06-02-2024, 02:43 PM
भाभी ने ब्रा नहीं पहन रखी थी इसलिए ब्लाउज के ऊपर से ही मुझे उनकी मखमली नर्मी का अहसास हो रहा था। उनके चूचुक कठोर होकर अपनी मौजूदगी का अलग ही अहसास करवा रहे थे।
भाभी के होंठों को छोड़कर मैं अब उनके गालों व गर्दन पर से होते हुए उनके उरोजों पर ऊपर आ गया और धीरे-धीरे उनके उरोजों को चूमने लगा। मगर भाभी के उरोजों व मेरे प्यासे होंठ के बीच उनका ब्लाउज आ रहा था।
और तभी..
जैसे कि भाभी ने मेरी मन की बात पढ़ ली हो.. उन्होंने एक ही झटके में ब्लाउज के सारे बटन खोलकर अपने दोनों उरोजों को आजाद कर दिया। ब्लाउज के बटन खुलते ही मैं भी उन पर ऐसे टूट पड़ा जैसे कि जन्मों के प्यासे को आज पहली बार कुंआ मिल गया हो।
भाभी के होंठों को छोड़कर मैं अब उनके गालों व गर्दन पर से होते हुए उनके उरोजों पर ऊपर आ गया और धीरे-धीरे उनके उरोजों को चूमने लगा। मगर भाभी के उरोजों व मेरे प्यासे होंठ के बीच उनका ब्लाउज आ रहा था।
और तभी..
जैसे कि भाभी ने मेरी मन की बात पढ़ ली हो.. उन्होंने एक ही झटके में ब्लाउज के सारे बटन खोलकर अपने दोनों उरोजों को आजाद कर दिया। ब्लाउज के बटन खुलते ही मैं भी उन पर ऐसे टूट पड़ा जैसे कि जन्मों के प्यासे को आज पहली बार कुंआ मिल गया हो।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
