख्याल नहीं आ रहे थे.
मैं खुद सरक कर उसके करीब आ गया. मैंने उसकी कमर पर हाथ रख लिया और ब्लाउज की नीचे वाली पट्टी से होकर आगे उसके पेट तक हाथ ले गया.
उसने आहिस्ता से मेरे हाथ को अपने हाथ से अपने पेट पर दबा लिया.
मैं तो हैरान रह गया कि वो जागी हुई थी.
वो मेरे हाथ को सहलाने लगी.
मेरा लंड तो फटने को हो गया ये सोचकर कि एक अनजान लेडी चुदाई के लिए तैयार है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.