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Romance श्रृष्टि की गजब रित
#45
भाग - 14


साक्षी वापस तो आ गईं मगर उसका मन उथल पुथल से अब भी भरा हुआ था। कभी वो ये सोचती कि राघव सर श्रृष्टि को कब से और कैसे जानते हैं? जानते हैं तो क्या साक्षात्कार वाले दिन जो मैंने सोचा था क्या वो सच हैं? अगर सच हैं तो दोनों का क्या रिश्ता हैं?

कुछ देर राघव ओर श्रृष्टि को लेकर सोचती रही फिर सहसा उसे राघव की बताई बाते मस्तिष्क के किसी कोने में गूंजती हुई सुनाई दिया और अपने किए कर्मो को याद करके अपराध बोध से घिर गईं।

साक्षी की यह दशा श्रृष्टि सहित दूसरे साथियों के निगाह में आ गया। सभी ये सोच रहें थे कि नए प्रोजैक्ट का हेड न बनाए जानें से परेशान हैं। इस पर श्रृष्टि और दूसरे साथी बात करना चाहा पर साक्षी उनसे बात करने को कतई राज़ी नहीं हुई। बार बार जोर देने पर अंतः स्वस्थ खबर होने का बहाना बनाकर घर को चल दि।

जबकि साक्षी को किसी तरह का कोई बहाना बनाने की जरूरत ही नहीं थीं। क्योंकि राघव ने उसे पहले ही छुट्टी लेने को कह ही चुका था।

साक्षी के जाते ही श्रृष्टि सहित बाकि सभी कुछ पल ठहर सा गए फिर अपने काम में लग गए।




जारी है
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RE: श्रृष्टि की गजब रित - by maitripatel - 16-08-2024, 03:14 PM



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