13-05-2024, 01:53 AM
देवर से मस्ती का खेल आज से शुरू हो गया था। मैं देवर से अपनी बहन की शादी करवाना चाहती थी, मेरा चूत का खेल शुरू हो गया था। देवर अब जब भी मौका मिलता था, कभी मेरी चूची दबा देता था कभी मेरे चूतड़ मल देता था।
15 दिन बाद देवर और मैं फिर अकेले थे, अबकी साथ साथ हम नहाए तो मैंने उसके लौड़े पर साबुन लगाया और उसके टोप़े पर अपनी जीभ फिरा कर उसे गर्म कर दिया। उसके बाद नहाते हुए देवर मुझे चोदने को उतावला हो रहा था मुझे घोड़ी बनाकर देवर बार बार लंड चूत में घुसाने का प्रयास कर रहा था, उसका मन मुझे चोदने का कर रहा था पर मैंने उसे हटाते हुए उसका लौड़ा मुँह में भर लिया और बोली- अभी चुसाई का मज़ा लो, चुदाई का कुछ बनने के बाद !
चूचियाँ दबवाते हुए मैंने लौड़ा चूस चूस कर देवर का पूरा वीर्य अपने मुँह में भर लिया और उसे ढीला कर दिया।
मेरा देवर अब धीरे धीरे मेरा गुलाम होता जा रहा था।
एक दिन देवर का बैंक में सलेक्शन हो गया, इंटरव्यू 15 दिन बाद दिल्ली में होना था। मुझे जब यह पता चला तो मौका देख कर मैंने उसकी पैंट में से लौड़ा निकाल कर जी भर कर चूसा और वीर्य मुँह में गटकते हुए बोली- अगर तुम सलेक्ट हो गए तो तुम्हारे लौड़े को अपनी चूत में डलवाऊँगी।
विनोद मुझसे बोला- भाभी, अगर दिल्ली में कोई रिश्तेदार हो तो 15 दिन इंटरव्यू की तैयारी कर आता !
मैंने कहा- तुम सामान बांधो, इंतजाम मैं करती हूँ।
अतुल की याद आई मुझे, मैंने उसे फोन करके कहा- मेरा देवर तुम्हारे साथ आकर रहेगा, उसका ख्याल रखना, अगली बार जब मिलोगे तो मस्त कर दूँगी।
अतुल बोला- दीदी, आपको तो मैं ना तो नहीं कह सकता।
देवर दिल्ली चला गया, सारा खर्च अतुल ने उठाया। वहाँ से अतुल ने फ़ोन पर मुझसे बात की, हमारे बीच कुछ गुप्त बातें हुईं।
20 दिन बाद विनोद लोट आया, उसने मुझे बताया- इंटरव्यू बहुत अच्छा हुआ।
मैंने अनजान बनते हुए कहा- इंटरव्यू वगैरा तो पैसे कमाने के लिए होते हैं। मेरी पहचान के एक रिश्तेदार हैं वो दो लाख में सलेक्शन करा देते हैं।
विनोद ने मेरी सास को यह बात बताई तो वो मुझसे चुपके से बोलीं- हम 2 लाख दे देंगे, तू बता दे कब देना है !
मैंने उनसे दो दिन बाद पैसे लिए और बोली- विनोद को मत बताना, वर्ना उसे दुःख होगा ! और वो आई ए एस और पी सी एस की तैयारी नहीं करेगा।
15-20 साल पहले रिजल्ट पेपर में दो हफ्ते बाद आता था। अतुल से मैंने दो हफ्ते पहले ही रिजल्ट पता कर लिया था विनोद सलेक्ट हो गया था, सास के पैसे मैंने अपनी माँ के पास रखवा दिए और सास से बोली- विनोद का सलेक्शन हो जाएगा लेकिन आप किसी को बताना नहीं, नहीं तो रिजल्ट केंसिल हो जाएगा।
मैंने एक हफ्ते को अपनी बहन को बुला लिया और विनोद से उसे चिपकाने लगी। दोनों में दोस्ती हो गई थी। थोड़ी बहुत चूचियों की मसलाई और चूमा चाटी भी हो गई थी।
एक हफ्ते बाद वो चली गई। दो दिन बाद विनोद चिल्लाता हुआ आया कि बैंक में उसका सलेक्शन हो गया है।
सब लोग बहुत खुश हुए सास ने छुपकर मुझे धन्यवाद भी दिया।
दो दिन बाद अकेले में मौका देखकर देवर मेरी गोद में आकर लेट गया और बोला- अब वादा पूरा करना है।
मैंने उसके लंड को सहलाते हुए कहा- औरत का असली सुख चूत मारने पर ही मिलता है। रविवार को सभी हाट में जाएँगे। तब तुम अपनी जानू भाभी की चूत मार सकते हो। अब तुम जवान हो गए हो, खाने की तरह तुम्हें चूत चोदने की भी भूख लगेगी, वादा करो कि बाहर की गन्दी औरतों को कभी नहीं चोदोगे, जब तक अकेले हो, जब भी मन करेगा मुझे बताओगे।
मैंने अपने दूध खोल कर देवर को पकड़ा दिए थे और मैं उसका लण्ड निकाल कर सहलाने लगी, देवर के कान में फुसफुसा कर बोली- मेरी बहन से शादी कर लो ! दो दो चूतों के मज़े जिन्दगी भर लोगे और भाभी की सहेलियों की भी चूत चोदने को मिलेगी।
देवर बोला- मैं तो तैयार हूँ लेकिन माँ और बाबूजी तैयार नहीं होंगे।
मैंने कहा- वो मुझ पर छोड़ो, तुम तो तैयार हो ना?
लौड़े की मस्ती और चूचियों की गर्मी ने उसे कमज़ोर बना दिया, उसने हाँ भर दी।
एक विकेट गिर गया था, अभी सास और ससुर के दो विकेट गिराने बाकी थे।
रविवार को सभी लोग ट्रेक्टर में सवार होकर शहर चले गए थे। देवर ने पढ़ाई का बहाना बना दिया। अब देवर और मैं घर पर अकेले थे। देवर ने मुझे आकर कोली में भर लिया और अपने से चिपकाते हुए बोला- भाभी आज तो बात पक्की है न?
मैंने आँख मारते हुए कहा- चूत तो औरत की मारी जाती है, भोंसड़ी के ! भाभी कहते हुए मारेगा, तो क्या मार पाएगा। मैं तो अब तेरी कुतिया हूँ, आज तो घर में भी कोई नहीं है, अब देर न कर ! जल्दी से चोद दे, तेरा चिकना लौड़ा एक महीने से सहला सहला कर तो मैं भी बहुत प्यासी हो रही हूँ। देर क्यों कर रहा है कुत्ते? जल्दी से नंगी कर और अपना लंड पेल। तेरी भाभी की कुतिया चूत तुम्हारे लंड को घुसवाने के लिए तुझसे ज्यादा पगला रही है।
15 दिन बाद देवर और मैं फिर अकेले थे, अबकी साथ साथ हम नहाए तो मैंने उसके लौड़े पर साबुन लगाया और उसके टोप़े पर अपनी जीभ फिरा कर उसे गर्म कर दिया। उसके बाद नहाते हुए देवर मुझे चोदने को उतावला हो रहा था मुझे घोड़ी बनाकर देवर बार बार लंड चूत में घुसाने का प्रयास कर रहा था, उसका मन मुझे चोदने का कर रहा था पर मैंने उसे हटाते हुए उसका लौड़ा मुँह में भर लिया और बोली- अभी चुसाई का मज़ा लो, चुदाई का कुछ बनने के बाद !
चूचियाँ दबवाते हुए मैंने लौड़ा चूस चूस कर देवर का पूरा वीर्य अपने मुँह में भर लिया और उसे ढीला कर दिया।
मेरा देवर अब धीरे धीरे मेरा गुलाम होता जा रहा था।
एक दिन देवर का बैंक में सलेक्शन हो गया, इंटरव्यू 15 दिन बाद दिल्ली में होना था। मुझे जब यह पता चला तो मौका देख कर मैंने उसकी पैंट में से लौड़ा निकाल कर जी भर कर चूसा और वीर्य मुँह में गटकते हुए बोली- अगर तुम सलेक्ट हो गए तो तुम्हारे लौड़े को अपनी चूत में डलवाऊँगी।
विनोद मुझसे बोला- भाभी, अगर दिल्ली में कोई रिश्तेदार हो तो 15 दिन इंटरव्यू की तैयारी कर आता !
मैंने कहा- तुम सामान बांधो, इंतजाम मैं करती हूँ।
अतुल की याद आई मुझे, मैंने उसे फोन करके कहा- मेरा देवर तुम्हारे साथ आकर रहेगा, उसका ख्याल रखना, अगली बार जब मिलोगे तो मस्त कर दूँगी।
अतुल बोला- दीदी, आपको तो मैं ना तो नहीं कह सकता।
देवर दिल्ली चला गया, सारा खर्च अतुल ने उठाया। वहाँ से अतुल ने फ़ोन पर मुझसे बात की, हमारे बीच कुछ गुप्त बातें हुईं।
20 दिन बाद विनोद लोट आया, उसने मुझे बताया- इंटरव्यू बहुत अच्छा हुआ।
मैंने अनजान बनते हुए कहा- इंटरव्यू वगैरा तो पैसे कमाने के लिए होते हैं। मेरी पहचान के एक रिश्तेदार हैं वो दो लाख में सलेक्शन करा देते हैं।
विनोद ने मेरी सास को यह बात बताई तो वो मुझसे चुपके से बोलीं- हम 2 लाख दे देंगे, तू बता दे कब देना है !
मैंने उनसे दो दिन बाद पैसे लिए और बोली- विनोद को मत बताना, वर्ना उसे दुःख होगा ! और वो आई ए एस और पी सी एस की तैयारी नहीं करेगा।
15-20 साल पहले रिजल्ट पेपर में दो हफ्ते बाद आता था। अतुल से मैंने दो हफ्ते पहले ही रिजल्ट पता कर लिया था विनोद सलेक्ट हो गया था, सास के पैसे मैंने अपनी माँ के पास रखवा दिए और सास से बोली- विनोद का सलेक्शन हो जाएगा लेकिन आप किसी को बताना नहीं, नहीं तो रिजल्ट केंसिल हो जाएगा।
मैंने एक हफ्ते को अपनी बहन को बुला लिया और विनोद से उसे चिपकाने लगी। दोनों में दोस्ती हो गई थी। थोड़ी बहुत चूचियों की मसलाई और चूमा चाटी भी हो गई थी।
एक हफ्ते बाद वो चली गई। दो दिन बाद विनोद चिल्लाता हुआ आया कि बैंक में उसका सलेक्शन हो गया है।
सब लोग बहुत खुश हुए सास ने छुपकर मुझे धन्यवाद भी दिया।
दो दिन बाद अकेले में मौका देखकर देवर मेरी गोद में आकर लेट गया और बोला- अब वादा पूरा करना है।
मैंने उसके लंड को सहलाते हुए कहा- औरत का असली सुख चूत मारने पर ही मिलता है। रविवार को सभी हाट में जाएँगे। तब तुम अपनी जानू भाभी की चूत मार सकते हो। अब तुम जवान हो गए हो, खाने की तरह तुम्हें चूत चोदने की भी भूख लगेगी, वादा करो कि बाहर की गन्दी औरतों को कभी नहीं चोदोगे, जब तक अकेले हो, जब भी मन करेगा मुझे बताओगे।
मैंने अपने दूध खोल कर देवर को पकड़ा दिए थे और मैं उसका लण्ड निकाल कर सहलाने लगी, देवर के कान में फुसफुसा कर बोली- मेरी बहन से शादी कर लो ! दो दो चूतों के मज़े जिन्दगी भर लोगे और भाभी की सहेलियों की भी चूत चोदने को मिलेगी।
देवर बोला- मैं तो तैयार हूँ लेकिन माँ और बाबूजी तैयार नहीं होंगे।
मैंने कहा- वो मुझ पर छोड़ो, तुम तो तैयार हो ना?
लौड़े की मस्ती और चूचियों की गर्मी ने उसे कमज़ोर बना दिया, उसने हाँ भर दी।
एक विकेट गिर गया था, अभी सास और ससुर के दो विकेट गिराने बाकी थे।
रविवार को सभी लोग ट्रेक्टर में सवार होकर शहर चले गए थे। देवर ने पढ़ाई का बहाना बना दिया। अब देवर और मैं घर पर अकेले थे। देवर ने मुझे आकर कोली में भर लिया और अपने से चिपकाते हुए बोला- भाभी आज तो बात पक्की है न?
मैंने आँख मारते हुए कहा- चूत तो औरत की मारी जाती है, भोंसड़ी के ! भाभी कहते हुए मारेगा, तो क्या मार पाएगा। मैं तो अब तेरी कुतिया हूँ, आज तो घर में भी कोई नहीं है, अब देर न कर ! जल्दी से चोद दे, तेरा चिकना लौड़ा एक महीने से सहला सहला कर तो मैं भी बहुत प्यासी हो रही हूँ। देर क्यों कर रहा है कुत्ते? जल्दी से नंगी कर और अपना लंड पेल। तेरी भाभी की कुतिया चूत तुम्हारे लंड को घुसवाने के लिए तुझसे ज्यादा पगला रही है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.