Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery सरिता भाभी
मैं भाभी के दोनों उरोजों को बारी-बारी से चूमने-चाटने लगा, साथ ही हाथों से उन्हें मसल भी रहा था। 
भाभी अब हल्का-हल्का कराहने लगी थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ उनके दोनों चूचुक खड़े हो कर तन गए थे जो कि मेरे गालों पर चुभ से रहे थे, मैं भी भाभी एक चूचुक को मुँह ने भरकर गप्प कर गया जिससे भाभी के मुँह से सिसकी सी निकल गई और उन्होंने मेरे सिर को अपने सीने पर जोरों से दबा लिया। 
मैं भी भाभी के चूचुक को अपनी जीभ व दांतों से कुरेद-कुरेद कर चूसने लगा। इससे भाभी के मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियां फूटने लगीं। 
भाभी ने अपने पैरों को फैलाकर मुझे अपनी जाँघों के बीच दबा लिया और अपने नितम्बों को आगे-पीछे करके अपनी योनि को मेरे लिंग से रगड़ने लगीं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
सरिता भाभी - by neerathemall - 09-03-2022, 02:20 PM
RE: सरिता भाभी - by neerathemall - 06-02-2024, 02:51 PM
RE: सरिता भाभी - by sri7869 - 13-03-2024, 08:18 PM



Users browsing this thread: 17 Guest(s)