06-02-2024, 02:31 PM
भाभी के होंठों को चूसते हुए मुझे लगा जैसे कि भाभी की जीभ बार-बार मेरे होंठों के बीच आकर मेरे दांतों से टकरा रही हो।
पहले एक-दो बार तो मैंने ध्यान नहीं दिया.. मगर जब बार-बार ऐसा होने लगा तो इस बार मैंने अपने दांतों को थोड़ा सा खोल दिया। मेरे दाँत अलग होते ही भाभी की जीभ मेरे मुँह में अन्दर तक का सफर करने लगी। भाभी की गर्म लचीली जीभ मेरे होंठों के भीतरी भाग को तो, कभी मेरी जीभ को सहलाने लगी।
मैंने भी भाभी की नर्म जीभ को अपने होंठों के बीच दबा लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया, भाभी के मुँह का मधुर रस अब मेरे मुँह में घुलने लगा और भाभी के इस मधुर रस के स्वाद में मैं इतना खो गया कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी जीभ भाभी की जीभ का पीछा करते हुए उनके मुँह में चली गई।
अब भाभी की बारी थी। भाभी ने जोरों से मेरी जीभ को दांतों तले दबा लिया और बहुत जोरों से उसे चूसने लगीं.. जिससे मुझे दर्द होने लगा।
पहले एक-दो बार तो मैंने ध्यान नहीं दिया.. मगर जब बार-बार ऐसा होने लगा तो इस बार मैंने अपने दांतों को थोड़ा सा खोल दिया। मेरे दाँत अलग होते ही भाभी की जीभ मेरे मुँह में अन्दर तक का सफर करने लगी। भाभी की गर्म लचीली जीभ मेरे होंठों के भीतरी भाग को तो, कभी मेरी जीभ को सहलाने लगी।
मैंने भी भाभी की नर्म जीभ को अपने होंठों के बीच दबा लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया, भाभी के मुँह का मधुर रस अब मेरे मुँह में घुलने लगा और भाभी के इस मधुर रस के स्वाद में मैं इतना खो गया कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी जीभ भाभी की जीभ का पीछा करते हुए उनके मुँह में चली गई।
अब भाभी की बारी थी। भाभी ने जोरों से मेरी जीभ को दांतों तले दबा लिया और बहुत जोरों से उसे चूसने लगीं.. जिससे मुझे दर्द होने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
