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Romance श्रृष्टि की गजब रित
#98
भाग - 37



तिवारी... तो इसमें क्या बडी बात है ऐसे तो मैं भी हूं बस फर्क इतना है
आपने दूसरी शादी नहीं किया और मैंने पहली पत्नी के मौत के बाद दूसरी शादी कर लिया था। वैसे एक बात बता दूं अपने दूसरी शादी न करके ही सही किया। आप दूसरी शादी कर लेते तो शायद श्रृष्टि बिटिया का जीवन भी राघव जैसा हो जाता।

"आप कहना किया चाहते है मैं कुछ समझी नहीं।"

तिवारी... मैं समझा देता हूं। देखिए मेरा मानना है की जब रिश्ता जोड़ने आए ही है तो आप बिना पूछे ही अपने बारे में बता रहें हैं तो मेरा फर्ज बनता है कि मैं भी अपने बारे में बता दूं। दरअसल राघव के मां की मौत के बाद राघव अकेला रहता था और मैं काम में रहता था इसलिए मैंने दूसरी शादी किया क्योंकि राघव उस वक्त पांच साल का था। लेकिन मेरी शादी का फैंसला मेरे बेटे के लिए मुसीबत लेकर आया। अब आप समझ ही रहीं हो एक सौतेली मां क्या क्या कर सकती हैं। बस इसलिए मैंने कहा था आप दूसरी शादी न करके ठीक किया था।

तिवारी की बाते सुनने के बाद माताश्री बोलीं…मतलब आपके बेटे को मां के होते हुए भी बाल उम्र से मां की ममता के लिए तरसना पडा।?

तिवारी...मां कहा सौतेली मां खैर छोड़िए मैं उन बातों पर ज्यादा चर्चा नहीं करने आया हूं। मैं बस इतना जानना चाहता हूं क्या आपको ये रिश्ता मंजूर हैं।?

साक्षी “ हां मजूर है ही ही ही “

तिवारीजी स”साक्षी तू अपना मुह बंध रखे तो अच्छा “




"मंजूर तो हैं पर...।"

तिवारी... आप डरिए नहीं श्रृष्टि बिटिया को राघव की सौतेली मां परेशान नहीं करेगी क्योंकि वो अब हमारे साथ नहीं रहती हैं।

राघव की सौतेली मां क्यों उनके साथ नहीं रहती यहां सवाल माताश्री के मन में उपजा मगर वो इस सवाल को नहीं पुछा बल्कि कुछ ओर बोला... ठीक है अब बच्चों को आने दिजिए वो जैसा कहेंगे वैसा ही करेंगे।

तिवारी भी उनकी बातों से सहमत हों गए फ़िर दोनों दूसरी ओर बाते करने लग गए।
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RE: श्रृष्टि की गजब रित - by maitripatel - 07-09-2024, 03:52 PM



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