13-05-2024, 01:54 AM
जब चोदे तो भाभी-शाभी सब भूल के चोदियो, अब जल्दी लौड़ा निकाल और इस रसीली रांड को चोद।
देवर अपने कपड़े उतारने लगा, भरा हुआ बदन था, आगे बढ़कर उसकी निप्पल नोचते हुए मैं बोली- क्या गोरा बदन है ! जल्दी से मुझे भी कपड़ों से आजाद कर दे ! पूरी चूत पानी पानी हो रही है !
देवर ने आगे बढ़कर मेरी साड़ी उतार दी और ब्लाउज भी उतार कर मुझे निरावृत-वक्षा यानि टॉपलेस कर दिया और मेरे चूचों को मसलते हुए चूसने लगा।मेरा हाथ उसके कच्छे में घुस गया था, क्या कड़क लंड हो रहा था, हाथ से सहलाने पर और मोटा हो गया था, मैं काम अग्नि से जल रही थी।
देवर बोला- चलो भाभी, लेटते हैं।
मैंने देवर की चड्डी उतारते हुए कहा- भाभी गई भाड़ में ! मैं तो इस समय रंडी हूँ ! जो चाहे वो गाली बक कर चोद लेकिन दोबारा भाभी बोला तो मैं चली और तू अपने लंड की मुठ मार लेना।
देवर का लंड हिलाते हुए बोली- कितना सुंदर कुंवारा लंड है, तेरे लंड को देखकर तो अच्छी अच्छी सावित्रियाँ का मन डोल जाएगा। आह, पहले इसे चूसने दे, फिर जम कर अपनी भोंसड़ी में डलवाती हूँ !
देवर की चड्डी हटाकर मैंने दो मिनट तक उसका लंड चूसा, उसके बाद हम बिस्तर पर आ गए।
मैं बिस्तर पर जांघें फ़ैला कर लेट गई और देवर से बोली- चुचू के मुरब्बे चड्डी उतार ! सोच क्या रहा है?
देवर ने मेरी चड्डी उतार दी और चिकनी चूत पर हाथ फिराते हुए बोला- आह, कितनी मस्त चूत है।
देवर ने मेरी चूत पर लंड लगा दिया और चूचियाँ पकड़ कर मेरे ऊपर लेट गया और मेरी गेंदों को गोल गोल घुमाने लगा, दो तीन बार लंड को धक्का दिया, लंड अंदर घुस ही नहीं रहा था।
मैं बोली- साले, हरामी तेरे बाप और भाई तो गाँव की औरतों की चूत और गांड 19 साल की उम्र से चोदते आ रहे हैं और तूने अभी तक चूत में घुसना भी नहीं सीखा है? मादरचोद छेद पर लगाएगा तभी तो अंदर घुसेगा !
हाथ से उसका लंड पकड़ कर थोड़ा नीचे करके मैंने अपनी चूत के होंटों पर लगा दिया और बोली- अब धक्का मार !
देवर में ताकत तो थी ही, एक ही धक्के में लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया, मैं उन्माद से चिल्ला उठी- आह… आह… आह… उह… मज़ा आ गया… आह… और चोद मेरे प्यारे विनोद कुत्ते… क्या ठोका है… फाड़ दे इस कुतिया की… मज़ा आ गया !
मैंने देवर का मुँह अपनी चूचियों पर लगा लिया, देवर धीरे धीरे मेरी चूत में धक्के मार रहा था। धीरे धक्कों से नए लंड से चुदने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।देवर की यह पहली चुदाई थी, उ… आह… उह… आह… की आवाज़ों से कमरा गूंज रहा था, हम दोनों चुदाई के मज़े ले रहे थे।
5 मिनट की चुदाई के बाद देवर झड़ गया तो मैंने उसे अपने स्तनों में चिपका लिया। देवर का लंड फिर सुलगने लगा था। देवर के बाल सहलाते हुए मैंने उसके कान में कहा- कुत्ते, तूने तो मेरी कुतिया चूत को मस्त कर दिया, चल तेरे लिए दूध लाती हूँ ! उसके बाद दुबारा खेलते हैं।
दूध पिलाने के बाद देवर को अपनी गोद में लिटाते हुए देवर के लंड की मालिश करने लगी, देवर से बोली- गाली सुनते हुए चुदने में मुझे बड़ा मज़ा आया, तुम्हें बुरा तो नहीं लगा?
देवर मेरी चूचियों से चिपकता हुआ बोला- आज तो मुझे जीवन का सबसे बड़ा आनन्द आया है, एक बार और चोदने का मन कर रहा है। देवर का लंड फिर कड़क हो गया था, मैंने उसके होंटों को चूमते हुए कहा- 6 बजे के बाद रात ही सब आते हैं, तब तक एक बार नहीं जितनी बार तुम कहोगे उतनी बार अपनी चूत में तुम्हारा लंड लूँगी।
झूठा नाटक करते हुए मैं बोली- सच तुम्हारा लंड तो बहुत अच्छा है, कितनी देर तक मेरी चूत इसने चोदी है, मुझे तो इतना मज़ा कभी नहीं आया। तुम्हारे भैया तो एक मिनट से ज्यादा चोद ही नहीं पाते हैं। अबकी प्यार से रसीली बोलते हुए चोदना।
देवर को उठाते हुए बोली- अब इस रसीली को अपने लौड़े पर बिठाओ।
देवर दोनों जांघें फ़ैला दीं, लौड़ा पूरा ऊपर की ओर तना हुआ था, बिस्तर पर फिसलती हुई मैं देवर की गोद में इस तरह से बैठ गई कि देवर का लंड मेरी चूत के मुँह पर टन टन कर रहा था, चूचियों की घुन्डियाँ उसके हाथ में खेल रही थीं।
मैं देवर से बोली- मेरी चूत के राजा इस हरामी लंड को टन टन क्यों करा रहे हो, चूत में पेलो ना !
और अपने को थोड़ा उठाते हुए लंड चूत में डलवा लिया। लंड अब आराम से चूत में घुसा हुआ था और दोनों चूचियाँ दब रहीं थीं।
विनोद चूचियों का दबा दबा कर जूस निकाल रहा था, उसने मेरे ऊपर झुककर मेरे होंट चूसना शुरू कर दिए थे।
आह मस्त मज़ा आ रहा था !
इसके बाद बहुत देर तक इस आसन में बैठकर हम मज़े लेते रहे, लौड़ा चूत में डला हुआ था। अब मेरा मन कर रहा था कि मेरी चूत की पिलाई हो !
थोड़ी देर बाद मैं बिस्तर पर आगे झुक गई और बोली- विनोद अब चोद दे ! चूत में तड़प ज्यादा हो रही है !
और मैं पलंग पर घोड़ी बन गई, मेरी पनीली चूत पर हाथ से पकड़ कर देवर ने लंड पीछे से छुला दिया और देर किये बिना चूत में लंड घुसा दिया।
आह ! एक कुशल खिलाड़ी की तरह विनोद मेरी चूत पेलने लगा।
“उह… उह… आह… पेल मेरे राजा, पेल ! आह ! और चोद ! चोद ! क्या चोदता है कुत्ते, मज़ा आ गया ! पेल और पेल ! वाःह वाह, क्या मस्त मज़ा दिया है, पूरी फाड़ डाली है, चोद और चोद ! बड़ा मज़ा आ रहा है !” वाह क्या चुदाई हुई थी।
देवर अब चोदू देवर में बदल गया था। चुदाई के बाद हम हट गए। शाम के 3 बज़ रहे थे उठकर मैंने साड़ी ब्लाउज पहन लिया, अब मैं एक शरीफ और शर्मीली दुल्हन लग रही थी। मैंने पास से एक कागज़ निकाला और बोली- अगर तुम्हें मज़ा आया है तो इस पर ‘आई लव यू’ लिख दो।देवर ने बिना देर किये ‘आई लव यू ! विनोद’ लिख दिया। यह मेरी बहन रजनी की फोटो का पीछे का हिस्सा था। देवर की पप्पी लेते हुए मन ही मन बोली- रजनी को तो मैं तुम्हारी बीवी बनाकर रहूँगी।
दो दिन बाद देवर की पोस्टिंग बैंक ऑफिसर के पद पर गाँव से दो घंटे की दूरी पर हो गई अब वो रोज़ बैंक आने जाने लगा।
देवर अपने कपड़े उतारने लगा, भरा हुआ बदन था, आगे बढ़कर उसकी निप्पल नोचते हुए मैं बोली- क्या गोरा बदन है ! जल्दी से मुझे भी कपड़ों से आजाद कर दे ! पूरी चूत पानी पानी हो रही है !
देवर ने आगे बढ़कर मेरी साड़ी उतार दी और ब्लाउज भी उतार कर मुझे निरावृत-वक्षा यानि टॉपलेस कर दिया और मेरे चूचों को मसलते हुए चूसने लगा।मेरा हाथ उसके कच्छे में घुस गया था, क्या कड़क लंड हो रहा था, हाथ से सहलाने पर और मोटा हो गया था, मैं काम अग्नि से जल रही थी।
देवर बोला- चलो भाभी, लेटते हैं।
मैंने देवर की चड्डी उतारते हुए कहा- भाभी गई भाड़ में ! मैं तो इस समय रंडी हूँ ! जो चाहे वो गाली बक कर चोद लेकिन दोबारा भाभी बोला तो मैं चली और तू अपने लंड की मुठ मार लेना।
देवर का लंड हिलाते हुए बोली- कितना सुंदर कुंवारा लंड है, तेरे लंड को देखकर तो अच्छी अच्छी सावित्रियाँ का मन डोल जाएगा। आह, पहले इसे चूसने दे, फिर जम कर अपनी भोंसड़ी में डलवाती हूँ !
देवर की चड्डी हटाकर मैंने दो मिनट तक उसका लंड चूसा, उसके बाद हम बिस्तर पर आ गए।
मैं बिस्तर पर जांघें फ़ैला कर लेट गई और देवर से बोली- चुचू के मुरब्बे चड्डी उतार ! सोच क्या रहा है?
देवर ने मेरी चड्डी उतार दी और चिकनी चूत पर हाथ फिराते हुए बोला- आह, कितनी मस्त चूत है।
देवर ने मेरी चूत पर लंड लगा दिया और चूचियाँ पकड़ कर मेरे ऊपर लेट गया और मेरी गेंदों को गोल गोल घुमाने लगा, दो तीन बार लंड को धक्का दिया, लंड अंदर घुस ही नहीं रहा था।
मैं बोली- साले, हरामी तेरे बाप और भाई तो गाँव की औरतों की चूत और गांड 19 साल की उम्र से चोदते आ रहे हैं और तूने अभी तक चूत में घुसना भी नहीं सीखा है? मादरचोद छेद पर लगाएगा तभी तो अंदर घुसेगा !
हाथ से उसका लंड पकड़ कर थोड़ा नीचे करके मैंने अपनी चूत के होंटों पर लगा दिया और बोली- अब धक्का मार !
देवर में ताकत तो थी ही, एक ही धक्के में लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया, मैं उन्माद से चिल्ला उठी- आह… आह… आह… उह… मज़ा आ गया… आह… और चोद मेरे प्यारे विनोद कुत्ते… क्या ठोका है… फाड़ दे इस कुतिया की… मज़ा आ गया !
मैंने देवर का मुँह अपनी चूचियों पर लगा लिया, देवर धीरे धीरे मेरी चूत में धक्के मार रहा था। धीरे धक्कों से नए लंड से चुदने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।देवर की यह पहली चुदाई थी, उ… आह… उह… आह… की आवाज़ों से कमरा गूंज रहा था, हम दोनों चुदाई के मज़े ले रहे थे।
5 मिनट की चुदाई के बाद देवर झड़ गया तो मैंने उसे अपने स्तनों में चिपका लिया। देवर का लंड फिर सुलगने लगा था। देवर के बाल सहलाते हुए मैंने उसके कान में कहा- कुत्ते, तूने तो मेरी कुतिया चूत को मस्त कर दिया, चल तेरे लिए दूध लाती हूँ ! उसके बाद दुबारा खेलते हैं।
दूध पिलाने के बाद देवर को अपनी गोद में लिटाते हुए देवर के लंड की मालिश करने लगी, देवर से बोली- गाली सुनते हुए चुदने में मुझे बड़ा मज़ा आया, तुम्हें बुरा तो नहीं लगा?
देवर मेरी चूचियों से चिपकता हुआ बोला- आज तो मुझे जीवन का सबसे बड़ा आनन्द आया है, एक बार और चोदने का मन कर रहा है। देवर का लंड फिर कड़क हो गया था, मैंने उसके होंटों को चूमते हुए कहा- 6 बजे के बाद रात ही सब आते हैं, तब तक एक बार नहीं जितनी बार तुम कहोगे उतनी बार अपनी चूत में तुम्हारा लंड लूँगी।
झूठा नाटक करते हुए मैं बोली- सच तुम्हारा लंड तो बहुत अच्छा है, कितनी देर तक मेरी चूत इसने चोदी है, मुझे तो इतना मज़ा कभी नहीं आया। तुम्हारे भैया तो एक मिनट से ज्यादा चोद ही नहीं पाते हैं। अबकी प्यार से रसीली बोलते हुए चोदना।
देवर को उठाते हुए बोली- अब इस रसीली को अपने लौड़े पर बिठाओ।
देवर दोनों जांघें फ़ैला दीं, लौड़ा पूरा ऊपर की ओर तना हुआ था, बिस्तर पर फिसलती हुई मैं देवर की गोद में इस तरह से बैठ गई कि देवर का लंड मेरी चूत के मुँह पर टन टन कर रहा था, चूचियों की घुन्डियाँ उसके हाथ में खेल रही थीं।
मैं देवर से बोली- मेरी चूत के राजा इस हरामी लंड को टन टन क्यों करा रहे हो, चूत में पेलो ना !
और अपने को थोड़ा उठाते हुए लंड चूत में डलवा लिया। लंड अब आराम से चूत में घुसा हुआ था और दोनों चूचियाँ दब रहीं थीं।
विनोद चूचियों का दबा दबा कर जूस निकाल रहा था, उसने मेरे ऊपर झुककर मेरे होंट चूसना शुरू कर दिए थे।
आह मस्त मज़ा आ रहा था !
इसके बाद बहुत देर तक इस आसन में बैठकर हम मज़े लेते रहे, लौड़ा चूत में डला हुआ था। अब मेरा मन कर रहा था कि मेरी चूत की पिलाई हो !
थोड़ी देर बाद मैं बिस्तर पर आगे झुक गई और बोली- विनोद अब चोद दे ! चूत में तड़प ज्यादा हो रही है !
और मैं पलंग पर घोड़ी बन गई, मेरी पनीली चूत पर हाथ से पकड़ कर देवर ने लंड पीछे से छुला दिया और देर किये बिना चूत में लंड घुसा दिया।
आह ! एक कुशल खिलाड़ी की तरह विनोद मेरी चूत पेलने लगा।
“उह… उह… आह… पेल मेरे राजा, पेल ! आह ! और चोद ! चोद ! क्या चोदता है कुत्ते, मज़ा आ गया ! पेल और पेल ! वाःह वाह, क्या मस्त मज़ा दिया है, पूरी फाड़ डाली है, चोद और चोद ! बड़ा मज़ा आ रहा है !” वाह क्या चुदाई हुई थी।
देवर अब चोदू देवर में बदल गया था। चुदाई के बाद हम हट गए। शाम के 3 बज़ रहे थे उठकर मैंने साड़ी ब्लाउज पहन लिया, अब मैं एक शरीफ और शर्मीली दुल्हन लग रही थी। मैंने पास से एक कागज़ निकाला और बोली- अगर तुम्हें मज़ा आया है तो इस पर ‘आई लव यू’ लिख दो।देवर ने बिना देर किये ‘आई लव यू ! विनोद’ लिख दिया। यह मेरी बहन रजनी की फोटो का पीछे का हिस्सा था। देवर की पप्पी लेते हुए मन ही मन बोली- रजनी को तो मैं तुम्हारी बीवी बनाकर रहूँगी।
दो दिन बाद देवर की पोस्टिंग बैंक ऑफिसर के पद पर गाँव से दो घंटे की दूरी पर हो गई अब वो रोज़ बैंक आने जाने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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