03-09-2024, 07:03 PM
भाग - 35
अरमान बोलकर चला गया और साक्षी सहित सभी श्रृष्टि को अचंभित होकर देखने लग गए। जहां श्रृष्टि गुस्से में फुफकार रहीं थीं। ये देख साक्षी एक गिलास पानी श्रृष्टि को दिया। जिसे पीकर श्रृष्टि का गुस्सा कुछ कम हुआ तब साक्षी बोली... श्रृष्टि तूने ऐसा किया क्या था? जिसका बदला अरमान तुझसे लेना चाहता हैं।
श्रृष्टि... जिस दिन मैं यह साक्षत्कार देने आई थी उससे एक दिन पहले की बात हैं। मैं और समीक्षा शॉपिंग पर गए थे। जब हम बिल काउंटर पर बिल पे कर रहे थे। तभी ये हरामी मेरे पीछे हाथ रख दिया सिर्फ रखा ही नहीं दा…(आस पास देखकर वो पूरा नहीं बोली रूक गई कुछ देर रूकने के बाद आगे बोली) तब मैंने इसे खीच कर दो तीन करारे थप्पड़ जड़ दिऐ...थे।
"क्या थाप्पड जड़ दिया।" श्रृष्टि की बातों को बीच में कटकर चौकते हुए साक्षी बोलीं तू ऐसा भी कर सकती है मुझे ऐसा अंदाजा नहीं था|
"साक्षी मैम इसमें चौकने की कोई बात नही है अरमान सर ने हरकते ही ऐसा किया था।" एक सहयोगी बोला
"राघव सर के होते हुए भी दफ्तर में सभी से बदतमीजी से पेश आता है। तो बाहर तो पता नहीं किया किया करता होगा।" एक और साथी बोला
शिवम... श्रृष्टि मैम आपने सही नाम दिया हरामी साला कमीना कहीं का जहां राघव सर सभी से कितने तमीज से पेश आते है। चाहें वो सफाई वाला ही क्यों न हों और ये हरामी सभी से ऐसे पेश आता है जैसे कीड़ा मकौड़ा हों। महीनों से नहीं था तो सभी शान्ति से रह रहे थे अब आ गया है पता नहीं क्या क्या करेगा और श्रृष्टि मैम आप जरा बचकर रहना।
श्रृष्टि... बचकर किया रहना ज्यादा बदतमीजी करेगा तो अच्छे से उसके गालों को छैंक दूंगी।
साक्षी…मैं वो नौबत ही नहीं आने दूंगी। अभी राघव सर को फ़ोन करके बताती हूं।
"नहीं साक्षी अभी रहने दे वो काम से गए हैं। ऐसी बातें जानकर बहुत परेशान हों जायेंगे।" साक्षी को रोकते हुए श्रृष्टि बोलीं
साक्षी... ओ हो बड़ी फिक्र है उनकी हां होनी भी चहिए उनकी मा…(आस पास देखकर माशूका पूरा नहीं बोलीं फिर कुछ देर रूक कर आगे बोलीं) चल आज रहने देती हूं आगे इसने परेशान किया तो मैं किसी की नहीं सुनुगी।
इसके बाद सभी काम में लग गए। लंच के वक्त सभी खाना खा रहे थे तभी श्रृष्टि का फ़ोन बजा स्क्रीन पर नाम देखकर मुस्कुरा दिया फ़िर वॉल्यूम बटन दबाकर फोन को साइलेंट कर दिया। उसके बाद कई बार फ़ोन बजा हर बार श्रृष्टि ने ऐसा किया।
कुछ देर बाद साक्षी का फ़ोन बजा तो साक्षी फोन लेकर साईड में चली गई फिर फ़ोन रिसीव करके बोलीं... हां सर बोलिए।
"ये श्रृष्टि फ़ोन क्यों नहीं रिसीव कर रही हैं। पहले तो खुद msg करती है सॉरी सर आप कब आ रहे हो जल्दी से आना मेरे पास आपके लिए एक सरप्राइस है। अब कॉल कर रहा हूं तो रिसीव नहीं कर रहीं हैं।"
साक्षी... आपकी माशूका है आप ही जानो कॉल क्यों रिसीव नहीं कर रहीं हैं। वैसे ये सॉरी क्यों बोला और सरप्राइस क्या देने वाली हैं।
"सॉरी क्यों बोला ये आकर बता दूंगा। लेकिन सरप्राइस क्या है ये श्रृष्टि ही जानें वैसे मुझे कुछ कुछ अंदाजा है।"
साक्षी...नॉटी बॉय कल ही प्रपोज किया और इतनी जल्दी बड़ी...।
"हट पगली कुछ भी सोचती है। मैं रखता हूं।" इतना बोलकर कॉल काट दिया।
इसके बाद साक्षी श्रृष्टि के पास गई और उससे पूछने लगी की वो राघव का कॉल क्यों रिसीव नहीं कर रहीं हैं। सॉरी क्यों बोला और सरप्राइस क्या देने वाली हैं। उसकी एक ऊँगली श्रुष्टि के पेट की तरफ बढाते हुई तो श्रुष्टि ने उसकी ऊँगली को वाही टोक दिया और इशारे से समझाया की जगह सानुकूल नहीं है तो उसने भी टाल दिया ये कह कर की बाद में बताएगी।
अरमान बोलकर चला गया और साक्षी सहित सभी श्रृष्टि को अचंभित होकर देखने लग गए। जहां श्रृष्टि गुस्से में फुफकार रहीं थीं। ये देख साक्षी एक गिलास पानी श्रृष्टि को दिया। जिसे पीकर श्रृष्टि का गुस्सा कुछ कम हुआ तब साक्षी बोली... श्रृष्टि तूने ऐसा किया क्या था? जिसका बदला अरमान तुझसे लेना चाहता हैं।
श्रृष्टि... जिस दिन मैं यह साक्षत्कार देने आई थी उससे एक दिन पहले की बात हैं। मैं और समीक्षा शॉपिंग पर गए थे। जब हम बिल काउंटर पर बिल पे कर रहे थे। तभी ये हरामी मेरे पीछे हाथ रख दिया सिर्फ रखा ही नहीं दा…(आस पास देखकर वो पूरा नहीं बोली रूक गई कुछ देर रूकने के बाद आगे बोली) तब मैंने इसे खीच कर दो तीन करारे थप्पड़ जड़ दिऐ...थे।
"क्या थाप्पड जड़ दिया।" श्रृष्टि की बातों को बीच में कटकर चौकते हुए साक्षी बोलीं तू ऐसा भी कर सकती है मुझे ऐसा अंदाजा नहीं था|
"साक्षी मैम इसमें चौकने की कोई बात नही है अरमान सर ने हरकते ही ऐसा किया था।" एक सहयोगी बोला
"राघव सर के होते हुए भी दफ्तर में सभी से बदतमीजी से पेश आता है। तो बाहर तो पता नहीं किया किया करता होगा।" एक और साथी बोला
शिवम... श्रृष्टि मैम आपने सही नाम दिया हरामी साला कमीना कहीं का जहां राघव सर सभी से कितने तमीज से पेश आते है। चाहें वो सफाई वाला ही क्यों न हों और ये हरामी सभी से ऐसे पेश आता है जैसे कीड़ा मकौड़ा हों। महीनों से नहीं था तो सभी शान्ति से रह रहे थे अब आ गया है पता नहीं क्या क्या करेगा और श्रृष्टि मैम आप जरा बचकर रहना।
श्रृष्टि... बचकर किया रहना ज्यादा बदतमीजी करेगा तो अच्छे से उसके गालों को छैंक दूंगी।
साक्षी…मैं वो नौबत ही नहीं आने दूंगी। अभी राघव सर को फ़ोन करके बताती हूं।
"नहीं साक्षी अभी रहने दे वो काम से गए हैं। ऐसी बातें जानकर बहुत परेशान हों जायेंगे।" साक्षी को रोकते हुए श्रृष्टि बोलीं
साक्षी... ओ हो बड़ी फिक्र है उनकी हां होनी भी चहिए उनकी मा…(आस पास देखकर माशूका पूरा नहीं बोलीं फिर कुछ देर रूक कर आगे बोलीं) चल आज रहने देती हूं आगे इसने परेशान किया तो मैं किसी की नहीं सुनुगी।
इसके बाद सभी काम में लग गए। लंच के वक्त सभी खाना खा रहे थे तभी श्रृष्टि का फ़ोन बजा स्क्रीन पर नाम देखकर मुस्कुरा दिया फ़िर वॉल्यूम बटन दबाकर फोन को साइलेंट कर दिया। उसके बाद कई बार फ़ोन बजा हर बार श्रृष्टि ने ऐसा किया।
कुछ देर बाद साक्षी का फ़ोन बजा तो साक्षी फोन लेकर साईड में चली गई फिर फ़ोन रिसीव करके बोलीं... हां सर बोलिए।
"ये श्रृष्टि फ़ोन क्यों नहीं रिसीव कर रही हैं। पहले तो खुद msg करती है सॉरी सर आप कब आ रहे हो जल्दी से आना मेरे पास आपके लिए एक सरप्राइस है। अब कॉल कर रहा हूं तो रिसीव नहीं कर रहीं हैं।"
साक्षी... आपकी माशूका है आप ही जानो कॉल क्यों रिसीव नहीं कर रहीं हैं। वैसे ये सॉरी क्यों बोला और सरप्राइस क्या देने वाली हैं।
"सॉरी क्यों बोला ये आकर बता दूंगा। लेकिन सरप्राइस क्या है ये श्रृष्टि ही जानें वैसे मुझे कुछ कुछ अंदाजा है।"
साक्षी...नॉटी बॉय कल ही प्रपोज किया और इतनी जल्दी बड़ी...।
"हट पगली कुछ भी सोचती है। मैं रखता हूं।" इतना बोलकर कॉल काट दिया।
इसके बाद साक्षी श्रृष्टि के पास गई और उससे पूछने लगी की वो राघव का कॉल क्यों रिसीव नहीं कर रहीं हैं। सॉरी क्यों बोला और सरप्राइस क्या देने वाली हैं। उसकी एक ऊँगली श्रुष्टि के पेट की तरफ बढाते हुई तो श्रुष्टि ने उसकी ऊँगली को वाही टोक दिया और इशारे से समझाया की जगह सानुकूल नहीं है तो उसने भी टाल दिया ये कह कर की बाद में बताएगी।